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आठ लाख आवास स्वीकृत किये जाने पर सीएम साय ने पीएम मोदी का जताया आभार
नई दिल्ली / रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में पिछले नौ महीनों के दौरान हुए विकास कार्यों की जानकारी दी, जिसमें कृषि, कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में की गई प्रमुख पहलों को रेखांकित किया गया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में हाल ही हुए सफल नक्सल ऑपरेशन की जानकारी प्रधानमंत्री से साझा की। प्रधानमत्री ने इस ऑपरेशन की सफलता पर सुरक्षा बलों के साहस की सराहना की। मुलाकात के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आठ लाख आवास स्वीकृत किये जाने पर श्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री को माओवाद के खिलाफ राज्य में चल रहे ऑपरेशन और विकास कार्यों की प्रगति पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले के हालिया ऑपरेशन का जिक्र करते हुए बताया कि सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया है, जो राज्य में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन है। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ में चल रहे विकास कार्यों का ब्योरा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया राज्य सरकार सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सफलता की प्रशंसा की और कहा कि इससे न केवल राज्य में शांति बहाल हो रही है, बल्कि विकास की राह भी आसान हो रही है।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि बस्तर और आदिवासी अंचलों में युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए सरकार विशेष योजनाएँ चला रही है। इन योजनाओं के तहत युवाओं को विभिन्न तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें। यह पहल राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
कृषि के क्षेत्र में, मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में डिजिटल तकनीक और उन्नत कृषि विधियों का व्यापक प्रयोग हो रहा है। इससे किसानों की उत्पादकता और उनकी आय में वृद्धि हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रयास प्रधानमंत्री के “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य के साथ मेल खाते हैं, और छत्तीसगढ़ इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य ने बड़े बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि आदिवासी अंचलों में बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिससे बच्चों की शैक्षणिक प्रगति में सुधार हो रहा है। साथ ही, तकनीकी शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि राज्य के बच्चे आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित हो सकें और भविष्य के लिए तैयार हो सकें।
प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों की सराहना की और कहा कि राज्य की विकास यात्रा अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने मुख्यमंत्री साय को राज्य की प्रगति के लिए और भी अधिक समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ी संख्या में आवास की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाखों परिवारों को अपने घर का सपना साकार हुआ है, जिससे उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का भाव उत्पन्न होगा।
सेल और एनएमडीसी का प्रोडक्शन बढ़ाने पर विचार-विमर्श
सीएसआर मद के कार्यों को और अधिक गति देने की आवश्यकता
स्थानीय युवाओं के कौशल उन्नयन के अधिक से कार्य किए जाएं
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहां उनके निवास में केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमार स्वामी ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी का अपने निवास में आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने श्री कुमारस्वामी को शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया।
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री श्री कुमारस्वामी के साथ अनौपचारिक चर्चा के दौरान सेल और एनएमडीसी का प्रोडक्शन बढ़ाने, दोनों उपक्रमों और राज्य सरकार के मध्य और बेहतर समन्वय से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों उपक्रमों सेल और एनएमडीसी को सीएसआर मद के कार्यों को और अधिक गति देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नगरनार अंचल में स्थानीय युवाओं के कौशल उन्नयन के अधिक से कार्य किए जाएं, ताकि युवाओं को रोजगार के अच्छे अवसर मिल सकें।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर आये केन्द्रीय मंत्री कुमारस्वामी बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट और भिलाई स्टील प्लांट का निरीक्षण करने के बाद आज राजधानी रायपुर पहुंचे।
सेल के चेयरमेन अमरेन्दु प्रकाश, एनएमडीसी के सीएमडी अमिताव मुखर्जी, मुख्यमंत्री और खनिज साधन विभाग के सचिव पी.दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस. और राहुल भगत, भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक अनिर्बान दासगुप्ता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
रामविचार नेताम नई दिल्ली में आयोजित ' एग्री पंचायत ' कार्यक्रम में हुए शामिल
नई दिल्ली/रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम आज नई दिल्ली में जागरण समूह द्वारा आयोजित ' एग्री पंचायत ' कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां उन्होंने खेती से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए तकनीक आधारित कृषि पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने छत्तीसगढ़ की धान खरीदी व खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था को देश के अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाए जाने की सलाह दी।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी भी उपस्थित रहे।
श्री नेताम ने कहा खेती-किसानी ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ विकसित भारत की संकल्पना को पूरा करने में अपना योगदान दे सकेगा।श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में कृषि के विकास तथा किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किसान हितैषी सोच के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं और आगामी समय में सरकार द्वारा किसानों के हित में और कई नवीन योजनायें शुरू की जाएँगी। कृषि मंत्री ने खेती से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए नवीन अनुसंधानों एवं नवाचारों को अपनाने पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश के लाखों किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने की गारंटी को पूरा किया गया है। इसके लिए 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का भुगतान किसानों के खाते में किया गया, वहीं 24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के तहत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए ट्रांसफर किया गया है। वहीं, छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन में रिकॉर्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। इसके अलावा किसानों को दो साल के धान के बकाया बोनस राशि 3 हजार 716 करोड़ रुपए देने जैसे साहसिक निर्णय लिए गए हैं।
श्री नेताम ने बताया केंद्र सरकार के सहयोग से छत्तीसगढ़ में मिलेट उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। तकनीक का उपयोग पैदावार बढ़ाने पर किया जा रहा है। वैल्यू एडिशन के माध्यम से किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व खाद्यान्न वितरण की बेहतर व्यवस्था है। देश के अन्य राज्यों द्वारा भी अपने यहां इसे अपनाया जा सकता है।
कार्यक्रम में कृषि के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि के लिए किसानों को सम्मानित भी किया गया। पर्ल फार्मिंग के लिए अशोक मानवानी,डेट्स फार्मिंग के लिए सदुला राम चौधरी, खेती में नवाचार के लिए नरेंद्र सिंह मेहरा व रायपुर छत्तीसगढ़ के वैभव चावड़ा को ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग के लिए श्री नेताम के हाथों अवार्ड्स दिए गए।
बस्तर के शिल्पियों द्वारा बुने गए पीले खादी सिल्क से निर्मित किया गया है विशेष परिधान
छत्तीसगढ़वासियों के प्रेम, आस्था और समर्पण का प्रतीक है यह परिधान
रायपुर / शौर्यपथ / प्रभु श्री रामलला अयोध्या मे प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपनी सम्पूर्ण दिव्यता और आभा से सुशोभित हैं। प्राणप्रतिष्ठा के पश्चात पहली जन्माष्टमी में बस्तर के श्रमसाधकों द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए पीले खादी सिल्क से निर्मित शुभवस्त्र से सुशोभित प्रभु श्री रामलला की अलौकिक छटा दर्शनीय है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पुनीत अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ स्थल में श्रीरामलला को छत्तीसगढ़ में निर्मित पीली खादी सिल्क से निर्मित वस्त्र धारण कराना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह वस्त्र बस्तर के शिल्पियों द्वारा निर्मित है। दंडकारण्य जहां मर्यादा पुरुषोत्तम ने अपने वनवास का अधिकांश समय व्यतीत किया, वहां से भेजा वस्त्र धारण करने का समाचार वास्तव में भावुक करने वाला है। भांचा श्रीराम की कृपा उनके ननिहाल पर बरसती रहे यही कामना है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जहां के लोगों ने भगवान श्रीराम और माता कौशल्या का सदैव प्रेम और आशीर्वाद पाया है, यहां की माटी में आज भी वही दिव्यता है जो भगवान राम के चरणों से पवित्र हुई है। छत्तीसगढ़ जिसे प्रभु श्री राम के ननिहाल होने का गौरव है यहां पग-पग में प्रभु श्री राम की यादें दिखाई पड़ती है। बस्तर अंचल जिसे दंडकारण्य भी कहा जाता है, जहां प्रभु राम ने वनवास काल का अधिकांश समय व्यतीत किया है, वहां के शिल्पियों द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर उनके ननिहाल से भेजा गया विशेष परिधान धारण करना छत्तीसगढ़ के जन-जन के लिए गर्व का क्षण है। मामागांव के परंपरागत वस्त्रों में भांचा राम के सुशोभित होने से सभी छत्तीसगढ़वासियों का हृदय गर्व और असीम आनंद से परिपूर्ण है। यह अद्वितीय वस्त्र हमारी परम्पराओं और संस्कारों का प्रतीक है जो भगवान श्री राम और माता कौशल्या को छत्तीसगढ़ की भूमि से जोड़ता है। यह वस्त्र केवल एक परिधान नही, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा, हमारी अडिग आस्था और भांचा राम के प्रति हमारे प्रेम एवम श्रद्धा का प्रतीक है।
भांचा राम के यह वस्त्र केवल धागे से नहीं बल्कि उनके ननिहाल के भक्तों द्वारा श्रद्धा और स्नेह से बुने गए हैं। बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और छत्तीसगढ़ की अनुपम कला को दर्शाते ये वस्त्र छत्तीसगढ़ वासियों की आस्था और समर्पण का प्रतीक भी है। असली स्वर्ण-चूर्ण से हस्तछपाई की गई यह खादी सिल्क, उन अनगिनत घंटों की मेहनत की साक्षी है, जो बस्तर के शिल्पकारों ने भगवान राम के प्रति अपनी अनन्य भक्ति में समर्पित करते हुए बिताए हैं।
‘भांचा राम‘ के रूप में श्रीराम का प्रेम और आशीर्वाद यहाँ के लोगों के हृदय में सदैव प्रवाहित होता रहा है। छत्तीसगढ़ की पावन माटी आज भी उस स्नेह और श्रद्धा को संजोए हुए है, जिससे माता कौशल्या ने अपने पुत्र को संस्कारित किया। यह वही धरती है जहां श्रीराम ने अपने वनवास के समय अपार प्रेम और सम्मान पाया, यहाँ का एक एक कण आज भी भांचा राम और माता कौशल्या की अनुपम गाथा को संजोए हुए है।
उल्लेखनीय है कि श्री कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व अयोध्या में अत्यंत भव्य तरीके से मनाया गया। प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात यह पहली जन्माष्टमी है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह और उमंग देखा गया। जन्मोत्सव के लिए मंदिर की रंग-बिरंगे फूलों से आकर्षक सजावट के साथ ही भोग के लिए पंजीरी, पंचामृत और अनेकों व्यंजन तैयार किये गये। इस पावन अवसर पर कीर्तन, भजन का आयोजन भी किया गया।
नई दिल्ली / एजेंसी / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष पर बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर हुई इस बातचीत में भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा भी की गई। प्रधानमंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा है कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के साथ ही हाल की अपनी यूक्रेन यात्रा के बारे भी श्री पुतिन से अपने अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में 5 नये जिले बनाने का निर्णय किया है। ये हैं- जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग। गृहमंत्री अमित शाह ने आज सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि लद्दाख को विकसित और खुशहाल बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए गृह मंत्रालय ने पांच नये जिले बनाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार लद्दाख के लोगों के लिए अधिक अवसर पैदा करने के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि नये जिलों के निर्माण से हर स्तर पर प्रशासन सुदृढ होगा और सरकारी कार्यक्रमों का लाभ लोगों की दहलीज तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन से कहा है कि वह नये जिलों के निर्माण के बारे में विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन करे। समिति तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बातचीत की और यूक्रेन की स्थिति सहित क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। अमरीका के राष्ट्रपति ने श्री मोदी को टेलीफोन किया था। उनसे वार्ता में श्री मोदी ने लोकतंत्र, विधि सम्मत शासन और दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों के साझा मूल्यों पर आधारित भारत-अमरीकी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता की सराहना की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में हुई उल्लेखनीय प्रगति की समीक्षा की और इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत-अमरीकी साझेदारी का उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के साथ ही संपूर्ण मानवता का कल्याण है। श्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने अन्य कई और मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
श्री मोदी ने यूक्रेन की अपनी हाल की यात्रा के बारे में श्री बाइडेन को बताया। उन्होंने दोहराया कि भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति के पक्ष में है और उन्होंने इसी तरीके से शांति और स्थिरता जल्द बहाल किए जाने के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने बांग्लादेश की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था बहाल किए जाने और अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने क्वाड सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग और सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा और उनके कामकाज की स्थितियों के संबंध में सिफारिशें करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की ओर से गठित राष्ट्रीय कार्य बल की आज पहली बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार यह बैठक नई दिल्ली में होगी। भारत सरकार के कैबिनेट सचिव बैठक की अध्यक्षता करेंगे। केंद्रीय गृह सचिव, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष, सर्जन वाइस एडमिरल आर सरीन, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ.एम श्रीनिवास और एम्स के न्यूरोलॉजी की पूर्व प्रोफेसर डॉ. पदमा श्रीवास्तव इस कार्य बल के सदस्यों में शामिल हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की एक डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय कार्यबल का गठन किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने इस कार्य बल को तीन सप्ताह में अपनी अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने के अंदर अंतिम रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा आज नई दिल्ली में भारत ब्राजील संयुक्त आयुक्त की 9वीं बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे। ब्राजील के विदेश मंत्री चार दिन की यात्रा पर शनिवार को नई दिल्ली पहुंचे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्री विएरा की यात्रा से भारत और ब्राजील के बीच रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ावा मिलेगा। मंत्रालय ने कहा है कि डॉ. जयशंकर और श्री विएरा बताएंगे कि तीन देशों के समूह त्रोइका के रूप में किस तरह दोनों देश मिलकर पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन के प्रमुख परिणामों की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। जी-20 के अध्यक्ष के रूप में ब्राजील का कार्यकाल नवंबर 2024 तक है। ब्राजील की जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत जी-20 त्रोइका में भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ब्राजील की मेजबानी में इस वर्ष 18 और 19 नवंबर को रियो डी जेनेरो में जी-20 देशों के नेताओं का शिखर सम्मेलन होगा। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और ब्राजील के बीच बहुपक्षीय संबंधों की जड़ें उन मूल्यों में हैं, जो दोनों देश साझा करते हैं। यह भी कहा गया है कि विदेश मंत्री विएरा की यात्रा दोनों देशों के बीच 2006 में शुरू की गई रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देने का अवसर प्रदान करेगी। साथ ही, इसके माध्यम से विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मामलों में सहयोग के नए रास्ते तलाशे जाएंगे।
इससे पहले जुलाई में विदेश मंत्रालय के आर्थिक संबंधों से जुड़े मामलों के सचिव डी रवि के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल रियो डी जेनेरो में जी-20 देशों के विकास मंत्रियों की बैठक में शामिल हुआ। इस दौरान स्वच्छ भारत अभियान, जल जीवन मिशन और अमृत योजना सहित भारत के प्रमुख विकास कार्यक्रमों का उल्लेख किया गया और जल तथा स्वच्छता से जुड़े सतत विकास लक्ष्य तक पहुंचने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई गई।