March 14, 2025
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भारत

भारत (809)

नई दिल्ली/ शौर्यपथ / एम्स प्रमुख रणदीप गुलेरिया का कहना है कि भारत को अब कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के टीकाकरण पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज का विचार इंतजार कर सकता है. एम्स प्रमुख ने कहा कि सीरो सर्वे ने सुझाया है कि यदि टीकाकरण अपनी पूरी क्षमता से जारी रहा तो संभावित कोविड की तीसरी लहर में कोरोना वायरस के उतने मामले नहीं होंगे. देश में अब तक 60 करोड़ से अधिक कोविड-19 की वैक्सीन लग चुकी है.
इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान गुलेरिया ने उच्च जोखिम समूहों के टीकाकरण पर जोर दिया है.
गुलेरिया ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमें उन लोगों के टीकाकरण पर ध्यान देना चाहिए, जिन्हें अब तक टीका नहीं लगाया गया है. विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समूह. अभी भी कई स्वास्थ्यकर्मियों, बुजुर्गों और कई बीमारियों से ग्रस्त लोगों को टीका लगाया गया है और वे वही हैं जिन्हें अधिक गंभीर बीमारी और कोविड-19 के कारण मरने का खतरा है.'
एम्स प्रमुख ने कहा कि बूस्टर खुराक के विचार की खोज करने की बजाय अगर उन लोगों को वैक्सीन देने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जिन्हें इससे लाभ होगा तो 'हम जीवन बचाने में सक्षम हो सकते हैं.'
गुलेरिया ने कहा, 'मुझे लगता है कि मामला तीन शाॅट्स, चार शाॅट्स और अलग-अलग चीजों की कोशिश की जगह जितना संभव हो उतने व्यक्तियों का टीकाकरण करना चाहिए. मुझे लगता है कि अभी जो हम जानते हैं, उससे चिपके रहें और अधिक से अधिक लोगों के टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित करें जैसा हम कर सकते हैं.'
उन्होंने कहा कि देश में अभी बूस्टर डोज की आवश्यकता को दिखाने के लिए पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि हमारे पास यह दिखाने के लिए पर्याप्त डाटा है कि बूस्टर डोज की आवश्यकता है. याद रखें कि एंटीबाॅडी सुरक्षा देने का इकलौता तरीका नहीं है.'

नई दिल्ली / शौर्यपथ / कांग्रेस पार्टी ने अमरिंदर सिंह का समर्थन करते हुए कहा है कि पार्टी अगला चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ेगी. राज्य में पार्टी प्रभारी हरीश रावत ने ये बयान दिया है. बता दें कि कांग्रेस का ये बयान पार्टी के भीतर ही कुछ नेताओं द्वारा कैप्टन को हटाने की वकालत करने के एक दिन बाद आया है. राज्य में पार्टी प्रभारी रावत ने कहा कि हम कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 2022 का पंजाब चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खेमों के बीच सत्ता को लेकर खींचतान मंगलवार को उस वक्त तेज हो गई, जब चार कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री सिंह को हटाने की खुले तौर पर वकालत करते हुए कहा कि वह कुछ प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं. सिद्धू को भी मुख्यमंत्री सिंह के करीबी माने जाने वाले पंजाब के मंत्रियों और विधायकों के एक समूह द्वारा निशाना बनाया गया जिन्होंने सिद्धू के दो सलाहकारों की ‘‘कथित राष्ट्र विरोधी एवं पाकिस्तान समर्थक टिप्पणी'' को लेकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि लगभग छह महीने में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले यह कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.
सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग कश्मीर और पाकिस्तान पर अपनी हालिया विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर विपक्ष और पार्टी के निशाने पर आ गए हैं. इससे पहले अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को अपने सलाहकारों पर लगाम लगाने के लिए कहा था और उनकी टिप्पणी को गलत बताया था, जबकि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को पूछा था कि क्या ऐसे लोगों को पार्टी में रखा जाना चाहिए.
पंजाब के मुख्यमंत्री को मंगलवार को प्रतिद्वंद्वी खेमे से खुले विद्रोह का सामना करना पड़ा। चार मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी और लगभग 24 विधायकों ने मंगलवार को यहां बाजवा के आवास पर मुलाकात की. यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री को हटाने का प्रयास किया जा रहा है, बाजवा ने कहा कि यह प्रयास नहीं बल्कि लोगों की मांग है। मुख्यमंत्री के नए चेहरे पर एक सवाल के जवाब में बाजवा ने कहा कि फैसला पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाएगा.
बाजवा ने कहा कि वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने और राज्य की राजनीतिक स्थिति से उन्हें अवगत कराने के लिए समय मांगेंगे. उन्होंने कहा कि ‘‘कड़े'' कदम उठाने की जरूरत है और अगर मुख्यमंत्री को बदलने की जरूरत है, तो यह किया जाना चाहिए.
बैठक के बाद, चन्नी ने मीडिया से कहा कि पार्टी के कई विधायक और मंत्री मंगलवार को यहां एकत्रित हुए और उन वादों को लेकर चिंता व्यक्त की, जिन्हें पूरा नहीं किया गया है. इन वादों में 2015 में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के मामलों में न्याय में देरी, मादक पदार्थ रैकेट में शामिल बड़े लोगों को पकड़ना और बिजली खरीद समझौतों को रद्द करना शामिल है.
उन्होंने कहा कि बाजवा, सरकारिया, रंधावा और पंजाब कांग्रेस महासचिव परगट सिंह पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे. बाद में बाजवा, चन्नी, रंधावा और कुछ अन्य विधायकों ने पंजाब कांग्रेस भवन में सिद्धू से मुलाकात की। इसके बाद सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ''आपातकालीन बैठक के लिए तृप्त बाजवा जी का फोन आया। अन्य सहयोगियों के साथ उनसे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में मुलाकात की। आलाकमान को हालात से अवगत कराउंगा.''
सिद्धू की नियुक्ति के साथ राज्य इकाई में असंतोष को खत्म करने के कांग्रेस के हालिया प्रयास विफल होते दिख रहे हैं और इस घटनाक्रम से राज्य इकाई में संकट और गहराने की आशंका है. चन्नी ने कहा कि कई विधायक 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस द्वारा किए गए उन वादों को लेकर चिंतित हैं जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है. चन्नी ने कहा, ‘‘हमारे मुद्दे हल नहीं हो रहे हैं. हमें अब विश्वास नहीं है कि इन मुद्दों का समाधान किया जायेगा.''
उन्होंने कहा कि कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी की घटना में एसआईटी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल से पूछताछ के बाद कुछ नहीं हुआ. चन्नी ने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि मुख्यमंत्री (अमरिंदर सिंह) के साथ हमारे मुद्दों का समाधान नहीं हो रहा है और इसलिए हम पार्टी आलाकमान से मिलने जा रहे हैं.''इस बीच मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले नेताओं ने सिद्धू पर साधा निशाना.


मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशु, बलबीर सिंह सिद्धू और साधु सिंह धर्मसोत के साथ विधायक राज कुमार वेरका ने यहां एक संयुक्त बयान में कहा कि सिद्धू के नवनियुक्त सलाहकारों की टिप्पणी स्पष्ट रूप से ‘‘भारत के हितों के खिलाफ और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नुकसानदेह'' थी. मंत्रियों और विधायकों के समूह ने सलाहकारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से सिद्धू को पार्टी के साथ-साथ देश के हित में अपने सहयोगियों पर तुरंत लगाम लगाने का निर्देश देने का आग्रह किया.
पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि कश्मीर पर माली का बयान इस मुद्दे पर भारत की घोषित स्थिति से विपरीत और खतरनाक था और ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि गर्ग का बयान भी पाकिस्तान के समर्थन में प्रतीत होता है. पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का एक विवादास्पद और अत्यधिक आपत्तिजनक चित्र (स्केच) पोस्ट करने के लिए माली की निंदा की और इसे उनके पार्टी विरोधी रुख का एक और उदाहरण बताया.

नई दिल्ली/ शौर्यपथ / गुजरात में रेलवे लाइन पर 5000 झुग्गियों को तोड़ने पर रोक फिलहाल बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 1 सितंबर को करेगा. तब तक तोड़फोड़ नहीं होगी. मंगलवार को तोड़फोड पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. कोर्ट ने केंद्र, रेलवे और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर यह आरोप लगाया गया है कि सरकार आज रात तक झुग्गियों को गिराने करने के लिए तैयार है. वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट में CJI एनवी रमना की बेंच को बताया कि हाईकोर्ट ने 2016 से लगाई रोक हटा ली है. सरकार ने इन झुग्गियों को तोड़ने की तैयारी की है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इस तोड़फोड़ पर रोक लगाए. कोर्ट ने राज्य को नोटिस जारी किया और मामले को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया.
गौरतलब है कि गुजरात में सूरत- जलगांव रेलवे लाइन पर 10 किलोमीटर के दायरे में बसी इन झुग्गियों को हटाने की कार्यवाही प्रस्तावित है. झुग्गियों के लोग इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और आरोप लगाया है कि रेलवे बिना किसी नोटिस और पुर्नवास के उन्हें हटाना चाहता है.

लखनऊ / एजेंसी / उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर दंगों के जो 77 मुकदमे राज्‍य सरकार ने बिना कोई वजह बताए वापस ले लिए हैं, वे दोबारा खुल सकते हैं. ऐसा सुझाव सुप्रीम कोर्ट में दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों, विधायकों के मामले वापस लेने के लिए अब हाईकोर्ट की मंजूरी जरूरी कर दी है ताकि वे पद का फायदा उठाकर अपने मुकदमे वापस नहीं करवा पाएं. मुजफ्फरनगर, देश के सबसे बड़े दंगों में से एक थे जिसमें 60 लोग मारे गए और करीब 60 हजार बेघर हुए थे. दंगों में कई बड़े बीजेपी नेताओं पर मुकदमे दर्ज हुए थे. सुप्रीम कोर्ट में अब 77 मुकदमों की फेहरिस्‍त दाखिल कर कहा गया है कि वे इन्‍हें यूपी सरकार ने बिना कोई वजह बताए वापस ले लिया है. इस मामले में एमिकस क्‍यूरी (न्‍यायमित्र) ने सुझाव दिया है कि हाईकोर्ट चाहे तो इनका दोबारा परीक्षण कर सकता हैं. याचिकाकर्ता ने सजा काटने के बाद एपी/एमएलए (सांसदों, विधायकों)को चुनाव लड़ने से रोकेने की मांग भी की है.
याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा, 'सजा काटने के बाद...चाहे आपने रेप किया हो, चाहे कैती की हो, अगर आपने सजा काट ली तो सजा काटने के 6 साल बाद सांसद फिर से इलेक्‍शन लड़ सकता है.' रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्‍स एक्‍ट में यह जो कानून है जो इनको दोबारा इलेक्‍शन के लिए परमिट करता है कि, वह बिल्‍कल गैरकानूनी है, इसे खारिज किया जाए.' मुजफ्फरनगर दंगों का असर आसपास के कई जिलों में हुआ. मेरठ जोन के पांच जिलों में 510 मुकदमे दर्ज हुए, 6869 लोग आरोपी बने, 175 केस में चार्जशीट हुई और 165 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगी. 170 मामले खत्‍म किए गए जबकि 77 मामले सरकार ने वापस लिए. इससे 40 लोगों पर केस बंद हो गया.
विपक्ष दंगों के केस वापस लेने को लेकर सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार किए है. समाजवादी पार्टी (SP) के नेता राम गोविंद चौधरी कहते हैं, 'दंगे इसलिए वापस किए जा रहे क्‍योंकि उनको फिर दंगे कराना है उन्‍हीं लोगों से. बीजेपी का दंगा कराने का मुख्‍य काम है. ' उधर बीजेपी सरकार का कहना है कि सपा सरकार ने जिन लोगों को फर्जी फंसा दिया था, उनके मुकदमे वापस हो रहे हैं.
उप मुख्‍यमंत्री केशव मौर्य कहते हैं, 'देखिए हम समाजवादी पार्टी की तरह किसी आतंकवादी पर से मुकदमे वापस नहीं ले रहे हैं. जिन्‍हें सपा सरकार के समय में तुष्टिकरण की राजनीति के अंतर्गत फंसाया गया था. जिनको फर्जी तरीके से फंसाया गया था तो उसमें सरकार अगर कोई कार्रवाई कर रही है तो अपने अधिकार के अनुसार कर रही है.' सरकार दंगों के 77 मामले वापस लेने की मंजूरी मुजफ्फरनगर की अदालत को भेज चुकी है, इसके नतीजें में 40 लोगों के मुकदमे बंद हो जाएंगे. मंत्री कपिल देव अग्रवाल, मंत्री सुरेश राना, बीजेपी के विधायक संगीत सोम, पूर्व बीजेपी विधायक अशोक कंसल, वीएचपीनेता साध्‍वी प्राची, BKU नेता राकेश टिकैत, नरेश टिकैत, पूर्व कांग्रेस सांसद हरेंद्र मलिक इसमें शामिल हैं. इस मामले में जिला सरकारी वकील मुजफ्फरनगर, राजीव शर्मा ने बताया, 'अभी तीन या चार माह पहले 321 की एप्‍लीकेशन अलाउ हुई थी जिसमें माननीय सुरेश रैना, संगीत सोम व अन्‍य तमाम नेताओं के मुकदमे वापस हुए थे. उससे पहले भी 321 की एप्‍लीकेशन अलाउ और रिजेक्‍ट होती रही है. '

मुंबई / एजेंसी / महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच सियासी जंग छिड़ी हुई है. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी को लेकर मामला गरमाता जा रहा है. गिरफ्तारी के तुरंत बाद जमानत पर रिहा हुए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना और उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आज हाई कोर्ट में सुनवाई में फैसला मेरे पक्ष में आया है. महाड में भी मेरे पक्ष में फैसला आया था. मित्रों 17 सितंबर तक अगली सुनवाई तक मैं कुछ ज्यादा नहीं बोलूंगा. लेकिन, आप लोग आयें हैं तो मैं बात करूंगा. कुछ लोग मेरे अच्छेपन और मित्रता का फायदा उठाते हैं, ये मेरी समझ में आया है, लेकिन मैं आज कुछ बोलूंगा नहीं.
मैंने ऐसा क्या बोला था? फिर से नही बोलूंगा. मामला कोर्ट में है. नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे के पूर्व में दिए बयानों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सेना भवन के बारे में कुछ बोले तो उसका मुंह तोड़ो.. ये उद्धव बोले थे, इस पर केस नहीं होता है? उद्धव ठाकरे ने उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ को कहा था.. चप्पल से मारना चहिये. वो अपराध नहीं था? तीसरा, अमित शाह के बारे में बोला था.. निर्लज्य होकर बोले.. ऐसा बोला था. ये कोई भाषा है?
नारायण राणे ने उनपर हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस ने जो हो सका किया. तुम मेरा कुछ नही कर पाए. राज्य में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है. दिशा सलियान की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई, उसमें क्या हुआ? केंद्रीय मंत्री ने नासिक पुलिस के बयान को भी खोखला बताया है. बता दें कि नासिक पुलिस ने कहा था कि नारायण राणे ने लिखित आश्वासन दिया है कि आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल नही करेंगे. इसपर राणे ने कहा कि मैंने कोई आश्वाशन नहीं दिया है.
राणे ने संजय राऊत पर भी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि वो (संजय राउत) सम्पादक के लायक नहीं है. उन्होंने कहा कि संजय राउत वही लिखते हैं जिससे उद्धव ठाकरे को खुशी मिले. सामना के संपादकीय में नारायण राणे को गैंगस्टर बताया गया था. इसपर राणे ने कहा कि शिवसेना ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया. गैंगस्टर को कोई मुख्यमंत्री बनाता है? उन्होंने कहा कि ठाकरे सरकार कुछ दिनों की मेहमान है. हम महारष्ट्र को पश्चिम बंगाल नही बनने देंगे.
याद दिला दें राणे पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था. नारायण राणे को पहले चिपलून से हिरासत में लिया गया था, फिर कागजी कार्रवाई के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद रात को ही उन्हें रायगढ़ के महाड अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें जमानत मिल गई.

 

नई दिल्‍ली / शौर्यपथ  / केंद्रीय वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्‍लान की आलोचना के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार किया है. निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्‍लान की घोषणा की थी जिस पर राहुल गांधी ने सवाल उठाए थे. कांग्रेस नेता ने कहा था कि इस कदम का उद्देश्य "2-3 निजी खिलाड़ियों" की मदद करना है. राहुल की इस प्रतिक्रिया को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में निर्मला ने कहा, 'क्या राहुल गांधी मौद्रिकीकरण के बारे में जानते हैं? वह कांग्रेस थी जिसने देश के संसाधनों को बेचा और उसमें रिश्वत प्राप्त की. कांग्रेस सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे का मौद्रिकीकरण किया, 2008 में नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए अनुरोध प्रस्ताव आमंत्रित किया गया था.'
गौरतलब है कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्‍लान बहुत सारे सेक्‍टर्स को कवर करेगा, जिनमें रोड, रेलवे, एयरपोर्ट से लेकर पावर ट्रांसमिशन लाइन्‍स और गैस पाइपलाइंस भी शामिल हैं. इसके तहत भारत सरकार ने अगले चार साल में छह लाख करोड़ रुपये जुटाने का टारगेट तय किया है. कोरोना के असर से जूझ रही अर्थव्यवस्था में नए निवेश के लिए फंड जुटाने की नई कवायद के तहत इसकी घोषणा की गई है. इस नई कवायद के तहत हर मंत्रालय के लिए सालाना टारगेट तय किए गए हैं. फोकस 12 मंत्रालयों जैसे - सड़क, ट्रांसपोर्ट और राजमार्ग, रेलवे, पॉवर, सिविल एविएशन, पोर्ट, टेलिकॉम जैसे सेक्टरों पर रहेगा. इस योजना के तहत भारतीय रेल के 400 रेलवे स्टेशन, पैसेंजर ट्रेन, रेलवे स्टेडियम की पहचान की गई है. 25 एयरपोर्ट, नौ बड़े पोर्ट और खेल मंत्रालय के अधीन दो बड़े नेशनल स्टेडियम भी चुने गए हैं.
राहुल गांधी नं National Monetisation Pipeline योजना की आलोचना करते हुए कहा था कि इस कदम का उद्देश्य "2-3 निजी खिलाड़ियों" की मदद करना है. उसने साथ ही भाजपा के इस आरोप का विरोध किया कि कांग्रेस के शासन में भारत में कोई विकास नहीं हुआ. पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला करते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप "केवल कुछ व्यवसाय बचे रहेंगे" और रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे उन्‍होंने कहा था, 'मैं युवाओं को बताना चाहता हूं कि देश क्या बेच रहा है और कौन सी संपत्ति किसके पास जा रही है." राहुल ने कहा , "यह 2 से 3 निजी खिलाड़ियों को बेचा जा रहा है...मैंने कोरोना पर बात की, आप सभी हंसे और आपने देखा, और मैं यह कह रहा हूं कि इसका इस देश के भविष्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा." राहुल गांधी ने "रेलवे की 1.5 लाख करोड़ रुपये" में संपत्ति देने जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए सेक्टर के कर्मचारियों को चेतावनी दी कि इस तरह के कदम का उनके लिए संभावित अर्थ क्या है. इसी तरह उन्होंने "वेयरहाउसिंग पर 29,000 करोड़ रुपये" को लेकर जोर दिया और कहा, "आप जानते हैं कि यह किसके पास जा रहा है... आप सभी जानते हैं कि बंदरगाह और हवाई अड्डे किसे मिल रहे हैं. यह एक कंपनी को जा रहा है." (एजेंसी से इनपुट)

मैसूर / शौर्यपथ / कर्नाटक में लुटेरों के एक गिरोह ने पैसा देने से मना करने पर एक छात्रा के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया. इतना ही नहीं छात्रा के बॉयफ्रेंड को गुंडों ने बेरहमी से पीटा भी. पुलिस के मुताबिक यह घटना कर्नाटक के मैसूर में सामने आई है. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामले में FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर ली है. FIR के अनुसार, शहर के बाहरी इलाके में चामुंडी हिल्स के समीप लुटेरों के गिरोह ने कपल को घेर लिया और उनसे पैसे मांगे. मना करने पर उन पर हमला किया गया. दो आरोपियों ने कथित तौर पर छात्रा के साथ बलात्कार किया; उसके बॉयफ्रेंड को गिरोह के सदस्यों ने पीटा.
मामले में गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हमारे अधिकारियों को बेंगलुरु से मैसूर भेजा गया है. मैं भी कल मैसूर जा रहा हूं. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. कल शाम करीब साढ़े सात बजे दो छात्र हेलीपैड के पास जंगल में गए. बदमाशों के एक समूह ने उनका पीछा कर वारदात को अंजाम दिया है. देर रात करीब डेढ़ बजे छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया. सुबह अस्पताल से जानकारी मिली. एफआईआर दर्ज कर ली गई है. आगे की पूछताछ की जा रही है. मैंने अधिकारियों से मामले को बहुत गंभीरता से लेने के लिए कहा है.
घटना के लगभग 24 घंटे बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस ने बताया कि पीड़ित छात्रा और उसके बॉयफ्रेंड को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376-डी के तहत सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कहा है कि अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, जांच जारी है. छात्रा का बयान अभी दर्ज नहीं किया गया है.चामुंडी हिल्स, मैसूर शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर, राज्य के लोकप्रिय स्थलों में से एक है जहां चामुंडेश्वरी मंदिर स्थित है.

राजनांदगांव / शौर्यपथ / जिले के ग्रामीण अंचलों से आज भी ऐसी प्रतिभाएं हैं, जिन्होंने काबिलियत का लोहा प्रदेश जिले के साथ देश में भी लोहा मनवाने से पीछे नहीं रहने वाले ऐसे ही ग्रामीण अंचल की प्रतिभाओं ने अपने जुनून और जिले का नाम रोशन करने के लिए 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश की यूनाम चोटी पर चढ़कर 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन भारतीय ध्वज को फहराकर जिला का नाम रौशन किया है, जो हिमाचल प्रदेश से रविवार देर शाम को डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन में पहुंचे, जहां पर्वतारोही चिचोला से चंद्रशेखर जादौन, बापुटोला से कुमारी विभा धनकर, चिद्दो से कुमारी गुंजा सिन्हा, चिखली राजनांदगांव से कुमारी दीपशिखा सिन्हा सभी का नगरवासियों ने बड़ी धूमधाम से फुलों की माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया।
चंद्रशेखर जादौन को नगरवासियों ने रेलवे स्टेशन डोंगरगढ़ के प्लेटफार्म से कंधे पर उठाकर बाहर तक डोल की थाप पर थिरकते हुए पहुंचाया गया।

मुंबई / शौर्यपथ / महाराष्ट्र में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 5,225 नये मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 64,11,570 हो गयी जबकि 154 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 1,35,567 तक पहुंच गया है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे में 5,557 मरीजों के संक्रमण से उबरने की पुष्टि हुई है जिसके बाद संक्रमण मुक्त होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 62,14,921 हो गई है. महाराष्ट्र में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 57,579 हो गयी है. संक्रमण से ठीक होने की दर 96.93 प्रतिशत हो गयी है जबकि मृत्यु दर 2.11 प्रतिशत है.
महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में पिछले चार दिनों में कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. महाराष्ट्र में अब तक 5,17,14,950 नमूनों की कोविड-19 जांच की गयी है, जिसमें से 2,25,870 नमूनों की जांच बीते 24 घंटे में की गयी.
अहमदनगर जिले में सर्वाधिक 762 नये मामले सामने आए. इसके बाद सतारा जिले में 707 नये रोगी मिले. सतारा जिले में ही बीते 24 घंटे के दौरान सर्वाधिक 37 मरीजों की मौत हुई.
राज्य के आठ क्षेत्रों में से बीते 24 घंटे में पुणे क्षेत्र में सर्वाधिक 67 रोगियों की मौत हुई जबकि कोल्हापुर क्षेत्र में संक्रमण के कारण 39 लोगों की जान गयी. राजधानी मुंबई में इस दौरान कोविड-19 के 282 नये मामले सामने आए जबकि पांच रोगियों की मौत हो गयी.

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