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रिसाली निगम / शौर्यपथ / नगर निगम रिसाली के पुरैना, जोरातराई और डुंडेरा वार्डो मे आज गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विकास कार्यो की झड़ी लगा दी। मंत्री ताम्रध्वज साहू नें इन वार्डोँ में लाखो रूपये के कार्यो का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को कोरोना काल में अपने बीच पाकर क्षेत्र की जनता में उत्साह और उमंग का माहौल दिखा। आज गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने वार्ड पुरैना पहुंचकर डेढ़-डेढ़ लाख के दो मंचो का भूमि पूजन किया। वहीं वार्ड जोरातराई में 18 लाख से निर्मित उचित मूल्य के दुकान का लोकार्पण के पश्चात प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल में डेढ़ लाख के मंच निर्माण का भूमिपूजन भी किया गया।
वार्ड डुंडेरा में गृहमंत्री साहू के निधि से सामुदायिक भवन के पास मंच व शेड निर्माण हेतु 2 लाख, सियान सदन निर्माण हेतु 2 लाख, गौठान निर्माण हेतु 23.69 लाख, कचरू नगर में मंच शेड निर्माण हेतु डेढ़ लाख व मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय में शेड निर्माण हेतु 1 लाख का भूमिपूजन कर क्षेत्र की जनता को 52.69 लाख की विकास कार्यो की सौगात दिये तथा इस दौरान गृहमंत्री ने क्षेत्र की जनता से कहा कि वार्ड के विकास के लिए आप स्वयं सुझाव दें आपके द्वारा दी गई सुझाव को ही पूरी महत्ता के साथ कार्य कराया जायेगा।
गृहमंत्री ने खुद जनता से पूछा वे ही बताएं कि उनके क्षेत्र में क्या विकास कार्य होना चाहिए जिससे कि क्षेत्र का विकास हो और सभी लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिल सके। अधिकांश लोगो की मांग है कि क्षेत्र में नाली और सड़क निर्माण हो, इस पर गृहमंत्री साहू ने कहा कि सड़क और नाली बनाने के पहले वे वार्ड के हर गली, हर घर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हेतु नल कनेक्शन देंगे। पाइप लाइन बिझाने का कार्य पूर्ण होने के पश्चात आप जब चाहें सड़क और नाली निर्माण हेतु राशि तत्काल स्वीकृति दिला दी जायेगी। नाली निर्माण हेतु गृहमंत्री ने कहा कि जंहा जरूरत हो वहीं नाली निर्माण की मांग रखे नाली निर्माण हेतु महानगरों के तर्ज पर बारिश का पानी गली में न भरे और नालियों से बड़ी आसानी से पानी का सुगम निकासी हो सके। उक्त हेतु गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने रिसाली निगम के अधिकारियों को सड़क निर्माण हेतु सड़क के बीचो बीच भाग को 1 इंच उपर एवं दोनो किनारे के भाग को 1 इंच नीचे कर सड़क का निर्माण किये जाने का भी सुझाव दिया।
इसके लिए अतिशीघ्र कार्य योजना बनाकर क्रियान्वित करने के निर्देश दिये। सभी जगहों पर विकास कार्यो की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस के महासचिव जितेंद्र साहू ने की। भूमि पूजन और लोकार्पण के दौरान प्रदेश कांग्रेस के महासचिव अरूण सिसोदिया, जिला पंचायत अध्यक्ष शालिनी यादव, जनपद अध्यक्ष देवेंद्र देशमुख, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत बंजारे, जिला कांग्रेस के भिलाई शहर अध्यक्ष तुलसी साहू, कांगे्रस के दुर्ग ग्रामीण ब्लाक अध्यक्ष नंद कुमार सेन, कांग्रेस के जिला सचिव राजेंद्र सिंग यादव, निगम क्षेत्र के कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष मुकुंद भाऊ, पूर्व अध्यक्ष जाकिर अहमद, उतई नगर पंचायत के अध्यक्ष डिकेन्द्र हिरवानी, रिसाली निगम के पूर्व पार्षदगण केशव बंछोर, गोविंद चतुर्वेदी, ममता बाग, नरेश कोठारी, चंद्रभान ठाकुर, एल्डरमेन तरूण बंजारे, संगीता सिंग, अपर कलेक्टर व रिसाली निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे, निगम के नोडल अधिकारी रमाकांत साहू सहित रिसाली निगम के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे
दुर्ग /शौर्यपथ / दुर्ग विधायक के वेयर हाउसिंग चेयरमेन बनते ही बधाई का सिलसिला जारी हो गया . बधाई देने वालो में दुर्ग कांग्रेस से जुड़े सभी संगठन द्वारा अपने अपने तरीके से बधाई देने के सिलसिले के बीच एक पल ऐसा आया जिसे देख विधायक वोरा को कांग्रेस के पुराने दिन याद आ गए . दुर्ग शहर जिला कॉग्रेस कमेटी के महामंत्री देव सिन्हा ,और उनके यूथ कोंग्रेश के कार्यकर्ता द्वारा दुर्ग विधायक अरुण वोरा को छत्तीसगढ़,वेयर हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन बनने पर बधाई दिये एवं प्रतिक के रूप में गाय और बछड़े का प्रतिक चिन्ह जो १९७७ तक कांग्रेस का प्रतिक चिन्ह था भेंट की . जिसे देख विधायक वोरा को कांग्रेस के वो दिन याद आ गए जब कांग्रेस के कद्दावर नेता मोतीलाल वोरा की राजनितिक शुरुवात में ये प्रतिक चिन्ह था .
बता दे कि कांग्रेस का प्रतिक चिन्ह पहले दो गय की जोड़ी फिर गय और बछड़े की जोड़ी थी .१९७७ के बाद कांग्रेस पंजा छाप के प्रतिक चिन्ह के साथ राजनितिक मैदान में है .
विधायक वोरा को बधाई देने वालो में देव सिन्हा के साथ उनके साथ केजू देवांगन,शोहेल खान ,सुनील साहु ,कमलेश सिन्हा, राज निवरे,ओम प्रकाश पांडे, नागेन्द्र तिवारी, शंकर यादव,प्राणेश साहु, दादु पटेल,हरीश साहू,सोनू साहू,और कृष्ण कुमार सोनी व अन्य साथी उपस्थित रहे .
सांसद हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा राजे पर विधायकों को फोन कर गहलोत का साथ देने का आरोप लगाया
याचिका के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष और राजस्थान सरकार द्वारा कैवियट दायर की गई
जयपुर / शौर्यपथ / राजस्थान में राजनितिक संकट के साथ हर पल घटनाक्रम परिवर्तित हो रहा है . कल तक कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट की वापसी की उम्मीद कर रही थी किन्तु सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब आलाकमान की तरफ से पायलट के वापसी के सारे रस्ते बंद हो गए . बी आलाकमान बागी विधायको के वापसी के लिए कवायद शुरू कर दी .
बागी विधायको को १ बजे तक का समय
राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजनल बेंच शुक्रवार को सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की याचिका पर सुनवाई करेगी। इसमें विधायकों द्वारा विधानसभा स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी गई है। दोपहर करीब 1 बजे इस मामले पर सुनवाई होगी। वहीं, विधायकों को विधानसभा में अपना जवाब पेश करने के लिए भी शुक्रवार 1 बजे तक का ही समय है। जवाब नहीं देने पर स्पीकर द्वारा विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
भाजपा में भी दिख रहे दो गुट
राजस्थान में कांग्रेस के घमासान के बीच भाजपा में भी दो गुट दिखाई दे रहे हैं। इस चर्चा को हवा तब मिली, जब भाजपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा राजे पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘वसुंधरा राजे ने राजस्थान कांग्रेस में उनके करीबी विधायकों से फोन करके गहलोत का साथ देने की बात कही है। सीकर और नागौर जिले के एक-एक जाट विधायकों को वसुंधरा ने खुद बात करके पायलट से दूरी बनाने को कहा है। इसके पुख्ता प्रमाण हमारे पास हैं।’’ वसुंधरा राजे को बुधवार को पार्टी मीटिंग के लिए जयपुर आना था, लेकिन वो नहीं पहुंची। इससे भाजपा में भी गुटबाजी होती दिख रही है।
वायरल ऑडियो भी चर्चा का विषय बने
गुरुवार देर रात विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ी बातचीत के तीन ऑडियो वायरल हुए। इन ऑडियो में एक व्यक्ति खुद को संजय जैन और दूसरा खुद को गजेंद्र सिंह बता रहा है। दो ऑडियो में बातचीत राजस्थानी में है। जबकि, तीसरे में हिंदी और अंग्रेजी में बातचीत हो रही है। हालांकि, भास्कर इन ऑडियो की पुष्टि नहीं करता। साथ ही, यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह ऑडियो कब के हैं।
गुरुवार को ऐसे चला पूरा घटनाक्रम
गुरुवार सुबह करीब 12 बजे सचिन पायलट समेत 19 विधायकों ने विधानसभा के नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
दिन में 3 बजे पहली सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई को अमेंडमेंट की कॉपी नहीं होने पर 15 मिनट में ही टाल दिया गया था।
इसके बाद करीब 4.15 बजे पायलट गुट के वकीलों द्वारा फिर संशोधित याचिका लगाई गई।
शाम 5 बजे संशोधित याचिका पर सुनवाई हुई। इसके बाद मामला डिविजनल बैंच को ट्रांसफर कर दिया गया।
डिविजनल बैंच में पहले शाम 7.30 बजे सुनवाई का वक्त किया गया। इसे 8 बचे तक बढ़ा दिया गया। अब शुक्रवार को दिन में 1 बजे सुनवाई का वक्त निर्धारित किया गया है।
हरीश साल्वे कर रहे पायलट गुट की पैरवी
हरीश साल्वे पायलट गुट की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। सचिन पायलट के वकील मुकुल रोहतगी भी ऑनलाइन जुड़ेंगे। वहीं, राजस्थान स्पीकर की तरफ से अभिषेक मनु सिंधवी शामिल हैं।
इन विधायकों को नोटिस दिया गया
सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।
राजस्थान सरकार द्वार कैवियट भी दायर की गई
वहीं, याचिका के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष और राजस्थान सरकार द्वारा कैवियट दायर की गई है। याचिका की सुनवाई के दौरान कैवियट पर भी पक्ष सुना जाएगा।
पिटीशन मेरी मुझे ही पार्टी नहीं बनाया- मुख्य सचेतक जोशी
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि पिटीशन मेरी, और मुझे ही पार्टी नहीं बनाया गया। इससे साफ होता है कि उनके पास ठोस आधार नहीं है। उन्होंने जो याचिका लगाई उसमें कह रहे हैं कि कुछ संशोधन करना है। पहली बात हरीश साल्वे जैसे बड़े वकील के यहां से याचिका आई है। वो भी पूरी नहीं, जिससे साबित होता है कि बिना तैयारी के आनन-फानन में ये कोशिश की है। अदालत ने कहा है कि आप नए तरीके से याचिका दायर कीजिए। सभी चीजें नए सिरे से तय करेंगे। आज सुनवाई होगी या नहीं होगी, ये सब चीजें तय करेंगे।
डर पैदा होने पर ऐसे कदम उठा रहे बागी- खाचरियावास
राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खासचरियावास बोले- राजस्थान ने कांग्रेस को वोट देकर जिताया है। अब कांग्रेस के निशान पर जीते लोग भाजपा में जाकर शपथ लेना चाहते हैं। बागी विधायकों को जयपुर में रहकर अपनी बात कहनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि विधानसभा नियम और कायदों से चलती है। डर पैदा होने के बाद अब बागी ऐसे कदम उठा रहे हैं। उन्हे पार्टी का व्हिप मानना पड़ेगा। विपक्ष सरकार गिराने में जुटा हुआ है।
शौर्यपथ । जयपुर । राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मंत्री पद से हटा दिया वही प्रदेज़ह कांग्रेस के अध्यक्ष पद से भी सचिन पायलट की छुट्टी हो गई । कांग्रेस के इस फैसले से राजस्थान की राजनीति में भूचाल सा आ गया वही सचिन पायलट ने अपने ट्वीटर में कांग्रेस शब्द हटा लिया । वही ट्वीटर पर मैसेज सत्य कभी पराजित नही होता " चर्चा का विषय बन गया है । सचिन पायलट के करीबी मंत्रियों की भी मंत्री पद से छुट्टी की खबर सामने आ रही है । सचिन पायलट के लिए फैसले से कांग्रेस संगठन को किंतना फायदा व नुकसान होगा ये आने वाले समय मे ही पता चलेगा ।
लोगों के विरोध और यहां स्टेडियम निर्माण की मांग पर महापौर ने फोड़ा नारियलदेवेन्द्र की बढती लोकप्रियता को नही पचा पा रहे हैं भाजपाई
छत्तीसगढ़ सरकार ने नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बारी योजना से गौमाता के चारे का इंतजाम किया, अब गोबर खरीदकर पशुपालकों को बना रही है समृद्ध
रायपुर । शौर्यपथ । छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोबर खरीदी के फैसले का विरोध करने वाले भाजपा नेताओं को कांग्रेस ने करारा जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा शासनकाल में गौशालाओं के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ। कई गौशालाओं में भूख से सैकड़ों गायों की मौत हो गई। सैकड़ों गायों की भूख से मौत और गौशालाओं में चारा घोटाला के जिम्मेदार भाजपा नेता ही अब कांग्रेस सरकार की नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बारी योजना का विरोध कर रहे हैं। राजेंद्र ने कहा कि भाजपा नेता नदी बचाने, नदियों को जोड़ने, गाय की रक्षा करने की बातें सिर्फ कागजों में ही करते हैं। भाजपा नेताओं को न तो गायों की फिक्र है, न गाय पालने वाले पशुपालकों की। अगर उन्हें गौमाता की फिक्र होती तो नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बारी योजना का मजाक नहीं उड़ाते। गोबर खरीदी का विरोध भी नहीं करते।
देश के प्रधानमंत्री पढ़ा रहे आत्म निर्भर का पाठ ,किन्तु छत्तीसगढ़ में भाजपा कर रही विरोध ..
राजेंद्र ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री लोगों को जिस आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ा रहे हैं, उसकी शुरूआत छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने डेढ़ साल पहले प्रदेश में कर दी थी। नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बारी योजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों, युवा और महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने की यह योजना रोजगार के नए अवसर दे रही है। योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि आ रही है। उन्होंने कहा कि नरवा योजना से बारिश के पानी को सहेजने के साथ ही पुराने धरोहर को बचाने, भूगर्भीय जलस्तर को रीचार्ज किया जा रहा है। बारी योजना से पौष्टिक सब्जियां उगाई जा रही है। गरूवा और घुरवा योजना से गोधन की रक्षा, दूध उत्पादन को बढ़ावा देना है। वहीं गोबर खरीदकर उससे कम्पोस्ट खाद, जैविक खाद, गमला, दीया, धूप बत्ती सहित अनेक वस्तुएं बनाकर गोबर की उपयोगिता साबित कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार।
भूपेश सरकार बढ़ा रही रोजगार के अवसर की दिशा में कदम ..
राजेंद्र ने कहा कि भूपेश सरकार की नरवा, गरूवा, घरवा अऊ बारी योजना और गोधन न्याय योजना से रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। इसका विरोध करने वाले भाजपा नेता वास्तव में छत्तीसगढ़ के लोगों को रोजगार के अवसर देने वाली योजना का विरोध कर रहे हैं। भाजपा ने हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात की थी, लेकिन केंद्र में सरकार बनाने के बाद रोजगार नहीं दिया बल्कि नोटबंदी और जीएसटी लागू कर करोड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया। भाजपा की नीतियों पर हमला बोलते हुए राजेंद्र ने कहा कि भाजपा ने हमेशा अडानी-अंबानी जैसे लोगों को सहयोग करते हुए करोड़ों-अरबों रुपए का कर्ज माफ कर दिया। दूसरी ओर डीजल-पेट्रोल-रसोई गैस का भाव बढ़ाकर महंगाई बढ़ाते हुए आमजनता के साथ किसानों की कमर तोड़ने का काम भी केंद्र की भाजपा सरकार ने किया है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों, किसानों, मजदूरों और युवाओं के हित में फैसले ले रही है। राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने गांव-गांव के किसानों का कर्ज माफ किया। 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा। अब सरकार ने गोबर खरीदने का फैसला भी कर लिया है। प्रदेश में लगभग 20 लाख लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा। इन फैसलों से कृषि आधारित रोजगार मिलने से निश्चित रूप से किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं आत्मनिर्भर और समृद्ध होंगे। इस योजना से हरियर छत्तीसगढ़, खुशहाल छत्तीसगढ़, समृद्ध छत्तीसगढ़, सुग्घर छत्तीसगढ़ की कल्पना साकार होगी।
रायपुर / शौर्यपथ / वरिष्ठ भाजपा नेता नन्द कुमार साय द्वारा भाजपा के प्रदेश नेतृत्व पर उठाए गए सवाल पर कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश भाजपा पर रमन एन्ड कम्पनी के कब्जे के खिलाफ यह दूसरे भाजपा नेता का बगावती तेवर है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह तो एक नेता का गुबार है भाजपा के हर नेता के दिल मे ऐसे ही बगावत की मशाले जल रही हैं। यह भारतीय जनता पार्टी का दुर्भाग्य है कि जिन लोगो की कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के कारण भारतीय जनता पार्टी 14 सीटों तक सिमट गयी, उन्ही लोगो के पास आज भी पार्टी की कमान है। साय जैसे जमीन से जुड़े और वरिष्ठ नेताओं की पीड़ा जायज है । कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नन्दकुमार साय ही नहीं रामविचार नेताम, सरोज पांडे, बृजमोहन अग्रवाल जैसे नेता भी वर्तमान नेतृत्व के पैरलल लगातार बयानबाजी कर अपने महत्व को अलग से रेखांकित करने के जुगत में लगे दिखते है। नन्दकुमार साय निर्भीक नेता है उन्होंने पार्टी नेतृत्व को आइना दिखाने का साहस दिखाया है। बाकी नेता यह साहस नही दिखा पा रहे। प्रदेश भाजपा का कार्यकर्ता भी देख रहा की उनकी पार्टी के भाजपा नेताओं के द्वारा एक दूसरे को पीछे छोड़ने की जद्दोजहद के कारण प्रदेश की जनता रचनात्मक विपक्ष की कमी साफ महसूस कर रही है। भाजपा का वर्तमान नेतृत्व मात्र रमन सिंह के अहं की तुष्टि की राजनीति कर रहा उसे प्रदेश की जनता के हितों से कोई लेना देना नही है। रमन सिंह के अहं के कारण ही भाजपा ने 2500 में धान खरीदी के समय राज्य के किसानों के हितों के खिलाफ जा कर विरोध किया था। रमन सिंह के अहं के कारण ही भाजपा ने कोरोना संकट के समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केंद्र से मांगे गए 30 हजार करोड़ के पेकेज का विरोध किया था। रमन सिंह के अहं की तुस्टी के कारण छत्तीसगढ़ भाजपा ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान में छत्तीसगढ़ को शामिल किए जाने के लिए एक बार प्रधानमंत्री को अनुरोध करना भी जरूरी नही समझा था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि छतीसगढ़ भाजपा रमन सिंह के दुराग्रह के कारण कांग्रेस सरकार का विरोध करने के बजाय राज्य की जनता का विरोध करने लग गयी है। प्रदेश की जनता, भाजपा के चरित्र को भली भांति देख रही है और समझ भी रही है भाजपा के लिए व्यक्ति विशेष के हितों की राजनीति जन हित से बड़ा हो गया। साय जैसे नेता इसीलिए विरोध में खड़े दिख रहे है।
रायपुर / शौर्यपथ / पूर्व मुख्यमंत्री रमनसिंह द्वारा ट्वीट कर कांग्रेस सरकार से वायदों का हिसाब मांगे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वादा खिलाफी का लम्बा रिकार्ड बनाने वाले रमन सिंह किस नैतिकता से कांग्रेस सरकार से मात्र डेढ़ साल में ही वायदों का हिसाब मांग रहे है । कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डेढ़ साल में अपने जन घोषणा पत्र के 36 वायदों में से 22 वायदों को पूरा कर दिया है ।कांग्रेस की सरकार को पांच साल के लिए जनादेश मिला है।कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के जनघोषणा पत्र में पांच साल कार्यकाल में पूरा करने के लिए वायदा किया था आने साढ़े तीन सालों में कांग्रेस की सरकार अपने सारे वायदों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस से डेढ़ साल में ही सारे वायदों को पूरा करने की अपेक्षा करने वाले रमन सिंह भूल रहे है उन्होंने 2003के भाजपा के संकल्प पत्र के वायदों को 15 साल तीन बार सरकार चलाने के बाद भी पूरा नही किया था ।रमन सिंह और भाजपा ने 2003 में वायदा किया था हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर वाली जर्सी गाय देंगे कभी पूरा नही किया ।भाजपा ने हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी देने का वायदा किया ।भाजपा ने 2003 में ही राज्य के बेरोजगार युवाओं को 500 रु बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा किया था जो कभी पूरा नही किया ।किसानों को धान पर पूरे पांच साल बोनस का वायदा कर सिर्फ चुनावी साल में बोनस देने वाले रमन सिंह आज किस नैतिकता से 2500 रु में धान खरीदी पर सवाल खड़ा कर रहे है ।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की सरकार ने मोदी सरकार की अड़ंगेबाजी और धमकी से डरे बिना किसानों को धान की पूरी कीमत देने का रास्ता निकाला ।भाजपा की केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण ही वायदा निभाने कांग्रेस ने राजीव गांधी न्याय योजना लागू की किसानों को धान के कीमत की अंतर राशि की पहली क़िस्त का भुगतान हो गया शेष दूसरी और तीसरी क़िस्त का भुगतान 20 अगस्त तक हो जाएगी।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार के वायदों को पूरा करने की गति और गरीब किसान गांव विरोधी नीतियों को मिल रहे जन समर्थन से रमन सिंह और भाजपा विचलित हो गए हैं ।मुद्दा विहीन भाजपा नेता रोज अप्रसांगिक बयान बाजी कर खुद को चर्चा में बने रहने का बहाना खोज रहे हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर छत्तीसगढ़ के एक भी जिले को ना शामिल करने पर प्रदेश कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि डॉ रमन सिंह जी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है और 15 साल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे है। रमन सिंह जी के 15 वर्षो के कार्यकाल में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, कुशासन और जनविरोधी नीतियों के चलते छत्तीसगढ़ को गरीबी के मामले में देश में नंबर वन बनाया गया। अब फिर से भाजपा नेताओं का गरीब विरोधी चरित्र उजागर हो गया है। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं और सांसदों द्वारा छत्तीसगढ़ को गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ के 5 लाख से मजदूरों को मोदी सरकार द्वारा भी वंचित करने को जायज ठहराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
एन एस एस ओ के आंकड़ों के आधार पर छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या 47.9प्रतिशत है और यह पूरे देश में सर्वाधिक है। गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों का राष्ट्रीय औसत शहरी क्षेत्रों के लिए 13.7प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 25.7प्रतिशत है। गरीब कल्याण रोजगार योजना में शामिल किए गए राज्य उड़ीसा(45.9 प्रतिशत), मध्य प्रदेश(44.3 प्रतिशत), झारखंड(42.4 प्रतिशत) और बिहार(41.3 प्रतिशत) का गरीबी रेखा के मामले में नंबर क्रमश: 2, 3, 4 और 5 है।
गरीब कल्याण योजना में राजस्थान को भी शामिल किया गया है जहां गरीबी रेखा का आंकड़ा छत्तीसगढ़ के आधे से भी कम 21.7 प्रतिशत है, पर सर्वाधिक गरीबी रेखा प्रतिशत वाले राज्य छत्तीसगढ़ को दुर्भावना पूर्वक छोड़ दिया गया है! भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री, 9 सांसद लोकसभा के, दो राज्यसभा सांसद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री बताए कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की गरीब जनता से किस बात का बदला लेना चाहती है?
हाल ही में मोदी सरकार द्वारा जून के अंतिम सप्ताह में देश कि नवरत्न कंपनी "कोल इंडिया लिमिटेड" के 41 खदानों के निजीकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई, जिनमें से 9 कोल खदाने छत्तीसगढ़ की है! जब मोदी सरकार को खदान बेचना होता है तो छत्तीसगढ़ की याद आती है पर गरीबों के कल्याण के लिए कोई योजना चालू करना होता है तो छत्तीसगढ़ की याद नहीं आती! छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कि छत्तीसगढ़ के साथ गरीब कल्याण योजना में यह सौतेला व्यवहार क्यों?
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का बदला मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की जनता और मजदूरों से ले रही है। भाजपा के रमनसिंह जैसे नेता और सांसद मजदूर विरोधी, गरीब विरोधी, किसान विरोधी और आम जनता विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। छत्तीसगढ़ की जनता कभी उनको माफ नहीं करेगी।
संचार विभाग अध्यक्ष ने कहा है कि यह दुख का विषय है कि केंद्र की भाजपा सरकार राज्य राज्य के हिसाब से मजदूरों में भेदभाव कर रही है। लॉकडाउन और लॉकडाउन में कुप्रबंधन के लिये जिम्मेदार मोदी सरकार को मानवता और नैतिकता के नाते भी छत्तीसगढ़ के इन 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों के प्रति इन मजदूरों को मदद करनी चाहिए थी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को मदद मोदी सरकार का फर्ज था और है। 1200 करोड़ रुपए से अधिक की मजदूरों की सिफ रोजी की राशि केंद्र की भाजपा सरकार पर मजदूरों का कर्ज है। इन मजदूरों के प्रति अपना फर्ज निभाने और अपने पर कर्ज चुकाने के बजाए मजदूर कल्याण योजना से मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को बाहर कर दिया। मोदी सरकार के इस फैसले ने छत्तीसगढ़ के मजदूरों गरीबों और पूरे राज्य के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।
गरीब कल्याण योजना में छत्तीसगढ़ को शामिल करने की मांग दोहराते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ के सभी प्रवासी मजदूरों को डायरेक्ट बेनिफिट योजना के अंतर्गत प्रवासी मजदूर ?25000 की राशि तत्काल दी जाये। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार बंद करें। छत्तीसगढ़ के इन गरीब मजदूरों ने मोदी सरकार का क्या बिगाड़ा है? विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार रमन सिंह सरकार की जनविरोधी नीतियों की हार थी। भाजपा की करारी हार कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार और जनहित की उपेक्षा की हार थी। विधानसभा चुनाव की हार का बदला छत्तीसगढ़ के मजदूरों से लिए जाने का कांग्रेस पार्टी विरोध करती है और मांग करती है कि गरीब कल्याण योजना में छत्तीसगढ़ को शामिल किया जाये।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ को पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश, झारखंड की तरह ही गरीब कल्याण योजना में शामिल किया जाये। बड़ी संख्या में 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर छत्तीसगढ़ में वापस लौटे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन के 60 दिनों में रोजी मजदूरी का बहुत बड़ा नुकसान उठाया है। मनरेगा की औसत मजदूरी ?200 प्रतिदिन की दर से भी जोड़ा जाए तो प्रति मजदूर ?12000 का नुकसान लाकडाउन के कारण हुआ है। छत्तीसगढ़ के मजदूरों की कुल मजदूरी का नुकसान ही 600 करोड़ से ज्यादा बैठता है। भूख प्यास रहने की जगह की समस्या इलाज की समस्या सब कुछ छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों ने अपने प्रदेश से बाहर मजबूरी में झेली है। अपने घर अपने गांव अपने प्रदेश लौटने की बड़ी कीमत छत्तीसगढ़ के मजदूर भाइयों ने चुकाई है। छत्तीसगढ़ वापस लौटने के लिये पुणे, कोल्हापुर, कर्नाटक, तमिलनाडु तक फंसे मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चले हैं। बसों में प्रति सवारी ?5000 से ?10000 तक का प्रति सदस्य किराया तक पूरे परिवार के सभी सदस्यों का मजदूरों को मजबूरी में देना पड़ा है। अपना गहना गुरिया गिरवी रखकर कर्जदार होकर छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर वापस लौटे। केन्द्र सरकार को अन्य राज्यों की तरह इन मजदूरों को राहत पहुंचाना था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मजदूर कल्याण योजना में छत्तीसगढ़ को जानबूझकर छोड़े जाने के मामले में भाजपा के छत्तीसगढ़ के नेताओं और सांसदों की चुप्पी पर कड़ा ऐतराज जताया है। क्या छत्तीसगढ़ ने राज्य से 9 भाजपा सांसदों को चुन कर इसीलिए भेजा है कि वे दलीय प्रतिबद्धता के कारण जब राज्य के हितों की बात हो तो चुप्पी साध रखें। अब समय आ गया है कि भाजपा के सांसद राज्य की जनता के सामने स्पष्ट करें कि उनका छत्तीसगढ़ के हकों हितों से कोई सरोकार क्यों नहीं है?
संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा है कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के कोयला, आयरन ओर बाक्साइट जैसे खनिज संसाधनों पर अपना हक जमा सकती है लेकिन राज्य के लोगो के लिए जब राहत देने की बात आती तब भाजपा की केंद्र सरकार मुंह मोड़ लेती है। राज्य के भाजपा के बड़े नेता मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को सही ठहराने के लिये तर्क देने लगते है। मुख्यमंत्री ने जब राज्य के लिए कोरोना संकट से निपटने 30,000 करोड़ की सहायता मांगी तब भी रमन सिंह सहित लगभग हर भाजपा नेता ने इसका ऐसे विरोध किया था, जैसे यह पैसा किसी के व्यक्तिगत हित के लिये मांगा गया था। 2500 रू. में धान खरीदी के समय केंद्र की अड़ंगेबाजी पर भी छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं और सांसदों ने किसानों का साथ देने के बजाय मोदी सरकार के अन्याय का साथ दिया था।
त्रिवेदी ने पूछा है कि बात-बात में बड़े-बड़े बयान देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है राज्य के मजदूरों के हित में मोदी सरकार के समक्ष आपत्ति दर्ज कराने का साहस क्यो नही दिखा रहे हैं? सरोज पांडे, धरम लाल कौशिक, रामविचार नेताम, विष्णुदेव साय की बोलती अब क्यो बन्द है? छोटी-छोटी बातों पर बचकाने बयान जारी करने वाले सांसद सुनील सोनी अब कहाँ छुप गए हैं? छत्तीसगढ़ हित की बात करने से भाजपा सांसदों को किसने रोका है?
छत्तीसगढ़ में दीगर राज्यो से 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर वापस आये है राज्य के क्वारन्टीन सेंटरों से घर वापसी के बाद इन सबके रोजगार की व्यवस्था करने के छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। मनरेगा में भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बेहतर है। यदि केंद्र सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान कार्यक्रम से छत्तीसगढ़ को भी जोड़ती तो राज्य के 5 लाख से अधिक मजदूरो के हित में और अच्छा काम हो सकता था।