September 06, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के व्यवसायिक उत्कृष्टता विभाग द्वारा 29 से 31 जुलाई तक मानव संसाधन विकास केंद्र में संयंत्र स्तरीय ‘गुणवत्ता-2025’ क्वालिटी सर्कल एवं फाइव-एस प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कर्मचारियों और अधिकारियों ने कार्यक्षेत्र में किए गए सृजनात्मक कार्यों व अभिनव समाधान की प्रस्तुतियां दीं।

समापन एवं पारितोषिक वितरण समारोह 12 अगस्त को कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यू) विजय कुमार बेहेरा उपस्थित थे।

प्रतियोगिता में 74 टीमों ने पांच श्रेणियों—मैन्यूफैक्चरिंग स्ट्रीम, मैन्यूफैक्चरिंग सपोर्ट स्ट्रीम, प्योर सर्विसेज स्ट्रीम, लीन क्वालिटी सर्कल और 5-एस—में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

  • मैन्यूफैक्चरिंग स्ट्रीम में टीम ऊर्जा (यूआरएम) प्रथम, टीम रेल रक्षक (रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल) द्वितीय और टीम अनन्या (सिंटर प्लांट-3) तृतीय रही।

मुख्य अतिथि पवन कुमार ने कहा कि यह प्रतियोगिता संयंत्र में गुणवत्ता के प्रति जागरूकता और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देती है तथा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग का मार्ग प्रशस्त करती है।

महाप्रबंधक (व्यवसायिक उत्कृष्टता) मनोज दुबे ने स्वागत भाषण में बताया कि इस वर्ष 26 विभागों की 74 टीमों ने भाग लिया, जो पिछले वर्ष की 53 टीमों की तुलना में लगभग 40% अधिक है, इसे उन्होंने सराहनीय उपलब्धि बताया।

गोगो पर छापा… सितार पर खामोशी!

मुख्य बिंदु  
    गोगो सिगरेट पर छापामारी और कार्रवाई, पर सितार गुटखा पर विभाग की खामोशी
    निर्माण फैक्ट्री पर कई बार छापे — मालिक और मजदूर हर बार गायब
    गुरमुख जुमनानी का नाम बार-बार, फिर भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं
    शहर के हर चौक-चौराहे पर बेखौफ बिक्री, युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में
    विभाग और जिला प्रशासन की चुप्पी पर जनता में सवाल

दुर्ग। शौर्यपथ /
   शहर में अवैध गोगो सिगरेट पर छापामारी कर खाद्य एवं औषधि विभाग ने अपनी पीठ थपथपाई, परंतु इसी शहर में खुलेआम बिक रहे “सितार” नामक जानलेवा गुटखा पर विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में है। स्वास्थ्य मानकों की बात करें तो “सितार” गुटखा कहीं से भी निर्धारित नियमों पर खरा नहीं उतरता, फिर भी इसकी बिक्री बेखौफ जारी है।
  पिछले कुछ वर्षों में विभाग ने कई बार “सितार” गुटखा निर्माण फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया — राजनांदगांव से लेकर गनियारी तक — लेकिन हर बार नतीजा वही… फैक्ट्री में मालिक, मजदूर और पूरा स्टाफ छापे से पहले ही गायब! और हैरानी की बात, इन फैक्ट्रियों का नाम लगातार एक ही शख्स से जुड़ता रहा — गुरमुख जुमनानी । अखबारों और टीवी चैनलों में कई बार इनका नाम “सितार” गुटखा निर्माता के रूप में सुर्खियों में आया, परंतु अब तक उनके खिलाफ ऐसी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई जो उनके “नशे के साम्राज्य” को तोड़ सके।
   नतीजा— शहर के हर चौक-चौराहे, स्कूल-कॉलेज के आसपास तक, यह जहरीला/ अवैधानिक  गुटखा खुलेआम बिक रहा है। युवा पीढ़ी इस सस्ते नशे के जाल में फंस रही है, और विभाग की नज़रें मानो इस ओर से मूंद ली गई हों। न रिटेल दुकानों पर छापे, न गोदामों पर कार्रवाई, न ही सप्लाई चेन पर रोक।
आख़िर सवाल ये है—
    क्या विभाग “गोगो” पर सख्ती दिखाकर और “सितार” पर खामोशी साधकर किसी अदृश्य दबाव में काम कर रहा है?
    क्या जिला प्रशासन इस ढुलमुल रवैये पर संज्ञान लेगा और दोषियों पर ऐसी कार्रवाई करेगा जो पूरे प्रदेश में उदाहरण बने?
    या फिर, यह खेल यूं ही चलता रहेगा और शहर का भविष्य नशे की अंधेरी खाई में धंसता जाएगा?
   समाज के स्वास्थ्य और आने वाली पीढ़ी के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर नकेल कसने का समय अब आ चुका है। यदि आज भी प्रशासनिक और विभागीय कार्रवाई में साहस और निष्पक्षता नहीं दिखाई गई, तो कल इतिहास यह दर्ज करेगा कि दुर्ग के युवाओं को नशे में धकेलने में केवल व्यापारी ही नहीं, बल्कि व्यवस्था भी बराबर की दोषी रही।

जगदलपुर, शौर्यपथ। देश की आजादी पर्व स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में हर घर तिरंगा अभियान के तहत जिले में निरन्तर जनजागरूकता निर्मित करने सहित देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जागरूकता रैली, बाइक रैली इत्यादि का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को कलेक्टर हरिस एस एवं पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने स्थानीय लालबाग परेड ग्राउंड के गणतंत्र द्वार से पुलिस विभाग के अधिकारी और जवानों की तिरंगा रैली को रवाना किया। इस मौके पर पुलिस के अधिकारी और जवानों ने बाईक रैली के माध्यम से तिरंगा लहराते हुए नागरिकों को देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सभी सच्चे शहीदों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान देने के लिए प्रेरक सन्देश दिया। उक्त तिरंगा रैली लालबाग परेड ग्राउंड से महाराणा प्रताप चैक, एनएमडीसी चैक, माड़िया चैक से सिटी कोतवाली चैक होकर पुनः लालबाग परेड ग्राउंड में समाप्त हुई। इससे पहले कलेक्टर एवं एसपी ने ने लालबाग स्थित शहीद स्मारक के तिरंगा झंडा में शुरू की गई लाइटिंग व्यवस्था का भी जायजा लिया।

जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस और पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने लालबाग मैदान में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के अंतिम रिहर्सल कार्यक्रम के उपरांत एनसीसी कैडेट और स्काउण्ट गाइड के तिरंगा रैली में शामिल हुए। रैली को उन्होंने तिरंगा झंडा लहराकर रवाना किया । उत्साहित एनसीसी कैडेट और स्काउण्ट गाइड ने भारत माता की जयघोष करते हुए तिरंगा यात्रा निकाली । इस दौरान आईपीएस सुमित कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग, एनसीसी विंग के अधिकारी भी उपस्थित रहे ।

*अपर कलेक्टर ने निभाई मुख्य अतिथि की भूमिका*

*स्वतंत्रता दिवस में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू होंगे मुख्य अतिथि*

जगदलपुर, शौर्यपथ। स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह की तैयारियों के लिए अंतिम रिहर्सल लालबाग मैदान में किया गया। मुख्य अतिथि की भूमिका में अपर कलेक्टर सीपी बघेल रहे, उन्होंने परेड की सलामी ली। साथ में कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने भी परेड की सलामी ली।    

कलेक्टर श्री हरिस ने तैयारियों का जायजा लेकर समय पर सभी व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इस परेड का नेतृत्व डीएसपी संगम राम, सेकंड कमांड निरीक्षक गणेश राम यादव कर रहें है। परेड में 16 टुकडियां शामिल हो रही है जिसमें सीआरपीएफ 241 वीं बटालियन, सीआरपीएफ 80 वीं बटालियन, 5 वीं बटालियन छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, 19वीं पोखरण वाहिनी, जिला पुलिस बल, जिला पुलिस बल महिला, वन विभाग, नगर सेना,एनसीसी और स्काउट गाइड के जवान है।

जगदलपुर के लालबाग मैदान में आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू होंगे।

रिहर्सल में स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी अवलोकन किया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी, आईपीएस सुमित कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और इसके पीछे सरकार की प्रोत्साहन योजनाएं बड़ा कारण बन रही हैं। केंद्र सरकार की दो प्रमुख योजनाओं—फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड) एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स फेज-2 (FAME-II) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (EMPS-2024)—के तहत पिछले तीन वर्षों में राज्य के खरीदारों को 138 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी मिली है।

केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजु श्रीनिवास वर्मा ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

FAME-II योजना (अप्रैल 2019 – मार्च 2024) के तहत अप्रैल 2022 से मार्च 2024 के बीच छत्तीसगढ़ में 33,552 इलेक्ट्रिक वाहन बिके। इस अवधि में खरीदारों को 121.26 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ दिया गया।

वहीं, EMPS-2024 योजना, जो सिर्फ छह महीने (अप्रैल–सितंबर 2024) के लिए प्रभावी रही, के दौरान 13,091 इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन बिके और खरीदारों को 16.74 करोड़ रुपये की राहत दी गई।

अधिकारियों के अनुसार, इन योजनाओं के तहत खरीदारों को अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती। सब्सिडी सीधे वाहन की खरीद कीमत से घटा दी जाती है और बाद में यह राशि भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा मूल उपकरण निर्माता कंपनियों (OEMs) को भुगतान कर दी जाती है। इस कारण राज्य में कोई भी भुगतान लंबित नहीं है।
  पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि बैटरी चालित स्कूटर, तिपहिया और कारों की बढ़ती बिक्री न सिर्फ ईंधन पर निर्भरता कम करेगी, बल्कि प्रदूषण घटाने में भी मददगार साबित होगी। सरकार के सतत सहयोग के साथ, छत्तीसगढ़ में स्वच्छ और हरित परिवहन की ओर बदलाव अब और तेज़ी पकड़ रहा है।

कोंडागांव / शौर्यपथ /
कोंडागांव जिला मुख्यालय से महज 7–8 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत ककोडी में स्थित दंतेश्वरी मक्का प्लांट इन दिनों ग्रामीणों के लिए काल साबित हो रहा है। मंगलवार सुबह ग्रामवासियों ने प्लांट परिसर में घुसकर जोरदार प्रदर्शन किया और तत्काल इसे बंद करने की मांग की। मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने समझाइश देकर स्थिति को काबू में किया, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा और भय अभी भी बरकरार है।

ग्रामीणों का आरोप है कि जो प्लांट किसानों और पशुपालकों के हित में लगाया गया था, वही अब ज़हर उगल रहा है। वेटकेक सड़ने से दुर्गंध फैल रही है, मवेशियों की मौत हो रही है, पेड़ सूख रहे हैं और खेत बर्बाद हो रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है—"आज मवेशी मर रहे हैं, कल हमारी बारी होगी।"

आंतरिक सूत्रों के अनुसार, यह स्थिति प्लांट में लगा डायर मशीन बंद होने के कारण बनी है। मजदूरों ने बताया कि डायर चालू होता तो वेटकेक को पशु और पक्षियों के उत्तम आहार में बदल दिया जाता—मुर्गी, मछली, कछुआ और मवेशियों के लिए चारा तैयार होता। लेकिन मशीन के ठप होने से वेटकेक सड़ रहा है, जिससे कीटाणु और जहरीली बदबू फैल रही है।

मामले में कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं—

  • डायर चालू क्यों नहीं किया गया?

  • मक्का से एथनॉल बनाने का दावा कर चावल (कनकी) से उत्पादन क्यों हो रहा है?

  • पानी निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं की गई?

  • क्या यह प्लांट प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का पालन कर रहा है?

  • ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा के लिए प्रशासनिक कदम कब उठेंगे?

ग्रामीणों की मांग है कि जब तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक प्लांट को बंद किया जाए। वहीं, प्रशासन ने जांच का भरोसा दिया है, लेकिन अब देखना यह है कि ज़िला प्रशासन इस लापरवाही पर क्या ठोस कार्रवाई करता है, क्योंकि मामला सीधे-सीधे पर्यावरण, पशुधन और मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है।

बड़ेकनेरा के स्वास्थ्य केंद्र की एम्बुलेंस जून 2024 से सीएमएचओ दफ्तर में खड़ी, कागजों में फंसी जनसेवा
ग्रामीणों ने विधायक, कलेक्टर से लेकर सीएमएचओ तक लगाई गुहार, लेकिन ‘सुधार’ के नाम पर मिली सिर्फ तारीखें
स्वास्थ्य मंत्री के दावे हकीकत से कोसों दूर, मरीज अब भी खुद का ‘रोगी वाहन’ बनने को मजबूर

    कोंडागांव / शौर्यपथ / एक तरफ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बड़े गर्व से कह रहे हैं कि “स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से सुधार हो रहा है”, वहीं हकीकत यह है कि ग्राम पंचायत बड़ेकनेरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डेढ़ साल से एम्बुलेंस नाम की कोई चीज नहीं है।
   2019-20 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय रूर्बन मिशन योजना के तहत बड़ेकनेरा को मिली एम्बुलेंस जून 2024 में आरटीओ, इंश्योरेंस और सर्विसिंग के नाम पर सीएमएचओ कार्यालय कोंडागांव में जमा कर दी गई। तब से अब तक यह "कागजों की गाड़ी" वहीं अटकी पड़ी है।
   ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि थक-हारकर कभी विधायक से, कभी सीएमएचओ से और कभी कलेक्टर से गुहार लगाते रहे, लेकिन फाइलें आगे बढ़ने की रफ्तार घोंघे की चाल से भी धीमी रही। आखिरकार बड़ेकनेरा के सरपंच प्रकाश चुरगियां और प्रतिनिधि मंडल ने सीएमएचओ कार्यालय पहुंचकर सीधे पूछा—

अगर आरटीओ, इंश्योरेंस और फिटनेस पूरी है तो एम्बुलेंस क्यों नहीं लौटा रहे?
अगर पूरी नहीं है तो जिम्मेदार कौन है?
और उन पर कार्रवाई कब होगी, जिन्होंने लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया?

  प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ‘तेजी से सुधार’ के दावे कर रही हैं, लेकिन कोंडागांव में यह ‘तेज रफ्तार’ इतनी धीमी हो गई कि डेढ़ साल में भी एक एम्बुलेंस बड़ेकनेरा वापस नहीं पहुंच पाई।
अब सवाल सीधा है—क्या यह स्वास्थ्य विभाग का सुधार है या लोगों की जान को भगवान भरोसे छोड़ देने की नई सरकारी नीति?
"लगता है स्वास्थ्य विभाग के लिए एम्बुलेंस भी ‘आपातकालीन’ नहीं, बस एक लंबी दूरी की सरकारी कहानी है—जिसका गंतव्य कभी आता ही नहीं!"

मौके पर पहुंचे जिला कलेक्टर एवं सीईओ
घटनाक्रम की ली जानकारी, बच्चों के बेहतर प्राथमिक उपचार के दिए  निर्देश
जर्जर भवन  में कक्षा संचालन शासन के निर्देशों का उल्लंघन,बी.ई.ओ., बी.आर.सी. प्रधान पाठक को नोटिस जारी करने दिए निर्देश
   मुंगेली/शौर्यपथ/मुंगेली विकासखंड के ग्राम बरदुली में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में छत का प्लास्टर गिरने से बच्चों के घायल होने की सूचना मिली। जानकारी मिलने पर तत्काल कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार और जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पांडेय ने विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने मौजूद शिक्षकों से घटनाक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। प्रधान पाठक श्री अखिलेश शर्मा ने बताया कि शाला भवन के छत का प्लास्टर गिरने से कक्षा तीसरी के साथ छात्र हिमांशु दिवाकर और अंशिका दिवाकर को सिर और हाथ में चोट आई। उनका प्राथमिक उपचार किया गया, अभी बच्चे ठीक हैं। जिला प्रशासन एवं स्वस्थ आमले की मौजूदगी में बच्चों का जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया। सी.एम.एच.ओ ने बताया कि कोई भी गंभीर स्थिति नहीं है बच्चे खतरे से बाहर है।कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को बच्चों का बेहतर इलाज करने एवं अन्य आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
      घटना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि जर्जर भवनों में किसी भी परिस्थिति में कक्षाओं का संचालन नहीं होना चाहिए। निर्देशों की अवहेलना करते हुए कक्षाओं का संचालन किया जाना  गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री जितेंद्र बावरे, बी.आर.सी. सूर्यकांत उपाध्याय, संकुल समन्वयक शत्रुघ्न साहू और प्रधान पाठक अखिलेश शर्मा को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और डीएमसी समग्र शिक्षा को फटकार लगाते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले में कहीं भी इस प्रकार की घटना नहीं होनी चाहिए अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने बच्चों से बातचीत कर बढ़ाया उत्साह
     विद्यालय निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कक्षा में मौजूद बच्चों से बातचीत की। विद्यालय में शिक्षण सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने बच्चों से पहाड़ पूछा और उन्हें चॉकलेट एवं बिस्किट प्रदान कर प्रोत्साहित किया।
कलेक्टर को अपने बीच पाकर बच्चे आश्चर्यचकित
     स्कूल में उस समय भावुक एवं आश्चर्य जनक माहौल बन गया जब जिला पंचायत सीईओ ने बच्चों से जिले के कलेक्टर का नाम पूछा।  बच्चों ने पूरी तत्परता से कलेक्टर का नाम बताया और भविष्य में उनसे मिलने की इच्छा जताई। लेकिन जब सामने बैठे व्यक्ति ने कलेक्टर के रूप में अपना परिचय दिया तो बच्चे आश्चर्य से उत्साहित हो उठे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

    दुर्ग/शौर्यपथ /प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा रक्षाबंधन के पावन पर्व पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी बहनो ने महापौर श्रीमती अलका बाघमार के बगले में पहुँचकर राखी बांधी।
  रक्षाबंधन का संदेश देते हुए महापौर अलका बाघमार ने कहा वैसे तो भारत को त्योहारों व पर्वों का देश कहा जाता है जब भी कोई पर्व या त्यौहार आता है तो सभी के मन में खुशी, उमंग, उत्साह व रिश्तो में एक नई मिठास घुल सी जाती है। रक्षाबंधन का यह पर्व वैसे तो भाई-बहन के स्नेह, सुरक्षा और सम्मान के पर्व के रूप में मनाया जाता है। बहनें, भाई को तिलक लगाती है। राखी बांधती है व मुँह मीठा करती है एवं भाई, बहन को गिप्ट देते हैं व उनके रक्षा का संकल्प लेते हैं।इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के भाई-बहनों ने अपनी सहभागिता दी।

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