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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय करेंगे छत्तीसगढ़ का वैश्विक मंच पर नेतृत्व
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ अब विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाने जा रहा है। जापान के ओसाका वर्ल्ड एक्सपो 2025 में राज्य अपनी सांस्कृतिक धरोहर, औद्योगिक विकास और निवेश-अनुकूल वातावरण को दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा। इस आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को विशेष आमंत्रण प्राप्त हुआ है, जो न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है।
13 अप्रैल से 13 अक्टूबर 2025 तक आयोजित यह विश्व स्तरीय आयोजन “Designing Future Society for Our Lives” विषय पर आधारित है। इसके तीन प्रमुख उप-विषय—“Saving Lives”, “Empowering Lives” और “Connecting Lives”—हैं। एक्सपो की व्यापक अवधारणा “People’s Living Lab” है, जो वैश्विक नवाचार, सह-निर्माण और सतत विकास के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है। इस आयोजन में 160 से अधिक देश और 9 अंतरराष्ट्रीय संगठन भाग ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि –
“छत्तीसगढ़ की भागीदारी न केवल हमारी सांस्कृतिक और तकनीकी उपलब्धियों को विश्व पटल पर प्रदर्शित करेगी, बल्कि औद्योगिक विकास और निवेश-अनुकूल गंतव्य के रूप में राज्य की स्थिति को भी और अधिक मजबूत बनाएगी।”
भारत मंडप और छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान
भारत सरकार के सहयोग से “भारत मंडप” शीर्षक वाला भारतीय पैवेलियन भी इस आयोजन का केंद्र बिंदु होगा, जहां प्राचीन भारतीय ज्ञान और आधुनिक नवाचार का संगम प्रस्तुत किया जा रहा है। यहां योग सत्र, भरतनाट्यम प्रस्तुतियां, बॉलीवुड फिल्म स्क्रीनिंग और भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को दर्शाता विशेष चंद्रयान ज़ोन दर्शकों को आकर्षित कर रहा है।
इसी बीच छत्तीसगढ़ ने अपनी विश्व प्रसिद्ध ढोकरा कला से अंतरराष्ट्रीय दर्शकों का मन मोह लिया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के तहत प्रदर्शित यह धातु कला राज्य की शिल्पकला और परंपरा की अनूठी पहचान बन चुकी है।
युमेशिमा आइलैंड पर होगा राज्य का विशेष स्टॉल
छत्तीसगढ़ को भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) के आमंत्रण पर युमेशिमा आइलैंड, कोनोहनाकु स्थित विशाल एक्सपो परिसर में राज्य स्तरीय स्टॉल स्थापित करने का अवसर मिला है। यहां राज्य अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ आधुनिक औद्योगिक और तकनीकी प्रगति को भी प्रदर्शित करेगा। इस दौरान छत्तीसगढ़, भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के साथ भी सहयोग कर रहा है।
वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में उभरता छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दोहराया कि छत्तीसगढ़ की उपस्थिति वर्ल्ड एक्सपो 2025 में न केवल राज्य की उपलब्धियों को नई पहचान दिलाएगी, बल्कि छत्तीसगढ़ को वैश्विक औद्योगिक विकास के मानचित्र पर एक उभरते निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करेगी।
यह अवसर न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत की नई तस्वीर—आधुनिक, आत्मनिर्भर और वैश्विक साझेदारी को अपनाने वाला भारत—को विश्व समुदाय के सामने प्रस्तुत करेगा। ढोकरा कला से लेकर आधुनिक उद्योगों तक, छत्तीसगढ़ अब दुनिया के सामने अपनी संभावनाओं, परंपराओं और प्रगति की दमदार कहानी कहने के लिए तैयार है।
18 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया देश की आर्थिक मजबूती का प्रमाण
रायपुर / shouryapath / वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी S&P Global Ratings द्वारा भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ तथा अल्पकालिक रेटिंग को ‘A-3’ से ‘A-2’ कर स्थिर दृष्टिकोण (Stable Outlook) के साथ अपग्रेड किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह अपग्रेड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक नीतियों की मजबूती, राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक निवेशकों के अटूट विश्वास का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री साय ने इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह अपग्रेड 18 वर्षों बाद हुआ है, S&P ने आखिरी बार जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग बढ़ाई थी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस वर्ष हुआ यह रेटिंग अपग्रेड यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत की मजबूत आर्थिक नीतियों, राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक निवेशकों के विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि देश के आर्थिक सामर्थ्य और हर भारतीय के बेहतर जीवन के प्रति मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का वैश्विक प्रमाण है।
नासिक / शौर्यपथ / सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन सीबीआईने महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के इगतपुरी स्थित रेनफॉरेस्ट रिसॉर्ट में चल रहे अवैध कॉल सेंटर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यह कॉल सेंटर अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों के नागरिकों को ठगने में लिप्त था।
सीबीआईने 8 अगस्त 2025 को मुंबई निवासी छह निजी आरोपियों और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप है कि आरोपी मिलकर अमेज़न सपोर्ट सर्विसेज कॉल सेंटर के नाम पर फर्जी कॉल कर विदेशी नागरिकों को गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ठगते थे।
छापेमारी के दौरान सीबीआई को कॉल सेंटर में काम कर रहे लगभग 60 ऑपरेटर मिले, जिनमें डायलर, वेरिफायर और क्लोज़र शामिल थे। उस समय विदेशी नागरिकों से ठगी की प्रक्रिया लाइव चल रही थी।
कार्रवाई में 44 लैपटॉप, 71 मोबाइल फोन, ₹1.20 करोड़ नकद, 500 ग्राम सोना और ₹1 करोड़ की सात लग्जरी कारें बरामद हुईं। डिजिटल साक्ष्यों के साथ लगभग 5000 USDT (₹5 लाख) की क्रिप्टोकरेंसी और 2000 कनाडाई डॉलर (₹1.26 लाख) के गिफ्ट वाउचर भी पकड़े गए।
अब तक सीबीआईने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है — विशाल यादव, शेबाज़, दुर्गेश, अभय राज उर्फ राजा और समीर उर्फ कालिया उर्फ सोहैल। मामले में अन्य आरोपियों और धन के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा है, जो भारत से संचालित होकर विदेशी नागरिकों को निशाना बना रहा था।
विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी सना, छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का क्षण
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) की महिला बॉक्सर सना माचू को भारतीय बॉक्सिंग टीम में चयनित होने पर हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि सना का चयन न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। बिलासपुर रेल मंडल में सीसीटीसी के पद पर पदस्थ सना माचू अब इंग्लैंड के लिवरपूल में 4 से 14 सितंबर तक आयोजित होने वाली विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की बेटियों की बढ़ती प्रतिभा, मेहनत और आत्मविश्वास का प्रतीक है। उन्होंने विश्वास जताया कि सना अपने दमदार प्रदर्शन से देश का नाम विश्व पटल पर रोशन करेंगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी। मुख्यमंत्री ने सना को चैंपियनशिप के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू; विभागीय प्रगति, शहरी विकास और छत्तीसगढ़ के जमीनी मुद्दों पर हुई विस्तृत चर्चा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर प्रधानमंत्री को दी बधाई; शहरी फैलाव, भूमि अधिकार और योजना समन्वय पर रखे अहम सुझाव
नई दिल्ली /रायपुर / शौर्यपथ /
भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तथा बिलासपुर लोकसभा सांसद तोखन साहू ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने प्रधानमंत्री को आतंकवाद विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल संचालन के लिए बधाई दी। यह अभियान देश में सक्रिय आतंकवादी खतरों को समाप्त करने के उद्देश्य से चलाया गया था। श्री साहू ने प्रधानमंत्री के निर्णायक नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान भारत की "आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता" की नीति और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता का परिचायक है।
इस अवसर पर साहू ने प्रधानमंत्री को आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत चल रही प्रमुख आवासीय और शहरी विकास योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी और छत्तीसगढ़ राज्य की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत चर्चा की।
श्री साहू ने प्रधानमंत्री को बताया कि देशभर में अराजक शहरी विस्तार (अर्बन स्प्रॉल) एक गंभीर चुनौती बन चुका है। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि निजी कारों पर निर्भरता को कम करने और मिश्रित-प्रयोजन विकास (जहां आवासीय, वाणिज्यिक और सार्वजनिक उपयोग के स्थान एक साथ हों) को बढ़ावा देकर इस विस्तार पर अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि "हमारा ध्यान जन-परिवहन उन्मुख विकास (ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट) पर है, जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों का समावेश होता है। इससे निजी वाहनों की निर्भरता कम होती है। विभिन्न शोधों से स्पष्ट है कि इस प्रकार की योजना से कार उपयोग में 20% से 50% तक की कमी लाई जा सकती है, जिससे शहरी भीड़ घटेगी और सतत शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।"
बैठक में प्रधानमंत्री ‘सूर्य गृह मुफ्त बिजली योजना’ को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएम-आवास) से जोड़ने के विषय पर भी चर्चा हुई। श्री साहू ने प्रस्ताव रखा कि इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली निःशुल्क बिजली को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित सभी घरों में लागू किया जाए। इससे बिजली के वितरण की लागत घटेगी, टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा और लाभार्थी ऊर्जा दक्ष घरों में निवास कर सकेंगे। साथ ही, सरकारी सब्सिडी युक्त लघु ऋणों तक उनकी पहुंच सुगम हो सकेगी जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
श्री साहू ने प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ राज्य की जमीनी स्थिति और क्षेत्रीय चुनौतियों से भी अवगत कराया। उन्होंने सामाजिक-आर्थिक विकास, शहरी योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की भूमिका और जटिल भूमि विवादों पर चर्चा की।
विशेष रूप से "बड़े झाड़ का जंगल" से लगे क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि वहां की बस्तियों में लोग दो से तीन पीढ़ियों से निवासरत हैं, लेकिन उन्हें वैध स्वामित्व नहीं मिल पा रहा है। इससे वे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं और अतिक्रमी माने जाने के कारण बेदखली का खतरा बना रहता है। ये क्षेत्र जल, बिजली, और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं क्योंकि उनका दर्जा अभी भी वन क्षेत्र का है और इसलिए शहरी योजनाओं में उन्हें प्राथमिकता नहीं मिलती। छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों में ऐसे भूमि विवाद सामाजिक तनाव का कारण बनते हैं।
श्री साहू ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम, 2006 में हाल ही में किए गए संशोधन अब इन निवासियों को कानूनी स्वामित्व दिलाने में सहायक होंगे, जिससे वे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने गैर-महत्वपूर्ण वन भूमि के प्रबंधन, दस्तावेज प्रक्रिया को सरल बनाने, और पूरक वृक्षारोपण जैसी रणनीतियों के माध्यम से वन विभाग एवं शहरी विकास एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में विचारों का रचनात्मक आदान-प्रदान हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री ने सभी विषयों पर मार्गदर्शन दिया और आवास तथा शहरी बुनियादी ढांचे के सतत विकास में केंद्र की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना, क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नागरिक पीछे न छूटे।
श्री साहू ने प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता, समावेशी विकास की प्रतिबद्धता, और "सबका साथ, सबका विकास" के मूल मंत्र को चरितार्थ करने के प्रति आभार प्रकट किया, जो यह सुनिश्चित करता है कि भारत की प्रगति का लाभ हर वर्ग तक पहुंचे।
रायपुर / शौर्यपथ /
भारतीय कृषि में जैविक और अजैविक तनाव प्रबंधन तथा नीतियों पर दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र का आयोजन 21 और 22 जुलाई को आईसीएआर–राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएसएम), रायपुर में हुआ। यह कार्यक्रम आईसीएआर–राष्ट्रीय अजैविक तनाव प्रबंधन संस्थान (एनआईएएसएम), बारामती और भारतीय कृषि अर्थशास्त्र सोसायटी (आईएसएई), मुंबई के सहयोग से तथा नाबार्ड, रायपुर के आंशिक समर्थन से आयोजित किया गया।
सत्र में देशभर के करीब 70 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें प्रमुख वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री और नीति निर्माता शामिल थे। उन्होंने कृषि में जैविक (कीट, रोग, आक्रामक प्रजातियां) और अजैविक (सूखा, लवणता, बाढ़, ताप) तनावों के प्रबंधन के विज्ञान आधारित दृष्टिकोण पर चर्चा की। इस अवसर पर भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों के लिए एक नीति पत्र तैयार करने पर सहमति बनी।
उद्घाटन सत्र में डॉ. एच.सी. शर्मा, पूर्व कुलपति, एचपीकेवी, पालमपुर; डॉ. पी.के. चक्रवर्ती, पूर्व एडीजी (पीपी एंड बी), सदस्य, एएसआरबी; डॉ. पी.के. राय, निदेशक, एनआईबीएसएम; डॉ. के. सम्मी रेड्डी, निदेशक, एनआईएएसएम; डॉ. डी.के. मारोठिया, अध्यक्ष, आईएसएई; श्री ज्ञानेंद्र मणि, सीजीएम, नाबार्ड और डॉ. ए. अमरेंद्र रेड्डी, संयुक्त निदेशक, एनआईबीएसएम ने विचार व्यक्त किए।
इस दौरान तनाव प्रबंधन पर आधारित दो प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया।
तकनीकी सत्रों में जैविक तनाव प्रबंधन में वैज्ञानिक और नियामक नवाचार पर डॉ. एच.सी. शर्मा, जैविक तनाव के लिए नीति और संस्थागत रणनीतियों पर डॉ. पी.के. चक्रवर्ती, अजैविक तनाव के लिए तकनीकी हस्तक्षेप पर डॉ. अंजनी कुमार (आईएफपीआरआई) और अजैविक तनाव लचीलापन बढ़ाने की रूपरेखाओं पर डॉ. के.एल. गुर्जर (डीपीपीक्यूएस) ने प्रस्तुतियां दीं।
चर्चाओं से तैयार नीति पत्र भविष्य में शोध, निवेश और राष्ट्रीय कार्यक्रमों को दिशा देगा। कार्यक्रम का समापन डॉ. के. श्रीनिवास द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी प्रतिभागियों और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया।
नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025
भारत ने आज अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और स्वर्णिम अध्याय लिखा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से 18 दिन की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर 15 जुलाई को सफलतापूर्वक लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को आज भारत सरकार के मंत्रिमंडल ने सामूहिक रूप से अभिनंदन किया और इस उपलब्धि को "राष्ट्रीय गौरव का क्षण" बताया।
मंत्रिमंडल की बैठक में कहा गया कि ग्रुप कैप्टन शुक्ला की यह उड़ान न केवल भारत की तकनीकी और वैज्ञानिक श्रेष्ठता का प्रतीक है, बल्कि यह अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को भी दर्शाता है।
इस मिशन की शुरुआत 25 जून 2025 को हुई थी, जिसमें शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट के रूप में Axiom-4 क्रू के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे। यह पहली बार था जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISS पर गया। उनका यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से ऐतिहासिक रहा, बल्कि यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक निर्णायक मोड़ भी साबित हुआ।
ISS पर रहते हुए उन्होंने Expedition 73 के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर माइक्रोग्रैविटी में मानव मांसपेशियों की पुनर्रचना, शैवाल और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि, फसलों की अनुकूलता, और सायनोबैक्टीरिया के व्यवहार जैसे उन्नत वैज्ञानिक प्रयोगों में योगदान दिया। इसके अलावा, अंतरिक्ष में मानव संज्ञानात्मक क्षमताओं पर पड़ने वाले प्रभावों का भी अध्ययन किया गया।
सरकार ने इस उपलब्धि के लिए ISRO, DRDO और वैज्ञानिकों की टीम को भी विशेष बधाई दी, जिनके समर्पण और तकनीकी कौशल ने इस मिशन को संभव बनाया।
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की और कहा कि उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण, स्पेस प्रोग्राम में गहरी आस्था और निर्णायक नीतियों ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर किया है।
सरकार ने यह भी रेखांकित किया कि बीते वर्षों में भारत ने कई अंतरिक्ष उपलब्धियाँ हासिल की हैं—
23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग,
आदित्य-L1 मिशन द्वारा सूर्य पर महत्वपूर्ण शोध,
और स्पेस सेक्टर में सुधारों के चलते 300 से अधिक स्टार्टअप्स का उदय।
इन उपलब्धियों ने भारत की स्पेस इकॉनॉमी, रोजगार, और इनोवेशन इकोसिस्टम को नई गति दी है।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला की सफलता को मंत्रिमंडल ने युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का प्रतीक बताया। सरकार का मानना है कि इससे बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच का विकास होगा और वे साइंस व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर बनाने को प्रोत्साहित होंगे।
गगनयान मिशन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए, यह मिशन भारत के लिए भविष्य के बड़े लक्ष्य हासिल करने की ओर एक मजबूत कदम है।
अंत में, मंत्रिमंडल ने इस उपलब्धि को "विकसित भारत 2047" के विजन के लिए एक प्रेरक ऊर्जा बताया और विश्वास जताया कि भारत अंतरिक्ष में विश्व की अग्रणी शक्तियों में एक बनकर उभरेगा।
?️ गौरवशाली भारत, उन्नत अंतरिक्ष विज्ञान
? "ये सिर्फ एक मिशन नहीं, ये भारत की अंतरिक्ष यात्रा का स्वर्णिम मोड़ है" – मंत्रिमंडल
युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम
?️ नई दिल्ली / शौर्यपथ संवाददाता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर में आयोजित 16वें रोजगार मेले में विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थानों में 51,000 से अधिक नवचयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि “रोजगार केवल नौकरी नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में योगदान का माध्यम है।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे रोजगार मेला अभियान के माध्यम से अब तक लाखों युवाओं को स्थाई सरकारी रोजगार दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य केवल रोजगार प्रदान करना नहीं है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें देश के विकास में सक्रिय भागीदार बनाना है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार का लक्ष्य केवल आर्थिक समृद्धि नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग तक अवसरों की समान पहुंच सुनिश्चित करना है। रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को सक्षम, प्रशिक्षित और संगठित बनाकर उन्हें ‘विकसित भारत’ के निर्माण में शामिल किया जा रहा है।
सरकार ने इस अभियान को व्यापक रूप देने के लिए केंद्रीय बजट में लगभग ₹1 लाख करोड़ का विशेष प्रावधान किया है। इसके माध्यम से लगभग 3.5 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित किए जाने की संभावना जताई गई है।
16वां राष्ट्रीय रोजगार मेला देशभर में आयोजित
प्रधानमंत्री मोदी ने 51,000 नियुक्ति पत्र सौंपे
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवचयनितों को संबोधित किया
1 लाख करोड़ की बजट योजना से 3.5 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य
युवाओं को राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनाने की पहल
लखनऊ/शौर्यपथ संवाददाता
लखनऊ के चौक स्थित प्रसिद्ध बड़ी काली जी मंदिर परिसर में एक नए ब्लॉक के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में महिला सैनिकों और पायलटों की अहम भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से भारतीय सेना पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने में सफल रही।
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर महिला शक्ति को राष्ट्र की रक्षा और गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "आज भारतीय सेना में महिलाएं केवल सहयोगी नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' इसका सजीव उदाहरण है।"
राजनाथ सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि इस वर्ष कारगिल विजय की 26वीं वर्षगांठ है। उन्होंने कैप्टन मनोज पांडे सहित उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने भारत माता की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
उन्होंने बताया कि कैप्टन मनोज पांडे जिस गोरखा राइफल्स रेजीमेंट से जुड़े थे, उसका नारा है — "जय महाकाली, आयो गोरखाली", जो न केवल एक युद्धघोष है बल्कि वीरता और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक भी है।
अपने संबोधन में मंत्री ने यह भी कहा कि देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को भव्य बनाने की दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा:
“काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर, सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण और अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर — ये सब उसी मिशन का हिस्सा हैं, जिससे हमारी संस्कृति और आस्था को वैश्विक पहचान मिल रही है।”
राजनाथ सिंह ने इस मौके पर लखनऊ स्थित महाकाली मंदिर को भी और अधिक भव्य और दिव्य रूप देने के लिए सार्वजनिक सहभागिता की अपील की।
? मुख्य बिंदु:
ऑपरेशन सिंदूर में महिला सैनिकों की भूमिका को सराहना
कारगिल युद्ध की 26वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि
गोरखा राइफल्स और कैप्टन मनोज पांडे का उल्लेख
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की बात