April 19, 2025
Hindi Hindi
Uncategorised

Uncategorised (32989)

अन्य ख़बर

अन्य ख़बर (5862)

धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

ई-वे बिल की सीमा ₹1 लाख तक बढ़ाई गई, पेट्रोल पर वैट ₹1 प्रति लीटर कम
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के छोटे व्यापारियों और मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए दो अहम निर्णय लागू किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी के दिशानिर्देश पर इन निर्णयों को वर्ष 2025-26 के बजट में शामिल किया गया था।
ई-वे बिल की सीमा में वृद्धि : अब ₹1 लाख तक का माल परिवहन होगा बिना ई-वे बिल के
मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के भीतर माल परिवहन के लिए अनिवार्य ई-वे बिल की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी है। यह निर्णय विशेष रूप से छोटे व्यापारियों को राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है। इस निर्णय से व्यापारियों को ₹1 लाख तक के मूल्य के सामानों के परिवहन में अब ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी। इस निर्णय से राज्य में ई-वे बिल जनरेट करने वाले लगभग 26% व्यापारियों को ई-वे बिल जनरेट करने से मुक्ति मिलेगी। इस निर्णय से ई-वे बिल जनरेशन में 54 प्रतिशत की कमी आएगी, जिससे अनुपालन व्यय में उल्लेखनीय कमी आएगी।
हालांकि, कुछ विशेष वस्तुएं जैसे पान मसाला, तंबाकू उत्पाद, विशिष्ट लकड़ी उत्पाद जैसे – प्लायवुड, लेमिनेटेड शीट, पार्टिकल बोर्ड, फाइबर बोर्ड, आयरन, स्टील एवं उसके सामान, कोयला के लिए यह छूट लागू नहीं होगी।
व्यापारियों द्वारा लंबे समय से ई-वे बिल में छूट दिए जाने की मांग पर यह निर्णय लिया गया है, जो व्यापार को सुगम और लागत प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
पेट्रोल पर वैट में ₹1 प्रति लीटर की कमी : मध्यमवर्गीय परिवारों को सीधी राहत
राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से पेट्रोल पर वैट की राशि में ₹1 प्रति लीटर की कटौती की है। इस निर्णय से पेट्रोल की कीमतों में सीधे कमी आएगी, जिसका लाभ विशेष रूप से मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को मिलेगा।
छत्तीसगढ़ में दुपहिया वाहनों का उपयोग करने वालों की संख्या अधिक है, जो मुख्यतः पेट्रोल पर निर्भर हैं। वैट में की गई यह कटौती इन परिवारों की रोज़मर्रा की लागत को कम करने में सहायक सिद्ध होगी।
यह निर्णय भी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी द्वारा वर्ष 2025-26 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप वर्तमान आर्थिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए क्रियान्वित किया गया है।
सरकार की प्रतिबद्धता : सुगमता, सुविधा और संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेशवासियों की समस्याओं को समझते हुए लगातार ऐसे निर्णय ले रही है जो सार्थक, जनहितकारी और दूरदर्शिता से परिपूर्ण हों। व्यापारी वर्ग को सहूलियत और आम जनता को राहत देने के ये निर्णय प्रदेश के आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण कारक सिद्ध होंगे।

विष्णु देव सरकार ने बजट  में  की थी घोषणा
रायपुर/शौर्यपथ / विष्णुदेव साय सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए पेट्रोल के दाम में कटौती करते हुए नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में पेट्रोल प्रति लीटर 1 रुपए सस्ता करने की घोषणा की है, जो 31 मार्च को आधी रात से लागू हो गई है। इसके साथ ही रायपुर में अब पेट्रोल की कीमत घटकर 100.42 रुपए प्रति लीटर हो गई है। यह कटौती प्रदेशवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद हुई है। राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के सभी शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए प्रति लीटर से ऊपर है। पेट्रोल की कीमत घटने से राज्य के आम लोगों को राहत मिलेगी। वहीं राज्य सरकार को राजस्व का घाटा होगा। वहीं, वाणिज्यक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उपभोग बढ़ने से राजस्व नुकसान की भरपाई जाएगी।
 उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2025-26 के बजट में जनता को राहत देने पेट्रोल की कीमत में ₹1 प्रति लीटर की कमी की गई है, जिससे आम लोगों, किसानों और उद्योगों को लाभ होगा। इसके पहले सरकार ने बल्क में डीजल खरीदी पर वैट घटाकर 17% कर दिया था, जिससे परिवहन और कृषि कार्यों की लागत में कमी आई है।

उत्कल दिवस पर ओडिशा राज्य स्थापना की ऐतिहासिक प्रेरणा को किया नमन
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के महिला थाना चौक (मधुसूदन दास चौक) में उत्कल दिवस के अवसर पर महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बैरिस्टर मधुसूदन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें सादर नमन किया।
मुख्यमंत्री  साय ने उत्कल समाज और ओडिशा वासियों को दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री साय ने ओडिशा राज्य स्थापना दिवस (उत्कल दिवस) पर प्रदेश सहित देशभर में रह रहे उत्कल समाज के सभी बंधुओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह दिवस केवल ओडिशा के गठन का उत्सव नहीं, बल्कि संघर्ष, आत्मगौरव और सांस्कृतिक एकता की प्रेरणा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में उत्कल समाज के लोग निवास करते हैं, जो प्रदेश की सामाजिक समरसता और विविधता को सशक्त बनाते हैं।
बैरिस्टर मधुसूदन दास के योगदान को किया नमन
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बैरिस्टर मधुसूदन दास जैसे दूरदर्शी और समर्पित व्यक्तित्व के संघर्षों के कारण ही 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा राज्य का गठन हुआ। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच सदियों से सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध रहे हैं। उन्होंने बताया कि महाप्रभु जगन्नाथ को चढ़ने वाला भोग का चावल आज भी छत्तीसगढ़ से जाता है। विशेष रूप से देवभोग क्षेत्र का चावल, जो प्रभु के प्रसाद के रूप में उपयोग होता है, दोनों राज्यों के धार्मिक जुड़ाव का प्रतीक है।
महाप्रभु जगन्नाथ से प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना
मुख्यमंत्री साय ने महाप्रभु जगन्नाथ से छत्तीसगढ़वासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद हमेशा छत्तीसगढ़ पर बना रहेगा।
इस अवसर पर विधायक किरण देव, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक सुनील सोनी, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौर, संजय श्रीवास्तव, उत्कल समाज के सदस्य एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

बारहमासी आवागमन की सुविधा होगी
 सीआरपीएफ के जवान पुल पर मोर्चा लगाकर दे रहे हैं सुरक्षा
रायपुर/शौर्यपथ /कभी  नक्सलियों के अभेद  किला जाने  वाले अबूझमाड़ अब उनके के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है, यहां भी जवानों के द्वारा लगातार ऑपरेशन चलाकर बड़ी सफलताएं हासिल की जा रही हैं। पहुंचविहीन माड़ तक अब बारिश में भी आवाजाही हो सकेगी, माड़ तक जाने वाले रास्ते में सबसे बड़ी बाधा अब तक इंद्रावती नदी ही रही है, चाहे दंतेवाड़ा की तरफ से या बीजापुर की तरफ से, दंतेवाड़ा में इंद्रावती में पहले ही दो पुल बनकर तैयार हो गए हैं, एक छिंदनार में और दूसरा करका घाट में, जिससे अबूझमाड़ के 50 से अधिक गांव के लोगों को सुविधा मिल रही है।
उसी इंद्रावती में अब तीसरा पुल फुंड़री के पास  बन रहा है, इस पुल का 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है 20 प्रतिशत बचा हुआ काम भी बारिश तक  पूरी हो  जाएगी। इस पुल के शुरू होने से 12 ग्राम पंचायत के 50 से अधिक गांव के लोग बीजापुर जाने वाली नेशनल हाइवे 63 से सीधे जुड़ जाएंगे। जिस माड़ तक अभी तक पहुंचना आसान नहीं था वह अब सीधे नेशनल हाइवे से जुड़ जाएगा।
648 मीटर लंबा बन रहा है उच्च
24 घंटे माड़ पर जवान रख रहे नजर
इस पुल को बनाने के लिए सीआरपीएफ का कैंप इंद्रावती नदी के किनारे लगाया गया है, जवान 24 घंटे माड़ से होने वाली हर गतिविधियों को नाकाम कर पुल तैयार करवा रहे हैं। पुल के ऊपर ही जवानों ने मोर्चा बना रखा है और बैरियर में हर आने-जाने वालों से पूछताछ होती है।
यह  उच्च स्तरीय पुल फुंडरी में इंद्रावती नदी पर 35 करोड़ 60 लाख की लागत से 648 मीटर लंबा पुल बन रहा है, वहीं 208 मीटर नेशनल हाइवे और 242 मीटर बांगोली की तरफ एप्रोच सड़क भी तैयार की जा रही।
  पुल बनते  ही अबूझमाड़ का तीसरा द्वार शुरू हो जाएगा जवानों की भी अबूझमाड़ में दस्तक बढ़ जाएगी, अभी बारिश में यहां नक्सली ट्रेनिग कैंप चलाते है। बारिश भर इंद्रावती उफान पर रहती है, नक्सली यहां बारिश के 4 महीने स्वतंत्र होकर अपनी गतिविधियां चलाते थे, अब उस पर भी अंकुश लग जाएगा।
 उल्लेखनीय है कि 2018 में सुरक्षा के बीच इस पुल का काम शुरू हुआ था, नक्सलियों द्वारा पुल निर्माण में बाधा डालने प्रेशर आईईडी लगा जवानों को नुकसान पहुंचाने यहां हमेशा प्रयास करते हैं।

रायपुर /शौर्यपथ /प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने कल बिलासपुर  आगमन के दौरान छत्तीसगढ़  राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) की 15,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली पहली सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना (2X660एमडब्ल्यू) का कार्य का  शुभारंभ  किया।
   यह परियोजना छत्तीसगढ़ के ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा । यह परियोजना छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ा कदम है ।
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के लिए निदेशक मंडल के अनुमोदन के उपरांत 12 फरवरी 2024 को विस्तृत निविदा जारी की गई थी । परियोजना के लिए पर्यावरणीय अनुमति 26 मार्च 2025 को मिली और निदेशक मंडल की अनुमति के पश्चात सार्वजनिक क्षेत्र की ईकाई  भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड को 27 मार्च को इसका कार्यादेश जारी किया गया ।
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने 30 मार्च को बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से इस महत्वपूर्ण परियोजना का कार्य  का  शुभारंभ कराया गया।

सिंधी समाज के त्याग, तप और तरक्की को किया नमन
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने आज जयस्तंभ चौक, रायपुर में भगवान झूलेलाल की जयंती और चेट्रीचण्ड्र (चैतीचांद) पर्व पर आयोजित शोभायात्रा का पुष्पवर्षा कर आत्मीय स्वागत किया। यह शोभायात्रा नगर भ्रमण के बाद जयस्तंभ चौक पहुंची, जहां मुख्यमंत्री  साय ने श्रद्धा और उल्लास के साथ शामिल होकर समूचे सिंधी समाज को पर्व की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने इस पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को भगवान झूलेलाल जयंती, चेट्रीचण्ड्र पर्व, हिंदू नववर्ष एवं नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान झूलेलाल केवल सिंधी समाज के आराध्य नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, साहस और सेवा भाव के प्रतीक हैं। चेट्रीचण्ड्र का यह पर्व नए वर्ष की उम्मीद, विश्वास और विजय की शुरुआत है।
मुख्यमंत्री  साय ने भगवान झूलेलाल और मां भवानी से प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए कहा किnनवरात्रि के साथ प्रारंभ हो रहे इस शुभ समय में हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि समाज और देश के लिए मिलकर काम करें।”
मुख्यमंत्री ने सिंधी समाज के संघर्षों, परिश्रम और उपलब्धियों की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा कि देश के विभाजन के बाद जब सिंधी समाज को अपना सबकुछ छोड़कर नए सिरे से जीवन शुरू करना पड़ा, तब भी आपने हार नहीं मानी। आपकी कर्मठता, एकजुटता और आत्मबल ने आपको देश के हर कोने में सम्मानजनक स्थान दिलाया है।
मुख्यमंत्री ने भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी जी का विशेष रूप से स्मरण करते हुए कहा कि आडवाणी जी जैसे महान नेता सिंधी समाज की प्रेरणा हैं, जिन्होंने उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री जैसे दायित्वों को निभाकर राष्ट्रनिर्माण में अविस्मरणीय योगदान दिया।
उन्होंने आगे कहा कि सिंधी समाज का योगदान व्यापार, संस्कृति, शिक्षा और राष्ट्रसेवा के हर क्षेत्र में अनुकरणीय है। आपकी एकजुटता और पारिवारिक मूल्य आज भी नई पीढ़ी को रास्ता दिखाते हैं।
इस अवसर पर रायपुर सांसद  बृजमोहन अग्रवाल, विधायक  किरण देव, पुरंदर मिश्रा, सिंधी काउंसिल के अध्यक्ष ललित जयसिंघ,  श्रीचंद सुंदरानी,  संजय श्रीवास्तव, पार्षद अमर गिदवानी, फिल्म अभिनेत्री श्रीमती भाग्यश्री सहित अनेक गणमान्यजन, जनप्रतिनिधि और समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय मधुकर खेर की पुण्यतिथि (31 मार्च) पर उन्हें स्मरण करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में हिंदी और अंग्रेजी पत्रकारिता को समृद्ध करने में उनका योगदान अमूल्य है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि स्व. मधुकर खेर ने अपनी निष्पक्ष, तथ्यपरक और जनहितकारी पत्रकारिता के माध्यम से समाज को जागरूक करने, जनसमस्याओं को सामने लाने और सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करने का कार्य किया। उनकी लेखनी न केवल सामाजिक सरोकारों से जुड़ी रही, बल्कि जनचेतना को प्रखर बनाने का माध्यम भी बनी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि खेर का समर्पण और उनकी पत्रकारिता की विरासत आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है। उनके विचार, सिद्धांत और मूल्य हमें निष्पक्ष, सशक्त और समाजोन्मुखी पत्रकारिता की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

प्रधानमंत्री ने अभनपुर-रायपुर मेमू ट्रेन सेवा का किया शुभारंभ
     रायपुर/शौर्यपथ / रायपुर से नया रायपुर राजधानी क्षेत्र रेल नेटवर्क से जुड़ गया है। अब यहां आवागमन के लिए मेमू ट्रेन नियमित रूप से चला करेगी। रायपुर रेल्वे स्टेशन से मंदिर हसौद होते हुए नया रायपुर सीबीडी, केन्द्री होते हुए अभनपुर और अभनपुर से रायपुर ट्रेन के जरिए आवागमन हो सकेगा। इससे मंदिर हसौद, मंत्रालय, सचिवालय, नया रायपुर, अभनपुर आवागमन में सस्ता और आसान होगा। इससे शासकीय कर्मचारियों सहित नया रायपुर के नागरिकों और विद्यार्थियों को एक नई सुविधा सुलभ हो गई है।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के मोहभट्ठा बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभनपुर-रायपुर मेमू ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ में 2,695 करोड़ रूपए की लागत से पूरी हो चुकी चार रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही उन्होंने 7 रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
रायपुर अभनपुर मेमू ट्रेन का ठहराव मंदिर हसौद, सीबीडी, केंद्री और अभनपुर स्टेशनों पर होगा। रेल यात्री रायपुर से नवा रायपुर और अभनपुर की यात्रा कर सकेंगे, वो भी महज दस रुपये में। अभनपुर-रायपुर के बीच चलने वाली मेमू ट्रेन अत्याधुनिक थ्री-फेज़ है। बड़ी और खास बात ये है कि ये अत्याधुनिक ट्रेन ऊर्जा दक्षता, उच्च गति और बेहतर आराम के साथ यात्रियों को एक नया अनुभव प्रदान करेगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में भी कई रेल सेक्शनों में थ्री-फेज़ मेमू ट्रेनें चलाई जा रही हैं। हर कोच में सौंदर्यपूर्ण इंटीरियर, कुशन वाली सीटें, बड़ी खिड़कियां, स्लाइडिंग दरवाजे और मोबाइल चार्जिंग सॉकेट उपलब्ध है। जीपीएस-आधारित पीएपीआईएस के तहत डिस्प्ले स्क्रीन और लाउडस्पीकर प्रत्येक कोच में लगाए गए हैं, जिससे यात्रियों को स्टेशन की जानकारी मिलेगी। सीसीटीवी निगरानी प्रणाली भी उपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक ट्रेलर कोच में पर्यावरण-अनुकूल बायो-टॉयलेट्स की सुविधा है।

प्रधानमंत्री जनमन योजना बनी आत्मसम्मान की छत – एक सजीव संवाद की प्रेरक कहानी
तीन लाख गरीबों का सपना हुआ पूरा, पहुंचे खुद के पक्के मकानों में
सोमारी पुनेम, दल्लुराम बैगा और जगतपाल राम को प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से सौंपी नए आवास की चाबी
दूरस्थ वनांचलों में भी गरीबों और वंचितों के अब खुद के पक्के घर, सुरक्षा और सम्मान के साथ चिंतामुक्त रह रहे अपने सपने के आशियानों में
  रायपुर/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित आमसभा एवं विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास समारोह के दौरान हितग्राहियों से संवाद किया, तो मंच पर एक विशेष क्षण आया – प्रधानमंत्री और दल्लु राम बैगा के बीच सरल, संक्षिप्त किन्तु सजीव, आत्मीय एवं सारगर्भित संवाद।
प्रधानमंत्री ने मुस्कराकर पूछा –
“पक्का मकान बन गया है?”
दल्लु राम ने हाथ जोड़कर जवाब दिया –
“हां, बन गया है।”
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिर स्नेहपूर्वक पूछा –
“अच्छा लग रहा है की नहीं?”
भावुक दल्लु राम ने जवाब दिया
“अच्छा लग रहा है।”
प्रधानमंत्री ने अंत में पूछा –
“बाकी सब ठीक है?”
दल्लु राम ने आत्मविश्वास के साथ कहा –
“ठीक है।”
यह संवाद कोई औपचारिक प्रश्नोत्तर नहीं था, बल्कि विश्वास, संवेदना और साझेदारी का साक्षात चित्रण था।
छत्तीसगढ़ के तीन लाख गरीब परिवारों के लिए आज का दिन बेहद खास और अविस्मरणीय है। आज चैत्र नवरात्रि के पहले दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें उनके सपनों के आशियानों में गृहप्रवेश कराया। इनमें बड़ी संख्या में दूरस्थ वनांचलों के गरीब और वंचित परिवार भी शामिल हैं। ये ऐसे परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास जैसी योजना नहीं होती तो शायद ही कभी अपने खुद के पक्के मकान का सपना पूरा कर पाते। यह योजना प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों का बड़ा सपना पूरा कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिलासपुर के मोहभट्ठा में दूरस्थ अंचलों के तीन आदिवासी परिवारों को खुद अपने हाथों से नए आवासों की चाबी सौंपी। बीजापुर जिले के चेरपाल पंचायत की श्रीमती सोमारी पुनेम, कबीरधाम जिले के ग्राम हाथीडोब के   दल्लुराम बैगा और जशपुर जिले के करदना पंचायत के पहाड़ी कोरवा श्री जगतपाल राम को जब प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रतीक रूप में मंच से उनके नवनिर्मित पक्के आवासों की चाबी सौंपी तो उनकी खुशियां देखते ही बनती थी।
 रोटी, कपड़ा और मकान हर इंसान की सबसे बुनियादी जरूरतें हैं। पिछड़े ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जहां आज भी संसाधनों की भारी कमी है, वहां एक पक्का घर सिर्फ एक दीवार और छत नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और आत्मविश्वास का प्रतीक है।
  विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के दल्लुराम बैगा कभी कच्ची मिट्टी और खपरैल के घर में भय और असुरक्षा के साये में रहते थे। बरसात में छत से टपकते पानी, कमजोर मिट्टी की दीवारें और रात के सन्नाटे में रेंगते जहरीले जीव-जंतु... ऐसे हालात में पूरे परिवार के साथ रहना रोज का संघर्ष था।
  प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत दल्लुराम का आवास स्वीकृत होने के बाद उसके सपनों के घर का सफर शुरू हुआ। आवास निर्माण के लिए दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ ही 95 दिनों की मनरेगा मजदूरी के रूप में 23 हजार रुपए भी मिले। अन्य योजनाओं से रसोई गैस, शौचालय और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मिलीं। अब दल्लुराम और उसका परिवार न केवल सुरक्षित मकान में रह रहा है, बल्कि आत्मसम्मान और गर्व के साथ समाज में अपनी पहचान भी बना रहा है।
दीवारों की नहीं सपने के पूरे होने की मुस्कान
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरबा समुदाय के जशपुर जिले के सुदूर अंचल में बसे ग्राम करदना के श्री जगतपाल राम वर्षों से एक टूटी-फूटी झोपड़ी में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता था, चारों ओर कीचड़ और भीतर डर का माहौल बना रहता था। सांप-बिच्छुओं का डर, हर साल झोपड़ी की मरम्मत का बोझ, और बिजली जैसी मूलभूत सुविधा का भी अभाव था।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना जगतपाल के लिए उम्मीद की रोशनी लेकर आई। योजना के तहत मिली दो लाख रुपए की सहायता से जगतपाल ने साफ-सुथरा, मजबूत पक्का घर बनवाया जहां न केवल रहने के लिए कमरे हैं, बल्कि शौचालय और बिजली भी है। अब उनका परिवार मूसलाधार बारिश के थपेड़ो, जंगली जानवर और रात के अंधेरे के खतरों से सुरक्षित है।
आज जब जगतपाल अपने घर के सामने बैठते हैं, तो उनके चेहरे पर संतोष की मुस्कान होती है। यह मुस्कान सिर्फ दीवारों की नहीं, बल्कि सपने के पूरे होने की मुस्कान है। जगतपाल की ही तरह हजारों गरीब और वंचित आदिवासी परिवारों की भी ऐसी ही कहानी है जिनका जीवन प्रधानमंत्री आवास योजना ने खुशियों से भर दिया है।
टूटे सपनों को मिला सहारा और मिट्टी के आंगन में उग आई उम्मीद की छत
वर्षों तक संघर्ष करते हुए सोमारी पुनेम ने कभी नहीं सोचा था कि उसके सिर पर एक दिन पक्की छत होगी। पति के निधन के बाद वह अपने बेटे के साथ एक छोटे से टपकते छप्पर के नीचे जीवन की अनगिनत कठिनाइयों के बीच अपना जीवन-यापन कर रही थी। नियद नेल्ला नार योजना शुरू होने के बाद जब उसे प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिली, तो उसकी आंखें चमक उठी। वह बताती है - "मैंने अपने पास जो थोड़ी-बहुत बचत थी, वही लगाई। हर दिन मजदूरों के साथ बैठकर खुद ईंटें उठाई। घर बनता गया... और मेरा आत्मविश्वास भी। आखिरकार महीनों की मेहनत के बाद पक्का आवास बनकर तैयार हो गया। अब बारिश की बूंदें डर नहीं, राहत देती हैं... रातें भी सुकूनभरी लगती हैं। धूप से अब सिर्फ दीवारें नहीं, सम्मान भी बचता है।"
बीजापुर के चेरपाल में रहने वाली 60 साल की सोमारी कहती है - "आज जब मैं अपने घर के दरवाजे से अंदर जाती हूं, तो लगता है कि मैं अकेली नहीं हूं। मेरे साथ मेरे स्वर्गीय पति का सपना भी इस घर में सांस ले रहा है।" प्रधानमंत्री आवास योजना ने सोमारी को सिर्फ एक मकान नहीं दिया। यह योजना उसके जीवन में भरोसे की नींव, आत्मसम्मान की दीवारें और भविष्य की छत बनकर उतरी है।

जगदलपुर, शौर्यपथ। जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के हितग्राही परिवारों को रविवार को चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर पक्के आवास की सौगात मिलने पर इन हितग्राहियों में अपार खुशी दिखाई दी। इस मौके पर जिले के सातों विकासखण्डों के 9839 हितग्राहियों का उनके नए आवासों में गृह प्रवेश करवाने हेतु कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हितग्राहियों द्वारा विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर गृह प्रवेश किया गया और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के मैदानी अमलों ने हितग्राहियों को पुष्प गुच्छ भेंटकर बधाई दी। इस दौरान हितग्राहियों ने स्वयं का पक्का घर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा अब खुद के पक्के घर में रहने से सुकून मिलेगी। बस्तर ब्लॉक के बाकेल निवासी बुजुर्ग महिला सयती बघेल ने कहा अब बारिश के दिनों में ज्यादा सहूलियत होगी और पानी टपकने की चिंता से मुक्ति मिलेगी। ज्ञात हो कि रविवार को जिले के सातों विकासखण्डों बकावंड ब्लॉक में 3684, बास्तानार में 475, बस्तर में 2392, दरभा ब्लॉक में 436, जगदलपुर ब्लॉक में 1571, लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक में 1087 और तोकापाल में 194 हितग्राहियों ने प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत नवनिर्मित पक्के आवासों में गृह प्रवेश किया। इस दौरान सम्बन्धित गांवों में खुशी का अलग ही माहौल दिखाई दी।

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)