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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं है। उन्होंने कहा कि यह पावन अवसर हमें अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को स्मरण करते हुए एकजुट होकर ‘विकसित छत्तीसगढ़’ और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।
उल्लखेनीय है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास रोशनी में जगमगा उठा है। मुख्य भवन, जनदर्शन हॉल, गणेश पंडाल, मंदिर और परिसर के अन्य हिस्सों को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है।मुख्यमंत्री निवास के मुख्य द्वार को विशेष साज-सज्जा और रंगीन रोशनी से आलोकित किया गया है, जो दूर से ही स्वतंत्रता दिवस के पर्व की भव्यता का आभास कराता है।
18 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया देश की आर्थिक मजबूती का प्रमाण
रायपुर / shouryapath / वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी S&P Global Ratings द्वारा भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ तथा अल्पकालिक रेटिंग को ‘A-3’ से ‘A-2’ कर स्थिर दृष्टिकोण (Stable Outlook) के साथ अपग्रेड किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह अपग्रेड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक नीतियों की मजबूती, राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक निवेशकों के अटूट विश्वास का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री साय ने इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह अपग्रेड 18 वर्षों बाद हुआ है, S&P ने आखिरी बार जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग बढ़ाई थी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस वर्ष हुआ यह रेटिंग अपग्रेड यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत की मजबूत आर्थिक नीतियों, राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक निवेशकों के विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि देश के आर्थिक सामर्थ्य और हर भारतीय के बेहतर जीवन के प्रति मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का वैश्विक प्रमाण है।
मुख्यमंत्री साय ने हजारों युवाओं के साथ लगाई स्वतंत्रता की दौड़
भारत माता और रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया
रायपुर / shouryapath / हमारा तिरंगा पूर्वजों के वर्षों के संघर्षों और बलिदान का जीवंत प्रतीक है। हम सभी तिरंगे की शान को हमेशा बनाए रखेंगे, अपने अमर बलिदानियों को कभी नहीं भूलेंगे और सभी मिलकर विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव में आयोजित स्वतंत्रता दौड़ में शामिल हुए और कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हजारों युवाओं के साथ स्वतंत्रता दौड़ लगाई और भारत माता और अमर बलिदानी रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि तिरंगे में करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाएं समाई हैं और यह हमारी वीरता, शांति और समृद्धि के भाव की अमिट चेतना है।
श्री साय ने पवित्र तिरंगे को प्रणाम करते हुए कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पिछले कुछ वर्षों से स्वतंत्रता दिवस में पूरा देश तिरंगामय हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम सभी अलग-अलग तरीकों से इस पावन दिवस को उत्साह के साथ मना रहे है। तिरंगा यात्राएं और हर-घर तिरंगा फहराने के संकल्प ने इस पावन अवसर को जन-जन से जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी एकता, अखंडता और राष्ट्रीय गौरव का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें यह स्मरण कराती है कि आज़ादी अनगिनत बलिदानों की अमूल्य देन है। लाखों-करोड़ों देशभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर किए, तब जाकर हमें यह स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के खास अवसर ने मुझे बचपन के दिनों की याद दिला दी। जब मैं स्कूल में था तब स्वतंत्रता दिवस पर प्रभात फेरी निकलती थी, गांव-गांव में देशभक्ति गाने गूंजते थे। उन्होंने कहा कि उस समय जो गर्व महसूस होता था, वही गर्व आज भी हमारे दिल में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा दायित्व है कि हम अपने देश और प्रदेश को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाएं। वर्ष 2047 तक के लिए हमने विकसित छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है, और हमारी सरकार उसी के अनुरूप कार्य कर रही है। यह सरकार के साथ-साथ हम सभी का साझा संकल्प है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर उपस्थित सभी को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता दौड़ सिर्फ एक दौड़ नहीं बल्कि आजादी के लिए किये गए संघर्ष का प्रतिसाद है। देश को वीर सपूतों के बलिदान से आजादी मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित, स्वच्छ, स्वस्थ और श्रेष्ठ भारत के विजन के साथ चलते हुए हमारे मुख्यमंत्री ने भी विकसित और समृद्धशाली छत्तीसगढ़ का सपना संजोया है। उन्होंने कहा कि इस स्वप्न को पूर्ण करने अपना अमूल्य योगदान देने का संकल्प लें।
इस दौरान विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक अनुज शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव यशवंत कुमार मौजूद रहे।
रायपुर / shouryapath / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के ग्राम पिपरिया में आयोजित लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला का पूर्ववर्ती सरकार के दौरान गठन तो किया गया, लेकिन इसके बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) के विकास पर पूर्ववर्ती सरकार ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इस कमी को दूर करने का बीड़ा उठाया है और अब खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को सशक्त अधोसंरचना और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, ताकि यहां का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 611.21 करोड़ रुपये की लागत के 71 विकास कार्यों की ऐतिहासिक सौगात दी, जिसमें 470.98 करोड़ रुपये की लागत से 18 कार्यों का भूमिपूजन और 140.23 करोड़ रुपये की लागत से 53 कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इन विकास कार्यों से विकसित खैरागढ़ का सपना साकार होने की दिशा में ठोस शुरुआत हो गई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जिले के बुजुर्गों, युवाओं, माताओं और बहनों ने जो सपने संजोए हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए पैलीमेटा को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने, छुुईखदान में 50 लाख रुपये की लागत से उच्च स्तरीय पानी की टंकी निर्माण, पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘पान कैफे’ खोलने, खैरागढ़ में 500 सीटर सर्वसुविधायुक्त ऑडिटोरियम निर्माण और मुढ़ीपार में महाविद्यालय की स्थापना की घोषणाएं कीं। उन्होंने आश्वस्त किया कि इन कार्यों को आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि खैरागढ़, राजनांदगांव, कवर्धा और मानपुर-मोहला से उनका भावनात्मक और आत्मीय जुड़ाव रहा है। अब, जब उन्हें प्रदेश की बागडोर मिली है, वे पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर अग्रसर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विगत डेढ़ वर्षों में सरकार ने हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई गारंटियों को साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है, जिससे उन्हें सीधे और लाभकारी मूल्य का लाभ मिल रहा है। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं और इनका निर्माण तीव्र गति से हो रहा है, जिससे गांवों में राजमिस्त्री, सेंटरिंग प्लेट निर्माण और अन्य निर्माण कार्य से जुड़े कुशल श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है।
महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु ‘महतारी वंदन योजना’ को एक क्रांतिकारी पहल बताते हुए उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसके पुनः फार्म भरवाए जाएंगे। वर्तमान में इस योजना से प्रदेश की 70 लाख महिलाएं प्रतिमाह आर्थिक सहायता प्राप्त कर रही हैं और कई महिलाएं अपना व्यवसाय भी प्रारंभ कर चुकी हैं।
मुख्यमंत्री साय ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में खरीदी दरों में वृद्धि, प्रदेश के 5.62 लाख कृषि भूमिहीन मजदूरों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता और श्रीरामलला दर्शन योजना के तहत अब तक 22 हजार श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन कराए जाने का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री साय ने विश्वास व्यक्त किया कि जनता के सहयोग से खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला शीघ्र ही मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और व्यापक विकास के साथ प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल होगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार देश की पहली सरकार है, जो किसानों से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें शत-प्रतिशत क्रियान्वित करना है, ताकि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंच सके।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, सांसद संतोष पांडेय, खैरागढ़ विधायक श्रीमती यशोदा वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
भव्य तिरंगा यात्रा से गूंजा रायपुर – एकता, सुरक्षा और विकास का संदेश
रायपुर / shouryapath / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि तिरंगा यात्रा केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति का एक महान अनुष्ठान है, जो भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि तिरंगा हमारी आन-बान-शान है, इसकी रक्षा और मान-सम्मान के लिए हर नागरिक को दृढ़संकल्पित होना चाहिए। स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब हर घर तिरंगा फहराएगा और भारत आर्थिक एवं सांस्कृतिक रूप से और अधिक सशक्त बनेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘भारत माता की जय’ और ‘छत्तीसगढ़ महतारी की जय’ के उद्घोष के साथ जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत एक सशक्त और सम्मानित राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए कायराना हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हमारे वीर जवानों द्वारा दिखाए गए साहस और पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है, जिसने तिरंगे की शान को और ऊंचा किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार एरिया डॉमिनेशन कर नक्सलियों का प्रभुत्व समाप्त किया है। उन्होंने कहा कि जहाँ कभी नक्सलियों का लाल झंडा लहराता था, आज वहां तिरंगा शान से लहरा रहा है। कई संवेदनशील गांवों में बरसों बाद गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुनः तिरंगा फहराया गया है, जो शांति, विकास और सुरक्षा का नया संदेश दे रहा है।
विकसित भारत 2047 और ‘छत्तीसगढ़ अंजोर’ विजन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तिरंगे की असली गरिमा तब और बढ़ेगी जब देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प के अनुरूप छत्तीसगढ़ ने भी ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए ‘छत्तीसगढ़ अंजोर’ विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है, जिसमें प्रदेश के समग्र विकास का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और अपने घरों पर तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता संग्राम के वीरों का स्मरण करें।
भव्य तिरंगा यात्रा – एकता और उत्साह का अद्भुत संगम
उल्लेखनीय है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर चलाए जा रहे हर घर तिरंगा अभियान के तहत रायपुर में भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। रायपुर के शहीद स्मारक भवन से तेलीबांधा तक निकली तिरंगा यात्रा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय स्वयं शामिल हुए और हजारों नागरिकों के साथ कदम से कदम मिलाकर देशभक्ति का संदेश दिया। यात्रा के दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से पूरा मार्ग गूंज उठा।
इस अवसर पर रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि तिरंगा हमारा मान, अभियान और पहचान है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रगति और खुशहाली की ओर अग्रसर है। यह तिरंगा यात्रा उन वीर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने इसकी रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर किया। कार्यक्रम में विभिन्न सैन्य अभियानों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया गया।
विधायक श्री किरण सिंह देव ने कहा कि तिरंगा हमारी पहचान और हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यह हमें एकजुट करता है और हमें याद दिलाता है कि हम सब एक भारत हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है।
तिरंगा यात्रा में विधायक श्री सुनील सोनी, श्री मोतीलाल साहू, श्री पुरंदर मिश्रा, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री नंद कुमार साहू, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल को रेलवे से सशक्त कनेक्टिविटी देने वाली दल्लीराजहरा–रावघाट रेल परियोजना का कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। 95 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के तारोकी से रावघाट खंड की लंबाई 77.5 किलोमीटर है, जिसमें यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। बड़े और छोटे पुलों के साथ-साथ ट्रैक बिछाने का काम अब अंतिम चरण में है, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना के दिसंबर 2025 तक पूर्ण होने की दिशा में ठोस प्रगति हुई है।
इस रेल परियोजना के पूरा होने से बस्तर क्षेत्र पहली बार राज्य की राजधानी से सीधे रेलवे द्वारा जुड़ जाएगा। इससे बस्तर आने-जाने वाले यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी और खनिज परिवहन की दिशा में नई गति मिलेगी। बस्तर के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में यह कनेक्टिविटी एक बड़ा बदलाव लाएगी और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक होगी।
यह रेलवे लाइन रावघाट लौह अयस्क खदानों और सेल/भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। वर्तमान में दल्लीराजहरा की खदानों से लौह अयस्क की उपलब्धता घट रही है, ऐसे में यह परियोजना न केवल औद्योगिक जरूरतों को पूरा करेगी बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास की रीढ़ साबित होगी। रेल विकास निगम लिमिटेड के अनुसार, 17.5 किलोमीटर भूमि अधिग्रहण कार्य संपन्न हो चुका है। 21.94 लाख घन मीटर मिट्टी कार्य में से अधिकांश पूरा हो चुका है। तीन में से दो बड़े पुल तैयार हो गए हैं, जबकि 61 में से 55 छोटे-मोटे पुलों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। बैलेस्ट प्रोक्योरमेंट और भवन निर्माण कार्य भी अगस्त–सितंबर 2025 तक पूर्ण होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि कुल 95 किलोमीटर लंबे इस रेलमार्ग में 16 प्रमुख पुल, 19 रोड ओवर ब्रिज, 45 रोड अंडर ब्रिज और 176 छोटे पुलों का निर्माण शामिल है। केवल 17.5 किलोमीटर लंबे तारोकी–रावघाट खंड में ही 3 प्रमुख पुल, 5 रोड ओवर ब्रिज, 7 रोड अंडर ब्रिज और 49 छोटे पुल बनाए जा रहे हैं। इन सभी कार्यों में तकनीकी सटीकता और सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि यह परियोजना लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित रहे।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इस क्षेत्र में निर्माण कार्य एक बड़ी चुनौती रहा है। परियोजना को बाधित करने के लिए नक्सलियों द्वारा किए गए 12 हमलों में अब तक 4 मजदूरों की मौत और 2 सुरक्षाकर्मियों की शहादत हो चुकी है। इसके अलावा निर्माण कार्य में प्रयुक्त उपकरणों और मशीनों में आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं। इसके बावजूद, एसएसबी सुरक्षा कवच मिलने के बाद परियोजना में उल्लेखनीय प्रगति हुई। परियोजना के पूरा होने के बाद बस्तर क्षेत्र में खनिज परिवहन, रोजगार, स्थानीय व्यापार और यात्री सुविधाओं में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। यह रेलवे लाइन खनिज परिवहन को नई दिशा देने के साथ-साथ पूरे क्षेत्र को मुख्यधारा से जोडऩे का कार्य करेगी। इससे क्षेत्र में निवेश के अवसर बढ़ेंगे और बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा।
नवंबर 2025 तक तारोकी–रावघाट खंड पर ट्रेन परिचालन शुरू होने की संभावना व्यक्त की गई है। इस परियोजना के पूरा होते ही बस्तर अंचल एक नई विकास यात्रा पर अग्रसर होगा, जहां रेल पटरी पर दौड़ती गाडिय़ां न केवल खनिज और सामान पहुंचाएंगी, बल्कि रोजगार, अवसर और विकास का संदेश भी लेकर आएंगी।
जगदलपुर, शौर्यपथ। स्थानीय मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री, विधायक जगदलपुर और विधायक तखतपुर का गुरुवार को जगदलपुर आगमन पर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। ज्ञात हो कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बस्तर जिले के मुख्य कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू शामिल होंगे, जबकि विधायक जगदलपुर किरण सिंह देव जिला दंतेवाड़ा के मुख्य अतिथि हैं और विधायक तखतपुर धरमजीत सिंह जिला सुकमा में स्वतंत्रता दिवस के मुख्य अतिथि हैं। एयरपोर्ट में इस दौरान विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, महापौर संजय पाण्डे, पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही कलेक्टर हरिस एस.,एसपी शलभ कुमार सिन्हा, अपर कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी, प्रवीण वर्मा और अन्य अधिकारियों द्वारा स्वागत किया गया।
रायपुर/शौर्यपथ।
प्रदेश में शिक्षकों की कमी और युक्तियुक्तकरण नीति को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सीधा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि युक्तियुक्तकरण के बाद प्रदेश का कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं है, जबकि वास्तविकता यह है कि बेमेतरा, बालोद, धमतरी, कोरबा, बस्तर, राजनांदगांव सहित सभी जिलों में बच्चे, पालक और आम नागरिक शिक्षक नियुक्ति की मांग को लेकर धरना, प्रदर्शन और चक्काजाम कर रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप: शिक्षा व्यवस्था ढह गई
ठाकुर ने कहा कि युक्तियुक्तकरण के चलते स्कूलों में पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। सरकार के “गुणवत्ता सुधार” के दावे बेईमानी साबित हो रहे हैं। 57,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के बजाय, सरकार ने 10,463 स्कूल बंद कर दिए और नये सेटअप में पद घटाकर शिक्षकों को भयादोहन किया। हर माह सैकड़ों शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन पिछले 20 महीनों में एक भी नियमित शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई।
एक-दो शिक्षकों पर चल रहे हैं स्कूल
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि कई प्राथमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल महज एक या दो शिक्षकों पर निर्भर हैं, जिससे पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित है। “युक्तियुक्तकरण का फैसला शिक्षा के क्षेत्र में आत्मघाती कदम साबित हो रहा है,” ठाकुर ने कहा। “बच्चे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, लेकिन सरकार उनकी आवाज सुनने को तैयार नहीं।”
तत्काल सुधार की मांग
ठाकुर ने मांग की कि सरकार सभी प्रभावित स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध कराए, जबरन मर्ज किए गए स्कूलों का डिस्कोड वापस करे और शिक्षकों को पुनः उनके मूल स्कूलों में भेजे। साथ ही, जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां भर्ती प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए।
भिलाई। राष्ट्रव्यापी हर घर तिरंगा अभियान के तहत नगर पालिक निगम रिसाली में बुधवार को भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर और निगम आयुक्त मोनिका वर्मा ने किया। इस अवसर पर निगम क्षेत्र के नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज भी वितरित किया गया।
सुबह रिसाली निगम मुख्य कार्यालय से तिरंगा यात्रा का शुभारंभ हुआ, जिसे निगम आयुक्त मोनिका वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा में शामिल कर्मचारी, पार्षद और बड़ी संख्या में नागरिक देशभक्ति के जयकारे लगाते हुए वार्ड-13 टंकी मरोदा, वार्ड-14 मरोदा टैंक, मरोदा सेक्टर पूर्व, मरोदा सेक्टर पश्चिम होते हुए रिसाली सेक्टर पश्चिम और डीपीएस रिसाली मार्ग से गुजरते हुए मैत्री नगर परशुराम चौक पहुंचे।
यहां विधायक ललित चंद्राकर ने परशुराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पैदल पदयात्रा शुरू की। यात्रा जोहार चौक पहुंची, जहां शहीद रजनीकांत की प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष शैलेन्द्र साहू, पार्षद सुनंदा चंद्राकर, रमा साहू, सारिका साहू, शीला नारखेड़े, डॉ. सीमा साहू, सांसद प्रतिनिधि दीपक पप्पू चंद्राकर, मंडल अध्यक्ष राजू जंघेल, अनुपम साहू समेत सैकड़ों नागरिक मौजूद थे।
जवानों का उत्साह और ध्वज वितरण
तिरंगा यात्रा में नगर पालिक निगम रिसाली के कर्मचारियों और नागरिकों के साथ-साथ सीआईएसएफ के लगभग 30 जवानों ने भी भाग लिया। वे “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के उद्घोष करते हुए मार्च कर रहे थे। यात्रा के दौरान कृष्ण टॉकिज रोड स्थित एस टू एस शैक्षणिक संस्थान की ओर से निगम को लगभग 1500 राष्ट्रीय ध्वज प्रदान किए गए, जिन्हें नागरिकों के बीच वितरित किया गया।
भिलाई। जल संरक्षण और गिरते भूजल स्तर की गंभीर समस्या से निपटने के लिए नगर पालिक निगम भिलाई ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के निर्माण कार्यों में तेजी ला दी है। आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय ने सभी जोन आयुक्तों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार कराए जाएं, ताकि बारिश के पानी का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सके।
निर्माण कार्य केवल सरकारी स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि मकान मालिक, होटल संचालक, स्कूल-कॉलेज प्रबंधन, अस्पताल और विभिन्न शासकीय भवनों में भी जल संरक्षण हेतु इस व्यवस्था को अपनाने के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। निगम के अनुसार, जिन भवनों में अभी तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया गया है, वहां चयनित एजेंसियों के माध्यम से जल्द ही निर्माण कार्य कराया जाएगा।
विशेषज्ञ बताते हैं कि इस प्रणाली के जरिए वर्षा जल को विशेष संरचनाओं से गुजारकर भूजल में पुनः पहुंचाया जाता है। इससे न केवल बोरवेल और कुओं में पानी का स्तर सुधरता है, बल्कि भविष्य में जल संकट से निपटने के लिए यह एक स्थायी समाधान भी है।
नगर निगम का दावा है कि बारिश के पानी को संरक्षित कर रिचार्ज करने से स्थानीय जल स्रोतों की उम्र बढ़ेगी और नागरिकों को साल भर पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। यह पहल भिलाई को ‘जल संरक्षण में आत्मनिर्भर शहर’ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में बिना बढ़ोतरी के बोनस सीधे कर्मचारियों के खातों में भेजने की संभावित योजना को लेकर कर्मचारियों में भारी नाराज़गी है। इस मुद्दे पर बुधवार, 13 अगस्त को भिलाई इस्पात मजदूर संघ (बीएमएस) की अहम बैठक इस्पात भवन कॉफी हाउस में संघ के महामंत्री चन्ना केशवलू के नेतृत्व में आयोजित हुई।
बैठक में चर्चा के दौरान सदस्यों ने बताया कि समाचार पत्रों के माध्यम से लगातार यह जानकारी मिल रही है कि बोनस भुगतान पंचवर्षीय फार्मूले के आधार पर किया जाएगा और सीधे खातों में राशि भेज दी जाएगी। इस फैसले से कर्मचारियों में गहरा रोष है, क्योंकि उनका कहना है कि ऐसा समझौता केवल स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में हुआ है, जबकि अन्य किसी संयंत्र में यह व्यवस्था नहीं है।
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि अन्य महारत्न और नवरत्न कंपनियों में बोनस में हर साल बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन सेल में यह व्यवस्था कर्मचारियों के साथ अन्यायपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि बोनस समझौते में बदलाव नहीं किया गया तो मजदूर संघ आंदोलन और निर्णायक लड़ाई के लिए बाध्य होगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों के लंबित एरियर्स और इंसेंटिव भुगतान को लेकर प्रबंधन शीघ्र एनजेसीएस (राष्ट्रीय संयुक्त समिति) की बैठक बुलाकर ठोस निर्णय ले। इन सभी मांगों को लेकर जल्द ही प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
बैठक में महामंत्री चन्ना केशवलू, उपाध्यक्ष आई. पी. मिश्रा, डिल्ली राव, मृगेंद्र कुमार, सुधीर गडेवाल, जगजीत सिंह, संयुक्त महामंत्री वशिष्ठ वर्मा, प्रदीप पाल, अनिल गजभिये, जोगिंदर कुमार, हरीशंकर चतुर्वेदी, कोषाध्यक्ष रवि चौधरी, सचिव ए. वेंकट रमैया, संतोष सिंह, अखिलेश उपाध्याय, संजय कुमार साकुरे, संतोष जगन्नाथ नाले, वेगी अविनाश, वीरेंद्र गोस्वामी, विजय शर्मा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
भिलाई। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर भिलाई स्टील प्लांट शेड्यूल्ड ट्राइब एम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन एवं आदिवासी मंडल भिलाई के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को भव्य रैली का आयोजन किया गया। रैली का प्रारंभ रेल चौक से हुआ, जिसमें आदिवासी संस्कृति, पारंपरिक खानपान, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक एकता का मनमोहक प्रदर्शन देखने को मिला।
कार्यक्रम में शामिल आदिवासी मंडल के पदाधिकारियों का स्वागत फूल-मालाओं, पारंपरिक गीतों, ढोल-नगाड़ों और नृत्य की ताल पर किया गया। आयोजन में लगभग 2,500 सदस्यों को पारंपरिक नाश्ता — फरहा और टमाटर की चटनी — सरई पत्तों के दोने में परोसा गया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता का प्रतीक बना। मौके पर लगाए गए आकर्षक सेल्फी प्वाइंट ने भी लोगों का ध्यान खूब खींचा और आयोजन का मुख्य आकर्षण बन गया।
शाम को सेक्टर-4 स्थित इस्पात क्लब में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें करीब 500 एसटी कर्मचारी और उनके परिजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत संगठन के अध्यक्ष प्रदीप टोप्पो ने आदिवासी संस्कृति पर लिखी अपनी कविता के साथ स्वागत संबोधन से की। उन्होंने कहा, "इस आयोजन का उद्देश्य न केवल हमारी समृद्ध आदिवासी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का उत्सव मनाना है, बल्कि सभी एसटी कर्मचारियों को एक मंच पर एकजुट करना भी है। यह दिन हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है, पूर्वजों के संघर्ष और उनकी विरासत की याद दिलाता है तथा भविष्य के लिए प्रेरित करता है।"
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में के.के. तिर्की और डॉ. श्रीमती नीलि एस. कुजूर मौजूद थे। अतिथियों का स्वागत पारंपरिक रीति से — हाथ धोकर, बैज और आदिवासी गमछा पहनाकर तथा गुलदस्ता भेंट कर — किया गया। अपने संबोधन में के.के. तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय प्रकृति से गहराई से जुड़ा हुआ है और उसका संरक्षण हमारी परंपरा का हिस्सा है।
कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, पारंपरिक नृत्यों और गीतों ने माहौल को उत्साह और गौरव से भर दिया। आयोजन के अंत में सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से आदिवासी गौरव और एकता बनाए रखने का संकल्प लिया।
भिलाई। आईआईटी भिलाई की शोध टीम ने आईआईटी मद्रास और जर्मनी के शीर्ष संस्थानों के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक क्रांतिकारी तकनीक विकसित की है, जिसके जरिए महंगे व जहरीले धातुओं की जगह सस्ते, प्रचुर और सुरक्षित धातु—लोहे का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता वाले प्लास्टिक और पॉलिमर बनाए जा सकेंगे।
टीम में अमूल जैन, भानेंद्र साहू और डॉ. संजीव बनर्जी शामिल हैं, जिन्होंने विशेष लौह-आधारित उत्प्रेरकों की मदद से यह विधि तैयार की। यह तकनीक सामान्य कमरे के तापमान पर सटीक रूप से नियंत्रित पॉलिमर तैयार करती है, जिससे प्रक्रिया न केवल पर्यावरण-अनुकूल और सुरक्षित बनती है बल्कि उद्योगों व छोटे व्यवसायों (MSME) के लिए किफायती और मापनीय भी।
शोध में पहली बार रेडॉक्स और नियर-इन्फ्रारेड (NIR) सक्रिय लौह ट्राइरेडिकल कॉम्प्लेक्स आधारित पॉलीमराइजेशन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया। यह प्लेटफॉर्म हल्के और सामान्य परिस्थितियों में एक्रिलामाइड्स और मेथैक्रिलेट्स का नियंत्रित रेडिकल पॉलीमराइजेशन संभव बनाता है। नतीजतन, अभूतपूर्व चेन-एंड फिडेलिटी, संकीर्ण फैलाव और उच्च पर्यावरणीय सुरक्षा के साथ पॉलिमर व डिब्लॉक कोपॉलीमर तैयार होते हैं।
यह तकनीक बायोमेडिसिन, स्मार्ट कोटिंग्स और प्रतिक्रियाशील प्रणालियों के लिए उन्नत कार्यात्मक सामग्री विकसित करने का मार्ग खोलती है। इसके जरिए भारत के उद्योग और MSME अब महंगे या जहरीले धातुओं की निर्भरता घटाकर, हरित और उच्च प्रदर्शन वाले पॉलिमर का उत्पादन कर सकेंगे।
इस परियोजना को भारत सरकार के DSIR–CRTDH कार्यक्रम से सहायता मिली। शोध पत्र विश्व-प्रसिद्ध एंग्वैंड्टे केमी इंटरनेशनल एडिशन (Wiley-VCH) में प्रकाशित हुआ है, जो पॉलिमर रसायन विज्ञान के भविष्य में इस खोज के महत्व को रेखांकित करता है।