November 21, 2024
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

  भिलाईनगर/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई के वैशाली नगर जोन-2 वार्ड क्रमांक 25 जवाहर नगर हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही करते हुए बेदखली की कार्यवाही की गई। जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत की गई थी, कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा निगम भिलाई के भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कर रहा है अतिक्रमणकारी को नोटिस दिया गया कि भूखंड स्वयं का है, दस्तावेज निर्धारित समय अवधि में प्रस्तुत करने को कहा गया। समय सीमा के अंदर संबंधित द्वारा दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किया गया।  शिकायत के आधार पर निगम के राजस्व अधिकारी एवं तोड़फाेड़ दल मौके का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां पर देखा की निगम की भूमि पर अवैध निर्माण किया जा रहा है।
         वैशाली नगर के जोन आयुक्त को इस बात का ज्ञात होते ही कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा निगम की भूमि पर अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है। जोन आयुक्त येशा लहरे ने राजस्व अधिकारी को कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जिसके आधार पर निगम की टीम अवैध निर्माण को जे.सी.बी. के माध्यम से तोड़कर भूमि को मूर्त रूप दिए। गौरतलब है कि अवैध निर्माण करने वाले किसी प्रकार के व्यक्ति के निर्माण स्थल को नगर निगम भिलाई उसके स्वयं के व्यय से तोड़कर उससे अर्थदण्ड वसूल करेगी।
          कार्यवाही के दौरान वैशाली नगर जोन-2 राजस्व विभाग से राजस्व अधिकारी जे.पी.तिवारी,  कृष्ण कुमार सुपैत, अरुण सिंह, पूषण देशमुख, गुप्ता नंद तिवारी एवं मुख्य कार्यालय से बेदखली दल हरिओम गुप्ता के साथ राजेन्द्र सिंह, कन्हैया यादव, मंगल जांगड़े, विष्णु सोनी आदि उपस्थित रहे।

जगदलपुर/ शौर्यपथ/  
नरेश देवांगन
    आदिवासी विकास विभाग के तहत जिले में संचालित आश्रमों एवं छात्रावासों के अधीक्षकों की बैठक जिले के कलेक्टर समय समय पे लेकर उपलब्ध सुविधाओं तथा आधारभूत संसाधनों की समीक्षा करते रहते है । जहा आश्रम एवं छात्रावासों में निवासरत बच्चों को बेहतर वातावरण देने तथा परिसरों में आवश्यक सुविधाओं व सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने हेतु हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए जाते है । साथ ही यह भी कहा जाता है कि इसमें किसी प्रकार की कोताही अथवा लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सात ही अधीक्षकों को बिना अनुमति के छात्रावास नहीं छोड़ने, प्रतिदिन भोजन की गुणवत्ता परखने, बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने व सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के भी सख्त निर्देश दिए गए है । बावजूद इसके भी सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के बालक आश्रम पेदाकुरती के अधीक्षक उच्चधिकारी के निर्देशों का पालन करते नहीं दिख रहे है। अधीक्षक के द्वारा प्रतिदिन भोजन की गुणवत्ता पे ध्यान नहीं दिया जा रहा है और ना ही बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाता है बच्चों कि माने तो मेनू चार्ट के हिसाब से भोजन नहीं दिया जा रहा है। आश्रम में रखे बच्चों के लिए दवाईयों में कई दवाई एक्सपायर हो चुकी है। बच्चों से पूछने से बताया कि जब भी कोई बच्चा बीमार होता है तो दवाई अधीक्षक के द्वारा इसी डब्बे से निकाल के देते है जबकि डब्बे में रखी   दवाई Chloroquine phosphate tablets EXP. 10/24 है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अधीक्षक दवाई को देने से पहले उसकी अंतिम तिथि कि जाँच नहीं करते? क्यों एक्सपायर हो चुकी दवाई को रख बच्चों को दिया जा रहा है? एक्सपायर हुई दवाई को खाने से होने वाली नुकसान का भरपाई कौन करेगा? क्यूंकि जानकारों का कहना है कि एक्सपायर हो चुकी दवाओं में बैक्टीरिया के बढ़ने का जोखिम होता है और कम शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स संक्रमण का इलाज करने में विफल हो सकते हैं, जिससे अधिक गंभीर बीमारियाँ और एंटीबायोटिक प्रतिरोध हो सकता है। एक बार समाप्ति तिथि बीत जाने के बाद इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि दवा सुरक्षित और प्रभावी होगी।
जबकि जिम्मेदारों के द्वारा समय समय पे आश्रम / छात्रावास कि निरिक्षण करने कि बात भी कही जाती है। जिम्मेदार अगर अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा रहे है तो इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो रही है ?

विभागीय कार्यों में लापरवाही के चलते काष्ठ डिपो में रखे वनोपज की गुणवत्ता खराब होने से राजस्व की क्षति का मामला
   रायपुर /शौर्यपथ  /प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ द्वारा लगातार विभागीय समीक्षा करते हुए विभागीय कार्यों  में कसावट लाते हुए त्वरित कार्यवाही कर वनमंडल मोहला में पदस्थ रेंजर श्री हरिसूरजबली सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन की यह कार्यवाही रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा द्वारा काष्ठ पातन डिपो परिवहन के विदोहन योजना में लापरवाही के चलते वनोपज की गुणवत्ता खराब होने से राजस्व की क्षति होने, अग्नि प्रहरी के प्रमाणकों को जारी करने के लिए पैसों की मांग करने, अतिक्रमण, बेदखली की कार्यवाही के दौरान अधीनस्थों को सहयोग नहीं के कारण की गई है।
   उल्लेखनीय है कि वनमंडलाधिकारी मोहला द्वारा रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा को लगातार समझाईश देने के बाद भी उनकी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ था।  प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, छत्तीसगढ़ ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत शासकीय कार्य एवं पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही तथा प्रकरण की जांच में प्रथम दृष्टतया दोषी पाये जाने पर निलंबित कर दिया है।

मुख्य मार्गो से गली-मोहल्लों तक जारी है निगम प्रशासन का सफाई अभियान:
   दुर्ग//शौर्यपथ / नगर निगम कमिश्नर सुमित अग्रवाल द्वारा सतत मॉनिटरिंग में सफाई  कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।शहर सफाई व पुलिया एवं नाली की सफाई उपरांत आम नागरिकों की परेशानी दूर होगी।निरीक्षण के मौके पर कमिश्नर ने शहर में सफाई व्यवस्था को सुधारने कहा।सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए निगम कमिश्नर लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।कमिश्नर सुमित अग्रवाल शहर की सफाई व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए कार्य कर रहे हैं।
इसी क्रम में गुरुवार सुबह शहर के शिवनाथ नदी पर लगने वाले पुन्नी मेला कार्यक्रम स्थल पर साफ सफाई का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये,उन्होंने इंटकबेल, 24एमएलडी  सहित, पुलगांव नाले का तथा वार्ड क्रमांक 36 एवं 37 गंजपारा क्षेत्रो मे सफाई व्यवस्था का जायजा लिया एवं सफाई को बेहतर करने कार्य करने हेतु निर्देशित किया!उन्होंने शिवनाथ नदी परिसर का निरीक्षण कर प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा को साफ सफाई व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने कहा कि सफाई व्यवस्था देखते हुए मुख्य मार्गो से गली-मोहल्लों तक जारी रखें. शहर को बेहतर साफ-सफाई सुविधा मुहैया कराने की बात कही।कमिश्नर ने ये भी कहा कि नाली सफाई के बाद जिन नुक्कड़ों में कचरे का ढेर लगा हो वहां अभियान चलाकर निरन्तर सफाई करें।निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा,उपअभियन्ता मोहित मरकाम,कर्म शाला अधिक्षक शोएब अहमद,स्वच्छता निरीक्षक सुरेश भारती, एमएमयू कुणाल, राहुल सहित टीम मौजद रहे।
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर सुमित अग्रवाल को स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बताया कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अमला द्वारा लगातार शहर में सफाई अभियान चलाया जा रहा है। नालियों की पूरी सफाई किया जा रहा है। इसके तहत शहर के मुख्य मार्गों से लेकर गली-मोहल्लों तक में निगम का अमला सफाई का काम कर रहा है। शहर के जिन नुक्कड़ों में कचरे का ढेर नजर आता रहा है।कमिश्नर सुमित अग्रवाल सफाई व्यवस्था का सतत निगरानी करते हुए कर्मचारियों से चर्चा कर अभियान को सफल बनाने की योजना पर काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कमिश्नर ने दिए निर्देश रोजना निरीक्षण कर लिस्ट तैयार करें अधिकारी/कर्मचारी।इनको जिम्मेदारी तय।उन्होंने शिवनाथ नदी में वॉटर सप्लाई प्लांट में रखे हुए पुराने कुलर एवं लकड़ी कबाड़ हटाने एवं चूना मार्किंग एंव फ्लोर वाईट वाशिंग कार्य शिवनाथ नदी में उपअभियंता मोहित मरकाम। इसके अलावा शिवनाथ नदी गार्डन की साफ सफाई व्यवस्था के लिए उद्यान प्रभारी अनिल सिंह।सहित वार्ड 36 में NO - GVP Point में ट्रेक्टर ट्रॉली की व्यवस्था करने कर्मशाला अधीक्षक शोएब अहमद।वार्ड नं0 36 में निगम अधिनस्थ बिल्डींग में शौचालय की व्यवस्था हेतु उपअभियंता हरिशंकर साहू एवं समस्त नालियो में जॉली की लगाने की व्यवस्था के लिए सभी उप अभियंता निर्देशित किया गया है।वार्ड नं. 36 में SBI Bank के सामने रखे पुराने ऑटो एवं ठेले को हटाने के निर्देश अतिक्रमण अधिकारी दुर्गेश गुप्ता और शिवनाथ नदी तट सफाई कार्य एवं मुर्ति स्ट्रक्चर नदी से निकलवाना,परमेश्वर स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है।

समाचार सार
मुख्यमंत्री के आग्रह पर जशपुर में स्पोर्ट्स स्टेडियम निर्माण की घोषणा
केन्द्रीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने माटी के वीर पदयात्रा का किया भव्य शुभारंभ
जनजातीय संस्कृति का गौरव गान ही सनातन संस्कृति का गौरव गान है: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जशपुर में निकली भव्य पदयात्रा
 

    रायपुर / शौर्यपथ / केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज छत्तीसगढ़ के जशपुर नगर में जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में माटी के वीर पदयात्रा का भव्य आयोजन हुआ। पदयात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने देश की आजादी और कोरोना काल में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
   उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से हमें प्रेरणा लेना चाहिए, जिन्होंने 25 वर्ष की आयु में मातृ भूमि को आजाद कराने के लिए लड़ाई लड़ी और अपना बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में 6 लाख युवाओं ने अपना बलिदान दिया। उन्हांेने युवाओं से विकसित भारत के सपने को पूरा करने का संकल्प लेने तथा सामाजिक सरोकार को बढ़ावा देने के लिए आगे आने का आव्हान किया। डॉ. मंडाविया ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आग्रह पर जशपुर नगर में सर्वसुविधायुक्त स्पोर्ट्स स्टेडियम का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।
   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माटी के वीर पदयात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ और जशपुर के लिए सौभाग्य की बात है कि भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। उन्होंने इस मौके पर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवम्बर को देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातियों को गौरव करने का एक और बड़ा अवसर प्रदान किया है।
  मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब-जब संस्कृति पर हमला हुआ है, जनजातीय समाज ने इसका तीव्र प्रतिकार किया है। जनजातीय संस्कृति प्रकृति से प्रेम करने की संस्कृति है। यह संस्कृति सौहार्द्र, शांति और सद्भाव की संस्कृति है। कलाओं से प्रेम करने वाली यह संस्कृति हमारी जनजातीय सनातन संस्कृति का उद्गम है। जनजातीय संस्कृति को बचाने की चिंता सनातन संस्कृति को बचाने की चिंता ही है। जनजातीय संस्कृति का गौरवगान सनातन संस्कृति का गौरवगान ही है।
  मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन अभियान जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने जनजातीय समुदायों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए एकलव्य विद्यालयों तथा आय में बढ़ोतरी के लिए वन-धन योजना प्रारंभ किया। आयुष्मान भारत योजना में जनजातीय समुदायों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू की गई है।
  मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार है। हमने जनजातीय क्षेत्रों के विकास की रणनीति तय की है। हमारी सरकार जनजातीय समाज के प्राचीन गौरव और वैभव को वापस पाने के लिए काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। लोकतंत्र की जड़ें दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं। अंदरूनी गांवों में भी नियद नेल्ला नार योजना के तहत सड़क, पेयजल, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी मूलभूत अधोसंरचनाएं पहुंच रही हैं। हमने विकसित भारत के निर्माण के लिए विकसित छत्तीसगढ़़ निर्माण का संकल्प लिया है। सभी की सहभागिता से इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। जनजातीय समुदायों की अधिक से अधिक सहभागिता इस कार्य में सुनिश्चित की जाएगी।
  माटी के वीर पदयात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम में धरती के आबा भगवान बिरसा मुंडा के जीवन वृत्त पर आधारित वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में खेलकूद सहित अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले जनजातीय युवाओं तथा माई भारत से जुड़े वॉलेंटियर को सम्मानित किया गया। मुंडा समाज के अध्यक्ष शंकर राम बारला ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। माटी के वीर पदयात्रा कार्यक्रम के शुभारंभ स्थल पुरना नगर मैदान में जनजातीय नायकोें के जीवन गाथा, जनजातीय संस्कृति एवं परंपराओं पर आधारित भव्य प्रदर्शनी लगाई गई।
   इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री एवं जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री ओ.पी. चौधरी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद  राधेश्याम राठिया एवं चिंतामणी महराज, विधायक श्रीमती गोमती साय, श्रीमती रायमुनि भगत,  राम कुमार टोप्पो,  सुशांत शुक्ला, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती  प्रियम्बदा सिंह जूदेव सहित  प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, रणविजय सिंह जूदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में युवा और नागरिकगण उपस्थित थे।

विभागीय कार्यों में लापरवाही के चलते काष्ठ डिपो में रखे वनोपज की गुणवत्ता खराब होने से राजस्व की क्षति का मामला
  रायपुर / शौर्यपथ / प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ द्वारा लगातार विभागीय समीक्षा करते हुए विभागीय कार्यों  में कसावट लाते हुए त्वरित कार्यवाही कर वनमंडल मोहला में पदस्थ रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन की यह कार्यवाही रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा द्वारा काष्ठ पातन डिपो परिवहन के विदोहन योजना में लापरवाही के चलते वनोपज की गुणवत्ता खराब होने से राजस्व की क्षति होने, अग्नि प्रहरी के प्रमाणकों को जारी करने के लिए पैसों की मांग करने, अतिक्रमण, बेदखली की कार्यवाही के दौरान अधीनस्थों को सहयोग नहीं के कारण की गई है।
  उल्लेखनीय है कि वनमंडलाधिकारी मोहला द्वारा रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा को लगातार समझाईश देने के बाद भी उनकी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ था।  प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, छत्तीसगढ़ ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत शासकीय कार्य एवं पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही तथा प्रकरण की जांच में प्रथम दृष्टतया दोषी पाये जाने पर निलंबित कर दिया है।

समाचार सार ...राज्य में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर होगी धान खरीदी14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान कर सकेंगे धान का समर्थन…
RAIPUR / SHOURYAPATH / बस्तर संभाग के सभी जिलों में इन दिनों बस्तर ओलिंपिक का आयोजन हो रहा है। अबूझमाड़ जैसे बेहद पिछड़े ईलाके में भी बच्चों से लेकर बुजुर्ग…

पीएम आवास योजना 2.0:परिवारों को घर के साथ साथ आर्थिक मदद भी,जाने नया नियम,पीएम आवास योजना में कई अहम बदलाव के साथ हितग्राहियों को कई फायदे होंगे:
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 अन्तर्गत रैपिड असेसमेंट सर्वे संभावित पात्र हितग्राहियों का सर्वेक्षण:
  दुर्ग/शौर्यपथ /भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शहरी क्षेत्रों में 'सबके लिए आवास' मिशन के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) का क्रियान्वयन दिनांक 1 सितम्बर 2024 से 5 वर्ष के लिए किया जाएगा।भारत सरकार एवं राज्य शासन के योजना अन्तर्गत दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी पात्र लाभार्थियों / परिवारों / क्रियान्वयन एजेंसियों को किफायती लागत पर आवास के निर्माण, विक्रय या किराए के लिए अनुदान प्रदान किया जावेगा।
योजना अन्तर्गत जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप योजना के क्रियान्वयन से पूर्व नगरीय निकाय में संभावित पात्र हितग्राहियों की सूची भारत सरकार के यूनिफाईड वेब पोर्टल पर दर्ज किये जाने हेतु रैपिड असेसमेंट सर्वे का कार्य संपादित किया जाना है।बता दे कि राज्य शासन द्वारा दिनांक 15 नवम्बर, 2024 से रैपिड असेसमेंट सर्वे प्रारंभ किये जाने का निर्णय लिया गया है। अतएव संलग्न दिशा-निर्देशों के अनुरूप नगरीय निकायों में रैपिड असेसमेंट सर्वे का कार्य संपादित करने के निर्देश दिए है।
पीएम आवास योजना 2.0 शुरू, शहरी गरीब परिवारों को घर के साथ-साथ आर्थिक मदद भी जान लें नया नियम।
पीएम आवास योजना में कई अहम बदलाव के साथ अब योजना के 2.0 भी शुरू हो गया है। जिसके तहत हितग्राहियों को कई फायदें होंगे। ऐसे में नियम क्या है ये आपको पता होनी चाहिए।
सरकार ने पीएम आवास योजना 2.0 भी शुरू कर दी है। इसके तहत सरकार का मकसद मध्यम वर्ग और शहरी गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता देना है। योजना के तहत शहरी क्षेत्र में किफायती दर पर मध्यम वर्ग के परिवारों को घर मुहैया करवाए जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है। इसे राज्यों ने भी अपने यहां लागू करना शुरू कर दिया है।पीएम आवास योजना: नए सिरे से प्लानिंग
पीएम आवास योजना: राज्यस्तर पर इसकी प्लानिंग नए सिरे की जा रही है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा पीएम आवास योजना 2.0 के पात्र हितग्राहियों को निवास प्रमाण-पत्र 31 अगस्त 2024 के पहले का प्रस्तुत करना होगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है।
   पीएम आवास योजना:पीएम आवास योजना के अपात्र हितग्राहियों को भी मिलेगा घर, बस करना होगा यह काम।पीएम आवास योजना 2.0 के नियम पीएम आवास योजना 2.0 के तहत आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ईब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी ) के लोगों को सरकार की ओर से लाभ दिया जाएगा। नियमों के मुताबिक, इनमें से जिन लोगों के पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है। उन्हें पक्के घर के लिए सहायता दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने कुछ पात्रताएं तय की हैं। जिनमें लाभ लेने के लिए ईडब्ल्यूएस परिवार की सालाना 3 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा एलआईजी परिवार की सालाना इनकम 3 लाख रुपए से 6 लाख रुपए तक के बीच होनी चाहिए। वहीं, एमआईजी परिवार की सालाना इनकम 6 लाख रुपए से 9 लाख रुपए तक होनी चाहिए।
ब्याज सब्सिडी योजना ( आईएसएस )
मिशन किफायती आवास क्षेत्र में संस्थागत ऋण प्रवाह का विस्तार करने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में ब्याज सब्सिडी योजना आईएसएस घटक को कार्यान्वित करेगा।
मान दंड/इडब्लू एस/एलआईजी/एमआईजी
वार्षिक पारिवारिक आय-9 लाख
ब्याज सब्सिडी % प्रति वर्ष 4.0%
अधिकतम पात्र आवास ऋण राशि 25 लाख
अधिकतम ग्रह मूल्य राशि 35 लाख,
अधिकतम कालीन क्षेत्र तक वर्ग मीटर में 120
ब्याज सब्सिडी का अधिकतम लाभ वास्तविक रिलीज राशि 1.80 लाख,
ब्याज सब्सिडी अधिकतम लाभ एनपीवी राशि 1.50 लाख!

जनजाति गौरव दिवस पर पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति की दिखाएंगे झलक
वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई और सोलकिया आदिवासी नृत्यों की देंगे प्रस्तुति
   रायपुर/शौर्यपथ / राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस के भव्य आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार भी अपनी संस्कृति की झलक बिखेरेंगे। 14-15 नवम्बर को आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देने पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्यों मेघालय, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के कलाकार रायपुर पहुंच चुके हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन पर कलाकारों का पुष्पाहार और तिलक लगाकर स्वागत किया गया। पूर्वोत्तर राज्यों से आए ये कलाकार वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई, सोलकिया जैसे लोक नृत्यों की प्रस्तुति से अपनी संस्कृति के विविध रंग बिखेरेंगे।  फसल कटाई के बाद गारो आदिवासी करते हैं वांगला-रुंगला नृत्य, देवता मिस्सी सालजोंग का करते हैं धन्यवाद
जनजातीय गौरव दिवस पर प्रस्तुति देने मेघालय से 20 सदस्यों की टीम रायपुर आई है। यह दल गारो जनजाति द्वारा फसल कटाई के बाद किया जाने वाला वांगला-रुंगला लोक नृत्य प्रस्तुत करेगी। इसके कलाकार मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 200 किलोमीटर दूर नॉर्थ कर्व हिल्स से आए हैं। दल का नेतृत्व कर रहे श्री मानसेन मोमिन ने बताया कि वांगला गारो जनजाति का लोकप्रिय त्योहार है। यह जनजाति कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर है। फसल कटाई के बाद उर्वरता के देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने के लिए वे यह नृत्य करते हैं। वे फसल उपलब्ध कराने के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं, उनकी पूजा कर नाच-गाकर प्रार्थना करते हैं और नई फसल का भोग लगाते हैं। देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने से पहले किसी भी कृषि उत्पाद का उपयोग नहीं किया जाता है।  
वांगला-रुंगला आदिवासी लोक नृत्य में महिला और पुरुष दोनों हिस्सेदारी करते हैं। पुरुष नर्तक अपना परंपरागत ढोल लेकर नृत्य करते हैं जिसे दामा कहा जाता है। वांगला-रुंगला लोक नृत्य में नर्तकों का नेतृत्व करने वाले को ग्रिकगिपा या तोरेगिपा कहा जाता है। इसमें महिलाएं संगीत की धुन पर अपने हाथ हिलाती हैं, जबकि पुरुष अपने परंपरागत ढोल को बजाकर नृत्य करते हैं।
दुश्मनों पर जीत के जश्न का नृत्य है सोलकिया, मंत्रोच्चार जैसे स्वर संगीत के साथ होता है नृत्य
मिजोरम की राजधानी आईजोल से रायपुर पहुंची लोक नृत्य दल यहां सोलकिया नृत्य की प्रस्तुति देगी। इसके 20 सदस्यों के दल में 11 पुरूष और नौ महिलाएं शामिल हैं। यह नृत्य मुख्यतः मिजोरम की मारा जनजाति द्वारा किया जाता है। ‘सोलकिया’ का अर्थ दुश्मन के कटे हुए सिर से है। सोलकिया नृत्य मूल रूप से दुश्मनों पर जीत का जश्न मनाने के लिए किया जाता था। खासकर उस मौके पर जब विजेता द्वारा दुश्मन का सिर ट्रॉफी के रूप में घर लाया जाता था। लेकिन अब यह सभी महत्वपूर्ण अवसरों पर मिजो समुदायों के पुरुषों और महिलाओं द्वारा किया जाता है।
मिजोरम के कलाकारों के दल का नेतृत्व कर रहे श्री जोथमजामा ने बताया कि सोलकिया नृत्य की शुरुआत पिवी और लाखेर समुदायों द्वारा की गई थी। इस लोक नृत्य के साथ आने वाला स्वर संगीत गायन की तुलना में मंत्रोच्चार के अधिक निकट है। ताल संगीत एक जोड़ी घडि़यों द्वारा प्रदान किया जाता है, जो एक दूसरे से बड़े होते हैं, जिन्हें डार्कहुआंग कहा जाता है। संगीत को बेहतर बनाने के लिए कई जोड़ी झांझ भी बजाए जाते हैं।
श्री जोथमजामा ने इस नृत्य को करने वाली मारा जनजाति के बारे में बताया कि यह एक कुकी जनजाति है जो मिजोरम की लुशाई पहाड़ियों और म्यांमार की चिन पहाड़ियों में रहती है। इन्हें लाखेर, शेंदु, मारिंग, ज़ु, त्लोसाई और खोंगज़ई नामों से भी जाना जाता है।

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