June 01, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

ग्राम चारभाठा समाधान शिविर में 02 हजार 815 आवेदनों का हुआ निराकरण
अधिकारियों ने समस्याओं एवं मांगों के निराकरण की दी जानकारी
मोर गॉव, मोर पानी अभियान अंतर्गत जल संरक्षण की दिलायी गयी शपथ
मुंगेली/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप शासन की योजनाओं को आमजनों तक समयबद्ध रूप से पहुंचाने के लिए मुंगेली विकासखंड के ग्राम चारभाठा में समाधान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कलेक्टर कुन्दन कुमार के मार्गदर्शन में विभागीय अधिकारियों द्वारा लोगों को आवेदनों के निराकरण के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। साथ ही स्टॉल लगाकर शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। शिविर में चारभाठा क्लस्टर अंतर्गत कोदवाबानी, चारभाठा, खुर्शी, ढबहा, खुजहा, नवागांव (घु.), प्रतापपुर, हेड़सपुर, छाता, दामापुर और बैहाकापा सहित 11 ग्राम पंचायतों से हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।
      समाधान शिविर में मुंगेली विधायक  पुन्नूलाल मोहले शामिल हुए। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत 119 हितग्राहियों को शौचालय की स्वीकृति आदेश, प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत 05 को प्रतिकात्मक चाबी, 10 को ऋण पुस्तिका, बी वन, नक्शा, 11 को पशु शेड निर्माण हेतु स्वीकृति आदेश, 08 को स्प्रेयर, 05 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि चेक, 06 को राशनकार्ड, 13 को किसान क्रेडिट कार्ड, 05 को फलदार पौधा वितरण, 04 स्व सहायता समूहों को एनआरएलएम अंतर्गत चेक, 05 महिलाओं को लखपति दीदी प्रमाण पत्र, 15 हितग्राहियों को पेंशन प्रमाण पत्र, 05 को आयुष्मान वय वंदना कार्ड और 05 हितग्राहियों को श्रम कार्ड प्रदान कर लाभान्वित किया। साथ ही उन्होंने चारभाठा क्लस्टर अंतर्गत विभिन्न स्कूलों से कक्षा 10वीं और 12वीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर प्रशस्ति पत्र प्रदान कर बधाई दी।
आवास प्लस 2.0 के सर्वे सूची में 04 हजार 152 हितग्राही शामिल
        कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्री मोहले ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप पूरे प्रदेश में सुशासन तिहार मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आम जनता की समस्याओं और मांगों का गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित करना है। इस पहल के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारी सीधे ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं, ताकि जनता की शिकायतों और आवश्यकताओं का तत्काल निराकरण किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वे संवेदनशीलता के साथ प्रत्येक आवेदक की बात सुनें और त्वरित कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में सांय-सांय विकास और योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। आमजनता को इसका सीधा लाभ मिला रहा है। उन्होंने बताया कि चारभाठा क्लस्टर अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 03 हजार 972 हितग्राहियों का आवास स्वीकृत किया गया है, इनमें से अधिकांश आवास पूर्ण कर लिए गए हैं। वहीं आवास प्लस 2.0 के सर्वे सूची में 04 हजार 152 हितग्राहियों को शामिल किया गया है।
     मुंगेली विधायक श्री मोहले ने मोर गॉव, मोर पानी अभियान अंतर्गत जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए ग्रामीणों को शपथ भी दिलाई और कहा कि पानी के महत्व को समझते हुए संरक्षित करें, जिन लोगों का पक्का घर है, वे अपने घरों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अवश्य करें। अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पांडेय तिवारी ने बताया कि चारभाठा क्लस्टर में 27 विभागों से संबंधित कुल 02 हजार 818 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनका द्वितीय चरण में गुणवत्तापूर्ण निराकरण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि आमजनों की समस्याओं के निराकरण में किसी प्रकार की लापरवाही न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इस अवसर पर मुंगेली एसडीएम श्रीमती पार्वती पटेल सहित प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

  रायपुर/शौर्यपथ /झीरम हमले की 12वीं बरसी पर राजीव भवन में कांग्रेसजनों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर एआईसीसी महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली अर्पित किया। शहीदों के लिये दो मिनिट का मौन रख कर नमन किया गया।
 इस अवसर पर एआईसीसी महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने एसआईटी बनाकर षड़यंत्र की जांच करने का प्रयास किया। एनआईए ने इस मामले की जांच बंद कर दिया था, एनआईए ने 24 सितंबर 2014 को अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल किये, इसके बाद 28 सिंतबर 2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश किया, अर्थात एनआईए ने जांच बंद कर दिया था, एनआईए ने किसी भी पीड़ित से पूछताछ नहीं किया, जो संदिग्ध नक्सली थे किसी के खिलाफ आरोप पत्र नहीं दाखिल नहीं किया। लेकिन जैसे ही राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया एनआईए ने फिर से जांच शुरू कर दिया और राज्य की एजेंसी के जांच को बाधित किया। कानूनन जब तक एनआईए मामले की फाइल राज्य को वापस नहीं करती एसआईटी जांच शुरू नहीं कर सकती थी। कांग्रेस के पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा बार-बार मांगे जाने के बावजूद एनआईए ने झीरम की केस फाइल नहीं दिया। एनआईए ने भी एसआईटी की जांच को रोकने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया, बाद में हाईकोर्ट ने एनआईए के स्टे को खारिज कर दिया। एनआईए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी जहां सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर 2023 को एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया। लेकिन तब तक राज्य में सरकार बदल गयी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य की एसआईटी के जांच के रास्ते खुल गये। राज्य सरकार दरभा थाने में पीड़ित परिवारों की रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी की जांच शुरू करें। आज तथाकथित शराब घोटाला, कोल घोटाला सभी ईडी, आईटी, सीबीआई जांच कर रही राज्य की ईओडब्ल्यू भी जांच कर रही लेकिन झीरम में राज्य की एजेंसी को जांच करने से रोकने केंद्र सरकार कोर्ट गयी थी। झीरम मामले के 12 साल पूरे होने के बावजूद पीड़ितों के परिजनो और घायलों को न्याय नहीं मिला। भाजपा की सरकारों ने हमेशा झीरम की जांच को रोकने का प्रयास किया। झीरम हमले में कई घायलों और पीड़ितों और प्रभावितों तक से अब तक एनआईए ने बयान नहीं लिये है। यह आरोप पीड़ित और उनके परिजनों ने लगाया है। आखिर इतनी परदेदारी क्यों? किसको बचाने के लिये जांच को रोका जाता है? भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भय है कि झीरम का सच आने से उनके षड़यंत्र बेनकाब हो जायेंगे। मुझे दुख है कि सरकार में रहते केंद्र सरकार के अवरोध के कारण जांच नहीं हो पाई।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि आज का दिन कांग्रेस के लिए बेहद पीड़ा का दिन है। हमने अपने नेताओं को खोया था। मैं शहीद नेताओं को अपनी श्रद्धांजली अर्पित करता हूं। आज भी छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को घोर नक्सल इलाके में ही क्यो हटाया गया था? झीरम नरसंहार भाजपा के लिए उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा की गई चूक मात्र हो सकती है तथा उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया एक षड्यंत्र मात्र हो सकता है। कांग्रेस के लिए झीरम वह घाव है जो कभी नहीं भर सकता। यह घटना देश के लोकतंत्र के माथे पर लगा वह कलंक है जो कभी नहीं मिट सकता।
 श्रद्धांजली सभा में पूर्व सांसद छाया वर्मा, कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला, गिरीश दुबे, उधो वर्मा, पंकज शर्मा, ज्ञानेश शर्मा, विनोद वर्मा, महेन्द्र छाबड़ा, सुरेन्द्र शर्मा, धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, सुरेन्द्र वर्मा, डॉ. अजय साहू, राम गिडलानी, चंद्रदेव राय, श्रीकुमार मेनन, शिवसिंह ठाकुर, आकाश तिवारी, एजाज ढेबर, सुनील बाजारी, सलाम रिजवी, दीपा बग्गा, कमलाकांत शुक्ला, दिलीप चौहान, पप्पू बंजारे, अविनय दुबे, बबीता नत्थानी, शब्बीर खान, आनंद मिश्रा, नवीन चंद्राकर, प्रशांत ठेंगड़ी, देवकुमार साहू, दिनेश शुक्ला, पिंकी बाघ, भुवनेश्वरी डहरिया, पुष्पराज वैद्य, अखिलेश जोशी, ओम श्रीवास, अनिल रायचुरा, शनाया परविन, सुंदर जोगी उपस्थित थे।

   रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य और उद्योग क्षेत्र में बड़े निवेश की दिशा में अहम कदम बढ़ते हुए आज नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय से दो प्रमुख उद्योग समूहों ने मुलाकात की।
मेदांता अस्पताल के संस्थापक और प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहन ने रायपुर में एक अत्याधुनिक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने बताया कि वे इस परियोजना में लगभग 500 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहते हैं। यह अस्पताल उन्नत चिकित्सा तकनीक, विशेषज्ञ डॉक्टरों, रिसर्च और प्रशिक्षण सुविधाओं से लैस होगा।
वहीं, वरुण बेवरेजेस लिमिटेड के चेयरमैन रवि जयपुरिया ने रायपुर में कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्रूट जूस आधारित संयंत्र लगाने का प्रस्ताव दिया, जिसमें 250 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। यह परियोजना राज्य में औद्योगिक विकास के साथ-साथ रोज़गार सृजन को गति देगी।
मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने दोनों प्रस्तावों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य और उद्योग जैसे क्षेत्रों में ऐसे गुणवत्तापूर्ण निवेश के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि ये दोनों परियोजनाओं पर राज्य शासन विचार कर इसे हर संभव मदद देगी, इस प्रकार की परियोजनाओं से जनता को लाभ और युवाओं को रोज़गार के नए अवसर भी सुलभ होंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया—कैसे बस्तर बना संस्कृति, सहभागिता और विकास का मॉडल
  रायपुर/शौर्यपथ /राजधानी दिल्ली स्थित अशोक होटल में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन मॉडल, नवाचारों और जनभागीदारी आधारित योजनाओं ने विशेष पहचान बनाई। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय द्वारा प्रस्तुत बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे अभिनव आयोजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया। बैठक में उपमुख्यमंत्री  अरुण साव एवं विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री  साय ने अपने प्रस्तुतीकरण की शुरुआत राज्य में सुशासन की संस्थागत पहल से की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ का गठन कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। ‘अटल मॉनिटरिंग पोर्टल’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से योजनाओं की निगरानी की जा रही है, जिससे शिकायतों का समाधान निर्धारित समय में संभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि शासन का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर ईमानदारी व संवेदनशीलता से लागू करना है।
बैठक में केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विशेष चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं को छत्तीसगढ़ में ग्रामसभा, जनसंवाद और तकनीक के माध्यम से आमजन तक पहुँचाया गया है।
बैठक का सबसे प्रेरक क्षण तब आया जब मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम पर विशेष प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘खेलोगे इंडिया, जीतोगे इंडिया’ मंत्र को उद्धृत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने इसे धरातल पर साकार किया है। बस्तर ओलंपिक अब सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति बन चुका है — जिसने युवाओं के हाथों से बंदूकें छीनकर गेंद, भाला और तीर थमा दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों से 1.65 लाख प्रतिभागियों ने भाग लिया। तीन चरणों — विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित यह प्रतियोगिता 11 पारंपरिक खेलों जैसे तीरंदाजी, खो-खो, कबड्डी, दौड़, रस्साकसी आदि पर केंद्रित थी। चार श्रेणियों — जूनियर, सीनियर, महिला और दिव्यांग — में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
मुख्यमंत्री साय ने दोरनापाल के पुनेन सन्ना का उदाहरण साझा किया, जो कभी नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्र से थे, पर आज व्हीलचेयर दौड़ में पदक जीतकर पूरे समाज के लिए प्रेरणास्तंभ बन गए हैं। प्रधानमंत्री  मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा करते हुए कहा था कि यह आयोजन केवल खेल नहीं, बल्कि बस्तर की आत्मा का उत्सव है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर पंडुम उत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने न केवल आदिवासी संस्कृति, लोककलाओं और परंपराओं को संरक्षित किया, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय मंच भी प्रदान किया। इस आयोजन में 7 जिलों के 32 विकासखंडों की 1,885 ग्राम पंचायतों के 1,743 सांस्कृतिक दलों और 47,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। लोकनृत्य, गीत-संगीत, हाट-बाजार, पकवान प्रतियोगिताएं जैसे विविध रंगों से सजा यह उत्सव बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक को जोड़ते हुए बस्तर की एकता, पहचान और विकास का प्रतीक बन गया। सरकार द्वारा 2.4 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस आयोजन ने उत्सव और खेल के माध्यम से सकारात्मक भविष्य की नई चेतना जगाई है।
बैठक में जिन राज्यों को अपनी योजनाओं के प्रस्तुतीकरण का अवसर मिला, उनमें छत्तीसगढ़ का ‘बस्तर मॉडल’ बेहद प्रभावशाली रहा।जनभागीदारी, संस्कृति और विकास के इस अनोखे मेल ने सभी को प्रभावित किया। बैठक में सुझाव दिया गया कि जनभागीदारी व सांस्कृतिक जुड़ाव पर आधारित ऐसे मॉडल्स को अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इन पहलों को अनुकरणीय बताते हुए सुझाव दिया कि ऐसे नवाचार, जो समाज की जड़ों से जुड़ते हों और विकास की दिशा तय करते हों, उन्हें  विस्तार दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ के ‘बस्तर मॉडल’ को जिस तरह सराहा गया, उसने यह स्पष्ट किया कि जनसहभागिता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और विकास के समन्वय से किस तरह दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी बदलाव की मजबूत नींव रखी जा सकती है।

राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार जैसे राज्यों से बेहतर स्थिति में है छत्तीसगढ़
राज्य के 3 लाख 60 हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को मिला पीएम आयुष्मान वय-वंदना कार्ड
अक्टूबर 2024 से देश में प्रारंभ वय-वंदना कार्ड पंजीयन में राज्य में नवंबर के बाद तेजी से किया जा राह है कार्य
रायपुर/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की  गई  पीएम आयुष्मान वय-वंदना योजना से 70 वर्ष व अधिक आयु के नागरिकों को निः शुल्क इलाज मिल रहा है। छत्तीसगढ मे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में राज्य के 3 लाख 60 हजार  से अधिक 70 वर्ष व अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बन चुके हैं। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ पूरे देश में वय वंदना कार्ड बनाने के मामले में  पांचवें स्थान पर पहुँच गया है। इस मामले में राज्य ने राजस्थान, महाराष्ट्र , ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों से आगे निकलकर कीर्तिमान रच दिया है ।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में विशेष अभियान चलाकर लगातार आयुष्मान वय-वंदना कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिससे कि कोई भी पात्र वरिष्ठ नागरिक योजनांतर्गत् निःशुल्क इलाज लाभ पाने से वंचित ना रह जाए।  जिलों में आयुष्मान वय-वंदना पंजीयन हेतु विभिन्न शासकीय विभागों के अतिरिक्त, सामाजिक संस्थाओं, पेंशनर संथाओं, शियान-सदन, वरिष्ठ-जन कल्याण संघों, वृद्धाश्रमों, निजी आवासीय सोसायटियों, इत्यादि से लगातार संपर्क कर शिविर लगाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि, कोई भी व्यक्ति जिसके माता-पिता या अन्य सदस्य यदि 70 वर्ष व अधिक आयु के हैं एवं उनके पास आधार कार्ड उपलब्ध है तो वे नजदीकी शासकीय चिकित्सालय, सी.एम.एच.ओ./ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय या शासकीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से निःशुल्क आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं या टोल फ्री टेलीफोन नंबर 104 पर बात कर अधिक जानकारी ले सकते हैं। व्यक्ति चाहे तो गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान भारत एप व आधार फेस आई.डी. एप डाउनलोड कर आधार वेरीफिकेशन से अपना सामान्य आयुष्मान कार्ड या घर के वरिष्ठ सदस्य का आयुष्मान वय-वंदना कार्ड दोनों पंजीयन स्वयं भी कर सकता है। उल्लेखनीय है कि माह अक्टूबर 2024 से देश में प्रारंभ वय-वंदना कार्ड पंजीयन में राज्य में नवंबर के बाद तेजी से कार्य किया जा सका है।


राज्य शासन द्वारा 6 जिलों जहां 60 प्रतिशत से अधिक आयुष्मान वय-वंदना कार्ड पंजीयन कवरेज कर लिया गया है, को “वय-मित्र” जिलों के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत् इन जिलों में वरिष्ठ नागरिकों को जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ‘वय-मित्र स्वास्थ्य परीक्षण शिविर’ का आयोजन, ‘मोबाइल मेडिकल यूनिट’ के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन, आयुष्मान-आरोग्य मंदिर में टेली-मेडिसीन व मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग व प्रत्येक बृहस्पतिवार ‘सियान-जतन शिविर’ का आयोजन, आयुष पद्धति से इलाज की सुविधा, मोतियाबिंद जांच, इत्यादि विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

  दुर्ग / शौर्यपथ /  
   दुर्ग के मोहन नगर थाना क्षेत्र में सैक्स रैकेट का भांडाफोड़ हुआ है। यहां एक महिला अपने ही मकान में देह व्यापार चला रही थी। पुलिस को काफी दिनों से इसकी शिकायतें मिल रही थी। पुलिस ने महिला को रंगे हाथों पकडऩे का प्लान बनाया और अपने लोगों को ग्राहक बनाकर निशान लगे नोट देकर भेजा। जब वे लोग महिला के मकान में गए तो पुलिस ने रेड की। घर पर दो ग्राहकों को पकड़ा गया। पूछताछ में महिला ने देह व्यापार की बात भी मानी। इसके पुलिस ने महिला दो ग्राहकों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को सूचना मिली थी कि जयंती नगर, मोहन नगर स्थित मकान में मकान मालकीन व्दारा अवैध धन लाभ अर्जित करने के लिए देह व्यापार कराया जा रहा है।
 सूचना पर विधिवत् टीम गठित की जाकर, प्वाइंटर नियुक्त कर जयंती नगर स्थित मकान में भेजा गया। इसके बाद पुलिस ने रेड की और मकान मालकीन शशि उपाध्याय (63) की नियमानुसार तलाशी लिए जाने पर आपत्तिजनक सामग्री, नगदी रकम 12000 रुपए, मोबाइल व चिन्हित 500-500 के 2 नोट बरामद किया गया। मकान की तलाशी लिए जाने पर 2 ग्राहक जसप्रीत सिंह एवं लखन सिंह मिले जिनके पास नगदी रकम एवं आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।
क्वमकान मालकीन शशि उपाध्याय से पूछताछ करने पर अवैध रूप से देह व्यापार कराया जाना स्वीकार किया गया। आरोपिया का कृत्य अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 की धारा 3,4,5,7 का घटित करना पाए जाने पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अग्रिम कार्रवाई की जा रही है । उक्त
कार्यवाही में सीएसपी चिराग जैन, निरीक्षक केशवराम कोशले, थाना प्रभारी मोहन नगर, महिला प्रधान आरक्षक भेनू ठाकुर, महिला आरक्षक सपना सिंह राजपूत, देवकी साहू, आरक्षक कमलेश यादव, उप निरीक्षक अमित अंदानी थाना प्रभारी वैशाली नगर एवं उनके स्टाफ की भूमिका उल्लेखनीय रही।

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के उमरा देहान (दुगली) में 24 मई (शनिवार) को  लोहिया अनुरागियों का अभूतपूर्व मेला लगेगा। डॉक्टर लोहिया ने आदिवासियों के भूमि अधिकारों को लेकर 70 वर्ष पूर्व इसी स्थान पर लाल झंडा फहरा कर आंदोलन शुरू किया था ।
 डॉक्टर लोहिया के बाद इसका नेतृत्व देश के जाने-माने लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक  रघु ठाकुर जी ने संभाला।इस आंदोलन में यहां के आदिवासियों की अब चौथी पीढ़ी अपनी हिस्सेदारी कर रही है। देश की आजादी के बाद यह पहला और एकमात्र शांतिपूर्ण गांधीवादी अहिंसा-आंदोलन है, जिसमें हिंसा के लिए कोई जगह नहीं रही। हर आंदोलन में, हर पदयात्रा में,हर धरने में आदिवासी महिलाएं भागीदारी में पुरुषों से कभी भी पीछे नहीं रहीं। पिछले वर्ष धमतरी में तीन दिन चले धरने में हजारों की संख्या में पुरुषों के साथ महिलाओं ने भागीदारी की थी। मूसलाधिकार बारिश शुरू हो गई लेकिन किसी भी आंदोलनकारी ने धरना स्थल को नहीं छोड़ा था। मूसलाधार बारिश भी इनके दृढ़ संकल्प को नहीं बदल सकी।। जैसे कि इंद्र देवता इनकी परीक्षा ही ले रहे थे।आखिरकार आंदोलनकारियों की जीत हुई।जिस दिन का इंतजार करते करते आज आदिवासियों की चौथी पीढ़ी आंदोलन में शामिल हो चुकी है, वह दिन अब आ गया है।
 इस अवसर पर उमरा देहान के आसपास के आदिवासी गाँव वालों ने एक-एक किलो धान इकट्ठा कर आंदोलन के जनक डॉ राममनोहर लोहिया की मूर्ति बनवाई है, उसका अनावरण दिन:11बजे होगा। कार्यक्रम में लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक रघु ठाकुर ,आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह,श्रीमती अंबिका मरकाम-विधायक सिहावा, पूर्व विधायक अरुण वोरा-प्रदीप चौबे ,गुरदयाल बंजारे श्रवण मरकाम  वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर, जयंत तोमर मातामणि तिवारी अरुण प्रताप सिंह विभिन्न राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय तथा प्रदेश पदाधिकारीयों को भी आमंत्रित किया गया है।कार्यक्रम में आंदोलन के सभी सहयोगियों तथा उनके परिवारजनों को भी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घेरा साय सरकार को

  रायपुर / शौर्यपथ /
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश है एक तरफ किसानों को रबी फसल की कीमत नही मिल रही हैं किसानों का फसल को नुकसान हुआ लेकिन अभी तक मुआवजा नही मिला है और साय सरकार ने समय में बिजली और पानी उपलब्ध नही कराया है। इस कारण किसानों को बहुत नुकसान हुआ है सरकार के द्वारा कोई सर्वे नही कराया गया है। मंडी बंद है धान की खरीदी नहीं हो रही है। इस साल किसान राईस मिलरों को 1400-1500 रुपये में क्विंटल की दर में धान बेचने को बाध्य हुये। किसान बरसात की फसल के लिये तैयारी कर रहे है लेकिन बीज और खाद की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके कारण किसानों को बहुत ही ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ेगा। नकली खाद मार्केट में आ गया है और किसान से जुड़े संगठन भी आंदोलन कर रहे है। कवर्धा में गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ना की कीमत नही मिल रही है। पिछले समय 4 महीने गन्ना खरीदी होती थी पर इस साल सिर्फ 44 दिन खरीदी हुयी है और जो गन्ना की खरीदी हुयी उसका भी भुगतान नहीं हुआ है। साय सरकार किसान विरोधी सरकार है।
सुशासन त्यौहार चल रहा है आवेदन ले लिया है और पावती नहीं दिये है। मस्तूरी विधानसभा में आयोजित सुशासन तिहार में जनता ने पूर्व में दिये आवेदन के निराकरण की जानकारी मांगी तो अधिकारियों ने पावती मांगी, जबकि आवेदन लेते समय पावती नहीं दी गयी थी जिससे जनता आक्रोशित हुई अधिकारी भाग गये। दूसरी तरफ भाजपा के नेता वसूली करने में लगे हुये है। खदानों में अवैध खनन चल रहा है। कोयला, लोहा में कमीशनखोरी चल रहा है। अब तो विभागों में 30 प्रतिशत की कमीशन से काम हो रहा है। हद तो तब हो जाती जब मुख्यमंत्री के परिवार के लोग जाकर दारू और मुर्गा की मांग करते है नहीं देने वालों पर कार्यवाही हो जाती है। इससे निचले स्तर की बात नही हो सकती।

सरकार द्वारा नक्सली अभियान चलाया जा रहा सरकार को स्पष्ट करना चाहिये नक्सली कितने मारे गये और उसमे ग्रामीण तो मरे नही है। क्योकि पिछले समय ग्रामीणों की भी हत्या हो गयी थी। पिछले साल तेंदूपत्ता तोड़ने गये 3 ग्रामीणों को मार दिया गया था। सरकार के तरफ से उन लोगों को मुआवजा भी नहीं मिला। नक्सली मामले में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का अलग बयान आता है, यह स्थिति है सरकार की।

रमन सरकार के 15 साल में बहुत सारी शासकीय कार्यक्रम हुये है उनकी भी जांच होनी चाहिये। अभी साय सरकार के कार्यकाल की भी जांच होनी चाहिये। निगम मंडल अध्यक्ष के शपथ ग्रणह कार्यक्रम में लाखों खर्च हुये है उसकी भी जांच होनी चाहिये। भाजपा सरकार को भूपेश बघेल के हर फैसले का पलटना जरूरी लगता है। लेकिन अभी तक बिजली बिल हाफ योजना नहीं पलट पाये। हाट बाजार योजना नहीं पलट पाये 35 किलो हर परिवार की योजना नहीं पलट पाये। जब हमारी सरकार थी तब हमने तेंदूपत्ता 4000 रूपये में खरीदी की लेकिन इस सरकार में तेंदूपत्ता का पैसा नही दे पाये है। मनरेगा बंद है मजदूर काम मांग रहे है यहां के लोग सीमावर्ती राज्य में जाकर काम मांग रहे है सरकार को मनरेगा में काम देना चाहिये। छत्तीसगढ़ में पलायन शुरू हो गया है।

पहलगाम में 26 लोगों की मौत हो गयी थी सरकार ने सुरक्षा क्यों नही दिया और जब  युद्ध हो रहा था तब ट्रंप बीच में आकर सीजफायर हमने कराया बोल रहे है और कश्मीर के बारे में बात किया जायेगा जबकि हमने अपने लोगों को खोया है सरकार को स्वतंत्र फैसला लेना चाहिये। सरकार को बताना चाहिये कि पुलवामा हमले में आरडीएक्स कहां से आया था। सरकार के पास कोई नीति नहीं है। अभी अघोषित आपातकाल लगा हुआ है सरकार से सवाल पूछने पर सीधे जेल में डाल देते है भारत प्रजातांत्रिक देश है सबको बोलने का पूरा अधिकार है।

झीरम और पहलगाम में जो समानता है कि दोनों जगह सुरक्षा नही था। झीरम घाटी में नाम पूछकर मारे और पहलगाम में धर्म पूछकर मारे। आज तक नक्सली और आतंकवाद हमले में ऐसा नहीं मिलेगा कि नाम और धर्म पूछकर मारा गया हो। झीरम मामले में हमने एसआईटी गठन किया गया था लेकिन एनआईए ने उसका विरोध किया था एफआईआर में नाम गायब हो जाते है सरकार में यह स्थिति है। भाजपा की केंद्र सरकार ने हमे जांच करने नहीं दिया।

  दुर्ग / शौर्यपथ /
  नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत बारिश से पहले चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत सुबह शुक्रवार को वार्ड 38 बैधनाथ पारा से महावीर कालोनी,शुभम नगर क्षेत्र में विशेष सफाई अभियान चलाया गया। इस दौरान नालियों की सफाई कर कचरा उठाया गया। निगम कमिश्नर सुमीत अग्रवाल ने एमआईसी प्रभारी नरेंद्र बंजारे, पार्षद रामचंद सेन,उपअभियंता विनोद मांझी,उपअभियंता उमायन्ती ठाकुर,पीआईयू कुणाल,सहायक स्वास्थ्य अधिकारी पंकज चंद्रवंशी के साथ सफाई व्यवस्था का जायजा लिया।
  कमिश्नर ने पार्षद के साथ वार्ड क्षेत्र बड़ी व छोटी नालियों की वृहद रुप से सफाई के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्र सहित अन्य चौराहों का निरीक्षण कर नगर निगम के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। आयुक्त ने कहा कि मानसून के पहले शहर के सभी 60 वार्डों, जलभराव वाले इलाकों में वृहद सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
  उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत महावीर कालोनी  सहित शुभम नगर के अलावा बैधनाथ पारा में नाले-नालियों की सफाई सुनिश्चित होगी। कमिश्नर ने कहा कि क्षेत्र के नाली को बेहतर सफाई करवाये साथ ही नाली सफाई के दौरान दिक्कत होने पर पुराने ओर बंद हो चुके नल कनेक्शन को हटवाए जाएंगे।उन्होंने क्षेत्र में छोटी नाली सहित टूटी हुई नालियों को चिन्हित कर जल्द प्रस्ताव बनाने अधिकारियों को निर्देशित किया।उन्होंने कहा कि खाली प्लॉट वालो को नोटिस जारी कर प्लॉट के मालिकों को कहे अपने निजी भूमि पर बाउंड्रीवाल बनवाये नही करने जुर्माना की कार्रवाही की जाएगी।

दुर्ग /शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत बारिश से पहले चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत सुबह शुक्रवार को वार्ड 38 बैधनाथ पारा से महावीर कालोनी,शुभम नगर क्षेत्र में विशेष सफाई अभियान चलाया गया। इस दौरान नालियों की सफाई कर कचरा उठाया गया। निगम कमिश्नर सुमीत अग्रवाल ने एमआईसी प्रभारी नरेंद्र बंजारे, पार्षद रामचंद सेन,उपअभियंता विनोद मांझी,उपअभियंता उमायन्ती ठाकुर,पीआईयू कुणाल,सहायक स्वास्थ्य अधिकारी पंकज चंद्रवंशी के साथ सफाई व्यवस्था का जायजा लिया।
कमिश्नर ने पार्षद के साथ वार्ड क्षेत्र बड़ी व छोटी नालियों की वृहद रुप से सफाई के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्र सहित अन्य चौराहों का निरीक्षण कर नगर निगम के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। आयुक्त ने कहा कि मानसून के पहले शहर के सभी 60 वार्डों, जलभराव वाले इलाकों में वृहद सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत महावीर कालोनी  सहित शुभम नगर के अलावा बैधनाथ पारा में नाले-नालियों की सफाई सुनिश्चित होगी। कमिश्नर ने कहा कि क्षेत्र के नाली को बेहतर सफाई करवाये साथ ही नाली सफाई के दौरान दिक्कत होने पर पुराने ओर बंद हो चुके नल कनेक्शन को हटवाए जाएंगे।उन्होंने क्षेत्र में छोटी नाली सहित टूटी हुई नालियों को चिन्हित कर जल्द प्रस्ताव बनाने अधिकारियों को निर्देशित किया।उन्होंने कहा कि खाली प्लॉट वालो को नोटिस जारी कर प्लॉट के मालिकों को कहे अपने निजी भूमि पर बाउंड्रीवाल बनवाये नही करने जुर्माना की कार्रवाही की जाएगी।

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