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उत्तर प्रदेश । शौर्य पथ । उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से कत्ल की हैरान करने वाली वारदात सामने आई है. अवैध संबंधों के चलते पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से कत्ल की हैरान करने वाली वारदात सामने आई है. अवैध संबंधों के चलते पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी. यहां सबसे चौंका देने वाली बात यह है कि पत्नी ने इस वारदात के बाद हत्या को हादसे में तब्दील करने के लिए उसके शरीर को बिजली का करंट लगा दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने जब सख्ती के साथ पत्नी से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. इसके बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
आकांक्षी जिलों में संचालित सबसे बेहतर अभियानों में से एक, मलेरिया खत्म करने देश के अन्य आकांक्षी जिलों में इसे अपनाना चाहिए
रायपुर / शौर्यपथ / संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और नीति आयोग ने प्रदेश के बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा संचालित मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सराहना की है। यूएनडीपी ने नीति आयोग को सौंपे अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आकांक्षी जिलों बीजापुर और दंतेवाड़ा में इस अभियान के बहुत अच्छे नतीजे आए हैं। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर से बीजापुर जिले में मलेरिया के मामलों में 71 प्रतिशत और दंतेवाड़ा में 54 प्रतिशत की कमी आई है। यूएनडीपी ने इस अभियान को आकांक्षी जिलों में संचालित सबसे बेहतर अभियानों में से एक बताया है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मलेरिया को खत्म करने देश के अन्य आकांक्षी जिलों में भी इस तरह का अभियान संचालित किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग को मलेरिया से मुक्त करने राज्य शासन द्वारा शुरु किए गए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का व्यापक असर देखने को मिला है। बस्तर क्षेत्र में इसके बेहतरीन परिणाम देखे जाने के बाद इस अभियान का मलेरिया मुक्त छतीसगढ़ अभियान के रूप में पिछले वर्ष के अंत में सरगुजा संभाग में भी क्रियान्वयन किया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा चलाए गए दोनो संभागों में इन विशेष अभियानों से मलेरिया के प्रकरणों में लगातार कमी आ रही है। अप्रैल-2020 की तुलना में अप्रैल-2021 में सरगुजा संभाग में मलेरिया के मामलों में 60 प्रतिशत और बस्तर संभाग में 45 प्रतिशत की कमी आई है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम में किया इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क का शुभारंभ
खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने की योजनाओं का लाभ लेने छत्तीसगढ़ अग्रणी भूमिका निभाये: केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर
रायपुर जिले के बेमता-सरोरा में स्थापित किया गया है मेगा फूड पार्क
रायपुर / शौर्यपथ / केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के तिल्दा विकासखण्ड स्थित ग्राम बेमता-सरोरा में निजी क्षेत्र के इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क का शुभारंभ किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्य मंत्री खाद्य प्रसंस्करण रामेश्वर तेली, छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना सहित किसानों और वनवासियों के हित में निजी क्षेत्र द्वारा की जाने वाली हर पहल को राज्य सरकार हर संभव मदद देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि निजी क्षेत्र के उद्यमियों ने छत्तीसगढ़ में साग-सब्जियों और फलों के प्रसंस्करण सम्भावनाओं को परखा है और वे खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपनी भागीदारी तेजी से बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि किसानों को उनके उत्पाद की सही कीमत मिल सके। इसके लिए उपज की सुरक्षा, भण्डारण और प्रसंस्करण के लिए फूड पार्क की एक व्यापक श्रृंखला की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 110 फूड पार्क स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जमीनों का चिन्हांकन किया जा चुका है। प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में कम से कम एक फूड पार्क की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी तरह के फल और सब्जियों का भरपूर उत्पादन होता है। कई बार किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नही मिल पाता। प्रदेश में वनोपजों का भी भरपूर उत्पादन होता है। लेकिन वनोपजों के संग्रहण और प्रसंस्करण की सुव्यवस्थित प्रणाली नहीं होने के कारण कई अवसरों पर संग्राहकों को समुचित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों और वनवासियों को उनके उत्पादों का सही मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने इन उत्पादों को क्षेत्रवार चिन्हित करके उनके प्रसंस्करण का कार्य शुरू किया है। वनोपजों को संग्रहण करने वाले स्व सहायता समूहों के माध्यम से उनके प्रसंस्करण के लिए वन-धन केन्द्रों की स्थापना की गई है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर कहा है कि आज इस बात की आवश्यकता है कि किसानों की फसलों की उत्पादकता बढ़े, कृषि और उद्यानिकी फसलों का प्रसंस्करण हो और किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिले। इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने की योजनाएं का लाभ लेने में छत्तीसगढ़ अग्रणी भूमिका का निर्वाह करे।
केन्द्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना लागू की गई है। छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति में फूड पार्कों की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र को भूमि आबंटन के साथ अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
रायपुर जिले के ग्राम बेमता-सरोरा में केन्द्र सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना और मेगा फूड पार्क योजना के अंतर्गत विकसित किए गए इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क में फलों और सब्जियों के गूदे और टमाटर, आम, ब्लूबेरी, पपीता, अमरूद, आंवला और लौकी, करेले के गूदे, जूस तैयार करने की अंतर्राष्ट्रीय मानक की प्रसंस्करण और पैकेजिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा मटर, आम के स्लाइस, पपीते के स्लाइस, पत्तेदार सब्जियों के लिए फूड पार्क में 6650 मीट्रिक टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज व 22 हजार मीट्रिक टन ड्राई वेयरहाउस की सुविधा भी उपलब्ध है। उत्पादों की गुणवत्ता परीक्षण के लिए फूड पार्क में अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की गई है। फूड पार्क में छोटी इकाईयों और प्रोसेसर के लिए 150 वर्ग गज के प्लग एंड प्ले शेड बनाए गए हैं। फूड पार्क में चावल, दूध, मक्का, तेल, टमाटर आधारित प्रसंस्करण इकाईयों के लिए 0.5 एकड़ से एक एकड़ के 30 औद्योगिक भूखण्ड भी हैं।
वर्चुअल कार्यक्रम में केन्द्रीय सचिव श्रीमती पुष्पा सुब्रमणियम, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव उद्योग मनोज कुमार पिंगुआ, इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क के चेयरमेन रूद्र सेन सिंधु, निदेशक सत्यपाल सिंधु, दैनिक हरिभूमि के प्रधान सम्पादक हिमांशु द्विवेदी भी शामिल हुए।
बीजापुर अस्पताल को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन एवं नारायणपुर व कवर्धा जिला अस्पतालों को लक्ष्य सर्टिफिकेशन
रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना महामारी के संकट काल में भी छत्तीसगढ़ राज्य के 03 शासकीय जिला अस्पतालों बीजापुर, नारायणपुर,कवर्धा को भारत सरकार द्वारा उत्कृष्टता स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रमाण पत्र दिया गया है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित संबंधित जिलों के मैदानी अधिकारियों को बधाई दी है। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे ।उन्होंने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले सभी अस्पतालों के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बीजापुर के जिला अस्पताल को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र (NQAS – National Quality Assurance Standard) दिया गया है |
इसी प्रकार जिला अस्पताल नारायणपुर और जिला अस्पताल कवर्धा को प्रसव सम्बन्धी उत्कृष्ट सेवाएं देने के लिए लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। जिला अस्पताल नारायणपुर के मेटरनिटी ऑपरेशन थियेटर व लेबर रूम को 89-89 प्रतिशत एवं जिला अस्पताल कवर्धा के मेटरनिटी ऑपरेशन थियेटर को 89 प्रतिशत व लेबर रूम को 87 प्रतिशत अंक मिले हैं। प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व भारत सरकार की विशेषज्ञों की टीम द्वारा इस वर्ष फरवरी में अस्पतालों की ओपीडी, आई.पी.डी, प्रसव कक्ष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और जनरल एडमिन व्यवस्था का मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि इन तीनों सरकारी अस्पतालों द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र व लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्रमाण-पत्र हासिल करने से प्रदेश के दूसरे अस्पताल भी लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने को प्रेरित होंगे।
नई दिल्ली। शौर्य पथ । स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने कोविड.19 की इस दूसरी लहर और चुनौतीपूर्ण समय में अपने बेहद महत्वपूर्ण ग्राहकों से अपने जुड़ाव को और मजबूती प्रदान करने के लिए 24 मई को ग्राहकों से एक ऑनलाइन मुलाकात का आयोजन किया। सेल अध्यक्ष श्रीमती सोमा मंडल ने सेल के केंद्रीय विपणन संगठन के अन्य निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश भर से कंपनी के 26 प्रतिष्ठित ग्राहकों के साथ बातचीत की। सेल का दृढ़ विश्वास है कि ग्राहक सेल की प्रगति में भागीदार हैं और सेल ग्राहकों के साथ अपने जुडााव को लगातार और मजबूत कर रहा है। इस ऑनलाइन मुलाकात में वे ग्राहक शामिल रहे, जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान अपनी अधिकांश जरूरतों की खरीद सेल से की। इस ऑनलाइन मुलाकात के जरिये ग्राहकों से महत्वपूर्ण फीडबैक और सुझाव प्राप्त करने में मदद मिली,जो ग्राहकों के कंपनी के साथ अपने लेनदेन के दौरान सेल को ग्राहकों के अनुभव को और बेहतर करने में मदद करेगा। कार्यक्रम के दौरान सेल की अध्यक्ष श्रीमती सोमा मंडल ने विभिन्न इस्पात उत्पादों की खरीद के लिए ग्राहकों की पसंदीदा पसंद बने रहने के लिए कंपनी द्वारा की गई ग्राहक.केंद्रित पहलों को रेखांकित किया। उन्होंने ग्राहकों के महत्व को दर्शाते हुए कहाए श्ग्राहक किसी भी कंपनी के उन मुख्य स्तंभों में से एक हैं जो किसी भी कंपनी की व्यावसायिक सफलता सुनिश्चित करते हैं। एक संतुष्ट ग्राहक सबसे अच्छा राजदूत होता है जो एक संगठन के पास हो सकता है। यह उल्लेख करते हुए कि महारत्न स्टील उत्पादक सेल पिछले 60 से भी अधिक वर्षों से स्टील उत्पादन से जुड़वा हुआ हैञ उन्होंने कहा इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह हमारे मूल्यवान ग्राहक हैं जिन्होंने हमारे उत्पादों में, उनकी उत्पाद जरूरतों को पूरा करने की हमारी क्षमता में और ब्रांड सेल में अपना अटूट विश्वास दिखाया है जिसने हमें मौजूदा सेल के वजूद को बनाने और उसे हासिल करने की ताकत दी है। इस ऑनलाइन मीटिंग इस अभूतपूर्व और विपरीत कोरोना परिस्थितियों के मद्देनजर आयोजित की गई थीए कंपनी को भरोसा है कि सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ संवाद करने से उसका पारस्परिक पेशेवर विश्वास मजबूत होगा और निरंतर सफलता की ओर ले जाएगा।
राज्य में टेस्टिंग की संख्या बढ़ी, ट्रेसिंग में भी तेजी
पॉजिटिविटी रेट में निरंतर कमी, मरीजों की संख्या घट रही
ग्रामीण क्षेत्रों में टीमें तैनात कर दिया जा रहा विशेष ध्यान
अस्तपालों में बेड की उपलब्धता की गई है आनलाइन
राज्य में आक्सीजन की कमी नहीं
वैक्सीनेशन की कमी को दूर करने का अनुरोध
आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए उद्योगों को 80ः20 के अनुपात में आक्सीजन उपलब्ध कराने का भी अनुरोध
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री की दोनों मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का दिया आश्वासन
रायपुर / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दूरभाष पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रदेश में कोविड-19 के संबंध में विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघले ने प्रधानमंत्री से कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उनके और केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशोें का छत्तीसगढ़ द्वारा पूरा पालन किया जा रहा है। राज्य में टेस्टिंग की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। ट्रेसिंग में भी तेजी आई है। पॉजिटिविटी दर में निरंतर कमी आ रही है, मरीजों की संख्या घट रही है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिन इलाकों में अभी भी केस बढ़ रहे हैं वहां अतिरिक्त टीमें लगायी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी जानकारी दी कि प्रदेश में शासकीय और निजी कोविड अस्पतालों और केयर सेंटरों के बेडों की पूरी जानकारी को आनलाईन किया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति आसानी से इनका लाभ ले सके। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री का राज्य में वैक्सीनेशन की कमी की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि चूकि वर्तमान में आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है कि अतः 80 प्रतिशत अस्पतालों को और 20 प्रतिशत छोटे-मोटे उद्योगों को उपलब्ध कराने की मंजूरी दी जाए ताकि ये उद्योग भी अपना काम प्रारंभ कर सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उक्त दोनो मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।
• होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को रेमेडेसिवीर इंजेक्शन इस्तेमाल नहीं करने की सलाह
• मरीज की देखभाल करने वालों को भी सतर्क रहने की जरूरत
• सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द एवं ऑक्सीजन स्तर 94 से कम होने पर ही अस्पताल जाने की सलाह
• कम से कम 10 दिन होम आईसोलेशन में रहना जरुरी
• मास्क के भींगने पर तुरंत बदल लें मास्क, आठ घंटे से अधिक नहीं करें इस्तेमाल
रायपुर / शौर्यपथ / पिछले साल 2 जुलाई को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के माइल्ड (हल्के) एवं बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आईसोलेशन की सलाह दी थी एवं इसको लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किया था. इस वर्ष पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण संक्रमण के स्वरुप में काफ़ी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आईसोलेशन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें होम आईसोलेशन के लिए मरीजों की योग्यता, होम आईसोलेशन में मरीजों द्वारा ध्यान देने योग्य बातें, मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों के लिए सलाह, चिकित्सकीय सलाह एवं अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थितियों सहित होम आईसोलेशन में जरुरी ईलाज आदि बातों की विस्तार से जानकारी दी गयी है.
गाइडलाइन में कहा गया है कि माइल्ड या बिना लक्षण(असिम्टोमेटिक) वाले रोगी ही होम आइसोलेशन के लिए योग्य हैं. माइल्ड लक्षण वाले रोगियों को बुखार, कफ, खांसी, नाक बहना या बदं होना, सिरदर्द, थकान आदि रहता है.
चिकित्सा पदाधिकारी की सलाह के बाद होम आइसोलेशन:
गाइडलाइन में कहा गया है कि चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा कोरोना संक्रमित मरीज में माइल्ड अथवा बिना लक्षणों की पुष्टि किये जाने के बाद रोगी को होम आइसोलेशन में रहना चाहिए. सेल्फ आइसोलेशन के दौरान ऐसे रोगियों के लिए हरसमय एक देखभालकर्ता को मौजूद होना जरूरी है. होम आइसोलेशन के दौरान रोगी के स्वास्थ्य के निगरानी व अद्यतन जानकारी देने के लिए देखभालकर्ता को अस्पताल के साथ संवाद बनाये रखना बहुत जरूरी है. वैसे कोविड मरीज जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है तथा हाइपरटेंशन, मधुमेह तथा लंग, लीवर, किडनी तथा तंत्रिका तंत्र से जुड़े गंभीर रोग से ग्रसित हैं उन्हें चिकित्सा पदाधिकारी के निर्देश व सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए.
इन मरीजों को होम आइसोलेशन में नहीं रखने की सलाह:
गाइडलाइन में कहा गया है कि होम आइसोलेशन के दौरान रेमेडिसिविर का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है. इसके साथ ही यह जानकारी दी गयी है कि वैसे रोगी जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ हो, एचआइवी ग्रसित हों या फिर कैंसर थेरेपी आदि हुआ है उन्हें होम आइसोलेशन में नहीं रखा जाना चाहिए. ऐसे मरीजों के लिए चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा सभी जांच के बाद ही होम आइसोलेशन में रखे जाने की सलाह दी गयी है. कोविड रोगी के देखभाल करने वाले व उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को तीन लेयर वाले मास्क का इस्तेमाल करें.
कोविड रोगी एवं देखभालकर्ता इन बातों का रखें ध्यान:
गाइडलाइन में कोविड रोगी को घर के एक कमरे में रहने तथा विशेषतौर पर परिवार में मौजूद गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों से दूरी बनाकर रहने के लिए कहा गया है. साथ ही कमरे में पर्याप्त फ्रेश हवा की मौजूदगी एवं इसके लिए वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी गयी है. कमरे में देखभालकर्ता तथा रोगी दोनों तीन लेयर के मास्क इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है. साथ ही अधिकतम आठ घंटे तक ही एक मास्क का इस्तेमाल करने की बात कही गयी है. मास्क के भींग जाने के बाद उसे तुरंत बदल लें. देखभालकर्ता को मरीज से शारीरिक दूरी, नियमित अन्तराल पर हाथों की सफ़ाई एवं रोगी के द्वारा इस्तेमाल की जा रही चीजों का घर के अन्य सदस्यों से दूर रखने की हिदायत भी दी गयी है. गाइडलाइन में मास्क एवं अन्य चीजों के सुरक्षित डिस्पोजल की भी सलाह दी गयी है.
इन परिस्थितियों में चिकित्सकीय सलाह जरुरी:
·सांस लेने में तकलीफ़ होने पर
·ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर
·छाती में लगातार दर्द का बने रहना या अचानक बढ़ जाना
·मानसिक रूप से अधिक परेशान होने पर
10 दिन बाद आ सकते हैं आइसोलेशन से बाहर:
होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी 10 दिनों के बाद बाहर आ सकते हैं. होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद जांच की कोई आवश्यकता नहीं होती है. होम आइसोलेशन के दौरान रोगी अधिक से अधिक आराम करें और खूब पानी पीकर शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ायें. श्वसन संबंधी सुरक्षा तथा व्यवहार के नियमों का पालन करें. साबुन पानी से हाथों को नियमित रूप से 40 सेकेंड तक अवश्य धोंयें. व्यक्तिगत इस्तेमाल वाली चीजें साझा नहीं करें. रोगी के कमरे को एक प्रति हाइपोक्लोराइट से टेबल, दरवाजे, आदि साफ करें. कोविड के माइल्ड लक्षण वाले रोगी अपने शरीर के आॅक्सीजन स्तर की निगरानी करते रहें.
रायपुर / शौर्यपथ / भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दूरभाष पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से चर्चा कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति तथा वैक्सीनेशन की स्थिति की जानकारी ली । उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए इस संकट से निपटने के लिये प्रदेश में निवासरत सेना के भूतपूर्व चिकित्सकों, नर्स, लैब टैक्नेशियन एवं भूतपूर्व सैनिकों की सेवाये ली जा सकती हैं। इसके साथ ही साथ स्काउट गाईड, एनएसएस के स्वंयसेवक, एनसीसी केडेटों की भी सेवाएं ली जा सकता है। इसके लिये संबंधितों के साथ वर्चुअल बैठक कर सुझाव एवं सहयोग लिया जा सकता है। रक्षामंत्री ने कहा है कि इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा करें और उन्हें इस सुझाव से अवगत करावें।
इसके उपरांत राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से फोन पर चर्चा कर रक्षामंत्री के इन सुझावों एवं निर्देशों से अवगत कराते हुए कहा कि सेना के इन पूर्व कर्मियों से सहयोग प्राप्त करने के लिये इनके प्रमुखों के साथ वर्चुअल मीटिंग लेकर इनके सुझाव प्राप्त किया जाए ताकि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से उत्पन्न संकट से निपटने में सहायता मिल सके। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि भूतपूर्व सेना कर्मियों का कोरोनो संकट काल में सहयोग लेने का सुझाव बहुत अच्छा है और संकट की स्थिति से निपटने में उपयोगी हो सकता है। राज्यपाल सुश्री उइके ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से भूतपूर्व सैनिकों और सैन्य सेवा में रहे पूर्व चिकित्सकों के साथ शीघ्र वर्चुअल बैठक आयोजित कर सहयोग की कार्ययोजना तैयार कर प्रभावी रूप से क्रियान्वयन कराने की बात कही है।
रेडमेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाईयों के उत्पादक राज्यों द्वारा अन्य राज्यों में भी प्राथमिकता से आपूर्ति के लिए मुख्यमंत्री ने गाइडलाइन जारी करने प्रधानमंत्री से किया अनुरोध
स्टील उद्योगों की ऑक्सीजन की आपूर्ति रुकने से हज़ारों लोगों का रोज़गार प्रभावित होगा, निर्णय पर पुनर्विचार की मांग
मुख्यमंत्री कोरोना नियंत्रण की व्यवस्था और टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक में हुए शामिल
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्र सरकार को कोरोना के टीके मिलने की दर पर ही राज्यों को भी टीका उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्यों पर वित्तीय भार कम होगा। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाले वैक्सीन की आपूर्ति की समय सारणी से भी अवगत कराने का आग्रह किया है, जिससे राज्य में सभी पात्र लोगों के टीकाकरण की कार्ययोजना बनाई जा सके। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना नियंत्रण की व्यवस्था और टीकाकरण की प्रगति की वर्चुअल समीक्षा बैठक में यह अनुरोध किया। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी शामिल हुए। वहीं नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ गृहमंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि जिस तरह से ऑक्सीजन उत्पादक राज्य अपनी जरूरत के बाद का अतिरिक्त आक्सीजन प्राथमिकता से दूसरे राज्यों को उपलब्ध करा रहे हैं। वैसे ही रेडमेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाइयों के उत्पादक राज्य प्राथमिकता से इन्हें दूसरे राज्यों को भी उपलब्ध कराएं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध भी किया कि छत्तीसगढ़ में इस्पात उद्योगों की अधिकता को देखते हुए औद्योगिक ऑक्सीजन के उत्पादन और उसके उपयोग की अनुमति दी जाए, जिससे अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव न पड़े और इन उद्योगों से जुड़े हज़ारों परिवारों के समक्ष रोज़गार का संकट न उत्पन्न हो।
मुख्यमंत्री बघेल ने कोरोना टीकाकरण की प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री को बताया कि प्रदेश की 18 प्रतिशत आबादी को इसकी पहली खुराक दी जा चुकी है। उन्होंने जानकारी दी कि 90 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 84 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 69 प्रतिशत लोगों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से कोरोना संक्रमितों का प्रवेश रोकने के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं, एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर कोरोना की जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में व्यवस्थाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। निजी अस्पतालों में भी संक्रमितों के इलाज की दरें तय की गई हैं। चिकित्सा क्षेत्र में मानव संसाधन बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ ही नए डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। रेडमेसिविर की कालाबाजारी रोकने और जरुरतमंदों तक इसे पहुंचाने के लिए व्यवस्था बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि चिकित्सा विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों के साथ ही सभी नगरीय निकायों एवं पंचायतीराज संस्थाओं से लगातार चर्चा कर कोरोना प्रबंधन में उनकी सहायता ली जा रही है। डीएमएफ, सीएसआर, सांसद निधि विधायक निधि और महापौर निधि की राशियों का भी उपयोग कोविड-19 की रोकथाम के लिए व्यवस्थाएं विकसित करने में की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए आठ नई औद्योगिक इकाइयों को लाइसेंस जारी किए गए हैं। प्रदेश में कुल 29 यूनिटों द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। राज्य की जरूरत के बाद का अतिरिक्त ऑक्सीजन हम दूसरे राज्यों को भी दे रहे हैं। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी मौजूद थीं।