
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
राजनांदगांव/शौर्यपथ/ देश के ज्यादातर हिस्सों में इन दिनों आसमान से आग बरस रही है. मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के कई जिलों के लिए लू का अलर्ट जारी कर दिया गया है. गर्मी का हाल कुछ ऐसा है कि हीटस्ट्रोक के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं. गर्मी में लू लगने से बेहद परेशानी होने लगती है। लू लगने पर बॉडी में डिहाइड्रेशन की परेशानी बढ़ने लगती है और बॉडी में पानी की कमी होने लगती है। इस स्थिति में पसीना आना बंद हो जाता है और बॉडी से गर्मी नहीं निकल पाती है। लू लगने पर बॉडी में क्रैम्प आते हैं और कमजोरी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में बेहोशी और चक्कर आ सकते हैं।
मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर प्रकाश खुंटे ने दैनिक शौर्यपथ को बताया कि हीटवेव की वजह से शारीरिक तनाव हो सकता है। अगर स्थिति को कंट्रोल नहीं किया जाए तो इंसान की मौत भी हो सकती है। अगर आप बुखार महसूस करते हैं,सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी, मतली, या भटकाव महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर खुंटे ने बताया है कि इस दौरान तेज धूप में बाहर निकलने से बचना चाहिए. बाहर जाने से पूरी तरह से खुद को बचाना चाहिए. यदि फिर भी धूप में जाना पड़ रहा हो तो इस दौरान धूप से सिर को बचाने के लिए इसे ढक कर रखें. सिर पर ढीले और हल्के रंग के कपड़ों का इस्तेमाल करें ताकि हवा आ सके.
0 लू लगने पर क्या होता है ?
डॉ. खुंटे ने बताया कि लू लगने का मतलब शारीरिक तापमान का अत्यधिक बढ़ना होता है. जो कि आमतौर पर धूप में ज्यादा देर रहने या शारीरिक मेहनत करने से होता है. जिसकी वजह से शरीर अंदरुनी गर्मी को कंट्रोल करने में असक्षम हो जाता है. हीट स्ट्रोक को ही लू लगना कहते हैं, जो कि हीट इंजरी का सबसे गंभीर रूप है. इस कंडीशन में शारीरिक तापमान 40.60 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा हो जाता है. डॉक्टर आगे बताते हैं कि हीट स्ट्रोक पर अगर तुरंत मेडिकल सहायता ना मिले, तो ऑर्गन फेलियर, गंभीर डिहाइड्रेशन, बेहोशी या फिर मौत तक हो सकती है
. 0 लू से बचने के लिए यह करे
खुद को हाइड्रेट रखने के लिए ठंडी शिकंजी, ओआरएस, पानी, नारियल पानी जैसे तरल पदार्थ का सेवन जरूर करें. ताजे फल जैसे तरबूज, खरबूजा, खीरा, पपीता, संतरा, नारियल पानी का सेवन करें. दोपहर के समय धूप और गर्म हवा तेज होती है, इस समय बेफिजूल घर से बाहर जाने से बचें,अगर बहुत ज्यादा जरूरी हो तो अपने सर ,कान, मुंह को अच्छे से ढककर बाहर निकले .ढीले एवं नरम कपड़े पहने.