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रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य में मात्र 53 रूपये प्रति क्विंटल बढ़ाया है। यह ऊॅट के मूंह में जीरा की तरह है। एक तरफ किसानो से वोट लेते समय भाजपा किसानो की आमदनी दोगुना करने की बात करती है वही धान का मूल्य निर्धारण करते समय मात्र 53 रूपये की वृद्धि करता है। भाजपा पूर्व में 2013 के चुनाव में 2100 रूपये समर्थन मूल्य एवं 300 रूपये बोनस देने की बात कही थी। आज समर्थन मूल्य उसी के अनुसार भी दे देते तो किसानो के साथ न्याय हो जाता।
साहू ने आगे कहा है कि हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी पिछले साल से ही किसानो के धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपये दे दिये है। उसके बाद अब केन्द्र सरकार द्वारा 1868 रूपये की घोषणा हमारे छत्तीसगढ़ के किसान के लिए घोर निराशा का विषय है। यह समर्थन मूल्य अभी भी छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल द्वारा दिये जा रहे धान के मूल्य से 632 रूपये कम है। मोदी सरकार की घोषणा से छत्तीसगढ़ के किसानो को निराशा और हताशा हाथ लगी है। केन्द्र में मोदी जी की सरकार स्वामीनाथन कमेटी सिफारिश लागू करेगे कहकर सत्तासीन हुई थी। आज 6 वर्ष व्यतित होने के बाद भी मोदी सरकार की किसानो के प्रति सोच नही बदली।
कृषि लागत का डेढ़ गुना देने की बात केन्द्र की सरकार ने सत्ता मे आने के पहले रखी थी। अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने सिर्फ 460 रूपये की वृद्धि की है जबकि यू.पी.ए. कांग्रेस कार्यकाल में 890 रूपये की वृद्धि की थी। 53 रूपये की बढ़ोत्तरी किसानो के साथ भद्दा मजाक है। किसानों की कृषि लागत लगातार बढ़ती ही जा रहा है। डीजल, खाद, बीज, मजदूरी सभी की दरो में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी हो गयी है। किसानो को उम्मीद थी कि धान का समर्थन मूल्य 2500 से अधिक होगा लेकिन मोदी सरकार की इस घोषणा से किसानो के साथ भद्दा मजाक हुआ है। किसान घोर उपेक्षा का शिकार हुए है। किसान नेता, विधायक, पूर्व अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू, ने केन्द्र सरकार से मांग किया है कि किसानो के साथ जो अन्याय हुआ है एवं छला गया है उसे कम से कम अपने घोषणा के अनुरूप 2500 रूपये क्विंटल देवे।
कोरोना 19 के विषम परिस्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ की आर्थिक पैकेज की जो घोषणा की गई है वह भी किसानो के लिए निरर्थक है। पूर्व मंत्री एवं विधायक धनेन्द्र साहू ने 20 लाख करोड़ के पैकेज में किसानो को प्रति क्विंटल के हिसाब से 700 रूपये प्रदान करने की मांग की है ताकि किसानो को इस विषम परिस्थिति में सहायता मिल सके।
दुर्ग / शौर्यपथ / अमृत मिशन के तहत शहर में बिछाये जा रहे पाइप लाइन पर विपक्षी पार्टी के द्वारा की जा रही राजनीती पर पलटवार करते हुए सत्ता पक्ष के एमआईसी मेंबर ने सयुक्त रूप से ब्यान जारी करते हुए कहा कि कोरोना काल के समय से विधायक अरुण वोरा के मार्गदर्शन और महापौर धीरज बाकलीवाल के दिशा निर्देश पर अमृत मिशन योजना के तहत् पेयजल व्यवस्था का निरंतर कार्य चल रहा है। जहॉ पानी की गंभीर समस्या बनी हुई थी वहॉ के समस्या का भी निदान किया जा रहा है । इस विषम परिस्थितियों में भी निरंतर कार्य के बाद भी योजना और कार्य की आलोचना बिलकुल नहीं होना चाहिए।
कोरोना महामारी के कारण सभी तरफ कार्य बंद हो गये थे और कार्य के लिए श्रमिक ही नहीं मिल रहा था एैसे समय में भी नगर निगम दुर्ग द्वारा अमृत मिशन के कार्य को प्रभावित हुये बिना पूरी निगरानी के साथ व्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है। निगम महापौर परिषद के सदस्यों ने संयुक्त रुप से कहा कि दुर्ग नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा पार्षद द्वारा अमृत मिशन के अंतर्गत चल रहे पाइप लाईन बिछाने व अन्य कार्यो के संबंध में भेदभाव पूर्व कार्य किय जाने का भ्रामक आरोप लगाया जाना पूरी तरह से निराधार व राजनीति से प्रेरित है।
इस संबंध में एमआईसी मेम्बर ने संयुक्त रुप से कहा कि नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा पार्षदों का बयाना हताशा का परिचायक है उनके भ्रामक बयान की हम सभी निंदा करते हैं। उन्होनें आगे कहा कि शहर के अनेक वार्डो में अमृत मिशन के पाइप लाईन में पानी चालू हो गया है वहॉ नल कनेक्शन देने का काम और रोड निर्माण का कार्य लगातार किया जा रहा है। इसमें किसी भी प्रकार से कोई भेदभव नहीं बरती जा रही है। पूर्व जलकार्य प्रभारी श्री देवनारायण चंद्रारक स्वयं अपने वार्ड को पूर्ण कराने ध्यान पूर्वक कार्य अमृत मिशन से कराने आये थे शेष वार्डो का कोई सूची नहीं था। वर्तमान में इस परिषद में एैसा बिलकुल भी नहीं किया जा रहा है।
जबकि शहर विधायक वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा बहुजन हिताये, बहुजन सुखाय के साथ पूरे शहर में पूरी योजना के अनुसार व्यवस्थित ढंग से ही कार्य करवाया जा रहा हैं। हमारी परिषद में कांग्रेस, भाजपा वाली कोई बात नहीं है। दुर्ग विधायक तो पूरे 60 वार्डो के ही विधायक हैं उन्हें पूरा शहर देखना और समस्याओं का निराकरण करना होता है। वही महापौर और सभी एमआआईसी प्रभारी लगातार दौरा कर पूरे कार्यो की निगरानी भी कर रहे हैं। उन्होनें जानकारी देते हुये कहा वार्ड क्रं0 1,2,3,4,56 और वार्ड क्रं0 39,17,18 इन सभी क्षेत्रों मेें अमृत मिशन का कार्य पूर्ण हो गया है व पानी की समस्या नहीं है लगभग यह सभी वार्ड भाजपा पार्षदों का ही है।
उन्होनें आगे कहा नगर निगम दुर्ग में योजना के कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कराये जाने का प्रयास जारी है। अनेक वार्डो में अमृत मिशन का कार्य लगभग 75 से 80 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। कुछ स्थानों पर पानी टंकियों का निर्माण पूर्णत: की ओर है कुछ जगहों पर कार्य में तीव्रता लाई गयी है। इस योजना के कार्यो में किसी भी प्रकार का व्यवधान होता है तो विधायक द्वारा स्वयं तत्काल शासन स्तर पर चर्चा कर त्वरित निदान करवाते हैं। इस कारण विगत दिनों कार्य में विलंब हो रहा था तो शासन स्तर से निर्देश लिये गये। मार्केट एरिया के तरफ भी निरंतर कार्य जारी है जिसे शीघ्र पूर्ण कर लिया जावेगा। उन्होनें अंत में कहा अमृत मिशन का कार्य केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और नगरीय निकाय के संयुक्त सहयोग से राशि उपलब्ध कराकर किया जा रहा है इस योजना की राशि केवल अकेले केन्द्र सरकार की राशि नहीं है।
रायपुर /शौर्यपथ / मजदूरो को राज्य में आने की अनुमति में गलत समय के फैसले पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मो. असलम ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना वायरस से व्याप्त महामारी की स्थिति देश में अब कम्युनिटी ट्रांसमिशन के खतरे की ओर बढ़ रही है, जो बेहद खतरनाक एवं डरावनी है। हालांकि छत्तीसगढ़ में स्थिति राज्य सरकार की सतर्कता के कारण बेहद व्यवस्थित, नियंत्रित और संतुलित है। जिस तरह से महामारी के कारण देश में सामुदायिक संक्रमण की स्थिति निर्मित हो रही है उससे यही लगता है कि करोना पर काबू पाना फिलहाल मोदी सरकार के लिये संभव नहीं है। केंद्र सरकार नागरिकों पर बोझ डालकर और महामारी को नजरअंदाज करते हुए जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहती है। प्रारंभ में कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार ने सारी बागडोर और जवाबदेही खुद ही संभाली हुई थी। अब बीमारी के विस्तार से हड़बड़ाहट में आलम यह है कि राज्यों को जिम्मेदारी हस्तांतरित कर कोरोनावायरस के फैलाव का ठीकरा फोडऩे की तैयारी की जा रही है।
मोहम्मद असलम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजकर 30 हजार करोड़ मांगे थे, जिसमें 10,000 करोड़ तत्काल प्रदान करने की मांग की गई थी, वहीं राज्यों की सीमा नहीं खोलने का आग्रह किया गया था और विमान सेवाएं निलंबित रखने का सुझाव दिया गया था। किंतु केन्द्र सरकार द्वारा राज्य की एक भी बात नहीं सुनी गई। अब केंद्र सरकार द्वारा जवाबदारी से बचने का मौका ढूंढा जा रहा है, जो चिंताजनक है। शुरूआत में लाकडाउन क्रूर था और अब लापरवाह बन चुका है। अचानक सख्ती में कमी, नीतियों के समन्वय में कमी और अब जल्दबाजी में लाकडाउन खोलकर दी जा रही, खुली छूट से मिल रही विफलता की कीमत निर्दोष गरीबों, मजदूरों, मजलूमों, सहित बेबस नागरिकों को चुकानी पड़ रही है।
जब संक्रमण की रफ्तार कम थी तब मजदूरों को घर जाने की अनुमति एवं सुविधा नहीं दिया जाना सबसे बड़ी चूक साबित हुई है। अब प्रवासी मजदूर केंद्र सरकार पर अविश्वास करते हुए जमी हुई घर गृहस्थी को छोड़कर, सब कुछ उजाड़ कर लुटाकर, जीवन दांव पर लगाकर अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। जीवन भर की कमाई से बेदखल हो गए हैं, तब भी केंद्र सरकार की आंख बंद है और उनको सीधे सहायता पहुंचाने के लिए राशि प्रदान नहीं करना चाहती है और सब कुछ विपक्ष पर आरोप लगाकर पीछा छुड़ाने से बाज़ नहीं आ रही है।
सुझावों को तहरीर नहीं दिए जाने के बारे में प्रवक्ता असलम ने कहा है की केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष के सकारात्मक सुझावों और सहयोग को तरजीह नहीं दिए जाना और महामारी की गंभीरता को लेकर संक्रमण विशेषज्ञों से मशविरा नहीं लिया जाना सरकार की अदूरदर्शिता है। वहीं मेडिकल क्षेत्र से जुड़े कई प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा भी महामारी पर नियंत्रण के लिए अपनाए गए तरीकों की आलोचना की गई है, जो सरकार की विफलता को स्पष्ट दर्शाती है।
विश्व में भारत ऐसा देश है जहां कोरोना वायरस से संक्रमण नियंत्रित भी नहीं हुआ है और निरंतर बढ़ोतरी की ओर है फिर भी मोदी सरकार को अनलॉक करने की जल्दबाजी है। अभी भारत की स्थिति विश्व में छठवें स्थान पर हैं। यही हालत रही तो कोरोना संक्रमण अगर और बढ़ता है तो बेहद खौफनाक होगा। जिसकी आशंका विशेषज्ञों ने भी जताई है।
रायपुर । शौर्यपथ । वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने बताया की श्री नरेंद्र मोदी जी ने सीआईआई को लाइव संबोधित करते हुए कहा की खनिज संसाधनों विशेषकर कोयले को खुलेआम पूरे विश्व में बेचा जा सकेगा, किसानों को सरकार की ओर देखने की जरुरत नहीं है वह अपने उत्पाद कहीं भी बेच सकेंगे तथा आत्मनिर्भर बनो। बिस्सा ने कहा की केंद्र सरकार को यह समझ नहीं आ रहा की खनिज संपदा को बेचकर क्षणिक जीडीपी तो बढ़ाई जा सकती है लेकिन यह घर फूंक कर तमाशा देखने जैसा ही होगा। खनिज संपदा लाखों करोड़ों वर्ष में बनकर तैयार होती है। यह हमारी धरोहर है। देश के कुल कोयला भंडारण का 17.91% छत्तीसगढ़ में है। जो लगभग 54912 मिलियन टन होता है। आज जिस गति से कोयले का उपयोग हो रहा है उसी को मापदंड माने तो आने वाले चार पांच दशकों में हम पूरा कोयला खोद चुके होंगे। क्या यह कदम दूर दृष्टि भरा रहेगा, इस दिशा में सोचने की जरूरत है। बिस्सा ने बताया की छत्तीसगढ़ के पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय श्री रामचंद्र सिंहदेव जी कहा करते थे कि खनिज भंडार हमारी संपत्ति है। उसका उतना ही दोहन होना चाहिए जितना कि हम अपने उत्पादन में कर सकते हैं। क्योंकि खनिज संसाधनों का मनमाना दोहन कर उसे खत्म कर दिया तो आने वाले समय में हमारे पास सिर्फ और सिर्फ लाचारी बचेगी। बिस्सा कहा की ने इस देश के अर्थशास्त्रीयों, जागरुक व समझदार लोगों को इस विषय पर अपनी नाराजगी जरुर व्यक्त करना चाहिये। खनिज संपदा बैंक में जमा एफडी की तरह होती है जो हमारे लिये भविष्य के उद्योगों, रोजगार के साधनों में उपयोगी होगी। उसे ऐसे ही नहीं बेचा जा सकता। बिस्सा ने कहा की श्री मोदी जी भाषण का दूसरा बिंदु था किसान अपनी उपज कहीं भी कभी भी बेच सकेंगे। सुनने में तो यह बहुत अच्छा लगता है। लेकिन ये इस बात का घोतक भी हो सकता है कि वे भविष्य में सरकार द्वारा किसानों से निश्चित मूल्य पर सीधी खरीदी को ही हाशिए पर डाल दिया जाये। अगर ऐसा हुआ तो किसान मुश्किल में पड़ जायेगा। अभी सरकारें समर्थन मूल्य पर जो कृषि उपज खरीदती है उसके पीछे कारण यही रहता है कि किसानों की मजबूरियों का गलत लाभ कहीं बिचौलिए व दलाल ना उठा लें, तथा मुनाफाखोर हावी ना हो जाए। जिसका दुष्परिणाम अंततः किसान व देशवासियों को झेलना पड़े । बिस्सा ने बताया की तीसरा बिंदु था आत्मनिर्भर बनो। यह बात ऐसी ही लग रही थी जैसे केंद्र सरकार आम जनमानस को गोलमोल शब्दों में यह बताना चाह रही हो कि अब वह जवाबदारियां लेने में अक्षम होती जा रही है। देशवासियों को स्वयं ही संभलना होगा। आत्मनिर्भर बनों जैसा नारा देकर सरकार अपनी जवाबदारी से भाग नहीं सकती। बिस्सा ने कहा की कुल मिलाकर मोदी जी का उद्बोधन चिंता का विषय है जिस पर आम जनमानस को गहराई से चिंतन करना चाहिए वरना आने वाला जीवन बहुत कठिन और दुष्कर हो जाएगा। राजेश बिस्सा वरिष्ठ कांग्रेस नेता 9753743000
रायपुर / शौर्यपथ / मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा पर भाजपा नेताओं की बड़ी बड़ी घोषणाओं पर तीखा प्रहार करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी जी की 20 लाख करोड़ की घोषणा और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की पांच पांच धारावाहिक सीरियल पत्रकार वार्ताओं के बाद भी देश के किसी भी वर्ग किसान मजदूर छोटे व्यापारी को पता नहीं चल पाया है कि उसे मिला क्या है ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि 5-5 पत्रकार वार्ताओं के बाद देश को एक अनुवादक मंत्री और एक लोन मंत्री के अलावा कुछ नहीं मिला है । कांग्रेस डॉक्टर रमन सिंह को चुनौती देती है कि वह एक पत्रकार वार्ता और ले और यह बताएं कि छत्तीसगढ़ में 20 लाख करोड़ में किसको कितना मिलेगा ।
मरकाम ने कहा है कि मोदी जी घोषणा तो लाखों करोड़ों और अरबों की करते हैं लेकिन पैसे किसी को मिलते नहीं । किसान सम्मान निधि की हकीकत को भी बेनकाब करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि देश में 44त्न किसान को सम्मान निधि के दायरे से बाहर है जब किसान सम्मान निधि की पहली किस्त जारी की गई तो 8:30 करोड़ किसान इसमें आते थे दूसरी किस्त में 7:30 करोड़ किसान बचे और तीसरी सूची में छह करोड़ किसान बचे 29 जनवरी को सूची जारी की गई तो किसान 3:30 करोड़ हो गए थे या किसानों का सम्मान है या अपमान यह रमन सिंह जी को बताना चाहिए
मोदी सरकार के 2.0 के पहले एक साल को विफलता और नाकामी का काला अध्याय निरूपित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरोना से निपटने से लेकर अर्थव्यवस्था तक हर मामले में मोदी सरकार विफल साबित हुयी है। मोहन मरकाम ने कहा है कि 40 करोड़ भारतीयों के गरीबी रेखा के नीचे जाने की स्थिति बनने के लिए मोदी सरकार 2.0 का पहला साल जिम्मेदार है। साम्प्रदायिक दंगे भड़कने और नागरिकता के काले कानून के लिए मोदी जी के इस एक वर्ष को याद किया जायेगा। महाराष्ट्र बंद दिल्ली और हरियाणा के चुनावों में भाजपा की हार हुयी। हरियाणा में भाजपा अनैतिक गठबंधन करके सरकार बना पायी। यातायात का काला कानून लाया गया जिसमें भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि पूरा देश आज नोटबंदी एवं गलत तरीके से जीएसटी लागू करने की गलती को भुगत रहा है और अर्थव्यवस्था मांग की बड़ी भारी कमी से जूझ रही है और जिस तरह से सरकार ने 20 लाख करोड़ के जुमले की घोषणा की है, उससे मांग की सृजन की कोई उम्मीद भी नहीं है। आंकड़ों से ये बात स्पष्ट हो गई है कि कोरोना संक्रमण के फैलने के पूर्व ही अर्थव्यवस्था स्लोडाउन फेज में थी। जिस तिमाही के आंकड़े आये हैं उसमें लाकडाउन सिर्फ एक हफ्ता ही था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने केंद्र सरकार से इन सवालों का जवाब मांगा है
-पिछले 4 साल से लगातार गिरती जीडीपी का जिम्मेवार कौन है?
-बड़े विज्ञापनों के बावजूद मेक इन इंडिया स्कीम धराशायी क्यों हुई?
-20 लाख करोड़ के पैकेज गरीबों, मध्यमवर्ग, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी, निजी नौकरी करने वालों किसी को भी क्यों कुछ नहीं मिला?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मांग की है कि अब मोदी सरकार अपनी नोटबंदी और गलत तरीके से जीएसटी लागू करने की विफलता को देश के सामने स्वीकार करे। मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरोना की गंभीर चुनौती के लिए समय पर तैयारी कर पाने में भी मोदी सरकार विफल रही। समय पर विमानतलों में स्क्रीनिंग नहीं की गयी जिसका परिणाम पूरा देश भुगत रहा है। 30 जनवरी को पहला कोरोना का मामला आने के बाद भी 24 फरवरी को गुजरात में लाखों लोगों को इक_ा कर नमस्ते ट्रम्प किया गया परिणामस्वरूप आज गुजरात कोरोना से बेहाल है 15500 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और गुजरात से पूरे देश में गये श्रमिक कोरोना संक्रमण से प्रभावित पाये जा रहे हैं। देश में भी कोरोना पर रोक लगाने में समय पर फैसला मोदी सरकार नहीं कर पायी क्योंकि भाजपा मध्यप्रदेश की निर्वाचित सरकार को गिराने में लगी रही और 23 को भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मध्यप्रदेश में शपथ लेने के बाद 24 मार्च से लाकडाउन किया गया। आज मध्यप्रदेश में 7500 से अधिक कोरोना मरीज हैं। थाली बजाकर, घंटा बजाकर, लाइट बुझाकर, दिया जलाकर कोरोना महामारी से लडऩे जैसे मोदी सरकार के खोखले उपायों का ही परिणाम है कि आज देश में कोरोना प्रभावितों की संख्या एक लाख सत्तर हजार से अधिक होने जा रही है।
रायपुर । शौर्यपथ । वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखकर पूछा है कि आपके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के छः वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जारी आप का पत्र बेरोजगारी पर मौन क्यों है? सेंटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआई) की ताजा रिपोर्ट देखे तो 12 करोड़ से अधिक लोगों का रोजगार चला गया है। आपने देश के युवाओं को भरोसा दिलाया था प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का, उस अनुसार तो देश के बारह करोड़ युवाओं को रोजगार मिल जाना था लेकिन हो उल्टा गया है। बिस्सा ने कहा राष्ट्र से सीधी बात ना कर देशवासियों के नाम संबोधित आपका पत्र बता रहा है कि केंद्र सरकार आज देशवासियों को लेकर उस फिसलन पर खड़ी है जिसके आगे सिर्फ खाई है। लाक डाउन के दौरान जमा पूंजी पर ब्याज दरें घटा दी गई हैं। सरकार डीजल-पेट्रोल से बेदम कमाई कर रही है। किसान खून के आंसू पीकर रह गया है। बेरोजगारी उफान मार रही है। लोग आत्म हत्याएं कर रहे हैं। करोड़ों लोग रोटी कपड़ा मकान के संकट में डूब उतर रहे हैं। फैलती आर्थिक विपन्नता लोगों की खुशियां छीन रही है। बेइंतेहा मुश्किलों का दौर शुरू है। आपका पत्र इन बातों से मुंह छुपाता नजर आ रहा है। पत्र के हर एक शब्द से अट्टहास का भान होता है। यह अफसोस जनक है। बिस्सा ने कहा की विगत दिनों मोदी जी आप भाजपा के कार्यकर्ताओं, पंचायतों के प्रतिनिधियों, प्रदेश के मुख्यमंत्रियों, देश की नामी गिरामी हस्तियों ईत्यादी से ऑनलाइन बात कर चुके हैं। क्या इन सुरक्षित चेहरों के मध्य मंझदार में पड़े करोड़ो उन बेबस लोगों से जो सड़कों की धूल फांक रहे हैं से बातचीत नहीं करना चाहिये? क्या देश का गरीब या परिस्थितियों का मारा आम नागरिक आपकी दष्टी में अपनी कोई हैसियत नहीं रखता है? क्या उसे सम्मान के साथ जीने का अधिकार नहीं है? बिस्सा ने कहा कि देश का गरीब भूखा प्यासा सड़कों पर है। ट्रेनों में दम तोड़ रहा है। दर-दर की ठोकरें खा रहा है। उसके लिए आपके पत्र में संवेदनाओं व श्रद्धांजली का एक शब्द ना होना, उनके लिये किसी भी प्रकार की राहत की घोषणा ना करना, लोगों के मन में असुरक्षा की भावना भर रहा है। आपका मौन उन के लिये भी कुठाराघात है, जिन लोगों ने सोचा था की वर्ष पूरा होने पर आप कुछ सौगात उन गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों को देंगे जो अपना सब कुछ लुटा कर नए जीवन की तलाश में है। बिस्सा ने पत्र में लिखा है कि कोरोना संकट के इस दौर में भारत की तस्वीर कहीं आपके पत्र की जंजीर में फंसे शब्दों से ना हो जाए सोचकर बार-बार घबरा उठता हूं। आप के दूर-दृष्टिकोण पर प्रश्न उठने लगता है। इस संकट की घड़ी में पूरा देश व राज्यों की सरकारें आपके साथ खड़ी हैं, लेकिन जब देशवासी व राज्य सरकारें आपकी ओर नजर घूमाती हैं तो दिखता है कि आप अभी भी टास्क का झोला लिए “आत्मनिर्भर बनो” के नारे के साथ जनता के समक्ष खड़े हैं। यह देखकर पीड़ा हो रही है। बिस्सा ने कहा की जन भावनाओं को इस तरह मत तोड़िये। जो लोग कोरोना आपदा में अपनी रोजी रोटी खोकर अपने कर्म क्षेत्र को छोड़ने मजबूर हुए हैं उनके पुनर्वास के बारे ठोस पहल कीजिये।
// राजीव भवन में कांग्रेस संचार विभाग से भी अनेक नेता लाइव से जुड़े
गरीबों जरूरतमंदों को प्रति परिवार 10000 रू. की तत्काल सहायता की मांग
// 6 माह तक प्रतिमाह 7500 रू. न्याय की मदद की मांग
20 लाख करोड़ के कोरोना पैकेज से मोदी के चंद चहेते उद्योगपतियों की सहायता हुयी : सरकारी कंपनियां इन्हीं को बेचने का फैसला कोरोना पैकेज से है
// मध्यम वर्ग, गरीबों, मजदूर, किसानो, रिक्शे, ठेले वालो, खोमचा वालो, आटो वालो, निजी नौकरी करने वालों, रोज कमाने खाने वालों को क्या मिला?
// कांग्रेस की मांग : मदद की जरूरत जिनको है उनको मदद दी जाये
रायपुर / शौर्यपथ / इंडिया स्पीक कार्यक्रम में पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित सभी राज्यसभा सदस्य, लोकसभा सांसद, महापौर, विधायक, वरिष्ठ नेता, कांग्रेसजन, सभी मोर्चा संगठन एनएसयुआई, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल, जिला कांग्रेस अध्यक्ष, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष, प्रदेश संचार विभाग के सदस्यगण एवं प्रवक्तागण फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम सहित सभी सोशल प्लेटफार्म में मोदी सरकार से जरूरतमंदों की मांग रखी। राजीव भवन में कांग्रेस संचार विभाग से भी अनेक नेता लाइव से जुड़े। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 20 लाख करोड़ के कोरोना पैकेज से सिर्फ मोदी के चंद चहेते उद्योगपतियों की सहायता हुयी। सरकारी कंपनियां इन्हीं को बेचने का फैसला कोरोना पैकेज से है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि मध्यम वर्ग, छोटे दुकानदारों, काम धंधा करने वालों, गरीबों, मजदूर, किसानो, रिक्शे, ठेले वालो, खोमचा वालो, आटो वालो, निजी नौकरी करने वालों, रोज कमाने खाने वालों को क्या मिला? कांग्रेस की मांग है कि मदद की जरूरत जिनको है उनको दी जाये। आज फेसबुक लाइव में जाके हम कांग्रेस के लोगों ने 10 हजार रू. की तत्काल सहायता गरीबों को जरूरतमंदों को देने की मांग की है। इसके साथ-साथ 7500 रू. 6 महिनों तक गरीबों को देने की मांग हम केन्द्र की मोदी सरकार से करते है। 20 लाख करोड़ का पैकेज और इस पैकेज में गरीबों को क्या मिला? छोटे दुकानदारों को क्या मिला? मध्यम वर्ग को क्या मिला? रोज खाने वाले रोज कमाने वाले, निजी नौकरी करने वालों को क्या मिला? इन लोगो को आज पैसा दिया जाना समय की जरूरत है।
जो मजदूर बेबसी में भूखे प्यासे बिना रोजी रोटी के अपनी गाढ़ी पूंजी गंवा के प्रदेश में फंसे हुये है, बाहर के प्रदेशों में फंसे हुये है। वे अपने घर, गांव और प्रदेश आना चाहते है, केन्द्र की मोदी सरकार तत्काल उन्हें घर गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था करें। ये मांग कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्ता सोशल मीडिया में कर रहे है। लाइव जाके कर रहे है। ये एक प्रकार की सोशल रिवाल्यूशन है। सोशल मीडिया में जाके गरीब मजदूर बेबस जरूरतमंद की आवाज उठाने का फैसला कांग्रेस पार्टी ने लिया है। जिसे आज व्यापक समर्थन मिला।
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के मुंबई नाइट लाइफ योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है। इस योजना के तहत 27 जनवरी से बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और नरीमन पॉइंट जैसे गैर-आवासीय क्षेत्रों में मॉल, मल्टीप्लेक्स, दुकानें और भोजनालय 247-2 खुले रहेंगे।
लखनऊ, जेएनएन। एक तरफ जहां पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं उन्हीं की परिवार की सदस्य इस कानून का समर्थन कर रही हैं। समाजवादी पार्टी (SP) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू व पूर्व सीएम अखिलेश यादव के छोटे भाई की पत्नी अपर्णा यादव ने एक बार फिर सीएए का समर्थन किया है। उत्तरायणी कौथिग मेले में पहुंचीं अपर्णा ने लोगों से कहा कि आप सभी इस कानून का समर्थन करें, यह देश हित में है। इससे पहले भी अपर्णा ने सीएए व एनआरसी को अपना सपोर्ट दे चुकीं हैं।
लखनऊ में इन दिनों उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित उत्तरायणी कौथिग मेला चल रहा है। महानगर के रामलीला मैदान में चल रहे इस मेले में मंगलवार को राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता अपर्णा यादव बतौर मुख्य अतिथि पहुंचीं। यहां उन्होंने केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया और सभी से सीएए का समर्थन करने की अपील की। इस दौरान उन्होंने पर्वतीय समाज के इस मेले की तारीफ की और कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं अपने घर पहुंच गई हूं। मेले में शाम के कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि मेयर संयुक्ता भाटिया भी उपस्थित थीं। उन्होंने भी सीएए पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सीएए पर राजनीति के बजाय आम आदमी को इसके बारे में समझाने की जरूरत है। जनता को गुमराह किया जा रहा है जो उचित नहीं है।