December 07, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

जगदलपुर, शौर्यपथ। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा 2025 के अंतर्गत संपूर्ण बस्तर जिले में चलाए जा रहे यातायात जागरूकता अभियान के तहत मंगलवार को दंतेश्वरी फ़ार्मेसी कॉलेज, बोरपदर (जगदलपुर) में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम पुलिस अधीक्षक बस्तर शलभ सिन्हा के मार्गदर्शन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग के पर्यवेक्षण में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के दौरान उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) जगदलपुर संतोष जैन, यातायात प्रभारी मधुसूदन नाग एवं प्रकाश देवांगन ने कॉलेज के लगभग 100 छात्र-छात्राओं, अध्यापक एवं स्टाफ को सड़क सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। इनमें ट्रैफिक नियमों का पालन, सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण, रोकथाम के उपाय, गुड सेमेरिटन लॉ तथा बस्तर क्षेत्र में पूर्व में हुई दुर्घटनाओं के उदाहरण शामिल थे।

छात्रों एवं स्टाफ ने गम्भीरता से जानकारी को सुना तथा भविष्य में यातायात नियमों का पालन करने का संकल्प व्यक्त किया।

कॉलेज प्राचार्य ने भी सभी छात्रों से दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अनिवार्य रूप से पहनने की अपील की और स्पष्ट कहा कि बिना हेलमेट किसी भी विद्यार्थी को कॉलेज गेट से प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्राचार्य की इस पहल पर सभी छात्रों ने सहमति जताई।

कार्यक्रम में कॉलेज के अध्यापक, स्टाफ तथा यातायात विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुआ।

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षीय लोकतांत्रिक यात्रा में वर्तमान विधानसभा भवन हमारी कार्यसंस्कृति, संवाद, लोकतांत्रिक मर्यादाओं और जनसेवा के संकल्प का जीवंत प्रतीक रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक यात्रा में वर्तमान विधानसभा भवन हमारी सामूहिक कार्यसंस्कृति, संवाद, लोकतांत्रिक मर्यादाओं और जनसेवा के संकल्प का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में इस भवन ने अनगिनत ऐतिहासिक निर्णयों, महत्त्वपूर्ण बहसों और जनहित से जुड़े विधेयकों को जन्म लेते देखा है। यह भवन प्रदेश के विकास, समृद्धि और मजबूत लोकतंत्र का आधार स्तंभ रहा है। यह भवन न केवल हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है, बल्कि आगामी जिम्मेदारियों और भविष्य की चुनौतियों के प्रति हमें और अधिक दृढ़ता, प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की प्रेरणा भी देता है। हम सभी के संयुक्त प्रयासों से छत्तीसगढ़ ने बीते वर्षों में विकास, सुशासन और जनकल्याण की नई इबारत लिखी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अब जब हम नए विधानसभा भवन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, तब यह पुराना भवन अपनी हर दीवार, खिड़की और आँगन के साथ हमारी स्मृतियों में सदैव अंकित रहेगा। यह स्थान छत्तीसगढ़ की गौरवशाली संसदीय परंपरा, सुसंस्कृत संवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों का सजीव प्रमाण है।

प्रदेश के 36 लाख से अधिक उपभोक्ता होंगे लाभान्वित

रायपुर / शौर्यपथ /
राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में नई बिजली योजना की घोषणा की। अब प्रदेश के ऐसे घरेलू उपभोक्ताओं को जिनका 200 यूनिट तक विद्युत खपत है उन्हें 200 यूनिट तक हाफ बिजली का पूरा लाभ प्राप्त होगा। इस निर्णय से राज्य के 36 लाख घरेलू उपभोक्ता सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। 200 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी अगले 1 वर्ष तक 200 यूनिट तक हॉफ बिजली बिल का लाभ मिलेगा, इससे 6 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इन उपभोक्ताओं को 1 वर्ष तक की छूट दी गई है ताकि इस अवधि में वे अपने घरों में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित करा सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हर उपभोक्ता को सस्ती, सुचारू और भरोसेमंद विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराना है। सोलर प्लांट स्थापना प्रक्रिया में समय लगने के कारण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 1 दिसंबर से नई योजना लागू की जा रही है, जिससे आम जनता के बिजली बिल में महत्वपूर्ण कमी आएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत राज्य शासन की ओर से सब्सिडी दी जा रही है। जिसके तहत 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 15,000 रुपये तथा 2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के प्लांट पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। यह व्यवस्था राज्य में सौर ऊर्जा अपनाने को प्रोत्साहित करेगी और आने वाले समय में उपभोक्ताओं को हाफ बिजली से फ्री बिजली की ओर ले जाएगी।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह निर्णय न केवल जनता के बिजली बिल को कम करेगा बल्कि राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।

  रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षाबलों द्वारा संचालित सफल ऑपरेशन में शीर्ष नक्सली लीडर एवं सीसी मेम्बर माडवी हिड़मा सहित छह नक्सलियों के न्यूट्रलाइज होने की ऐतिहासिक उपलब्धि पर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस को सलाम करते हुए कहा है कि “यह घटना नक्सलवाद के विरुद्ध संघर्ष में निर्णायक उपलब्धि है।"
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षाबलों के सफल ऑपरेशन में शीर्ष नक्सली लीडर और सीसी मेम्बर माडवी हिड़मा सहित छह नक्सलियों का न्यूट्रलाइज होना नक्सलवाद के विरुद्ध हमारी लड़ाई में एक निर्णायक उपलब्धि है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सुरक्षाबल के जवानों के अदम्य साहस को नमन किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हिड़मा वर्षों से बस्तर में रक्तपात, हिंसा और दहशत का चेहरा था। आज उसका अंत न सिर्फ एक ऑपरेशन की उपलब्धि है, बल्कि लाल आतंक पर गहरी चोट है, साथ ही यह क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की हमारी प्रतिबद्धता को और सशक्त करता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बीते महीनों में सैकड़ों नक्सलियों का आत्मसमर्पण, टॉप कैडर की गिरफ्तारियाँ और लगातार सफल ऑपरेशन्स बताते हैं कि नक्सलवाद अब अंतिम सांसें ले रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में हमारी सुशासन सरकार बस्तर में शांति, विश्वास और विकास की नई धारा बहा रही है।नियद नेल्ला नार, नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति, नवीन सुरक्षा कैंप की स्थापना, इन कदमों ने जनविश्वास को मजबूत किया है और बस्तर के हर गांव में नया आत्मविश्वास भरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि केंद्र–राज्य की संयुक्त रणनीति के साथ मार्च 2026 तक भारत पूर्णतः नक्सलमुक्त होगा।

मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए उन्नत व्यापार और सहयोगी कर प्रशासन अनिवार्य– वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी
घटी GST दरों का लाभ आम जनता तक पहुँचाना विभाग की प्रमुख जिम्मेदारी–वित्त मंत्री

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने आज नवा रायपुर स्थित सीबीडी बिल्डिंग के 5वें एवं 6वें तल पर निर्मित आयुक्त, राज्य कर (GST) के नए अत्याधुनिक कार्यालय भवन का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर वित्त सचिव श्री मुकेश बंसल, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन श्री सतीश थौरानी एवं प्रतिनिधिगण, CAIT के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर परवानी, CA एसोसिएशन व बार एसोसिएशन के पदाधिकारी सहित रायपुर मुख्यालय एवं विभिन्न संभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि “राज्य की अर्थव्यवस्था तभी मजबूत हो सकती है, जब व्यापार तरक्की करे और व्यापारियों को सरल एवं सहयोगी कर प्रशासन मिले। राज्य सरकार जनकल्याण के कार्यों को प्रभावी ढंग से तभी आगे बढ़ा सकती है, जब राजस्व व्यवस्था सुदृढ़ हो। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि GST विभाग के अधिकारी व्यापारियों की समस्याओं को समर्पण भाव से दूर करें, तकनीकी कठिनाइयों में उनकी सहायता करें और उन्हें नियमों व प्रक्रियाओं को समझने में सहयोग प्रदान करें।

GST 2.0: जनता को राहत, व्यवसाय और रोजगार को गति

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि GST 2.0 कर सुधारों का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों पर कर का बोझ कम करना, खपत को बढ़ावा देना, रोजगार सृजित करना और छोटे व्यवसायों व किसानों को मजबूती देना है। उन्होंने बताया कि इन सुधारों से औसत भारतीय परिवार को सालाना 25 हजार से 40 हजार तक की सीधी बचत मिलेगी, वहीं किसानों, छोटे व्यवसायियों और कारीगरों की आय में 10-20% वृद्धि संभव होगी।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनयापन संबंधी वस्तुओं पर कर घटने से परिवारों पर व्यय का बोझ कम होगा और जीवन अधिक सुरक्षित व सुलभ बनेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि “GST 2.0 से मिलने वाली राहत का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुँचे, यह विभाग की जिम्मेदारी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि 22 सितंबर से लागू GST 2.0 ने कर संरचना को सरल बनाया है और कई वस्तुओं पर कर दरों में कटौती की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुधारों का लाभ व्यापारियों, मध्यम वर्गीय परिवारों, किसानों, विद्यार्थियों और आम उपभोक्ताओं तक बिना किसी बाधा पहुँचाया जाए।

उत्कृष्ट करदाताओं को किया सम्मानित

कार्यक्रम में वर्ष 2024-25 के उत्कृष्ट करदाताओं को उच्च कर भुगतान, उत्कृष्ट अनुपालन और निरंतर वृद्धि के लिए Taxpayer Appreciation Award प्रदान किए गए। पुरस्कार पाने वाले प्रमुख संस्थानों में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, एमपीसीजी मोबाइल प्रा. लि., एनटीपीसी, रिलायंस रिटेल लिमिटेड, सारडा एंड मिनरल्स, मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे, भिलाई स्टील प्लांट और एबिस फूड्स एंड प्रोटीन प्रा. लि. शामिल हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि यह सम्मान राज्य के अनुकरणीय करदाताओं को प्रोत्साहित करने तथा कर अनुपालन को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम है।

आधुनिक, पारदर्शी व करदाता हितैषी प्रशासन की दिशा में कदम

अपने संबोधन के अंत में वित्त मंत्री ने कहा कि नवा रायपुर में निर्मित नया कार्यालय भवन राज्य कर विभाग की पारदर्शिता, कार्यकुशलता और करदाता हितैषी सेवाओं को नई दिशा देगा। यह भवन आधुनिक प्रशासनिक व्यवस्था और सहज कर सेवा प्रणाली का नया प्रतीक है।

प्रदेश में प्रतिष्ठित ट्रॉफी का आगमन युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायी: मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज विधानसभा परिसर से प्रतिष्ठित एफआईएच जूनियर मेन्स हॉकी वर्ल्ड कप 2025 की ट्रॉफी का अनावरण किया। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप तथा उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि विश्व की प्रतिष्ठित एफआईएच जूनियर मेन्स हॉकी वर्ल्ड कप 2025 की चमचमाती ट्रॉफी पहली बार भारत टूर के तहत आज छत्तीसगढ़ पहुंची और विधानसभा परिसर में आयोजित गरिमामयी समारोह में इसका अनावरण किया गया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि भारत में एफआईएच जूनियर वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन होना अत्यंत गर्व की बात है और इस ट्रॉफी का छत्तीसगढ़ आगमन राज्य के लिए विशेष सम्मान का अवसर है। उन्होंने हॉकी इंडिया के प्रति आभार जताते हुए कहा कि ट्रॉफी टूर देशभर में खेलों के प्रति उत्साह एवं प्रेरणा को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण प्रयास है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा इस अभियान का शुभारंभ देश में खेल भावना को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शुरू से ही हॉकी की उर्वर भूमि रहा है। राजनांदगांव, बस्तर, जशपुर, सरगुजा, रायपुर, बिलासपुर और कोरबा जैसे जिलों से बड़ी संख्या में बच्चे हॉकी खेल में अपना भविष्य संवार रहे हैं। ट्रॉफी का यहां आगमन राज्य के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल अधोसंरचना के विस्तार, प्रशिक्षण सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण और उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री साय ने कहा कि यह ट्रॉफी दुनिया के श्रेष्ठ खिलाड़ियों की मेहनत, अनुशासन और सपनों का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हॉकी इंडिया, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ और छत्तीसगढ़ हॉकी को बधाई और शुभकामनाएं भी दी।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ट्रॉफी के भव्य अनावरण के लिए छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ और छत्तीसगढ़ हॉकी के पदाधिकारियों और खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव विक्रम सिसोदिया, संघ के अन्य पदाधिकारी, हॉकी संगठन के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में खिलाड़ी उपस्थित रहे।

भारत पहली बार बनेगा जूनियर वर्ल्ड कप का मेजबान

गौरतलब है कि एफआईएच हॉकी जूनियर मेन्स वर्ल्ड कप 2025 की मेजबानी भारत पहली बार कर रहा है। प्रतियोगिता 28 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलेगी और तमिलनाडु के चेन्नई व मदुरै में आयोजित की जाएगी।

कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा और सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने खिलाड़ियों का बढ़ाया मनोबल

रायपुर / शौर्यपथ /
विकासखंड स्तरीय सांसद खेल महोत्सव का समापन आज बलौदाबाजार स्पोर्ट्स स्टेडियम में गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री श्री टंकराम वर्मा तथा रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल शामिल हुए। दोनों अतिथियों ने विजेता खिलाड़ियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया और सभी खिलाड़ियों को नशामुक्ति की शपथ दिलाई।

अपने उद्बोधन में मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि खेल जीवन के हर उतार-चढ़ाव का सामना करना सिखाते हैं। सांसद खेल महोत्सव के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में छिपी प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पहली बार किसी संसदीय क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ी एक साथ जुटे हैं, जो खेल जगत के लिए उत्साहजनक है।

सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जीत-हार से कहीं अधिक महत्वपूर्ण खेल भावना है। उन्होंने कहा कि खेलकूद से व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है, साथ ही टीम स्पिरिट, अनुशासन और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा फिट इंडिया मिशन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किए गए सांसद खेल महोत्सव की महत्ता बताते हुए कहा कि इससे युवाओं में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिला है। सांसद श्री अग्रवाल ने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ सरकार उत्कृष्ट खिलाड़ियों को विभिन्न शासकीय सेवाओं में नियुक्त कर रही है और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले कई खिलाड़ी आज सरकारी पदों पर कार्यरत हैं।

उल्लेखनीय है कि सांसद खेल महोत्सव 2025 के तहत रायपुर लोकसभा क्षेत्र में 21 सितंबर से 13 विधाओं में पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों की प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। 9–19 वर्ष एवं 19 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने खो-खो, कुश्ती, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन, तैराकी, शरीर सौष्ठव, शतरंज, फुगड़ी, कबड्डी, गेड़ी दौड़, रस्सा-कस्सी और रस्सीकूद सहित अन्य खेलों में दमखम दिखाया। विजेता खिलाड़ी अब जिला एवं राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में सहभागिता करेंगे।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष आकांक्षा जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन, पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता, पूर्व विधायक डॉ. सनम जांगड़े, जनपद अध्यक्ष सुलोचना यादव, सीईओ जिला पंचायत सुश्री दिव्या अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, खिलाड़ी और नागरिक उपस्थित रहे।

  रायपुर / शौर्यपथ / कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत – ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान” विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष माननीय श्री विकास मरकाम थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति एवं संभागायुक्त श्री महादेव कांवरे ने की।
कुलपति श्री कांवरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि बिरसा मुंडा आधुनिक भारत का वह सपना देखते थे जिसमें विकास और शिक्षा जन-जन तक पहुँचे। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित जन-मन योजना एवं धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना की जानकारी देते हुए कहा कि ये योजनाएँ जनजातीय अंचलों में विकास की नई राह बना रही हैं।
मुख्य अतिथि श्री विकास मरकाम ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि हमारे गौरवशाली इतिहास को याद करने का संकल्प है। उन्होंने बताया कि केवल 14 वर्ष की अल्प आयु में बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष का बिगुल फूंका और जल–जंगल–जमीन की रक्षा का नेतृत्व किया। उन्होंने परलकोट आंदोलन के गेंदसिंह, वीर नारायण सिंह, गुंडाधूर और लांगुर किसान जैसे जनजातीय नायकों के योगदान को भी स्मरण किया।
श्री मरकाम ने युवाओं से आह्वान किया कि शिक्षा लो, आगे बढ़ो, लेकिन अपनी संस्कृति, अपने त्योहार और अपनी जड़ों को कभी मत भूलो। कुलसचिव श्री सुनील कुमार शर्मा ने कार्यक्रम की प्रासंगिकता और बिरसा मुंडा जयंती के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और पुरस्कार वितरण

छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने आयोजन को जीवंत बना दिया। रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत हुई प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया।

निःशुल्क मेडिकल कैंप

एमबीए (एचए) विभाग द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों, शोधार्थियों, प्राध्यापकों व कर्मचारियों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया। मेडिकल कैंप में डॉ. देवेंद्र कश्यप एवं उनकी टीम की प्रमुख भूमिका रही। कार्यक्रम संयोजक डॉ. आशुतोष मंडावी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन हमें अपनी संस्कृति, परंपरा और इतिहास से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं और विद्यार्थियों को जनजातीय समाज पर शोध के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
कार्यक्रम में उप कुलसचिव सौरभ शर्मा, विभागाध्यक्षगण, अग्रसेन महाविद्यालय की शिक्षिका सुश्री ऋतुलता तारक एवं सुश्री ईशा गोस्वामी सहित अनेक अतिथि, शोधार्थी व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

  नई दिल्ली / एजेंसी (पीआईबी)राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार और जल संचय–जनभागीदारी पुरस्कार प्रदान किए, जिसमें जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रायपुर जिला और रायपुर नगर निगम को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हुआ। रायपुर नगर निगम को पूरे देश में प्रथम स्थान, रायपुर जिले को ईस्टर्न जोन में तृतीय स्थान, तथा राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को द्वितीय स्थान हासिल हुआ।
राष्ट्रपति मुर्मु ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मानव सभ्यता की कहानी सदैव नदियों और जल स्रोतों के इर्द-गिर्द विकसित हुई है। भारतीय परंपरा में जल पूजनीय माना जाता है और हमारे राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का पहला शब्द “सुजलम्” देश में जल की सर्वोच्च प्राथमिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जल का कुशल उपयोग केवल राष्ट्रीय नहीं बल्कि वैश्विक अनिवार्यता है, विशेषकर भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में जहाँ प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता सीमित है। उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन जल चक्र को प्रभावित कर रहा है, इसलिए सरकार और जनता को मिलकर जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने बताया कि जल संचय–जनभागीदारी पहल के तहत देशभर में 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाएं निर्मित की गई हैं। उन्होंने उद्योगों द्वारा चक्रीय जल अर्थव्यवस्था अपनाने, जल उपचार एवं पुनर्चक्रण बढ़ाने और कई इकाइयों द्वारा शून्य द्रव उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने की सराहना की।
रायपुर की ऐतिहासिक उपलब्धि
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशन में रायपुर जिले ने जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप दिया। पुरस्कार कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह तथा नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप ने ग्रहण किया। रायपुर नगर निगम ने 33,082, रायपुर जिले ने 36,282 तथा छत्तीसगढ़ ने 4,05,563 जल संरक्षण कार्य पूर्ण किए। इनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्ज पिट्स, अमृत सरोवर, टॉप डैम, परकोलेशन टैंक तथा स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट के अंतर्गत डिजिटल भू-जल ट्रैकिंग सिस्टम शामिल हैं। साथ ही रायपुर में 4 एसटीपी के माध्यम से 206 MLD क्षमता विकसित की गई और 9 औद्योगिक इकाइयों को 125.849 MLD शुद्ध जल उपलब्ध कराया गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि जल का सम्मान और संरक्षण प्रत्येक नागरिक की जीवनशैली का अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने जल-जागरूकता को देश की जनचेतना का केंद्र बनाने का आह्वान किया।

शौर्यपथ दैनिक समाचार, 19 नवंबर 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू) सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हैं और सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों के बारे में चर्चा जारी है, लेकिन अभी तक गठबंधन के भीतर से कोई स्पष्ट नाम सामने नहीं आया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया इस्तीफा:
सरकार गठन की दिशा में पहला कदम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 नवंबर 2025 को बिहार के राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। यह कदम बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन की प्रक्रिया के तहत उठाया गया है। नीतीश कुमार का इस्तीफा तकनीकी रूप से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के बाद नई सरकार के गठन के लिए पहला कदम माना जा रहा है। इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल ने नीतीश कुमार से कहा है कि वे तब तक मुख्यमंत्री बने रहें, जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता।
राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने नीतीश कुमार को इस स्थिति में कार्य करते रहने की अनुमति दी है, ताकि राज्य में संवैधानिक संकट न उत्पन्न हो और सरकार के गठन की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम राज्य में स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता, तब तक राज्य में कोई अस्थिरता नहीं आनी चाहिए।

आगामी बैठकें: नई सरकार के
गठन के लिए महत्वपूर्ण संकेत**
नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद, भाजपा और जदयू सहित एनडीए के सहयोगी दल अब नए मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री पद के लिए बातचीत में जुटे हुए हैं। दोनों पार्टियाँ और उनके सहयोगी दलों के नेताओं के बीच रणनीतिक बैठकें चल रही हैं, जिनमें राज्य की नई सरकार की रूपरेखा और मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा।
इस सिलसिले में, 19 नवंबर 2025 को विधायकों की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। इस बैठक में एनडीए के सभी विधायकों और पार्टी नेताओं को शामिल किया जाएगा, और यह बैठक राज्य के आगामी नेतृत्व के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकती है।
इसके बाद, 20 नवंबर 2025 को पटना के गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा सकता है। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित एनडीए के शीर्ष नेता और अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियाँ भी उपस्थित हो सकती हैं। समारोह में मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सभी सदस्य शपथ लेंगे, और नए नेतृत्व का आधिकारिक रूप से उद्घाटन होगा।

मुख्यमंत्री पद के लिए नामों की चचार्:
नीतीश कुमार का नाम सबसे प्रमुख
मुख्यमंत्री पद पर संभावनाओं को लेकर बिहार के राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएँ हो रही हैं। जदयू और भाजपा दोनों ही पार्टी के भीतर से मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन सबसे अधिक चर्चा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर हो रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नीतीश कुमार का नाम मुख्यमंत्री के लिए सबसे प्रबल माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने लंबे समय तक बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में ही एनडीए ने विधानसभा चुनावों में सफलता हासिल की है और उनकी राजनीतिक स्थिरता के कारण ही गठबंधन की सहमति भी उन्हीं के पक्ष में देखी जा रही है।
इसके अलावा, सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्टों में मुख्यमंत्री पद के लिए अन्य नेताओं के नामों की भी चर्चा हो रही है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार के नाम पर अपनी सहमति दी है। हालांकि, फिलहाल तक इस बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।

गठबंधन सहयोगियों की सहमति और
विधायकों की बैठक के बाद अंतिम निर्णय
मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम निर्णय विधायकों की बैठक और गठबंधन सहयोगियों की सहमति के बाद लिया जाएगा। जदयू और भाजपा के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं, जिसमें दोनों दलों के शीर्ष नेता इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री के रूप में गठबंधन की सहमति प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि उनके नेतृत्व में बिहार में विकास के कई महत्वपूर्ण कार्यों को आगे बढ़ाया गया है।
यह बैठक इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि इसमें मुख्यमंत्री के साथ-साथ मंत्रिमंडल के गठन पर भी चर्चा की जाएगी। जिन मंत्रियों को नई सरकार में जगह दी जाएगी, उनका चयन गठबंधन के नेताओं के बीच हो सकता है, जो राज्य की राजनीति और विकास योजनाओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।

नई सरकार का गठन और राजनीति में आगे का रुझान
19 और 20 नवंबर 2025 को होने वाली बैठकों और शपथ ग्रहण समारोह के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। बिहार की राजनीति में अब कई सवालों के जवाब मिलने वाले हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए इस राजनीतिक स्थिति को किस तरह से संभालता है। नई सरकार के गठन के बाद राज्य में विकास के कार्यों और राजनीतिक स्थिरता को बनाए रखने की चुनौती मुख्य रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी टीम के सामने होगी।

 

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