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लाइफस्टाइल /शौर्यपथ / शादी करते ही लड़कियों का न सिर्फ घर बदलता है बल्कि बेटी से बहू बनते ही उनकी कई आदतों में भी तुरंत कई नए बदलाव देखने को मिलने लगते हैं। लड़कियों में आए इन बदलावों की वजह से कई बार दोस्त या परिजन तक हैरानी में पड़ जाते हैं कि यह वही लड़की है या फिर कोई और। अगर आपकी भी जल्द शादी होने वाली है तो पहले से ही जान लें वो कौन से ऐसे बड़े बदलाव हैं जो शादी के तुरंत बाद हर लड़की में देखने को मिलते हैं।
-जिम्मेदार बन जाती हैं लड़कियां-
शादी से पहले बेफ्रिकी का दामन ओढ़े रहने वाली लड़की शादी के तुरंत बाद एक जिम्मेदार लड़की बन जाती है। उसे खुद-ब-खुद अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होने लगता है। वो परिवार की जरूरत का ध्यान रखने से लेकर घर के हिसाब-किताब की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाने लगती है।
करियर-
शादी के साथ जिम्मेदारी भी आती हैं। शादी से पहले हर लड़की अपने करियर पर बहुत फोकस रहती है लेकिन शादी के तुरंत बाद परिवार उनकी पहली प्राथमिकता बन जाता है। घर की जिम्मेदारियों और बच्चों को संभालते हुए उनका करियर उनके लिए न चाहते हुए भी दूसरे नंबर पर आ जाता है।
पैसे बचाने का हुनर-
कुछ वक्त पहले तक जो लड़की पैसे खर्च करते समय एक बार के लिए भी नहीं सोचा करती था वो अचानक से शादी के बाद अपने खर्चों में कटौती करके परिवार की जरूरतों को पहले ध्यान में रखकर खर्च करने लग जाती है।
कम हो जाता है बाहर घूमना-फिरना-
शादी से पहले जिस लड़की को दोस्तों के साथ पार्टी में जाना, घूमना-फिरना पसंद होता है शादी के बाद उसकी प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। उसके लिए उसकी पहली प्राथमिकता अब अपने परिवार के साथ वक्त बिताना हो जाता है।
अपने हर फैसले में परिवार को शामिल करना-
शादी के बाद लड़कियां पहले से ज्यादा जिम्मेदार और परिवार के लिए समर्पित हो जाती हैं। शादी से पहले अपना हर फैसला खुद लेने वाली लड़की शादी के बाद अपने हर फैसले में अपने पति और परिवार को शामिल करना बिल्कुल नहीं भूलती।
सेहत /शौर्यपथ / लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर लोगों का बाहर आना-जाना बहुत कम हो गया जिसके चलते उनकी फिटनेस प्रभावित हुई। ज्यादातर लोगों का वजन बढ़ गया, ऐसे में कई बीमारियों का खतरा सताने लगता है, अगर आप भी वजन या बैली फैट घटाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप अलसी का इस्तेमाल शुरू कर दें।
गुणों से भरी है अलसी
अलसी के बीज में प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट, कैल्शियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह इम्युनिटी को मजबूत बनाता है जबकि इसमें पाए जाने वाला फाइबर पाचन एवंमेटाबोलिज्म को सुधारता है। कच्चे आम की चटनी, घिया की सब्जी, ओटमील में अलसी के बीज का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा अलसी के भूने बीज या पाउडर का सेवन करने से भी वजन घटता है।
ऐसे वजन कम करती है अलसी
वजन घटाने में अलसी बीज में मौजूद डायटरी फाइबर आपकी मदद कर सकता है। फ्लेक्स सीड पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि रोजाना 30 ग्राम फाइबर शरीर से अतिरिक्त चर्बी को हटा सकता है। शोध में यह भी पाया गया है कि हाई फाइबर युक्त डाइट न सिर्फ वजन, बल्कि टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को भी कम कर सकती है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार डायटरी फाइबर का सेवन करने से मोटापा दूर किया जा सकता है। रिपोर्ट बताती है कि फाइबर और बॉडी फैट के बीच विपरित संबंध है, यानी अधिक फाइबर युक्त भोजन का सेवन आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद करेगा
वजन घटाने के सभी कारगर तरीकों में अलसी एक प्रभावी उपाय है, जो शरीर से अतिरिक्त चर्बी को निकालने में मदद कर सकती है। अलसी के बीज उन सभी खाद्य पदार्थों से समृद्ध होते हैं, जिनकी जरूरत वजन घटाने के लिए होती है, जैसे फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट आदि। नीचे जानिए कि अलसी में मौजूद औषधीय गुण किस प्रकार वजन कम करने में योगदान कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप तेजी से वजन घटाना चाहते हैं, तो रोजाना अलसी का सेवन शुरू कर दीजिए, इससे आप 10 दिनों में लगभग पांच किलो तक वजन घटा सकते हैं।
अलसी के फायदे-
-अलसी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइटोकैमिकल्स, बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करती है, जिससे त्वचा पर झुर्रियां नहीं होती और कसाव बना रहता है। इससे त्वचा स्वस्थ व चमकदार बनती है।
-अलसी में अल्फा लाइनोइक एसिड पाया जाता है, जो ऑथ्राईटिस, अस्थमा, डाइबिटीज और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। खास तौर से कोलोन कैंसर से लड़ने में यह सहायक होता है।
-सीमित मात्रा में अलसी का सेवन, खून में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। इससे शरीर के आंतरिक भाग स्वस्थ रहते हैं, और बेहतर कार्य करते हैं।
-इसमें उपस्थित लाइगन नामक तत्व, आंतों में सक्रिय होकर, ऐसे तत्व का निर्माण करता है, जो फीमेल हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
-अलसी के तेल की मालिश से शरीर के अंग स्वस्थ होते हैं, और बेहतर तरीके से कार्य करते हैं। इस तेल की मसाज से चेहरे की त्वचा कांतिमय हो जाती है।
-शाकाहारी लोगों के लिए अलसी, ओमेगा-3 का बेहतर विकल्प है, क्योंकि अब तक मछली को ओमेगा-3 का अच्छा स्त्रोत माना जाता था,जिसका सेवन नॉन-वेजिटेरियन लोग ही कर पाते हैं।
-अलसी में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो रक्त प्रवाह को बेहतर कर, खून के जमने या थक्का बनने से रोकता है, जो हार्ट-अटैक का कारण बनता है। यह रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है।
खाना खजाना /शौर्यपथ /आपका दिल अगर कुछ चटपटा खाने का कर रहा है, तो आप चने की दाल क पकौड़े ट्राई कर सकते हैं। इन पकौड़ों की सबसे खास बात यह है कि यह बेसन से ज्यादा क्रिस्पी बनते हैं। आइए, जानते हैं कैसे बनाएं चना दाल पकौड़े-
सामग्री : आधा कप चना दाल
एक छोटा चम्मच जीरा
लहसुन की 2-3 कलियां (बारीक कटी हुई)
आधा इंच अदरक (बारीक कटा हुआ)
एक हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)
एक प्याज (बारीक कटा हुआ)
एक प्याज (बड़े टुकड़ों में कटा हुआ)
चुटकीभर हींग
दो बड़ा चम्म(च हरा धनिया ( बारीक कटा हुआ)
नमक स्वादानुसार
तेल तलने के लिए
विधि : सबसे पहले चने की दाल को धोकर पानी में 3 से 4 घंटे के लिए भिगोकर रख दें।
तय समय के बाद दाल में बड़े टुकड़ों में कटा हुआ प्याटज, हरी मिर्च, अदरक , लहसुन, हींग, जीरा और थोड़ा सा पानी डालकर पीस लें।
अब इस पेस्टा को एक बॉउल में निकाल लें और इसमें बारीक कटा प्याटज और नमक मिलाएं।
अब इस पेस्टा में चुटकीभर बेकिंग सोडा डालें।
मीडियम आंच में एक कड़ाही में तेल गरम करें।
तेल के गरम होते ही इसमें चना दाल के पेस्टो को पकौड़ों के शेप में डालें।
पकौड़ों को सुनहरा होने तक दोनो साइड से तले और आंच बंद कर दे।
तैयार है चना दाल प्याज पकौड़ा। हरी चटनी या टोमैटो सॉस के साथ सर्व करें।
आस्था /शौर्यपथ / वैदिक काल से ही सूर्यदेव की उपासना की जाती है। सूर्यदेव की पूजा साक्षात रूप में की जाती है। पहले सूर्यदेव की उपासना मंत्रों से की जाती थी। बाद में मूर्ति पूजा का प्रचलन हुआ। सूर्यदेव की ऊर्जा से ही पृथ्वी पर जीवन है। उनकी कृपा से हर रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है। आइए जानते हैं सूर्यदेव से जुड़े कुछ आसान से वास्तु उपायों के बारे में।
सूर्योदय के समय की किरणें स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम मानी जाती हैं। ब्रह्ममुहूर्त का समय असीम ऊर्जा का भंडार है। इस समय का सदुपयोग करने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है, इस दिन पूरे परिवार के साथ सूर्यदेव की उपासना करें। भगवान सूर्य को तांबे के लोटे में जल, चावल, फूल डालकर अर्घ्य दें। रविवार के दिन लाल-पीले रंग के कपड़े, गुड़ और लाल चंदन का प्रयोग करें। रविवार के दिन फलाहार व्रत रखें। रविवार को सूर्य अस्त से पहले नमक का उपयोग न करें। तांबे की चीजों का क्रय-विक्रय न करें। रविवार के दिन घर के सभी सदस्यों के माथे पर चंदन का तिलक लगाएं। रविवार के दिन पैसों से संबंधित कोई कार्य नहीं करना चाहिए। इस दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। घर में कृत्रिम रोशनी के बजाए सूर्यदेव का प्रकाश आने दें। उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण नाम से जाना जाता है। इस दिशा का आधिपत्य सूर्यदेव के पास है। इस दिशा में बुद्धि और विवेक से जुड़े कार्य करें।
शिक्षा /शौर्यपथ /आचार्य चाणक्य एक अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और महान शिक्षाविद थे। उन्हें हर विषय की गहराई से जानकारी थी। यही कारण है कि उन्होंने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में कई नीतियों का वर्णन किया है जिन्हें अपनाकर व्यक्ति तमाम मुश्किलों का आसानी से हल कर सकता है। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में दोस्ती, दुश्मनी, विवाह, धन, तरक्की और नौकरी आदि से संबंधित कई बातें बताई हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
एक श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि ब्राह्मण, विद्वान, राजा के अलावा स्त्री की ताकत क्या होती है। चाणक्य कहते हैं कि स्त्रियां अपनी ताकत का इस्तेमाल कर जो चाहे वह कर सकती हैं या फिर करवा सकती हैं। पढ़ें आज की चाणक्य नीति-
बाहुवीर्य बलं राज्ञो ब्रह्मवित् बली
रूप-यौवन-माधुर्य स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।
आज साल का पहला चंद्र ग्रहण कई मायनों में है खास, जानें भारत में ग्रहण का समय और कहां-कहां देखा जा सकेगा
चाणक्य कहते हैं कि राजा की ताकत उसकी भुजाओं में होती है। एक ब्राह्मण की ताकत उसके ज्ञान और स्त्री की शक्ति उसकी सुंदरता और वाणी में होती है।
चाणक्य इस श्लोक के जरिए कहते हैं कि राजा का काम प्रजा की रक्षा करना होता है। ऐसे में राजा का बलशाली या बाहुबली होना जरूरी होता है। जो राजा ताकतवर होता है वह अपने राज्य की जनता और दुश्मनों को संभालना जानता है।
साल का पहला चंद्र ग्रहण आज, जानें दूसरे चंद्र ग्रहण से जुड़ी खास बातें
इसी तरह ब्राह्मण की पहचान उसके ज्ञान से की जाती है। ब्राह्मण की असली ताकत उसका ज्ञान होता है। जिसके पास ज्ञान होता है उसे समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। वह अपनी बौद्धिक क्षमता से सामने वालों को समझा सकता है।
चाणक्य आगे कहते हैं कि स्त्री की खूबसूरती और मधुर वाणी ही उसकी ताकत होते हैं। वह इसके बूते पर कुछ भी कर सकती है या फिर करवा सकती है।
रायपुर/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने झीरम घाटी नक्सली हमले के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा, विधायक चंद्रदेव राय, विधायक यू.डी. मिंज, विधायक गुलाब कमरो, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी, संचार विभाग सदस्य रमेश वर्ल्यानी, महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक, संचार विभाग के सदस्य सुशील आंनद शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस सचिव शिव सिंह ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, प्रवक्ता विकास तिवारी, दौलत रोहड़ा, प्रदेश कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष अरूण ताम्रकार, मछुआ कांग्रेस अध्यक्ष एम.आर निषाद, रायपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे, रायपुर ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष उधोराम वर्मा, प्रदेश कांग्रेस सांस्कृतिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष दिलीप षडंगी, प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष इम्तयाज हैदर, प्रदेश सलाम रिजवी, कमलनयन पटेल, सिद्धार्थ चंद्रा, साक्षी सिरमोर, राकेश धोतरे, दिलीप चौहान, पूनम पांडेय, चंद्रवती साहू, शीत श्रीवास्तव, श्री कुमार मेमन, रेहान खान, सुशील अग्रवाल, सतीश चौरसिया, अनिल मित्तल, भोला तिवारी, सुरेश यादव, सुरेश ठाकुर, कमलेश नथवानी, उषा श्रीवास, पुष्पराज बैस सहित प्रदेश सेवादल, प्रदेश महिला कांग्रेस, प्रदेश युवा कांग्रेस, प्रदेश एनएसयुआई, प्रदेश इंन्टुक, एवं समस्त मोर्चा, संगठनों, प्रकोष्ठों, विभागो के कांग्रेसजन उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्य पथ / बुधवार के स्थान पर आज मंगलवार को पुलगांव स्थित पबग्गा साड़ी सेंटर के मालिक ने अपनी दुकान संचालित की जहां लोगों की भीड़ थी जो लॉकडाउन के नियमों का सीधा सीधा उल्लंघन था। आयुक्त हरेश मंडावी के निर्देशानुसार बग्गा साड़ी सेंटर में निगम अमला ने पहुंच कर जुर्माने की कार्यवाही की । बाजार अधिकारी के नेतृत्व में विनीत वर्मा लव कुश शर्मा संकेत धर्मकार शोएब अहमद ईश्वर वर्मा आदि ने भ्रमण कर लॉकडाउन का पालन नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाया । *निर्धारित दिनों मे ही खोलें दुकान......* नगर पालिक निगम दुर्ग सीमा क्षेत्र में हर प्रकार के व्यवसाय करने वालों के लिए दिन और समय निर्धारित किया गया है बावजूद दुकानदार अपने व्यवसाय के खोलने दिन के बजाय कोई भी दिन दुकान खोल कर नागरिकों की भीड़ लगा रहे हैं । सभी प्रकार के दुकानदारों से अनुरोध है वे अपने व्यवसाय को संचालित करने वाले दिन की ध्यान रखें और उसी दिन दुकान खोलें । कोई भी दिन दुकान ना खोलें अन्यथा लॉक डाउन का उल्लंघन करते पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी । *मास्क नहीं पहनने वाले 15 लोगों को भरना पड़ा जुर्माना...* प्रदेश और जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन प्रभावशील है । राज्य शासन के निर्देशानुसार जिला कलेक्टर दुर्ग डॉक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे द्वारा विभिन्न प्रकार के व्यवसाय और आम जनता की मांग पर कुछ दुकानदारों को व्यवसाय करने की छूट प्रदान की है । लगातार अपील किया जा रहा है परन्तु नागरिक लॉक डाउन का उल्लंघन करते हुए मिल रहे हैं निगम अमला नेआज गुरुद्वारा रोड,.महिला समृद्धि बाजार, केलाबाड़ी सुराना कॉलेज वार्ड, जेल तिराहा सुआ चौक में बिना मास्क वाले लोगों को रोक रोक कर उनसे जुर्माना वसूल किया गया ।
- वनांचल मानपुर में अधिकारियों की अनूठी पहल - मानपुर के ईरागांव मॉडल से हारेगा कोरोना राजनांदगांव । शौर्य पथ । सुदूर वनांचल में ग्रामवासियों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रशासन ने एक अनूठी पहल अपनायी है। ग्राम ईरागांव मॉडल के अंतर्गत ग्राम के 10 नवयुवकों को प्रेरित कर उन्हें वालंटियर का दर्जा दिया गया। इन युवकों ने सर्वप्रथम स्वयं टीका लगवाया, फिर गांव में उत्साहपूर्वक भ्रमण कर अन्य ग्रामवासियों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। नतीजतन ग्राम में टीकाकरण 95 प्रतिशत से भी अधिक हो गया। इस प्रकार टीकाकरण का यह एक स्वस्फूर्त मॉडल है। इस मॉडल को सफल बनाने के लिए राजस्व, जनपद, मेडिकल विभाग ने अहम भूमिका निभाई है। अनुभागीय अधिकारी मोहला श्री सीपी बघेल के निर्देशन में तहसीलदार श्री सुरेंद्र कुमार उर्वशा, श्री सृजल साहू, जनपद सीईओ श्री डीडी मंडले, बीएमओ श्री गोविन्द कौशिक, श्री चंदन राजपूत एवं अन्य कर्मचारियों द्वारा निरन्तर काय्र किया जा रहा है।
दुर्ग । शौर्य पथ । छत्तीसगढ में बस्तर के आंतरिक क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी और अन्य समुदायों में काम की तलाश में घर से बाहर निकलना वर्जित सा है और अनूठा समझा जाता है। सेल.भिलाई इस्पात संयंत्र ने खदानों और इसके आसपास रहने वालों के लिए सीएसआर योजना के तहत बीएससी नर्सिग के लिये रावघाट और बस्तर के आसपास के इलाकों की विभिन्न समुदायों की कई लड़कियों को छात्रों के रूप में चुनकर यह तस्वीर को पलट दिया है। पी जी कॉलेज ऑफ नर्सिंगए भिलाई में नर्सिंग कर रही है ये दूरस्थ वनांचलों की लडकियाँ। इन लड़कियों छात्रों को भिलाई इस्पात संयंत्र के खदान विभाग के सीएसआर विभाग द्वारा गोद लिया जाता है और उनकी उच्च शिक्षा और उनके नर्सिंग पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के लिए भिलाई में उनके रहने व शिक्षा की पूरी व्यवस्था भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा प्रायोजित किया जाता है। शिक्षा पूरी होने के बाद कई लडकियां भिलाई और आसपास के क्षेत्रों के अस्पतालों में नर्स के रूप में सेवा करने का विकल्प चुनती हैंए और कुछ अंतागढ नारायणपुर आदि के पास अपने मूल स्थानों में स्थानीय आबादी की सेवा के लिए वापस चली जाती हैं। अपनी प्रशिक्षण अवधि के दौरान और कोर्स पूरा होने परए ये युवा ल?कियां सेल.भिलाई इस्पात संयंत्र के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र जो आज राज्य का सबसे ब?ा कोविड अस्पताल हैए में कोविड रोगियों की सेवा करके अपने कौशल का व्यवहारिक उपयोग कर रही हैं। सुश्री सरस्वती दुग्गा पिछले साल पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग से शिक्षा पूरी की है। सुश्री दुग्गा ने जुलाई 2020 में जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में इंटर्नशिप शुरू की और तब से मैटरनिटीए सर्जरीए मेडिसिन और कोविड वार्ड में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें डॉक्टरों और नर्सों द्वारा दिया गया मार्गदर्शन और विभिन्न वार्डों में मरीजों की देखभाल से हमने जो सीखा है। उसने हमें स्वतंत्र रूप से काम करने के लिए पर्याप्त विश्वास दिलाया है। नारायणपुर के खडका गांव की रहने वाली सरस्वती की मां अपने ही गांव के सरकारी गल्र्स हाई स्कूल में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत हैं। जबकि उनके पिता एक किसान हैं। सुश्री दुग्गा ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं नर्सिंग करूंगी। लेकिन यहां मैं अब पीपीई किट पहन कर काम कर ऐसे मरीजों की देखभाल कर रही हूँ जिनको सांस लेने में कठिनाई हैं। डिस्चार्ज होने वाले मरीज हमारे साहस के लिए हमारी तारीफ करते हैं और कुछ तो यह भी कहते हैं कि किसी ने भी हमारी ऐसी देखभाल नहीं की होगी जैसे आप लोगों ने किया। उस समय हमें गर्व और संतोष महसूस होता है। सुश्री सुषमा मरकाम जो पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग की छात्रा भी हैंए ने दिसंबर 2020 में जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में काम करना शुरू किया। उन्हें ट्रॉमा, सर्जिकल और चाइल्ड वार्ड में मरीजों की सेवा करने का अनुभव है। हमारे परिवार शुरू में हमारे बारे में कोविड रोगियों के साथ काम करने को लेकर आशंकित थेए लेकिन हमने अप्रैल 2021 में कोविड रोगियों की अत्यधिक भीड का भी सामना किया है और संभाला है। वे बताती है कि हम कोविड वार्डों में 7 दिनों के लिए रोटेशन पर तैनात हैं। उन्होंने कहा कि समय पर दवाएं देने और उनकी देखभाल करने के अलावाए हम मरीजों को यह भी सलाह देते हैं कि वे हाई शुगर लेवल से न डरें और उन्हें सुश्री सरिता पोटाई नारायणपुर जिले के अकाबेड़ा की रहने वाली हैं। 7 भाई.बहनों में दूसरी सबसे ब?ीए वह उन भाग्यशाली लोगों में से हैं जिन्हें पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग में बीएससी नर्सिंग के लिए बीएसपी के सीएसआर विभाग द्वारा प्रायोजित और गोद लेने का मौका मिला है। मुझे अपना कर्तव्य निभाने में गर्व की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि फ्लू क्लिनिक में काम करने और बाद में कोविड वार्ड में दवाएं और इंजेक्शन लगाने के साथ.साथ मैंने आक्रामक रोगियों से निपटना भी सीखा है। मैंने हमेशा जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में काम करने का सपना देखा था और मुझे खुशी है कि मैं अपना सपना पूरा कर रही हूँ। उन्होंने कहा कि हमने अपनी वरिष्ठ नर्स को अस्पताल में देखकर बहुत कुछ सीखा है। पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग की चौथे वर्ष की छात्रा सुश्री झरना कश्यप को उम्मीद है कि अस्पताल में उनकी इंटर्नशिप की अवधि नवीनीकृत हो जाएगी। उसने वृद्ध पुरुष कोविड रोगियों के साथ काम किया है। शुरू में कोविड रोगियों के साथ काम करने से डरती थीए उसने अन्य नर्सों और बहनों के साथ मिलकर काम करके अपने डर पर काबू पा लिया। उन्होंने कहा कि मेरी शिक्षा का ध्यान रखने और मुझे सयंत्र के अस्पताल में काम करने का मौका देने के लिए मैं भिलाई इस्पात संयंत्र की आभारी हूँ। सुश्री अर्चना गावड़े ने साझा किया कि उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र के डॉक्टरों को बहुत समय से नजदीकी से देखकर मरीजों की देखभाल की बारीकियों को सीखा। उन्होंने कहा कि हम ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करते हैं और संतृप्ति स्तर में सुधार के लिए उचित नींद की सलाह देते हैं। अर्चना के पिता एक किसान हैं जो अंतागढ के पास तडोकी गांव में गेहूं और सब्जियां उगाते हैं। वह गर्व से कहती हैं कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा गोद लिए जाने के बाद उनके गांव की 5 ल?कियों को नर्सिंग करने का मौका मिला है। इन युवा नर्सों के लिए भिलाई इस्पात सयंत्र उनके जीवन में गेम.चेंजर साबित हुई है। उन्हें बस्तर में अपने दूरस्थ स्थानों से स्थानांतरित करने में मदद करनाए उन्हें एक सुरक्षित वातावरण वाले शहर में कॉलेज जीवन का अनुभव करने का मौका देनाए उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखना, उनके कौशल को सुधारने में मदद करना, आत्मविश्वास पैदा करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर प्लांट के अस्पताल में मरीजों की सेवा करने का अवसर देकर भिलाई इस्पात संयंत्र की माइन्स.सीएसआर विंग ने वास्तव में रावघाट के आसपास के क्षेत्रों से उनके और कई अन्य लोगों के जीवन को बदल दिया है।
नई दिल्ली। शौर्य पथ । स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने कोविड.19 की इस दूसरी लहर और चुनौतीपूर्ण समय में अपने बेहद महत्वपूर्ण ग्राहकों से अपने जुड़ाव को और मजबूती प्रदान करने के लिए 24 मई को ग्राहकों से एक ऑनलाइन मुलाकात का आयोजन किया। सेल अध्यक्ष श्रीमती सोमा मंडल ने सेल के केंद्रीय विपणन संगठन के अन्य निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश भर से कंपनी के 26 प्रतिष्ठित ग्राहकों के साथ बातचीत की। सेल का दृढ़ विश्वास है कि ग्राहक सेल की प्रगति में भागीदार हैं और सेल ग्राहकों के साथ अपने जुडााव को लगातार और मजबूत कर रहा है। इस ऑनलाइन मुलाकात में वे ग्राहक शामिल रहे, जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान अपनी अधिकांश जरूरतों की खरीद सेल से की। इस ऑनलाइन मुलाकात के जरिये ग्राहकों से महत्वपूर्ण फीडबैक और सुझाव प्राप्त करने में मदद मिली,जो ग्राहकों के कंपनी के साथ अपने लेनदेन के दौरान सेल को ग्राहकों के अनुभव को और बेहतर करने में मदद करेगा। कार्यक्रम के दौरान सेल की अध्यक्ष श्रीमती सोमा मंडल ने विभिन्न इस्पात उत्पादों की खरीद के लिए ग्राहकों की पसंदीदा पसंद बने रहने के लिए कंपनी द्वारा की गई ग्राहक.केंद्रित पहलों को रेखांकित किया। उन्होंने ग्राहकों के महत्व को दर्शाते हुए कहाए श्ग्राहक किसी भी कंपनी के उन मुख्य स्तंभों में से एक हैं जो किसी भी कंपनी की व्यावसायिक सफलता सुनिश्चित करते हैं। एक संतुष्ट ग्राहक सबसे अच्छा राजदूत होता है जो एक संगठन के पास हो सकता है। यह उल्लेख करते हुए कि महारत्न स्टील उत्पादक सेल पिछले 60 से भी अधिक वर्षों से स्टील उत्पादन से जुड़वा हुआ हैञ उन्होंने कहा इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह हमारे मूल्यवान ग्राहक हैं जिन्होंने हमारे उत्पादों में, उनकी उत्पाद जरूरतों को पूरा करने की हमारी क्षमता में और ब्रांड सेल में अपना अटूट विश्वास दिखाया है जिसने हमें मौजूदा सेल के वजूद को बनाने और उसे हासिल करने की ताकत दी है। इस ऑनलाइन मीटिंग इस अभूतपूर्व और विपरीत कोरोना परिस्थितियों के मद्देनजर आयोजित की गई थीए कंपनी को भरोसा है कि सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ संवाद करने से उसका पारस्परिक पेशेवर विश्वास मजबूत होगा और निरंतर सफलता की ओर ले जाएगा।