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बंगलुरु। शौर्यपथ। छत्तीसगढ़ में हरित ईंधन के क्षेत्र में निवेश को लेकर उद्योग जगत की दिलचस्पी बढ़ रही है। बेंगलुरु में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से GPRS Arya Pvt. Ltd. के दीपक अग्रवाल ने मुलाकात कर बताया कि उनकी कंपनी राज्य में पराली से Compressed Bio-Gas (CBG) बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में CBG प्लांट लगाने की योजना है, जिससे किसानों को फसल अवशेषों से अतिरिक्त आमदनी मिलेगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
कंपनी ने हाल ही में बेमेतरा जिले में इंडियन ऑयल के साथ मिलकर एक CBG प्लांट स्थापित किया है, जो अब पूरी तरह से कार्य करने की दिशा में है। दीपक अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस परियोजना के सफल होने के बाद वे छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इसी मॉडल को अपनाना चाहते हैं। इस पहल से जैविक ईंधन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य की भागीदारी मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति के तहत जैविक ईंधन और पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस बैठक में उद्योग जगत के अन्य प्रतिनिधियों ने भी छत्तीसगढ़ में निवेश को लेकर उत्सुकता जताई।
स्रोत - जनसम्पर्क विभाग
*छत्तीसगढ़ सरकार ने नैसकॉम, आईईएसए एवं टाई बैंगलोर के साथ एमओयू पर किया साइन*
*मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बेंगलुरु में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में उद्योगपतियों और निवेशकों से किया संवाद*
बेंगलुरू / शौर्यपथ / देश की सिलिकॉन वैली के रूप में प्रसिद्ध बेंगलुरु की कई बड़ी टेक कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश को लेकर रूचि दिखाई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बेंगलुरु में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में देश के शीर्ष उद्योगपतियों और बिजनेस लीडर्स से संवाद कर राज्य में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। इस दौरान इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी/आईटीईएस, खाद्य प्रसंस्करण और ग्रीन फ्यूल जैसे क्षेत्रों के कई बड़ी कम्पनियों ने 3700 करोड़ के निवेश प्रस्ताव सौंपें हैं।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार ने आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नैसकॉम, इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (IESA) और द इंडस एंटरप्रेन्योर्स (TiE) बैंगलोर के साथ महत्वपूर्ण एमओयू भी साइन किया है।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश और उद्योगों के लिए देश के सबसे उभरते हुए राज्यों में से एक है। देश के सबसे समृद्ध खनिज संसाधन, सेंट्रल इंडिया की शानदार लोकेशन और कनेक्टिविटी के लाभ के साथ ही छत्तीसगढ़ में भरपूर बिजली-पानी, मानव संसाधन जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा डिजिटल टेक्नोलॉजी से छत्तीसगढ़ सुशासन का मॉडल स्टेट बन रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अब निवेश के लिए कागजी झंझट खत्म कर दिया गया है। बस एक क्लिक में एनओसी मिलेगी और फैसला भी डिजिटल तरीके से होगा। नई औद्योगिक नीति से निवेश प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया गया है।
उन्होंने बताया नई उद्योग नीति में निवेश एवं रोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए 1 हजार करोड़ रुपए अथवा एक हजार लोगों को रोजगार देने वाले उद्योगों को बी-स्पोक नीति का अवसर प्रदान किया गया है। इस नीति में 30 से 50 प्रतिशत तक एवं 200 से 450 करोड़ रुपए तक स्थायी पूंजी निवेश की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। 5 से 12 वर्ष तक नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, रोजगार एवं ईपीएफ प्रतिपूर्ति तथा प्रशिक्षण व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए आकर्षक प्रावधान किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति में हमने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स, कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए आकर्षक प्रावधान रखे गये हैं। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक्स, फार्मा, टैक्सटाइल, फूड एंड एग्रो प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में भी विशेष रियायत दी गई है। हम नवा रायपुर में फार्मास्यूटिकल पार्क भी स्थापित कर रहे हैं जो सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा फार्मास्यूटिकल पार्क होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि रायपुर को हम मध्य भारत के सबसे बड़े आईटी हब के रूप में विकसित कर रहे हैं। यहाँ 1.6 बिलियन डालर का निवेश किया गया है जिससे यहां की अधोसंरचना देश के सबसे शानदार शहरों जैसी है। नवा रायपुर ग्रीनफील्ड शहर भी हैं जिससे आईटी इंडस्ट्री के विकास के लिए यहां भरपूर संभावनाएं हैं।
इस मीट में उद्योग विभाग के मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, सचिव श्री राहुल भगत, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर सुश्री ऋतु सैन, सचिव एस भारतीदासन, उद्योग और वाणिज्य विभाग के सचिव सौरभ कुमार, संचालक श्री प्रभात मलिक और सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक श्री विश्वेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
*बस्तर में निवेशकों के लिए अपार संभावनाएं*
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर और सरगुजा को हमने सर्वाधिक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन क्षेत्र के रूप में रखा है। यहां कोर सेक्टर प्रोत्साहन, आयरन और कोल रायल्टी में 50 से 100 प्रतिशत तक छूट है। सेस की प्रतिपूर्ति 150 प्रतिशत तक किये जाने का प्रावधान है। बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के पास ग्राम नियानार में हम 118 एकड़ में नये औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना करने जा रहे हैं इससे यहां बड़े पैमाने पर लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमों को स्थापना के अवसर मिलेंगे।
*देश की अग्रणी कंपनियां करेंगी छत्तीसगढ़ में निवेश*
सम्मेलन में बीईएमएल, क्लेन पैक्स, कीन्स टेक्नोलॉजी, नैसकॉम, गोकुलदास एक्सपोर्ट्स, ब्रिटानिया, टाई बैंगलोर और कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स जैसी प्रमुख कंपनियों व औद्योगिक समूहों ने भाग लिया। इन कंपनियों ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति, अनुकूल नीतिगत वातावरण और मजबूत आधारभूत ढांचे की सराहना की।
*छत्तीसगढ़ को मिले निवेश प्रस्तावों की झलक*
- GPSR आर्या प्राइवेट लिमिटेड (CBG ग्रीन फ्यूल सेक्टर) – ₹1350 करोड़ का निवेश कर यह कंपनी बायोगैस और हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगी, जिससे राज्य में स्वच्छ ऊर्जा क्रांति आएगी।
- क्लेन पैक्स (टेक्सटाइल सेक्टर) – ₹500 करोड़ के निवेश से यह कंपनी कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ाएगी।
- ब्रिटानिया (फूड प्रोसेसिंग सेक्टर) – ₹200 करोड़ का निवेश कर यह कंपनी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूत करेगी, जिससे स्थानीय किसानों और छोटे उद्यमियों को लाभ होगा।
- कीन्स टेक्नोलॉजी (आईटी/आईटीईएस सेक्टर) – ₹1000 करोड़ के निवेश से छत्तीसगढ़ के आईटी सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे युवाओं को बड़े पैमाने पर रोज़गार मिलेगा।
- गोकुलदास एक्सपोर्ट्स और SRV निट टेक प्राइवेट लिमिटेड – दोनों कंपनियां ₹200 करोड़ का निवेश कर टेक्सटाइल सेक्टर को मजबूती देंगी, जिससे राज्य के कपड़ा उद्योग को नई पहचान मिलेगी।
- BEML (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड) ने छत्तीसगढ़ में 200 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। यह निवेश राज्य में इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र को मजबूती देगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- पुनीत क्रिएशन, श्याम टेक्सटाइल एवं वूल रिसर्च एसोसिशन ने भी छत्तीसगढ़ में रूचि दिखाते हुए निवेश प्रस्ताव सौंपे हैं।
बेंगलुरु। शौर्यपथ। छत्तीसगढ़ में टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख उद्योगपति मनोज अग्रवाल, जो Punit Creations के प्रमुख हैं, ने राज्य में निवेश का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर चर्चा की।
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मनोज अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में श्रमशक्ति (लेबर) और अनुकूल औद्योगिक माहौल की वजह से टेक्सटाइल उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार की नीतियों के तहत यदि किसी उद्योग में 1,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है, तो सरकार अतिरिक्त सब्सिडी भी प्रदान करेगी। इस पहल से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य के युवाओं को अपने ही प्रदेश में काम करने के बेहतर अवसर मिलेंगे।
स्रोत -जनसम्पर्क विभाग
भुवनेश्वर / शौर्यपथ / ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित कलिंगा साहित्य महोत्सव (KLF 2025 ) में उप मुख्यमंत्री अरुण साव शामिल हुए। महोत्सव में श्री साव ने कहा कि, छत्तीसगढ़ वासियों पर भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद हमेशा साथ है।
इस शानदार आयोजन के माध्यम से भारत के संस्कार और सभ्यता को आगे बढ़ाने के काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, साहित्य समाज का दर्पण होता है। यह मनुष्य को सच से साक्षात्कार कराता है। इतिहास से सीख और भविष्य का बोध कराता है।
दुनिया बिना साहित्य के नहीं हो सकती है। साहित्य के बिना समाज की कल्पना नहीं कर सकते। आज साहित्य संचय का तरीका बदल गया है। आज भी लाइब्रेरी प्रासंगिक है लेकिन उसका स्थान मोबाइल और लैपटॉप ने लिया, इसमें पूरा साहित्य समाहित हो गया है। उन्होंने कहा कि, साहित्य लेखन के प्रकार बदल गए हैं। आधुनिकीकरण का समावेश देखने को मिल रहा है।
श्री साव ने कहा कि, जानवर और इंसान में अंतर है। इंसानों की तरह जानवर बोल नहीं पाता है। इसी तरह साहित्य के बिना समाज अधूरा है। समाज की भाषा साहित्य है। यह उनकी अभिव्यक्ति का माध्यम है। और इसका सीधा संबंध भाषा से है। हमारे देश में भाषाओं की विविधता है। उड़िया एक समृद्ध भाषा है, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ को जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि, ओडिशा और छत्तीसगढ़ का रोटी बेटा का संबंध है। दोनों राज्य भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। साथ ही हमारी भाषा, खान पान और वेशभूषा में समानता देखने को मिलती है। दोनों राज्यों में और भी बहुत सारी समानता है।
छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में उड़िया भाषी मेरे भाई-बहन रहते हैं। और छत्तीसगढ़ के लोग भी बड़ी संख्या में ओडिशा में निवास करते हैं, और वे छत्तीसगढ़ी बोलते हैं। ओडिशा से हमारा अटूट संबंध है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि, सम्मेलन में अनेक देशों के प्रतिनिधि आए हैं। भारत ने पूरी दुनिया को अपना परिवार माना है। सबका सम्मान और आदर किया।
नई पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति की सफलता से कराया अवगत, कहा बस्तर के विकास को मिल रही नई दिशा
बस्तर में नक्सलवाद अंतिम चरण में, विकास और पर्यटन पर गृहमंत्री से हुई चर्चा
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सरकार की सख्त नीतियों और सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति के चलते नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति लौट रही है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की। इस बैठक में नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने, बस्तर के विकास को तेज करने और पर्यटन व आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अवगत कराया कि नक्सलवाद अब अपने आखिरी पड़ाव पर है और सरकार इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। राज्य और केंद्र के संयुक्त प्रयासों से नक्सली संगठनों की पकड़ कमजोर हो चुकी है। अब अंतिम चरण की रणनीति तैयार कर बस्तर को स्थायी शांति की ओर ले जाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 का असर दिखने लगा है। हाल ही में बीजापुर जिले में 9 ईनामी नक्सलियों समेत कुल 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। बैठक में बस्तर में विकास कार्यों को तेज करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि सरकार क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और जल जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कौशल विकास, स्वरोजगार और नए रोजगार के अवसर तैयार किए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि बस्तर सिर्फ संघर्ष की भूमि न रहकर शांति, विकास और संभावनाओं का नया केंद्र बने।बैठक में बस्तर के समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ ने भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित प्रकृति परीक्षण अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त किया। राज्य ने स्ट्राइक रेट लक्ष्य में देशभर में तीसरा स्थान और कुल प्रकृति परीक्षण मानकों पर नौवां स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि के लिए केन्द्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने छत्तीसगढ़ को प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।यह सम्मान अभियान के राज्य समन्वयक डॉ. संजय शुक्ला ने ग्रहण किया। जहांगीर भाभा थियेटर, मुंबई में आयोजित अभियान के समापन समारोह में छत्तीसगढ़ को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आयुष विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य और आयुर्वेद के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की बढ़ती उत्कृष्टता का प्रमाण है, जिससे राज्य में आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आयुष विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की पहल न केवल नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाएगी, बल्कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा में लाने में भी सहायक होगी।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर से 25 दिसंबर 2024 तक चले इस अभियान के तहत देशभर में 1.29 करोड़ से अधिक नागरिकों का परीक्षण किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ ने 4.45 लाख से अधिक नागरिकों का सफलतापूर्वक परीक्षण कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। इस अभियान में राज्य के 3551 वालंटियर्स ने योगदान दिया।
इसके अतिरिक्त अभियान की महत्ता को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीनस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के 40,000 से अधिक अधिकारियों और जवानों का भी सफलतापूर्वक प्रकृति परीक्षण किया गया, जो आयुष चिकित्सा के प्रति बढ़ती जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है।
नागरिकों के लिए निरंतर जारी रहेगा अभियान
आयुष विभाग के संचालक ने बताया कि मोबाइल एप्लीकेशन आधारित इस अभियान को नागरिकों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में इस अभियान को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया गया है। अब राज्य के नागरिक निकटतम आयुर्वेद महाविद्यालय, जिला आयुर्वेद चिकित्सालय, आयुष विंग, स्पेशलाइज्ड थैरेपी सेंटर, शासकीय आयुर्वेद औषधालयों एवं निजी आयुर्वेद चिकित्सकों से संपर्क कर अपना प्रकृति परीक्षण करवा सकते हैं।
दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित हुआ साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो 2025
रायपुर / शौर्यपथ / दक्षिण एशिया के सबसे बड़े ट्रैवल एक्सपो SATTE ( साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो) 2025 में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है। 19 से 21 फरवरी 2025 तक आयोजित इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों को प्रमोट करने के लिए एक विशेष स्टॉल लगाया गया, जिसने देशभर के टूर ऑपरेटर्स, निवेशकों और पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया।
एक्सपो के दौरान छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य ने विभिन्न राज्यों से आए पर्यटन विभाग के अधिकारियों और टूर ऑपरेटर्स से मुलाकात की। श्री आचार्य ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से चित्रकोट जलप्रपात, बारनवापारा अभयारण्य, बस्तर की गुफाएं, सिरपुर, मैनपाट सहित राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास और निवेश के अवसरों पर भी प्रकाश डाला।
विवेक आचार्य ने कहा, "छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की पर्यटन नीतियां इसे एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में उभरने में मदद कर रही हैं।" उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पर्यटकों और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने हेतु कई नई योजनाओं पर कार्य कर रही है।
SATTE 2025 में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड का स्टॉल एक्सपो के आकर्षण का केंद्र बना रहा, जहां बड़ी संख्या में टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों, उद्योग विशेषज्ञों और पर्यटन प्रेमियों ने भाग लिया। एक्सपो में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों और संभावनाओं को लेकर उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली, जिससे यह साफ है कि राज्य जल्द ही देश के शीर्ष पर्यटन स्थलों में अपनी मजबूत पहचान बनाएगा।
विभिन्न राज्यों के टूर ऑपरेटरर्स और ट्रेवेल एजेंटस ने SATTE ( साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो) के स्टाल में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के साथ अपना स्पॉट रजिस्ट्रेशन भी कराया ताकि टूरिज्म बोर्ड की नीतियों के तहत उन्हें टूरिज्म बुकिंग का लाभ मिल सके और दूसरे राज्यों के पर्यटक अधिक से अधिक संख्या में छत्तीसगढ़ के आकर्षक पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी कर सकें। इस छोटी सी शुरूवात ने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के लिए भविष्य की सार्थक संभावनाओं के द्वार खोले हैं।
दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के महाप्रबंधक श्री वेदव्रत सिरमौर, उप महाप्रबंधक श्री संदीप ठाकुर एवं विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों, सरकारी अधिकारियों और निवेशकों से मुलाकात कर राज्य के पर्यटन स्थलों, योजनाओं और निवेश के अवसरों पर विस्तार से चर्चा की।।
नई दिल्ली / एजेंसी / प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 फरवरी को बिहार के भागलपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधी की 19 वीं किस्त जारी करेंगे। यह योजना तीन समान किस्तों में किसानों को प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए छह हजार रुपये प्रतिवर्ष प्रदान करती है।
नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश भर के दो करोड़ 50 लाख किसान इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक कुल तीन लाख 46 हजार करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। श्री चौहान ने कहा कि इस योजना से छोटे किसानों के जीवन में एक बड़ा बदलाव आया है।
जल विजन 2047 के लिए राज्यों के जल मंत्रियों का उदयपुर में द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नीति जल संरक्षण और सतत विकास पर है केन्द्रित
रायपुर / शौर्यपथ / राजस्थान के उदयपुर में आयोजित राज्य जल मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने छत्तीसगढ़ में जल संचयन के लिए जनभागीदारी से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जल संरचनाओं के निर्माण में पूरे देश में अग्रणी स्थान पर है और जल संरक्षण के क्षेत्र में राज्य के नवाचार मॉडल अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ में अब तक 2,29,000 से अधिक जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया जा चुका है, जिससे जल संसाधनों का संवर्धन हो रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जाना हमारे लिए गौरव की बात है। छत्तीसगढ़ सरकार की नीति जल संरक्षण और सतत विकास पर केन्द्रित है। राज्य सरकार प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षण और भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु निरंतर कार्य कर रही है।
इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व राज्य के उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव और जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप ने किया। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने राज्य में जल संग्रहण के लिए चलाए जा रहे योजनाओं, जल संरचनाओं के प्रभाव और सामुदायिक सहभागिता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसमें ग्रामीण और शहरी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ की सिंचाई क्षमता में वृद्धि और जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के लिए तय किए गए लक्ष्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जल संचयन के लिए स्थायी संरचनाओं, लघु सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है, जिससे भूजल स्तर में सुधार हुआ है और किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हो रहा है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री पाटिल ने छत्तीसगढ़ की सतत जल प्रबंधन नीति और सामुदायिक सहभागिता मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि यह राज्य पूरे देश के लिए बेस्ट प्रैक्टिस मॉडल बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जल संरचनाएं सिर्फ पानी के संरक्षण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि उत्पादन और जल सुरक्षा को भी मजबूत कर रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों को छत्तीसगढ़ के जल प्रबंधन मॉडल से प्रेरणा लेनी चाहिए और जल संरक्षण को अपनी नीतियों में प्राथमिकता देनी चाहिए। श्री पाटिल ने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और अधिक मजबूती देने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।