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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के गन्ना उत्पादक किसानों को 11.09 करोड़ रुपये का बोनस भुगतान
रायपुर / शौर्यपथ /
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के सतत प्रयासों एवं किसान हितैषी दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा द्वारा जिले के गन्ना उत्पादक किसानों को दीपावली पर्व के अवसर पर बड़ा आर्थिक लाभ प्रदान किया गया है। कारखाना प्रबंधन द्वारा पिछले पेराई सत्र में गन्ना विक्रय करने वाले किसानों को शासन की ओर से 11.09 करोड़ रुपये का बोनस भुगतान किया गया है। यह बोनस भुगतान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष पहल एवं प्रयासों से संभव हुआ है। उनके नेतृत्व में किसानों के हितों को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए समयबद्ध भुगतान और बोनस वितरण सुनिश्चित किया गया है।
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा ने पेराई सत्र 2024-25 के दौरान किसानों से खरीदे गए गन्ने का 115.44 करोड़ रुपये का संपूर्ण भुगतान कर प्रदेश की सभी शुगर मिलों में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि कारखाने की पारदर्शी कार्यप्रणाली, कुशल प्रबंधन एवं सहकारिता की सुदृढ़ भावना का परिचायक है। दीपावली से पूर्व किसानों को बोनस भुगतान प्राप्त होने से पूरे जिले के कृषक समुदाय में हर्ष एवं उत्साह का वातावरण व्याप्त है। बोनस राशि के भुगतान न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाएगी, बल्कि किसानों का विश्वास को और अधिक मजबूत करेगी।
संपादकीय लेख: 25 वर्षी युवा लोकगायिका मैथिली ठाकुर अब बिहार की राजनीति के नए चेहरे के रूप में उभर रही हैं। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया है, और इस तरह उनकी सार्वजनिक यात्रा संगीत मंच से राजनीतिक मंच तक पहुंच गई है
।मैथिली ठाकुर ने कहा है कि वे "राजनीति खेलने नहीं, बल्कि परिवर्तन लाने" आई हैं । लेकिन सवाल यह है कि क्या एक युवा कलाकार, जिसके पास राजनीतिक अनुभव नगण्य है, एक ऐसे लोकतांत्रिक तंत्र का सुचारु संचालन कर पाएगा जहाँ विकास नीतियों, प्रशासनिक दृष्टिकोण और जनता की उम्मीदों की कसौटी पर हर निर्णय परखा जाता है?राजनीति बनाम लोकप्रियताभारतीय राजनीति में यह नया प्रयोग नहीं है कि कला या खेल के मंच से आए प्रतिष्ठित चेहरे चुनावी अखाड़े में कदम रखते हैं।
राजेश खन्ना से लेकर अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर से गौतम गंभीर और कंगना रनौत तक — सबने अपने-अपने क्षेत्र की प्रसिद्धि को जनसेवा में बदलने की कोशिश की, लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यही रहा कि लोकप्रियता क्या प्रशासनिक दक्षता में बदल सकती है?
अक्सर देखा गया है कि ऐसे जनप्रतिनिधियों की पहचान क्षेत्रीय विकास से अधिक पार्टी की रणनीतिक छवि या प्रचार शक्ति के रूप में रह जाती है।युवा ऊर्जा और राजनीतिक अनुभव का द्वंद्वमैथिली ठाकुर की लोकप्रियता मिथिला और बिहार भर में निर्विवाद है। वे ब्राह्मण समुदाय से आने वाली लोकगायिका हैं, जिनके गीतों में संस्कृति, भक्ति और लोक परंपराओं की सुगंध है । यह सामाजिक सम्मान उन्हें वोटों में बदलने में मदद दे सकता है।
लेकिन विधानसभा का दायित्व केवल भावना और करिश्मे से नहीं निभाया जा सकता।
विकास योजनाओं की मांग, बजट आवंटन, नौकरशाही से संवाद और स्थानीय जनहित परियोजनाओं की निगरानी — ये सभी ऐसे कार्य हैं जिनके लिए अनुभव, संगठन और गहरी राजनीतिक समझ की आवश्यकता होती है।राजनीतिक दलों की रणनीति और जनता का हितराजनीतिक दलों का यह प्रयास होता है कि वे जनआकर्षण वाले चेहरों को टिकट देकर अपने वोटबैंक को मजबूत करें। बीजेपी का भी यही दांव इस बार मैथिली ठाकुर के नाम पर है ।
ऐसे में यह जोखिम भी बना रहता है कि किसी सेलिब्रिटी प्रत्याशी की भूमिका केवल पार्टी की सीट संख्या बढ़ाने तक सीमित रह जाए, जबकि जनता के असल मुद्दे – बेरोजगारी, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और सिंचाई – पीछे छूट जाएं।
इस प्रवृत्ति में लोकतंत्र की आत्मा कमजोर पड़ती है, क्योंकि व्यक्ति का जनाधार भावनाओं पर टिका होता है, न कि नीतियों के ठोस क्रियान्वयन पर।जनसेवा या जनआकर्षण?अलीनगर विधानसभा का जातीय और सामाजिक समीकरण जटिल है। यहां मुस्लिम और ब्राह्मण वोटर निर्णायक माने जाते हैं ।
मैथिली ठाकुर का संगीत से जुड़ा सामाजिक सामंजस्य उन्हें एक पुल का प्रतीक बना सकता है, बशर्ते उनकी प्राथमिकता जनसेवा हो, न कि केवल छवि-प्रबंधन।
यदि वे वास्तव में क्षेत्र की मूलभूत आवश्यकताओं — महिला सशक्तिकरण, युवाओं के लिए रोजगार तथा सांस्कृतिक संरक्षण — के लिए योजनाबद्ध कार्य करती हैं, तो वे राजनीति के भीतर लोकसंस्कृति की नई परिभाषा गढ़ सकती हैं।
अन्यथा, वे भी उसी पंक्ति में आ जाएंगी जहाँ कई नामचीन चेहरे केवल चुनावी चमक बनकर रह गए।निष्कर्ष: लोकतंत्र में जिम्मेदारी प्रसिद्धि से बड़ी हैजिस प्रकार मंच पर एक कलाकार अपनी मधुरता से आत्माओं को छूता है, उसी प्रकार एक विधायक को जनता के जीवन को वास्तविक सुधारों से स्पर्श करना होता है।
मैथिली ठाकुर की राजनीतिक यात्रा यदि संवेदनशीलता, पारदर्शिता और सक्रियता से भरी रही तो वे नई पीढ़ी की प्रेरणा बन सकती हैं।
अन्यथा, राजनीति में उनका प्रवेश भी सिर्फ एक और "सेलिब्रिटी प्रयोग" बन जाएगा — जहाँ कला की गरिमा और लोकतंत्र की गहराई, दोनों ही प्रचार की परतों में ढक जाएंगी ।
1.11 लाख रूपये की कर चुकी हैं बिक्री
गौरेला पेंड्रा मरवाही / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की आत्मनिर्भर भारत की संकल्प को पूरा करने की दिशा में स्वसहायता समूह की महिलाएं अपनी योगदान दे रहीं हैं। दीपावली पर्व के अवसर पर कलात्मक दीयों और पूजा सामग्री का निर्माण करके स्थानीय हाट बाजारों में बिक्री करके समृद्ध हो रहीं हैं। जिला प्रशासन एवं ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से पेंड्रा जनपद की पांच महिला स्वसहायता समूहों की 12 महिलाएं मिलकर अब तक 70 हजार मिट्टी के दीये तैयार कर लिए हैं। इसके साथ ही अगरबत्ती, बाती एवं तोरण तैयार कर स्थानीय बाजारों-कोटमी, नवागांव और कोड़गार हाट बाजार में बेच रही हैं। समूह द्वारा निर्मित दीये रायपुर में आयोजित सरस मेला में भी प्रदर्शित किया गया है और बेचे भी जा रहे हैं। समूह द्वारा अब तक 1 लाख 11 हजार 500 रूपये की दीयों एवं पूजा सामग्री का बिक्री की जा चुकी है।
समूह की सदस्य ग्राम झाबर निवासी श्रीमती क्रांति पुरी ने बताया कि इस काम से उन्हें करीब 9 हजार रुपये का मुनाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की दिवाली उनके लिए बहुत खास बन गई है और वे इस आय से काफी खुश हैं। ब्लॉक मिशन प्रबंधक सुश्री मंदाकिनी कोसरिया ने जानकारी दी कि इस कार्य से सीधे तौर पर पांच महिला स्वसहायता समूहों के परिवारों को आर्थिक लाभ मिल रहा है। इससे महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी सक्षम हो रही हैं। यह पहल न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन कर रही है, बल्कि परंपरागत दीयों के उपयोग को भी बढ़ावा दे रही है। मिट्टी के दीयों की बिक्री से जहां महिलाओं की आमदनी बढ़ी है, वहीं पर्यावरण के लिए भी अनुकूल विकल्प है।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में बस्तर वन मंडल के आसना में राज्य के पहले वन विज्ञान केन्द्र की स्थापना की जायेगी। राष्ट्रीय कैम्पा मिशन भारत सरकार द्वारा इसकी स्वीकृति दे दी गई है। राष्ट्रीय कैम्पा की 23वीं क्रियान्वयन समिति की बैठक में पायलट बेसेस पर झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़िसा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में एक-एक वन विज्ञान केन्द्र शुरू करने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ में बस्तर के आसना में वन विज्ञान केन्द्र शुरू होगा। इसके संचालन, प्रशिक्षण और पाठ्यक्रमों के निर्धारण के लिए मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर वृत्त की अध्यक्षता में प्रदेश स्तरीय सलाहकार समिति का गठन किया गया है। इस समिति में 8 विषय विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है।
वन विज्ञान केन्द्र की सलाहकार समिति में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरिश चंदेल सहित जशपुर के श्री राजेश गुप्ता, शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजीवन कुमार, रायपुर के श्री गिरीश कुबेर, श्री राजीव शर्मा, डॉ. एम.एल. नायक, श्री सुबोध मनोहर पांडे और पूणे महाराष्ट्र के डॉ. राहुल मुंगीकर को शामिल किया गया हैै। सरगुजा वृत्त के मुख्य वनसंरक्षक भी समिति के सदस्य होंगे। बस्तर के वन मंडलाधिकारी को समिति का सदस्य सचिव मनोनित किया गया है। समिति में नामांकित विषय विशेषज्ञों को वन विज्ञान केन्द्र के संचालन, प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम निर्धारण में सहयोग के लिए किसी प्रकार का मानदेय या वेतन नहीं दिया जायेगा।
मैदानों में दिखा जोश, अनुशासन और सौहार्द का अनोखा संगम — 126 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र में आयोजित सांसद खेल महोत्सव 2025 का समापन उत्साह, ऊर्जा और उमंग से भरे माहौल में हुआ।
दो दिवसीय इस आयोजन में शहर के विभिन्न मैदानों पर आधुनिक और पारंपरिक खेलों की झलक देखने को मिली।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा —
“खेल न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं बल्कि मन को दृढ़ बनाते हैं। युवा पीढ़ी को खेलों से जुड़कर अनुशासन, आत्मविश्वास और टीम भावना को अपनाना चाहिए। खेल समाज में एकता और सहयोग का प्रतीक हैं।”
? मैदानों में जोश और प्रतिस्पर्धा का माहौल
महोत्सव का आयोजन महात्मा गांधी स्कूल मैदान, सुराना कॉलेज मैदान और रविशंकर स्टेडियम में किया गया।
दो दिनों तक मैदानों में खिलाड़ियों और दर्शकों की गूंज से पूरा नगर खेलमय बना रहा।
आधुनिक खेलों में वॉलीबॉल, कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, योगासन, एथलेटिक्स (100 व 400 मीटर दौड़) जैसी प्रतिस्पर्धाएँ हुईं,
जबकि पारंपरिक खेलों में कबड्डी, खो-खो, गेड़ी (पुरुष वर्ग), फुगड़ी और सुरीली कुर्सी (महिला वर्ग) ने दर्शकों का मन मोह लिया।
? तीन आयु वर्गों में हुआ रोमांचक मुकाबला
प्रतियोगिताओं को तीन आयु वर्गों में विभाजित किया गया —
18 वर्ष तक, 18 से 40 वर्ष तक, और 40 वर्ष से अधिक आयु समूह।
हर वर्ग में खिलाड़ियों ने उत्साह और खेल भावना से हिस्सा लिया।
एकल खेलों में बोरा दौड़, पैदल चाल, 100 मीटर दौड़ जैसी प्रतियोगिताएँ हुईं,
जबकि टीम स्पर्धाओं में रस्साकशी, फुटबॉल, कबड्डी और वॉलीबॉल के मुकाबलों ने रोमांच बढ़ा दिया।
? विजेताओं की उपलब्धियाँ
दो दिवसीय खेल पर्व में कुल 126 खिलाड़ियों ने भाग लिया और 95 खिलाड़ियों ने जीत दर्ज की।
वेटलिफ्टिंग: 8 बॉयज, 6 गर्ल्स
कुश्ती: 12 बॉयज, 5 गर्ल्स (कुल 31 विजेता)
खो-खो: 54 प्रतिभागी
कबड्डी: 35 खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन
वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने यह संदेश दिया कि —
“खेल उम्र नहीं, बल्कि उत्साह की पहचान हैं।”
? समापन समारोह में सम्मान और प्रेरणा के स्वर
15 अक्टूबर को आयोजित समापन समारोह में महापौर अलका बाघमार ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा —
“खेलों के माध्यम से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से सशक्त बनता है, बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन और सहयोग की भावना भी विकसित करता है। ऐसे आयोजन समाज में नई ऊर्जा का संचार करते हैं।”
इस अवसर पर उपायुक्त मोहेंद्र साहू, कार्यपालन अभियंता विनीता वर्मा, गिरीश दीवान, संजय ठाकुर, हरिशंकर साहू, विनोद मांझी, मोहित मरकाम, पंकज साहू, विकास दमाहे, प्रेरणा दुबे सहित नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
? खेल भावना से सराबोर रहा दुर्ग नगर
दो दिनों तक दुर्ग नगर के मैदानों में उत्सव जैसा माहौल रहा।
हर ओर से यही संदेश गूंजता रहा —
“खेल से खिलते हैं सपने, और जीतता है आत्मविश्वास।”
सांसद खेल महोत्सव 2025 ने यह साबित किया कि जब युवा मैदान में उतरते हैं,
तो पूरा शहर उत्सव और प्रेरणा के रंगों में रंग जाता है।
भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और नक्सल हिंसा से जनता परेशान : सुशील आनंद शुक्ला
रायपुर / शौर्यपथ (राजनीती)
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की साय सरकार ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ की जनता को निराश किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की उपलब्धि केवल पिछली कांग्रेस सरकार की जनहितैषी योजनाओं को बंद करने तक सीमित है।
“जनता की योजनाएँ दुर्भावना से की गईं बंद” — कांग्रेस
शुक्ला ने कहा कि साय सरकार ने जनता के हित में चलाई जा रही अनेक योजनाओं को दुर्भावनापूर्ण तरीके से बंद किया।
उनके अनुसार, बंद की गई योजनाओं में शामिल हैं —
बिजली बिल हाफ योजना, राजीव मितान योजना, गोधन न्याय योजना, बेरोजगारी भत्ता, रीपा, मुख्यमंत्री कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी, महिला समूह ऋण माफी, सीएम आदिवासी परब सम्मान निधि, सीएम छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि, कोदो-कुटकी-रागी खरीदी योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय, मुख्यमंत्री महतारी दुलार, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन, धरसा विकास योजना, शहरी गरीबों को पट्टा व आवास, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक और मुख्यमंत्री सुपोषण योजना।
कांग्रेस नेता ने कहा कि “साय सरकार जनता के कल्याण की नहीं बल्कि योजनाएँ बंद करने की सरकार बन गई है।”
“भ्रष्टाचार और कुशासन हावी, कानून-व्यवस्था चरमरा गई”
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार अपने दो साल में विफल साबित हुई है।उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार और कुशासन का दौर चल रहा है —
“साय सरकार के दो साल में विष्णु का सुशासन तो दूर, खुद विष्णु की सरकार कहीं दिख ही नहीं रही।”
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि एसपी और कलेक्टर कार्यालय तक जला दिए गए, हत्या और मॉब लिंचिंग की घटनाएँ बढ़ गई हैं।
राजधानी रायपुर में छह बार गोलीबारी की घटनाएँ हुईं, वहीं गौ तस्करी, लूट, डकैती और चाकूबाजी के मामलों में तेज़ी आई है।
महिलाओं और बच्चियों पर अपराध बढ़े
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराधों में चिंताजनक वृद्धि हुई है —
पोटाकेबिन में बच्ची की जलकर मौत, अबोध बच्ची का माँ बनना, नारायणपुर में छात्राओं से छेड़खानी जैसी घटनाएँ राज्य में घट चुकी हैं।
उन्होंने कहा, “राज्य में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं, अपराधी बेलगाम हो चुके हैं।”
नक्सल घटनाओं पर सरकार मौन
शुक्ला ने कहा कि नक्सलवाद के मोर्चे पर भी सरकार पूरी तरह असफल रही है।
“दो साल में नक्सली घटनाएँ लगातार बढ़ी हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई घोषित नक्सल नीति नहीं बनाई। रोज़ हत्याएँ हो रही हैं और सरकार केवल बयानबाज़ी तक सीमित है।”
किसानों, गरीबों और उपभोक्ताओं को झटका
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार का 18 लाख आवास देने का वादा अधूरा रह गया,
राशन वितरण में कटौती की गई और बिजली कटौती फिर शुरू हो गई।
भूमि रजिस्ट्री के गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत छूट खत्म कर दी गई, जबकि रजिस्ट्री शुल्क में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी जारी रखी गई।
उन्होंने कहा कि राज्यभर में किसान आत्महत्याओं की घटनाएँ बढ़ी हैं, विशेष रूप से राजनांदगांव, बस्तर, बिलासपुर और महासमुंद जिलों से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं।
कांग्रेस का निष्कर्ष
शुक्ला ने कहा —“साय सरकार ने जनता का विश्वास तोड़ा है। योजनाएँ बंद कर, किसानों और युवाओं को निराश कर, कानून-व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। यह सरकार जनहित नहीं, दुर्भावना की सरकार है।”
ट्रिपल इंजन की सरकार सफाई कर्मियों का वेतन नहीं दे पा रही
रायपुर/शौर्यपथ / नगर निगम रायपुर के सफाई कर्मचारियों के वेतन की मांग को लेकर आंदोलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि महापौर मीनल चौबे का ट्रिपल इंजन की सरकार में सब कुछ बेहतर होने का दावा खोखला साबित हुआ है। दीपावली तिहार के समय में निगम के सफाई कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे, चक्का जाम कर रहे, दो-दो महीने से वेतन नहीं मिलने का आरोप लगा रहे हैं, यह बेहद चिंता का विषय है, लगातार निगम से संबंधित ठेकेदार सफाई कर्मचारी सामान सप्लायर भुगतान को लेकर शिकायत कर रहे हैं लेकिन शिकायत का कोई हल नही निकल रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि महापौर मीनल चौबे त्योहार के समय निगम की अव्यवस्थाओं को सुधारने के बजाय जापान घूम में है। और इधर निगम के सफाई कर्मचारी वेतन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। क्या यही ट्रिपल इंजन का विकास है? दीपावली के समय रात में सड़क अंधेरे से पटा हुआ है, सड़क में गड्ढे हैं, नालिया बज-बजा रही है, सफाई व्यवस्था चरामरा गई है। ठेला पसरा लगाने वालों के समान को जप्ती किया जा रहा है। क्या यही सुशासन है?
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि निकायों में सफाई कर्मियों, ठेकेदारों सामान सप्लायरों का भुगतान तत्काल किया जाए ताकि वह भी दीपावली का त्यौहार मना सके। निगम गरीबों के ठेला, खोमचा दुकानों को तोड़ना, सामानों को जप्त करना बंद करें।
अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ‘छोटू’ ने भेंट स्वरूप तलवार प्रदान कर लिया आशीर्वाद
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ‘छोटू’ ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष आदरणीय डॉ. रमन सिंह से उनके जन्मदिन के शुभ अवसर पर सौजन्य भेंट की।
इस अवसर पर श्री सिंह ने उन्हें जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रेषित कीं और उपहार स्वरूप एक प्रतीकात्मक तलवार भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुलाकात के दौरान भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के संरक्षक गनी खान, सुधीर सिंह ठाकुर, महेन्द्र सिंह, अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ‘छोटू’, कार्यकारिणी अध्यक्ष अनिल चौधरी, महासचिव मलकीत सिंह, उपाध्यक्ष मुन्ना सिंह, सचिव बलजीन्दर सिंह, कोषाध्यक्ष जोगा राव, तथा सदस्य दिलीप खटवानी, शाहनवाज कुरैशी, निर्मल सिंह, सुनील चौधरी, अमित सिंह, सुनील यादव, वाजिद अंसारी, प्रेम सिंह, विनय अग्रवाल, संतोष सिंह, रोशन लाल वर्मा, यश सिंह, सोम सिंह, यशराज सिंह, राम धनि यादव एवं संजय शर्मा उपस्थित रहे।
इस सौहार्दपूर्ण अवसर पर डॉ. रमन सिंह ने सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों का आभार व्यक्त किया और कहा कि परिवहन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने संगठन को अपने कार्यों में निरंतर प्रगति एवं सफलता की शुभकामनाएँ दीं।
मुलाकात के दौरान एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डॉ. रमन सिंह के साथ स्मृति चित्र भी लिए।
बीएआरसी और आईजीकेवी के संयुक्त प्रयास से विकसित किस्म किसानों के लिए वरदान साबित होगी
बिलासपुर / शौर्यपथ /
दिव्यांग सोनी की ख़ास रिपोर्ट
कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर द्वारा बीएआरसी-आईजीकेवी के सहयोग से विकसित धान की उत्परिवर्तित किस्म ‘विक्रम-टीसीआर’ के लोकप्रियकरण एवं प्रसार के उद्देश्य से एक दिवसीय प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर के सभागार में किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गीत शर्मा के मार्गदर्शन में हुआ।
धान की किस्म ‘विक्रम-टीसीआर’ के विशेष गुण
मुख्य अतिथि डॉ. पी.ए. हसन, निदेशक, जैव विज्ञान समूह, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी), मुंबई ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि यह धान की किस्म अधिक उपज देने वाली है,रोगरोधी है,कम अवधि में तैयार होती है, तथा मध्यम ऊँचाई के कारण फसल के गिरने की समस्या से मुक्त रहती है।उन्होंने कहा कि यह किस्म किसानों की कई व्यावहारिक समस्याओं का समाधान प्रदान करती है।
दलहन-तिलहन में भी नयी संभावनाएँ
डॉ. ए.डी. बलाल, प्रमुख, परमाणु कृषि एवं जैव-प्रौद्योगिकी प्रभाग, बीएआरसी, मुंबई ने जानकारी दी कि धान के अतिरिक्त अब दलहन एवं तिलहन फसलों की नई किस्में भी विकसित की जा रही हैं, जो जल्द ही किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
उपज बढ़ाने की तकनीकें
डॉ. दीपक शर्मा, प्राध्यापक एवं प्रमुख, पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने किसानों को बताया कि विक्रम-टीसीआर किस्म से अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए कौन-सी तकनीकें और कृषि पद्धतियाँ अपनाई जाएं।
किसानों को प्रोत्साहन और सम्मान
डॉ. बी.के. दास, प्रमुख, केन्द्रीय सुधार अनुभाग, बीएआरसी, मुंबई ने किसानों से इस धान किस्म का अधिकाधिक क्षेत्रफल में उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषक राघवेन्द्र सिंह चंदेल को ‘विक्रम-टीसीआर’ धान किस्म के प्रचार-प्रसार में योगदान हेतु प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
अधिष्ठाताओं ने साझा किए अनुभव
डॉ. एन.के. चौरे, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर;
डॉ. एस.एल. स्वामी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, लोरमी; एवं
डॉ. संजय वर्मा, मुख्य वैज्ञानिक, क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, बिलासपुर
ने किसानों को इस किस्म को अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया और इसके तुलनात्मक लाभ बताए।
कार्यक्रम संचालन
कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिल्पा कौशिक ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ. निवेदिता पाठक द्वारा किया गया।इस अवसर पर डॉ. शिल्पा कौशिक, डॉ. एकता ताम्रकार, इंजी. पंकज मिंज, डॉ. निवेदिता पाठक, डॉ. चंचला रानी पटेल, सुशीला ओहदार, हेमकांति बंजारे, डॉ. स्वाति शर्मा, संतोश वर्मा, इंद्रराम पटेल सहित कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय-‘विक्रम-टीसीआर’ धान किस्म का विकास भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (BARC) द्वारा म्यूटेशन ब्रिडिंग तकनीक से किया गया है। यह किस्म जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के अनुरूप टिकाऊ, उच्च उत्पादनक्षम और किसान हितैषी मानी जा रही है।
बिलासपुर / शौर्यपथ /
दिव्यांग सोनी की ख़ास रिपोर्ट
उच्च शिक्षा के लिए संभाग का सबसे बड़ा शैक्षणिक संस्थान सी.एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर में छात्रों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज़ाद पैनल छात्रसंघ के नेतृत्व में छात्रों ने कॉलेज प्रांगण में धरना प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य का पुतला दहन किया और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की।
छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने प्रवेश के समय आकर्षक विज्ञापनों के माध्यम से छात्रों को झूठे वादों और प्रलोभनों के आधार पर एडमिशन दिलाया, लेकिन प्रवेश के बाद न तो सुविधाएँ दीं, न ही शैक्षणिक माहौल में सुधार किया गया।
*स्वच्छता की हालत बद से बदतर*
आज़ाद पैनल ने यह भी आरोप लगाया कि कॉलेज परिसर में स्वच्छता की स्थिति बेहद खराब है। महाविद्यालय भवन के अंदर ही केवल कुछ डस्टबिन लगाए गए हैं, जबकि कॉलेज प्रांगण, गलियारों और अन्य आधिकारिक क्षेत्रों में कचरे के ढेर लगे रहते हैं।
छात्रों ने तंज कसते हुए कहा कि —
“जब कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना टीम का मूल उद्देश्य ही स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी है, तब ऐसे हालात शर्मनाक हैं। एन एस एस के दस्य स्वच्छता जागरूकता की जगह फोटोशूट तक सीमित हैं।”
*नकल प्रकरण में नियमों की खुली धज्जियाँ*
छात्रों ने बताया कि हाल ही में हुई परीक्षा में बीकॉमअंतिम वर्ष के कुछ छात्रों द्वारा मोबाइल फ़ोन का उपयोग कर अपने परिचितों को उत्तर साझा किए गए। यह परीक्षा नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, क्योंकि परीक्षा कक्ष में मोबाइल फ़ोन ले जाना पूर्णतः वर्जित है।
इसके बावजूद कुछ शिक्षकों ने इस गंभीर उल्लंघन को नज़रअंदाज़ कर दिया, जिससे नकल प्रकरण को बढ़ावा मिला।
*छात्रसंघ की चेतावनी: अब आर-पार की लड़ाई*
धरने में उपस्थित आज़ाद पैनल के प्रमुख छात्र नेताओंने कॉलेज प्रशासन को चेतावनी दी कि—
“यदि 7 दिनों के भीतर छात्रों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को राज्य स्तर तक विस्तारित किया जाएगा। हम शांत हैं, पर कमजोर नहीं।”
*आज़ाद पैनल की प्रमुख मांगे:*
कॉलेज प्रांगण एवं सभी विभागों में स्वच्छता सुनिश्चित कर पर्याप्त डस्टबिन लगाए जाएँ।
नकल प्रकरण में दोषी छात्रों व शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई हो।
छात्रों से दुर्व्यवहार करने वाले कर्मचारियों से सार्वजनिक क्षमायाचना करवाई जाए।
प्रवेश विज्ञापनों में किए गए झूठे वादों की जांच की जाए और पारदर्शी छात्र समिति गठित की जाए।
अंत में आज़ाद पैनल ने कहा —
“यह आंदोलन केवल कॉलेज के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा की सच्चाई और छात्र सम्मान की लड़ाई है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक धरना, प्रदर्शन और विरोध जारी रहेगा।”
कोंडागांव। शौर्यपथ।
जिले के मछली विकासखंड बडेराजपुर (विश्रामपुरी ) जिला कोंडागांव में संयुक्त संचालक (मगर चौक बस्तर संभाग) द्वारा शिक्षकों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार को लेकर शिक्षक साझा मंच ने गंभीर आपत्ति जताई है। मंगलवार को मंच ने क्षेत्रीय विधायक नीलकंठ टेकाम को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि दिनांक 7 अक्टूबर को अधिकारी राकेश पांडे द्वारा एक शिक्षक को सिर्फ जीन्स पहनने के आधार पर कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि यह व्यवहार न केवल अपमानजनक है बल्कि शिक्षकों के आत्मसम्मान पर सीधा आघात करता है।शिक्षक प्रतिनिधियों ने ज्ञापन में दर्शाया कि विभाग के अन्य कर्मचारी भी कार्यालय में जीन्स पहनकर आते हैं, लेकिन एक विशेष शिक्षक को लक्षित कर अनुचित व्यवहार किया गया, जिससे शिक्षकों का मनोबल गिरा है। साथ ही आरोप लगाया गया कि ऐसी घटनाएं निजी द्वेष और अहंकार को दर्शाती हैं।
शिक्षक मंच एवं सर्व शिक्षा संघ ने चेतावनी दी है कि यदि इस अमानवीय कृत्य पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी।ज्ञापन में यह भी उल्लेख है कि शिक्षकों का ड्रेस कोड लागू करते समय समानता और व्यवहार में पारदर्शिता रखना आवश्यक है। पीड़ित शिक्षक के साथ अन्याय को लेकर वायरल हुई तस्वीरें मुद्दे को और अधिक संवेदनशील बना रही हैं, जिससे विभागीय नियमों की निष्पक्षता सवालों के घेरे में है।
शिक्षक मंच ने प्रदेश के नवनियुक्त शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव से अनुरोध किया है कि वे इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेकर आरोपित अधिकारी पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस मामले से जुड़े सभी शिक्षक प्रतिनिधियों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर अपने समर्थन की घोषणा की है।मुख्य बिंदु:जीन्स पहनने पर कार्यालय से बाहर निकालने की घटना।अधिकारी का शिक्षकों से अमानवीय व्यवहार।ज्ञापन में ड्रेस कोड को लेकर भेदभाव की शिकायत।शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव से ठोस कार्रवाई की मांग।
कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी
यह घटनाक्रम जिले के शिक्षा विभाग में कर्मचारियों के अधिकार और सम्मान का बड़ा सवाल बनकर उभरा है, जिस पर अब प्रदेश सरकार और शिक्षा मंत्री की त्वरित प्रतिक्रिया और कार्रवाई की प्रतीक्षा है।
0 अशोक पांडे, शशांक तिवारी संभाग स्तरीय अधिमान्यता समिति में चयन पर बधाई, पत्रकारों में उत्साह
राजनांदगांव। शौर्यपथ/आज जारी प्रदेश के पत्रकारों की अधिमान्यता समिति में संस्कारधानी के सूरज बुद्धदेव संपादक, दैनिक दावा को राज्य स्तरीय अधिमान्यता सूची में एवं अशोक पांडे (नांदगांव टाइम्स), शंशाक तिवारी (सबेरा संकेत) को संभाग स्तरीय अधिमान्यता समिति में शामिल किए जाने पर प्रेस जगत राजनांदगांव की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां प्रेषित की गई। पत्रकार साथियों एवं नागरिकों ने कहा कि यह उपलब्धि जिले के पत्रकार समुदाय के लिए गौरव का विषय है। सूरज बुद्धदेव की निष्पक्ष, जनसरोकार आधारित पत्रकारिता ने सदैव समाज में सकारात्मक संदेश दिया है। सच्ची पत्रकारिता वही है जो समाज के हित में निडरता से सत्य को सामने लाए।
0 छत्तीसगढ़ की रजत जयंती एवं एनएमसी के तत्वावधान में हुआ कार्यक्रम, 127 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
राजनांदगांव। शौर्यपथ/ स्व. अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति मेडिकल कॉलेज, राजनांदगांव में मंगलवार 14 अक्टूबर 2025 को छत्तीसगढ़ की रजत जयंती वर्ष एवं राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के तत्वावधान में रेबीज विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनमानस एवं चिकित्सा समुदाय में रेबीज जैसी घातक बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कॉलेज के डीन डॉ. पी.एम. लूका थे। आयोजन का संचालन चिकित्सा विभाग द्वारा किया गया, जिसके विभागाध्यक्ष डॉ. एन.के. तिर्की थे।संगोष्ठी में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रकाश खुंटे, डॉ. धीरज भवाननी, डॉ. धनंजय ठाकुर एवं डॉ. आशीष दुलानी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अतिथि वक्ता के रूप में एम्स की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. सबा सिद्दीकी और छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध फिल्म कलाकार एवं पूर्व आईएमए अध्यक्ष डॉ. अजय सहाय ने रेबीज के नियंत्रण, निदान एवं रोकथाम पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि रेबीज एक ऐसी वायरल बीमारी है जो संक्रमित जानवर के काटने, खरोंचने या लार के संपर्क से फैलती है और लक्षण प्रकट होने के बाद लगभग 100% घातक होती है। इसलिए समय पर टीकाकरण और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।
कार्यक्रम में स्टाफ नर्स, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, इंटर्न और एमबीबीएस छात्रों सहित कुल 127 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। संगोष्ठी में बताया गया कि विश्वभर में हर वर्ष लगभग 59,000 मौतें रेबीज से होती हैं, जिनमें से अधिकांश एशिया और अफ्रीका में होती हैं। भारत में यह संख्या 18,000 से 20,000 के बीच है, जिसमें 30 से 60 प्रतिशत मामले बच्चों में पाए जाते हैं। भारत में 97 प्रतिशत मानव रेबीज संक्रमण संक्रमित कुत्तों के काटने से होते हैं।
विशेषज्ञों ने बताया कि रेबीज के प्रारंभिक लक्षण बुखार, घाव वाली जगह पर झुनझुनी और दर्द के रूप में प्रकट होते हैं। इसके बाद रोग दो रूपों में दिखाई देता है — उग्र (फ्यूरियस) रेबीज और लकवाग्रस्त (पैरालिटिक) रेबीज। डॉ. सिद्दीकी ने कहा कि लक्षण दिखने के बाद रोग का कोई इलाज नहीं है, इसलिए घाव की त्वरित देखभाल, साबुन और पानी से धोना तथा तुरंत वैक्सीनेशन (पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफीलैक्सिस) ही जीवन रक्षक उपाय हैं। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि रेबीज उन्मूलन का सबसे प्रभावी तरीका कुत्तों का सामूहिक टीकाकरण है। भारत सरकार द्वारा पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम 2023 के तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सीनेशन (ABC-ARV) कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। पालतू कुत्तों के लिए रेबीज टीकाकरण को अनिवार्य बताया गया।
विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण करवाएँ, ताकि परिवार और समाज दोनों सुरक्षित रहें।