
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के पहले मुख्यमंत्री दर्पण वेबसाईट और मोबाइल एप का लोकार्पण किया। इस वेबसाईट के जरिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना सहित अन्य फ्लैगशिप योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग कर सकेंगे वहीं इस वेबसाईट और मोबाइल एप की जरिए आमजन इन योजनाओं की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। इस वेबसाईट और मोबाइल एप का निर्माण चिप्स द्वारा किया गया है।
मुख्यमंत्री ने चिप्स के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दर्पण पोर्टल और मोबाइल एप के जरिए जहां सीधे मुख्यमंत्री सचिवालय से योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और निगरानी होगी वहीं दूसरी ओर योजनाओं की समस्त जानकारी वास्तविक समय पर आम-नागरिकों के लिए भी उपलब्ध रहेंगी।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस पोर्टल द्वारा समस्याओं के समाधान भी उपलब्ध कराए जायेंगे। मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना अंतर्गत नागरिक अपनी समस्याओं और जानकारियों की फोटो खींच कर एप में तत्काल भेज सकते हैं, जिसे एडमिन पैनल के माध्यम से निराकरण के लिए सम्बंधित अधिकारी को भेजा जाएगा और निराकरण होने तक निगरानी की जायेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने बताया कि मुख्यमंत्री दर्पण पोर्टल और मोबाइल एप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हम नो पेपर मूल्यांकन और रियल टाइम मानिटरिंग की ओर बढ़ रहे हैं। स्कूल और तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने दर्पण वेबसाइट और मोबाईल एप की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस वेबसाईट की लिंक द्धह्लह्लश्चह्य://ष्द्वष्द्धद्धड्डह्लह्लद्बह्यद्दड्डह्म्द्ध-ष्द्दह्यह्लड्डह्लद्ग-द्दश1-द्बठ्ठ/॥शद्वद्गतथा योजनाओं के लिंक द्धह्लह्लश्चह्य://ष्द्वष्द्धद्धड्डह्लह्लद्बह्यद्दड्डह्म्द्ध-ष्द्दह्यह्लड्डह्लद्ग-द्दश1-द्बठ्ठ/॥शद्वद्ग/्रठ्ठस्रह्म्शद्बस्र&्रश्चश्चह्य हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना (नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी) सहित महात्मा गाँधी की जयंती 02 अक्टूबर 2019 के दिन शुरू की जन-कल्याणकारी योजनाओं को इसमें शामिल किया गया है। इन योजनाओं में सुराजी गांव योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना प्रमुख है। चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई ने बताया कि मुख्यमंत्री दर्पण पोर्टल और मोबाइल एप में आम-नागरिकों के लिए अनेक सुविधाएँ दी जा रही है। वेबसाईट में 'मुख्यमंत्री जी से बातचीतÓ के अंतर्गत आमजन अपने विचार साझा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री जी से संवाद करने के लिए सीधे वेबसाईट पर लिख सकते हैं, सोशल मीडिया एकाउंट से जुड़ सकते हैं। इसमें करोना के समाधान भी बताये गये हैं। इसके अलावा दर्पण में सभी प्रमुख योजनाओं की हर प्रकार की जानकारी आंकड़ों के साथ भी उपलब्ध कराई गयी है जैसे- नरवा योजना के अंतर्गत स्वीकृत नालों की कार्य प्रगति, सर्वे अनुसार लक्ष्य, घटकवार रिपोर्ट, योजना की सफलता की झलकियाँ आदि को विस्तार से बताया गया है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / बीते दिन पीडब्लयूडी विभाग द्वारा 84 पेड़ों पर नंबर लिख कर चिन्हांकित कर रोड चौड़ीकरण हेतु उन्हें काटने की अनुमति एसडीएम कार्यालय में आवेदिन दिया है। यह मामला सामने आते ही नगर के पर्यावरण प्रेमियों ने विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है एवं इसे फैसले को अनुमति नहीं देने के विषय में कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा से मिलने पहुंचे एवं अपनी मंाग रखी। इस पर कलेक्टर द्वारा मामले को संज्ञान में लेने की बात कही गई।
ज्ञात हो कि जिस मार्ग पर पेड़ो की कटाई प्रस्तावित है, वहां यातायात का दबाव भी इतना नहीं है कि रोड अधिक चौड़ा किया जाये एवं इससे लगा हुआ गौरवपथ बड़ी गाडिय़ों के आवाजाही उपलब्ध है तो इस रोड का निर्माण इस तरह किया जाए जिससे किसी भी पेड़ को नुकसान न पहुंचे यह मांग रखी गई। ज्ञात हो कि एक पेड़ को बड़ा होने में 10-15 वर्ष का समय लगता है एवं एक पेड़ अपने जीवनकाल में अनेक लोगो को फायदा ही पहुचाता है, लेकिन 84 पेड़ों का एक साथ काटने पर शहरवासियों का उग्र विरोध शासन को झेलना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि वन एवं पर्यावरण मंत्री मो. अकबर जिले के प्रभारी मंत्री भी है एवं उनके क्षेत्र में पेड़ों के साथ ऐसा होना उनके ऊपर भी प्रश्रचिन्ह खड़ा करती है कि कहीं इसमें उनकी अनुमति तो नहीं फिलहाल इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। आज ज्ञापन सौपने के दौरान मुख्य रूप से शिवम यादव, आदित्य पराते, शुभम देवांगन, आयुष वैष्णव, रजत वैष्णव, चंदन साहू, लीलाधर प्रजापति, सुमित यादव, अमित यादवए वेदप्रकाश देवांगन आदि उपस्थित थे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शासकीय राशन विक्रेता संघ ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला अध्यक्ष संजीव डोंगरे के नेतृत्व में जिलाधीश टोपेश्वर कुमार वर्मा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा।
शासकीय राशन विक्रेता संघ के जिला अध्यक्ष संजीव डोंगरे ने बताया कि राशन विक्रेता संघ के द्वारा पीडीएस की दुकानों का संचालन एवं सेवा कार्य निरंतर किया जा रहा है। शासन के आदेशो निर्देशों का पालन एवं क्रियान्वयन से स:सम्मान विक्रेताओं ने जान कि परवाह किए बिना सफलता से किया है और अपनी-अपनी दुकान संलग्न समस्त राशनकार्डधारी को उनका निर्धारित राशन सामाग्री समय पर उपलब्ध कराया है।
डोंगरे ने कहा कि छग राज्य के राशन दुकानदारों को राशन वितरण के एवज में शासन से कोई मानदेय वा वेतन निर्धारित नहीं है। सिर्फ कमीशन मिलता है, जिससे विक्रेताओं के परिवार का जीविकोपार्जन होता है, किन्तु विगत तीन माह से सामाग्री वितरण का मेहनतना कमीशन अप्राप्त है। छग राज्य में कोरोना महामारी विकराल रूप लेता जा रहा है, इस भयावह स्थिति में राशन विक्रेताओं एवं तौलक को आशा वर्कर की भांति 50,00,000 रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जाये। वित्तीय पोषण एवं प्रोत्साहन राशि 10 रूपये प्रति म्ंिटल की दर से राज्य शासन द्वारा जारी किया है जो नागरिक आपूर्ति निगम जिला कार्यालय मे विगत 6 माह से राशि जमा है, उसे सभी विक्रेताओं के खाते मे तत्काल हस्तांतरित करने की करें।
डोंगरे ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की स्थिति में हमारा पूरा राशन विक्रेता परिवार बहुत ज्यादा तंग हाल से जुझ रहा है। कमीशन नहीं आने की स्थिति मे भी मानवता को ध्यान मे रख कर कार्य कर रहा है। अत: जीविकोपार्जन हेतु पिछले वर्ष के खाली बारदानों एवं इस वर्ष जो बरदानों का शासन द्वारा उठाव किए गए है, उनकी राशि तत्काल उपलब्ध कराने का कष्ट करे। विक्रेता संघ द्वारा समय-समय पर राज्य सरकार से लिखित एवं मौखिक निवेदन करते रहे है कि हमें ऑनलाइन वितरण के पूर्व 45 रूपये प्रति म्ंिटल कमीशन मिलता था और ऑनलाइन वितरण करने पर 70 रुपये प्रति म्ंिटल कमीशन का वादा किया गया था। अत: आपसे निवेदन है कि 70 रूपये प्रति म्ंिटल कमीशन करने की कृपा करें। अन्य मद का कमीशन जैसे पूरक पोषण आहार, मध्यान भोजन, महतारी जतन, अमृत नमक जिसकी कमीशन वर्ष 2007-08 से ऑनलाइन डिलवरी के तहत आपके नागरिक आपूर्ति निगम जिला कार्यालय में सभी रेकॉर्ड एवं राशि उपलब्ध है, उक्त राशि विक्रेताओं को तत्काल उपलब्ध कराने का कष्ट करे। छग सरकार से निवेदन है की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की बहुत सी राशन दुकानें किराये के भवन में संचालित है, जिसका खर्च स्वयं विक्रेता उठा रहा है, सरकार द्वारा भवन किराया एवं विद्युत खर्च की पूर्ति बाबत् राशि निर्धारित कर उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
राशन विक्रेता हमेशा से शासन की योजनाओं को फलीभूत करता रहा है और छग राज्य के पीडीएस वितरण को देश मे गौरव प्राप्त है। अत: सहानुभूति पूर्वक उपरोक्त मांगों की पूर्ति अविलंब करने की मांग की गयी है। इस दौरान शासकीय राशन विक्रेता संघ के जिला अध्यक्ष संजीव डोंगरे साथ सचिव नकुल वर्मा, कोषाध्यक्ष श्रवण साहू, उपाध्यक्ष श्रीमती भारती लारिया, श्रीमती संतोषी उके, सहसचिव भुपेन्द्र यादव, सदस्य श्रीमती शिला यादव, चालेश्वर यादव, बुधराम वर्मा, शंकर साहू सहित अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।
मुंगेली / शौर्यपथ / पढई तुहंर दुवार \"आनलाईन पढाई मे लोरमी के विद्यार्थी ,पालक ,शिक्षक भी अध्ययन अध्यापन में भाग ले रहे हैं ।आज इसी क्रम में हिंदी विषय के महत्ता को समझाते हुये हमारे विकास खण्ड से शिक्षक युगल किशोर राजपूत द्वारा कक्षा 7 वी से पाठ \"सितारों से आगे \"शीर्षक में कल्पना चावला के जीवन पर प्रकाश डालते हुये उनके अंतरिक्ष यात्रा पर चित्रण किया गया ।और इस पाठ से व्याकरण भाग से संधि,मुहावरा एवं योजक चिन्ह को भी बताया गया।जिसके प्रश्नोत्तरी कार्य मे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े बच्चों ने उत्तर दिया ।
जिसमें विकासखंड सहित पुरे राज्य के विद्मार्थी ने भाग लेते हुए अध्ययन अध्यापन किये।क्लास 1 घण्टे तक चला एवं कल्पना चावला के अंतरिक्ष यात्रा का लघु फि़ल्म भी दिखाया गया।कक्षा के दौरान विद्मार्थीयों का सवाल जवाब भी कौन बनेगा करोड़पति के तर्ज पर लिया गया जो बहुत ही मंनोरंजक के साथ-साथ ञानवर्दक भी रहा।आज की कक्षा मे मुख्य रुप से हमारे सहायक विकास खंड अधिकारी श्री प्रकाश तिवारी, मिल्लूराम यादव, होस्ट शिक्षक दया राम साहू, सुनीलशर्मा,अभिजीत तिवारी, राघवेन्द्र सोनी,दिलीपसाहू,भोलेश्वर जायसवाल, विष्णु सिंह राठौर,राजेंद्र लहरें, बुधेश्वर ध्रुव,उमेंदडडसेना,रामनिवास साहू,,आदि का विशेष सहयोग रहा। इसकी निरन्तरता को बनाये रखने लिये सभी संकुल समन्वयक को उचित दिशानिर्देश हमारेअधिकारियों दा्रा दिया जा रहा है।क्योंकि शाला खुलने की अनिश्चितता के कारण यही एक विकल्प है कि शिक्षक आनलाईन विद्मार्थी को पढाएंगे।ब्लाक से अभी 8 शिक्षको को क्लास लेने के लिये अप्रूवल मिला है ।जो रोज क्लास ले रहे है।
दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश की अग्रणी मानवाधिकार एवं सामाजिक संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स ने 9 जून को छत्तीसगढ़ प्रदेश के 12 शहरों के 18 ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर आयोजित किया जिसमें 306 ब्लड यूनिट होल ब्लड एवं 2 यूनिट SDP एकत्रित हुआ।
संस्था के प्रदेश स्तरीय इस रक्तदान शिविर के कार्यक्रम संयोजक श्री विवेक साहू ने बताया कि संस्था के प्रदेश अध्यक्ष श्री पंकज चोपड़ा के मार्गदर्शन में हुए इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के 12 शहर रायपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, काबिरधाम (कवर्धा), बेमेतरा, महासमुंद, गरियाबंद, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ एवं सारंगढ़ के 18 ब्लड बैंक में कोरोना महामारी के कारण आयी रक्त की कमी को देखते हुए 9 जून को आयोजित किया गया जिसमें हर शहर में संस्था के सदस्यों ने एवं स्थानीय लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। शिविर का शुभारंभ रायपुर के सिटी ब्लड बैंक में प्रातः 9 बजे प्रदेश अध्यक्ष पंकज चोपड़ा ने रक्तदान कर किया।
संस्था के इस आयोजन से पूरे प्रदेश में 306 यूनिट होल ब्लड एवं 2 ओनित SDP एकत्रित हुआ। रायपुर में 76 यूनिट होल ब्लड एवं 1 SDP, भिलाई में 21 यूनिट होल ब्लड एवं 1 SDP, दुर्ग में 51 यूनिट, काबिरधाम में 32 यूनिट, बिलासपुर में 31 यूनिट, कोरबा में 27 यूनिट, राजनांदगांव में 25 यूनिट, रायगढ़ में 15 यूनिट, महासमुंद में 11 यूनिट, सारंगढ़ में 11 यूनिट, गरियाबंद में 6 यूनिट एवं बेमेतरा में 1 यूनिट एकत्रित हुए। बेमेतरा में संस्था के लगभग 20 सदस्य रक्तदान करने के लिए पहुँचे पर वहाँ के ब्लड बैंक में पर्याप्त रक्त होने के कारण मात्र 1 यूनिट रक्तदान किया गया।
इस शिविर की सबसे खास बात रही कि महिलाओं ने भी इस रक्तदान शिविर में हिस्सा लिया एवं अपनी परिचित महिलाओं को भी रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करती रहीं।
विवेक ने आगे बताया कि इस रक्तदान शिविर में पहले से ही रक्तदाताओं को रक्तदान का समय दे दिया गया था जिससे ब्लड बैंक में भीड़ एकत्रित न हो। हर रक्तदान से पहले सीट को सेनिटाइज किया गया साथ ही रक्तदाताओं को भी ब्लड बैंक में अंदर जाने से पूर्व सेनिटाइज किया गया।
प्रदेश अध्यक्ष पंकज चोपड़ा ने रक्तदान शिविर के सफलता पर विवेक साहू एवं सभी जिलों के सदस्यों को बधाई देते हुए इस शिविर को 15 जून तक बढ़ाने का आह्वान किया साथ ही यह भी आशा जताई कि 15 जून तक पूरे प्रदेश में 1000 यूनिट रक्त एकत्रित हो जाएंगे जिससे पूरे प्रदेश में आई रक्त की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा।दुर्ग-भिलाई में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रवीण जैन तातेड़, प्रसिद्ध समाजसेवी एवं जलाराम स्वीट्स के संचालक राज अड़तिया, सामाजिक कार्यकर्ता विकास जयसवाल, नीतू श्रीवास्तव एवं सूरज साहू का भरपूर सहयोग मिला। साथ ही छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन, नवदृष्टि फाउंडेशन एवं श्रुति फाउंडेशन का भी भरपूर सहयोग इस शिविर में मिला।
दुर्ग में जिला अस्पताल एवं भिलाई में आशीर्वाद ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ एवं यह शिविर 15 जून तक इन ब्लड बैंकों में चलेगा।
दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना वर्ष 2020-21 अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से ऋण लेने हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत उद्योग क्षेत्र के अधिकतम 25 लाख रू. सेवा क्षेत्र में अधिकतम 10 लाख रू. एवं व्यवसाय क्षेत्र में अधिकतम 2 लाख रू. आवेदन द्वारा ऋण लिया जा सकता है। योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को 10 प्रतिशत अधिकतम 1 लाख रू. तक, अन्य पिछडा वर्ग, महिला, अल्प संख्यक, विकलांग, भूतपूर्व सैनिक, नक्सल प्रभावित आवेदकों को 15 प्रतिशत अधिकतम 1.50 लाख रू. तक एवं अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 25 प्रतिशत अधिकतम 1.50 लाख रू. मार्जिन मनी की पात्रता होगी । आवेदक छत्तीसगढ राज्य का मूल निवासी हो, न्यूनतम 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण, आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य हो (विशेष समुदाय को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट), परिवार की वार्षिक आय रू. 3 लाख से अधिक नहीं हो। ऋण लेने के इच्छुक हितग्राही कार्यालय में उपस्थित होकर अपना आवेदन पत्र के साथ विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन, आधार कार्ड, राशन कार्ड, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान-पत्र या ड्रायविंग लाइंसेंस, शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र, जन्म तिथि प्रमाण पत्र, सक्षम अधिकारी द्वारा नि:शक्तता का प्रमाण पत्र, उद्यमी विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संबंधी प्रमाण पत्र, कम से कम पांच वर्ष का भूमि व भवन किरायानामा, वर्तमान दरों का कोटेशन जिसमेें मशीनरी, उपकरण व साज-सज्जा शामिल होने के साथ परिवार की वार्षिक आय प्रमाण पत्र सहित स्वयं का पता लिखा हुआ 2 लिफाफे व आवेदन के साथ समस्त दस्तावेज 2 प्रतियों कार्यालयीन समय मे मुख्य महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र दुर्ग मे शीघ्रतिशीघ्र आवेदन आवेदन जमा करें।
दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों में राज्य शासन की प्रगतिरत योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की। दुर्ग जिले में हेल्थ सेक्टर एवं नगरीय प्रशासन तथा अन्य विभागों में हो रहे नवाचारों की कलेक्टर कांफ्रेंस में प्रशंसा की गई। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने सामुदायिक फलोद्यानों एवं फलदार पौधों का रकबा बढाने विशेष निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग में मूलत: पट्टा वितरण के कार्यों में दुर्ग जिला प्रशासन की गतिविधि की विशेष रूप से प्रशंसा की गई। मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना एवं मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना में किए गए कार्यों में जिले का काम अच्छा रहा। इन योजनाओं के माध्यम से बडी संख्या में लोगों को स्वास्थ्य लाभ तो हुआ ही, साथ ही बीपी, शुगर, टीबी जैसी बीमारियों के चिन्हांकन में इससे आसानी हुई। इन योजनाओं में 8397 लोगों का बीपी जांच हुआ जिसमें 2584 लोगों को उच्चरक्तचाप की समस्या चिन्हांकित हुई। इसमें शुगर की जांच भी 2689 लोगों की हुई। इसमें 234 लोगों का मधुमेह चिन्हांकित हुआ। इन शिविरों के माध्यम से 58 लोगों का टीबी चिन्हांकित हुआ। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कोविड की तैयारियों की भी समीक्षा की और सभी जिलों को बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए अलग से रायपुर के इंडोर स्टेडियम की तरह बड़ा कैंपस रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर दुर्ग ने इस संबंध में नगर निगम कमिश्नर दुर्ग को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड में एसओपी का पालन पूरी तरह हो, यह सुनिश्चित करें। ऐसा किये जाने से कोविड संक्रमण को रोकने की दिशा में सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आ रहे लोगों की स्किल मैपिंग करें। बहुत से प्रोजेक्टस एवं उद्योगों में ऐसे हुनरमंदों की जरूरत हैं जिनकी कमी अब तक राज्य में रही थी। स्किल मैंपिंग से यह मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने पौधरोपण एवं स्वसहायता समूहों के आय ब?ाने के विषय पर विशेष फोकस किया। उन्होंने कहा कि फलदार पौधों के रोपण से, मुनगा आदि के रोपण से मिड डे मील में एवं आंगनबाडियों में यह अधिक मात्रा में उपलब्ध होगा। इससे स्वसहायता समूहों को भी काम मिलेगा और कुपोषण को थामने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कुपोषण के संबंध में विशेष कार्य करने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण बउी समस्या है और निरतंर मानिटरिंग और फोकस रखने से यह समस्या दूर होगी। कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने दुर्ग जिले के विषयों की जानकारी दी। कलेक्टर कांफ्रेंस में जिले से आईजी विवेकानंद सिन्हा, सीएफ श्रीमती शालिनी रैना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव, नगर निगम भिलाई कमिश्नर ऋतुराज रघुवंशी, डीएफओ केआर बढाई, रिसाली कमिश्नर प्रकाश सर्वे, दुर्ग कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन, नगर निगम भिलाई चरौदा कमिश्नर कीर्तिमान राठौर उपस्थित थे।
लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / स्कीन को सॉफ्ट और ग्लोइंग बनाने के लिए हर दिन हम कुछ-न-कुछ जरूर करते हैं। बात चाहे स्क्रब की हो या फेस पैक की, चेहरे पर निखार लाने के लिए स्कीन केयर रूटीन को फॉलो करना बहुत जरूरी होता है और पार्लर जाने की अपेक्षा घर पर ही कई ब्यूटी ट्रीटमेंट किए जा सकते हैं जिसका त्वचा पर कोई नुकसान भी नहीं होता है। हमारी रसोई में ऐसे ही ब्यूटी स्किट मौजूद हैं जिनके इस्तेमाल से आप दमकती और सॉफ्ट स्कीन पा सकते हैं। अगर आप भी स्किनकेयर उत्पाद पर ज्यादा खर्च किए बिना बेहतर त्वचा की तलाश कर रहे हैं तो नारियल का तेल आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा सकता है।
यह जादुई औषधि आपके चेहरे में निखार के साथ-साथ चेहरे पर मौजूद दाग-धब्बों को कम करने में भी उपयोगी है। इसका इस्तेमाल आपको अपनी नाइट केयर रूटीन में करना है। यह तेल कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। इसमें मौजूद गुण आपकी त्वचा को चमकदार बनाने में कारगर है।
नारियल तेल हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस से लड़ने का काम करता है। मुंहासे, स्कीन एलर्जी व फंगस से लड़ने के लिए नारियल का तेल बहुत उपयोगी है।
रूखी त्वचा के लिए नारियल का तेल वरदान है। यह त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करता है।
घावों को ठीक करने में कारगर माना जाता है
नारियल का तेल यह किसी जादुई औषधि से कम नहीं है। यह घावों को भरने का काम करता है। अगर त्वचा पर किसी तरह की चोट लग गई है तो उस पर नारियल का तेल लगाने से राहत मिलती है और कुछ दिनों में ही यह चोट को सुखा देता है।
नाभि में नारियल का तेल डालने से चेहरे पर चमक और होंठों को सॉफ्ट रखने में मदद मिलती है। रात में सोने से पहले इसे नाभि में डालकर सोना लाभकारी है।
रोज रात में चेहरे पर नारियल के तेल की मसाज करने से चेहरे पर मौजूद दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है।
खाना खजाना /शौर्यपथ / सामग्री :पका मीठा खरबूजा, ठंडा दूध, शक्कर, चुटकी भर इलायची पावडर।
विधि :
खरबूजा छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को मिक्सर में डालकर उसका पल्प बनाइए। चार बड़े चम्मच खरबूजे का पल्प, पाव गिलास दूध और स्वादानुसार शक्कर मिलाकर मिक्सर में दो मिनट तक अच्छी तरह से घुमाइए, ताकि उस पर झाग आ जाए।
अब लाजवाब खरबूजा मिल्क शेक गिलासों में भरकर पेश करें। चाहें तो ऊपर से आइस क्यूब डाल सकते है।
जानिए खरबूजे के फायदे -
1. खरबूजा शरीर में पानी की कमी की पूर्ति करता है साथ ही इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स आपको ऊर्जावान बना रखने में मदद करते हैं।
2. खरबूजा में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो बढ़ती उम्र को रोकने के साथ-साथ तनाव कम करने में भी मददगार है।
3. खरबूजा में भरपूर मात्रा में फाइबर और पानी और शर्करा की मात्रा कम होती है जो आपका वजन बढ़ने से रोकती है।
4. खरबूजे में मौजूद विटामिन ए आपकी आंखों, त्वचा व बालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
5. इसके अलावा इसमें बीटा कैरोटीन भी पाया जाता है जो आंखों के लिए बेहद लाभप्रद है।
मनोरंजन / शौर्यपथ / टीवी सितारों की कमाई भले ही बॉलीवुड सितारों जितनी न हो, लेकिन इनका मेहनताना इतना होता है कि इनकी लाइफ में लग्जरी लाइफ जीने में कोई कमी नहीं आती है। कई टीवी स्टार्स के पास दुनिया के बड़े- बड़े ब्रांड्स की कार हैं। इनके भी बॉलीवुड सितारों की तरह बड़े बड़े शौक है. तो चलिए फिर बिना किसी देरी के जानते हैं कि किस टीवी कलाकार के पास कौन सी आलिशान कार है, तो चलिए जानते हैं पार्थ ने कौन सी कार ली है और अन्य बड़े टीवी सितारों के पास कौन सी गाड़ी है।
दीपिका कक्कड़
33 वर्षीय दीपिका कक्कड़ पॉपुलर टीवी शो ‘ससुराल सिमर का’ से फेमस हुई थी। इसके अलावा वे बिग बॉस 12 की विजेता भी रह चुकी है। दीपिका टीवी की दुनिया का फेमस फेस है। दीपिका कक्कड़ फिलहाल कहां हम कहां तुम सीरियल में नजर आ रही हैं। उन्होंने अपने टीवी करियर में बहुत पैसे कमाएं है। उनके पास एक ब्लू बीएमडब्ल्यू कार है। इसके अलावा अपने पति शोएब इब्राहीम के साथ मिलकर उन्होंने BMW X4 भी खरीदी थी। बता दें कि BMW ब्रांड की करें 60 लाख से शुरू होती है।
पार्थ समथान
कसौटी जिंदगी के 29 साल के एक्टर पार्थ समथान के पास मर्सेडीज बेंज है। वाइट कलर की इस लग्जरी कार की तस्वीर उन्होंने इंस्टाग्राम पर फैन्स के साथ शेयर की थी। इस ब्रांड की कारें 40 लाख से 2 करोड़ रुपए तक की आती है।
शिवांगी जोशी
टेलीविजन की मशहूर 25 वर्षीय एक्ट्रेस शिवांगी जोशी ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में नायरा का रोल निभाती हैं। हाल ही में शिवांगी ने खुद के जैगुआर की लेटेस्ट मॉडल कार खरीदी। इस कार की कीमत करीब 1 करोड़ रुपये है।
भारती सिंह
मशहूर कॉमेडियन भारती सिंह के पास ब्लैक रंग की बीएमडब्ल्यू है। इसके अलावा उनके पास Mercedez Benz GL-350 भी है। इसमें कोई शक नहीं कि टीवी पर मौजूदा समय में फीमेल कमीडियन में से भारती सबसे ज्यादा कमाती हैं, ऐसे में खुद के लिए लग्जरी कार खरीदना तो बनता है।
कपिल शर्मा
कॉमेडियन कपिल शर्मा के पास लग्जरी मर्सिडीज कार है जो कि उनकी महंगी चीजों में से एक है। इसकी कीमत 1.19 करोड़ रुपए है। मर्सिडीज के अलावा कपिल के पास Volvo XC भी है। उनकी इस कार की कीमत 90 से 1.3 करोड़ के करीब है। कुछ टाइम पहले ही कपिल ने अपनी न्यू वैनिटी वैन की फोटोज इंस्टाग्राम पर शेयर की थीं। कहा जाता है कि कपिल की वैनिटी वैन इंडस्ट्री की सबसे महंगी वैनिटी वैन में से एक है ये शाहरुख खान की वैनिटी से भी ज्यादा कीमती है। कपिल शर्मा की वैनिटी वैन की कीमत 5.5 करोड़ रुपए है।
सुनील ग्रोवर
कॉमेडियन सुनील ग्रोवर टीवी पर डॉक्टर मशहूर गुलाटी के नाम से फेमस सुनील ग्रोवर अपनी कॉमेडी से हंसाने में हमेशा कामयाब रहे हैं। ये आपको जल्द सलमान खान की फिल्म ‘भारत’ में भी नजर आएंगे। इस एक्टर के पास व्हाइट कलर की बीएमडब्लू 5 सीरीज की कार है। इसकी शुरूआती कीमत 53 लाख से है।
मोनालिसा
37 वर्षीय अंतरा बिस्वास उर्फ़ मोनालिसा को हम ‘नज़र’ सीरियल में देख चुके हैं। इसके अलावा वे ‘बिग बॉस 10’ में भी दिखाई दी थी। मोनालिसा ने भोजपुरी फ़िल्में भी बहुत की है। उनके पास सफेद रंग की ऑडी कार है। इसकी एक तस्वीर भी वे सोशल मीडिया पर साझा कर चुकी है। ऑडी ब्रांड की कारें 50 लाख से लेकर 2 करोड़ तक की आती है।
एक्ट्रेस दिव्यांका
स्टार प्लस का पॉपुलर शो 'ये हैं महोब्बतें' की लीड एक्ट्रेस दिव्यांका भी मर्सेडीज कार की ओनर हैं। उन्होंने इस गाड़ी को 2018 में पति विवेक के साथ मिलकर खरीदा था। उनकी मर्सेडीज भी सफेद रंग की है। दिव्यांका ने 'बनूं मैं तेरी दुल्हन' से टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा था हालांकि इसके बाद वो कई सीरीयल में नजर आ चुकी हैं। आपको बता दें, दिव्यांका 2003 में मिस भोपाल का खिताब भी अपने नाम कर चुकी हैं। वहीं विवेक 'ये है आशिकी' और 'एक वीर की अरदास वीरा' जैसे सीरीयल में काम कर चुके हैं। फिल्हाल विवेक 'कयामत की रात' में करिश्मा तन्ना के ओपोजिट बतौर लीड एक्टर का किरदार निभा रहे हैं।
रोनित रॉय
रोनित रॉय उन्हें आपने हर कैरेक्टर में देखा होगा। चाहे निगेटिव हो या एक केयरिंग फादर का किरदार, ये हर रोल में पसंद किए जाते हैं। उनकी काफी फैन फॉलोइंग है। इस एक्टर के पास ऑडी क्यू7 जिसकी कीत 85 लाख है और येलो ऑडी आर8 जिसकी कीमत 2 करोड़ रुपए है ऐसी कारें मौजूद हैं।
चंदन प्रभाकर
चंदन प्रभाकर ‘द कपिल शर्मा’ शो में चंदू चाय वाले के नाम से फेमस चंदन प्रभाकर को भी महंगी गाड़ियों का शौक है। इनके पास बीएंडब्लू 3 सीरीज की कार है जिसकी कीमत 31 लाख रुपए के आस-पास है। शो में सिंपल रोल में नजर आने वाले चंदन का रियल लाइफस्टाइल काफी शानों-शौकत वाला है।
कुशाल टंडन
कुशाल टंडन ‘बेहद’ और ‘एक हजारों में मेरी बहना है’ जैसे सीरियल में नजर आ चुके कुशाल टंडन छोटे पर्दे एक डैशिंग एक्टर में से एक हैं। उनके पास भी महंगी गाड़िया मौजूद हैं। उनकी इस लिस्ट में मर्सिडीज से लेकर ऑडी और बीएमडब्लू जैसी कारें शामिल हैं।
राम कपूर
राम कपूर ‘घर एक मंदिर’ से अपना टीवी सफर शुरू करने वाले राम कपूर ने काफी कम वक्त में घर-घर में अपनी पहचान बना ली। उन्होंने इसी सीरियल में रही अपनी कोस्टार गौतमी से शादी की है। इस एक्टर का भी कार कलेक्शन काफी शानदार है। उनके पास कई महंगी गाड़ियां हैं जिनमें बीएमडब्लू और पोर्श शामिल हैं। पोर्श की शुरूआती कीमत 80 लाख है।
नजरिया /शौर्यपथ /भारत में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में हुई बढ़ोतरी बेहद चिंताजनक है। यूरोप के आधा दर्जन विकसित देशों से आगे निकलकर भारत पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। अब प्रतिदिन लगभग 10 हजार रोगी सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के विश्लेषणों व अनुमानों पर विश्वास किया जाए, तो भारत में सामूहिक संक्रमण का दौर शुरू हो चुका है और जून-जुलाई तक इसके विस्तार की आशंका है। हालात 1918 की ‘स्पेनिश फ्लू’ महामारी जैसे पैदा होते जा रहे हैं, तब भारत में 12 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी। ऐसे में, आज भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पर दुनिया की नजरें टिकने लगी हैं।
वैसे भी दुनिया भर में रोगियों की 27 फीसदी आबादी भारत में रहती है। भारत में करीब 26 हजार अस्पताल हैं, उनकी कमी को लेकर भी बहस शुरू हो गई है। बहरहाल, सर्वोच्च न्यायालय में लंबित एक याचिका पर तीन न्यायाधीशों की यह टिप्पणी भी उल्लेखनीय है कि सरकारी जमीन पर बने अस्पताल क्या कम दरों पर संक्रमित लोगों को सुविधा मुहैया नहीं कराएंगे? देश के एक दर्जन महानगरों में पांच सितारा होटलों की तर्ज पर आलीशान अस्पताल बने हुए हैं, जिनसे देश कीसिर्फ एक प्रतिशत आबादी ही सेवाएं ले पाती है। कई निजी स्वास्थ्य केंद्र सरकार द्वारा जारी नियमों को पलीता लगाते रहते हैं। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत अनेक निजी अस्पतालों की पहुंच से दूर है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में टिप्पणी की है कि कोरोना भारत के लिए आयुष्मान योजना को आगे बढ़ाने काअच्छा अवसर है। आयुष्मान भारत विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसमें 50 करोड़ लाभार्थियों को बीमित करने का लक्ष्य है।
मौजूदा संकट में दुर्भाग्यपूर्ण है कि नामी-गिरामी अस्पताल कोरोना टेस्ट के लिए 4,500 रुपये की रकम को लाभकारी नहीं मान रहे। एक सामाजिक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करके स्वास्थ्य संवाओं के राष्ट्रीयकरण की मांग की है, जिसमें उन्होंने छोटे मुल्क क्यूबा का उदाहरण दिया है कि जहां एक भी निजी अस्पताल नहीं है। वहां सबसे बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। क्यूबा में प्रति 1,000 आबादी पर नौ डॉक्टर हैं। संक्रमण के इस दौर में यह छोटा मुल्क अमेरिका व चीन जैसे शक्तिशाली राष्ट्र समेत 70 राष्ट्रों को चिकित्सीय सेवाएं प्रदान कर रहा है। भारत में यह मांग भी जोर पकड़ती जा रही है कि जन-स्वास्थ्य को केंद्रीय सूची में लाया जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भारत 145वें पायदान पर है। इस कसौटी पर वह बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार व भूटान से भी पीछे है। भारत में बीमारी किसी अभिशाप से कम नहीं। महंगे इलाज के चलते करोड़ों लोग गरीबी में फंसते चले जा रहे हैं। परिवार के किसी एक सदस्य की गंभीर बीमारी पूरे परिवार को कई वर्ष पीछे धकेल देती है। तमाम अध्ययनों का निचोड़ है कि ऐसी गुणवत्तापरक स्वास्थ्य प्रणाली निर्मित की जाए, जो अधिकांश भारतीयों के लिए उपयोगी और सुलभ हो। देश के अस्पतालों में निजी क्षेत्र की बढ़ती हिस्सेदारी लगभग 74 फीसदी हो गई है। लगभग 60 प्रतिशत बिस्तर निजी अस्पतालों में होते हैं। निजी अस्पतालों के हिस्से में लगभग 80 फीसदी डॉक्टर, 70 फीसदी नर्स व स्टाफ हैं। इसका असर गरीबों पर पड़ रहा है। वायरस के इस दौर में निरंतर साबुन से हाथ धोने को बचाव का उत्तम तरीका बताया गया है। एक अध्ययन यह भी है कि भारत में मात्र 43 फीसदी लोग साबुन से हाथ धो पाते हैं।
महामारी के साथ अब महामंदी भी दस्तक दे रही है। एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे चली जाएगी। अनुमान के अनुसार, लॉकडाउन के कारण प्रतिदिन 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। नव-उदारवाद की नीतियों ने भी समाज के वंचित समूहों को कोई राहत नहीं पहुंचाई है। कई शोधकर्ताओं का अनुमान है कि इतनी असमानता ब्रिटिश काल में भी नहीं थी। एक वर्ष के दौरान सबसे अमीर एक फीसदी जनसंख्या की संपत्ति में 46 फीसदी की बढ़ोतरी, जबकि सबसे गरीब 50 प्रतिशत जनसंख्या की संपत्ति में मात्र तीन फीसदी की वृद्धि हुई है। साफ है, महामारी और महामंदी से निपटने के लिए 130 करोड़ लोगों को एकजुट करके ही संकट का मुकाबला किया जा सकता है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)के सी त्यागी, वरिष्ठ जद-यू नेता
सम्पादकीय लेख / शौर्यपथ / प्रवासी मजदूरों के बारे में सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला देश के लाखों गरीब कामगारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। यह एक मुकम्मल फैसला है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को न सिर्फ 15 दिनों के भीतर तमाम इच्छुक प्रवासी मजदूरों को उनके गांव या मूल स्थान लौटने की सुविधा मुहैया कराने का आदेश दिया है, बल्कि गांव पहुंचने के बाद उनकी आजीविका के उपायों के बारे में भी योजनाएं बनाने को कहा है, ताकि उनके कौशल के मुताबिक उनका समुचित समायोजन हो सके। कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात का भी ख्याल रखा है कि जो मजदूर अपने मूल स्थान पर लौटें, उन्हें वहां प्रखंड व जिला स्तर पर चलने वाली सरकारी योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ मिले और वे फाकाकशी का शिकार न बनने पाएं। ये सारे काम कार्यपालिका के हैं और इन्हें बिना न्यायिक हस्तक्षेप के संपन्न हो जाना चाहिए था। पर सुप्रीम कोर्ट को यदि स्वत: संज्ञान लेना पड़ा और उसके दखल की नौबत आई है, तो यह हमारी कार्यपालिका के लिए कतई सुखद बात नहीं है।
बीते 25 मार्च से देश में पूर्ण लॉकडाउन लागू हुआ था, और इसके शुरुआती दो दिनों में ही दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर जो मंजर दिखाई पड़ा, उसको देखते हुए ही केंद्रीय व राज्य प्रशासन को प्रवासी मजदूरों की लाचारी और बेचैनी का अंदाज हो जाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन के पास तब सख्ती बरतने के अलावा दूसरी कोई त्वरित योजना नहीं थी। और यह स्थिति तब थी, जब सरकारें अच्छी तरह से जान रही थीं कि देश में करोड़ों-करोड़ कामगार दूसरे प्रदेशों में जाकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं, बल्कि उनमें से लाखों की रातें फुटपाथों पर गुजरती हैं। जाहिर है, हजारों की तादाद में लोग अपने मूल निवास की ओर निकलने लगे और प्रशासन उनकी संख्या के आगे बेबस पड़ता गया। आज करीब ढाई महीने बाद आला अदालत ने जब इन मजदूरों के हक में अपना फैसला सुनाया है, तब तक लाखों कामगार सैकड़ों किलोमीटर की पीड़ादायक यात्रा करके या श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अपने-अपने घर पहुंच चुके हैं।
प्रवासी मजदूरों की इस हालत के बरअक्स हमारे सामने आज जो तथ्य हैं, वे बता रहे हैं कि हम लॉकडाउन का अपेक्षित लक्ष्य नहीं हासिल कर पाए। जिन देशों ने कोरोना की जंग में लॉकडाउन को एक कारगर हथियार के रूप में इस्तेमाल किया, वहां शासन-प्रशासन ने सबसे पहले इससे प्रभावित होने वाली जनता की बुनियादी जरूरतों का संजीदगी से ख्याल रखा। निस्संदेह, हम जैसी विशाल आबादी के लिए यह आसान काम नहीं है, लेकिन हमारा जोखिम भी तो छोटा नहीं है। हम दुनिया के उन शीर्ष देशों में आ गए हैं, जहां वायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा है। मौजूदा स्थिति में प्रवासी मजदूरों की दुश्वारियां और न बढ़ें, इस लिहाज से सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप सराहनीय है। अदालत ने उन कामगारों की भी सुध ली है, जो अपने कार्यस्थल पर लौटना चाहते हैं। उनके बगैर आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौट भी नहीं सकतीं। लेकिन उन्हें अब काफी सतर्कता बरतनी पड़ेगी, इसके लिए उनकी कौंसिलिंग जरूरी है। अदालत ने लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले श्रमिकों के खिलाफ दायर सभी मुकदमों को खत्म करने का जो आदेश दिया है, उसकी भी सराहना की जानी चाहिए। बेबस लोगों के साथ इंसाफ का यही तकाजा था, और यकीनन इंसानियत का भी।
मेलबॉक्स / शौर्यपथ / जहां एक तरफ केंद्र सरकार देश के नौजवानों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रही है, तो वहीं कुछ युवा नौकरी जाने के तनाव में आत्महत्या कर रहे हैं। प्रवासी मजदूरों की पीड़ा भी किसी से छिपी नहीं है। एक नए अध्ययन के मुताबिक, करीब ढाई करोड़ नौजवान अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। इनके लिए रोजगार के अवसर जुटाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। फिर भी, बेरोजगार हुए नौजवानों का आत्मविश्वास टूटने न पाए। यदि देश के युवाओं पर ही इस तरह की त्रासदी आएगी, तो देश का भविष्य क्या होगा? इस विपदा की घड़ी में जरूरत है युवाओं को उनकी शक्ति और योग्यता का स्मरण करा सकने वाले जामवंतों की, जो उन्हें आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सही राह दिखा सकें। सरकार युवाओं को इसके लिए प्रेरित करे और उन्हें सही राह दिखाए।
शुभम कुमार प्रजापति
हरिद्वार, उत्तराखंड
एक गुजारिश
दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने इस वर्ष प्रॉपर्टी टैक्स सिर्फ ऑनलाइन जमा करने की बात की है, जबकि इसका सॉफ्टवेयर एकदम निम्न स्तरीय है। कई-कई दिनों तक मोबाइल पर ओटीपी ही नहीं आता, जिसके बिना आगे कोई काम नहीं कर सकते। बैंक के खाते से राशि ज्यादा कटती है, लेकिन निगम के खाते में कम दिखाई देती है। इससे सब परेशान हैं, विशेषकर वरिष्ठ नागरिक। नगर निगम को चाहिए कि जब तक इनका सॉफ्टवेयर ग्राहक के अनुकूल नहीं हो जाता है, तब तक चेक द्वारा ही वह भुगतान स्वीकारे। आखिर बैंक भी तो रोज लाखों चेक ले-दे रहे हैं।
दिलीप सक्सेना, दिल्ली
आत्मनिर्भरता की ओर
लद्दाख में चीन की सेना द्वारा किए गए सीमा-उल्लंघन पर भारतीय आक्रोशित हैं। चीन को सबक सिखाने के लिए उपाय सुझाए जा रहे हैं। उसे आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने की बात हो रही है। कहा जा रहा है कि भारत की जीवन-चर्या का अंग बन चुके चीनी सामानों का बहिष्कार किया जाए। सच भी है कि द्विपक्षीय रिश्तों में भारत निर्यात के मुकाबले चीन से तीन गुना अधिक सामान आयात करता है। जनसंख्या की दृष्टि से सभी के लिए रोटी, कपड़ा और मकान जुटाने के संदर्भ में भी भारत में आत्मनिर्भरता का अभाव जग जाहिर है। यही नहीं, चीन के सामान की तुलना में भारतीय सामान का महंगा होना भी चीनी सामान के व्यापक उपयोग का बड़ा आधार है। मगर भारत में कौशल की कमी नहीं है। यदि भारत अपनी जनसंख्या को नियंत्रित करके इस कौशल का सदुपयोग करे, तो किसी अन्य देश से उसे उपभोक्ता वस्तुओं के आयात की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी और जीवन के लिए उपयोगी तमाम क्षेत्रों में हमारी आत्मनिर्भरता को दुनिया का कोई देश रोक नहीं सकेगा।
सुधाकर आशावादी, ब्रह्मपुरी, मेरठ
पैर पसारती भुखमरी
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण विश्व स्तर पर भुखमरी का खतरा बढ़ गया है। सीएसई की रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक स्तर पर गरीबी की दर गत 22 वर्षों में पहली बार बढ़ी है। विश्व की 50 फीसदी आबादी लॉकडाउन में है, जिनकी आय या तो बहुत कम है या उनके पास आय के साधन खत्म हो गए हैं। दुनिया के छह करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जाने वाले हैं। भारत में भी 1.20 करोड़ लोग भुखमरी या गरीबी की स्थिति में आ सकते हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक की मानें, तो दुनिया में हर रात 82.10 करोड़ लोग भूखे पेट सोते हैं। अभी दुनिया के 13़.50 करोड़ लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। साफ है, यदि सरकारों ने भुखमरी और गरीबी के खात्मे की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया, तो यह स्थिति और भयावह हो जाएगी। इससे बचने के लिए एक समग्र नीति बननी चाहिए।
सत्य प्रकाश
धनसारी छर्रा, अलीगढ़