June 01, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

   बालोद/शौर्यपथ/सुशासन तिहार के तीसरे एवं अंतिम चरण के अंतर्गत डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम पटेली में आयोजित समाधान शिविर संपन्न हुआ। जिसके अंतर्गत ग्राम पटेली 3531 आवेदनों का निराकरण किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती तारणी पुष्पेन्द्र चंद्राकर, उपाध्यक्ष श्री तोमन साहू, पूर्व विधायक श्री वीरेन्द्र साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री देवलाल ठाकुर, वरिष्ठ जनप्रतिनिधि श्री चेमन देशमुख, श्री पवन साहू, श्री यज्ञदत्त शर्मा, जनपद अध्यक्ष श्री मुकेश कौड़ो, जनपद उपाध्यक्ष श्री भोलाराम नेताम एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के अलावा कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक श्री योगेश कुमार पटेल, एसडीएम श्री नूतन कंवर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनप्रतिनिधियों के द्वारा सुशासन तिहार के महत्व एवं उद्देश्य के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि सुशासन तिहार के पहले चरण के नगर पंचायत डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम पटेली के समाधान शिविर में हितग्राहियों को सुशासन तिहार के दौरान बनाए गए उनका राशन कार्ड, श्रम कार्ड, मनरेगा जाॅब कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति पत्र, किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के अलावा उन्नत किस्म के धान बीज, कीटनाशक दवाई, खाद बीज के वितरण के अलावा समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धजनों को छड़ी एवं श्रवण यंत्र आदि के अलावा मछली पालन विभाग द्वारा हितग्राहियों को आईस बाॅक्स एवं मछली जाल प्रदान किया गया। इसके अलावा शिविर में अनेक हितग्राहीमूलक योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को लाभान्वित भी किया गया। इस दौरान शिविर में उपस्थित अतिथियों के द्वारा गर्भवती माताओं को सुपोषण किट प्रदान कर उनके गोद भराई रस्म और नन्हे-मुन्हंे बच्चों को स्वादिष्ट खीर खिलाकर उनका अन्नप्राशन संस्कार को भी पूरा किया गया। इस अवसर पर अतिथियों ने ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम स्थल में पौधरोपण भी किया।
आज डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम पटेली में आयोजित समाधान शिविर के दौरान विभिन्न विभाग के अधिकारियों के द्वारा बारी-बारी से सुशासन तिहार के पहले चरण के दौरान पंचायत एवं समाज कल्याण विभग को 107, जनपद पंचायत डौण्डी को 1894 सहित अन्य विभागों के कुल 3531 आवेदन मिलने की जानकारी दी गई।

दुर्ग/शौर्यपथ/नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पोटिया कला में निर्मित 116 आवास में से वर्तमान में 7 आवास हितग्राही अंशदान नहीं पटने की वजह से निरस्त किया गया है।
रिक्त आवास हेतु 170 हितग्राही प्रतिक्षारत हैं।जानकारी के मुताबिक सभी हितग्राहियो को फोन के द्वारा सूचित किया जा चुका है।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार व आयुक्त सुमित अग्रवाल के निर्देश पर विभागीय द्वारा पात्र 170 हितग्राहियो की सूची डाटा सेंटर में प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यालय में चस्पा किया गया है ! प्रतीक्षारत हितग्राहियो को सूचित किया जाता है कि वे डाटा सेंटर में संपर्क कर इच्छुक हितग्राही तीन दिवस के भीतर हितग्राही अंशदान राशि जमा करें!
3 दिवस पश्चात् यदि हितग्राहियो द्वारा रकम जमा नहीं किया जाता ऐसी स्थिति में हितग्राहियो का अवसर समाप्त माना जायेगा।

युवा शक्ति है राष्ट्र शक्ति- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय  राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम सभागार में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के तहत आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति है। हमारे देश में विश्व में सबसे ज्यादा युवा हैं। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। यह बहुत खुशी की बात है की छत्तीसगढ़ की धरती पर यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिषद बैठक आयोजित हो रही है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। आज छत्तीसगढ़ में शिक्षा के सभी शीर्षस्थ संस्थान स्थापित हैं। आज हमारे प्रदेश में युवा आईआईटी, एम्स, ट्रिपल आईटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में पढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति लागू है। नई शिक्षा नीति के तहत हम युवाओं को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रयास जैसी संस्था स्कूली बच्चों को शिक्षा देने का कार्य कर रही है। प्रयास में पढ़े बच्चे बड़ी संख्या में प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि ऐसे युवा जो सिविल सेवा आदि परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिए नई दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल स्थापित है। हमने इस ट्राईबल यूथ हॉस्टल की क्षमता को बढ़ाकर 200 सीट कर दिया है। प्रदेश भर में हम नालंदा परिसर बना रहे हैं जहां बच्चे एक शांत वातावरण में पढ़ाई कर सकें। हमने यहां पहल की है कि मेडिकल की पढ़ाई भी छात्र हिंदी भाषा में कर पाएं। प्रदेश में प्राथमिक स्तर के बच्चों को उनकी मातृभाषा गोंडी, हल्बी आदि में शिक्षा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की पूरे देश में सराहना की जा रही है। नई औद्योगिक नीति के तहत हम न सिर्फ राज्य में निवेश ला रहे हैं बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और एआई डाटा सेंटर का कार्य प्रारंभ हुआ है। इन क्षेत्रों में भी युवाओं के रोजगार की बड़ी संभावना सृजित होगी। हमारी सरकार ने पीएससी में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई को सौंपी है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान डेढ़ साल में सरकार द्वारा किये कार्यों का फीडबैक हम जनता से ले रहे हैं। सुशासन तिहार का अभी तीसरा चरण चल रहा है,  जिसके तहत हम पूरे प्रदेश का भ्रमण कर रहे हैं। प्रथम चरण में जो आवेदन प्राप्त हुए उनका द्वितीय चरण में हमारे अधिकारियों के द्वारा निराकरण किया गया। अब तृतीय चरण में हम जनता के पास जा रहे हैं। डेढ़ साल में हमने प्रधानमंत्री मोदी की अधिकांश गारंटी को पूरा किया है। लोगों से प्रधानमंत्री आवास देने का जो वादा हमने किया था उसे निभाया है। 70 लाख माताओं-बहनों को महतारी वंदन की राशि मिल रही है। सुशासन तिहार के दौरान नारायणपुर में एक महिला ने मुझे यह बहुत खुशी से बताया कि महतारी वंदन की राशि से उसने एक सिलाई मशीन खरीदी है। जिसके माध्यम से वह 4 से 5 हजार की कमाई कर रही है। इसी तरह एक बहन ने बताया कि वह इस राशि से किराना दुकान चला रही है और दो से तीन हजार रुपए की आय अर्जित कर रही है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां सुशासन एवं अभिसरण विभाग प्रारंभ किया गया है। सरकार के सारे काम पारदर्शिता से हो रहे हैं। हम अब डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ रहे हैं। ई-फाइल के माद्यम से फाइलें अब ऑनलाइन हैं। भ्रष्टाचार के सारे रास्ते हम बंद कर रहे हैं।
इस अवसर पर कॄषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक किरण देव, विधायक  मोतीलाल साहू सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर मुख्यमंत्री निवास में संगोष्ठी आयोजित
मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल प्रमुख वक्ता के रूप में हुए शामिल
रायपुर/शौर्यपथ / पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती पर आज राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री निवास में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की। मध्यप्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने प्रमुख वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित किया। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री तोखन साहू और कृषि मंत्री रामविचार नेताम भी संगोष्ठी में शामिल हुए। विभिन्न वर्गों के बुद्धिजीवी, समाज सेवी, डॉक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, वकील और साहित्यकार भी बड़ी संख्या में संगोष्ठी में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने संगोष्ठी में राजमाता रानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदानों को स्मरण करते हुए उन्हें भारत की सांस्कृतिक एकता और सुशासन का प्रतीक बताया। उन्होंने रानी अहिल्याबाई होल्कर के करीब 30 वर्षों के शासन को प्रजा कल्याण, राष्ट्र निर्माण और न्याय का स्वर्ण युग कहा। उन्होंने कहा कि इंदौर की महारानी होने के बावजूद राजमाता ने स्वयं को किसी एक भौगोलिक सीमा में नहीं बांधा। उन्होंने देशभर में मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। उन्होंने रामराज्य की अवधारणा को साकार करते हुए तीन दशकों तक होल्कर राजवंश का नेतृत्व किया।
मुख्यमंत्री साय ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण में रानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को ऐतिहासिक बताया। पेशवा माधवराव की इच्छा के अनुरूप राजमाता ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कर करोड़ों आस्थावानों की भावना को सम्मान दिया। उन्होंने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का भी ऐतिहासिक निर्णय लिया, जो भारत की सांस्कृतिक पुनर्स्थापना का प्रतीक बना। श्री साय ने कहा कि आज इंदौर देश में स्वच्छता में अग्रणी है, इसके पीछे राजमाता द्वारा स्थापित गुड गवर्नेंस की प्रेरणा है। वे न्यायप्रिय थीं। उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को भी न्याय के लिए दंड देने से परहेज नहीं किया।
मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने संगोष्ठी को प्रमुख वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1767 से 1795 तक अपने 28 वर्षो के शासन काल में धर्मसत्ता और न्यायसत्ता की आवाज बुलंद की। उन्होंने अपने जीवन में तमाम विपत्तियों के बीच अनेक अनुकरणीय कार्य किए। उन्होंने अपने शासन काल में सार्वजनिक धन और राजकोष के सदुपयोग की मिसालें कायम की। राजसत्ता की कोई राशि कभी अपने लिए खर्च नहीं की। श्री पटेल ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर अपने पति के निधन के बाद कभी राजमहल में नहीं रहीं। झोपड़ी में अपना जीवन बिताया। न्याय के लिए उन्होंने अपने पुत्र को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। उन्होंने अपने शासन में विधवाओं को दत्तक पुत्र लेने की अनुमति प्रदान की। रानी अहिल्याबाई होल्कर के प्रजाहितैषी और कल्याणकारी कार्यों के कारण उनके राज्य के लोगों ने उन्हें लोकमाता का दर्जा दिया था।
विधायक किरण देव और छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष श्री नारायण चंदेल ने भी संगोष्ठी में रानी अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व, कार्यों और उनके शासन काल की विशेषताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने सुशासन, न्यायप्रियता एवं लोक कल्याणकारी कार्यों के माध्यम से भारतीय इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है। संगोष्ठी के माध्यम से आज हम उनके विचारों का स्मरण कर रहे हैं। उनके कार्य हमें सामाजिक समरसता और जनसेवा के लिए प्रेरित करते हैं। यह संगोष्ठी आज की पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
 संगोष्ठी में धनकर समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को रानी अहिल्याबाई होल्कर का तैलचित्र भेंट किया। विधायकगण सर्वश्री सुनील सोनी, मोतीलाल साहू और पुरंदर मिश्रा, राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर, रायपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे, पूर्व मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, सीएसआईडीसी के पूर्व अध्यश्र श्री छगन मूंदड़ा और श्री शंकर अग्रवाल सहित कई निगमों, मंडलों, आयोगों के पदाधिकारी और युवा बड़ी संख्या में संगोष्ठी में उपस्थित थे।

गरीब परिवारों को पक्का मकान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को कर रहे हैं पूरा: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
भैंसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित विभिन्न विकास कार्यों के लिए दी साढ़े 3 करोड़ की सौगात
भैंसा में नवीन पुलिस चौकी खोलने की घोषणा
मुख्यमंत्री भैंसा में आयोजित सुशासन तिहार में ग्रामीणों से हुए रूबरू
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज रायपुर जिले के ग्राम भैंसा में आयोजित सुशासन शिविर में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 29 मई से 12 जून तक चलने वाले "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित 110 पक्के मकानों की चाबियाँ हितग्राहियों को सौंपी।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि यह अभियान वैज्ञानिक सहयोग और अनुसंधान को खेतों तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान में केंद्र सरकार के वैज्ञानिक राज्य के वैज्ञानिकों के साथ दल बनाकर कार्य करेंगे तथा आने वाले दिनों में राज्य के 13 लाख से अधिक किसानों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिक और शोधकर्ता प्रयोगशाला से निकलकर खेतों तक जाकर किसानों को उन्नत और संतुलित कृषि की जानकारी देंगे और किसानों से सुझाव भी लेंगे।
मुख्यमंत्री ने सुशासन शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि देश के हर गरीब के पास पक्का मकान होना चाहिए। इसी दिशा में राज्य सरकार ने अब तक 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की है, जिनमें से अधिकांश का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष निर्माणाधीन हैं। "आवास प्लस प्लस" योजना में भी पात्र लोगों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की 70 लाख से अधिक बहनों के खातों में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह ₹1000 अंतरित किए जा रहे हैं। जिनके नाम अब तक नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी शीघ्र जोड़ा जाएगा।
हितग्राहियों से लिया फीडबैक
मुख्यमंत्री साय ने समाधान शिविर में उपस्थित हितग्राहियों से योजनाओं के क्रियान्वयन पर फीडबैक लिया। हितग्राही श्री चमार सिंह पटेल ने जल स्तर में गिरावट को देखते हुए धान के स्थान पर उद्यानिकी और कम जल-आवश्यकता वाली फसलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जैविक खेती को भी प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। श्रीमती चंदन ने महतारी वंदन योजना के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे इस राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई और अन्य आवश्यकताओं में करती हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणाएं
मुख्यमंत्री  साय ने समाधान शिविर में क्षेत्र के विकास के लिए लगभग ₹3.5 करोड़ के विभिन्न कार्यों की घोषणा की। इनमें ग्राम भैंसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेतु ₹75 लाख, हाईस्कूल भवन निर्माण के लिए ₹75.23 लाख, पानी टंकी एवं पाइपलाइन विस्तार हेतु ₹55 लाख, हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए ₹50 लाख, अहाता एवं शेड निर्माण के लिए ₹20 लाख, ग्राम अमोड़ी में पाइपलाइन विस्तार हेतु ₹42 लाख और हायर सेकेंडरी स्कूल में तीन अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए ₹24 लाख की स्वीकृति दी गई। उन्होंने भैंसा में नवीन पुलिस चौकी खोलने की भी घोषणा की। इस अवसर पर कृषि पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
शिविर में हितग्राहियों को कृषि उपकरण हेतु अनुदान चेक, दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल और किसान क्रेडिट कार्ड भी प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू और कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने किसानों को कृषि संकल्प अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि रिसर्च सिर्फ प्रयोगशालाओं में न रहे, बल्कि गाँव-गाँव तक पहुँचे। केंद्र सरकार के 100 वैज्ञानिक इस अभियान में भाग लेंगे, जो स्थानीय वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ मिलकर प्रतिदिन दो-दो कैंप लगाएंगे और किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत के किसान जितने सशक्त होंगे, देश उतना ही मजबूत होगा।
कार्यक्रम में स्थानीय विधायक  गुरु खुशवंत साहेब ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्र के लिए अनेक विकास कार्यों की माँग रखी।
समाधान शिविर में रायपुर कलेक्टर श्री गौरव सिंह ने बताया कि जिले में प्रथम चरण में कुल 2,98,635 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2,89,968 आवेदन माँग संबंधित थे और 8641 शिकायतें थीं। इनमें से सभी का समाधान कर लिया गया है, केवल 26 शिकायतें लंबित हैं। उन्होंने बताया कि शिविरों में 5000 से अधिक लर्निंग लाइसेंस भी बनाए गए हैं।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री  टंक राम वर्मा, छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष श्री चंद्रहास चंद्राकर, किसान कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेश चंद्रवंशी, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव श्रीमती शाहला निगार, रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे, एसएसपी श्री लाल उमेद सिंह, जिला पंचायत रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  कुमार विश्वरंजन और नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय भैंसा में आयोजित सुशासन तिहार में ग्रामीणों से हुए रूबरू
'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के लिए 10 जागरूकता रथों को दिखाई हरी झंडी
भैंसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पानी टंकी, हायर सेकेंडरी स्कूल भवन सहित विभिन्न विकास कार्यों के लिए दी ₹3.5 करोड़ की सौगात
नवीन पुलिस चौकी की स्थापना की घोषणा
समाधान शिविर में 110 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास की चाबी सौंपी
 रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज रायपुर जिले के ग्राम भैंसा में आयोजित सुशासन शिविर में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 29 मई से 12 जून तक चलने वाले 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के तहत 10 जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर अभियान की शुरुआत की।
शिविर में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित 110 पक्के मकानों की चाबी हितग्राहियों को सौंपी, और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि देश का कोई भी गरीब परिवार कच्चे मकान में न रहे। हमारी सरकार इस संकल्प को साकार करने हेतु छत्तीसगढ़ में 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर चुकी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बचे हुए पात्र परिवारों को ‘आवास प्लस प्लस’ योजना के अंतर्गत जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने ग्राम भैंसा और आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत वाले विभिन्न कार्यों की घोषणा की। इसमें ग्राम भैंसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 75 लाख रुपए, हाईस्कूल भवन निर्माण के लिए 75 लाख रुपए, पानी टंकी एवं पाइपलाइन विस्तार हेतु 55 लाख रुपए, हायर सेकेंडरी स्कूल निर्माण हेतु 50 लाख रुपए, अहाता एवं शेड निर्माण हेतु 20 लाख रुपए, ग्राम अमोड़ी में पाइपलाइन विस्तार हेतु 42 लाख रुपए, हायर सेकेंडरी स्कूल में तीन अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु 24 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने भैंसा में नवीन पुलिस चौकी खोलने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री साय ने समाधान शिविर के दौरान विभिन्न हितग्राहियों से योजनाओं के फीडबैक भी लिए। श्रीमती चंदन ने 'महतारी वंदन योजना' के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वे इस योजना की राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई और आवश्यक जरूरतों में करती हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुशासन तभी सार्थक होता है जब उसकी गूंज गांव-गांव और  घर-घर तक सुनाई दे। आज प्रधानमंत्री आवास की चाबियाँ सिर्फ मकान की नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और सुरक्षित जीवन की चाबियाँ हैं।

स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप 10,463 शालाओं का युक्तियुक्तकरण

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से एक बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा विभाग ने राज्य में कुल 10,463 शालाओं के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया है, जिसमें ई-संवर्ग की 5849 और टी-संवर्ग की 4614 शालाएं शामिल हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

यह युक्तियुक्तकरण आदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशों के अनुरूप है, जिसका मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक संसाधनों का संतुलित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग का दूरदर्शी निर्णय स्कूल शिक्षा को बेहतर, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।मुख्यमंत्री श्री साय  ने स्कूलों के युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षा विभाग के निर्णय की सराहना करते हुए कहा है कि यह कदम प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने वाला है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल शिक्षकों के संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगा, बल्कि विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण और निरंतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ही परिसर में विभिन्न स्तरों के विद्यालयों का समायोजन, न केवल प्रशासनिक दृष्टि से उपयोगी है, बल्कि इससे शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी और छात्र ड्रॉपआउट की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी। इससे स्कूली वातावरण अधिक प्रभावशाली बनेगा और बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उठाया गया यह कदम छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने जानकारी दी कि शालाओं के युक्तियुक्तकरण अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित 10,297 विद्यालयों को युक्तियुक्त किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर के दायरे में स्थित 133 विद्यालयों और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में स्थित 33 विद्यालयों को भी युक्तियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस पहल से शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओं में अब अतिशेष शिक्षकों की तैनाती संभव होगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सीधा सुधार देखने को मिलेगा। युक्तियुक्तकरण के कारण शिक्षकों की अतिरिक्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे अन्य जरूरतमंद शालाओं में भी संतुलन बन पाएगा। इस समायोजन से स्थापना व्यय में भी कमी आएगी, जिससे शैक्षणिक ढांचे पर अधिक निवेश संभव होगा।

स्कूल शिक्षा सचिव ने जानकारी दी कि एक ही परिसर में पढ़ाई की निरंतरता बने रहने से बच्चों की ड्रॉपआउट दर घटेगी, और छात्र ठहराव दर में सुधार होगा।शालाओं के युक्तियुक्तकरण से बच्चों को बार-बार प्रवेश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे उनकी शिक्षा यात्रा अधिक सहज और निरंतर होगी। उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण से विद्यालय परिसरों में बेहतर अधोसंरचना तैयार करना भी सरल होगा, जिसमें पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशाला और खेल सुविधाएं साझा की जा सकेंगी। राज्य सरकार का यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित क्लस्टर विद्यालय अवधारणा के अनुरूप है, जहां एकीकृत परिसर में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई सुनिश्चित की जाती है। उन्होंने कहा कि  इस प्रक्रिया में केवल प्रशासनिक समन्वय किया गया है, न कि किसी पद को समाप्त किया गया है। इस कदम से शिक्षकों का न्यायसंगत वितरण संभव होगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अधिक सुलभ रूप से उपलब्ध हो सकेगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत छात्रों और शिक्षकों के अनुपात के प्रावधानों का पालन करते हुए युक्तियुक्तकरण किया गया है, जिसकी राज्य में  शैक्षणिक गुणवत्ता के स्तर को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

"छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न केवल वर्तमान शैक्षणिक ढांचे को सुदृढ़ करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी, सशक्त और समावेशी शिक्षा व्यवस्था का आधार तैयार करेगी।स्कूल शिक्षा विभाग का स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का दूरदर्शी निर्णय प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।युक्तियुक्तकरण से न केवल शैक्षणिक संसाधनों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित होगा, बल्कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और निरंतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा। यह छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"

    - मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

अभियान की सघन निगरानी हेतु आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं, सभी जिलों के कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी उतरे फील्ड में
सभी जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व चिन्हांकित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हर माह 9 और 24 को की जा रही गर्भवती महिलाओं  की जांच, हाई रिस्क मामलों की पहचान पर ज़ोर
आयोजित अभियान के दौरान कुल 800 से अधिक PMSMA जांच सत्र आयोजित कर लगभग 30 हज़ार गर्भवती महिलाओं की जांच की गई व 9000 से अधिक उच्च जोखिम महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ प्रदाय किया गया
रायपुर/शौर्यपथ /प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत राज्य की गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में राज्य के समस्त जिलों में अभियान के तहत प्रत्येक माह की 9 और 24 तारीख को गर्भवती महिलाओं की जांच व उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा रही है।  इस दौरान गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की पहचान और समुचित प्रबंधन व चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है।
 इस अभियान के प्रभावस्वरूप छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2004-06 में राज्य का मातृ मृत्यु अनुपात 335 प्रति एक लाख जीवित जन्म था, जो अब घटकर 132 पर आ गया है। हालांकि यह आंकड़ा अभी भी राष्ट्रीय औसत (93) से अधिक है, जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस दिशा में और अधिक ठोस और योजनाबद्ध प्रयासों की रूपरेखा तैयार की है।
जिलों से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत कुल 800 से अधिक सत्रों का सफल आयोजन किया गया। इन सत्रों में से 360 PMSMA सत्रों की निगरानी राज्य तथा जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रभावी रूप से की गई तथा आयोजित सत्रों के दौरान लगभग 30 हज़ार गर्भवती महिलाओं ने मातृ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त किया। इनमें से लगभग 9000 से अधिक महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) की श्रेणी में चिन्हित की गईं, जिन्हें विशेष चिकित्सकिया देखभाल प्रदान किया गया ।
गौरतलब है कि अधिकांश मातृ मृत्यु के पीछे उच्च जोखिम गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं प्रमुख कारण हैं। ऐसे में समय रहते HRP की पहचान, उचित उपचार एवं सतत निगरानी अभियान के प्रमुख उद्देश्य बनाए गए हैं।
इस संदर्भ में राज्य के समस्त जिलों में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कलेक्टरों द्वारा अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। चिकित्सकीय व्यवस्थाओं की समीक्षा के साथ-साथ मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा, “हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार है, और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान इस दिशा में एक सशक्त एवं प्रभावी कदम है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है कि छत्तीसगढ़ की हर महिला को सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिले।”
उन्होंने आगे कहा कि इस अभियान के माध्यम से न केवल प्रसवपूर्व जांच, रक्त की जांच, अल्ट्रासाउंड, वजन एवं रक्तचाप की निगरानी जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं दी जा रही हैं, बल्कि पोषण संबंधी परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। इससे विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं को बड़ा लाभ मिल रहा है।
अभियान के दौरान अब तक हजारों महिलाओं को लाभ मिला है, जिनमें से कई उच्च जोखिम गर्भावस्था की समय रहते पहचान होने से समुचित उपचार प्राप्त कर सकीं। राज्य सरकार का मानना है कि यदि इस पहल का धरातल पर बेहतर व  सुचारु क्रियान्वयन किया जाए तो छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत से भी नीचे लाया जा सकता है।
अभियान की सघन निगरानी सुनिश्चित करने हेतु सभी जिला कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक अस्पताल की गुणवत्ता की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी गर्भवती महिलाओं को समय पर समुचित सेवाएं प्राप्त हों। छत्तीसगढ़ सरकार मातृत्व स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कटिबद्ध है।

रायपुर/शौर्यपथ /बीजापुर जिले में इस वर्ष 1,21,600 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। संग्रहण कार्य 9 मई 2025 से प्रारंभ हुआ था और 21 मई तक कुल 12,226.638 मानक बोरा का संग्रहण सफलतापूर्वक किया जा चुका है। प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित बीजापुर ने बताया है कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनके परिश्रम का पूरा मूल्य उन्हें समय पर और सुरक्षित रूप से मिलेगा।
प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित बीजापुर ने स्पष्ट किया है कि यह नुकसान संग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा। बीमा पॉलिसी के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा के कारण हुई इस क्षति के लिए इंश्योरेंस कंपनी को क्लेम पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है। सभी संग्राहकों को उनके मेहनताना की पूरी राशि उनके बैंक खातों में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर प्रणाली के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि समिति देपला के फड़ कोत्तागुड़ा, गोरगुंडा-अ$ब, पोषडपल्ली, कारकावाया एवं समिति चेरपल्ल्ी के लॉट क्रमांक 12 अ चेरपल्ली के फड़ चिल्लामरका का संग्रहित तेंदूपत्ता की गड्डियां नदी किनारे सुखाई जा रही थी और 22 मई की रात हुई बेमौसम बारिश और 23 मई को नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने के कारण तेंदूपत्ता की 4,60,840 गड्डियों में से 3,23,539 गड्डियां तेज बहाव में बह गईं। इससे लगभग 17.79 लाख रूपए की तेंदूपत्ता क्षतिग्रस्त हुई।

रायपुर/शौर्यपथ /प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन सोमवार 26 मई क़ो सवेरे 10 बजे कलेक्टर कार्यालय परिसर कोरबा में जिला प्रशासन द्वारा कक्षा 10 एवं 12 वीं के मेरिट स्थान वाले विद्यार्थियों क़ो नीट/जेईई निःशुल्क कोचिंग हेतु रायपुर  प्रस्थान कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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