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दुर्ग । शौर्य पथ । शहर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन-जाति वर्ग युवा बिग्रेड के दुर्ग शहर उपाध्यक्ष विशाल कुमार के नेतृत्व में दुर्ग विधायक अरूण वोरा का आज मंगलवार 25 मई को पटरीपार दुर्ग के भीम नगर, उरला जाने वाली मुख्य मार्ग के पास कोविड नियमों का पालन करते हुए पुतला दहन किया गया एवं युवा बिग्रेड के सदस्यों के द्वारा अरूण वोरा मुर्दाबाद के नारा लगाते हुये अपना आक्रोश प्रकट किया । ज्ञातव्य हो कि अरूण वोरा विधायक दुर्ग के द्वारा अखिल भारतीय कॉग्रेस कमेटी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहूल गॉधी का पुतला जलाने वाले ए.बी.व्ही.पी.(भारतीय जनता पार्टी) के कार्यकर्ता हरीश साहू को नव नियुक्त एल्डरमेन पद पर नियुक्त किया गया है । जिसके विरोध में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति के युवा बिग्रेड के सदस्यों ने अनुसूचित जाति वर्ग एवं अनुसूचित जन-जाति वर्ग को एल्डर मेन पद पर प्रतिनिधित्व नहीं दिये जाने से व कॉग्रेस संगठन के कर्मठ सदस्यो को अनदेखा किया गया है जिससे काफी नाराज है इसी नाराजगी को जाहिर करते हुऐ युवा बिग्रेड के द्वारा विधायक अरूण वोरा मुर्दाबाद के नारा लगाते हुये अरूण वोरा का पुतला दहन करके अपना आक्रोश प्रकट किया । पुतला दहन करने वालों में विशाल कुमार, राजकुमार, अंकुश, विक्की, अजय, गणेष, प्रकाष, प्रहलाद कुमार, बंटी आदि युवा बिग्रेड के कार्यकर्ता उपस्थित थे । प्रेस को यह जानकारी युवा बिग्रेड के शहर उपाध्यक्ष विशाल कुमार दी है ।
भिलाईनगर / शौर्य पथ / नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र में डेंगू से बचाव के लिए कूलर और पानी टंकियों एवं विभिन्न पात्रों के पानी की जांच की जा रही है, पिछले दिनों हुई बारिश के चलते जलजमाव वाले स्थानों पर मलेरिया आयल और झाड़ियों तथा अन्य स्थानों पर मैलाथियान का छिड़काव किया जा रहा है ताकि डेंगू जैसी बीमारी से बचाव किया जा सके। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर डेंगू की रोकथाम के लिए निगम का अमला सक्रिय रुप से कार्य कर रहा है! निगम के सभी जोन कार्यालयों के स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर जमा पानी में लार्वा की जांच कर रहे है, टेमीफास् का उपयोग कर कूलर में भरे हुए पानी की सफाई भी करवा रहे है। स्वास्थ्य विभाग का अमला गली-मोहल्लों के सघन रूप से सफाई के साथ जलजमाव वाले स्थानों की सफाई कर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर रहे है। बदलते मौसम के साथ पीलिया जैसे जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए निगम के स्वास्थ्य विभाग का अमला वार्डों में नागरिकों को साफ एवं छना हुआ पानी पीने की सलाह दे रहे है! नगर पालिक निगम भिलाई द्वारा मच्छरों के काटने से होने वाली डेंगू जैसी बीमारियों से आम जन को बचाने हेतु हर संभव प्रयास किया जा रहा है। शिवाजी नगर के जोन स्वास्थ्य अधिकारी महेश पाण्डेय बताया कि सफाई कर्मचारी प्रतिदिन नालियों की सफाई, मैलाथियान का छिड़काव, गंदे स्थानों की सफाई पश्चात ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर रहे है। पिछले दिनों हुई बारिश से जलजमाव वाले स्थानों पर मलेरिया आयल का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि डेंगू के लार्वा को पनपने का मौका न मिले। सभी वार्डों में तैनात स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी प्रतिदिन घर-घर जाकर कूलर में भरे हुए पानी में लार्वा की जांच कर रहे है, अब तक कहीं भी लार्वा नहीं पाया गया है। घरों में अनुपयोगी पात्र, टायर, गमला, कंटेनर आदि पात्रों में अनाश्वयक रखे हुए पानी को खाली कराकर पात्र को स्वच्छ रखने कहा जा रहा है। नेहरू नगर जोन से कमलेश द्विवेदी, वैशाली नगर जोन से अनिल मिश्रा ने बताया कि घरों के बाड़ियां में एडल्ट मच्छर को समाप्त करने मेलाथियान का स्प्रे, तथा कूलर एवं अनुपयोगी पात्र जिसमें पुराने जमा पानी होते हैं उसमें टेमीफास् का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को बताया जा रहा है कि कूलर एवं घर के भीतर के पात्रों के पानी को बदलते रहे। घर में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें!
भिलाई नगर/ शौर्य पथ / नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत रिलायंस जिओ कंपनी के द्वारा मंशा कॉलेज के पास खंडेलवाल फार्म हाउस के सामने केबल बिछाने की तैयारी की जा रही थी इसके लिए कंपनी द्वारा गड्ढा करना प्रारंभ कर दिया गया था! जब इसकी सूचना भिलाई निगम को मिली तो रात्रि में ही निगम के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और कार्य को रुकवाया! रात्रि में कार्यवाही करने पहुंचे भवन अनुज्ञा शाखा के उप अभियंता सिद्धार्थ साहू, सहायक राजस्व अधिकारी बालकृष्ण नायडू एवं जोन स्वास्थ्य अधिकारी अनिल मिश्रा ने केबल को पुनः वाहन में डलवाकर 1 दिन के लिए वाहन को अपने कब्जे में ले लिया! उप अभियंता सिद्धार्थ साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि आज जब 30000 रुपए जुर्माना कंपनी के द्वारा भरा गया तब वाहन को उनके सुपुर्द किया गया! रिलायंस जिओ के द्वारा मंशा कॉलेज के पास टावर लगाने की योजना की जानकारी मिली है, इसके लिए अनुमति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, परंतु बिना अनुमति के केबल का काम कंपनी द्वारा प्रारंभ कर दिया गया था! जबकि केबल बिछाने के लिए भी पृथक से अनुमति की आवश्यकता होती है! दोनों ही प्रकार की अनुमति कंपनी को प्रदाय नहीं की गई है! इसका खामियाजा जुर्माने के रूप में जिओ कंपनी को भरना पड़ा! रात्रि में चोरी छुपे मंशा कॉलेज से लेकर इंदु आईटीआई के समीप तक लगभग 300 मीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाए जाने का प्रयास किया जा रहा था! फिलहाल बिना अनुमति के कार्य करने के लिए कंपनी को मना कर दिया गया है! रात्रि में लगभग 8:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक कार्रवाई करते हुए केबल को वाहन में डलवाया गया और जुर्माना की कार्रवाई की गई! इससे पहले भी कई दफा निगमायुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर इस प्रकार की कार्यवाही भिलाई मे की जा चुकी है!
दुर्ग / शौर्य पथ / जिले में खेती किसानी के अवसरों को बढ़ाने के लिए नरवा योजना संजीवनी साबित हो रही है। जिन नालों के जीर्णोद्धार के लिए इस योजना के अंतर्गत कार्य हो रहे हैं वहाँ भूमिगत जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने दुर्ग ब्लाक के चैतवार नाले के सत्रह किमी के पैच का सघन निरीक्षण किया। यहाँ नरवा योजना अंतर्गत हुए कार्यों को उन्होंने देखा तथा किसानों से बातचीत की। ग्राम चंदखुरी की सरपंच ने बताया कि नरवा योजना से जमीन का पानी काफी ऊपर आ गया है। इस बार हम लोगों ने रबी की फसल ले ली है। हर बार रबी तक पानी काफी नीचे चला जाता था जिससे दूसरी फसल की कोई गुंजाइश नहीं बनती थी। यहाँ नाले के आसपास के किसानों ने जलस्तर में वृद्धि होने का अच्छा लाभ उठाया है और दूसरी फसल ली है। यहाँ पर अधिकारियों ने बताया कि चंदखुरी में डिसेल्टिंग अर्थात गाद निकालने का कार्य किया गया, साथ ही लूज बोल्डर भी डाले गए जिससे पानी के रिचार्ज होने में काफी मदद मिली। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि चैतवार नाला खुरसुल, बोरई, गनियारी और पीपरछेड़ी से गुजरता है। इसकी लंबाई सत्रह किमी है। इसमें चंदखुरी में लूज बोल्डर का काम भी हुआ है और डिसेल्टिंग का भी। अन्य गावों में डिसेल्टिंग का कार्य समाप्ति की ओर है। कलेक्टर ने आसपास की जलसंसाधन विभाग की संरचनाएं भी देखीं। उन्होंने कहा कि मामूली मरम्मत से तथा जीर्णोद्धार से यह संरचनाएं ठीक हो सकती हैं। इनके ठीक होने से बड़े क्षेत्र में लाभ मिलेगा। कलेक्टर ने कहा कि चैतवार नाले में हुए कार्यों से इस साल बड़े पैमाने पर वाटर रिचार्ज होगा और इससे बड़े क्षेत्र में कृषि की संभावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार द्वारा धान के बदले अन्य फसलों को प्रोत्साहित करने की योजनाएं भी लाई जा रही हैं। अब नरवा के माध्यम से वाटर रिचार्ज हो रहा है अतएव ऐसे इलाकों में वैविध्य की बेहतर संभावनाएँ बनेंगी। इस दौरान दुर्ग सीईओ श्री राजपूत एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। *अपर कलेक्टर ने देखा लुमती नाला*- अपर कलेक्टर सुश्री ऋचा चौधरी ने भी आज धमधा ब्लाक में नरवा योजना अंतर्गत हो रहे कार्य देखे। लुमती नाले में डिसेल्टिंग का कार्य उन्होंने पोटिया में देखा। यहाँ किसानों ने बताया कि लुमती नाले के गहरीकरण के चलते भूमिगत जल का स्तर काफी बढ़ गया और हर बार बोर सूख जाते थे लेकिन इस बार बोर नहीं सूखे और रबी फसल के लिए अच्छा पानी मिला जिससे किसान सब्जी भाजी भी उगाने लगे हैं। इस दौरान एसडीएम श्री बृजेश क्षत्रिय एवं सीईओ श्री मेश्राम मौजूद थे। *नरवा योजना इसलिए है काफी प्रभावी* -नरवा योजना भूमिगत जल का स्तर बढ़ाती है। इसमें कई तरह से लाभ हैं। इसका खर्च काफी सीमित है क्योंकि डिसेल्टिंग जैसे कार्य हैं जो मनरेगा जैसी योजनाओं से हो सकते हैं। ऐसी किसी तरह की संरचनाएं नहीं बनानी हैं जो ज्यादा जगह घेरती हैं और जिन्हें बनाने में काफी लागत आती है। यह न्यूनतम निवेश में अधिकतम लाभ की गारंटी जैसी योजना है क्योंकि भूमिगत जलस्तर बढ़ने से किसानों के बोरवेल पर्याप्त प्रभावी हो जाते हैं और इन्हें गर्म मौसमों में भी संजीवनी मिल जाती है।
नई दिल्ली /शौर्यपथ /वाशिंगटन भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की वाशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों के सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है, जिसमें रणनीतिक एवं द्विपक्षीय संबंधों से लेकर क्वाड तथा जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ लोक स्वास्थ्य के मुद्दे शामिल हैं, जो अब दोनों देशों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बन गए हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के देश की बागडोर संभालने के बाद पहली बार कोई शीर्ष भारतीय मंत्री अमेरिका की यात्रा पर हैं. जयशंकर इस सप्ताह वाशिंगटन डीसी आएंगे.
राष्ट्रपति बाइडन के प्रशासन के पहले 100 दिनों में उनके रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और जलवायु परिवर्तन मामले के विशेष दूत जॉन केरी भारत गए थे, जो संकेत था कि भारत के साथ संबंध नए प्रशासन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं.
अधिकारियों ने बताया कि बाइडन ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए भारत को जिस चीज की भी जरूरत हो वह अमेरिका से बेझिझक मांगे. अमेरिका कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अभी तक भारत को 50 करोड़ डॉलर की मदद कर चुका है.
अधिकारियों ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत-अमेरिका के संबंध जिस तरह गहरे हुए हैं, चाहे इस दौरान किसी की भी सरकार रही हो, उन्हें देखते हुए जयशंकर के अमेरिका दौरे पर संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. इस बाबत विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया है.
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘मंत्री, जयशंकर के यहां आने पर उनसे मुलाकात करने और कोविड-19 राहत, क्वाड के जरिए हिंद-प्रशांत सहयोग को मजबूत करने और अन्य साझा क्षेत्रीय सुरक्षा एवं आर्थिक प्राथमिकताओं पर चर्चा करने को उत्साहित हैं.' जयशंकर यहां उद्योग जगत के लोगों से भी बातचीत करेंगे, जिसमें ‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल' और ‘यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम' द्वारा आयोजत सत्र भी शामिल है.
नई दिल्ली / शौर्यपथ / न्यूयॉर्क अमेरिका के मेसाच्युसेट्स राज्य में भारतीय मूल के एक परिवार ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए एक महिला को उसका लॉटरी का टिकट वापस कर दिया, जिसे वह बेकार समझ कर फेंक गई थी और इस टिकट ने महिला को रातोंरात लखपति बना दिया. भारतीय मूल के परिवार की, ईमानदारी के लिए खूब प्रशंसा हो रही है. ली रोज़ फिएगा ने मार्च के महीने में ‘लकी स्टॉप' नामक दुकान से लॉटरी का एक टिकट खरीदा था. यह दुकान साउथविक इलाके में रहने वाले भारतीय मूल के एक परिवार की है. महिला अक्सर इस दुकान से टिकट खरीदती थी.
फिएगा ने सोमवार को बताया कि ,‘‘मेरा लंच ब्रेक था और मैं जल्दी में थी. मैंने जल्दबाजी में टिकट का नंबर खुरचा और उसे देख कर लगा कि मेरी लॉटरी नहीं निकली है तो मैंने उन्हें टिकट दे कर उसे फेंकने के लिए कहा.'' न्यूयॉर्क पोस्ट ने अपनी खबर में बताया कि महिला ने जल्दबाजी में टिकट पूरी तरह नहीं खुरचा था और यह टिकट बेकार टिकटों के बीच दस दिन तक रखा रहा. इसके बाद दुकान के मालिक के बेटे अभि शाह की नजर उस टिकट पर गई. खबर में अभि शाह ने कहा, ‘‘यह टिकट उसकी मां अरुणा शाह ने बेचा था और जिसे बेचा था वह महिला हमारी नियमित ग्राहक थी.''
स्थानीय टेलीविजन स्टेशन डब्ल्यूडब्ल्यूएलपी ने अपनी खबर में अभि के हवाले से बताया,‘‘ एक शाम मैं बेकार पड़े टिकटों को देख रहा था और मैंने देखा कि उन्होंने ठीक से नंबर को खुरचा नहीं है. मैंने नंबर को खुरचा और देखा कि उसमें दस लाख डॉलर का इनाम है.''अभि ने मजाकिया लहजे में कहा,‘‘ मैं रातोंरात लखपति बन गया.'' उसने कहा कि उसने इस पैसे से एक कार खरीदने की सोची पर बाद में उसने टिकट वापस करने का निर्णय किया. शाह परिवार ने कहा कि टिकट वापस करने का निर्णय आसान नहीं था. दुकान के मालिक मुनीश शाह ने कहा,‘‘ हम दो रात सोए नहीं. उसने भारत में मेरी मां, यानी अपनी दादी को फोन किया और उन्होंने कहा कि टिकट वापस कर दो, हमें वह पैसा नहीं चाहिए.''
इसके बाद परिवार ने टिकट वापस करने का फैसला किया. पूरी घटना पर फिएगाा ने कहा, ‘‘शाह मुझे बुलाने आया तो मैंने कहा कि मैं काम कर रही हूं, लेकिन उसने कहा कि नहीं तुम्हें आना होगा, तो मैं वहां गई और वहां पहुंच कर मुझे पूरी बात पता चली. मुझे विश्वास ही नहीं हुआ. मैं रोई और उन्हें गले से लगाया.'' भारतीय मूल के परिवार के इस काम के लिए उनकी खूब प्रशंसा हो रही है.
नई दिल्ली / शौर्यपथ / कांग्रेस सांसद और आईटी मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर की संसद की सदस्यता समाप्त करने की मांग की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे ने सदन के स्पीकर को चिट्ठी लिखकर थरूर की सदस्यता खत्म करने की मांग की है. संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत उनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की गई है. दूबे का आरोप है कि थरूर ने संसद और भारत सरकार की छवि को धूमिल किया है.
दूबे के मुताबिक, थरूर ने कोरोना के नए वेरिएंट को भारतीय वेरियंट का नाम दिया, जबकि खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे B.1.617 कहता है. उन्होंने कहा कि 'यह समझ के परे है कि एक भारतीय सांसद ऐसे अवैज्ञानिक और भारतीयों के प्रति अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकता है? भारत सरकार सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लिख चुकी है कि इंडियन वेरियंट शब्द को हटा दिया जाए, इसके बावजूद थरूर ने इसका इस्तेमाल किया.'
दूबे ने थरूर और उनके बहाने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 'वैसे तो स्टैंडिंग कमेटी संसद का विस्तार होती है, लेकिन थरूर ने इस समिति को कांग्रेस पार्टी का विस्तार बना दिया है. वे देश के एजेंडे के बजाए पार्टी और राहुल गांधी के एजेंडे के प्रति अधिक चिंतित हैं.'
उन्होंने कहा कि टूलकिट विवाद में आईटी मंत्रालय से सफाई मांग रहे हैं जबकि ट्विटर की कार्रवाई देश के खिलाफ है. यह मामला जांच एजेंसियों के पास है और आईटी समिति न तो सरकार की कार्रवाई को प्रभावित कर सकती है और न ही सरकार के रोजमर्रा के काम को प्रभावित कर सकती है.
बीजेपी सांसद ने कहा, 'थरूर अपनी पार्टी और विदेशों में बैठे गॉडफादर के कहने पर ट्विटर को सरकार के खिलाफ कार्रवाई में मदद कर रहे हैं. इस मामले में विदेशी रिश्तों की भी जांच होनी चाहिए. थरूर अपने हाल के ट्वीटस के जरिए जिम्मेदार व्यवहार की सारी सीमाओं को पार कर चुके हैं. यह एक तरह से दुश्मन देशों की मदद करना है. इसी कारण उनकी लोक सभा सदस्यता तुरंत खत्म कर दी जानी चाहिए.'
मुंंबई/ शौर्यपथ / चक्रवाती तूफान ताउते के कारण 17 मई को समंदर में डूबे टगबोट वरप्रदा का वीडियो सामने आया है. 17 मई को बार्ज P305 और टग बोट वरप्रदा डूब गए थे, इन दोनों पर कुल 274 लोग सवार थे जिनमें से 188 लोगों को ही बचाया जा सका था जबकि बाकियों के शव बरामद हुए हैं. 21 शव इतने खराब हो चुके हैं कि इनकी पहचान करना तक मुश्किल हो रहा है, इसलिए सभी का अब डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है. इस बीच, तूफान की लहरों में डूबते टग वरप्रदा का वीडियो सामने आया है. वीडियो में एक शख्स दिखाई दे रहा है जिसका नाम सूरज चौहान है. 22 साल का सूरज डेक कैडेट है, उसकी तलाश और पहचान के लिए सूरज के पिता संतलाल चौहान मुंबई आए हैं. सोमवार को DNA टेस्ट के लिए पिता के खून का नमूना लिया गया.पिता का कहना है कि सूरज समंदर में आयल टैंकर पर था वरप्रदा पर कैसे पहुंचा, हमें नही पता.
इसी तरह पलविंदर सिंह अपने भाई प्रदीप सिंह सैनी के लिए वहीं 10 साल का दिव्यांशु अपने पिता संतोष कुमार यादव की पहचान की ख़ातिर DNA टेस्ट के लिए सैंपल देने पहुंचे. छोटे भाई की तस्वीर हाथ मे लिए पलविंदर कहते हैं, 'हमनें जिंदा इंसान दिया था, ये डेड बॉडी दिखा रहे हैं.' पलविंदर ने कहा, 'कोई कंपनी वाला फॉलो नही लेता. मैथ्यू कंपनी कॉन्ट्रैक्ट में हैं वो दिन में कोई कॉल नही करेगी. यही बोलेंगे आकर बॉडी आइडेंटिफाइ करो. ऐसे बात करते हैं. हमने जिंदा इंसान दिया था आपको औऱ आप हमें शव दिखा रहे हो.' नन्हे दिव्यांशु को उसके मामा उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले से मुंबई DNA टेस्ट के लिए लाए हैं. संतोष के रिश्तेदार अनिल यादव कहते हैं, ' संतोष अभी तक मिसिंग हैं. हम खोज रहे हैं. डीएनए के लिए उनके बेटे को लाये हैं.' जेजे मार्गपर सभी शव लाकर रखे गये हैं.अब पीड़ितों की मदद के लिए हेल्प डेस्क बना दी गई है
नई दिल्ली/शौर्यपथ / सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने कहा है कि वह परिचालनगत प्रक्रियाओं के क्रियान्वयन के लिए काम कर रही है और उसका उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का अनुपालन करना है. ये नियम 26 मई से प्रभाव में आएंगे. हालांकि, इसके साथ ही फेसबुक ने कहा कि वह सरकार के साथ उन मुद्दों पर विचार जारी रखेगी, जिनपर अधिक संपर्क रखने की जरूरत है.
फेसबुक का मंगलवार को जारी यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया कंपनियों को डिजिटल मंचों के लिए नए दिशानिर्देशों को पूरा करना है. इसकी समयसीमा 25 मई ही है. नए नियमों की घोषणा फरवरी में की गई थी. इनके तहत सोशल मीडिया मंचों मसलन ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप को अतिरिक्त जांच-परख को पूरा करना होगा. साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों को मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क कर्मी तथा निवासी शिकायत निपटान अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि नियमों के अस्तित्व में आने के बाद पहले दिन से शिकायत के समाधान के लिए अधिकारी की नियुक्ति सबसे महत्वपूर्ण जरूरत है. इन नियमों का अनुपालन नहीं करने पर सोशल मीडिया कंपनियां मध्यवर्ती का दर्जा गंवा देंगी. इसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों को उनके द्वारा तीसरे पक्ष की सूचना और ब्योरे की ‘होस्टिंग' के लिए दायित्व से छूट मिलती है.
फेसबुक के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बयान में कहा, ‘हमारा मकसद आईटी नियमों के प्रावधानों का अनुपालन करना है. साथ ही हम उन मुद्दों पर सरकार से चर्चा जारी रखेंगे, जिनके लिए और बातचीत करने की जरूरत है. हम परिचालनगत प्रक्रियाओं के क्रियान्वयन के लिए काम कर रहे हैं.'
प्रवक्ता ने कहा कि फेसबुक इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि लोग हमारे मंच के जरिये मुक्त और सुरक्षित तरीके से अपने विचार व्यक्त कर सकें. हालांकि, कंपनी ने इस बारे में और ब्योरा नहीं दिया.
सरकार ने 25 फरवरी को सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कड़े नियमनों की घोषणा की थी. इसके तहत कंपनियों को किसी भी सामग्री पर प्राधिकरण की ओर से चिंता जताए जाने पर उसे 36 घंटे में हटाना होगा. साथ ही एक मजबूत शिकायत निपटान प्रणाली स्थापित करनी होगी. शिकायत निपटान अधिकारी देश में ही बैठेगा.
नई दिल्ली / शौर्यपथ /21वीं सदी के पहले दो दशकों में दुनिया बहुत ज्यादा बदल चुकी है. इंटरनेट की दुनिया ने हमें क्या कुछ नहीं दिया है लेकिन इससे एक नया खतरा भी पैदा हुआ है. साइबर हमलों ने बड़ी-बड़ी कंपनियों से लेकर कभी-कभी एक पूरे देश के सामने मुश्किल चुनौतियां खड़ी की हैं. उत्तरी यूरोपीय देश एस्टोनिया में साइबर हमले ने कई दिनों तक इंटरनेट को पंगु बना दिया था. वहीं. हाल ही में एक अमेरिकी पाइपलाइन शटडाउन हो गया था.
हम पिछले 15 सालों में हुए बड़े साइबर हमलों पर एक बार नजर डाल रहे हैं-
साइबर युद्ध शुरू हुआ
एस्टोनिया पहला देश था, जिसपर 2007 में एक बड़ा साइबर हमला हुआ. इस हमले में कई कॉरपोरेट और सरकार की इंटरनेट सुविधाएं कई दिनों तक बंद रही थीं. एस्टोनिया ने इसके लिए रूस को जिम्मेदार बताया था. उस वक्त दोनों देशों का एक कूटनीतिक संघर्ष चल रहा था. हालांकि, रूस ने इन आरोपों को खारिज किया था.
पहला औद्योगिक निशाना
एक शक्तिशाली कंप्यूटर वायरस था- Stuxnet. 2010 में ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को प्रभावित करने के लिए न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमला किया था. इससे ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हजारों कंप्यूटर प्रभावित हुए थे. वहां यूरेनियम के लिए रखी गई सेंट्रीफ्यूज मशीनें ब्लॉक हो गई थीं. ईरान ने इसके लिए इजरायल और अमेरिका पर आरोप लगाए थे.
याहू की हैकिंग
2013 में याहू के तीन बिलियन अकाउंट्स को हैक कर लिया गया था, इसे अबतक का सबसे बड़ा साइबर हमला माना जाता है. 2014 में प्लेटफॉर्म पर फिर हमला हुआ और लगभग 500 मिलियन अकाउंट हैक किए गए थे. इसमें यूजरों के यूजरनेम, ईमेल आईडी और जन्म दिन चुराए गए थे. इसकी जानकारी पांच साल बाद पता चली और 35 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगा था. आरोप रूस पर था.
एक मूवी के चलते सोनी पर बड़ा हमला
2014 में सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ था. उस साल उसकी आई फिल्म 'द इंटरव्यू' पर काफी बवाल मचा था. अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया पर इसका आरोप लगाया था, जिसे खारिज कर दिया था. हालांकि, नॉर्थ कोरिया ने इस मूवी का सख्त विरोध किया था. दरअसल, इस मूवी में लीडर किम जोंग उन की हत्या किए जाने के CIA की कल्पित योजना को लेकर कॉमेडी बनाई गई थी.
इस्लामिक स्टेट
इस्लामिक स्टेट के जिहादियों के समर्थन में उतरे एक समूह ने 2015 में यूएस सेंट्रल कमांड के सोशल मीडिया अकाउंट्स को हैक कर लिया था. सीरिया और इराक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के लिए ये काफी शर्मिंदगी वाली बात थी. हैकिंग के दो महीनों बाद खुद को 'इस्लामिक स्टेट हैकिंग डिवीजन' कहने वाले एक संगठन ने 100 सैन्य कर्मचारियों के नाम और एड्रेस पब्लिश करके आईएस के समर्थकों से उनकी हत्या करने को कहा था.
2016 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव
2016 के चुनावों के पहले डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के कैंपने स्टाफ के ईमेल्स ऑनलाइन पब्लिश कर दिए गए थे. डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद यूएस इंटेलीजेंस कम्यूनिटी ने आरोप लगाया कि रूस ने चुनावों को प्रभावित किया है. इसके बाद जांच शुरू हुई थी और कई डिप्लोमैट इसकी चपेट में आए थे. यूएस इंटेलीजेंस ने आरोप लगाया था कि डेमोक्रेटिक पार्टी पर हमला करने वाले फैंसी बियर और कोज़ी बियर नाम के हैकिंग संगठनों के पीछे रूस का हाथ था.
WannaCry रैनसमवेयर
2017 में दुनिया के कई संगठन और कंपनी एक बड़े साइबर हमले का शिकार हुए, जो माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज़ XP ऑपरेटिंग सिस्टम के पुराने वर्जन में मौजूद सुरक्षा में एक खामी के चलते तेजी से फैला. यह हमले WannaCry के जरिए किए गए थे. यह एक तरीके का मालवेयर, जिसे रैनसमवेयर कहते हैं, होता है. इसमें वायरस चपेट में कंप्यूटर की फाइल्स को एन्क्रिप्ट कर देता है और फिर उन्हें अनलॉक करने के लिए बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में फिरौती मांगी जाती है.
इस हमले ने 150 देशों में 300,000 कंप्यूटरों को प्रभावित किया था. इसमें ब्रिटेन का नेशनल हेल्थ सर्विस, फ्रेंच कार निर्माता कंपनी रेनॉ की एक फैक्टरी और स्पेनिश फोन ऑपरेटर टेलिफोनिका शामिल थे.
यूएस की सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर कंपनी सोलरविंड पर अटैक
अमेरिकी सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर कंपनी सोलरविंड को पिछले साल, 2020 के अंत में हैक कर लिया गया था. यह हैकिंग महीनों तक रही थी. इससे 18,000 क्लाइंट्स और 100 से ज्यादा यूएस की कंपनियां प्रभावित हुई थीं. इस हमले से गुस्साए अमेरिका ने रूस को जिम्मेदार बताते हुए उसपर आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की थी.
माइक्रोसॉफ्ट की हैकिंग
इस साल मार्च में माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज सर्विस में कुछ खामियों का फायदा उठाते हुए हैकिंग की गई थी. इससे 30,000 यूएस संगठन प्रभावित हुए थे. इसके पीछे चीन के एक 'असामान्य रूप से आक्रामक' साइबर जासूसी अभियान को बताया गया था.
यूएस का पाइपलाइन शटडाउन
अभी कुछ दिनों पहले ही अमेरिका के सबसे बड़े ऑयल पाइपलाइन ऑपरेटरों में से एक कोलोनियल पाइपलाइन को साइबर अटैकर्स ने निशाना बनाया था. यह कंपनी 50 मिलियन उपभोक्ताओं को अपनी सुविधा देती है. जांच में पता चला कि इस हमले के पीछे रूस-स्थित हैकिंग समूह DarkSide का हाथ है और उसने हमले में रैन्समवेयर का उपयोग किया है. कुछ दिनों बाद पाइपलाइन कंपनी ने स्वीकार किया कि उसने हैकरों को फिरौती में 4.4 मिलियन डॉलर दिए हैं.