December 07, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

बिहार में सत्ता बदलाव के संकेत तेज! हृष्ठ्र की बंपर जीत के बाद किसके हाथ जाएगा ताज? शपथ से पहले सियासी सरगर्मी चरम

पटना / शौर्यपथ /

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य की राजनीति पूरी तरह गर्मा गई है। दो चरणों की मतदान प्रक्रिया और शुक्रवार को हुई मतगणना के बाद तस्वीर साफ हो गई है— हृष्ठ्र ने 202 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है , जिसमें 89 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। महागठबंधन मात्र 34 सीटों पर सिमट गया।
हालाँकि हृष्ठ्र ने अभी तक औपचारिक रूप से सरकार गठन का दावा नहीं पेश किया है, लेकिन अंदरखाने मंथन जारी है। इसी बीच तेज प्रताप यादव की नई राजनीतिक सक्रियता ने समीकरणों में नया मोड़ ला दिया है।

तेज प्रताप के 'समर्थन संकेतÓ से बढ़ी हलचल -सरकार में आएंगे साथ?
तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता प्रेम कुमार यादव ने बड़ा बयान दिया— बिहार के विकास के लिए जो भी उचित होगा, तेज प्रताप उसे करेंगेज् सरकार में सकारात्मक भूमिका निभाने को तैयार हैं। इसे राजनीतिक गलियारों में हृष्ठ्र सरकार को बाहरी या अंदरूनी समर्थन के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
तेज प्रताप ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य को पार्टी में मुख्य संरक्षक बनाने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा—"हम उनके चरणों में गिरकर भी उन्हें पार्टी में लाएँगे, क्योंकि जनशक्ति जनता दल ही असली लालू प्रसाद यादव की पार्टी है।"

नीतीश कुमार सरकार आज देगी इस्तीफा; कल होगी कार्यवाहक व्यवस्था की शुरुआत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 17 नवंबर को अंतिम कैबिनेट बैठक बुलाई है, जिसमें विधानसभा भंग करने की अनुशंसा , नई विधानसभा के गठन , पर मुहर लगेगी। उसके बाद नीतीश कुमार राज्यपाल को इस्तीफा सौंपेंगे, और नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। नई सरकार के गठन तक नीतीश कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

19 या 20 नवंबर को नए मुख्यमंत्री का शपथ समारोह, क्करू मोदी हो सकते हैं शामिल
गांधी मैदान में भव्य समारोह की तैयारी शुरू हो चुकी है।17 से 20 नवंबर गांधी मैदान आम लोगों के लिए बंद , 19 या 20 नवंबर शपथ ग्रहण की संभावित तारीख बताई जा रही है शपथ ग्रहण में क्करू मोदी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री हो सकते हैं शामिल

सरकार गठन फ ॉर्मूला तय-6 विधायकों पर 1 मंत्री!
बीजेपी-जेडीयू के बीच पहला दौर की बातचीत पूरी जिसमे मंत्रियों की संख्या और हिस्सेदारी पर सहमति बनाने की बात कही जा रही है सूत्रों के अनुसार 6 विधायकों पर 1 मंत्री का फार्मूला लागू किया जाएगा।इससे साफ है कि नई सरकार में चेहरों की संख्या सीमित और चयन बेहद रणनीतिक होगा।

हृष्ठ्र की जीत पर मुकेश सहनी का कटाक्ष - पैसे के दम पर जीते!
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने हार को स्वीकारते हुए भी एनडीए पर तीखा हमला बोला—महिलाओं को पैसे देकर वोट खरीदा गयाज् लोकतंत्र की लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने लालू परिवार की कलह को "पारिवारिक मामला" बताते हुए दोषारोपण की राजनीति को गलत ठहराया।

रोहिणी आचार्य का भावनात्मक विस्फोट— "पिता को बचाने के लिए दी गई किडनी को गंदा बताया जा रहा"
लालू यादव की बेटी रोहिणी ने सोशल मीडिया पर बेहद भावुक पोस्ट किया—"मेरे पति या बच्चों से अनुमति न लेकर पिता को बचाया, पर आज उसी बलिदान को गंदा कहा जा रहाज् किसी घर में 'रोहिणीÓ जैसी बेटी न हो।"उनके इस पोस्ट ने परिवार की अंदरूनी खटास को और उजागर कर दिया है।
मुख्यमंत्री आवास पर बैठकें तेज - बीजेपी अध्यक्ष, डिप्टी सीएम समेत जेडीयू के कई नेता पहुंचे लगातार सीएम हाउस में बैठकें कर रहे हैं। हृष्ठ्र विधायक दल की बैठक में नए नेता का चयन भी संभव है।

बिहार की सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा?
शपथ ग्रहण की तारीख तय है, स्थल तैयार है, मैदान बंद है। अब बस सवाल एक— हृष्ठ्र का मुख्यमंत्री कौन होगा? बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, मगर नीतीश की भूमिका भी निर्णायक बनी हुई है। तेज प्रताप की सक्रियता ने राजनीतिक समीकरण और रोचक बना दिए हैं।अगले 48 घंटे बिहार की राजनीति की दिशा तय करेंगे।

दुर्ग। शौर्यपथ।

दुर्ग जिला पंचायत में चाय–नाश्ते के नाम पर भ्रष्टाचार का बड़ा खेल उजागर हुआ है। जनदर्शन में पहुंचे युवा कांग्रेस नेता यशवंत देशमुख ने एक गंभीर मामले की शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि जिला पंचायत कार्यालय द्वारा 50 रुपये के नाश्ता–चाय के लिए 230 रुपये की अवैध भुगतान किया गया है।

दो साधारण बिल… और उनमें छिपी सैकड़ों नहीं, हजारों रुपये की लूट—यह मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है।

50 रुपये की चाय–नाश्ता ‘जादुई’ रूप से बना 230 रुपये!

 

शिकायत में बताया गया है कि

चाय — ₹10,नाश्ता — ₹30,पानी — ₹10

कुल वास्तविक लागत : ₹50 प्रति व्यक्ति

लेकिन जिला पंचायत कार्यालय ने इन साधारण वस्तुओं की प्रति प्लेट ₹230 का भुगतान कर दिया।यानी प्रति प्लेट ₹180 रुपये की सीधी लूट, जो एक मनरेगा मजदूर की एक दिन की मजदूरी से भी ज्यादा है।

सबसे चौंकाने वाली बात—यह भुगतान बिना GST बिल के किया गया, जो नियमों के पूर्ण विरुद्ध है।ग्राम पंचायतों में जहाँ बिना GST बिल के भुगतान नहीं किया जाता, वहीं जिला पंचायत जैसे उच्च कार्यालय में ही नियमों को ताक पर रखकर भुगतान किया गया… वो भी कई बार!

महिला स्व-सहायता समूह को छोड़ा गया, सड़क किनारे की छोटी दुकान को मिल गया हजारों का भुगतान!

जिला पंचायत ने गढ़ कलेवा का टेंडर महिला समूह को दिया है जहाँ सिर्फ ₹130 में पूरी स्पेशल थाली उपलब्ध है।इसके बावजूद चाय–नाश्ता के नाम पर 230 रुपये की खरीद कर दी गई!

सवाल उठता है—

? महिला समूह के उत्थान की बात सिर्फ कागजों पर ही क्यों?

? जब बेहतर विकल्प उपलब्ध था, तो फिर छोटी सी चाय दुकान को इतना बड़ा बिल किसकी सिफारिश पर?

खाली बिल का ‘चमत्कार’ — दुकानदार ने खोली पोल

 

चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि चौहान चाय–नाश्ता सेंटर के मालिक ने स्वयं कहा कि उन्होंने सिर्फ खाली बिल दिया था, उसमें लिखावट जिला पंचायत के द्वारा की गई या किसी और के द्वारा इसकी जानकारी नहीं है इस बिल मे उनके हस्ताक्षर भी नहीं है!

 

इससे यह साफ हो जाता है कि—

✔ बिल में हेरफेर कार्यालय में बैठकर की गई

✔ संख्या व दरें बाद में मनमानी तरीके से भरी गईं

✔ पूरी प्रक्रिया पूर्वनियोजित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है

राजस्व की डकैती या ‘चाय–नाश्ता घोटाला’?

 

कुछ ही घंटों के दो बैठकों का बिल 20 हजार और 35 हजार रुपये तक पहुंचा देना…यह कोई साधारण त्रुटि नहीं, बल्कि राजस्व की सीधी लूट है।

 

ऐसे में बड़ा सवाल—

क्या जिला प्रशासन इस खुली डकैती पर कठोर कार्रवाई करेगा

या फिर ‘अपना हिस्सा’ लेकर मौन साध लेगा?

क्योंकि अगर सिर्फ चाय–नाश्ते के दो बिलों में यह स्थिति है,तो अन्य बिलों की जांच में लाखों रुपये का घोटाला सामने आना कोई बड़ी बात नहीं!

 

 

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15वीं वित्त की राशि—जनहित के नाम पर भ्रष्टाचार का महाभोज

 

15वीं वित्त आयोग की राशि गांवों के विकास, बुनियादी सुविधाओं और जनहित के लिए होती है।

लेकिन यहां अधिकारियों ने उसे —

चाय–पानी और नाश्ते के नाम पर फर्जी बिल बनाकर ‘कमाई का जरिया’ बना दिया।

 

जब ग्राम पंचायत स्तर पर छोटी गलती पर भी

सरपंच–सचिव निलंबित कर दिए जाते हैं,

तो फिर जिला पंचायत जैसी उच्च इकाई में बैठे भ्रष्ट अधिकारी क्यों सुरक्षित हैं?

 

 

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कलेक्टर से कठोर कार्रवाई की मांग

 

युवा कांग्रेस नेता ने स्पष्ट मांग की है—

 

फर्जी भुगतान की तत्काल वसूली (रिकवरी) की जाए

 

संबंधित जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित किया जाए

 

पूरे प्रकरण की स्वतंत्र एवं व्यापक जांच कराई जाए

 

जिला पंचायत के सभी बिलों का ऑडिट कराया जाए

 

 

 

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प्रशासन की आँखें खोलने वाला प्रश्न

 

दुर्ग जिला में जहां आम जनता एक-एक रुपये की सुविधा का इंतज़ार करती है,

वहीं अधिकारी चाय के बिल पर ही हजारों रुपये उड़ा रहे हैं।

 

क्या शासन अब भी चुप रहेगा?

या फिर यह मामला उस ‘भ्रष्टाचार की चाय’ का पहला घूंट साबित होगा,

जो पूरे तंत्र की पोल खोल देगा?

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जगदलपुर में पत्रकारों के बीच पहला शो—बस्तर की वास्तविकता, दर्द और उम्मीद का संजीव चित्रण

 

By- नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। बहुप्रतीक्षित छत्तीसगढ़ी फिल्म “माटी” शुक्रवार को पूरे प्रदेश में रिलीज होते ही चर्चा का केंद्र बन गई। बस्तर में लंबे समय से प्रतीक्षित यह फिल्म अपने पहले ही दिन जगदलपुर के स्थानीय बिनाका मॉल स्थित मल्टीप्लेक्स में बस्तर जिला पत्रकार संघ के सदस्यों के लिए विशेष शो के रूप में प्रदर्शित की गई। बड़ी संख्या में पहुंचे पत्रकारों ने फिल्म देखकर बस्तर की वास्तविकताओं से रूबरू होने का अनुभव साझा किया।

फिल्म माटी न सिर्फ मनोरंजन करती है, बल्कि बस्तर की मिट्टी, संस्कृति, लोकजीवन और संघर्ष को पहली बार इतने सजीव, भावनात्मक और संवेदनशील रूप में बड़े पर्दे पर सामने लाती है। घने जंगलों, घाटियों, झरनों और दूरस्थ गांवों की प्राकृतिक सुंदरता को कैमरे ने एक ऐसी दृष्टि दी है, जिसने दर्शकों को अपनी ही मिट्टी से नए सिरे से जोड़ दिया।

फिल्म की कहानी नक्सलवाद की छाया में जी रहे बस्तरवासियों की पीड़ा, भय, प्रशासनिक तंत्र की जटिलताओं और आम लोगों के संघर्ष को बिना किसी आडंबर के पेश करती है। हिंसा और अनिश्चितता के बीच पनपती एक शांत, सच्ची और मासूम प्रेम कहानी इस फिल्म की भावनात्मक धड़कन बनकर उभरती है, जो अंधेरे परिस्थितियों में भी उम्मीद और जिंदगी की किरण दिखाती है।

फिल्म की खासियत यह है कि इसमें बस्तर के स्थानीय कलाकारों ने बड़ी संख्या में अभिनय किया है। उनका बोली-बानी, हावभाव और जीवनशैली कहानी को वास्तविक और भरोसेमंद आयाम देती है। निर्देशक ने कलाकारों को सिर्फ अभिनय नहीं कराया, बल्कि उन्हें अपनी ही कहानी को जीने का अवसर दिया है।

चन्द्रिका फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित फिल्म के निर्माता व कथाकार सम्पत झा ने कहा कि “माटी सिर्फ एक फिल्म नहीं, यह बस्तर की पहचान और हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। यहां की खुशबू, दर्द और उम्मीद को दुनिया के सामने लाना ही मकसद था।” उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में नक्सलवाद के डर के कारण स्थानीय लोग शामिल होने से हिचकिचा रहे थे, लेकिन बाद में वे खुद इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करने लगे।

फिल्म में 1000 से अधिक स्थानीय लोगों ने छोटी-बड़ी भूमिकाओं में काम किया है, जिससे इसका प्रत्येक दृश्य बस्तर की सच्चाई के और करीब नजर आता है।

फिल्म के निर्देशक अविनाश प्रसाद, जिन्होंने वर्षों तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कार्य किया है, ने बस्तर के सामाजिक ताने-बाने को बेहद जीवंत निर्देशन के साथ परदे पर उतारा है।

छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लोकप्रिय संगीतकार अमित प्रधान ने बैकग्राउंड स्कोर से फिल्म को गहराई दी है, वहीं मनोज पांडेय के लिखे गीत कहानी के संवेदनशील पहलुओं को और प्रभावी बनाते हैं।

फिल्म की संपूर्ण शूटिंग बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों, नदी-घाटियों, पहाड़ों, जंगलों और दुर्गम गांवों में की गई है। इन प्राकृतिक दृश्यों की मौलिक सुंदरता ने फिल्म को दृश्यात्मक रूप से और भी आकर्षक बना दिया है।

मुख्य कलाकारों में महेन्द्र ठाकुर (भीमा), भूमिका साहा (उर्मिला) सहित भूमिका निषाद, राजेश मोहंती, आशुतोष तिवारी, दीपक नाथन, संतोष दानी, निर्मल सिंह राजपूत, जितेन्द्र ठाकुर, नीलिमा, लावण्या मानिकपुरी, पूर्णिमा सरोज, श्रीधर राव, बादशाह खान और कई स्थानीय कलाकारों ने दमदार अभिनय कर दर्शकों का दिल जीता है।

 RSIPUR / SHOURYAPATH /  मुख्यमंत्री निवास में गुरुवार को आयोजित जनदर्शन एक बार फिर लोगों की उम्मीदों का केंद्र बना रहा। अलग-अलग जिलों से आए लोगों ने अपनी समस्याएँ लेकर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने हर एक आवेदक की बात ध्यान से सुनी और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

पहली ही मुलाकात में रायपुर की 11 वर्षीय पूनम सभी का ध्यान खींच ले गई। सेरेब्रल पाल्सी से जूझ रही पूनम को मुख्यमंत्री ने विशेष विद्यालय में दाखिला और छात्रवृत्ति देने की घोषणा की।

जनदर्शन के दौरान भिलाई के कलाकार अंकुश देवांगन अपनी अनोखी संगमरमर कला लेकर पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया की सबसे छोटी संगमरमर प्रतिमा भेंट की। फ्रेम में लगा माइक्रोस्कोपिक लेंस इस कलाकृति को और खास बनाता है। मुख्यमंत्री ने उनकी कला की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के कलाकारों में अद्भुत प्रतिभा है।

रायपुर के दिव्यांग युवक मनीष खुंटे भी अपनी बैटरी चालित स्कूटी से मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। कुछ दिन पहले ही उन्हें इसी जनदर्शन में स्कूटी स्वीकृत की गई थी। मनीष ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और उनके साथ सेल्फी भी ली। मनीष की मुस्कान ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को भावुक कर दिया।

खेल क्षेत्र से आए युवाओं ने भी मुख्यमंत्री से सहायता की मांग रखी। वूमेन्स सेल्फ डिफेंस ऑर्गनाइजेशन के खिलाड़ियों ने स्वेच्छानुदान का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। खिलाड़ियों ने बताया कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

इसी दौरान अभनपुर के दिव्यांग रग्बी खिलाड़ी पिंटू साहू ने व्हीलचेयर और खेल सामग्री खरीदने के लिए सहायता मांगी। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही 90 हजार रुपए की आर्थिक मदद स्वीकृत की। पिंटू ने कहा कि यह सहयोग उनके खेल करियर के लिए नई शुरुआत है।

जनदर्शन में कई महिलाएँ, बुजुर्ग और किसान भी पहुंचे। आवास, स्वास्थ्य उपचार, सामाजिक सुरक्षा, छात्रवृत्ति और रोजगार से जुड़े आवेदन आए। मुख्यमंत्री ने सभी मामलों को प्राथमिकता से निपटाने को कहा। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी आवेदक निराश न लौटे।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जनदर्शन प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता और जवाबदेही का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “हम कोशिश करते हैं कि अधिक से अधिक लोगों की समस्याएँ सुनकर मौके पर ही उसका समाधान किया जाए।"

जनदर्शन के समापन तक बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याओं के त्वरित और व्यवहारिक समाधान से संतुष्ट दिखाई दिए। लोगों ने कहा कि यह व्यवस्था उन्हें सरकार से सीधे जुड़ने का विश्वास दिलाती है—जहाँ उनकी बात न सिर्फ सुनी जाती है, बल्कि उसी समय समाधान की दिशा में ठोस कदम भी उठाए जाते हैं। इससे आमजन में भरोसा, पारदर्शिता और सहभागिता की भावना और मजबूत हुई है।

RAIPUR / SHOURYAPATH / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आज मुख्यमंत्री निवास में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम ने फिर एक बार यह सिद्ध कर दिया कि शासन जब संवेदनशील होता है, तो जनता के सपने और विश्वास दोनों को नई उड़ान मिलती है। जनदर्शन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुँचे नागरिकों ने अपनी समस्याएँ, सुझाव और आकांक्षाएँ मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक आवेदक की बात ध्यानपूर्वक सुन अधिकारियों को मौके पर ही समाधान के निर्देश दिए। कार्यक्रम में सरकार की जवाबदेही, संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय क्षमता का सुंदर उदाहरण देखने को मिला।

जनता के विश्वास की मजबूत डोर है मुख्यमंत्री जनदर्शन

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनदर्शन प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता और जवाबदेही का प्रतीक है।
उन्होंने स्पष्ट किया, “हमारी कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों की समस्याओं का उसी समय समाधान किया जाए। कार्यक्रम में महिलाएँ, छात्र, किसान, बुजुर्ग और दिव्यांगजन बड़ी संख्या में पहुँचे। आवास, छात्रवृत्ति, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े आवेदन प्रस्तुत किए गए, जिनमें से अधिकांश का समाधान उसी दिन कर दिया गया। लोगों के चेहरों पर राहत और संतोष की मुस्कान इस पहल की सफलता को बयां कर रही थी।

पूनम की मुस्कान ने सबको किया भावुक

रायपुर की 11 वर्षीय पूनम, जो सेरेब्रल पाल्सी से जूझ रही है, जनदर्शन की सबसे भावुक झलक बनी। मुख्यमंत्री ने उसकी शिक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए विशेष विद्यालय में दाखिला और छात्रवृत्ति की घोषणा की।
यह क्षण वहाँ मौजूद सभी के लिए भावनाओं से भरा रहा, जब एक बच्ची के भविष्य का जिम्मा मुख्यमंत्री ने अपने हाथ में ले लिया।


भिलाई के अंकुश देवांगन की लघु संगमरमर कला ने जीता दिल

भिलाई निवासी कलाकार अंकुश देवांगन ने जनदर्शन में अपनी अद्भुत रचना प्रस्तुत की। अंकुश ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सूक्ष्म संगमरमर की प्रतिमा मुख्यमंत्री के माध्यम से उन्हें भेंट की। महज आधे सेंटीमीटर की यह प्रतिमा माइक्रोस्कोपिक लेंस से देखी जा सकती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इसे “समर्पण और धैर्य की अद्वितीय मिसाल” बताते हुए अंकुश के कला की खूब सराहना की।

शिवकुमार निराला ने अपने हाथों से तैयार किए राजनीतिक यात्रा के मानचित्र

सारंगढ़-बिलाईगढ़ के शिवकुमार निराला ने मुख्यमंत्री को “प्रदेश की राजनीतिक यात्रा का मानचित्र” भेंट किया। इसमें 1998 से अब तक के लोकसभा और विधानसभा चुनावों का सीटवार विश्लेषण और जनप्रतिनिधियों का कलात्मक चित्रण शामिल था।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह केवल आंकड़ों का नहीं, बल्कि सृजनात्मक सोच का सुंदर उदाहरण है।”

मनीष की मुस्कान ने लौटाया आत्मविश्वास

रायपुर के दिव्यांग युवक मनीष खुंटे आज अपनी बैटरी स्कूटी चलाकर जनदर्शन पहुँचे। वही स्कूटी जो उन्हें पिछले जनदर्शन में मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत की गई थी।
मुख्यमंत्री ने उनसे आत्मीयता से बातचीत की और सेल्फी भी ली। मनीष ने कहा, “अब कहीं आने-जाने में कठिनाई नहीं होती, यह मेरे जीवन की नई शुरुआत है।”


अनुसूचित जाति छात्रावास को मिलेगा नया भवन

मुख्यमंत्री ने रायपुर स्थित अनुसूचित जाति बालक छात्रावास की जर्जर स्थिति पर संज्ञान लेते हुए 200 सीटों वाले नए सर्वसुविधायुक्त भवन के निर्माण का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सुरक्षित और अनुकूल अध्ययन वातावरण देना सरकार की प्राथमिकता है।

श्रवण यंत्र से लौटाई सुनने की क्षमता

रायपुर के ब्राह्मण पारा निवासी रमन निर्मलकर को मुख्यमंत्री द्वारा तत्काल श्रवण यंत्र प्रदान किया गया।
भावुक निर्मलकर बोले, “मुख्यमंत्री जी ने मेरी आवाज सुनी और मेरे सुनने की शक्ति वापस लौटा दी।


खिलाड़ियों से संवाद — संवेदना और प्रोत्साहन का संगम

जनदर्शन में वूमेन्स सेल्फ डिफेंस ऑर्गनाइजेशन की महिला खिलाड़ियों से मुख्यमंत्री ने मुलाकात की और खेल प्रतिभाओं को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया।
इसी दौरान अभनपुर के दिव्यांग रग्बी खिलाड़ी पिंटू साहू को 90,000 रूपये की सहायता स्वीकृत की गई। पिंटू ने कहा, “यह सहयोग मेरे खेल जीवन की नई शुरुआत है।”

जनदर्शन — जनता और सरकार के बीच भरोसे की सेतु

जनदर्शन के समापन पर लोगों के चेहरों पर विश्वास और तसल्ली झलक रही थी। यह केवल समस्याओं के समाधान का नहीं, बल्कि सरकार और जनता के बीच सशक्त संवाद का मंच बन गया।
जनता का कहना था कि यहाँ “हर आवाज को सम्मान और हर समस्या को समाधान” मिलता है।

 प्रधानमंत्री के संबोधन का प्रसारण और मुख्यमंत्री के संदेश का होगा वाचन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जगदलपुर में आयोजित कार्यक्रम में होंगे शामिल

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में गरिमामय ढंग से मनायी जाएगी। इस अवसर पर जिलों में विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। आयोजन के संबंध में सभी जिलों में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। जिला मुख्यालयों में आयोजित होने वाले जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, मंत्रिगण, सांसद एवं विधायकगण मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का सीधा प्रसारण अधिकारिक यू-ट्यूब चैनल एवं डीडी न्यूज के माध्यम से होगा, जिसे देखने और सुनने की व्यवस्था भी कार्यक्रम स्थल पर होगी। कार्यक्रम के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी का संदेश पत्र वाचन होगा तथा “पीएम जनमन”, “आदि कर्मयोगी”, “धरती आबा” जैसी योजनाओं पर आधारित लघु फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी।

राज्य शासन द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन के संबंध में जारी कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर में जनजातीय गौरव दिवस का गरिमामय आयोजन होगा। इस मौके पर वनमंत्री श्री केदार कश्यप और विधायक श्री किरण सिंह देव विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।

दुर्ग जिले में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, बिलासपुर में उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, रायपुर में केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री तोखनलाल साहू और राजनांदगांव में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, बलरामपुर में कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, बेमेतरा में खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, कोरबा में उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, रायगढ़ में राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सरगुजा में वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, जांजगीर-चांपा में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, महासमुंद में कौशल विकास तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरू खुशवंत साहेब, कांकेर में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, कोरिया में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री राजेश अग्रवाल मुख्य अतिथि होंगे।

इसी तरह बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, सूरजपुर में सांसद श्री चिंतामणि महाराज, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में सांसद श्री विजय बघेल, कबीरधाम में सांसद श्री संतोष पाण्डेय, बालोद में सांसद श्री भोजराज नाग, गरियाबंद में सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, जशपुर में सांसद श्री राधेश्याम राठिया, सक्ती में सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, बीजापुर में सांसद महेश कश्यप, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में राज्य सभा सांसद श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह मोहला-मानपुर चौकी में विधायक श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, धमतरी में विधायक श्री अजय चन्द्राकर, कोण्डागांव में विधायक सुश्री लता उसेण्डी, मुंगेली में विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, नारायणपुर में विधायक श्री विक्रम उसेंण्डी, सुकमा में विधायक श्री नीलकंठ टेकाम, दंतेवाड़ा में विधायक श्री चैतराम अटामी और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में विधायक श्री प्रणव कुमार मरपच्ची मुख्य अतिथि होंगे।

गौरतलब है कि देशभर में 01 नवम्बर से 15 नवम्बर 2025 तक “जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा” मनाया जा रहा है। राज्य के सभी जिलों में इस अवसर पर विविध कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों, जनजातीय समुदाय के प्रमुखों एवं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। जनजातीय संस्कृति, कला, व्यंजन, हस्तशिल्प और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी एवं लाभार्थी संवाद कार्यक्रम भी जिला स्तरीय समारोह का प्रमुख आकर्षण होंगे। स्कूलों, आश्रम शालाओं और आवासीय विद्यालयों में भी इस अवसर पर विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे।

जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष लाभार्थी शिविरों में आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री जनधन खाता, जाति प्रमाण-पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, सिकल सेल जांच और स्वास्थ्य परीक्षण जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जिला, विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर प्रभात फेरी, जन-जागरूकता यात्रा, सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं, चित्रकला, निबंध लेखन, वाद-विवाद, वृक्षारोपण तथा जनजातीय नायक-नायिकाओं पर संगोष्ठियां होंगी।

मदिरा दुकानों की सतत् जांच और मदिरा व अन्य मादक पदार्थों के अवैध कारोबार संलिप्त लोगों के विरूद्ध करें कठोर कार्रवाई

रायपुर / शौर्यपथ / आबकारी विभाग की सचिव सह आबकारी आयुक्त सुश्री आर. शंगीता ने आज नवा रायपुर स्थित कार्यालय में विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में सभी जिलों, उड़नदस्ता, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पाेरेशन लिमिटेड तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर सचिव सह आयुक्त ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित 12,500 करोड़ रूपए के राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति हेतु ठोस रणनीति अपनाने, दुकानवार समीक्षा करने और अनुशासन के साथ कार्य संपादन के निर्देश दिए।

सचिव सह आबकारी आयुक्त ने बैठक में राजस्व लक्ष्य की जिलेवार समीक्षा करते हुए जिन जिलों ने अक्टूबर माह तक लक्ष्य की प्राप्ति की है, उन्हें सतत् कार्य जारी रखने के निर्देश दिए गए। वहीं लक्ष्य से पीछे चल रहे जिलों को इसके कारणों की दुकानवार समीक्षा कर कमी की पूर्ति हेतु विस्तृत कार्य-योजना बनाकर तत्परता से अमल में लाने के निर्देश दिए गए।

सुश्री शंगीता ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मदिरा दुकानों में उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार मदिरा स्कंध का संधारण सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को सचेत किया कि इस बात का वह विशेष रूप से ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में कहीं भी निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर मदिरा का विक्रय न होने पाए। उन्होंने अधिकारियों को मदिरा दुकानों में नियम और अनुशासन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए। दुकानों में उपलब्ध मदिरा को नियमानुसार दरों सहित रैकों में प्रदर्शित करने कहा गया, ताकि उपभोक्ताओं को पारदर्शिता और सुविधा मिल सके।

सचिव सह आबकारी आयुक्त ने बैठक में अधिकारियों को इस बात की स्पष्ट हिदायत दी कि मदिरा में किसी प्रकार की मिलावट न होने पाए। इसके लिए सभी जिला अधिकारी सप्ताह में कम से कम दो दिन आकस्मिक निरीक्षण करने और वहां पाई गई अनियमितताओं पर तत्काल कार्रवाई और दोषी कर्मचारियों को तत्काल कार्यमुक्त कर ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, दुकानों में पेटीएम या अन्य कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पृथक काउंटर की व्यवस्था के भी निर्देश दिए गए।

सचिव सह आयुक्त ने प्रदेश में संचालित बारों, क्लबों, होटलों और ढाबों की आकस्मिक जांच करने तथा समय पश्चात संचालन अथवा अवैध मदिरा विक्रय करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने अवैध मदिरा एवं अन्य मादक पदार्थों के निर्माण, परिवहन, तस्करी और विक्रय पर सख्त नियंत्रण रखने हेतु आवश्यकता पड़ने पर पुलिस विभाग से सहयोग लेने के निर्देश दिए गए।

राज्य की अंतरराज्यीय सीमाओं पर स्थित आबकारी जांच चौकियों को अन्य राज्यों की मदिरा के विरुद्ध विशेष अभियान चलाने और सीसीटीवी कैमरों के सुचारू संचालन की निगरानी रखने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा विभाग में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई तथा कर्मचारियों के पेंशन और अनुकम्पा नियुक्ति से संबंधित प्रकरणों का संवेदनशीलता के साथ शीघ्र निराकरण करने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में विशेष सचिव आबकारी विभाग श्री देवेन्द्र सिंह भारद्वाज सहित मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, संभागीय व जिला आबकारी अधिकारी उपस्थित थे।

बिलासपुर से दिव्यांग सोनी की ख़ास रिपोर्ट
बिलासपुर / शौर्यपथ / शहर का पुराना बस स्टैंड इलाका आज अवैध गतिविधियों का पर्याय बन चुका है। एक समय जहां यह क्षेत्र यात्रियों और व्यापारियों की आवाजाही से गुलजार रहता था,वहीं अब यहाँ खुलेआम नशे का कारोबार और अवैध चखना दुकानों की भरमार देखने को मिल रही है। क्षेत्र के लोग अब इसे “नशे का अड्डा” कहकर पुकारने लगे हैं।
आबकारी अधिनियम के अनुसार, किसी भी अधिकृत शराब दुकान से 50 मीटर की परिधि में चखना दुकान या शराब सेवन स्थल संचालित करना पूर्णतः प्रतिबंधित है। मगर पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में यह नियम खुलेआम तोड़ा जा रहा है। दुकानदार बेखौफ तरीके से शराबियों को जगह-जगह बैठाकर चखना बेच रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब आबकारी विभाग और पुलिस की मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं हो सकता।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि इन दुकानों के चलते शाम ढलते ही यह क्षेत्र हुड़दंगियों और नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है। आए दिन शराब के नशे में झगड़े,तोड़फोड़ और मारपीट की घटनाएँ होती रहती हैं। कई बार चाकूबाजी और गंभीर हिंसा तक के मामले सामने आ चुके हैं,लेकिन फिर भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
नगर निगम ने कुछ समय पहले रेन बसेरा की दीवारें तोड़ दी थीं,जिसके बाद वहाँ खाली पड़ी जगह पर शराबियों ने स्थायी अड्डा बना लिया। अब यह इलाका दिन में भी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बना रहता है। भगत लॉज के नीचे स्थित व्यापारियों ने बताया कि नशेड़ियों के आतंक से उनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है — ग्राहक अब इस रास्ते से गुजरना भी पसंद नहीं करते।
वहीं,स्थानीय युवाओं और अभिभावकों ने बताया कि अब यहाँ सिर्फ शराब ही नहीं,बल्कि गांजा,नाइट्रा टैबलेट,कफ सिरप और अन्य नशीले पदार्थों की खुलेआम बिक्री हो रही है। कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कार्रवाई न होने से लोग अब निराश हैं। “अगर आबकारी और पुलिस विभाग चाहें तो 24 घंटे के भीतर ये दुकानें बंद हो सकती हैं,लेकिन विभागीय संरक्षण के चलते यह धंधा लगातार चल रहा है,” एक व्यापारी ने नाराजगी जताई। शहर के बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि प्रशासन यदि समय रहते कदम नहीं उठाएगा तो यह क्षेत्र कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
हालांकि पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह ने हाल के दिनों में नशे के खिलाफ सख्त अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं,लेकिन जमीनी स्तर पर उसका असर अभी तक नज़र नहीं आ रहा। स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन,पुलिस और आबकारी विभाग से तत्काल संयुक्त कार्रवाई की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि पुराने बस स्टैंड क्षेत्र की साख बचाने के लिए आवश्यक है कि यहाँ से अवैध दुकानों,नशे के अड्डों और असामाजिक तत्वों को जल्द से जल्द हटाया जाए।

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