March 27, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में सुविख्यात कथावाचक देवी चित्रलेखा ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री साय ने उन्हें शॉल एवं श्रीफल भेंटकर आत्मीय सम्मान प्रदान किया।
प्रेरक कथाओं और भक्ति प्रवचनों के लिए विख्यात देवी चित्रलेखा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में हो रहे विकास कार्यों की सराहना की और जनकल्याण के लिए अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
मुख्यमंत्री साय ने देवी चित्रलेखा के आध्यात्मिक एवं सामाजिक योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके विचार और प्रवचन समाज को जागरूक करने के साथ नैतिक मूल्यों को भी सशक्त करते हैं। उन्होंने देवी चित्रलेखा जी की भूमिका को समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली बताते हुए कहा कि उनके प्रयास जनमानस के लिए प्रेरणादायी हैं। इस अवसर पर दोनों के बीच आध्यात्मिक चेतना के प्रसार, सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा और समाज में समरसता को प्रोत्साहित करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई।

छत्तीसगढ़ पेंशन निधि अधिनियम बनाने वाला होगा देश का पहला राज्य: मंत्री श्री चौधरी
हमारी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को विकसित राज्य बनाने की दिशा में कार्यरत: मंत्री श्री चौधरी
इस बजट में छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड बनाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य: मंत्री श्री चौधरी
संचित शोधन निधि में अवशेष ऋणों का 7.3 प्रतिशत से अधिक ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल
एसएनएस-स्पर्श के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष 03 राज्यों में शामिल
निर्धारित लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने पर राज्य शासन को भारत सरकार से इस वर्ष 500 करोड़ की प्रोत्साहन राशि हुआ प्राप्त
नवा रायपुर में  ’’अटल स्मारक और संग्रहालय’’ का होगा निर्माण
राज्य में कन्टीन्यूअस एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन्स की स्थापना
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र’‘ का गठन
2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने हेतु पथ प्रदर्शक दस्तावेज छत्तीसगढ़ अंजोर-विजन/2047 तैयार
छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में राजस्व संग्रहण के दृष्टिकोण से तीसरे स्थान पर
    रायपुर/शौर्यपथ छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्त, आवास एवं पर्यावरण एवं योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 12 हजार 389 करोड़ 29 लाख रूपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई। इसमें वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 11 हजार 109 करोड़ 43 लाख 25 हजार रूपए, आवास एवं पर्यावरण से संबंधित व्यय के लिए 1 हजार 208 करोड़ 36 लाख 72 हजार रूपए, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग से संबंधित व्यय के लिए 71 करोड़ 49 लाख 60 हजार रूपए की अनुदान मांगे पारित की गई।
वित्त विभाग
    वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी वित्त विभाग के अनुदान मांगों की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्त विभाग के इस बजट में मुख्य रूप से शासकीय सेवकों को पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति हितलाभों, जैसे- पेंशन, परिवार पेंशन, पेंशन कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, एनपीएस में नियोक्ता अंशदान आदि मदों का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2004 से अप्रैल 2022 के मध्य नियुक्त शासकीय सेवकों के लिए एनपीएस-ओपीएस चयन करने विकल्प दिया गया था। नियोक्ता अंशदान के लिये बजट में प्रावधान किया गया है।
    वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि 1 अप्रैल, 2022 से पुरानी पेंशन योजना की बहाली के फलस्वरूप भविष्य के पेंशन दायित्वों के बढ़ते वित्तीय भार को ध्यान में रखते हुए इसके प्रबंधन के लिये 456 करोड़ का प्रावधान पेंशन निधि में निवेश के लिये रखा गया है। इसके लिये हम पेंशन निधि अधिनियम भी बनाने जा रहे हैं, जिससे इस प्रक्रिया को स्थायी स्वरूप दिया जा सकेगा। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा। यह हमारी सरकार के दूरगामी सोच एवं कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही एक प्रमुख भाग है।
    वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा भविष्य में बाजार ऋणों की देयताओं को ध्यान में रखते हुए संचित शोधन निधि का गठन किया गया है, जिसमें गत वर्ष के अवशेष ऋणों के 0.5 प्रतिशत प्रति वर्ष निवेश किया जाता है। साथ ही निधि में कुल अवशेष ऋणों का 5 प्रतिशत तक निवेश होना चाहिए। वर्तमान में इस निधि में कुल अवशेष ऋणों का 7.3 प्रतिशत से अधिक है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकार की गारंटी पर लिये जाने वाले ऋणों की अदेयता की स्थिति में उनका भुगतान सुनिश्चित करने हेतु गारंटी मोचन निधि में अब तक 500 करोड़ निवेशित किये हैं तथा इस बजट में भी 500 करोड़ का प्रावधान किया है। संचित शोधन निधि के साथ गारंटी मोचन निधि में बड़ी राशि निवेशित करने वाला छत्तीसगढ़ देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में से एक है।
    वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को विकासशील से विकसित राज्य बनाने की दिशा में कार्यरत है। हमने इस बजट में एक नया फंड छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड बनाया है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का प्रथम राज्य होगा। निश्चित रूप से यह हमारे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन की पहल में सहयोगी होगा।
    मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि राज्य में हितग्राहियों को सुचारू रूप से लाभ पहुंचाने हेतु डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर सेल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल के द्वारा सीएसएस की विमुक्त की गई राशि की निगरानी एवं जमीनी स्तर तक के उपयोगीकरण का पर्यवेक्षण किया जाता है। एसएनएस-स्पर्श के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष 03 राज्यों में शमिल है। निर्धारित लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने पर राज्य शासन को भारत सरकार से इस वर्ष 500 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है। राज्य के आय-व्यय का रियल टाईम पर्यवेक्षण एवं डेटा विश्लेषण किया जा सकेगा, जिससे वित्तीय प्रबंधन और बेहतर हो सकेगा।
    वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हमने अपने बजट में प्रत्येक क्षेत्र के विकास के लिये आवश्यक प्रावधान रखने का प्रयास किया है। किसी भी कार्य को करने के लिये हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिये, हमारे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन की सरकार में हो रहे रिफॉर्म इस सकारात्मकता के द्योतक हैं।
आवास एवं पर्यावरण विभाग
वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी अपने विभाग आवास एवं पर्यावरण विभाग के अनुदान मांग के चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि नवा रायपुर अटल नगर को आधारभूत सुविधाओं का विस्तार एवं देश और दुनिया में पहचान स्थापित करना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र मंे पेयजल की निर्वाध आपूर्ति, प्रदेश के कोने-कोने से शासकीय कार्य हेतु आने वाले लोगों के लिए परिवहन सुविधा, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास जैसी जनसुविधा उपलब्ध कराने में हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी की परिकल्पना थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी की याद में हमारी सरकार ने नवा रायपुर मंे ’’अटल स्मारक और संग्रहालय’’ निर्माण का निर्णय लिया है।
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि नवा रायपुर मंे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान जैसे IIM, Hidaytulla Law University, IIIT, IHM स्थापित है। विश्वस्तरीय आवासीय विद्यालय का निर्माण पूर्णता की ओर है। केन्द्रीय विद्यालय एवं अन्य अनेक निजी विद्यालय एवं विश्वविद्यालय नवा रायपुर क्षेत्र में  संचालित है। हमारी सरकार ने युवाआंे के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी एवं उच्च्तर अध्ययन की सुविधा प्रदाय करने की योजना बनाई है। हमारी सरकार ने बजट में पुस्तकालय भवन निर्माण के लिए प्रावधान किया है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प के अंतर्गत नवा रायपुर में विकसित भारत आईकोनिक डेस्टिनेशन निर्माण की योजना है।
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि नवा रायुपर अटल नगर में रोजगार, निवेश एवं बसाहट को प्रोत्साहित करने हेतु कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में आईटी कंपनियों को प्लग एवं प्ले सुविधा के साथ फर्निशड बिल्ट-अप स्पेस के आबंटन हेतु नीति तैयार की गई। इस नीति अनुसार प्राधिकरण द्वारा 02 आई.टी. फर्मों को बिल्टअप स्पेस आबंटित किया गया है, इस आबंटन से नवा रायपुर में आई.टी. क्षेत्र में लगभग 2000 लोगों हेतु कुशल रोजगार सृजित होगा।  नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहन देने हेतु स्वास्थ्य प्रयोजन, सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, शैक्षणिक प्रयोजन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स/इलेक्ट्रिकल उद्योग क्षेत्र में निश्चित भूखण्डों को रियायती दरों पर आबंटन किये का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि आवास एवं पर्यावरण मण्डल में चल रहे कार्यो की समीक्षा एवं पारदर्शिता हेतु डिजिटलाइजेशन अंतर्गत ऑनलाईन मॉनिटरिंग डेशबोर्ड विकसित किया गया, जिसमे मण्डल की परियोजनाओं, संपदा, न्यायालयीन प्रकरण एवं रखरखाव से संबंधित कार्यो की समीक्षा/जानकारी प्राप्त की जा सकेंगी। राज्य में कन्टीन्यूअस एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन्स की स्थापना की गई है। इनसे 24ग7 मॉनिटरिंग डाटा उपलब्ध हो रहे हैं। केन्द्रीय पर्यावरण प्रयोगशाला जल, वायु, मिटटी एवं अन्य ऐसे परीक्षणों में सहायता करेगी, जिससे राज्य में मॉनिटरिंग व्यवस्था सुदृढ़ हो सकेगी एवं विश्वसनीय डाटा बैंक भी तैयार हो सकेगा। इसी दिशा में पर्यावरण मंडल में 90 पदों की भर्ती की कार्यवाही की जा रही है।
ऑन लाईन इमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम के लिये सेट्रल सर्वर के स्थापना
        मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश में स्थापित 17 प्रकार के प्रदूषणकारी उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के सतत निगरानी हेतु कंटिन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम, कंटिन्यूअस एबिएन्ट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम, एवं कंटिन्यूअस इफल्यूएन्ट क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम से रियल टाईम डाटा हैण्डलिंग प्राप्त करने की व्यवस्था कराई गई है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर प्रदेश में भी प्रदेश के मध्य क्षेत्रों को समाहित करते हुए ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र’‘ का गठन किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र तथा संबंधित प्राधिकरण की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार की जा रही है।
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग
    योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित आधारभूत सांख्यिकी जिसमें सर्वेक्षण, विश्लेषण, मूल्यांकन संबंधी जानकारी का संकलन कर सविन्यास प्रकाशन का दायित्व निभा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने हेतु पथ प्रदर्शक दस्तावेज छत्तीसगढ़ अंजोर-विजन@2047 बनाया हैं। यह विजन जनता की महत्वाकांक्षाओं, भावनाओं व आशाओं से प्रेरित हैं। इस मार्गदर्शी विजन में सामाजिक एवं आर्थिक विकास संबंधित अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रणनीतियों और पहलों का समावेश किया गया हैं। वर्ष 2047 तक राज्य को विकसित राज्य की ओर ले जाने हेतु आर्थिक एवं सामाजिक विकास संबंधी कुल 13 थीम्स का की परिकल्पना विजन डाक्यूमेंट में किया गया है।
वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी एवं पंजीयन) विभाग
वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी एवं पंजीयन) मंत्री श्री ओ पी चौधरी अपने विभाग के अनुदान मांग के चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में आर्थिक सुधारों की दिशा में जीएसटी कर प्रणाली सर्वाधिक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व कदम है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता एवं कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है। जीएसटी प्रणाली एक राष्ट्र, एक कर एवं एक बाजार की संकल्पना को साकार रूप प्रदान करता है। जीएसटी प्रणाली में केन्द्र और राज्य के 17 प्रकार के विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया गया है।
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार सत्ता में आने के पश्चात कर प्रशासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया है। करदाताओं को होने वाली असुविधाओं को दूर करने का सतत प्रयास किया जा रहा है। जीएसटी लागू होने से वस्तुओं की लागत में कर का भार कम हुआ है। वस्तुओं के मूल्यों में कमी आई है, इससे खपत को बढ़ावा मिला है और आर्थिक क्षेत्र को मजबूती मिली है तथा उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी) विभाग  राज्य का मुख्य राजस्व संग्रहणकर्ता विभाग है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में अभी तक (माह फरवरी तक) जीएसटी से प्राप्त राजस्व 20,174 करोड़ है जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में राजस्व संग्रहण के दृष्टिकोण से तीसरे स्थान पर है।
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी प्रणाली 01 जुलाई 2017 से लागू हुई है। इस समय राज्य में पंजीयत व्यवसाईयों की संख्या 1 लाख 28 हजार थी जो वर्तमान मे बढ़कर 1 लाख 87 हजार हो गई है। यह जीएसटी विभाग के जागरूगता अभियान और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस सेल (EODB सेल) के गठन से संभव हुआ है। करदाताओं को कर अनुपालन, पंजीयन अथवा ई-वे बिल जनरेशन में आने वाली समस्याओं के त्वरित और सटीक समाधान के लिए मुख्यालय स्तर पर कॉल सेंटर और हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है।
जीएसटी अधिनियम के पूर्व के अधिनियमों के अंतर्गत व्यवसाईयों के वर्षों पुराने राशि की वसूली के लिये पुरानी सरकार द्वारा वन टाईम सेटलमेण्ट स्कीम (ओटीएस) 2023 लागू की गई थी जिसे व्यापारियों की विशेष मांग पर 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है। जीएसटी विभाग द्वारा कर संग्रहण हेतु अधिकतम तकनीकी साधनों का उपयोग किया जा रहा है इसके लिए गतवर्ष फरवरी 2024 में बिजनेस  इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की गई है।
    उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के राज्य का महत्वपूर्ण राजस्व अर्जक विभाग है। अभी राज्य के 40 रजिस्ट्री ऑफिस ऐसे हैं जिनके पास अपना खुद का भवन तक नहीं है, और ये तहसील दफ्तर के बहुत छोटे छोटे कमरे में चल रहे हैं। इस कमी को दूर करने के लिए राज्य के 25 रजिस्ट्री ऑफिस में नवीन भवन निर्माण के लिए इस बजट में प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य विभाजन के पश्चात रजिस्ट्री विभाग में कई सालों से सेटअप रिवीजन नहीं हुआ है। सेट-अप रिवीजन नही होने के कारण वर्तमान कार्यरत रजिस्ट्री ऑफिसों में काम का अत्यधिक दबाव है। लोगों को आसानी से अपॉइंटमेंट नहीं मिल पाते। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर जैसे जगहो में भारी भीड़ और अपॉइंटमेंट के लिए वेटिंग की समस्या आम है। इसको ध्यान में रखते हुए पंजीयन विभाग के सेटअप का रिवीजन किया गया है तथा नए 85 पदों सृजन किया गया है।
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि नवीन उद्योगों को रियायत, ऑनलाईन पंजीयन प्रणाली पर विशेष फोकस करते हुए विभाग द्वारा पंजीयन प्रणाली में मोबाईल एप ‘सुगम’ लागू किया गया हैै। जिसमें पक्षकार द्वारा पंजीयन के लिए आवेदन प्रस्तुत करते समय संपत्ति की फोटो अपलोड करते ही उस स्थान के अक्षांस एवं देशांतर की जानकारी स्वतः कैप्चर हो जाती है। गूगल मैप के माध्यम से संपत्ति की सही स्थिति, निर्मित संरचना मुख्यमार्ग से दूरी का अनुमान होने से संपत्ति का उचित मूल्यांकन हो पा रहा है, जिसके कर अपवंचन की रोकथाम हो रही है। इसके साथ ही पैन आधार इंटीग्रेशन, सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि वास्तविक बाजार मूल्य एवं गाइडलाइन दरों की विसंगति दूर करने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 30 प्रतिशत की कमी को समाप्त कर 2019-20 की दरों को यथावत लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजीयन शुल्क में कमी/युक्तियुक्तकरण के तहत गाइडलाइन दर से ऊपर की रजिस्ट्री पर पंजीयन शुल्क से छूट  एवं पारिवारिक व्यवस्थापन हेतु शुल्क की रियायत का प्रावधान किया गया है।
    वित्त, आवास एवं पर्यावरण, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी, वाणिज्यिक कर (जीएसटी एवं पंजीयन) विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायकगण सर्वश्री राघवेन्द्र सिंह, अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, सुनील सोनी, श्रीमती शेषराज हरवंश, श्रीमती हर्षिता बघेल ने भाग लिया।

छुट्टी के दिन भी लोग संपत्ति कर जमा कर सकते हैं,टैक्स वसूली के लिए निगम ने ताकत झोंक दी हैं
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर निगम दुर्ग में 31 मार्च के बाद टैक्स जमा करने वालों को 15 प्रतिशत ब्याज व एक हजार रुपए अधिभार देना होगा। इसके लिए नगर पालिक निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने अपील जारी की है।आयुक्त ने कहा है कि जलकर, संपत्ति कर, भू भाटक सही समय पर जमा करने पर अधिभार नहीं लगेगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 का टैक्स जमा करने के लिए केवल 13 दिन ही शेष रह गए हैं। 31 मार्च की अंतिम तिथि तक टैक्स जमा करने में अधिभार नहीं लगेगा।
इसके बाद से 15 प्रतिशत व एक हजार रुपए अतिरिक्त अधिकार लगेगा। हालांकि इस बार संपत्ति कर जमा करने के लिए राजस्व टैक्स काउंटर में लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है। निगम प्रशासन द्वारा संपत्ति कर जमा करने के लिए विशेष व्यवस्था की है।आगामी 31 मार्च तक टैक्स का भुगतान नहीं करने पर बकाया राशि का पन्द्रह फीसदी अधिभार व एक हजार रुपए की पैनाल्टी निगम करदाताओं से वसूल करेगी। बहरहाल वितिय वर्ष के सिर्फ 13 ही दिन शेष है।
-टैक्स वसूली के लिए निगम ने ताकत झोंक दी हैं:
नगर निगम आयुक्त ने वसूली के लिए राजस्व विभाग अमला एवं राजस्व अधिकारी आरके बोरकर व सहायक राजस्व अधिकारी शुभम गोइर को निर्देश दिए हैं। उन्हें हर हाल में लक्ष्य के करीब पहुंचने कहा गया है।आयुक्त ने बताया कि, 31 मार्च के बाद टैक्स जमा करने वालों को 15 प्रतिशत अधिभार व एक हजार रुपये पेनाल्टी देना होगा।
संपत्ति कर जमा करने के लिए राजस्य टैक्स काउंटर में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।छुट्टी के दिन भी लोग संपत्ति कर जमा कर सकते हैं!जन संपर्क विभाग/राजू बक्शी

हितग्राहियों को वितरण किया आयुष्मान वय वंदना कार्ड
  मुंगेली/शौर्यपथ / जिला कलेक्टोरेट में आज जनदर्शन का आयोजन किया गया। कलेक्टर राहुल देव ने आमजनों की समस्याओं एवं मांगों को गंभीरतापूर्वक सुनी और संबंधित अधिकारियों को नियमानुसार निराकरण के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं उप मुख्यमंत्री  अरूण साव के मंशानुरूप जिले के नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक मंगलवार को जनदर्शन का आयोजन किया जाता है। इसमें आमजन बड़ी आशा के साथ अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं। संबंधित विभाग के अधिकारी गंभीरता से लेते हुए निर्धारित तय सीमा में निराकरण करना सुनिश्चित करें। इसमें लापरवाही एवं कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
       जनदर्शन में कलेक्टर ने दो हितग्राहियों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड वितरण किया और योजना के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्ड से 70 से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को 05 लाख रूपए तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों को पात्रतानुसार आयुष्मान वय वंदना कार्ड बनवाने की अपील की। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने आमजनों के पुलिस विभाग से संबंधित समस्याओं से रूबरू हुए और नियमानुसार निराकरण के लिए आश्वासन दिया। जनदर्शन में लोरमी विकासखण्ड के ग्राम मुछेल की आनंद बाई ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने, मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम पौनी के दिव्यांग राकेश सिंह ने दिव्यांग पेंशन दिलाने, ग्राम भथरी के रविकांत ने अपनी भूमि का सीमांकन कराने सहित अन्य आवेदकों ने अपनी मांगों एवं समस्याओं से संबंधित आवेदन प्रस्तुत किए। कलेक्टर ने प्राप्त आवेदनों पर नियमानुसार निराकरण की बात कही। इस दौरान अपर कलेक्टर  श्रीमती निष्ठा पाण्डेय तिवारी, जी. एल. यादव, श्रीमती मेनका प्रधान, डिप्टी कलेक्टर अजय शतरंज सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा, रोकने ग्राम पंचायतों में चलाएं जागरूकता अभियान
श्रम विभाग द्वारा संचालित छात्रवृत्ति योजना से पंजीकृत हितग्राहियों के बच्चों को लाभान्वित करें
उज्जवला गैस कनेक्शन धारी हितग्राहियों को ईकेवाईसी एवं रिफिलिंग करना होगा अनिवार्य
        मोहला /शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। कलेक्टर ने शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, सेवाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी अधिकारी योजनाओं का बेहत्तर क्रियान्वयन करते हुए अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने इस दौरान राज्य स्तर पर विभिन्न योजनाओं के रैंकिंग की समीक्षा की। कुछ योजनाओं रैंकिंग में अपेक्षित प्रगति में कमी पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को रैंकिंग सुधारने के कड़ी निर्देश दिए। कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिलाधिकारी की जवाबदेही है कि  सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में रैंकिंग सुधार लाएं अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
       कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में बाल विवाह प्रथा को रोकने के लिए सघन जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायत में बाल विवाह जैसे सामाजिक कुप्रथा को रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाएं। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन में बच्चों को प्रदाय किये जाने वाले रेडी टू ईट एवं पूरक पोषण आहार की निगरानी के साथ ही पोषणयुक्त आहार का वितरण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भोजन बनाने वाले कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे स्वादिष्ट और गुणवत्ता युक्त पोषण आहार वितरण किया जा सके।
      कलेक्टर ने बैठक में श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को प्रदान किए जाने वाले छात्रवृत्ति योजना का लाभ सभी पंजीकृत हितग्राहियों को मिले इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें। श्रम विभाग द्वारा संचालित विभागीय योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक कोचिंग की व्यवस्था करने के साथ ही विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में सफल होने के लिए विषय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन और टिप्स दिलाने के निर्देश दिए।
       कलेक्टर ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस कनेक्शन योजना की समीक्षा की। भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार लंबे समय से गैस की रिफिलिंग नहीं कराने और ई केवाईसी नहीं कराने वाले हितग्राहियों को नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस तामील होने पर संबंधित हितग्राहियों को अपने नज़दीकी गैस एजेंसी में जाकर ईकेवाईसी और रिफिलिंग कराना अनिवार्य होगा। ईकेवाईसी और रिफिलिंग नहीं कराने की दशा में संबंधित हितग्राही का उज्जवला गैस कनेक्शन को डिस्कनेक्ट करने की कार्रवाई किया जाएगा। कलेक्टर ने बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि वास्तविक पात्र हितग्राहियों की पंजीयन और लाभान्वित हो रहे हितग्राहियों की सूची का मिलान करें। ऐसे हितग्राहियों जिसे योजना का लाभ नहीं मिल रहा हो इस दशा में उन्हें योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में अपर कलेक्टर विजेन्द्र सिंह पाटले, जिला पंचायत सीईओ सुश्री भारती चन्द्राकर, एसडीएम मोहला डॉ.हेमेन्द्र भुआर्य, एसडीएम मानपुर अमित नाथ योगी, डिप्टी कलेक्टर सुश्री हीरा गवर्ना सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

समय-सीमा की बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने जिले के सभी विभागों को राज्य शासन द्वारा जन कल्याणकारी योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु शुरू की गई अटल माॅनिटरिंग पोर्टल में अपने विभागीय डाटा को अनिवार्य रूप से अपडेट कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अटल माॅनिटरिंग पोर्टल के ’की परफाॅमेंस इंडीकेटर’ के माध्यम से आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण एवं शहरी आवास योजना, महतारी वंदन योजना, राजस्व न्यायालय, स्वामीत्व योजना एवं कृषि विभाग सहित शासन के 07 जन कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा की जा रही है। श्री चन्द्रवाल ने कहा कि इन योजनाओं की प्रगति की माॅनिटरिंग सीधे मुख्यमंत्री के द्वारा किया जा रहा है। इसलिए सभी विभागों को अपने विभागों की डाटा विभागीय पोर्टल में अपडेट कराना अत्यंत आवश्यक है। बैठक में चन्द्रवाल ने शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे, अपर कलेक्टर चन्द्रकांत कौशिक एवं  अजय किशोर लकरा सहित अन्य राजस्व अनुविभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में  चन्द्रवाल ने अटल माॅनिटरिंग पोर्टल में विभागीय डाटा अपडेशन कार्य के अंतर्गत जिले के शत प्रतिशत हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु की जा रही कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को रूट चार्ट का निर्धारण कर आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु शेष हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए टीम भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने इस कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा कराने हेतु योजना बनाकर कार्य करने एवं इसका साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। बैठक में  चन्द्रवाल ने जिले में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने निर्धारित समयावधि में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण सुनिश्चित करने हेतु पुख्ता उपाय करने के निर्देश भी राजस्व अधिकारियों को दिए। बैठक में  चन्द्रवाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी तथा महतारी वंदन योजना और स्वामीत्व योजना के कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की।
बैठक में  चन्द्रवाल ने जिले में जल संरक्षण अभियान के कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने गुरूर विकासखण्ड मंे जल संरक्षण पखवाड़ा के तहत जल संरक्षण के उपाय सुनिश्चित कराने हेतु सोख्ता गड्ढा निर्माण कार्य की भूरी-भूरी सराहना की। उन्होंने इसी तरह जिले के अन्य विकासखण्डांे में भी अनिवार्य रूप से सोख्ता गड्ढा का निर्माण कराने के निर्देश दिए। इस दौरान  चन्द्रवाल ने आवास योजना का लाभ लेने हेतु शेष रह गए पात्र हितग्राहियों इस योजना से लाभान्वित कराने हेतु वर्तमान में किए जा रहे आवास प्लस सर्वेक्षण के कार्य की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी जरूरतमंद एवं पात्र हितग्राहियों तक इसकी जानकारी पहुँचाने हेतु इसका समुचित प्रचार-प्रसार कराने के भी निर्देश दिए।  चन्द्रवाल ने इस कार्य में ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायकों की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। बैठक में  चन्द्रवाल ने अंतर विभागीय समन्वय के प्रकरणों की भी समीक्षा की।

दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत मोर मकान-मोर आस योजना के तहत निर्मित फ्लैट आवास जो कि सरस्वती नगर, गोकुल नगर, गणपति विहार बोरसी में बनाया गया है, जिसके अंतर्गत आपत्ति दावा की प्रक्रिया के संपादन पश्चात अंतिम पात्र/अपात्र की सूची प्रकाशित की जा रही है। इस सूची को विभागीय वेबसाईड www.municipalcoporationdurg.in में देखा जा सकता है तथा यह सूची नगर निगम के मुख्य कार्यालय में एवं डाटा सेंटर स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना शाखा में चस्पा किया गया है। दावा आपत्ति की प्रक्रिया के संपादन पश्चयात अंतिम पात्र की सूची जारी किया गया है। पात्र हितग्राहियो को सूचित किया जाता है कि वे डाटा सेंटर में संपर्क कर नियमानुसार राशि जमा करें तथा जल्द से जल्द आधीपत्य प्राप्त कर लेवे ! इसके अलावा जिन-जिन परिवारों को लॉटरी के माध्यम से आवास आबंटन किया जा चुका है किंतु उन्होने आबंटन पत्र प्राप्त नही किया है ऐसे परिवारो से महापौर श्रीमती अलका बाघमार एवं आयुक्त आयुक्त सुमित अग्रवाल ने अनुरोध किया है कि अपना आबंटन पत्र डाटा सेंटर, सेन्ट्रल लाईब्रेरी प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी से प्राप्त कर लेवे।

2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक 11,581 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित
44 खनिज ब्लॉकों की  सफलतापूर्वक ई-नीलामी: देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी
बैलाडीला क्षेत्र में तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी
जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त: 9,362 विकास कार्यों को दी गई मंजूरी
राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना
 रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण-संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं।
खनिज संसाधनों के सुव्यवस्थित उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। यह पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का परिणाम है। अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लाक की निलामी की गई है।
प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी
भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी, 2025 में की गई है। इस के अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण / खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर कार्य किये जा रहे है।
प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की गई है।
देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की गई है जिसके तहत् जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी मायनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है। राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लिथियम अन्वेषण कार्य किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है।
बैलाडीला लौह अयस्क: भारत के खनन क्षेत्र का मजबूत स्तंभ
 बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
पर्यावरण संतुलन और पारदर्शी निगरानी प्रणाली
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की हैं। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है। गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।
खनिज राजस्व से सामाजिक विकास और बुनियादी सुविधाओं में निवेश
खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।
खनिज अन्वेषण कार्यों का विस्तार और नई परियोजनाएँ
राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है। स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लायसेंस स्वीकृत किया गया है। मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार चिन्हित किया गया है।

मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा।

2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक 11,581 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित
44 खनिज ब्लॉकों की  सफलतापूर्वक ई-नीलामी: देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी
बैलाडीला क्षेत्र में तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी
जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त: 9,362 विकास कार्यों को दी गई मंजूरी
राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना

 रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण-संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं।
  खनिज संसाधनों के सुव्यवस्थित उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। यह पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का परिणाम है। अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लाक की निलामी की गई है।

प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी
  भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी, 2025 में की गई है। इस के अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण / खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर कार्य किये जा रहे है।
   प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की गई है।    देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की गई है जिसके तहत् जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी मायनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है। राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लिथियम अन्वेषण कार्य किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है।

बैलाडीला लौह अयस्क: भारत के खनन क्षेत्र का मजबूत स्तंभ
   बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।

पर्यावरण संतुलन और पारदर्शी निगरानी प्रणाली
  पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की हैं। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है। गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।

खनिज राजस्व से सामाजिक विकास और बुनियादी सुविधाओं में निवेश
  खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।

खनिज अन्वेषण कार्यों का विस्तार और नई परियोजनाएँ
  राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है। स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लायसेंस स्वीकृत किया गया है। मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार चिन्हित किया गया है।
  मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
   उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा।

दुर्ग / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम में महापौर शपथ ग्रहण के 16 दिन बाद आखिरकार परिषद् की टीम का गठन हो गया . परिषद् की टीम में महापौर बाघमार…
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