March 14, 2025
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मुंबई / शौर्यपथ / कोरोना वायरस संकट के बीच भाजपा द्वारा आयोजित जन आशीर्वाद यात्रा (से महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार नाराज दिख रही है. आर्थिक नगरी मुंबई में यात्रा निकालने के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ताओं पर कोविड प्रोटोकॉल्स के उलंघन के आरोप में मुंबई के अलग-अलग पुलिस थानों में 7 FIR दर्ज की गई हैं.
ये FIR विलेपार्ले, खेरवाड़ी, माहिम, शिवाजी पार्क , दादर , चेम्बूर और गोवंडी पुलिस थानों में दर्ज की गई हैं. आयोजकों पर आईपीसी की धारा 188, NDMA एक्ट की धारा 51 और BP एक्ट की धारा 135 लगाई गई है.
हालांकि इन मामलों में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल के समर्थन में 16 अगस्त को जन आशीर्वाद यात्रा निकाली गई थी, जिसमें सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ता शामिल हुए थे. यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री का शहर के अलग-अलग इलाकों में स्वागत किया गया था.
बता दें कि जुलाई में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल में शामिल नए मंत्रियों को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्र लिखकर जनता के बीच जाकर सीधे संवाद करने और जन ाशीर्वाद यात्रा निकालने का निर्देश दिया था. इसी के बाद नए मंत्री देशभर में जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं. इस यात्रा के दौरान हरेक मंत्री को कम से कम तीन या चार लोकसभा क्षेत्र का भ्रमण करना है.

रायपुर / शौर्यपथ / राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द से राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज नई दिल्ली में मुलाक़ात कर जनजातीय क्षेत्रों में पाँचवीं अनुसूची एवं आदिवासियों के विकास-कल्याण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
राज्यपाल ने राष्ट्रपति से कहा कि पिछले दिनों कुछ संस्थाओं ने ज्ञापन देकर आग्रह किया है कि राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल ट्राइबल कौंसिल, राज्य स्तर पर स्टेट ट्राइबल कौंसिल तथा जिला स्तर पर डिस्ट्रिक ऑटोनॉमस कौंसिल का गठन किया जाना चाहिए। साथ ही विकासखंड स्तर पर रिजनल कौंसिल, ग्राम स्तर पर ग्रामसभा होनी चाहिए, जिसकी सलाह से आदिवासियों के विकास और कल्याण कि लिए नीतियां बनाई जाए और क्रियान्वित किया जाए। संस्थाओं ने यह भी कहा कि पेसा कानून के अंतर्गत नियम बनाकर पूरी तरह क्रियान्वित किया जाए। राज्यों में समय-समय पर आदिवासी सलाहकार परिषद की बैठक हो और राज्यपाल से सलाह ली जाए। इनकी सलाह से आदिवासी कल्याण के नीतियां बनाई जाएं तथा लागू किया जाए। इन संस्थाओं ने यह भी आग्रह किया है कि आदिवासियों के उपयोजना की राशि को आदिवासियों के विकास में पूरी तरह उपयोग किया जाए। साथ ही शेड्यूल एरिया एडमिनिस्टेªटिव सर्विस कमीशन बनाने की सुझाव दिया है।
राज्यपाल सुश्री उइके ने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में संविधान के पाँचवीं अनुसूची के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू करने की बात कही।
सुश्री उइके ने राष्ट्रपति से देश की अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति के लिए भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के अनुसार आदिवासी सलाहकार परिषद की प्रभावी भूमिका और जिम्मेदारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध भी किया। इसके अलावा राज्यपाल ने प्रदेश के विकास के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रपति को ‘कोरोना काल में राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका’ पुस्तिका तथा प्रतीक चिन्ह भेंट की।

नई दिल्ली / शौर्यपथ / भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास के आह्वान पर देश में बढ़ रही रोजाना पेट्रोल, डीजल ,गैस और किसानों की समस्या और हर एक वस्तु महंगाई के विरोध में संसद घेराव का कार्यक्रम भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के द्वारा संसद घेराव कार्यकर् रखा गया था जिसमें देशभर के हजारों युवा कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष व पदाधिकारी गण नई दिल्ली संसद घेराव कार्यक्रम में कुच किए थे और कार्य
इसी महंगाई के विरोध कार्यक्रम मे अय्यूब खान पूर्व अध्यक्ष युवा कांग्रेस लोकसभा दुर्ग के नेतृत्व सैकड़ों युवा साथियों के साथ नई दिल्ली गए संसद घेराव कार्यक्रम मे शामिल हुए ! अय्युब खान ने बताया कि आज देश भर मंहगाई ने देशवासियों का कमर तोड दी है जबसे मोदी सरकार आई तबसे हर एक चीज महंगाई बढ़ती जा रही रेल का किराया भा जा पा सरकार केंद्र में काबिज होते ही रेल किराया डबल हो गया पेट्रोल डीजल ने शतक मार दिया गैस सिलेंडर ने हजार बनाने की तैयारी है जबकि अभी विश्व मे कच्चे तेल की कीमत बहुत कम हैं फिर भी इसमें रोज मूल्य मे वृद्धि की जा रही ये आम जनता के समझ के परे है !
पेट्रोल डीजल के महंगा होने के कारण हर जरूरत की वस्तु भी महंगाई झेल रही खाने के तेल राशन सब्जी बस से लेकर हर यात्री किराया भाड़ा वृद्धि हो रही हर दिन की बढ़ती महंगाई से आम आदमी और गरीब आदमी रोज त्रस्त हो जा रहे हैं जिसकी सारी जिम्मेदारी मोदी सरकार जिसने इन्ही के वोट से बहुमत कि सरकार बनाई और इसी जनता की कमरतोड़ महंगाई दंश झेल रही हैं
संसद घेराव कार्यक्रम शामिल होने दुर्ग से अय्यूब खान के साथ अभिषेक शर्मा , संदीप बक्सी, राकेश दुबे , पुरसुत्तम सोनवानी , दीपक शर्मा , जयदीप बघेल , विनोद मोहनानी , गौरव बिहारी , रंजित रंजन सहित दर्जनों यूवा साथी के साथ दिल्ली मे शामिल हुए |

रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश के गृह और लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज नई दिल्ली प्रवास के दौरान द्वारका में बन रहे नवा छत्तीसगढ़ सदन के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
गृहमंत्री साहू ने निर्माण कार्यों का जायजा लेते हुये तय समय सीमा के अंदर कार्य निष्पादन के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए कार्य में ओर तेज़ी लाने की बात भी कही । निरीक्षण के दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के साथ नई दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी आर पी यादव भी उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्यसभा सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम ने संसद में विशेष उल्लेख नियम के माध्यम से छत्तीसगढ राज्य को उर्वरक आपूर्ति कम किए जाने का मुद्दा उठाया। श्रीमती नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ एक कृषि प्रधान प्रदेश है जहां की 80 प्रतिशत आबादी खेती से जुडी है। खरीफ के अन्तर्गत धान एवं अन्य अनाज लगभग 40.5 लाख हेक्टेयर, दलहन 3.76 लाख हेक्टेयर, तिलहन 2.55 लाख हेक्टेयर और अन्य फसल 1.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की जाती है।
श्रीमती नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ सरकार ने केन्द्र सरकार से 11.75 लाख मे.टन रसायनिक उर्वरक की मांग की थी जिसे स्वीकृति भी दे दी गई थी लेकिन फिर भी केन्द्र सरकार ने जून महीने में सप्लाई प्लान के अनुसार उर्वरक आपूर्ति केवल 51 प्रतिशत ही की है। श्रीमती नेताम ने बताया कि छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से रसायन एवं उर्वरक मंत्री, भारत सरकार को मांग अनुसार उर्वरक प्रदान करने और जुलाई महीने में नीम कोटेड यूरिया न्यूनतम 1.50 लाख मे.टन, डीएपी 1.50 लाख मे.टन अतिरिक्त आवंटन करने के लिए पत्र भी लिखा गया है।
श्रीमती नेताम ने मांग की है कि किसानों के हित में खरीफ 2021 में छत्तीसगढ राज्य की मांग एवं सप्लाई प्लान के अनुसार उर्वरक की आपूर्ति शीघ्र की जाए जिससे खरीफ फसल प्रभावित ना हो और छत्तीसगढ के किसानों को राहत मिल सके।

नई दिल्ली। शौर्य पथ । मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो वर्ष बाद आखिरकार मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया और एक जंबो टीम तैयार हो गई । 78 मंत्रियों के इस जंबो टीम में दलबदलु नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को आखिरकार केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल किया गया । केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्रालय का प्रभार देने के बाद विपक्षी दलों की तरफ से उन्हें लगातार निशाने पर लेकर तंज किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को उन्हें बिकाऊ करार दिया. भूपेश बघेल ने कहा- सरकार एयर इंडिया को बेचने जा रही है और उस मंत्रालय की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों में दी गई है. एयर इंडिया का लोगो महाराजा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और एयर इंडिया दोनों ही बिकाऊ हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- एक की बोली लगने जा रही है और दूसरे को इसके बेचने का भार दिया गया है. गौरतलब है कि हाल में मोदी कैबिनेट का विस्तार किया गया है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला कैबिनेट विस्तार था. इसमें मध्य प्रदेश से बीजेपी के राज्यसभा सांसद सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार मंत्री बनाकर उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी दी गई है. इस कैबिनेट में 36 नए चेहरों के साथ कुल 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, जबकि 7 मंत्रियों का प्रमोशन किया गया. इसके बाद अब मोदी कैबिनेट में मंत्रियों की कुल संख्या 78 हो गई है. इससे पहले, ज्योतिरादित्य सिंधिया इससे पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. उनके बीजेपी में शामिल होने और मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायकों को तोड़ने के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार गिर गई थी. उसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य में नई सरकार बनी थी. उस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी में अपनी अनदेखी का आरोप लगाया था.

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ग्राम रामपुर पहुंचकर हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री बघेल स्वर्गीय श्री सिंह के परिवारजनों से मिल कर शोक संवेदनाएं प्रकट की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वर्गीय श्री वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि केन्द्रीय मंत्री और 6 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप में उन्होंने देश और प्रदेश के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनका निधन हिमाचल प्रदेश सहित कांग्रेस पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके निधन से हमने अपने एक वरिष्ठ नेता को हमेशा के लिए खो दिया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि स्वर्गीय श्री वीरभद्र सिंह का छत्तीसगढ़ से भी निकट का संबंध था। वे केन्द्रीय इस्पात मंत्री के रुप में भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यक्रम में आए थे। उन्हें हम सब बहुत ही मिलनसार व्यक्ति के रुप में जानते हैं। श्री बघेल ने इस अवसर पर स्वर्गीय श्री वीरभद्र सिंह से जुड़े संस्मरणों को भी याद किया।

// नरेंद्र मोदी सरकार के 43 मंत्रियों ने शपथ ले ली है. ये किसी सरकार का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल विस्तार है.
// शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही देश के स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और सूचना एवं प्राद्योगिकी मंत्रियों ने इस्तीफ़े दे दिए. मोदी सरकार के कुल 12 मंत्रियों को पद से हटाया गया है.
// 'मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस' का नारा देने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार में 36 नए मंत्री शामिल किए गए हैं.
// राजनीतिक विश्लेषक इसके पीछे दो बड़े कारण मानते हैं- एक तो व्यावहारिक राजनीतिक मजबूरियाँ और दूसरा महामारी के बाद जनता को ज़मीनी काम दिखाने की ज़रूरत.

         नई दिल्ली / शौर्यपथ / वैश्विक महामारी कोरोना आपदा के समय भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था की भले ही शोशल मिडिया में मोदी समर्थको द्वरा वाह वाही की जा रही थी किन्तु व्यस्था में कहा कहा चुक हुई ये अब मोदी सरकार भी मानती है . मोदी सरकार ने अपने दुसरे कार्यकाल में जो सबसे बड़ा फेर बदल किया वो स्वास्थ्य मंत्रालय के बदलाव का किया . मोदी सरकार के दुसरे कार्यकाल के कुछ महीनो बाद ही देश वैश्विक महामारी की चपेट में अ गया था ऐसे में सबसे महत्तवपूर्ण जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की थी किन्तु मंत्रालय में हुए बदलाव ये साफ़ इशारा करते है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो कार्य होना था वो नहीं हो पाया . भले ही इस फेरबदल के बाद मोदी सरकार पर विपक्ष हमला बोलेगा किन्तु प्रधानमंत्री मोदी के कार्यशैली के अनुसार उन्हें विपक्ष के हमले की पूर्व में भी परवाह नहीं रही और वर्तमान में भी किसी की परवाह ना करते हुए ये अहम् फैसला लेना एक साहसिक कदम है जो मोदी सरकार ने उठाया .
मंत्रिमंडल विस्तार में बड़ी संख्या में मंत्रियों को शामिल करने के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह कहते हैं, "ये पॉलिटिकल प्रैगमेटिज्म यानी राजनीतिक व्यवहारिकता है. सरकार की राजनीतिक मजबूरियाँ भी होती हैं. ये बात सही है कि पहले प्रधानमंत्री ने कई मंत्रालयों को समेटा था, कई मंत्रालय को एक किया था, इस बार भी लगता है ऐसी कोशिश होगी कि एक तरह के मंत्रालय एक जगह रहें."
प्रदीप सिंह कहते हैं, "आपने क्या नारा दिया, क्या सिद्धांत बनाए या फिर आपकी नीयत क्या थी, ये मायने नहीं रखता है, अंत में नतीजे ही देखे जाते हैं. जनता वोट इसी बात पर देगी कि आपने प्रदर्शन कैसा किया है. सरकार ने ये प्राथमिकता ज़ाहिर की है कि ज़मीनी स्तर पर काम दिखना चाहिए. और मंत्रिमंडल विस्तार का मक़सद भी यही है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार है. इसमें कुल 43 मंत्री शामिल किए गए हैं, जिनमें से 15 को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है.
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने जून में सभी मंत्रालयों की समीक्षा की थी. सभी के कामकाज़ का 360 डिग्री रिव्यू किया गया था. जानकार बताते हैं कि इस दौरान पीएम मोदी ने तय किया कि किस-किस मंत्री को हटाना है. सबसे पहले जानते हैं उन पाँच बड़े मंत्रियों के बारे में, जिन्हें पद से हटाया गया है.
कोविड महामारी के दौरान भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय का नेतृत्व कर रहे हर्षवर्धन को इस्तीफ़ा देना पड़ा है. राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह कहते हैं, "ज़ाहिर है प्रधानमंत्री उनके काम से ख़ुश नहीं थे." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में सभी मंत्रालयों के कामकाज़ की समीक्षा की थी.
वरिष्ठ पत्रकार अदिति फडनीस कहती हैं, "स्वास्थ्य मंत्रालय को पूरी तरह बदल दिया गया है. सरकार दिखाना चाहती है कि कोविड महामारी के दौरान लोगों को जो भी दिक़्क़तें आई हैं, या नुक़सान हुआ है, अब नहीं होने दिया जाएगा."
स्वास्थ्य मंत्री को हटाने से सरकार पर ये सवाल भी उठेगा कि उसने महामारी के दौरान ठीक से प्रबंधन नहीं किया और लोगों की जान बचाने में नाकाम रही. विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी को विपक्ष की आलोचना की बहुत परवाह नहीं है.
       प्रदीप सिंह कहते हैं, "स्वास्थ्य मंत्री को हटाने का मतलब है कि सरकार ने विपक्ष को आलोचना करने का मौक़ा दे दिया है. उनको हटाते ही ये सवाल उठेगा कि सरकार कोरोना महामारी के प्रबंधन में विफल रही है. ये बात प्रधानमंत्री भी जानते हैं, लेकिन उनके काम करने का तरीक़ा यही है, वो विपक्ष की आलोचना की बहुत परवाह नहीं करते हैं."
वहीं अदिति फडनीस कहती हैं, "कोविड प्रबंधन का एक दौर ये था कि लोगों से ताली-थाली बजाने के लिए कहा गया, फिर एक दौर वो आया कि मोदी जी टीवी चैनल पर आकर रोने लगे और अब एक दौर ये है जब ये संकेत दिया जा रहा है कि अब रोना-धोना बंद, अब काम करने का समय है."

छिंदवाड़ा / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज छिंदवाड़ा के जिला सत्र न्यायालय में पहुंची और वहां परिसर में वृक्षारोपण किया। साथ ही राज्यपाल ने जिला न्यायालय को एयर प्यूरीफायर प्रदान किया। 

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