November 21, 2024
Hindi Hindi
शौर्यपथ

शौर्यपथ

  रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना वायरस के संक्रमण काल के कठिन दौर में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा कोरोना वायरस से बचाव हेतु बड़ी संख्या में तेन्दूपत्ता संग्रहकों और वनोपज संग्रहकों के लिए मास्क तैयार कर रही है। मास्क बनाकर ये ग्रामीण महिलाएं अपने परिवार के लिए अतिरिक्त आय प्राप्त कर रही है, वही लॉकडाउन समय में समाज को कोरोना संक्रमण से बचाने और रोकथाम में सहयोग कर रही है। इस कार्य से उत्तर बस्तर कांकेर जिले की लगभग 500 महिलाएं कोरोना वारियर्स के रूप में कार्य करते हुए रोजगार से जुड़ी हुई है और कपड़े का मास्क तैयार कर बाजार दर से भी कम मूल्य पर उपलब्ध करा रही है।

     राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा मास्क तैयार कर जिला प्रशासन एवं वन विभाग को उपलब्ध करवाएं जा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं 75 हजार और राष्ट्रीय अजीविका मिशन की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 50 हजार मास्क तैयार किया जा रहा है। अभी तक उक्त समूहों में 55 हजार मास्क तैयार कर वन विभाग को प्रदाय कर दिया गया है। जिला प्रशासन मास्क बनाने के लिए सस्ते दर पर कपड़े समूहों को उपलब्ध कराये जा रहे है। इसके अलावा समूहों द्वारा उत्पादित मास्क की बिक्री में भी सहयोग दिया जा रहा है। 

      दुर्ग / शौर्यपथ / अमृत मिशन के कर्मचारियों का कोरोना वायरस संक्रमण की निगेटिव रिर्पोट आने से नगर पालिक निगम दुर्ग को बेहद राहत मिली है। निगम क्षेत्र में अमृत मिशन योजना के तहत् पाइप लाईन विस्तार एवं अन्य कार्य में कार्यरत 11 कर्मचारियों द्वारा एक पॉजेटिव मिल कर्मचारी के संपर्क में रहने के कारण सभी 11 कर्मचारियों का संक्रमण की जांच कराया गया था। निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने बताया अमृत मिशन योजना में कार्यरत दो कर्मचारियों को कोरोना वायरस संक्रमण पॉजेटिव मिलने से योजना के कार्य बंद कर दिया गया था। परन्तु अब जॉच रिर्पोट निगेटिव आ जाने के बाद अमृत मिशन योजना के कार्यो को कराया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिक निगम दुर्ग में अमृत मिशन योजना के कार्य प्रगति पर था । इस दौरान मिशन के कार्य में संलग्न कर्मचारी आनंद बिहार फेस 3 में निवास करता था । इस संबंध में आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि अमृत मिशन योजना में कार्य करने वाले कर्मचारी 24 एमएलडी फिल्टर प्लांट के आफिस में कार्यरत थे । सभी कर्मचारी आनंद बिहार फेस 3 में किराये पर रहते थे । एक कर्मचारी कोरोना वायरस संक्रमण पॉजेटिव मिलने के बाद हमने आनंद बिहार फेस 3 को सील बंद कर दिये। इसके अलावा उक्त कर्मचारी के संपर्क में रहने वाले सभी 11 कर्मचारियों की जॉच करायी गयी । उन सभी की जॉच रिर्पोट आ गई है । जिन कर्मचारियों का संक्रमण जॉच किया गया था उनमें ललीत पटले, पारस लिल्हारे, आदेश नारंग, विकास तिवारी, सम्भा जी पाटिल, सुभम गवई, विनायक महेकर, पिंटू, आदि कुमार, निलकंठ निषाद, राजेश कुमार शामिल है । उन्होनें बताया अमृत मिशन योजना के कार्य में लगे अन्य 16 कर्मचारियों को होम क्वांरेटाईन में रख दिया गया है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की वापसी के प्रयास छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तेजी से किए जा रहे है। राज्य शासन द्वारा मजदूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेनों के साथ ही बसों की भी व्यवस्था की जा रही है। भारत सरकार की एडवायजरी के तहत मजदूरों की वापसी के पश्चात् उन्हें क्वारेंटाईन में रखने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में सेंटर भी बनाए गए हैं जहां उनके ठहरने, भोजन, पेयजल और चिकित्सा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
      गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में किए गए लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के करीब सवा लाख मजदूर जो दूसरे राज्यों में काम के लिए गए थे वो वहीं पर फंसे हुए है। इन मजदूरों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर 28 विशेष ट्रेन की मांग की है साथ ही मजदूरों के यात्रा व्यय भी राज्य सरकार द्वारा वहन करने को कहा है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के परिवहन सचिव ने रायपुर के डिवीजनल रेलवे मेनेजर को छत्तीसगढ़ के 8 स्टेशनों बिलासपुर, चांपा, विश्रामपुर, जगदलपुर, भाटापारा, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में श्रमिकों की स्पेशल ट्रेनों के स्टापेज को प्रस्तावित किया है। इन स्टेशनों पर श्रमिकों को रेल मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार होल्डिंग एरिया में स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा और उन्हें गतंव्य स्थल तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की जाएगी।
प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से मजदूरों की वापसी पर उन्हें क्वारेंटाईन में रखने के लिए सामुदायिक भवन, छात्रावास सहित अन्य शासकीय भवनों में आवश्यक व्यवस्था की गई है।

अवधेश टंडन की रिपोर्ट
   मालखरौदा / शौर्यपथ / आज विश्व वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जुझ रहा है ऐसे मे छत्तीसगढ सरकार द्वारा रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य करवा कर प्रत्येक गांव के ग्रामीणो के सुनहरा अवसर प्रदान कर रहे है। प्रशासन ने कार्य करवाने के साथ साथ नियम कानून भी लागू किया है मगर वही पर कुछ ऐसे ग्राम है जहा पर कार्य तो करवाया जा रहा है मगर वहा पर नियमो को ताक मे रख कर कार्य करवाया जा रहा है। ऐसे ही ताजा मामला जाँजगीर चापा जिला के मालखरौदा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चिखली का है जहा पर रोजगार गारंटी योजना के तहत मनरेगा का कार्य मे तालाब गहरीकरण का कार्य चलाया गया है जहां पर दो सप्ताह से कार्य चलाया गया है मगर वही पर शासन के नियमो धज्जियां उड़ाते हुये कार्य कार्य करवाये दो सप्ताह के बाद भी सूचना बोर्ड का निर्माण नही हुआ है .
       इसके विषय मे जब ग्राम पंचायत के सचिव से बात करने पर उनका कहना है की रेत, गिट्टी नही मिल पाने के कारण नही बन पाया है । जब इस के विषय में हमारे चैनल में न्यूज़ प्रकाशित किया गया तो उसके बाद ग्राम पंचायत चिखली के रोजगार सहायक के पति द्वारा फोन करके यह कहा जाता है की सूचना बोर्ड तो नही बना है और अब तुम लोगो ने न्यूज़ चला दिये हो अब मै सुचना बोर्ड बिलकुल नही बनाऊंगा तुम लोगो को क्या करना है कर लो मैने जनपद पंचायत के सूचना बोर्ड के लिए आये पैसा को खा दिया हू क्या करना है कर लो तुम लोगो को जितना न्यूज़ चलाना है चला लो मेरा कुछ नही होगा। अब यहा पर यह देखना होगा की इन सब के बाद भी अधिकारीयों की आंखे खुलती है या उनको अधिकारियो का संरक्षण प्राप्त होता रहेगा।

// कोरोनावायरस से सबसे अधिक प्रभावित मुंबई में नहीं होगी सेना की तैनाती
// महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित
// मुंबई का धारावी इलाका सर्वाधिक प्रभावित
// मुंबई के आर्थर जेल में कोरोना का कहर, 77 कैदी और 26 स्टाफ पॉजिटिव
// महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल की पटरी पर हुआ मौत का तांडव


     मुंबई / शौर्यपथ / महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोनावायरस से सबसे अधिक प्रभावित मुंबई में सेना तैनात करने की अटकलों को शुक्रवार को खारिज कर दिया. हालांकि लॉकडाउन को लेकर उन्होंने राज्य के लोगों को एक तरह से चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 17 मई के बाद बढ़ाया जाए या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि लोगों ने कितना अनुशासन दिखाया और कितना नियमों का पालन किया. ठाकरे ने कहा, ''एक ना एक दिन हमें इस लॉकडाउन से बाहर निकलना ही होगा. हम हमेशा ऐसे नहीं रह सकते. लेकिन इससे जल्दी निकलने के लिए आपको नियमों का पालन करना होगा, सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी और चेहरे पर मास्क लगाना होगा.ÓÓ
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वायरस को नियंत्रित किया गया है लेकिन इसकी 'श्रृंखलाÓ तोडऩे में राज्य अभी तक कामयाब नहीं हुआ है. 'लाइव वेबकास्टÓ में ठाकरे ने कहा कि जरूरत पडऩे पर राज्य में पुलिस बल को कुछ आराम देने के लिए केन्द्र सरकार से अतिरिक्त कर्मियों की मांग की जा सकती है.
मुख्यमंत्री ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार जरूरत पडऩे पर केन्द्र से अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती का अनुरोध कर सकती है, ताकि चरणबद्ध तरीके से पुलिस कर्मी आराम कर पाएं. ठाकरे ने कहा, ''इसका यह मतलब नहीं है कि मुंबई को सेना के हवाले कर दिया जाएगा. पुलिस कर्मी चौबिसों घंटे काम करने की वजह से काफी थक गए हैं, कुछ तो बीमार भी पड़ गए हैं और वहीं कुछ की वायरस से संक्रमित होने के बाद जान भी चली गई. उन्हें आराम चाहिए.ÓÓ

  नई दिल्ली / शौर्यपथ / एक ओर जहां अमेरिका, चीन, इटली और भारत जैसे देश कोरोना वायरस से जूझते नजर आ रहे हैं. वहीं ताइवान के बाद दक्षिण कोरिया एक ऐसा देश बन गया है जिसने बिना वैक्सीन, एंटी बॉडी और बड़े पैमाने पर लॉकडाउन के बिना ही इस बीमारी से उबरने लगा है. दक्षिण कोरिया में कई तरह की गाइडलाइन के साथ ही दफ्तर, म्यूजियम खुलने लगे हैं. सड़कों पर वैसी भीड़ तो नजर नहीं आ रही है लेकिन अब पहले जैसा सन्नाटा भी नहीं दिख रहा है. मई में ही स्कूल भी खोलने की तैयारी चल रही है. दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के लगभग 10 हजार केस हुए हैं जिसमें 9 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. मई के शुरुआती दिनों में सिर्फ 30 केस आए हैं. दरअसल कोरोना से लडऩे के लिए दक्षिण कोरिया ने 3 टी (3ञ्ज) मॉडल का इस्तेमाल किया है. इसका मतलब है, ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट. इस मॉडल की चर्चा एक निजी न्यूज़ चेनल ने की है.
भारत में कोरोनावायरस और उससे होने वाले रोग ष्टह्रङ्कढ्ढष्ठ-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और संक्रमितों की तादाद 52,000 के पार हो चुकी है. इसी की रोकथाम की कोशिशों के तहत सरकार ने देशभर में 17 मई तक लॉकडाउन किया हुआ है.
अगर कोई देश जोखिम से निपटने के लिए तैयार नहीं है, तो उसे फिर लॉकडाउन की स्थिति में लौटना पड़ सकता है. इसका सिम्पल मतलब है कि सरकारें अपने हेल्थ सिस्टम को बेहतर करें. उसे इस तरह तैयार रखें कि ऐसी किसी भी स्थिति को संभाल सकें. दक्षिण कोरिया ने लॉकडाउन नहीं किया था, मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तक बंद नहीं हुए थे, मगर टेस्टिंग और आइसोलेशन पर बहुत ज़ोर दिया था. अब वहां मामलों की संख्या थमने लगी है. म्यूजिय़म, लाइब्रेरी और दफ्तर खुलने लगे हैं.
दक्षिण कोरिया की सड़कों पर भी ट्रैफिक सामान्य तो नहीं हो पाया है, लेकिन वापसी बता रही है कि दक्षिण कोरिया ने पहले चरण में ठीकठाक प्रगति की है. 13 मई से हाईस्कूल और 20 मई से किंडरगार्टन स्कूल खुल जाएंगे. 16 मार्च के बाद से दक्षिण कोरिया में एक्टिव केसों की संख्या कम होने लगी थी. अप्रैल में कुछ दिन नए केसों की संख्या दो या तीन ही रही. मई के महीने में पिछले पांच दिन में 30 ही नए केस आए हैं. 7 मई को नए केसों की संख्या सिर्फ सात थी. भारत ने लॉकडाउन किया, और 44 दिन बीत जाने के बाद एक भी दिन ऐसी उपलब्धि हासिल नहीं की है. दक्षिण कोरिया में स्कूल-कॉलेज खुलने लगे हैं. दक्षिण कोरिया में अभी तक 10,810 केस ही हुए हैं, जिनमें से 9,419 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं.

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के किसानों को लॉक डाउन के बीच राहत देने भूपेश सरकार ने फैसला ले लिया है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बड़ा बयान दिया है। मंत्री चौबे ने बताया? कि प्रदेश सरकार किसानों को धान के एमएसपी के अंतर की राशि का भुगतान मई माह में कर देगी। किसानों के अतर की राशि का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत करेगी। इस योजना के लिए सरकार ने 6000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 19 लाख किसानों के बैंक खाते में 6000 करोड़ की राशि जमा की जाएगी। किसानों के बैंक अकाउंट खाते में सीधे जमा होंगे। इस योजना का शुभारंभ प्रदेश के मुखिया सीएम भूपेश बघेल और पार्टी के बड़े नेता करेंगे।
     गौरतलब है कि सीएम भूपेश बघेल ने बीते दिनों राज्य का साल 2020—21 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया था कि किसानों को धान के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत करेगी। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सत्ता मेंं आने से पहले ऐलान किया था कि किसानों का धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। लेकिन फंड के आभाव में केद्र सरकार द्वारा तय की गई कीमत पर किसानों को धान की राशि का भुगतान किया गया है।

  रायपुर / शौर्यपथ / वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों की निष्क्रियता के कारण छत्तीसगढ़ का बहुत नुकसान हो रहा है। भाजपा के सांसदों ने अगर सक्रीयता रखी होती तो केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को पर्याप्त आर्थिक मदद करती। अन्य प्रदेशों में फंसे गरीब मजदूरों व अन्य लोगों के साथ भी तत्पर्यता से न्याय होता।
   बिस्सा ने बताया कि छत्तीसगढ़ ले भाजपा सांसदों का लोकसभा का रोकार्ड देखें तो वह भी शर्मसार करने वाला है। भाजपा के सुनील सोनी रायपुर ने मात्र 8 प्रश्न, मोहन मंडावी कांकेर ने 4 प्रश्न, दोबारा सांसद बने गुहाराम अजगले जांजगीर चांपा व श्रीमती रेणुका सिंह सरगुजा ने तो कोई भी प्रश्न पूछना आवश्यक नहीं समझा। जबकि सक्रियता के साथ कांग्रेस के दोनों सांसदों दीपक बैज सांसद बस्तर ने 98 प्रश्न एवं श्रीमती ज्योत्सना महंत ने 39 प्रश्न पूछकर छत्तीसगढ़ की आवाज बुलंद की।
बिस्सा ने कहा कि पिछले 4 माह से संपूर्ण राष्ट्र व प्रदेश कोरोना संकट से प्रभावित चल रहा है। प्रदेश को मेडिकल व आर्थिक आवश्यकताएं हैं। इसके बावजूद भाजपा सांसदों का लोकसभा में एक भी प्रश्न ना पूछना पीड़ादायक है। उन्होने भाजपा सांसदों से कहा की संसद में प्रश्न नहीं पूछने कि एक अक्षम्य गलती आप कर चुके हैं, अब कम से कम प्रधानमंत्री जी को पत्र ही लिखकर प्रदेश की आवश्यकताओ पर ध्यानाकर्षण कर दीजिये। शायद नक्कार खाने में तूती की आवाज सुनायी दे जाये।
    बिस्सा ने ध्यानाकर्षण किया कि केंद्र शासन के समक्ष छत्तीसगढ़ के वन, खनिज, आर्थिक आवंटन जैसे अनेक विषय लंबित हैं। जिन पर भाजपा सांसदों को केंद्र सरकार के समक्ष मुखरता से छत्तीसगढ़ का पक्ष रखना चाहिए, ताकि प्रदेश का विकास हो सके।
  बिस्सा में भाजपा सांसदों की संसदीय सक्रियता पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उनसे पूछा है कि जब आपको लोकसभा में कोई प्रश्न पूछना ही नहीं है। छत्तीसगढ़ के हित की किसी भी बात को केंद्र के समक्ष उठाना ही नहीं है तो आप चुनाव जीतकर दिल्ली में कर क्या रहे हैं ? आपके इस मौन का आखिर कारण क्या है?

   दुर्ग / शौर्यपथ / नगर निगम दुर्ग नेताप्रतिपक्ष द्वारा श्रमिक बाहुल्य वार्डो में अब तक राशन का पैकेट नहीं पहुॅचाये जाने का आरोप तथ्यों एवं वास्तविकता के विपरित है। जबकि निगम प्रशासन द्वारा जरुरतमंद गरीब परिवारों को राहत प्रदान करने प्रदेश में सर्वप्रथम दुर्ग महापौर परिषद ने प्रस्ताव पारित कर शासन से स्वीकृति ली, एवं पार्षद निधी अंतर्गत 59 वार्डो के पार्षदों द्वारा 42900 राशन पैकेट की अनुशंसा व मांग के विरुद्ध आज दिनांक तक 35735 परिवारों को राशन का पैकेट वितरण किया जा चुका है।
     उल्लेखनीय है कि शहर के गरीब और जरुरतमंद परिवारों को शासन की स्वीकृति अनुसार माननीय विधायक अरुण वोरा के मार्गदर्शन में महापौर एवं पार्षद निधि से समस्त वार्डो व बस्तियों में राशन पैकेट का वितरण कार्य प्राथमिकता से किया गया, जो पूर्णता पर है। महापौर निधि के अंतर्गत पार्षदों की मांग पर श्रमिक बाहुल्य बस्ती में पूर्ति हेतु 2271 राशन पैकेट का वितरण किया गया। तथा शेष बस्तियों में राशन का पैकेट वितरण निरंतर किया जा रहा है। करहीडीह वार्ड में राशन पैकेट पहुॅचाया जा चुका है एवं औद्योगिक नगर वार्ड 18, बोरसी वार्ड 50, और पोटियाकला वार्ड 54 में आज वितरण कार्य पूरा किया गया। शेष बचे बस्तियों में आगामी 2 से 3 दिनों में वितरण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा। उपरोक्त वार्डो के पार्षदों द्वारा उनके वार्डो में राशन वितरण करने की अनुशंसा 28 अप्रैल से 1 मई के बीच दिया गया है जिसके कारण उनके वार्डो में देरी से राशन पैकेट पहुॅच पाया है। इस प्रकार नेताप्रतिपक्ष का कथन तथ्यों एवं वास्तिविकता के विपरित है।
         विदित हो कि शहर के श्रमिक बाहुल्य बस्तियों नयापारा, पंचशील नगर, राजीव नगर, गयानगर, उरला बघेरा, गिरधारी नगर, शंकर नगर, सिकोला भाठा, सिकोला बस्ति, तितुरडीह उड़िया बस्ति, शक्ति नगर, शांति नगर, आईएचएसडीपी आवास कालोनी, पोलसायपारा, पचरीपारा, स्टेशनपारा, पाटणकर कालोनी, बांस पारा, केलाबाड़ी फोकट पारा, रायपुर नाका उड़िया बस्ति, कंडरापारा, सरस्वती नगर, बांधापार, बोरसी, पुलगांव इत्यादि श्रमिक बाहुल्य बस्तियों में राशन पैकेट का वितरण किया जा चुका है। शेष बचे 2/3 बस्ती मेें राशन वितरण का कार्य प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त निगम प्रशासन द्वारा निगम के अधिकारीयों कर्मचारियों एवं समाज सेवी संस्थाओं व्यक्तियों के सहयोग से प्राप्त सामग्री एवं धनराशि से बिना राशनकार्ड वाले परिवार और लाॅकडाउन के कारण यहाॅ फंसे अन्य प्रदेशों के परिवार कुल 3721 परिवारों को राशन पैकेट वितरण किया गया है। इस तरह से राशन पैकेट वितरण के कारण शहर में राशन के अभाव में कोई विपरित स्थिति निर्मित नहीं हुई है।

दुर्ग । शौर्यपथ । कहते है घर का मुखिया चाहे तो घर मे कलह की कोई जगह नही होती और किसी को भी ग्लानि महसूस नही करना पड़ता । बात बहुत ही छोटी है किंतु देखी जाए तो बड़ी गहरी भी । 

  बात बीते दिन की है दुर्ग शहर में लॉक डाउन के नियमो का पालन कड़ाई से हो रहा है कि नही इसका निरीक्षण करने दुर्ग जिला के कलेक्टर अंकित आनंद स्वयम बाजार क्षेत्र में निकले वह उनकी नजर शनिचरी बाज़ार में एक महिला के ऊपर पड़ी जो सब्जी भेज रही थी । महिला बुजुर्ग थी तो कलेक्टर आनंद स्वयं उत्तर कर महिला को समझाईश दी कि लॉक डाउन के नियमो के तहत दुकान / पसरा बन्द करने का समय हो गया साथ ही महिला की समस्त सब्जी (भाजी) को तय कीमत देकर खरीद लिए । 

   अंकित आनन्द दुर्ग के प्रशासनिक मुखिया है सिर्फ दो शब्द के आदेश से ही बुज़ुर्ग महिला को दुकान बंद करनी पड़ती । सब्जी चाहे खराब हो जाये दूसरे दिन या महिला का आर्थिक नुकसान हो जाये आदेश का पालन करवाने वाले कर्मचारी को कोई मतलब नही रहता । किन्तु ज़िले के मुखिया ने ना ही बुजुर्ग महिला को अहसान तले दबाया और ना ही आदेश का कड़ाई से पालन करवाने के लिए सख्त कदम उठाए । बस एक मुखिया होने का फर्ज अदा करते हुए बुजुर्ग महिला से समस्त  सब्जी खरीदी और आइंदा समय से व्यापार बन्द करने की बात कहते हुए मास्क देकर सोशल डिस्टेंस की जानकारी देते हुए आगे बढ़ गए । 

 किसी भी  कलेक्टर के सम्पूर्ण कार्यकाल में ऐसे कई वाकये आते है जिन्हें वह याद भी नही रख पाते होंगे किन्तु उनके इस तरह के व्यवहार को बुजुर्ग महिला ताउम्र याद रखेंगी । 

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)