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नई दिल्ली / शौर्यपथ / सिंगापुर में गर्मी की छुट्टियां मनाने गए दो भारतीय युवकों को वहां के कड़े कानून का सामना करना पड़ा है। सिंगापुर की एक अदालत ने 23 वर्षीय अरोकियासामी डाइसॉन और 27 वर्षीय राजेंद्रन को दो सेक्स वर्कर्स के साथ मारपीट और लूटपाट के मामले में 5 साल 1 महीने की सख्त कैद और 12 कोड़े मारने की सजा सुनाई है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, दोनों युवक 24 अप्रैल 2025 को सिंगापुर पहुंचे थे। वहां एक अज्ञात व्यक्ति के जरिए उनकी मुलाकात दो अलग-अलग सेक्स वर्कर्स से हुई। दोनों ने पहले होटल में एक महिला से मिलकर उसके हाथ-पैर बांध दिए, उसके साथ मारपीट की और कैश, गहने, पासपोर्ट तथा बैंक कार्ड लूट लिए। इसी रात इन्होंने दूसरे होटल में एक अन्य महिला को भी निशाना बनाया, उससे भी कैश, मोबाइल फोन और पासपोर्ट छीन लिए, और जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस कार्रवाई व अदालती सजा -
घटना के अगले ही दिन दोनों पीड़िताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्यवाही करते हुए दोनों भारतीय युवकों को गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया और वित्तीय तंगी का हवाला देकर सजा कम करने की अपील की, जिसे अदालत ने सिरे से खारिज कर दिया।
अदालत की टिप्पणी और सिंगापुर का कानून
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह अपराध केवल लूटपाट नहीं, बल्कि गंभीर हिंसा की श्रेणी में आता है। इस मामले में दी गई सजा सिंगापुर में अपराध के प्रति लागू 'जीरो टॉलरेंस' नीति और वहां के सख्त कानूनों का प्रमाण है। ऐसे मामलों में सिंगापुर सरकार अपराधियों के लिए किसी भी प्रकार की राहत नहीं देती है, जिससे देश को सुरक्षित रखा जा सके।
पूरे साल देशवासियों को 2.5 लाख करोड़ की बचत, त्योहार पर हर वर्ग को राहत
नई दिल्ली /एजेंसी /
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार रात राष्ट्र के नाम ऐतिहासिक संबोधन में घोषणा की कि 22 सितंबर से देशभर में ‘GST बचत उत्सव’ आरंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने जीएसटी ढांचे को और सरल, सुगम और नागरिक हितैषी बनाया है। इससे हर परिवार को पूरे साल करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की सीधी बचत होगी।”
दो GST स्लैब, सस्ता हुआ अधिकांश सामान
सरकार ने जीएसटी दरों में बड़े बदलाव करते हुए अब सिर्फ दो मुख्य स्लैब—5% और 18%—रखे हैं। इससे पहले के 12% और 28% स्लैब को समाप्त कर दिया गया है। अधिकांश रोजमर्रा के सामान, जिन पर पहले 12% लगता था, अब 5% की श्रेणी में आएंगे। पुराने 28% स्लैब वाले वस्त्रों और सामानों में से 90% उत्पाद अब 18% श्रेणी में स्थानांतरित होंगे। केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पाद जैसे तंबाकू आदि ही अब अधिकतम 40% टैक्स स्लैब में रहेंगे।
करोड़ों परिवारों को सीधा फायदा—हर वर्ग की जेब में राहत
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी में किए गए इन सुधारों से गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, युवा, व्यापारी, महिलाएं—हर वर्ग लाभान्वित होगा। त्योहारों के इस मौसम में खरीदारी और खर्च करना ज्यादा आसान होगा, जिससे हर परिवार की खुशियां बढ़ेंगी।
व्यापारी और उद्योगों के लिए खुशखबरी
कारोबारियों, छोटे उद्यमों, एमएसएमई को दोहरा लाभ—कम टैक्स और ज्यादा बिक्री—मिलने जा रही है। कई ऑटो, एफएमसीजी कंपनियों ने तुरंत कीमतें कम करने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने कहा, "अब लघु उद्योगों की प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी; जिससे नौकरियां भी सृजित होंगी।"
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सबका साथ
प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से स्वदेशी वस्त्रों, उत्पादों और तकनीक के इस्तेमाल का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा, “नागरिक देवो भवः, अपने देशवासियों की आर्थिक समृद्धि ही भारत का उत्थान है।”
निवेश, विकास और एकता का नया रास्ता
सरकार को विश्वास है कि इन जीएसटी सुधारों से भारत का आर्थिक ढांचा और सरल बनेगा, निवेश बढ़ेगा और हर राज्य को एक मंच पर बराबरी का मौका मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में त्योहार के इस शुभारंभ को ‘नये भारत’ की दिशा में ऐतिहासिक तपस्या बताया और पूरे देश को बधाई दी।
दुर्ग। शौर्यपथ विशेष।
छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने 15 से 16 सितम्बर तक गुजरात प्रवास कर शिक्षा और तकनीक से जुड़े मॉडल का गहन अध्ययन किया। इस दौरान अहमदाबाद स्थित भास्कराचार्य अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG), पुंद्राशन प्राथमिक शाला, गांधीनगर स्थित विद्या समीक्षा केंद्र सहित अनेक स्थानों का निरीक्षण कर तकनीक-आधारित स्मार्ट क्लास, डिजिटल लर्निंग टूल्स और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने वाले नवाचारों का अवलोकन किया।
तकनीक से बदलेगा शिक्षा का स्वरूप
BISAG में शिक्षा और विज्ञान के नवीनतम नवाचारों का अवलोकन करते हुए मंत्री यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी इस प्रकार की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। तकनीक के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी बल्कि दूरस्थ और दुर्गम अंचलों में रहने वाले विद्यार्थियों तक बेहतर शैक्षणिक सामग्री पहुँच सकेगी।
गांधीनगर की पुंद्राशन प्राथमिक शाला में स्मार्ट क्लास और डिजिटल लर्निंग पद्धतियों को देखकर उन्होंने कहा कि गुजरात का यह मॉडल निश्चित ही छत्तीसगढ़ के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।
विद्या समीक्षा केंद्र का अनुभव
विद्या समीक्षा केंद्र के निरीक्षण के दौरान श्री यादव ने माना कि डाटा आधारित निगरानी और विश्लेषण शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और परिणामोन्मुखी बनाता है। शिक्षक उपस्थिति, कक्षाओं की नियमितता और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की जो प्रणाली गुजरात ने अपनाई है, उसका लाभ छत्तीसगढ़ को भी मिलेगा।
शिक्षा मंत्रियों और बुद्धिजीवियों से विमर्श
गुजरात प्रवास के दौरान उन्होंने राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. कुबेर भाई डिन्डोर और राज्य मंत्री श्री प्रफुल पांसेरिया से मुलाकात कर शिक्षा की गुणवत्ता सुधार और तकनीकी नवाचारों पर विस्तार से चर्चा की। इसके अलावा प्रख्यात अभिनेता, लेखक और निर्देशक डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ‘चाणक्य’ से भी भेंट की और उन्हें छत्तीसगढ़ आमंत्रित किया।
छत्तीसगढ़ लौटकर जनता के बीच
गृह क्षेत्र लौटने के बाद मंत्री यादव ने आम नागरिकों और कार्यकर्ताओं से भेंट की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस पर ‘स्वच्छता सेवा पखवाड़ा’ अंतर्गत दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित रक्तदान शिविर में सहभागी होकर रक्तदान को जीवनदायी सेवा बताया।
इसके साथ ही दुर्ग शक्तिनगर वार्ड 18 में आयोजित विश्वकर्मा जयंती समारोह में शामिल होकर भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की और जनवादी राज मिस्त्री मजदूर संघ के लिए व्यवस्थित भवन की घोषणा भी की।
नई सोच, नया संकल्प
मंत्री यादव ने स्पष्ट किया कि गुजरात प्रवास से मिले अनुभवों के आधार पर छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ाने की ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी। आधुनिक तकनीक से जुड़े सुधारात्मक कदमों से विद्यार्थी डिजिटल भविष्य की ओर अग्रसर होंगे और राज्य की शिक्षा व्यवस्था नए आयाम हासिल करेगी।
रायपुर / शौर्यपथ / विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (10 सितम्बर 2025) के अवसर पर एनआईटी रायपुर के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग ने “मूल्य शिक्षा के माध्यम से तनाव प्रबंधन” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संस्थान की निदेशक (प्रभारी) डॉ. ए. बी. सोनी रहीं। इस दौरान डॉ. एस. सान्याल और डॉ. मनोज चोपकर विशेष रूप से उपस्थित थे, जबकि डॉ. हीना चावड़ा, संकाय सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ भी शामिल हुए।
कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने, आत्महत्या से जुड़े मिथकों को तोड़ने और मूल्य-आधारित जीवनशैली अपनाने पर बल दिया गया। डॉ. सोनी ने शिक्षा व्यवस्था में मूल्यों और आध्यात्मिक संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई, वहीं डॉ. चावड़ा ने आत्महत्या और अवसाद के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर चर्चा करते हुए आत्मविश्वास, स्वस्थ रिश्ते और सकारात्मक सोच को जीवन का आधार बताया। छात्रों द्वारा आत्महत्या के कारणों और समाधान पर तैयार वीडियो भी प्रस्तुत किया गया।
संवाद सत्र में डॉ. सान्याल ने छात्रों को शैक्षणिक प्रबंधन और जीवन कौशल पर उपयोगी सुझाव दिए। उन्होंने समय प्रबंधन को सफलता की कुंजी बताते हुए “टू-डू लिस्ट” जैसे साधारण उपायों को अपनाने पर जोर दिया। साथ ही छात्रों को नियमित कक्षाओं में उपस्थिति बनाए रखने, क्लबों और समितियों में सक्रिय भागीदारी करने तथा पसंदीदा गतिविधियों को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल अकादमिक प्रदर्शन को बेहतर बनाती हैं, बल्कि तनाव कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मदद करती हैं।
by PIB Raipur
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ, समारोह में देश के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी - पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी रहे उपस्थित
नई दिल्ली । एजेंसी ।
भारतीय लोकतंत्र के संवैधानिक इतिहास में शुक्रवार का दिन एक नया अध्याय जोड़ गया। वरिष्ठ नेता सी.पी. राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति भवन के भव्य दरबार हॉल में देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह अवसर गौरव और संवैधानिक गरिमा का अद्वितीय संगम बन गया, जहाँ देश की लोकतांत्रिक यात्रा का नया पड़ाव दर्ज हुआ।
शपथ ग्रहण समारोह में कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री, संसद के दोनों सदनों के सदस्य, मुख्य न्यायाधीश, संवैधानिक संस्थाओं के प्रमुख और अनेक राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक रंग दिया। आयोजन स्थल पर देश-विदेश के राजनयिक प्रतिनिधियों और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने इसे और अधिक महत्त्वपूर्ण बना दिया। समारोह में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे, जिन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
संविधान और संवाद की जिम्मेदारी
सी.पी. राधाकृष्णन ने शपथ लेने के बाद अपनी संक्षिप्त अभिव्यक्ति दी और कहा कि वे संविधान की गरिमा बनाए रखने तथा लोकतंत्र की मजबूती के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, “मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि उच्च सदन में संवाद, सहमति और सकारात्मक बहस की परंपरा को और सशक्त बनाया जाए।”
उपराष्ट्रपति बनने के साथ ही राधाकृष्णन राज्यसभा के सभापति के संवैधानिक पद पर भी आसीन हो गए हैं। अब उनके सामने उच्च सदन की कार्यवाही को गरिमा और संयम के साथ संचालित करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।
भव्य लेकिन संयमित आयोजन
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित यह आयोजन परंपरागत गरिमा और सादगी का अद्भुत समन्वय था। राष्ट्रीय गान और औपचारिकताओं के बीच पूरा वातावरण लोकतांत्रिक गरिमा से परिपूर्ण दिखाई दिया। देश की राजनीति, न्यायपालिका और प्रशासन के शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति ने इसे ऐसा अवसर बना दिया, जिसे आने वाले वर्षों तक याद किया जाएगा।
राजनीतिक सफर और अनुभव
सी.पी. राधाकृष्णन का सार्वजनिक जीवन लंबा और विविध रूप से सक्रिय रहा है। विभिन्न संसदीय दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने अपनी सादगी और संगठनात्मक क्षमता से विशेष पहचान बनाई। उन्हें अब उच्च सदन में संवाद को सार्थक दिशा देने और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करनी होगी।
देश की निगाहें अब राज्यसभा पर
विशेषज्ञों का मत है कि उपराष्ट्रपति के रूप में राधाकृष्णन की भूमिका संसद की दिशा तय करने में निर्णायक होगी। देश की निगाहें अब राज्यसभा पर टिकी हैं, जहाँ वे संवाद की नई संस्कृति और लोकतंत्र की मजबूती की राह प्रशस्त करेंगे।
इस प्रकार देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सी.पी. राधाकृष्णन का पदभार ग्रहण भारतीय लोकतंत्र के लिए एक नए संकल्प और नई ऊर्जा का प्रतीक बन गया है।
छत्तीसगढ़ / शौर्यपथ / कृषि उपकरणों पर GST कटौती का फैसला किसानों के लिए ऐतिहासिक राहत है। केंद्र सरकार द्वारा कृषि उपकरणों पर GST दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे किसानों की उपकरण खरीद पर सीधी बचत होगी और आधुनिक खेती अब और सुलभ हो पाएगी.
किसानों को प्रत्यक्ष लाभ
ट्रैक्टर, थ्रेशर, पावर टिलर, सीडर, रोटावेटर, मल्चर, स्प्रेयर, हार्वेस्टर सहित प्रमुख कृषि उपकरण 18% जीएसटी के बजाय अब मात्र 5% जीएसटी के दायरे में आ गए हैं।
45 HP ट्रैक्टर अब लगभग ₹45,000 सस्ता हुआ है तथा कई अन्य मशीनें ₹10,000 से लेकर ₹1,87,500 तक कम कीमत पर उपलब्ध हैं।
सिंचाई, बायोपेस्टिसाइड, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, स्प्रिंकलर्स आदि पर भी टैक्स घटाकर 5% किया गया है।
किसानों के लिए क्या बदलाव आएंगे
छोटी जोत के किसान अब आवश्यक मशीनरी कम कीमत में खरीद सकेंगे, जिससे लागत घटेगी और वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
मशीनरी सस्ती होने से खेती में समय की बचत और उत्पादकता बढ़ेगी, जिससे किसानों की आमदनी में सीधा इजाफा संभावित है।
सरकार के इस फैसले से कृषि क्षेत्र में तकनीकी अपनाने की गति बढ़ेगी और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक ठोस कदम साबित होगा।
अर्थव्यवस्था और कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा
उपकरण कीमतों में आई कमी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा तथा मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को भी लाभ होगा।
जीएसटी दरें घटने के बाद किसान ट्रैक्टर, थ्रेशर आदि उपकरण आसानी से खरीद सकेंगे, जिससे खेती अधिक मुनाफेवाली और वैज्ञानिक होगी।
नई दरों और उनके लाभ पर विस्तृत कीमतें व तुलना आपको संलग्न PDF में मिलेगी। सरकार का यह निर्णय साफ़ तौर पर किसानों की लागत कम कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।
इंजीनियरों की टीम हर हफ़्ते करेगी काम, महानदी पर बनेगा समन्वय का नया ढाँचा
नई दिल्ली / रायपुर / शौर्यपथ /
भारत की एक प्रमुख नदी, महानदी, जो छत्तीसगढ़ से निकलकर ओडिशा होकर बंगाल की खाड़ी तक जाती है, लंबे समय से विवाद का कारण बनी हुई है।
इस लंबे विवाद को बातचीत से हल करने के लिए 30 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में एक अहम बैठक हुई। इसमें छत्तीसगढ़ और ओडिशा के मुख्य सचिवों और जल संसाधन विभाग के सचिवों ने हिस्सा लिया। बैठक में दोनों राज्यों ने माना कि यह समस्या बहुत पुरानी और कठिन है, लेकिन लोगों और दोनों राज्यों के भले के लिए इसका समाधान मिल-बैठकर निकालना ही होगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि सितंबर 2025 से दोनों राज्यों की तकनीकी समितियाँ, जिनमें इंजीनियर और विशेषज्ञ होंगे, हर हफ़्ते बैठक करेंगी। ये समितियाँ मुख्य मुद्दों को पहचानेंगी और उनका हल निकालने की कोशिश करेंगी। साथ ही, वे यह भी देखेंगी कि कैसे दोनों राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाया जा सकता है।
अक्टूबर 2025 में दोनों राज्यों के मुख्य सचिव एक और बैठक करेंगे। इसमें जल संसाधन सचिव भी शामिल होंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो दिसंबर तक दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी मुलाक़ात कर सकते हैं और आगे की दिशा तय करेंगे।
अंत में दोनों राज्यों ने यह वादा किया कि वे ईमानदारी और खुले मन से बातचीत करेंगे, ताकि महानदी जल विवाद का हल ऐसा निकले जो सबके लिए लाभकारी हो।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह पहल सफल रही, तो यह न सिर्फ ओडिशा और छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल होगी कि बड़े और पुराने विवाद भी आपसी बातचीत और सहयोग से सुलझाए जा सकते हैं।
निवेश, तकनीकी हस्तांतरण और स्किलिंग से छत्तीसगढ़ को मिलेगी वैश्विक औद्योगिक पहचान
सियोल/ रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन (KITA) के चेयरमैन श्री जिन सिक युन और वाइस प्रेसिडेंट श्री किम की ह्यून से महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस चर्चा में छत्तीसगढ़ में निवेश, तकनीकी सहयोग और स्किलिंग के नए अवसरों को लेकर सार्थक संवाद हुआ।
KITA एशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक मंच है, जिसके 77,000 से अधिक सदस्य हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति 2024–30, समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, और कुशल मानव संसाधन की क्षमता पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि—
"छत्तीसगढ़ और कोरिया के बीच यह सहयोग केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक व ऐतिहासिक रिश्तों को भी मजबूती देगा। इससे प्रदेश के युवाओं को आधुनिक उद्योगों में अवसर मिलेंगे और औद्योगिक विकास की नई राह खुलेगी।"
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार निवेशकों को सुगम वातावरण, त्वरित स्वीकृतियाँ और आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास जताया कि KITA के साथ यह साझेदारी छत्तीसगढ़ को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगी।
बैठक में KITA के चेयरमैन और वाइस प्रेसिडेंट ने छत्तीसगढ़ की नीतियों को निवेश-अनुकूल बताया और कहा कि कोरियाई कंपनियाँ यहाँ खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, स्टील और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश को लेकर उत्साहित हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस सहयोग से किसानों, श्रमिकों और स्थानीय उद्यमियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
हजारों रोजगार अवसर सृजित होंगे।
तकनीकी हस्तांतरण से स्थानीय उद्योगों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।
युवाओं को स्किलिंग और टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग के वैश्विक अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय अपने 10 दिवसीय विदेश दौरे पर जापान और दक्षिण कोरिया में हैं। इस दौरान वे लगातार वैश्विक निवेशकों से मुलाकात कर रहे हैं और छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए अनुकूल माहौल को मजबूती से प्रस्तुत कर रहे हैं। उनकी यह पहल प्रदेश के लिए औद्योगिक क्रांति के नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।
रायपुर / शौर्यपथ / सेना भर्ती कार्यालय, भोपाल द्वारा आगामी 22 अगस्त से 2 सितम्बर 2025 तक विदिशा के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्टेडियम में सेना भर्ती रैली आयोजित की जाएगी। इस रैली में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभिन्न श्रेणियों के उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
सेना भर्ती कार्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ़) के अंतर्गत केंद्रीय नियंत्रण श्रेणी के पदों—सिपाही फार्मा, सिपाही तकनीकी नर्सिंग सहायक, धर्म गुरु (जेसीओ), जेसीओ कैटरिंग, एजुकेशन हवलदार और हवलदार सर्वेयर ऑटोमेटेड कार्टोग्राफर—की भर्ती प्रक्रिया 31 अगस्त से 1 सितम्बर 2025 को होगी।
इन पदों के लिए केवल वे ही उम्मीदवार पात्र होंगे जिन्होंने सेना द्वारा जून-जुलाई 2025 में आयोजित कॉमन एंट्रेंस एग्जाम (सीईई) उत्तीर्ण किया है। रैली के दौरान अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता, दस्तावेज़ों की जांच और चिकित्सीय परीक्षण किया जाएगा।
भर्ती में शामिल होने वाले योग्य उम्मीदवारों को प्रवेश पत्र शीघ्र ही उनके ई-मेल पर भेज दिए जाएंगे। भर्ती स्थल पर प्रवेश केवल प्रवेश पत्र पर अंकित तिथि और समय के अनुसार ही मिलेगा। विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि अभ्यर्थियों की दौड़ रात्रि 1 बजे से प्रारंभ होगी।
रैली में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड, सभी आवश्यक दस्तावेज़ अधिसूचना अनुसार तथा आधार कार्ड से लिंक मोबाइल फोन साथ लाना अनिवार्य होगा।