August 04, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

भारत स्काउट्स एवं गाइड्स मे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया-कुमुद सिन्हा को मिला राष्ट्रपति पुरस्कार:
महापौर अलका बाघमार ने निवास जाकर किया सम्मान, दी बधाई:
दुर्ग/शौर्यपथ / दुर्ग नगर की प्रतिभावान बेटी कुसुम सिन्हा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लगन, मेहनत और मार्गदर्शन के साथ कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। देश के सर्वोच्च स्काउट-गाइड सम्मान ‘राष्ट्रपति गाइड प्रमाणपत्र’ को प्राप्त कर कुसुम ने न केवल अपने परिवार, विद्यालय और नगर का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य का भी गौरव बढ़ाया।
राष्ट्रपति भवन में हुआ सम्मान समारोह
दिनांक 22 जुलाई 2025, स्थान राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली — गोदावरी हॉल में आयोजित एक गरिमामय समारोह में माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा देशभर से चयनित सीमित स्काउट-गाइड प्रतिभाओं को राष्ट्रपति प्रमाणपत्र प्रदान किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ से चुनी गई केवल तीन प्रतिभाओं में से एक रहीं दुर्ग की कुसुम सिन्हा।
कुसुम की सफलता का सफर
गयानगर, वार्ड क्रमांक 10 निवासी कुसुम सिन्हा ने वर्ष 2018 में स्काउट गाइड के राष्ट्रपति अवॉर्ड के लिए आवेदन किया था। इसके बाद उन्होंने चरणबद्ध तरीके से सभी आवश्यक ट्रेनिंग, सामाजिक सेवा गतिविधियाँ, शिविर, प्रैक्टिकल परीक्षाएं, और मूल्यांकन सफलतापूर्वक पूरे किए। उनके उत्कृष्ट कार्य, अनुशासन और सेवा भावना के चलते उन्हें यह गौरव प्राप्त हुआ।यह सम्मान उन प्रतिभागियों को प्रदान किया गया, जिन्होंने 2018, 2019, 2020 और 2021 के चार बैचों की संयुक्त राष्ट्रीय परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त की। इस परीक्षा में कुल 480 प्रतिभागियों ने उत्तीर्णता प्राप्त की, जिनमें से हर वर्ष की प्रत्येक श्रेणी (स्काउट, गाइड, रोवर और रेंजर) से एक-एक चयनित श्रेष्ठ प्रतिभागी, कुल 16 श्रेष्ठ प्रतिभागियों को राष्ट्र स्तर पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कुसुम के पिता श्री रामखिलावन सिन्हा और माता श्रीमती देवकी सिन्हा ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। उनके साथ-साथ शासकीय आदर्श कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, दुर्ग की प्राचार्य डॉ. कृष्णा अग्रवाल और यूनिट लीडर श्रीमती देविका रानी वर्मा (सेवानिवृत्त शिक्षिका) ने उनके प्रशिक्षण और मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महापौर स्वयं पहुंचीं बधाई देने
इस अभूतपूर्व सफलता पर दुर्ग नगर निगम की महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कुसुम सिन्हा के निवास पर पहुँचकर उन्हें शाल, श्रीफल और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। उनके साथ एमआईसी सदस्य देवनारायण चंद्राकर और पार्षद/एमआईसी सदस्य लीना दिनेश देवांगन भी मौजूद रहीं।
महापौर ने इस अवसर पर कहा:
> "कुसुम की यह उपलब्धि केवल उनके व्यक्तिगत परिश्रम की कहानी नहीं है, यह दुर्ग शहर की सामूहिक प्रेरणा और हमारी बेटियों की क्षमताओं का प्रमाण है। एक सामान्य परिवार से निकलकर, इतने कठिन प्रशिक्षण और चयन प्रक्रिया को पार करते हुए राष्ट्रपति से सम्मान प्राप्त करना अत्यंत गौरव की बात है। कुसुम ने यह साबित किया है कि यदि नीयत और मेहनत सच्ची हो तो सफलता निश्चित है। नगर निगम परिवार की ओर से मैं उन्हें ढेरों शुभकामनाएँ देती हूँ।"
नगर के लिए प्रेरणा बनीं कुसुम
कुसुम सिन्हा की यह उपलब्धि न केवल उनके समर्पण की मिसाल है, बल्कि शहर की अन्य बालिकाओं और युवाओं को प्रेरित करने वाला उदाहरण भी है। स्काउट गाइड जैसी रचनात्मक और सेवा-प्रधान गतिविधियों में भाग लेकर बच्चों को अनुशासन, नेतृत्व और सेवा का पाठ मिलता है.और कुसुम ने इस यात्रा को सफलता के चरम तक पहुँचाया।

  दुर्ग / शौर्यपथ / ऑपरेशन विश्वास अभियान के तहत थाना पद्मनाथपुर पुलिस ने एक बार फिर नशे के कारोबार पर कड़ा प्रहार किया है। गुप्त सूचना के आधार पर पोटिया चौक दुर्ग स्थित शिव मंदिर गार्डन के पास दबिश देकर एक आरोपी को गांजा बेचते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
  गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान शेष नारायण वर्मा उर्फ जुगनू (उम्र 52 वर्ष, निवासी वार्ड 54, पोटियाकला, आबादीपारा, दुर्ग) के रूप में हुई है।

? जब्त सामग्री का विवरण:
    गांजा (1.100 किग्रा) — मूल्य ₹5,500

    बिक्री की नगदी — ₹500
    मोबाइल फोन (Vivo) — मूल्य ₹15,000
      कुल जब्ती राशि — ₹21,000

पुलिस ने मादक पदार्थ को चिन्हांकित कर शीलबंद किया है। आरोपी के खिलाफ धारा 20(ख), 27(क) एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह अपराध अजमानतीय श्रेणी में आता है, इसलिए आरोपी को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
  दुर्ग पुलिस ने कहा है कि ऑपरेशन विश्वास के अंतर्गत नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इस तरह की कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।
 "नशे के सौदागरों पर कसेगा शिकंजा, विश्वास दिलाएगी पुलिस!"

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में भारत सरकार के केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ग्रामीण विकास, केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन, आदिवासी अंचलों में संचार सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकासोन्मुखी दृष्टिकोण को धरातल पर साकार करने हेतु राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में 18 लाख पक्के मकानों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिससे प्रदेश के गरीब परिवारों के आवास का सपना पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 1,460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र आरंभ किए गए हैं, जिससे ग्रामीण जनसंख्या को सहज और सुलभ बैंकिंग सुविधा मिल रही है।
मुख्यमंत्री साय ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा कौशल विकास एवं नवाचार को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्रामीण अंचलों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों ने आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम की है।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी ने मुख्यमंत्री श्री साय को अपने नारायणपुर तथा मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिलों के दौरे की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में केंद्र सरकार की योजनाएं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो रही हैं और स्थानीय जनता को इनका सीधा लाभ मिल रहा है। डॉ. पेम्मासानी ने माओवादी क्षेत्रों में तीव्र गति से हो रहे सकारात्मक बदलाव की सराहना करते हुए इसे छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य का संकेत बताया। उन्होंने ‘बिहान’ योजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों की ओर से आयोजित प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि समूह की दीदियों द्वारा तैयार किए गए बेलमेटल, मिलेट्स और घरेलू उत्पादों की गुणवत्ता अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इन समूहों की महिलाएँ 15 से 20 हजार रुपये मासिक आय अर्जित कर रही हैं, जो ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
डॉ. पेम्मासानी ने जनजातीय समुदाय के पारंपरिक स्वागत का स्मरण करते हुए कहा कि उनके साथ नृत्य करना और स्थानीय संस्कृति से आत्मिक रूप से जुड़ने का अनुभव अविस्मरणीय रहा। उन्होंने परीयना दिव्यांग आवासीय विद्यालय के दौरे का भी विशेष उल्लेख किया और वहाँ बच्चों से हुई आत्मीय बातचीत को अत्यंत भावुक क्षण बताया। उन्होंने शासन द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद उपस्थित थे।

रायपुर/शौर्यपथ/छत्तीसगढ़ की नगर पंचायत बिल्हा ने स्वच्छता के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2024–25 में 20,000 से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में पूरे भारतवर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के लिए दिनांक 17 जुलाई 2025 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित भव्य पुरस्कार समारोह में भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा बिल्हा नगर पंचायत को सम्मानित किया गया था। आज इस गौरवशाली उपलब्धि की प्रतिध्वनि ‘मन की बात’ के राष्ट्रीय मंच तक पहुँची, जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण में बिल्हा नगर पंचायत की महिलाओं द्वारा किए गए नवाचार और श्रम का उल्लेख करते हुए सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिल्हा की महिलाओं को वेस्ट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी गई और उन्होंने मिलकर शहर की तस्वीर बदल डाली। यह उल्लेख पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का क्षण है, जिसने स्वच्छता को न केवल शासकीय योजना के रूप में, बल्कि सामुदायिक आंदोलन के रूप में अपनाया है।
नगर पंचायत बिल्हा की आबादी लगभग 15,000 है, जहाँ 28 स्वच्छता दीदियाँ कार्यरत हैं। ये दीदियाँ नगर के 15 वार्डों में घर-घर जाकर ई-रिक्शा के माध्यम से कचरा संग्रहण का कार्य करती हैं और फिर कचरे को SLRM सेंटर में ले जाकर गीला और सूखा कचरा पृथक करती हैं। गीले कचरे से खाद बनाई जाती है और सूखे कचरे को बेचकर ये महिलाएँ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। इसके अतिरिक्त बिल्हा नगर में 10 विशेष स्वच्छता कमांडो भी नियुक्त किए गए हैं जो ट्रैक्टर और ऑटो टिपर के माध्यम से पूरे शहर में घूमकर कचरा सफाई और जन-जागरूकता का कार्य कर रहे हैं। बिल्हा नगर पंचायत द्वारा जन-जागरूकता अभियान, मुनादी, और घरों-दुकानों से सीधे कचरा संग्रहण जैसे कदमों से आज नगरवासी कचरे को पृथक कर ई-रिक्शा में देने के लिए प्रेरित हो चुके हैं। मुक्तिधाम, तालाब, गार्डन, सामुदायिक भवन आदि में सामूहिक सफाई अभियान भी समय-समय पर चलाए जाते हैं। इस सफलता का श्रेय सभी सफाई कर्मचारियों, स्वच्छता दीदियों, नगर पंचायत के अधिकारियों, कर्मचारियों और सकारात्मक सोच वाले जनप्रतिनिधियों को जाता है, जो निरंतर निरीक्षण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत में 20,000 से कम आबादी वाले 2000 से अधिक नगरीय निकाय हैं। भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्वतंत्र एजेंसियों के माध्यम से सफाई व्यवस्था का परीक्षण, जिसमें डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, रोड स्विपिंग, नाइट स्विपिंग, कचरा निपटान, शौचालयों और पार्कों की सफाई व्यवस्था सहित जनता से फीडबैक शामिल था, उसी के आधार पर यह सम्मान मिला है।
इस अवसर पर विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, नगर पंचायत बिल्हा की अध्यक्ष श्रीमती वंदना जेन्ड्रे, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री प्रवीण सिंह गहलोत, उपाध्यक्ष श्री सतीश शर्मा, पीआईसी सदस्य श्री मोहन ढोरिया, तत्कालीन उप अभियंता श्री नरेंद्र दुबे, सफाई दरोगा श्री यशवंत सिंह, स्वच्छता सुपरवाइजर श्री राकेश डागोर, स्वच्छता दीदी श्रीमती पूजा राठौर एवं पीआईयू श्री अंकित दुबे विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि बिल्हा नगर पंचायत ने स्वच्छता के क्षेत्र में जो कीर्तिमान स्थापित किया है, वह सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। भारत सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2024–25 में देशभर के 20,000 से कम आबादी वाले शहरों में प्रथम स्थान प्राप्त कर बिल्हा ने न केवल प्रदेश का मान बढ़ाया है, बल्कि यह सिद्ध किया है कि संकल्प, सहभागिता और सेवा भाव से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'मन की बात' कार्यक्रम में बिल्हा की महिलाओं और उनके स्वच्छता नवाचार की प्रशंसा करना इस उपलब्धि को राष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक बना देता है। यह समस्त छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण है।
उपमुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री  अरुण साव ने कहा कि बिल्हा नगर पंचायत ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024–25 में पूरे भारत में प्रथम स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का मान पूरे देश में बढ़ाया है। यह सफलता हमारे नगरीय निकायों की प्रतिबद्धता, कार्यशैली और जनभागीदारी का जीवंत उदाहरण है। यह उपलब्धि प्रदेश के अन्य नगर निकायों को भी नई प्रेरणा देगी और हम सब मिलकर स्वच्छता में छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी राज्यों में बनाए रखने के लिए निरंतर कार्य करेंगे।

भिलाई, 27 जुलाई:
गुरुद्वारा बेबे नानकी जी सेक्टर-11, भिलाई की प्रबंधक कमेटी ने अपने 2 वर्ष के सफल कार्यकाल की समाप्ति के उपरांत एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। छत्तीसगढ़ सिख पंचायत भिलाई-दुर्ग के अध्यक्ष सरदार जसवीर सिंह चहल की अध्यक्षता में आयोजित एक विशेष धार्मिक समारोह में, सर्वसम्मति से सरदार कुलवंत सिंह को गुरुद्वारा बेबे नानकी जी का नया प्रधान चुना गया।

यह शुभ निर्णय श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पावन हजूरी में अरदास के साथ लिया गया, जिसके उपरांत सरदार कुलवंत सिंह को सिरोपाओ देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सिख यूथ सेवा समिति के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह छोटू व कोषाध्यक्ष मलकीत सिंह ललू ने उन्हें बधाई दी और उनके आगामी कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं।

सिख पंचायत के महासचिव गुरनाम सिंह ने बताया कि नई प्रबंधक कमेटी का कार्यकाल दो वर्षों का होगा और आने वाले पांच दिनों में कमेटी गठन की सूची सिख पंचायत को सौंप दी जाएगी।

इस ऐतिहासिक अवसर पर कई गणमान्य सिख नेता एवं समुदाय के सदस्य उपस्थित रहे जिनमें शामिल हैं:
गुरमीत सिंह गांधी (वाइस चेयरमैन), पलविंदर सिंह रंधावा, जसबीर सिंह सैनी, हरभजन सिंह चहल, बलदेव सिंह, तेजिंदर सिंह हुंदल, गुरमीत सिंह चहल, अमरजीत सिंह बल, हरपाल सिंह हैप्पी, बलजिंदर सिंह कलेर, हरपाल सिंह कमल, सरूप सिंह, पुष्पक सिंह गिल, बलविंदर सिंह काला, स्वर्ण सिंह कोक, गुरप्रीत सिंह वाधवा, अजित सिंह काले, राजेंद्र सिंह अरोरा, और अन्य सम्मानित सदस्य।

यह कार्यक्रम न केवल एक प्रशासनिक बदलाव का प्रतीक था, बल्कि संगत के समर्पण और एकता का भी जीवंत प्रमाण रहा। सरदार कुलवंत सिंह के नेतृत्व में गुरुद्वारा बेबे नानकी जी के सेवाकार्यों में और अधिक निखार आने की उम्मीद जताई जा रही है।

20.53 करोड़ की लागत से पंड्रापाठ में विकसित होगा बहु-उद्देशीय परिसर
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जशपुर जिले के पंड्रापाठ में राज्य का अत्याधुनिक तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो ग्रामीण युवाओं की खेल प्रतिभा को सशक्त मंच प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में खेल, शिक्षा और ग्रामीण विकास को एक समन्वित दृष्टिकोण के साथ जोड़कर समग्र उन्नति की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में जशपुर जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र पंड्रापाठ (तहसील सन्ना, विकासखंड बगीचा) में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक बहु-उद्देशीय परिसर की स्थापना की जा रही है, जो राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को सशक्त मंच प्रदान करेगा।एनटीपीसी द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 20.53 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। परिसर में तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र, लघु पुस्तकालय, प्राथमिक चिकित्सा इकाई, कौशल विकास केंद्र, जैविक खेती हेतु छायादार नर्सरी का निर्माण किया जाएगा। परिसर में एक औषधीय उद्यान भी विकसित किया जाएगा, जिसमें जड़ी-बूटियों और औषधीय वृक्षों का रोपण किया जाएगा। इस परियोजना के लिए लगभग 10.27 एकड़ (लगभग 41,565 वर्गमीटर) भूमि का चयन स्थानीय प्रशासन के सहयोग से किया गया है।
मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि इस पहल से  ग्रामीण प्रतिभाओं को स्वयं को निखारने का अवसर मिलेगा और वे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। परियोजना के लिए विस्तृत साइट लेआउट, 3-डी डिज़ाइन, भवनों की संरचना और प्रत्येक घटक की लागत का विवरण विशेषज्ञ परामर्शदाताओं द्वारा तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्वास व्यक्त किया है कि इस नवाचारपरक पहल से न केवल खेल क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के माध्यम से जशपुर जिले में समावेशी विकास की एक नई धारा बहेगी।

टैली प्रमोटर: सार्वजनिक बोलने की कला का अदृश्य सहायक शौर्यपथ लेख / सार्वजनिक मंच पर बोलते समय आत्मविश्वास और प्रवाह बनाए रखना किसी भी वक्ता…
 अहमदाबाद/ शौर्यपथ /गुजरात के अहमदाबाद शहर में स्थित प्रतिष्ठित सोमललित स्कूल की दसवीं कक्षा की एक छात्रा द्वारा स्कूल की चौथी मंज़िल से छलांग लगाकर जीवन समाप्त करने की घटना…

  मुंगेली/शौर्यपथ /मुंगेली ज़िले के लोरमी थाना क्षेत्र अंतर्गत कोसाबाड़ी गांव में सात वर्षीय मासूम बच्ची के अपहरण व हत्या के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। यह मामला न केवल क्रूरता की पराकाष्ठा है बल्कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र जैसी कुप्रथाओं के घातक स्वरूप को उजागर करता है।
पुलिस द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि बच्ची की हत्या गांव के ही पांच लोगों ने मिलकर की थी, जिनमें बच्ची का चचेरा भाई और उसकी पत्नी भी शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपियों ने तंत्र-मंत्र की क्रियाओं में सफलता पाने की मंशा से इस मासूम की बलि दी।
पुलिस ने इस जघन्य अपराध में शामिल आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। दो मुख्य संदिग्धों का ब्रेन मैपिंग, पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट भी कराया गया है, जिसमें उन्होंने जुर्म कबूल कर लिया।
घटना का क्रम इस प्रकार सामने आया:
2 अप्रैल की रात को कोसाबाड़ी गांव में एक शादी समारोह था। इसी दौरान बच्ची अपने घर के आंगन में मां की गोद में खाट पर सो रही थी। मां की नींद रात 2 बजे खुली तो देखा कि बच्ची गायब है। पहले परिजनों ने अपने स्तर पर तलाश की, लेकिन असफल रहने पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
लगभग एक महीने बाद, 7 मई को गांव के समीप एक सुनसान इलाके में बच्ची का नरकंकाल मिला। इससे पूरे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल बन गया।
पुलिस अधीक्षक की निगरानी में गठित विशेष टीम ने तकनीकी विश्लेषण, फॉरेंसिक और मनोवैज्ञानिक जांच के आधार पर इस जघन्य अपराध की परतें खोलीं। गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी अब न्यायिक हिरासत में हैं, और जल्द ही पुलिस मामले में सार्वजनिक रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्ण खुलासा करेगी।
समाज को चेतावनी:
यह हृदयविदारक घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज में फैले अंधविश्वास की भयंकर परिणति है। यह सोचने का समय है कि कैसे शिक्षा, जागरूकता और संवेदनशील प्रशासन ही ऐसे अपराधों पर लगाम लगा सकता है।
नोट: पीड़िता की पहचान को गुप्त रखने के उद्देश्य से समाचार में नाम और व्यक्तिगत विवरणों को हटा दिया गया है।

झालावाड़ राजस्थान/शौर्यपथ /राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलौदी गांव में शुक्रवार की सुबह एक सरकारी स्कूल में उस समय मातम पसर गया जब कक्षा के भीतर पढ़ाई कर रहे मासूम…
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