September 09, 2025
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दुर्ग / शौर्यपथ / कोडिया प्रदेश मे कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और इस दौरान सुरक्षा एवं संयम न बरती जाए तो यह और भी भयावह हो सकती है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने उतई क्षेत्र के आदर्श ग्राम कोडिया के शौर्य युवा संगठन ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगातार प्रयासरत है। अलग अलग तरीके से लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे है व सुरक्षा उपाय मुहैय्या करा रहे हैं। अब शौर्य युवा संगठन सेनेटाइजिंग चैम्बर का निर्माण करके कोरोना संक्रमण को रोकने एक और कदम बढ़ाया है।
संगठन के मीडिया प्रभारी आदित्य भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि लोग शासन के निर्देशानुसार अनुमति लेकर कार्यक्रम तो आयोजित कर रहे हैं लेकिन सुविधा की कमी के कारण सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर पा रहे हैं। इसके दृष्टिगत यह चैम्बर संगठन द्वारा ही तैयार किया गया जिसका उपयोग गांव व आस-पास में हो रहे सामाजिक कार्यक्रमों में किया जा रहा है। सेनेटाइजिंग चैम्बर में फॉगर लगा है जिससे उसमे से गुजरने वाले व्यक्ति के पूरे शरीर मे सेनेटाइजर का छिड़काव हो जाता है। साथ ही चैम्बर के एक दीवाल में कोरोना से सबंधित जानकारी प्रिंट की गई है जिससे लोगों को कोरोना वायरस से सम्बंधित जानकारी मिल रही है। दूसरे दीवाल में संगठन के द्वारा कोरोनाकाल मे किये गए कार्यो का उल्लेख किया गया है जिसका उद्देश्य लोगों को उनके सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूक करना है। साथ ही कोरोना योद्धाओं का आभार भी व्यक्त किया गया है। आदित्य जी ने बताया कि यह चैम्बर ट्रायल के लिए बनाया गया था जो कि पूर्ण सफल हुआ है। अब उसमें और भी नई तकनीकों को जोड़ा जा रहा है जिससे सेनेटाइजिंग प्रक्रिया और भी सुलभ हो जाये।
संगठन के अध्यक्ष फलेंद्र पटेल ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने संगठन प्रतिबद्ध है। इसी प्रयास के अंतर्गत सेनेटाइजिंग चैम्बर का निर्माण किया गया है। इस चैम्बर के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया बहुत ही सकारात्मक मिल रहा है जिससे हमारा मनोबल बढ़ा है। अध्यक्ष फलेंद्र पटेल जी ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि यह चैम्बर आदित्य के निर्देशन में इंजीनियर लीलाधर साहूए इलेक्ट्रिशियन घनश्याम साहूए चिरंजीव निषादए युवराज साहूए ईशु साहू द्वारा तैयार किया गया है।
कलेक्टरेट दुर्ग के कर्मचारी महेश साहू ने संगठन को बधाई देते हुए कहा यह शौर्य संगठन का बहुत ही सराहनीय प्रयास है। इससे निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है। सेनेटाइजिंग चैंबर निर्माण के लिए शिक्षक लुकेश नामदेव, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के जोन प्रभारी भरत चंद्राकर शिक्षिका रूपा साहू, पं सुंदरलाल शर्मा, एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष डॉ आशीष चंद्र शर्मा सहित सैकड़ों लोगों ने संगठन को बधाई दिया है।

राजनांदगांव  / शौर्यपथ / सगढ़ सरकार की अभिनव पढ़ई तुंहर दुआर योजना तहत गुरू तुझे सलाम की गूंज गांव के गली, चौराहों में भी होने लगी है। इसी तारतम्य में आज पढ़ई तुंहर दुआर के नोडल अधिकारी राजेश शर्मा की मेजबानी में सफलतम आयोजन संपन्न हुआ। सभी प्रतिभागियों ने जहां गुरू को सलाम किया, वहीं अपने जीवन के यादगार क्षणों को साझा किया। 
डोंगरगांव के विकासखंड शिक्षा अधिकारी आरएल पात्रे, बीआरसी अरविंद रत्नाकर, एबीओ सुश्री रश्मि ठाकुर, जयंत साहू सहित पांच दर्जन शिक्षक, शिक्षिकाओं की उपस्थिति में वेब माध्यम से संपूर्ण आयोजन का प्रभावशाली संचालन शिक्षक व खपरीकला संकुल के समन्वयक शत्रुघन तिवारी ने किया। 
इस आयोजन में ज्योति साव, राकेश सोनी, टेकराम सेवता, कुंती साहू, शकुंतला हिरवानी, अवधेश गुप्ता, अंजू देवांगन, वीणा देवांगन, एमएच खान, आम्रपाली रामटेके, डिंपल साहू, लेखदास साहू, अमरीका पंचारी, जयनारायण भुआर्य, अमित श्रीवास्तव, मिथलेश साहू, कुमार साहू, प्रणीता शर्मा आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण अनुभव साझा किया। 
ठीक इसी तरह से आज विकासखंड के सभी संकुलों में विद्यार्थियों के लिये दोपहर में संकुल स्तरीय आयोजन भी किया गया, जिसमें प्रतिभागी विद्यार्थियों ने बड़े ही उत्साह के साथ अपनी भागीदारी निभाई। अपने विद्यार्थी जीवन के कभी न भूल पाने वाले मीठे, कड़वे अनुभव के क्षण की यादें ताजी की गई। एक तरह से नये उत्साह जगाने वाले इस आयोजन में अपनी सहभागिता निभाकर सभी बेहद प्रसन्नचित नजर आ रहे थे। अंत में पढ़ई तुंहर दुआर के नोडल अधिकारी राजेश शर्मा ने बधाई व शुभकामनाएं देते हुए सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।
ब्लॉक स्तरीय इस आयोजन में दो श्रेष्ठ प्रतिभागी शिक्षक, शिक्षिकाओं का चयन कोर ग्रुप करेगा। कोर ग्रुप में बीईओ आरएल पात्रे, बीटीआई के प्राचार्य रामावतार साहू, पढ़ई तुंहर दुआर के नोडल अधिकारी राजेश शर्मा, बीआरसी अरविंद रत्नाकर, एबीओ रश्मि ठाकुर, क्षितिज सोरी, जयंत साहू, शत्रुघन तिवारी, साधुराम साहू, दिलेश्वर शांडिल्य, दानीराम वर्मा शामिल हैं।

० छत्तीसगढ़ पैरेट्स एसोसियेशन ने योजना को लेकर उठाये कई सवाल
० बाल आयोग और शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर दर्ज कराई गई आपत्ति 


राजनांदगांव । शौर्यपथ ।  छत्तीसगढ सरकार की योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में अब कम से कम एक अंग्र्रेजी माध्यम स्कूल इस शिक्षा सत्र से आरंभ हो जाएगा, जिसके लिए 40 स्कूल नए सत्र से आरंभ हो जाएंगे। सरकार ने इस योजना के लिए भारी भरकम फंड भी जारी किया है और अब प्रमुख सचिव आलोक शुल्का ने जिले के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देशित किया है, कि वे व्यक्तिगत रूचि लेकर इस योजना का व्यक्तिगत मॉनिटरिंग करे और स्वयं जिले के सर्वश्रेष्ठ निजी स्कूलों का भ्रमण कर इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में निजी स्कूलों से बेहतर स्तर की अधोसेरचनाएं विकसित कर उच्च गुणवत्ता के स्कूल तैयार किए जाए। इस स्कूल में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक हिन्दी माध्यम के बच्चे भी प्रवेश ले सकते है, जिनका चयन लॉटरी पद्धती से किया जाएगा और कक्षा छटवीं से बारहवीं तक के बच्चों का चयन अंकों के आधार या परीक्षा परिणाम के आधार में मेरिट सूची बनाकर प्रवेश दिया जायेगा, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पैरेट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर सभी बच्चों का सभी कक्षाओं में लॉटरी पद्धति से चयन करने की मांग किया गया है, उनका कहना है कि बच्चों का अंकों के आधार पर चयन करना न्यायसंगत नहीं है, ऐसे में इस योजना का लाभ गरीब बच्चों को नहीं मिल पाएगा। इसके साथ ही एक किलो मीटर की बाध्यता को भी समाप्त करने का आग्रह किया गया है, क्योंकि इस योजना का लाभ सभी बच्चों को मिलना चाहिए और पालक अपने बच्चों के लिए परिवहन की सुविधा उपलब्ध करा सकते है। सरकार इस योजना को 15 जुलाई से वर्चुवल कक्षाओं के माध्यम से प्रारंभ करने जा रही है जिसमें कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक के बच्चों को अपने अभिभावकों के साथ मिलकर शैक्षणिक गतिविधियां करना अनिवार्य है, जो कम से कम एक-दो घंटे का होगा, जिसको लेकर भी पैरेंट्स एसोसियेशन ने पूर्व में बाल आयोग को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज करायी है। इनका कहना है कि नर्सरी से लेकर कक्षा पांचवीं तक के बच्चों को ऑनलाईन या वर्चुवल पढ़ाई से वंचित रखा जाना चाहिए, लेकिन सरकार ने तो आदेश जारी कर दिया है कि सरकारी अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर बारहवीं तक के बच्चों को 15 जुलाई से वर्चुवल कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाया जायेगा।

दुर्ग / शौर्यपथ / हिन्द सेना समाज सेवी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंगेश वैद्य साहू के निर्देशानुसार प्रदेश महामंत्री नरेश भोयर एवं दुर्ग जिलाध्यक्ष कमलेश देवांगन के नेतृत्व में विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष में हिन्द सेना की ओर से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन स्थानीय चिकित्सालय में किया गया । श्री भोयर ने उपस्थित हिन्द सैनिको से कहा कि आपका दान किया हुआ रक्त अस्पताल के ब्लड बैंक में रखा जाएगा, जो जरूरतमंदों को यहां से उपलब्ध कराया जाएगा। रक्तदान एक जीवन प्रदान करने वाली गतिविधि है,यही वजह है कि इसे 'महादानÓ कहा जाता है,आपके रक्त की बूंद का हर कतरा किसी के जीवन का स्रोत बन सकता है, इसकी कमी की वजह से किसी की जान न जाए, इसके लिए हिन्द सेना की ओर से वीर शहीदों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जयंती,पुण्य तिथियों में सम्पूर्ण भारत में युवाओ में देश प्रेम की भावना जागृत करने के उद्देश्य से रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं।
आजके इस रक्तदान कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला महामंत्री जी.जगन्नाथ ,विनोद भारती ,सुरेश पाटले ,डॉ यशवंत साहू ,अरशद अली ,मुकेश शिवारे ,हरीश साहू ,यशवंत यादव ,संतोष राव,भूपेंद्र मानिकपुरी,रोहित तिवारी राहुल तिवारी ,पीयूष कुमार ,सूरज गेंड्रे ,बॉबी लडवाल ,अक्षय लडवाल,कमल नेवारे ,हरी कहर ,शिव डोंगरे ,यमन तांडी ,गुल्लू नायक ,दिलीप बागड़े ,सचिन भोजेकर ,दिनेश कुमार ,प्रदीप बाघ ,विनोद लडवाल,सोनू लडवाल,विकास अल्बर्ट ,जगनाथ कुमार,संजय साहू ,जॉन डिसूज़ा ,अक्षय महतो ,यशवंत यादव ,अयूब जाल ,आकाश बाघ ,राजू सागर ,जगबंधु बाघ ,आकाश जैन,अमन सिंह ,राकेश नायक ,प्रकाश यादव,दीपक विश्वास,योगेश देशमुख,ईश्वर सिंह,पवन वर्मा,दिनेश चकोले ,श्याम यादव,अवधेश सिंह,रोबर्ट डिसूज़ा,अंजलि दास,अवतार सिंह,बादल सिंह ,गुरजीत सिंह सहित हिन्द सैनिक उपस्थित थे ।

दुर्ग / शौर्यपथ / भारत के विभिन्न शहरों में गुरुदेव श्री रतन मुनि महाराज के प्रति आस्था एवं श्रद्धाभाव रखने वाले श्रद्धालुओं ने आपने अपने निवास स्थान में सामूहिक सामायिक व्रत का पालन करते हुए रतन मुनि जी महाराज के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की मंगल कामनाओं के साथ 71 वा दीक्षा संयम दिवस अपने अपने निवास स्थान में मनाया।
ऋषभ कॉलोनी जहां रतन मुनि जी महाराज विराजमान है वहां श्रमण संघ दुर्ग के कुछ वरिष्ठ श्रावको की उपस्थिति में संक्षिप्त गुणानुवाद सभा सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाकर जिला प्रशासन द्वारा लागू नियमों का पालन करते हुए आयोजित हुई सुबह से ही रतन मुनि महाराज के दर्शन वंदन के लिए श्रद्धालुओं का आवागमन जारी रहा और क्रमबद्ध तरीके से गुरुदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया मात्र 13 वर्ष की अल्पायु में आषाढ़ दशमी विक्रम संवत 2007 को आपने योगीराज मंगल चंदजी महाराज से शिक्षा एवं दीक्षा ग्रहण की और आज 70 वर्ष दीक्षा के संयमी जीवन का संपन्न किया इन 70 वर्ष में रतन मुनि को मानने वाले लोग देश के विभिन्न शहरों में निवासरत है दीक्षा के पश्चात आचार्य सम्राट आनंद ऋषि जी मधुकर मुनि के सानिध्य का भरपूर लाभ मिला । उन के सानिध्य में रतन मुनि महाराज जैन धर्म की विभिन्न साधनाओं को अंगीकार किया और छोटे बड़े 100 से अधिक सहित कि आपने रचना की । आज गुणानुवाद सभा को उप प्रवर्तक डॉक्टर सतीश मुनि एवं आदित्य मुनि ने भी संबोधित करते हुए गुरु का उनके ऊपर उपकार को वह जीवन पर्यंत नहीं चुका पाएंगे।
ऋृषभ कालोनी में आज रतन मुनि महाराज का मंगल पाठ संपन्न हुआ जिसमें जैन धर्म के प्रति श्रद्धा भाव रखने वाले श्रावक श्राविका विशेष रूप से उपस्थित रहे आज के गुणानुवाद सभा में निर्मल बाफना टीकम छाजेड़ प्रवीण श्री श्री माल तथा श्रमण संघ महिला मंडल में अपनी भावनाएं व्यक्त की इस अवसर पर पारसमल संचेती सुरेश लुनिया विजय कर्णावट प्रेम चोरडयि़ा विनय देशलहरा प्रकाश कांकरिया नितिन संचेती अमित बाघमार अशोक झामण संदीप वैद्य रमेश बाघमार सहित श्रमण संघ परिवार के सदस्य विशेष रुप से उपस्थित थँ।

दुर्ग / शौर्यपथ / शासकीय डॉ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तार महाविद्यालय दुर्ग में ऑनलाईन शिक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कोरोना संक्रमण के दौर में शिक्षण संस्थाएं काफी प्रभावित हुई है। नियमित पाठ्यक्रमों के साथ ही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाऊन के समय उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर स्नातकोत्तार कक्षाओं के पाठ्यक्रम ऑनलाईन माध्यम से पूर्ण किए गए। प्राध्यापकों ने घर से ही विडियों लेक्चर तैयार कर पोर्टल एवं वेबसाईट में अपलोड किए है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि ऑनलाईन मे ं शिक्षकों को भी कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हींं बातों को फोकस करते हुए कार्यशाला का आयोजन किया गया। विषय-विशेषज्ञ प्रों विकास पंचाक्षरी ने पावर प्वाईन्ट के जरिए ऑनलाईन शिक्षण की बारिकियां बतलाई।
उन्होंने विडियों को लेकर तैयार करने के विभिन्न प्रकारों का सविस्तार वर्णन करते ह ुए बताया कि वीडियो लेक्चर का े कैसे जीवतं और रूचिकर बनाया जावे। विद्यार्थियों को पाठ्यसामग्री असानी से एवं रूचिपूर्ण ढंग से समझा सकें इसके लिए कौन-कौन से टूल्स का हम उपयोग करेगेें। विभिन्न एप्प के माध्यम से ल ेक्चर की रिकार्डि ंग एवं बेहतर प्रस्तुतीकरण को असानी से समझाया।

 रायपुर 0/ शौर्यपथ / मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार लघु वनोपजों और वनौषधियों में वेल्यू एडीशन करने वाले उद्योगों को हर संभव मदद देगी। वेल्यू एडीशन से न केवल वनवासियों को लाभ होगा, अपितु उद्योगपतियों और व्यवसायियों को भी अच्छा फायदा होगा। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में बस्तर, धमतरी, महासमुन्द, कांकेर, बालोद के उद्योगपतियों और व्यापारियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश उद्योगपति और व्यापारी वर्तमान में लघु वनोपजों की खरीदी करके बड़ी कम्पनियों को सप्लाई करते हैं। यदि वे लघु वनोपजों का वेल्यू एडीशन करें, तो इससे जहां स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं व्यापारियों को भी अच्छा लाभ होगा और राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेल्यू एडीशन के लिए आगे आने वाले उद्योगपतियों और व्यापारियों को कोई अड़चन आती है, तो उसे दूर करने के लिए राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करेगी। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए उद्योगपति और व्यवसायी लघु वनोपज का संग्रह करने वाली समितियों से गुणवत्ता और मूल्य के बारे में चर्चा करें। वेल्यू एडीशन के प्लांट में इन लोगों को काम दें और फिनिशड प्रोडक्ट तैयार कर बड़ी कम्पनियों को दें या व्यापारिक संस्थाओं के माध्यम से इसकी मार्केटिंग कराएं। उन्होंने कहा कि अपनी फैक्ट्री में स्थानीय संग्राहकों को काम दें, इससे उन्हें रोजगार और आय का एक नया जरिया मिलेगा और व्यापारियों को भी लाभ होगा।    
   मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत भू-भाग में वन है, यहां लघु वनोपज और वनौषधियां नैसर्गिक रूप से प्रचुर मात्रा मंे पायी जाती हैं। राज्य सरकार द्वारा 31 प्रकार की लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर संग्राहकों के माध्यम से की जा रही है। लाॅकडाउन के दौरान देश का लगभग 99 प्रतिशत लघु वनोपज का संग्रहण एवं खरीदी छत्तीसगढ़ में की गई, इससे वनवासियों को संकट के समय में भी बड़ा आर्थिक संबल मिला है। महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिला। तेंदूपत्ता का संग्रहण 4000 रूपए प्रति मानक बोरे की दर पर किया जा रहा है। महुआ का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 30 रूपए किया गया, इससे बाजार में 40 रूपए प्रति किलो पर भी महुआ बिका। लाॅकडाउन में बड़े पैमाने पर मनरेगा के काम प्रारंभ किए गए जिसमें औसतन 26 लाख लोगों को काम मिला। आदिवासियों को मनरेगा और वनोपजों के संग्रहण कार्य के जरिए आय का साधन मिला और वे इन कार्याें में व्यस्त हो गए। राज्य सरकार ने स्थानीय निवासियों के माध्यम से बांस कटाई कराने का फैसला किया और कटाई के रेट भी बढ़ाए, इससे भोपालपट्टनम में 20 साल बाद पहली बार बांस की कटाई हो सकी। बांस से ट्री गार्ड बनवाने का फैसला भी किया गया, स्थानीय लोगों द्वारा 25 हजार बांस से ट्री गार्ड तैयार किए गए, इससे भी उन्हें आमदनी हुई। 
        मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों और वनवासियों को सतत रूप से आय का जरिया मिलते रहे, इसके लिए वन विभाग को जंगलों में इमारती लकड़ी की जगह चार चिरौंजी, इमली जैसे लघु वनोपज के वनों का रोपण करने के निर्देश दिए गए हैं। वन अधिकार पट्टा प्राप्त हितग्राहियों की जमीन में भी ऐसे पौधों का रोपण करने को कहा गया है। इन पौधों के बीच इंटर क्राॅपिंग के जरिए हल्दी, अदरक, तिखुर की खेती की जा सकती है। इससे वनवासियों को वर्ष भर आमदनी मिलती रहेगी। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि आंवला और चिरौंजी के वृक्ष को बिना नुकसान पहुंचाए आंवला और चिरौंजी की तोड़ाई के लिए तकनीक विकसित करनी होगी। जिससे इनके वृक्ष भी बचे रहें। उन्होंने कहा कि हर गांव में 3 से 5 एकड़ की जमीन पर गौठान विकसित किए जा रहे हैं, जहां फलदार वृक्षों के साथ-साथ लघु वनोपज और वन औषधियों के पौधे भी लगाए जा रहे हैं। गौठानों को राज्य सरकार आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है। व्यवसायी इन केंद्रों से जुड़कर वहां काम कर रहे समूहों की सहायता से प्रोसेसिंग का काम प्रारंभ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गौठान आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में बड़े बदलाव का माध्यम बनेगा। खुले में मवेशी नहीं रहने से किसानों को दोहरी फसल लेने में भी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि गौठानों में पशु पालन और डेयरी का काम भी किया जा रहा है। गौठानों के प्रबंधन एवं संचालक के लिए व्यवसायी एवं उद्योगपति अपने अनुभव एवं ज्ञान से ग्रामीणों की मदद कर सकते हैं। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों का पहिया चलेगा तो लोगों को रोजगार मिलेगा इस बात का ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में लाॅकडाउन के दौरान लोगों को रोजगार देने की पहल की गई, अप्रैल से उद्योगों को प्रारंभ करने की अनुमति दी गई। इस दौरान छत्तीसगढ़ से देश में लगभग 90 प्रतिशत इस्पात की आपूर्ति की गई। चर्चा के दौरान उद्योगपतियों ने अपनी विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने उन पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सर्वश्री मोहन भाई पटेल, मुकेश ढोलकिया, जीतेन्द्र चंद्राकर, सुरेश जैन, रोशन अग्रवाल, प्रमोद चंद्राकर और दीपक उपाध्याय सहित अनेक उद्योगपति  चर्चा में शामिल हुए।

आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे,
कुपोषित बच्चों में 13.79 प्रतिशत की आई कमी

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान‘ और विभिन्न योजनाओं के एकीकृत प्लान से बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है। वर्ष 2019 में किये गये वजन त्यौहार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे, इनमें से मार्च 2020 तक 67 हजार 889 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं। इस तरह कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 13.79 प्रतिशत की कमी आई है। जो कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई जंग में एक बड़ी उपलब्धि है। बहुत ही कम समय में ही कुपोषण की दर में उल्लेखनीय कमी का श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व सहित उनकी दूरदर्शी सोच को जाता है।
छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की दर को देखते हुए प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने अभियान की शुरूआत की। राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थे। इन आंकड़ों को देखे तो प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे। इनमें से अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचल इलाकों के बच्चे थे। इन आंकड़ों को नयी सरकार एक चुनौती के रूप में लिया और ‘कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ‘़ की संकल्पना के साथ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की है। अभियान की सफलता के लिए इसमें जन-समुदाय को भी शामिल किया गया है।
प्रदेश के नक्सल प्रभावित बस्तर सहित वनांचल के कुछ ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई। दंतेवाड़ा जिले में पंचायतों के माध्यम से गर्म पौष्टिक भोजन और धमतरी जिले में लइका जतन ठउर जैसे नवाचार कार्यक्रमों के जरिए इसे आगे बढ़ाया गया। जिला खनिज न्यास निधि का एक बेहतर उपयोग सुपोषण अभियान के तहत गरम भोजन प्रदान करने की व्यवस्था की गई। इसकी सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अभियान को 2 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में लागू किया। इस अभियान के तहत चिन्हांकित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र में दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार के अतिरिक्त स्थानीय स्तर निःशुल्क पौष्टिक आहार और कुपोषित महिलाओं और बच्चों को गर्म पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है।
एनीमिया प्रभावितों को आयरन पोलिक एसिड, कृमिनाशक गोली दी जा रही है। प्रदेश को आगामी 3 वर्षों में कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद किया गया है। ऐसी स्थिति में बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम प्रदेश के 51 हजार 455 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लगभग 28 लाख 78 हजार हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषक आहार का वितरण सुनिश्चित कराया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हितग्राहियों को गर्म भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरित करने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत मई माह तक तीन लाख 47 हजार हितग्राहियों को सूखा राशन प्रदान किया गया है। विश्व बैंक ने भी आंगनाबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना वायरस के नियंत्रण के साथ ही टेक होम राशन वितरण कार्य की प्रशंसा की है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित भवन में ठहराकर उनके टीकाकरण, आवश्यक दवाई, स्वास्थ्य परीक्षण की पुख्ता व्यवस्था भी की गई है।
कुपोषण प्रभावित बच्चों और महिलाओं को निःशुल्क काउंसलिंग और परामर्श सेंवाएं देने के साथ नियमित मॉनिटरिंग भी की जा रही है। सुपोषण रथ, शिविरों और परिचर्चा के माध्यम से जनजागरूकता के प्रयास भी हो रहे हैं। इसी की एक कड़ी के रूप में एनीमिया के स्तर और स्वास्थ्य सुधार के लिए बस्तर जिले में शुरू किये गए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान और स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत किचन गार्डन बागवानी को पोषण के लिए अनूठी राह बताते हुए यूनिसेफ ने सराहना की है।

दुर्ग / शौर्यपथ / जीवन के सरला रंग जीने के लिए दुर्ग के पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता स्व. हेमचंद यादव आज भी दुर्ग की जनता के दिलोमें बसे हुए है . दुर्ग की जनता उनके योगदान को सदैव याद रखेगी . पूर्व मंत्री स्व. हेमचंद यादव के पुत्र जीत यादव भी पिता के विचारों का अनुसरण करते हुए उनकी राह पर चलते हुए सामजिक कार्यो में हमेशा आगे रहते है . कोरोना आपदा के समय भी सामर्थ्य अनुसार गरीब व मजबूर लोगो की मदद की प्रचार प्रसार की दुनिया से दूर पिता के कार्यो का अनुसरण किया .
रक्तदान के दिवस पर जीत हेमचंद यादव ने अपने इसी छोटे से प्रयास को आगे बढ़ाते हुए रक्तदान जैसे पुनीत कार्य का हिस्सा बने . जीत हेमचंद यादव ने कहा कि जीवन का हर क्षण और रक्त का हर कण अमूल्य है। आपका रक्त कई लोगों का जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
आम जनता से अपील करते हुए जीत यादव ने कहा कि आइए, स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के दिन हम संकल्प लें कि स्वयं रक्तदान करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित और जागरूक करेंगे।

दुर्ग / शौर्यपथ / शहर के समग्र विकास के लिए विधायक अरुण वोरा ने लोनिवि द्वारा शहर में बनाए जा रहे 12 अतिरिक्त कोर्ट रूम, पॉलिटेक्निक कॉलेज में छात्र एवं छात्रा हॉस्टल व हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। जिसके अंतर्गत 6 करोड़ की लागत से जिला न्यायालय में 4 मंजिला कोर्ट रूम व मीटिंग हाल, 15 करोड़ की लागत से पॉलिटेक्निक कालेज दुर्ग में 50.50 सीटों वाले सर्वसुविधायुक्त बालक एवं बालिका प्रयास छात्रावास का निर्माण एवं 12 करोड़ से बन रहा हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी का प्रशासनिक भवन शामिल है। विधायक वोरा ने कहा कि राज्य शासन द्वारा करोड़ों रु की राशि स्वीकृत की गई है जिससे आने वाले वर्षों में दुर्ग जिला मुख्यालय का स्वरूप बदलेगा।
मेट्रो सिटी की तर्ज पर स्वच्छ सुंदर व सुरक्षित सर्वसुविधायुक्त भवनों का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा पूर्ण किया जाएगा। गौरतलब है कि पोटिया में 9.6 एकड़ के क्षेत्र में विश्वविद्यालय केम्पस का निर्माण के अलावा छात्र छात्राओं की सुविधा को देखते हुए डायनिंग हाल, योगा रूम, लायब्रेरी, यूटिलिटी रूम सहित सर्वसुविधायुक्त प्रयास हॉस्टल का निर्माण भी पॉलिटेक्निक कालेज परिसर में जारी है। जिला न्यायालय में भीड़ के बढ़ते दबाव व न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोगों की मांग पर चार मंजिला कोर्ट लिप्ट सहित पुराने बिल्डिंग से अटैच कर बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया है। निरीक्षण के दौरान महापौर धीरज बाकलीवाल , लोनिवि अभियंता आर के राव मौजूद थे।

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