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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
आस्था स्पेशल ट्रेन से अयोध्या रवाना हुए सैकड़ों श्रद्धालु,दुर्ग स्टेशन पर “जय श्रीराम” के नारों से गूंजा माहौल
तिलक और माला पहनाकर किया गया रामभक्तों का स्वागत,राज्य सरकार की रामलला दर्शन योजना के तहत विशेष यात्रा
दुर्ग//शौर्यपथ /राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का विशेष जत्था बुधवार को रवाना हुआ। दुर्ग रेलवे स्टेशन का वातावरण भक्तिमय हो उठा, जब बैंड की गूंज और “जय श्रीराम” के उद्घोष के साथ आस्था स्पेशल ट्रेन को रवाना किया गया।
दोपहर 12 बजे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर,दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव,महापौर अलका बाघमार,जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक,अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा,सभापति श्याम शर्मा,पंचायत अध्यक्ष श्रीमती बंजारे,संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर, कलेक्टर अभिजीत सिंह, आयुक्त सुमित अग्रवाल, सीईओ बजरंग दुबे तथा रेलवे अधिकारियों ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को विदा किया।
श्रद्धालुओं का पारंपरिक स्वागत
प्रस्थान से पहले स्टेशन पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने सभी रामभक्तों का तिलक कर, माला पहनाकर एवं मंगलकामनाओं के साथ स्वागत किया। बैंड की मधुर धुन के बीच श्रद्धालु “जय श्रीराम” और “रामलला हम आ रहे हैं” के जयकारे लगाते हुए उत्साह से भरे दिखे।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से पहुंचे भक्त
इस विशेष यात्रा में दुर्ग शहर और ग्रामीण इलाकों से सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। श्रद्धालुओं में अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन करने का अपार उत्साह और भक्ति भाव नजर आया।इस अवसर पर एम आई सी सदस्य ज्ञानेश्वर ताम्रकार,चंद्रशेखर चंद्राकर, पार्षद कमल देवांगन, कुलेश्वर साहू, मनोज सोनी, गुड्डू यादव, मंडल अध्यक्ष हरीश चौहान सहित अनेक जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और नागरिक मौजूद रहे।
आवास हितग्राहियों को आवास के कार्य में प्रगति लाने किया प्रोत्साहित
एक सप्ताह में 185 ग्राम पंचायतों में आयोजित हो चुका ग्राम आवास प्रगति सभा, ग्रामीणों के समस्या एवं शिकायतों किया जा रहा है निराकरण
स्थानीय युवाओं को मिलेगी राजमिस्त्री की ट्रेनिंग, मिलेगा रोजगार
मोहला/शौर्यपथ /प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती भारती चंद्राकर आज विकासखंड मानपुर के ग्राम पंचायत सीतागांव एवं कारेकट्टा में आयोजित ग्राम आवास प्रगति सभा में शामिल हुई। उन्होंने आवास हितग्राहियों को आवास के कार्य में प्रगति लाने हेतु प्रोत्साहित किया। विगत एक सप्ताह में 185 ग्राम पंचायतों में ग्राम आवास प्रगति सभा का आयोजन किया जा चुका है। जिसका उदेश्य आवास निर्माण में हितग्राहियों को आ रही समस्या एवं शिकायतों का निराकरण कर आवास पूर्णत: में प्रगति लाना है।
प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती चंद्राकर ने ग्राम पंचायतों में स्वीकृत आवास एवं निर्माणधीन आवासों की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने आवास निर्माण में आ रही समस्याओं पर हितग्राहियों से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि आवास की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। ग्रामीणों द्वारा राजमिस्त्री की समस्या से अवगत करवाया गया। जिस पर सीईओ जिला पंचायत श्रीमती चंद्राकर कहा कि शासन की योजना अंतर्गत स्थानीय युवाओं राजमिस्त्री की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर राजमिस्त्री के ट्रेनिंग के लिए 25 युवाओं को शामिल करना है, इससे स्थानीय स्तर पर राजमिस्त्री एवं युवाओं को रोजगार उपलब्ध होंगे साथ ही आवास के कार्य में भी तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण पूर्ण करने वाले हितग्राहियों को सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने ग्राम कारेकट्टा के श्री मनुराम कोर्राम के निर्माणधीन आवास का निरीक्षण किया एवं आवास के कार्य को अतिशीघ्र पूर्ण करने हेतु प्रोत्साहित किया।
- ग्राम पंचायतों में आवास प्रगति सभा का हो रहा आयोजन, ग्रामीणों के समस्याओं का किया जा रहा समाधान
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत जिले के सभी 185 ग्राम पंचायतों में आवास प्रगति सभा का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के पात्र आवास हितग्राहियों को योजना संबंधी समुचित जानकारी देना, निर्माण कार्य में तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करना तथा आवास निर्माण की प्रगति की समीक्षा करना है। सभा में संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, पंच, ग्राम पटेल, आवास सेना तथा जिला/जनपद पंचायत द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है। जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत ग्रामीण के लाभ और पात्रता प्रक्रियाए,आवास निर्माण की गुणवत्ता एवं तकनीकी मार्गदर्शन, स्वीकृत आवासों की निर्माण प्रगति की समीक्षा, हितग्राहियों की समस्याओं का समाधान, समय-सीमा के भीतर निर्माण पूर्ण करने हेतु प्रोत्साहित करना है।
- निर्माणाधीन आंगनबाड़ी के धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी, संबंधित अधिकारियों को शोकॉज नोटिस देने के दिए निर्देश
प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती भारती चंद्राकर आज विकासखंड मानपुर के ग्राम पंचायत हलांजूर के निर्माणाधी आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण की। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी के धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने पीओ, टीए, पंचायत सचिव को शोकॉज नोटिस देने के निर्देश दिए साथ ही संबंधित ठेकेदार से तत्काल कार्य प्रारंभ कर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
01 लाख 27 हजार बीपीएल परिवारों को मिलती रहेगी मुफ्त बिजली की सुविधा
बालोद/शौर्यपथ/छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने वाली हॉफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 400 यूनिट की मासिक छूट की सीमा में युक्तियुक्त संशोधन करते हुए अब 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया है। पुनरीक्षित हॉफ बिजली बिल योजना के तहत दुर्ग क्षेत्र के अंतर्गत दुर्ग जिले में लगभग 01 लाख 39 हजार 80 उपभोक्ता, बालोद जिले में लगभग 81 हजार 755 एवं बेमेतरा जिले में लगभग 01 लाख 01 हजार 287 जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा। इनमें दुर्ग क्षेत्र (दुर्ग, बालोद, बेमेतरा जिले) के लगभग 01 लाख 27 हजार बीपीएल(गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। इसके साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के तहत अन्य सभी लाभों से भी यथावत लाभान्वित रहेंगे।
छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को भी तेजी से लागू कर रही है, जिसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से अधिकतम 1,08,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। योजना के तहत 02 किलोवॉट प्लांट से प्रतिमाह औसतन 240 यूनिट उत्पादन संभव है, जिस पर 90,000 रुपये तक कुल सब्सिडी (60,000 केंद्र एवं 30,000 राज्य) रुपये मिलती है। 03 किलोवॉट क्षमता के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन संभव है, और इसमें 78,000 रुपये केंद्र एवं 30,000 रुपये राज्य कुल 1,08,000 रुपये की सहायता मिलती है। शेष राशि के लिये जो उपभोक्ता बैंक से ऋण लेना चाहते हैं, उनके लिये आकर्षक एवं न्यूनतम वार्षिक ब्याज दर 6.3 से 6.5 प्रतिशत् एवं कम से कम दस्तावेज यथा बिजली बिल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वेंडर कोटेशन एवं फीजिबिलिटी रिपोर्ट के साथ राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋण भी उपलब्ध है। ज्ञात हो कि दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा जिले के 911 परिवार सोलर पैनल लगाकर ना केवल मुफ्त बिजली का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि बिजली के भारी-भरकम बिलों से भी राहत पा रहे हैं। वर्तमान में मार्केट में विभिन्न कंपनियों के डी.सी.आर. सोलर पैनल उपलब्ध है। जिनके 03 किलोवॉट तक के सिस्टम की कीमत 1.8 से 2.10 लाख तक है। इस प्रकार उपभोकता के 03 किलोवॉट के सोलर प्लांट पर रू. 1,08,000 रुपये की सब्सिडी घटाकर शेष राशि स्वयं वहन करना होता है। बाजार में सोलर प्लांट का बीमा भी कई बीमा कंपनियों द्वारा किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 02 किलोवॉट या अधिक क्षमता वाले प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता प्रतिमाह 240 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन 25 साल तक कर सकते हैं, जो 03 अगस्त 2025 के पहले लागू हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट रियायत) से भी ज्यादा है। ऐसे उपभोक्ता अपने घर में सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग कर न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर आय भी अर्जित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली, स्थायी बचत और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगी। साथ ही, पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व निभाने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे छत्तीसगढ़ के उपभोक्ता हॉफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली बिल योजना की ओर स्वाभाविक रूप से अग्रसर होंगे। उपभोक्ता किसी भी योजना पर निर्भर न रहते हुए स्वयं अपनी छत पर ऊर्जा उत्पादन कर “उर्जादाता” बनेंगे। यह रणनीतिक पहल राज्य को स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिक बचत और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में आगे बढ़ाएगी। इस योजना का लाभ उपभोक्ताओं को पूर्णतः आनलाइन प्रकिया के तहत दिया जा रहा है। जिसके तहत उपभोक्ता स्वयं ऑनलाईन पोर्टल https://pmsuryaghar.gov.in/ पर लॉग इन कर अथवा पीएम सूर्यघर मोबाइल ऐप, सीएसपीडीसीएल के वेबसाइट, मोर बिजली ऐप एवं बिजली कंपनी की टोल फ्री नंबर 1912 पर कॉल कर आवेदन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए सीएसपीडीसीएल के नजदीकी बिजली दफ्तर में संपर्क कर सकते है। इस स्कीम के तहत उपभोक्ता सौर प्लांट के स्थापना हेतु वेंडर का चयन ऑनलाइन खुद कर सकते हैं। सौर प्लांट स्थापित होने के बाद केन्द्र एवं राज्य से प्राप्त होने वाली सब्सिडी राषि सीधे उपभोक्ता के खाते में अथवा बैंक से लोन लेने वाले प्रकरण में सीधे बैंक के खाते में प्राप्त होगी। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और एक उज्ज्वल और हरित भविश्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
नन्हें-मुन्हें बच्चों से मधुर एवं आत्मीय बातचीत कर पढ़ाई-लिखाई और भोजन व्यवस्था के संबंध में ली जानकारी
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने आज डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम कोरगुड़ा में पहुँचकर आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र के नन्हें-मुन्हें बच्चों से मधुर एवं आत्मीय बातचीत कर उनकी पढ़ाई-लिखाई एवं अन्य गतिविधियों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केन्द्र में उन्हें मिलने वाली भोजन, नाश्ता एवं अन्य सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। इस मौके पर कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने बच्चों को खूब प्यार, दुलार देकर उन्हें टाॅफी भी प्रदान किया। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा के मधुर एवं स्नेहिल व्यवहार से आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चे अपनत्व का आभास करते हुए बहुत ही अभिभूत नजर आ रहे थे। इस मौके पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी, एसडीएम श्री शिवनाथ बघेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री समीर पाण्डेय सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मौके पर उपस्थित अधिकारियों को आंगनबाड़ी केन्द्र कोरगुड़ा में कुपोषित बच्चों की संख्या के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने पंजी से मिलान कर कुपोषित बच्चों की संख्या, बच्चों की वजन आदि का भौतिक सत्यापन किया। इस मौके पर श्रीमती मिश्रा ने बच्चों की ऊँचाई का मापन भी कराया। श्रीमती मिश्रा ने आंगनबाड़ी केन्द्र के रसोई कक्ष में पहुँचकर बच्चों के लिए बन रहे गर्म भोजन एवं रेडी टू इट का भी अवलोकन किया। उन्होंने गर्म भोजन एवं रेडी टू इट को चखकर भोजन की गुणवत्ता को परखा। इसके अलावा उन्होंने स्टोर कक्ष में उपलब्ध खाद्य पदार्थों का अवलोकन भी किया। कलेक्टर ने बच्चों को गुणवत्तायुक्त ताजे एवं गर्म भोजन तथा नाश्ता प्रदान करने के निर्देश भी दिए। इस दौरान उन्होंने मौके पर उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अधिकारियों से आंगनबाड़ी केन्द्र के व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी दी तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भिलाई में शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में हुए सम्मिलित
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के तीर्थ स्थलों का चरणबद्ध तरीके से विकास कर रही है। इसी कड़ी में कवर्धा स्थित भोरमदेव मंदिर परिसर के समग्र विकास के लिए 146 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इसके साथ ही राज्य के 5 प्रमुख शक्तिपीठों के उन्नयन हेतु शक्ति कॉरिडोर योजना प्रारंभ की गई है।
मुख्यमंत्री साय आज भिलाई में आयोजित शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में श्रीमती कौशल्या देवी साय के साथ सपरिवार सम्मिलित हुए। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम में उन्होंने कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा और व्यासपीठ से जुड़े संतजनों का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने आयोजन समिति और सभी श्रद्धालु शिवभक्तों को पवित्र श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि समापन दिवस पर कथा में सम्मिलित होना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश शिवमय है। उनके गृह ग्राम बगिया में स्वयं फलेश्वर महादेव विराजमान हैं। कवर्धा में बाबा भोरमदेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव, और जशपुर में मधेश्वर महादेव विराजमान हैं — जो विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती पर महादेव के साथ-साथ आदिशक्ति देवी माता की भी अपार कृपा है। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी, रतनपुर में मां महामाया, चंद्रपुर में मां चंद्रहासिनी भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल के दौरान 10 वर्ष छत्तीसगढ़ की भूमि पर बिताए थे। इसी भूमि पर उन्होंने माता शबरी के जूठे बेर खाकर आदर्श भक्ति को मान्यता दी थी। छत्तीसगढ़ को प्रभु श्रीराम का ननिहाल भी माना जाता है।
मुख्यमंत्री साय ने श्रीरामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम सिद्ध हो रही है।
इस अवसर पर विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, गजेन्द्र यादव, रिकेश सेन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण,गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में भिलाई स्टील प्लांट के नवनियुक्त निदेशक श्री चित्त रंजन महापात्र ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर महापात्र ने मुख्यमंत्री साय को पुष्पगुच्छ, शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने महापात्र को उनकी नवीन पदस्थापना पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) मद का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय क्षेत्र के समग्र विकास में प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भिलाई स्टील प्लांट प्रदेश के विकास में प्रभावी योगदान देगा।
आत्मसमर्पित माओवादियों को मिल रहा नया जीवन
कौशल विकास प्रशिक्षण से बदल रही है बस्तर के युवाओं और महिलाओं की जिंदगी
राज्य सरकार की माओवादी आत्मसमर्पण राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 ला रही रंग
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू माओवादी आत्मसमर्पण राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 और बस्तर संभाग के अंदरूनी गांवों के समग्र विकास के लिए विशेष रूप से संचालित ‘नियद नेल्ला नार’ योजना ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और विश्वास का नया मार्ग प्रशस्त किया है। इस योजना के कन्वर्जेंस के माध्यम से जिला प्रशासन सुकमा द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल प्रशिक्षण, पुनर्वास एवं स्वरोजगार से जोड़कर समाज की मुख्यधारा में सफलतापूर्वक जोड़ा जा रहा है।
कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में चल रहे इस कार्यक्रम के अंतर्गत लाइवलीहुड कॉलेज एवं ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में विभिन्न ट्रेड में नि:शुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि आत्मसमर्पित युवा और महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी होकर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
पुनर्वास केंद्र बना नई राह की शुरुआत
कोंटा विकासखंड की अनीता सोड़ी जैसी आत्मसमर्पित महिलाओं के जीवन में यह योजना नई दिशा लेकर आई है। अनीता बताती हैं कि पुनर्वास केंद्र ने हमें यह एहसास कराया कि शांति और सम्मान से भी जीवन जीया जा सकता है। सिलाई, कृषि समेत अन्य आजीविका प्रशिक्षणों ने हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया है। अब मैं स्वयं का सिलाई कार्य प्रारंभ कर परिवार को बेहतर भविष्य देना चाहती हूं।
अनीता के साथ सुश्री वेट्टी कन्नी, हड़मे माड़वी, कड़ती विज्जे समेत 6 आत्मसमर्पित महिलाएं लाइवलीहुड कॉलेज सुकमा में चल रहे एक माह के सिलाई प्रशिक्षण में हिस्सा ले रही हैं। ‘सक्षम योजना’ के अंतर्गत उन्हें 40 हजार से 2 लाख रुपये तक का ऋण 3% ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा तथा निःशुल्क सिलाई मशीन एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।
लाइवलीहुड कॉलेज में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 किशोरी बालिकाएं एवं महिलाएं हिस्सा ले रही हैं। इन्हें ब्लाउज, ड्रेस, स्कूल यूनिफॉर्म एवं शर्ट-पैंट की सिलाई की ट्रेंनिग दी जा रही है। साथ ही नोनी सुरक्षा योजना, महतारी वंदन योजना, सक्षम योजना, एवं महिला ऋण योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल भी की जा रही है, जिससे महिला सशक्तिकरण को नई गति मिल रही है।
नियद नेल्ला नार योजना से बस्तर में विकास और विश्वास की बहार बह रही है। अब तक 79 आत्मसमर्पित माओवादियों को सिलाई, कृषि-नर्सरी, वाहन-चालन, राजमिस्त्री एवं उद्यमिता जैसे ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आगामी सप्ताह से 30 युवा राजमिस्त्री प्रशिक्षण के लिए आरसेटी में प्रशिक्षण लेंगे। पुनर्वास केंद्र सुकमा में वर्तमान में 42 प्रशिक्षणार्थी (21 महिलाएं) निवासरत हैं जिन्हें क्रमशः कौशल प्रशिक्षण से जोड़ा जा रहा है।
योजना के कन्वर्जेंस से युवाओं को मुख्यमंत्री कौशल विकास, सक्षम, पीएम स्वनिधि, स्टार्टअप, कृषि उद्यमिता और महिला ऋण योजनाओं से जोड़कर स्वरोजगार की राह दिखाई जा रही है जो बस्तर के अंदरूनी गांवों में रोजगार, सम्मान तथा विकास के नए युग का सूत्रपात कर रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार की दूरदर्शी नीति और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब सरकार संवेदना, अवसर और कौशल के साथ लोगों तक पहुँचती है तो बदलाव सिर्फ संभव ही नहीं बल्कि सुनिश्चित होता है। बस्तर की यह परिवर्तन यात्रा आने वाले समय में शांति, विकास और समृद्धि की स्थायी नींव तैयार करेगी।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता सुश्री नमी राय पारेख ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय को रायपुर निवासी सुश्री नमी राय पारेख ने बताया कि 05 से 13 जुलाई तक जापान के हिमेजी में एशियन पॉवरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस चैंपियनशिप में उन्होंने 57 किलोग्राम डेडलिफ्ट वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुश्री नमी राय पारेख को एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपने अपनी मेहनत और समर्पण से छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। प्रदेश की बेटियों को आपकी उत्कृष्ट उपलब्धि से प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर अंजय शुक्ला, अंजिनेश शुक्ला, सनी पारेख सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
पंजाब से बिहार जा रही थी शराब, ट्रक चालक गिरफ्तार, बड़े सिंडिकेट की संलिप्तता की आशंका
जशपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पुलिस को नशा तस्करी के खिलाफ ‘ऑपरेशन आघात’ के तहत एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। मुखबिर से मिली सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 734 कार्टन अंग्रेजी शराब से लदा ट्रक जब्त किया है। जब्त शराब की अनुमानित बाजार कीमत लगभग 51 लाख रुपये आंकी गई है। इस मामले में एक ट्रक चालक को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पुलिस को पूरे तस्करी नेटवर्क में बड़े सिंडिकेट की सक्रियता का संदेह है।
ऐसे हुआ खुलासा:
दिनांक 4 अगस्त को जशपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि एक संदिग्ध ट्रक (क्रमांक UP12AT1845) भारी मात्रा में अवैध शराब लेकर जशपुर क्षेत्र से गुजरने वाला है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम आगडीह, NH-43 पर पुलिस ने त्वरित नाकाबंदी की। कुछ ही देर में संदिग्ध ट्रक वहां से गुजरता दिखाई दिया, जिसे तुरंत रोका गया।
ट्रॉली से निकली नशे की खेप:
ट्रक की तलाशी लेने पर ट्रॉली से 734 कार्टन में पैक अंग्रेजी शराब बरामद हुई। बरामद माल को जब्त कर लिया गया है। पूछताछ में ट्रक चालक चिमा राम (उम्र 26 वर्ष) ने बताया कि वह चंडीगढ़ (पंजाब) से ट्रक लेकर रांची (झारखंड) तक जा रहा था, जहां से कोई अन्य व्यक्ति उसे बिहार ले जाने वाला था। उसे इस कार्य के लिए ₹45,000 की रकम दी गई थी।
सिंडिकेट की जांच में जुटी पुलिस:
पुलिस को शक है कि यह केवल ट्रक चालक का काम नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध सिंडिकेट की सक्रिय तस्करी है, जो विभिन्न राज्यों से होते हुए भारी मात्रा में शराब की अवैध आपूर्ति कर रहे हैं। चूंकि चालक को यह नहीं बताया गया था कि ट्रक में क्या है, पुलिस यह मान रही है कि चालक को मोहरा बनाकर पीछे से पूरी तस्करी नियंत्रित की जा रही है।
ऑपरेशन आघात की तीसरी बड़ी कार्रवाई:
यह जशपुर पुलिस की तीसरी बड़ी कामयाबी है, इससे पहले भी दो बार शराब से लदे ट्रक पकड़े जा चुके हैं। लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से स्पष्ट है कि पुलिस ने नशे के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपना रखी है।
प्रशासन का सख्त संदेश:
जशपुर पुलिस अधीक्षक ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि “कोई भी नशे का सौदागर अब सुरक्षित नहीं है। हमारी कार्यवाही सिर्फ सप्लाई पर नहीं, पूरे नेटवर्क पर केंद्रित है।” वहीं, स्थानीय नागरिकों ने पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए ऐसे अभियान को जारी रखने की मांग की है।
नशे के जाल को तोड़ने के लिए सीमावर्ती जिलों में कड़ी निगरानी और मुखबिर तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है। जशपुर की कार्रवाई आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए भी मिसाल बनेगी।
श्रद्धा, सेवा और सामाजिक समरसता का संगम बनेगा आयोजन
दुर्ग / शौर्यपथ / श्री गंजपारा दुर्गा उत्सव समिति, दुर्गा धाम पुरानी गंज मंडी, गंजपारा दुर्ग द्वारा विगत दिनों शारदीय नवरात्र महापर्व की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वर्ष 2025-26 एवं 2026-27 के लिए समिति की नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसकी औपचारिक घोषणा समिति के अध्यक्ष रवि पिडियार ने की। यह गठन समिति के संरक्षक मंडल के मार्गदर्शन और सामूहिक सहमति से सम्पन्न हुआ।
संरक्षक मंडल में कमलनारायण रूंगटा, महेन्द्र सेक्सरिया, संतोष रूंगटा, संजय रूंगटा, चतुर्भुज राठी, कृष्णकुमार दुबे, शालिग्राम दुबे, किशोर जैन और विनीत जैन जैसे समाज के वरिष्ठ एवं अनुभवी जन शामिल रहे, जिन्होंने कार्यकारिणी की संरचना को स्वीकृति प्रदान की।
नवगठित कार्यकारिणी में संयोजक के रूप में नवल अग्रवाल, शैलेष तिवारी, विवेक मिश्रा और मुकेश राठी को दायित्व सौंपा गया है। रवि पिडियार अध्यक्ष पद पर पुनः निर्वाचित हुए हैं, जबकि मनोज शर्मा महासचिव, और विकेश मिश्रा (रिचू) एवं अमित यादव को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी जितेन्द्र (जित्तू) राठी को दी गई है।
कार्यकारिणी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद हेतु पंकज रूंगटा, दीपक चोपड़ा, मोनू नामदेव, गणेश अग्रवाल और सतबीर शर्मा को शामिल किया गया है। सचिव मंडल में महेन्द्र गांधी, रणछोड़ भुतड़ा, राजू अग्रवाल, नितिन रूंगटा, अमित बंछोर और आशीष सेक्सरिया जैसे सक्रिय पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। सह सचिव के रूप में ऋषि साहू, राहुल साहू, मनोज सिन्हा, पंकज यादव, आदित्य शर्मा, हर्षद पारख एवं आलेख दुबे को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं कार्यकारिणी सदस्य के रूप में सौरभ पंड्या, जितेन्द्र जैन, विकास गुप्ता, कृष्ण यादव और राकेश चक्रधारी की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
बैठक में आगामी शारदीय नवरात्र पर्व के अवसर पर माता रानी की प्रतिमा स्थापना, धार्मिक अनुष्ठान, भजन संध्या, महाप्रसादी वितरण, एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना पर चर्चा की गई और आम समिति की सहमति से कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया।
इस अवसर पर खंडेलवाल समाज के वरिष्ठ सदस्य ब्रजमोहन खंडेलवाल एवं संजय खंडेलवाल द्वारा समिति के संरक्षक चतुर्भुज राठी को सम्मानित किया गया।
बैठक के समापन पूर्व उपस्थित सदस्यों द्वारा पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे सहित समिति के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बैठक का संचालन महासचिव मनोज शर्मा ने किया और आभार प्रदर्शन अध्यक्ष रवि पिडियार ने किया।
यह आयोजन केवल धार्मिक परंपराओं का निर्वहन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक जागरूकता और सेवा भावना को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। गंजपारा दुर्गा उत्सव समिति ने नवरात्र को सामाजिक समरसता का पर्व बनाने का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री साय ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यों की समीक्षा की
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति के प्रकरणों में त्वरित, नियमानुसार एवं संवेदनशीलता से क्षतिपूर्ति सहायता प्रदान की जाए। वनांचल में निवासरत लोगों को कई बार वन्यप्राणियों के हमलों से अपनों को खोने की पीड़ा सहनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रभावितों के दुख-दर्द का मानवीय दृष्टिकोण से शीघ्र निराकरण किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री साय आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाथी-मानव द्वंद्व और अन्य हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति की घटनाएं राज्य के वनांचल क्षेत्रों में चुनौती बनकर उभर रही हैं। ऐसी स्थितियों में शासन की जिम्मेदारी है कि पीड़ितों को शीघ्र एवं न्यायसंगत सहायता उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी संबंधित प्रकरणों का नियमानुसार त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जंगली हाथियों द्वारा धान जैसी प्रमुख फसल के अतिरिक्त गन्ना, केला, पपीता एवं कटहल जैसी नगदी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया जाता है, जिससे किसानों को आर्थिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी दोहरी मार झेलनी पड़ती है। बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रदत्त व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टों की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली।
बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा प्रदत्त सहायता समय पर प्रभावितों तक पहुंचे, इसके लिए विभागीय समन्वय को और अधिक मजबूत किया जाए। जनहानि, स्थायी अपंगता, पशुहानि, मकान क्षति तथा फसल हानि के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति दरों में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव भी बैठक में प्रस्तुत किया गया।
बैठक में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल क्षति के आरबीसी के प्रावधानों के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि पर भी चर्चा की गई।
बैठक मे मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव (वन) श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी सचिव अंकित आनंद, सचिव (वन) अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) सुधीर अग्रवाल, अपर मुख्य वन संरक्षक प्रेम कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / खेल और खिलाड़ियों को लेकर कार्य करने वाले राष्ट्रव्यापी संगठन क्रीड़ा भारती की आवश्यक बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा करने के साथ-साथ आगामी कार्यक्रमों पर भी विचार विमर्श हुआ।
इस बैठक में क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कोष प्रमुख मिलिंद डांगे विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में कीड़ा भारती के पदाधिकारीगण के साथ-साथ खिलाड़ी, कोच और खेल संगठनों के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कोष प्रमुख मिलिंद डांगे ने कहा कि क्रीड़ा भारती ऐसा संगठन है जो खेल और खिलाड़ियों के साथ-साथ संपूर्ण समाज की चिंता करता है। देश के हर नागरिक की सेहत अच्छी रहे यही क्रीड़ा भारती का लक्ष्य है क्योंकि अच्छी सेहत वाले नागरिक एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करते हैं और खेलों के माध्यम से ही देश के नागरिकों को अच्छी सेहत और आरोग्य मिल सकता है।
क्रीड़ा भारती के आगामी कार्यक्रमों के संबंध में मिलिंद डांगे ने बताया कि आगामी 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद की जयंती पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस को विशेष रूप से मनाया जाना है। क्रीड़ा ज्ञान प्रतियोगिता के बारे में उन्होंने बताया कि इसका ऑनलाइन पंजीकरण प्रारंभ हो चुका है, इस परीक्षा का आयोजन खिलाड़ियों, छात्रों अभिभावकों और नागरिकों के बीच खेलों को लेकर अधिक रुचि पैदा करने के उद्देश्य प्रतिवर्ष कराया जाता है, ये ऑनलाइन परीक्षा आगामी 14 सितंबर को होनी है, उसके लिए क्रीड़ा भारती से जुड़े सभी सदस्य स्कूल और कॉलेज में विशेष रूप से संपर्क कर अधिक से अधिक विद्यार्थियों को क्रीड़ा ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि खेल से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्न हल कर सबमें खेल के प्रति रुचि जागृत हो।
वर्ष 2036 के ओलंपिक में कबड्डी को शामिल करने के लिए देशभर में प्रमुखता से कबड्डी का आयोजन क्रीड़ा भारती ने अपने हाथ में लिया है। क्रीड़ा भारती समस्त प्रकार के खेलों के खिलाड़ियों के लिए काम करती है किंतु भारतीय परिवेश के खेलों को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है। खेल प्रतियोगिताएं बेहतर ढंग से स्वस्थ वातावरण में हो, डोपिंग न हो और खेल के माध्यम से देश आगे बढ़े क्रीड़ा भारती इसी के लिए सक्रिय है।
क्रीड़ा भारती के प्रांत अध्यक्ष और बॉडी बिल्डिंग के राष्ट्रीय निर्णायक संजय शर्मा ने क्रीड़ा भारती के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1992 से निरंतर संगठन कार्य कर रहा है। क्रीड़ा भारती के माध्यम से जीजा माता सम्मान देने जैसे आयोजन करके खिलाड़ियों की माता का सम्मान करने जैसे कार्यक्रम भी लगातार होते हैं। हमारा लक्ष्य है बच्चों से लेकर बड़ी उम्र के अधिक से अधिक नागरिक खेलने के लिए मैदान तक पहुंचे। प्रान्त मंत्री सुमित उपाध्याय, प्रान्त संगठन मंत्री कौशलेंद्र पटेल, विभाग संयोजक विनोद नायर मंचस्थ रहे। कार्यक्रम का संचालन बालक दास डाहरे ने किया।
बैठक में उपस्थित जनों में अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी संगीता राजगोपालन असिस्टेंट डायरेक्टर खेल कल्पना स्वामी, विभाग सह संयोजक डॉ सुनील साहू, राजेन्द्र पाध्ये, उपाध्यक्ष आरती शुक्ला, जिला मंत्री महेश यादव, वॉलीबॉल कोच पूनम मिश्रा, पीटीआई संध्या दुबे, किशन कुमार साहू, उत्तम कुमार बौद्ध, हितेश कुमार साहू, एथलेटिक्स महावीर सपहा, सुरेश कुमार कोसरिया, मीना साहू, नितेश सिंह, विशालदीप नायर, प्रमोद वाघ, एम वेणुगोपाल राव, रमेश कुमार दुबे, डोमेन्द्र निषाद, रामगोपाल यादव, दुष्यंत देशलहरे शामिल रहे।
छत्तीसगढ़ के सभी तीर्थ स्थलों को विकसित कर रही है सरकार, कवर्धा के भोरमदेव के विकास हेतु 146 करोड़ स्वीकृत
श्रीराम लला दर्शन योजना और तीर्थ दर्शन योजना से श्रद्धालुओं को मिल रहा है आध्यात्मिक लाभ
दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पवित्र श्रावण मास के दौरान भिलाई में आयोजित सात दिवसीय शिव महापुराण कथा के समापन समारोह में आज सपत्निक सम्मिलित हुए। श्रावण मास की इस सात दिवसीय शिव महापुराण कथा श्रृंखला का आयोजन 30 जुलाई से 05 अगस्त 2025 तक बोल बम समिति द्वारा किया गया। जिसमें सिहोर मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा जी महाराज ने शिव महापुराण की अमृतमय कथा से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कथा वाचक पं. श्री मिश्रा और व्यास पीठ से जुड़े संत जनों का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से स्वागत एवं अभिवादन किया। उन्होंने आयोजन समिति को तथा समस्त शिव भक्तों व श्रद्धालुओं को पवित्र श्रावण मास की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि इस्पात नगरी भिलाई में विगत सात दिनों से शिव महापुराण कथा की अविरल धारा बह रही है। उन्होंने कहा समापन दिवस पर कथा में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महादेव की कृपा छत्तीसगढ़ वासियों पर बरसती रहे। छत्तीसगढ़ में भगवान महादेव विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नाम से विराजमान है। जहां पर लोग श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करते आ रहे है।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि जशपुर में मधेश्वर महादेव विराजमान है, जो विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग है। कर्वधा में बाबा भोरमदेव, रायपुर में महेश्वर महादेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, गरियाबंद में भूतेश्वर महादेव तथा खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव के रूप में भगवान महादेव श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश शिवमय है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके गृह ग्राम बगिया में भी फलेेश्वर महादेव विराजमान है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महादेव के साथ आदिशक्ति देवी माता की भी कृपा है। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ में मां बम्बलेश्वरी, रतनपुर में मां महामाया और चंद्रपुर में मां चंद्रहासिनी, सूरजपुर में सूरजगढ़ी माता विराजमान है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में 5 प्रमुख शक्तिपीठों के विकास के लिए शक्ति कॉरीडोर योजना प्रारम्भ की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग दर्शन में तीर्थ पर्यटन को नई दिशा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास के समय 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में बिताए है। इस दौरान उन्होंने भक्त माता शबरी के जूठे बेर भी खाए थे। छत्तीसगढ़ प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। मुख्यमंत्री ने श्रीराम लला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके है। उन्होंने कहा कि यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनी है। इस वर्ष भी विगत दिवस रायपुर से तीर्थयात्रियों के दल को रवाना किया गया। ट्रेन में 850 श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई।
मुख्यमंत्री ने डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में प्रारम्भ तीर्थ दर्शन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि विगत 5 वर्षों से बंद यह योजना पुनः प्रारम्भ की गई। इस योजना के अंतर्गत राज्य के वृद्ध श्रद्धालुओं को देश के 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जा रहे है। जिससे उन्हे जीवन में आध्यात्मिक आस्था का अनुभव हो रहा है। इस योजना में परित्यक्तता और विधवा महिलाओं को भी प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के सभी तीर्थ स्थलों को विकसित कर रही है। इसी कड़ी में कर्वधा स्थित भोरमदेव के विकास के लिए 146 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। समापन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय सपत्निक आरती में शामिल हुए और उन्होंने प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए कहा कि भोले बाबा महादेव की कृपा सभी श्रद्धालुओं पर बनी रहे।
इस अवसर पर विधायक अहिवारा डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, महापौर भिलाई नीरज पाल, संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल एवं अन्य अधिकारीगण तथा आयोजन समिति के दयासिंह सहित अन्य पदाधिकारी, नगर के गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।