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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की अनूठी आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ का भव्य आयोजन 12 मार्च से शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप इस आयोजन के माध्यम से बस्तर संभाग की समृद्ध लोककला, रीति-रिवाज, पारंपरिक जीवनशैली और सांस्कृतिक विरासत को संजोने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह महोत्सव न केवल बस्तर के प्रतिभाशाली कलाकारों को एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि उनकी कला को नई पहचान और प्रोत्साहन भी देगा।
7 प्रमुख विधाओं पर केंद्रित होगा आयोजन
‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ में जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य, वाद्ययंत्र, पारंपरिक वेशभूषा एवं आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन एवं पारंपरिक पेय से जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। ये स्पर्धाएं तीन चरणों में संपन्न होंगी। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता 12 से 20 मार्च, जिला स्तरीय प्रतियोगिता 21 से 23 मार्च, संभाग स्तरीय प्रतियोगिता दंतेवाड़ा में 1 से 3 अप्रैल तक सम्पन्न होगी। प्रत्येक स्तर पर प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
बस्तर की लोककला और परंपराओं का भव्य प्रदर्शन
इस महोत्सव में बस्तर की पारंपरिक नृत्य-शैली, गीत, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण और पारंपरिक व्यंजनों का शानदार प्रदर्शन होगा। प्रतियोगियों के प्रदर्शन को मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति के आधार पर अंक दिए जाएंगे। आयोजन में समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। प्रतियोगिता के विजेताओं के चयन के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ आदिवासी समाज के वरिष्ठ मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकार शामिल रहेंगे। इससे प्रतियोगिता में पारदर्शिता बनी रहेगी और पारंपरिक लोककला को न्याय मिलेगा।
बस्तर की संस्कृति को सहेजने का सुनहरा अवसर
‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ सिर्फ एक महोत्सव नहीं, बल्कि बस्तर की गौरवशाली संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने तथा उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का प्रयास है। यह आयोजन बस्तर के कलाकारों के लिए सुनहरा अवसर है, जिससे वे अपनी कला और परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ एक नई पहचान भी बना सकेंगे। छत्तीसगढ़ की अनमोल विरासत को जीवंत रखने का यह महोत्सव प्रत्येक नागरिक के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहेगा।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज मुख्यमंत्री निवास में आध्यात्मिक गुरु एवं द आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना करते हुए श्री श्री रविशंकर का आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीकस्वरूप, जशपुर जिले में स्थित विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग - मधेश्वर पहाड़ का छायाचित्र एवं बस्तर आर्ट शैली में निर्मित नंदी की प्रतिकृति भेंट कर श्री श्री रविशंकर का अभिनंदन किया।
श्री श्री रविशंकर ने मुख्यमंत्री साय को अवगत कराया कि इस बार वे अपने साथ 1000 वर्ष पुराने सोमनाथ मंदिर के खंडित शिवलिंग के अवशेष लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक शिवलिंग के अवशेष को सदियों से एक अग्निहोत्री परिवार द्वारा सुरक्षित रखा गया था। अब वे इसे पूरे देश में दर्शनार्थ श्रद्धालुओं तक पहुंचाने का पावन कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सहित उपस्थित गणमान्य लोगों ने खंडित शिवलिंग के दर्शन किए और आस्था प्रकट की।
पूर्व में केबिनेट में लिए गए निर्णय अनुरूप मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और श्री श्री रविशंकर के मध्य छत्तीसगढ़ सरकार एवं व्यक्ति विकास केंद्र इंडिया (द आर्ट ऑफ लिविंग) के बीच हुए एमओयू को लेकर भी चर्चा हुई। एमओयू का उद्देश्य आजीविका सृजन और ग्रामीण छत्तीसगढ़ के समग्र कल्याण सहित ग्रामीण विकास के विविध पहलुओं से जुड़ा है, जिसके प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर दोनों पक्षों ने विचार-विमर्श किया।
शंखनाद महासत्संग का न्योता
श्री श्री रविशंकर ने मुख्यमंत्री साय को राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित 'शंखनाद महासत्संग' कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने इस आमंत्रण के लिए श्री श्री रविशंकर जी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, सचिव डॉ. बसवराजू एस., पी. दयानंद, राहुल भगत, जनसंपर्क आयुक्त रवि मित्तल, मुख्यमंत्री साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय सहित परिवार के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की पुनर्गठन पश्चात पहली बैठक विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण, शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक उन्नयन, प्रशासनिक सुधार और संस्कृति संरक्षण से जुड़े अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में कैबिनेट मंत्री एवं जनजाति सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष रामविचार नेताम सहित प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रीगण, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी एवं परिषद के सभी सदस्य उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने परिषद की पहली बैठक में सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में जनजाति समुदाय की जनसंख्या 32% है, और उनका समग्र विकास हमारे राज्य की प्राथमिकता है। यह परिषद केवल विचार-विमर्श का मंच नहीं, बल्कि नीति-निर्माण और निर्णय-क्रियान्वयन की महत्वपूर्ण संवैधानिक इकाई है।उन्होंने बैठक में रखे गए सभी बहुमूल्य सुझावों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए और अधिकारियों से कहा कि जनजातीय समुदाय के जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी त्रुटियों के निवारण हेतु विस्तृत अध्ययन कर समाधान सुनिश्चित किया जाए। जनजातीय आस्था स्थलों के संरक्षण एवं विकास हेतु देवगुड़ी के साथ-साथ सरना स्थलों को भी शामिल करने की व्यवस्था की जाए। शिक्षा में सुधार हेतु आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक स्कूलों की समस्या को शीघ्रता से हल किया जाए। जनजातीय समुदाय की आर्थिक सशक्तिकरण योजनाओं पर प्रभावी अमल किया जाए, जिससे उनकी प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हो।
कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद, सरकार और जनजातीय समाज के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य करती है। हम सभी सदस्य प्रदेश के एक-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम शासन की योजनाओं को प्रभावी रूप से समुदाय तक पहुँचाएँ।उन्होंने परिषद द्वारा लिए गए निर्णयों को नीति-निर्माण में प्रभावी रूप से शामिल करने का आश्वासन दिया।
बैठक में सभी उपस्थित सदस्यों ने जनजातीय समुदाय की शिक्षा, आजीविका, सामाजिक-आर्थिक विकास और प्रशासनिक सुधार को लेकर ठोस सुझाव दिए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी प्रस्तावों पर त्वरित और प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए एवं अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि नीतिगत सुधारों का वास्तविक लाभ जनजातीय समुदाय तक पहुँचे। यह बैठक जनजातीय समाज के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
बैठक में परिषद के सदस्यों ने जनजातीय समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें जनजातीय बालिकाओं के लिए छात्रावासों की संख्या एवं सुविधाओं में वृद्धि, जनजातीय बहुल क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं भर्ती प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता एवं जनजातीय क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार, आदिवासियों की पारंपरिक आजीविका को सशक्त करने हेतु विशेष योजनाएँ लागू करना,जनजातीय कला, संस्कृति एवं परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष योजनाएँ लागू करना शामिल है।
बैठक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर प्रेजेंटेशन दिया और परिषद के समक्ष विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक सुश्री लता उसेण्डी, श्रीमती शंकुतला सिंह पोर्ते, श्रीमती उद्देश्वरी पैंकरा, श्रीमती रायमुनी भगत, श्रीमती गोमती साय, विधायक रामकुमार टोप्पो, प्रणव कुमार मरपच्ची, विक्रम उसेण्डी, आशाराम नेताम, नीलकंठ टेकाम, विनायक गोयल, चैतराम अटामी सहित मनोनित सदस्य रघुराज सिंह उईके एवं कृष्ण कुमार वैष्णव उपस्थित थे।
बैठक में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही, जिनमें मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, पंचायत विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया , सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आयुक्त पदुम सिंह एल्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
महिला पत्रकारों ने साझा किए अपने अनुभव और चुनौतियाँ, मुख्यमंत्री के साथ लंच और सेल्फी भी ली
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित "महतारी वंदन अभिनंदन" कार्यक्रम में महिला पत्रकारों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर खुलकर चर्चा की। महिला पत्रकारों ने कहा कि महिला पत्रकार राजनीति, अपराध, खेल सहित हर क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती हैं, बशर्ते उन्हें बराबरी का अवसर मिले। उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए बनाए जा रहे छात्रावासों की सराहना की और कहा कि यह पहल महिलाओं को घर से दूर भी सुरक्षित माहौल प्रदान करेगी। इससे अब अभिभावक अपनी बेटियों के करियर को लेकर निश्चिंत हो सकेंगे। उन्होंने पत्रकारों की सम्मान निधि ₹10,000 से बढ़ाकर ₹20,000 करने के फैसले के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पत्रकारों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है।
महिला पत्रकारों ने मुख्यमंत्री निवास में सम्मान समारोह आयोजित करने पर खुशी जताई और कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे एक पिता ने हमें अपने घर बुलाया हो। उन्होंने कहा कि यह पहल महिला पत्रकारों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश में पहली बार इस तरह का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि महिलाएँ समाज निर्माण की सशक्त धुरी हैं, और महिला पत्रकार अपनी लेखनी से सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
महिला पत्रकारों ने मुख्यमंत्री साय के साथ लंच किया और उनके साथ सेल्फी भी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने महिला पत्रकारों के लिए भविष्य में नई योजनाओं पर विचार करने का भरोसा दिलाया और कहा कि सरकार महिला पत्रकारों को हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा भेंट कर सुशासन की सराहना की, महिला सदस्यों ने मुख्यमंत्री को समाज के कुटीर उद्योग पहल की जानकारी दी
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कुनबी समाज महासंगठन के 20 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य भेंट कर, छत्रपति शंभाजी महाराज के जीवन पर आधारित फिल्म "छावा" को राज्य में कर मुक्त किए जाने पर आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि यह निर्णय इतिहास को सहज और सरल रूप में जन-जन तक पहुँचाने की महत्वपूर्ण पहल है।
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री साय को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा, मराठी टोपी, शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया तथा कहा कि आपके नेतृत्व में प्रदेश सुशासन और प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रतिनिधि मंडल ने शिवाजी जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग रखी। प्रतिनिधि मंडल की महिला सदस्यों श्रीमती सारिका गेडेकर व श्रीमती मनिषा बारसे ने मुख्यमंत्री साय को बताया कि कुनबी समाज की महिलाओं ने सामाजिक भवन में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कुटीर उद्योग की स्थापना की है। इसके तहत हल्दी, मिर्च, मसाले आदि का निर्माण और पैकेजिंग कर बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने महिलाओं की इस पहल की सराहना करते हुए इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम बताया।
प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश कुनबी समाज भवन निर्माण से संबंधित जानकारी मुख्यमंत्री को दी और समाज के भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा की। प्रतिनिधि मंडल में रंजीत भाऊ मुनेश्वर, उमेश घोड़मोड़, श्रीमती सारिका गेडेकर, श्रीमती मनिषा बारसे, दिलीप गेडेकर, हेमराज, प्रेम बोहरे, वासुदेव फुंडे, श्रीमती रागिणी गेडेकर, श्रीमती संगिता भंडारकर, श्रीमती रिंकु सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
माता कौशल्या व प्रभु श्रीराम के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की
वैद्यराज सुषेण मंदिर व श्री दशरथ दरबार के किए दर्शन, जलसेन सरोवर में कछुओं को खिलाया दाना
मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण व रखरखाव हेतु दिशानिर्देश
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के ग्राम चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में दर्शन व पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस दौरान उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने माता कौशल्या एवं प्रभु श्रीराम के समक्ष नमन करते हुए राज्य की प्रगति, जनता की मंगलकामना और सामाजिक समरसता की प्रार्थना की। इसके साथ ही उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित वैद्यराज सुषेण मंदिर और श्री दशरथ दरबार के भी दर्शन किए।
इस अवसर पर माता कौशल्या जन्मभूमि सेवा संस्थान के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को माता कौशल्या और प्रभु श्रीराम का छायाचित्र भेंट किया।
मुख्यमंत्री साय ने माता कौशल्या मंदिर परिसर में स्थित जलसेन सरोवर में कछुओं को दाना खिलाया और मंदिर परिसर के रखरखाव व सौंदर्यीकरण हेतु दिशानिर्देश दिए।
पुलिस केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और सुरक्षा का भी प्रतीक – मुख्यमंत्री साय
चार नए महिला थानों का उद्घाटन, पुलिस बल को और सशक्त बनाने पर जोर
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस राज्य पुलिस अकादमी, चंदखुरी में उप निरीक्षक संवर्ग के 840 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए कहा कि राज्य में पुलिस बल की क्षमता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पुलिस का कार्य केवल अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में सुरक्षा और विश्वास का वातावरण निर्मित हो, यह सुनिश्चित करना भी पुलिस विभाग की महती जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल का कार्य लोगों के बीच शांति, विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देना भी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार साइबर सुरक्षा, महिला सुरक्षा और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। तकनीकी संसाधनों के समावेश से पुलिस बल को अधिक दक्ष और प्रभावी बनाया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में पुलिस बल के सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्दी का अर्थ केवल अधिकार नहीं, बल्कि समाज की सेवा और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने नव नियुक्त पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे अपनी वर्दी का सम्मान करें और इसे हमेशा गर्व से धारण करें।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री साय ने जशपुर, रायगढ़, जगदलपुर और दंतेवाड़ा में नए महिला थानों का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इन थानों के माध्यम से महिलाओं को अधिक सुरक्षित वातावरण और त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार पुलिस बल को और अधिक सशक्त बनाने के लिए नई योजनाओं पर विचार कर रही है। इन योजनाओं के तहत तकनीकी उन्नयन, आधुनिक हथियारों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने नव नियुक्त अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह पुलिस सेवा में उनके सफर की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि एक सशक्त पुलिस अधिकारी बनने के लिए उच्च मनोबल और अनुशासन अनिवार्य है।
इस अवसर पर आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुआ सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने की गारंटी को किया पूरा
मंत्री बघेल के विभागों के लिए 9 हजार 362 करोड़ रूपए अनुदान मांगे पारित
राज्य के 72.29 लाख प्राथमिकता वाले राशनकार्डधारियों को 2028 तक मिलेगा निःशुल्क चावल
फोर्टिफाईड चावल से कुपोषण दूर करने किया जा रहा निरंतर प्रयास
पिछले वर्ष 4.73 लाख नए राशनकार्ड जारी किए गए तथा 6.13 लाख नए सदस्यों का नाम जोड़ा गया
बस्तर और सरगुजा संभाग के 25 लाख से अधिक परिवारों को प्रतिमाह 5.8 लाख मीट्रिक टन चना का वितरण
रायपुर/शौर्यपथ/छत्तीसगढ़ विधानसभा में चर्चा के बाद आज खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल दास बघेल के विभागों से संबंधित 9,362 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी गई। चर्चा में विधायक अजय चंद्राकर, पुन्नूलाल मोहले, श्रीमती भावना बोहरा, श्रीमती गोमती साय, श्री सुशांत शुक्ला और राजेश मूणत ने हिस्सा लिया।
खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने अपने विभागों की अनुदान मांगों की चर्चा के जवाब में कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। हमारी सरकार किसानों, गरीबों सहित सभी वर्गाें के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्हांेने सदन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने पूरा करते हुए पंजीकृत किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान की खरीदी की है। इस खरीफ सीजन में 25 लाख 49 हजार 592 पंजीकृत किसानों से 149.25 लाख मेट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की गई है, जो राज्य बनने के बाद से अब तक की सर्वोच्च खरीदी है। धान खरीदी की एवज में इन किसानों को समर्थन मूल्य के तहत 34 हजार 348 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है।
मंत्री बघेल ने बताया कि इस साल किसानों ने पिछले वर्ष की तुलना मंे 77 हजार 151 अधिक धान बेचा है। वहीं 04 लाख 32 हजार टन से अधिक धान की खरीदी की गई है। वहीं पिछले साल की तुलना में 28 लाख 76 हजार रकबा का धान किसानों द्वारा बेचा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित 2739 धान खरीदी केंद्रों में किसानों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के द्वारा धान खरीदी की गई। अधिकांश किसानों को धान बेचने के 72 घंटे के भीतर उनके खाते में धान की राशि का भुगतान किया गया। उन्होंने बताया कि धान के अवैध परिवहन तथा समितियों में बोगस विक्रय को रोकने के लिए जांच दल गठित कर निरंतर कार्यवाही की गई। इस दौरान 1317 प्रकरण दर्ज कर 69,251 क्विंटल धान तथा 221 वाहनों को जप्त किया गया।
मंत्री बघेल ने सदन में कहा कि इस वर्ष रिकार्ड धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मीलिंग के माध्यम से धान के त्वरित निराकरण की कार्यवाही भी की जा रही है। इस खरीफ सीजन में खरीदे गए 149.25 लाख मीट्रिक टन धान में से 98.37 लाख मीट्रिक टन याने 66 प्रतिशत धान का कस्टम मीलिंग के लिए उठाव हो चुका है।
मंत्री बघेल ने सदन में कहा कि खाद्य विभाग आम जनता से जुड़ी हुई विभाग है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शीं सोच कि कोई भी गरीब भूखा न सोए, इस संकल्पना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरूआत कर गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया, जिसका लाभ राज्य के ढाई करोड़ से अधिक परिवारों को मिला। इस योजना को बढ़ाकर दिसंबर 2028 तक कर दिया गया है। राज्य सरकार भी योजना को निरंतरता प्रदान करते हुए राज्य के सभी गरीब, अंत्योदय तथा प्राथमिकता वाले 72 लाख 29 हजार राशनकार्डधारियों को दिसंबर 2028 तक निःशुल्क चावल वितरण का निर्णय लिया है, इससे राज्य के इन परिवारों को वर्ष 2028 तक अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि देश में कुपोषण की समस्या की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने फोर्टिफाईड चावल वितरण का निर्णय लिया है। ताकि स्वास्थ्य सूचकांक में बेहतर प्रदर्शन कर सके। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्यान्ह भोजन तथा पूरक पोषण आहार योजना के हितग्राहियों में एनिमिया एवं पोषक तत्वों की कमियों को दूर करने के लिए पोषक तत्वों से युक्त फोर्टिफाईड चावल का वितरण किया जा रहा है। इसमें आयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन बी-12 आदि भरपूर मात्रा में होता है। यह कुपोषण को दूर करने में कारगर साबित हो रहा है।
मंत्री बघेल ने बताया कि सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए बस्तर और सरगुजा आदिवासी विकासखण्डों के गरीब परिवारों को रियायती दर पर 02 किलो चना प्रदान किया जा रहा था। इसका दायरा बढ़ाकर माढ़ा क्षेंत्रों को शामिल किया गया। वर्तमान में 25 लाख से अधिक परिवारों को प्रति माह 5800 मीट्रिक टन चना वितरण किया जा रहा है। इसके लिए बजट में 400 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही अमृत मिशन योजना के तहत अंत्योदय, निराश्रित तथा बीपीएल राशनकार्डधारियों को प्रतिमाह आयोडिन युक्त नमक प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
मंत्री बघेल ने सदन में बताया कि राज्य में पीडीएस की अधोसंरचना के विस्तार के लिए 136 नए उचित मूल्य की दुकानें खोली गई, जिससे हितग्राहियों को सुगमता से राशन सामग्री प्राप्त हो रही है। इसके साथ ही 500 से अधिक राशनकार्ड होने पर दुकानों को विघटन कर नई राशन दुकान प्रारंभ करने का प्रावधान किया गया है। ताकि नए-नए स्व-सहायता समूह-समितियों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान 4 लाख 73 हजार नए राशन कार्ड जारी किए गए हैं तथा 6 लाख 13 हजार नए सदस्यों के नाम राशनकार्डों में जोड़े गए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में संचालित 13 हजार 907 उचित मूल्य की दुकानों में ई-पास मशीन स्थापित की जा चुकी है। प्रतिमाह औसतन 96 प्रतिशत हितग्राहियों को आधार प्रमाणीकरण के जरिए राशन सामग्री वितरित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही वन नेशन वन राशनकार्ड व्यवस्था के तहत राशनकार्डधारियों को मनपसंद दुकान चुनने की भी सुविधा प्रदान की गई है। माह जनवरी 2025 में 9 लाख 20 हजार राशनकार्डधारी परिवारों द्वारा अपनी मूल दुकान के बजाय अपनी मनपसंद एवं सुविधा अनुसार अन्य दुकानों से राशन सामग्री का उठाव किया गया।
खाद्य मंत्री बघेल ने सदन में बताया कि छत्तीसगढ़ में खाद्यान्न की बंपर उत्पाद को देखते हुए भण्डारण क्षमता को बढ़ाने निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि खाद्यानों का रख-रखाव उचित ढंग से हो सके। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम की 139 शाखाएं संचालित हैं। निगम की स्वनिर्मित भण्डारण क्षमता 24.77 लाख टन है तथा 1.95 लाख टन क्षमता के गोदामों का निर्माण किया जा रहा हैं। वहीं निगम द्वारा चावल उपार्जन हेतु गोदामों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 10.30 लाख टन क्षमता के नए गोदामों के निर्माण की कार्ययोजना तैयार की गई है, इसके लिए बजट में 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि माप एवं तौल की पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए बांट माप तौल के सत्यापन की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। इसके लिए सत्यापन की सेवाएं ऑनलाईन भी करने का सुविधा भी दी गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में 314 बांट माप सत्यापन शिविरों का आयोजन 88 हजार 121 व्यापारियों का बांटमाप तौल का सत्यापित किया गया, इससे राज्य को 10 करोड़ 76 लाख की राजस्व की प्राप्ति हुई है।
माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट के जरिए प्रदेश के युवा यहां के खुले आसमान में भर रहे हैं उड़ान
मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री, शिक्षा सचिव और जशपुर कलेक्टर ने किया था प्रयास
प्रशिक्षण के लिए आगडीह हवाई अड्डे में जुटाए गए सुरक्षा और सुविधा के सभी संसाधन
रायपुर /शौर्यपथ / जशपुर के आगडीह हवाई अड्डे में वर्तमान में एयर एनसीसी का फ्लाइंग ट्रेनिंग चल रही है। एनसीसी कैडेट को छोटे हवाई जहाज से उड़ान भरने और रनवे पर लैंड करने से लेकर, विमान के कॉकपिट से लेकर हर हिस्से और विमान के नियंत्रण को लेकर सभी बेसिक जानकारी दी जा रही है।
विंग कमांडर वी के साहू के अनुसार इस महीने के 7 तारीख से संचालित की जा रही इस प्रशिक्षण में फिलहाल 35 प्रशिक्षु कैडेट्स हिस्सा ले रहे हैं और इस माह के अंत तक 3 सीजी एयर स्क्वाड्रन रायपुर के बैनर के तले प्रदेश के युवा जशपुर के खुले आसमान में हवा में उड़ान सीख रहे हैं। एयर एनसीसी के द्वारा 2 सीटर माइको लाइट एयरक्राफ्ट के जरिए जशपुर के आगडीह हवाई पट्टी पर एनसीसी सीनियर डिवीजन के कैडेट्स जिनमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं।
मील का पत्थर साबित होगा यह प्रशिक्षण
विंग कमांडर वीके साहू ने बताया की एयर फोर्स और एविएशन के क्षेत्र में करियर के रूप में इसे चुनने वाले युवाओं के लिए यह प्रशिक्षण बेहद कारगर है। उन्होंने बताया की वो खुद बसना क्षेत्र के लाखौली के निवासी है और सबसे पहले उन्होंने भी एनसीसी कैडेट्स के रूप में उड़ान भरी थी जो आगे चलकर उनके करियर के लिए मील के लिए एयरफोर्स या एविएशन क्षेत्र में जाने वाले युवा के लिए यह प्रशिक्षण फ्लाइंग स्कूल में प्रवेश के लिए सहायक सिद्ध होता है। उन्होंने
बताया कि रायपुर के माना एयरपोर्ट पर उड़ान के सीमित अवसर के कारण इस ट्रेनिंग को जशपुर शिफ्ट किया गया है। उन्होंने इस पूरे प्रशिक्षण अभियान के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, प्रदेश के शिक्षा सचिव और कलेक्टर जशपुर रोहित व्यास का आभार प्रकट किया, जिनके प्रयासों से जशपुर हवाई पट्टी पर चिकित्सा स्टाफ के साथ एम्बुलेंस और फायर फाईटिंग दस्ते के साथ तमाम तरह गई है, जिससे पूरी टीम और कैडेट्स के रुकने रहने, खाने और प्रशिक्षण का सारा काम सुचारू रूप से चल रहा है।
विंग कमांडर वीके साहू ने बताया की रायपुर के माना स्थित स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर इस प्रशिक्षण का संचालन किया जा रहा था लेकिन माना एयरपोर्ट में एयर ट्रैफिक के दबाव और उसके बीच 100 कैडेट्स को एयरक्राफ्ट उड़ान का प्रशिक्षण देने में कई प्रकार की दिक्कतें आ रही थी। इसके बाद इस प्रशिक्षण को प्रदेश के किसी और छोटे हवाई अड्डे या रनवे पर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद जशपुर के आगडीह हवाई अड्डे का चयन किया गया, यहां का शांत वातावरण और रनवे इस प्रशिक्षण के लिए बहुत अच्छा साबित हुआ है, यह पूरा प्रशिक्षण और एयर एनसीसी के कैडेट्स के साथ जशपुर के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। जशपुर के उपर उड़ने का अनुभव अनूठा माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट के उड़ान के प्रशिक्षण में शामिल एयर कुछ ऐसा है ट्रेनी एयरक्राफ्ट है जिसमें 2 सीटर माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट से एयर एनसीसी के कैडेट्स को उड़ान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह एक घंटे की उड़ान में 13 लीटर ईंधन खर्च करता है और इसमें 50 लीटर एवियशन फ्यूल भरने की क्षमता है। इसे 20000 फुट की ऊंचाई पर उड़ाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल लगभग 1000 फुट की ऊंचाई पर प्रशिक्षु कैडेट्स को इसे उड़ाना सिखाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार रायपुर से जशपुर तक उड़कर आने में इस विमान को 2 घंटे 5 मिनट का समय लगा।
एनसीसी कैडेट्स वंश कुमार, एसआर साहू, अंजू सिन्हा, बिपाशा परिहार और सिमरन साहू ने बताया की उन्होंने रायपुर के माना एयरपोर्ट पर भी इससे पहले एयर एनसीसी का प्रशिक्षण लिया है, लेकिन जशपुर की शांत फिजा यहां का एयरनॉट, एनवायरनमेंट में पायलट के बगल में को पायलट के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करना एक अनूठा अनुभव है।
रायपुर/शौर्यपथ //मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारतीय क्रिकेट टीम को आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में शानदार जीत की बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। दुबई में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि को 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों और दृढ़ संकल्प की जीत करार दिया।
मुख्यमंत्री साय ने भारतीय टीम के जुझारूपन, अनुशासन और टीम वर्क की सराहना करते हुए कहा कि बारह वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भारत ने एक बार फिर चैम्पियंस ट्रॉफी अपने नाम की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह जीत हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने टीम इंडिया को भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए शुभकामनाएँ देते हुए विश्वास जताया कि भारतीय क्रिकेट टीम आने वाले वर्षों में भी इसी जोश और जज्बे के साथ देश को गौरवान्वित करती रहेगी।
कारोबार को आगे बढ़ाने हरसंभव सहायता देने का भी आश्वासन दिया
शॉर्क टैंक कार्यक्रम में पहुंचने वाली ईशा ने कलेक्टर से की मुलाकात
धमतरी/शौर्यपथ /धमतरी जैसे छोटे शहर से सफल स्टार्टअप शुरू कर अपने उत्पादों को देश-विदेश में बेचने वाली शहर की ईशा झंवर ने आज कलेक्टर अबिनाश मिश्रा से सौजन्य मुलाकात की। कलेक्टर मिश्रा ने ईशा को प्रदेश के युवाओं खासकर युवतियों-महिलाओं के लिए रोल मॉडल बताते हुए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने ईशा जैसी युवतियों को आने वाले दिनों में देश-प्रदेश के विकास की महत्वपूर्ण धुरी बताया और ईशा को उसके व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। कलेक्टर ने ईशा से उसके व्यवसाय, उसे चलाने में आई परेशानियों के साथ उनके सफल समाधान के बारे में पूछा। कलेक्टर ने ईशा के प्रतिष्ठित टीवी कार्यक्रम शॉर्क टैंक तक पहुंचने पर बधाई भी दी। श्री मिश्रा ने उद्योग विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को ईशा की सहायता से स्थानीय स्तर पर युवाओं को अपने स्टार्टअप शुरू करने और अलग-अलग तरह के व्यवसायों के प्रति प्रेरित करने के लिए कार्यशाला आदि आयोजित करने के भी मौके पर ही निर्देश दिए।
धमतरी की ईशा झंवर ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत सरकारी मदद से अपने मूल उद्योग धनश्री फुड के माध्यम से कैमिकल फ्री खाद्य पदार्थ बनाने का स्टार्टअप शुरू किया है। ईशा धमतरी के लोहरसी में उत्पादन यूनिट लगाकर कैमिकल फ्री टोमेटो कैचप, इमली कैचप, मनोनिस, पिज्जा- पास्ता सॉस जैसे उत्पाद बना रहीं हैं। ईशा को इसके लिए 40 लाख रूपये का ऋण और राज्य के उद्योग विभाग के माध्यम से 10 लाख रूपये की सरकारी सब्सिडी भी मिली है।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा से मुलाकात के दौरान ईशा ने बताया कि उनकी फैक्ट्री में गुड़-टमाटर पेस्ट, इलाईची, काली मिर्च, लौंग जैसे कैमिकल फ्री पदार्थों से उत्पाद बनाए जाते हैं। इनमें किसी तरह के रसायनिक पदार्थ या कलर आदि नहीं मिलाए जाते। ईशा ने बताया कि उनके उत्पादों को एफएसएसएआई से भी मान्यता मिली है। वे अपने उत्पादों का विपणन रीपिट गुड नाम की मार्केटिंग एजेंसी के माध्यम से करतीं हैं। कलेक्टर ने ईशा से इनके उत्पादों के बाजार और लॉजिस्टिक आदि के बारे में भी जानकारी ली। ईशा ने बताया कि उनका अधिकांश उत्पादन मुंबई, दिल्ली और बैंगलोर जैसे महानगरों में ही बिक जाता है। अन्य शहरों में भी इन उत्पादों के लिए बाजार तैयार करने में वे लगीं हैं। ईशा ने बताया कि वे आने वाले दिनों में अधिक खपत वालो शहरों में वेयर हाउस भी शुरू करेंगी, जहां उत्पादों को मांग के अनुसार निर्धारित मात्रा- संख्या में स्टोर करके रखा जा सकेगा। ईशा ने यह भी बताया कि जल्द ही उनकी योजना अपनी उत्पादन यूनिट का विस्तार करने की भी है।
बिहान से जुड़कर हो रहीं सशक्त, मेहनत और लगन से परिवार को दे रहीं आर्थिक संबल
रायपुर/शौर्यपथ /महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। कोण्डागांव जिले की महिलाएं अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कृषि, पशुपालन, सिलाई, बुनाई, दुकान और अन्य छोटे व्यवसायों से जुड़कर अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं। जिले की कई महिलाएं अपनी मेहनत और लगन से शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर सफलता की नई कहानी लिख रही हैं। आज हम ऐसी ही महिलाओं की प्रेणादायक कहानी साझा कर रहे हैं, जिन्होंने बिहान से जुड़कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया और आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की।
चंद्रिका मरकाम बनी आत्मनिर्भरता की मिसाल
ऐसी ही कहानी माकड़ी विकासखंड के ग्राम पंचायत ओण्डरी की रहने वाली श्रीमती चंद्रिका मरकाम की है, जिन्होंने वर्ष 2014 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ के अंतर्गत मां शक्ति स्व-सहायता समूह से जुड़कर अपने आत्मनिर्भर बनने की यात्रा शुरू की। उस समय उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी, और परिवार पूरी तरह से कृषि पर निर्भर था, जिससे होने वाली आय परिवार के जीवनयापन के लिए पर्याप्त नहीं था।
स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। ’’बिहान’’ के तहत मिली वित्तीय सहायता से उन्होंने डेयरी व्यवसाय की शुरुआत की। धीरे-धीरे व्यवसाय को बढ़ाया, जिससे अब उन्हें स्थायी आय प्राप्त हो रही है। वर्तमान में श्रीमती चंद्रिका मरकाम को विभिन्न आजीविका गतिविधियों से 2,18,000 रुपये की वार्षिक आय हो रही है, जिसमें डेयरी व्यवसाय और कृषि से प्राप्त आय शामिल है। राज्य शासन की महतारी वंदन योजना की राशि सहित उन्हें महीने में कुल 18,166 रूपए की आमदनी हो रही है। अब उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो चुकी है और वे अपने परिवार की सभी आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर पा रही हैं। साथ ही बच्चों की शिक्षा में भी अब कोई बाधा नहीं है। श्रीमती चंद्रिका मरकाम ने बिहान से जुड़कर आत्मविश्वास और अपनी मेहनत के बल पर इस मुकाम पर पहुंची है, जो जिले के अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल है।
संतोषी ने कपड़ा व्यवसाय से परिवार को दी आर्थिक मजबूती
ग्राम पंचायत हीरापुर, विकासखंड माकड़ी की रहने वाली संतोषी देवांगन शादी के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं। उनके पति की एक छोटी सी दुकान थी, जिससे घर चलाना मुश्किल हो रहा था। पूंजी की कमी के कारण वे कोई नया काम नहीं कर पा रही थीं। वर्ष 2017 में उन्होंने 10 महिलाओं के साथ मिलकर जय मां धरती स्व-सहायता समूह से जुड़ने का फैसला किया।
समूह की बचत सामुदायिक निवेश कोष एवं बैंक लिंकेज से प्राप्त 8.51 लाख रुपये की सहायता से उन्होंने कपड़े की दुकान शुरू की। धीरे-धीरे उनकी दुकान में ग्राहकों की संख्या बढ़ी और अब वे हर महीने 18,000 रुपये तक की आय अर्जित कर रही हैं। साथ ही संतोषी को राज्य सरकार के द्वारा महतारी वंदन योजना का भी लाभ मिल रहा है। इस तरह आज संतोषी न सिर्फ अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं, बल्कि अपने दो बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दिला रही हैं। उनके पति को भी व्यापार में सहयोग मिल रहा है, जिससे उनका परिवार समृद्ध और आत्मनिर्भर बन चुका है।
मुर्गी एवं बटेर पालन से अनिता को मिली एक नई पहचान
कोंडागांव जिले के केशकाल विकासखंड के धनोरा गांव की अनिता मंडावी पहले केवल मजदूरी और कृषि पर निर्भर थीं। वर्ष 2018 में उन्होंने जय अम्बे स्व-सहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया और वर्ष 2022 में मुर्गी एवं बटेर पालन का कार्य शुरू किया। उन्होंने बैंक एवं सामुदायिक निवेश कोष से 1.50 लाख रुपये की सहायता प्राप्त की और 1 लाख रुपये की लागत से व्यवसाय की शुरुआत की। आज उनकी मासिक आय 20,000 रुपये तक पहुंच गई है, अनिता को महतारी वंदन योजना के तहत एक हजार रूपये हर महीने मिल रहा है इसके साथ ही कृषि, मजदूरी भी करती हैं। इस तरह अनिता बिहान से जुड़ कर अब तक 3 लाख रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित कर चुकी हैं और उनका परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हो गया है। अब वे अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
उन्नत खेती से लखपति बनीं दयावती देवांगन
ग्राम पंचायत बफना की श्रीमती दयावती देवांगन ने कड़ी मेहनत और नई कृषि तकनीकों को अपनाकर आर्थिक समृद्धि की ओर कदम बढ़ाया है। उन्होंने आईएफसी क्लस्टर के तहत सब्जी उत्पादन शुरू किया और अब तक एक लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित कर लखपति दीदी बन गई हैं।
दयावती ने अपने एक एकड़ खेत में मिर्ची, बरबटी, प्याज और लौकी की खेती शुरू की। पहले परंपरागत खेती करने के कारण उत्पादन कम था, लेकिन ड्रिप सिंचाई तकनीक अपनाने से न केवल उत्पादन में वृद्धि हुई, बल्कि पानी की भी बचत हुई। उन्होंने जैविक खाद का उपयोग कर स्वास्थ्यवर्धक और ताजी सब्जियां उगा रही है।
दयावती जय मां शारदा स्व-सहायता समूह की सदस्य हैं। पहले उनके परिवार की आय केवल खेती पर निर्भर थी, जिससे घर चलाना मुश्किल हो रहा था। समूह से जुड़ने के बाद वे कृषि सखी बनीं और आधुनिक खेती शुरू की, जिससे अच्छी आमदनी होने लगी। दयावती के परिवार को राज्य सरकार के महतारी वंदन योजना के तहत 3,000 रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि मिल रही है। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6,000 की आर्थिक मदद मिल रहा है। आज दयावती का परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है और घर के बच्चों को बेहतर शिक्षा भी दे पा रही हैं।
‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में अदानी, जिंदल और एनटीपीसी समेत कई कंपनियों ने किया निवेश का ऐलान
थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट में 1 लाख करोड़ से ज्यादा का मिला निवेश प्रस्ताव
57,000 करोड़ की जलविद्युत परियोजनाएं, नदियों से बनेगी बिजली
थर्मल और न्यूक्लियर पावर से भी मिलेगी छत्तीसगढ़ को ऊर्जा
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ अब ऊर्जा क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आज रायपुर में हुए ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में कई बड़ी कंपनियों ने 3 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश का ऐलान किया है. इस निवेश से राज्य में परमाणु, थर्मल, सौर और पंप्ड स्टोरेज जैसे क्षेत्रों में बिजली उत्पादन के नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे। इससे न केवल उद्योगों को फायदा मिलेगा, बल्कि आम लोगों को भी सस्ती और निरंतर बिजली मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के क्षेत्र में यह निवेश राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऊर्जा हब के रूप में स्थापित हो।
छत्तीसगढ़ पहले से ही 30,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जो देश के औसत से ज्यादा है। अब हर व्यक्ति को 2048 किलोवाट-घंटे बिजली मिल रही है, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो रही हैं।
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एनटीपीसी ने 80,000 करोड़ रुपये की लागत से 4200 मेगावाट क्षमता का न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट लगाने की योजना बनाई है। इससे छत्तीसगढ़ में परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की शुरुआत होगी।
थर्मल पावर क्षेत्र में भी बड़े निवेश की घोषणा हुई है। अदानी पावर 66,720 करोड़ रुपये खर्च कर कोरबा, रायगढ़ और रायपुर में 1600-1600 मेगावाट के तीन थर्मल पावर प्लांट लगाएगा। जिंदल पावर रायगढ़ में 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 12,800 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जबकि सरदा एनर्जी रायगढ़ में 660 मेगावाट क्षमता के प्लांट के लिए 5,300 करोड़ रुपये लगाएगी। इसके अलावा, सरकारी कंपनियां एनटीपीसी और सीएसपीजीसीएल 41,120 करोड़ रुपये की लागत से 4500 मेगावाट बिजली उत्पादन करेंगी।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता मिली है। जिंदल पावर और एनटीपीसी ग्रीन मिलकर 10,000 करोड़ रुपये खर्च कर 2500 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन करेंगे। इसमें डोलेसरा में 500 मेगावाट और रायगढ़ में 2000 मेगावाट के सौर प्लांट शामिल होंगे।
किसानों के लिए भी खुशखबरी है। पीएम कुसुम योजना के तहत 4100 करोड़ रुपये की लागत से 675 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन किया जाएगा और 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे। इससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलेगी और डीजल पंपों की जरूरत कम होगी।
इसके अलावा, 57,046 करोड़ रुपये की लागत से 8700 मेगावाट क्षमता के पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे। इसमें एसजेएन कोटपाली में 1800 मेगावाट और जिंदल रिन्यूएबल द्वारा 3000 मेगावाट के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इन सभी निवेशों के जरिए छत्तीसगढ़ जल्द ही देश के सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल हो जाएगा। इससे उद्योगों, किसानों और आम लोगों को फायदा होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
प्रमुख निवेश और योजनाएं
1. परमाणु ऊर्जा: साफ और कुशल ऊर्जा उत्पादन के लिए ₹80,000 करोड़ का निवेश।
2. ताप विद्युत: राज्य की ताप विद्युत क्षमता को मजबूत करने के लिए ₹1,07,840 करोड़।
3. सौर ऊर्जा: सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार के लिए ₹10,000 करोड़।
4. पीएम कुसुम योजना: किसानों के बीच सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ₹4,100 करोड़।
5. पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं (PSP): ग्रिड स्थिरता के लिए ऊर्जा भंडारण में ₹57,046 करोड़।
6. क्रेडा सौर पहल: सौर ऊर्जा विस्तार के लिए ₹3,200 करोड़।
7. पीएम सूर्य योजना: राष्ट्रीय सौर छत परियोजना के तहत ₹6,000 करोड़।
8. सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा: सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा अपनाने के लिए ₹2,500 करोड़।
9. बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए ₹2,600 करोड़।
10. पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क: बिजली पारेषण नेटवर्क को उन्नत करने के लिए ₹17,000 करोड़।
11. RDSS (वितरण क्षेत्र योजना): वितरण बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ₹10,800 करोड़।
12 मार्च से 10 अप्रैल 2025 तक कर सकते हैं आवेदन
रायपुर/शौर्यपथ /भारतीय सेना में अग्निवीर पदों की भर्ती के लिए युवाओं के लिए सुनहरा अवसर मिलने जा रहा है। इच्छुक युवा 12 मार्च से अपना ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। सेना भर्ती कार्यालय रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार अग्निवीरों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की जा चुकी है, जो भारतीय सेना की वेबसाइट
http://www.joinindianarmy.nic.in/
पर उपलब्ध है। अग्निवीर की भर्ती जनरल, तकनीकी, क्लर्क, ट्रेडमेन (8वीं एवं 10वीं), महिला सैन्य पुलिस और रेगुलर कैडर भर्ती धर्म गुरू, नर्सिंग सहयोगी और सिपाही फार्मा के पदों के लिए जारी की गई है। इच्छुक युवा सेना में भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रकिया 12 मार्च से 10 अप्रैल 2025 तक कर सकते हैं।
अभ्यार्थी अग्निवीर के दो पदों के लिए अपनी योग्यता अनुसार आवेदन कर सकते है। अग्निवीर क्लर्क के अभ्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा सीईई के समय टाइपिंग टेस्ट भी देना होगा। ऑनलाइन परीक्षा सीईई जून 2025 मे होने की संभावना है।
किसी भी अन्य जानकारी और समस्या के लिए युवा सेना भर्ती कार्यालय रायपुर के टेलिफोन नंबर 0771-2965212/0771-2965214 पर संपर्क कर सकते हैं। सेना के अधिकारियों ने बताया है कि भारतीय सेना में चयन निष्पक्ष, पारदर्शी और केवल योग्यता के आधार पर की जाती है। इसलिए किसी भी अनाधिकृत व्यक्तियों के झांसे में न आए।