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० कोरोना पॉजिटिविटी दर घटकर पहुंचा 1.80 पर, रिकवरी दर 95.76 प्रतिशत रही
० बाजार खुलने के साथ ही रखनी होगी सावधानी
राजनांदगांव / शौर्यपथ / वैश्विक कोरोना महामारी की दूसरी लहर को रोकने में जिले में लॉकडाउन का असर काफी कारगर रहा है। प्रतिबंधों के सकारात्मक प्रभाव के कारण आखिरकार कोरोना की विषम परिस्थिति को जीतने में हम सफल रहे। 1 अप्रैल से 18 अप्रैल तक कोरोना पॉजिटिविटी ग्राफ एक बार बढ़ते हुए फिर क्रमशः नीचे ढलान समाप्ति की ओर बढ़ता चला गया है। अब कोरोना पॉजिटिविटी दर कम होते हुए 1.80 प्रतिशत हो गया है। इस गंभीर बीमारी के दुष्प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा संपूर्ण जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड-19 के केस का असर दिखाई दिया। शासन-प्रशासन द्वारा कोरोना की इस विभीषिका को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए। कोविड-19 की इस विभीषिका के कठिन समय में स्वयंसेवी संस्थाओं तथा सामाजिक संस्थाओं ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए। पिछले अप्रैल में वेदना है, अपनों को खोने का गम है। 12 एवं 13 अप्रैल को कोरोना की रफ्तार कहर बनकर गिरी और अपनी तीव्र गति 36.55 प्रतिशत पॉजिटिविटी दर पर रही। एक ऐसा मंजर जहां सेवा, सहयोग एवं मदद के लिए सभी अचानक एक साथ आगे आए। लॉकडाउन के कारण ही स्थिति नियंत्रित रही। 24 मई को कोरोना पॉजिटिविटी दर 1.80 प्रतिशत है तथा रिकवरी दर 95.76 प्रतिशत रही है। आने वाले समय में बाजार के खुलने के साथ ही कोविड-19 से सुरक्षा के लिए आगे भी एहतियात रखना होगा। सभी को वैक्सीनेशन कराना होगा और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम रात-दिन लगी हुई है। हमारे कोरोना वारियर्स ने अपनी अथक सेवाएं दे रहे हैं। इस विकट परिस्थिति में स्वयंसेवी संस्थाओं एवं सामाजिक संस्थाओं ने आगे आकर एकजुटता के साथ सहयोग एवं समन्वय से कार्य किया। किसी ने भोजन दिया तो किसी ने अन्य सुविधाओं का बीड़ा उठाया है। एकता और सहयोग के साथ ही मजबूत इरादों के साथ ही जिलेवासियों ने कोरोना का मुकाबला किया। डेडिकेडेट कोविड-19 मेडिकल हॉस्पिटल पेण्ड्री राजनांदगांव में 300 बेड है। अभी यहां 222 ऑक्सीजन बेड एवं 78 सामान्य बेड है। जहां इलाज अभी भी जारी है, इसके साथ ही कोविड ट्रीटमेंट सेंटर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोमनी में भी इलाज लगातार जारी रहा। वहीं निजी चिकित्सालयों में भी उपचार किया गया। मेयर कोविड केयर सेंटर, संस्कारधानी कोविड केयर सेंटर, उदयाचल कोविड केयर सेंटर, एबीस कोविड केयर सेंटर, प्रेस क्लब कोविड केयर सेंटर, एकलव्य हॉस्टल पेण्ड्री कोविड केयर सेंटर, सिंधु कोविड केयर सेंटर सहित विभिन्न कोविड केयर सेंटर में संस्थाओं ने कोविड-19 के मरीजों को लगातार सेवाएं दी गई है। सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए प्रेस क्लब कोविड केयर सेंटर में कोविड-19 मरीजों को सेवाएं दी गई।
कोरोना की तीसरी लहर की अनिश्चितता की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शासन-प्रशासन द्वारा इसकी तैयारी आरंभ कर दी गई है। शासकीय मेडिकल कालेज पेण्ड्री में 100 ऑक्सीजेनेटेड बेड के लिए ऑक्सीजन गैस पाईंट हेतु सहमति प्रदान की गई है। सोमनी, मानपुर एवं डोंगरगांव में ऑक्सीजन गैस प्लांट की स्थापना के लिए शासकीय स्वीकृत प्राप्त हुई है। वहीं डोंगरगांव में 40, अम्बागढ़ चौकी में 30, गंडई में 30 एवं खैरागढ़ में 30 ऑक्सीजेनेटेड बेड के लिए ऑक्सीजन गैस पाईप लाईन की स्वीकृति प्रदान की गई है। सोमनी स्थित मॉडल कालेज कोविड-19 हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 200 बेड की व्यवस्था की गई है। जिसमें 100 ऑक्सीजन बेड हैं, 60 ऑक्सीजन बेड के लिए पाईप लाईन बिछाया गया है। जिसके माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई मरीजों के बेड तक पहुंचेगी। वहीं 40 ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाएगा और 100 सामान्य बेड रहेंगे। साथ ही 5 वेंटिलेटर संचालन की सुविधा दी गई है। कोरोना से सुरक्षा के लिए भीड़ के स्थानों में जाने से बचना है। मास्क लगाने, दो गज दूरी का पालन, साबुन से हाथ धोने एवं सेनेटाइज करते रहने को अपने आदत एवं व्यवहार में लाना होगा।
० कारगर साबित हुआ नेगेटिव रिपोर्ट फॉर्मूला
० सबसे कम समय के लिए लॉक डाउन के बावजूद कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की दर 1.4 प्रतिशत
कवर्धा / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के मामले में कवर्धा जिला राज्य में अव्वल स्थान पर आ गया है। यहां पर सबसे कम समय के लिए लॉकडाउन लगाए जाने के बावजूद जिले में कोविड संक्रमण पर नियंत्रण की दर 1.4 प्रतिशत पर आ पहुंची है। यहां कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के हालात अब काफी हद तक नियंत्रण में हैं। इसके लिए जिला प्रशासन के विभिन्न निर्णयों तथा स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों की कर्तव्यनिष्ठा को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लॉकडाउन के पहले कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता हो या स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला प्रशासन के विभागीय अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को सौपने का निर्णय, कलेक्टर की कार्ययोजना को लोग अब बखूबी समझने लगे हैं।
कोरोना नियंत्रण के लिए जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ स्मार्ट व त्वरित निर्णय भी लिए जा रहे हैं, इसके परिणाम स्वरूप ही वर्तमान में जिला, राज्य भर में कोरोना नियंत्रण के मामले में अव्वल स्थान पर है। ताजा मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, जिले में 286 आरटीपीसीआर जांच में 3 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। इसी तरह 229 ट्रू-नॉट टेस्ट में 9 व 2,216 एंटीजन टेस्ट में 23 संक्रमित मरीज मिले। यानी कुल 2,512 जांच के मुकाबले पाजिटीविटी का आंकड़ा मात्र 1.4 प्रतिशत रहा, जो जिले की जनता के लिए काफी राहत भरा है। इस संबंध में कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने कहा है, कवर्धा (कबीरधाम) जिले में कोरोना संक्रमण की दर 1.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो जिले के लिए राहत भरी खबर है। यह आंकड़ा राज्य भर में कवर्धा जिले की सबसे अच्छी स्थिति को दर्शाता है। हमें एकजुट होकर इस स्थिति को बनाए रखना है। उम्मीद है हमारा कबीरधाम आने वाले समय में भी इसी तरह सुरक्षित रहेगा, इसके लिए आप सभी का सहयोग मिलता रहेगा।
तब जाकर मिली यह सफलता...
० जिला प्रशासन द्वारा जिले में आपातकाल से निपटने के लिए लगातार आवश्यक सामग्री, जीवनदायनी दवाएं और अस्पताल स्टाफ की व्यवस्था कराई गई।
० जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण जनों के लिए लोकाचार जारी कर शादी, जन्म या मृत्यु के संबंध में ग्राम सरपंच, सचिवों व कोटवारों के माध्यम से जानकारी लेकर ऐसे घरों के लोगों को समझाइश देने व 10 से अधिक लोगों के किसी कार्यक्रम में शामिल न होने व जांच कराकर ही कार्यक्रम करने का निर्णय भी ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना नियंत्रण के लिए कारगर रहा।
० कोरोना जांच बढ़ाने के लिए घर से बाहर निकलने पर और बॉर्डर पर कोरोना की नेगेटिव जांच रिपोर्ट को अनिवार्य किया गया। हालांकि, शुरुआत में इसकी आलोचनाएं भी हुई, लेकिन जनता को इसका महत्व समझ आया और इस निर्णय को लोगों ने अपनाया भी। परिणाम स्वरूप आपातकाल की स्थिति अपेक्षाकृत कम है व स्थिति नियंत्रण में है।
० मितानिन, एएनएम और जमीनी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से लगातार डोर टू डोर सर्वे कराया गया व लगभग 15 हजार दवा किट का वितरण भी किया गया।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / राज्य सरकार हर जिले में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलकर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन सरकार को खुद याद नहीं है कि वर्ष 2018 से लगभग 9 विकासखंडों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित किए जा रहे है, जहां अब लगभग 500 बच्चे इस वर्ष 2021 में कक्षा नवमी कहां पढ़ेंगे, इसकी जानकारी कोई नहीं दे रहा है, क्योंकि सरकार ने सिर्फ मिडिल स्कूल यानि कक्षा छटवीं से लेकर आठवीं तक ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्वीकृति दी है और इस वर्ष लगभग पांच सौ बच्चे इस वर्ष कक्षा आठवीं उत्तीर्ण कर कक्षा नवमीं प्रवेश कर चुके है और अब इन बच्चों को किस सरकारी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा, इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास कोई योजना नहीं है।
इतना ही नहीं जिले में लगभग 25 प्रायवेट स्कूल ऐसे संचालित हो रहे है जहां सिर्फ कक्षा आठवीं तक ही स्कूल संचालित हो रही है और इन स्कूलों में जिला शिक्षा अधिकारी ने लगभग 500 आरटीई के बच्चों को प्रवेश दिलाया है और अब सभी बच्चों को कक्षा नवमीं में किस अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा, इसकी जानकारी भी जिला शिक्षा अधिकारी के पास नहीं है, क्योंकि आरटीई के बच्चों को कक्षा बारहवीं तक की शिक्षा पूर्ण कराने की जिम्मेदार जिला शिक्षा अधिकारी की है। वैसे भी बीत वर्ष कोरोना काल में जो प्रायवेट स्कूल बंद हो गए थे, उनके स्कूलों में प्रवेशित आरटीई के बच्चों को आज तक किसी भी स्कूल में प्रवेश नहीं दिलाया गया है, वे बच्चे आज भी शिक्षा से वंचित है और उनका एक साल बर्बाद हो चुका है, जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ही जिम्मेदार है, जिसको लेकर कई पालकों ने पुलिस थाने में जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है।
छत्तीसगढ़ पैरेंटस एसोसियेशन ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर इन एक हजार बच्चों को तत्काल शासकीय और प्रायवेट अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश दिलाने की मांग किया गया है।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।
विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, बच्चों के प्यारे चाचा पंडित जवाहर लाल नेहरू देश को प्रगति के पर ले जाने वाले पथप्रदर्शक रहे हैं। विशाल भारत, समृद्ध भारत, प्रगतिशील भारत, सक्षम भारत की नींव रखी जो 21वीं सदी में विश्व स्तर पर दिखायी दे रहा है। नेहरू जी ने अपना राजनीतिक जीवन एक स्वाधीनता सेनानी के रूप में शुरू किया था, वह अपनी किशोरावस्था में ही महात्मा गांधी के आंदोलन से जुड़े रहे, कई बार जेल गए और अनेकों बार स्वाधीनता सेनानियों के कोर्ट में वकालत भी की थी ।
विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, 15 अगस्त 1947 को भारत के आजाद होने तथा भारत-पाकिस्तान त्रासदीपूर्ण बंटवारे के समय उन्होंने देश की बागडोर संभाली और देश को विकास की राह पर ले जाने का कार्य किया। उन्होंने आजादी के बाद देश के विकास के लिए कई पंचवर्षीय योजनाएं आरंभ की और देश को गुलामी के अंधकार से निकालकर विकास के मार्ग की राह दिखाई, उन्होंने विश्व को पंचशील का सिद्धांत दिया।
बालोद / शौर्यपथ / कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत् जिले में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा रहा है। जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ एस.के. सोनी ने बताया कि जिसके तहत् 27 मई को विकासखण्ड बालोद अन्तर्गत टाउन हाल बालोद, प्राथमिक शाला पर्रेगुड़ा, प्राथमिक शाला सांकरा, ग्राम पंचायत मुजगहन, ग्राम पंचायत जामगांव बी, विकासखण्ड डौण्डी अन्तर्गत ग्राम नर्राटोला, खम्हारटोला, कुसुमकसा, खल्लारी, सिंघोला, बेलोदा, विकासखण्ड डौण्डीलोहारा अन्तर्गत सीएचसी डौण्डीलोहारा, देवरीबंगला, पीएचसी मंगचुआ, सुरेगांव, नाहंदा, विकासखण्ड गुण्डरदेही अन्तर्गत प्राथ. शाला गुण्डरदेही, कन्या प्राथ. शाला गुण्डरदेही, सामु. स्वास्थ्य केन्द्र अर्जुन्दा, प्राथ. शाला अर्जुन्दा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुरसुनी, भरदाकला, कुरदी, माहुद बी, सांकरी, बेलौदी, कलंगपुर, रनचिरई, सिरसिदा, गुरेदा, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर कचान्दुर, चन्दरबिरही, तवेरा, सिकोसा, पैरी, गब्दी, देवरी (द), कोटगांव, डुण्डेरा, भाठागांव (बी), मटिया (ह), रजोली, जोरातराई, खप्परवाड़ा, गोरकापार व सकरौद विकासखण्ड गुरूर अन्तर्गत प्राथमिक शाला जेवरतला, प्राथमिक शाला भरदा, प्राथमिक शाला तार्री, प्राथमिक शाला कनेरी, प्राथमिक शाला चंदनबिरही व प्राथमिक शाला कोसागोंदी में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम किया जाएगा।
बेमेतरा / शौर्यपथ / विगत दिनों जारी एक विज्ञप्ति में भारतीय जनता पार्टी बेमेतरा जिला के शीर्ष नेताओं के ऊपर झूठे आरोप लगाए गए है, जिन आरोपो को सिरे से खारिज करते हुए प्रदेश एवं जिला संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों ने विज्ञप्ति जारी कर , पार्टी को बदनाम करने वाले आरोप को किसी और के इशारे पर किराये पर कार्य करने वाला बताया है। भाजपा पदाधिकारियों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दिया है।
भाजपा प्रदेश मंत्री संध्या परगिनहा ने कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी के कुशल नेतृत्व में बेमेतरा जिला संगठन पार्टी द्वारा दिये प्रत्येक कार्यक्रम का पूरी सफलता के साथ संचालन हो रहा है। विगत दिनों कोरोना काल मे जरूरतमंदों की सहायता, महिला मोर्चा का धरना प्रदर्शन, टूल किट मामले पर थाना में धरना जैसे कई कार्यक्रम सफलता के साथ हुए। जिसमें पुर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा एवं जिला महामंत्री विकास धर दीवान व नरेन्द्र वर्मा के योगदान भी अहम है। जिला संगठन की सकारात्मक रिपोर्ट कुछ लोगो को नही पच रही है इसीलिए सोशल मीडिया में बिना तथ्य की बाते लिखे जा रहे है। लेकिन पूरी भाजपा बेमेतरा की टीम जिलाध्यक्ष एवं महामंत्रियों के साथ खड़ी है आवश्यकता आयी तो ऐसे लोगो के ऊपर कार्यवाही के लिए आवाज उठाएंगे।
दुख के समय कर रहे राजनीति, मेरे नाम का लिया आड़
जिला महामंत्री नरेन्द्र वर्मा ने कहा कि विज्ञप्ति में मेरा नाम लिखकर जिला संगठन में फूट डालने की कोशिश की गई है, जो बिलकुल गलत है। कुछ पूर्व दिनों मेरे पुत्र के निधन के चलते मैंने राजनीति से कुछ दिन की दूरी बनाई है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग ऐसे दुख के समय में भी राजनीति कर रहे है। जिलाध्यक्ष जोशी के नेतृत्व में हम सभी ने एकजुटता से कार्य किया है और आगे भी करेंगे। जहाँ तक मेरा नाम का उपयोग किया गया उसे मैं खारिज किरता हूँ।
जिला के भाजपा सत्तापक्ष से कही आगे
एससी मोर्चा प्रदेश महामंत्री दयावंत धर बांधे ने कहा कि भाजपा की सरकार में सरकार का सत्ता सुख विधायक मंत्री रहकर भोगा और 15 साल पार्टी को सत्ता के दम में दबाकर संघठन को चलाकर संघठन को कमजोर कर पार्टी को विपक्ष में बिठा दिया ऐसे सत्ता भोगी नेता आज निष्ठावान कार्यकर्ता जो कोंग्रेस की दमनकारी नीति के सामने पार्टी संगठन को मजबूती से खड़ा रखने में लगा है। उसकी ताकत को कमजोर करने में लगे हुवे है ।सम्मानित पदों पर दिनरात काम कर रहे भाजपा के शीर्ष नेताओं पर इस तरह बिना आधार आरोप लगाना निंदनीय है। बेमेतरा जिला में भाजपा सत्तारूढ़ दल से भी आगे है, आज जमीनी स्तर से लेकर समाचार पत्रों में भाजपा विपक्षी कांग्रेस से कही आगे है, जो हमारे नेताओं के नेतृव में ही सम्भव हो सका है, यह बात कुछ लोगो को नही पच रही है इसलिए सोशल मीडिया का सहारा लेकर उटपटांग एवं व्यक्तिगत टिप्पणियां की जा रही है।
समस्या है तो सामने आकर बात करे, सोशल मीडिया में पार्टी को बदनाम करने की साजिश
एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष देवादास चतुर्वेदी ने कहा कि 15 साल सत्ता सुख के भोगी नेता जिनके कारगुजारियों के चलते भाजपा विपक्ष में बैठी है । ये ही किराये के लोगो को रख कर अपनी चीढ़ निकाल रहे है। जिस व्यक्ति ने विज्ञप्ति जारी की है उसका न पार्टी से कोई सम्बंध न नेताओ से। इससे स्पष्ठ है कि उसे लालच लेकर ऐसा कृत्य कराया जा रहा है। जिसको पार्टी में समस्या वे अपनी बात बैठकों में रखे इस प्रकार बाहरी व्यक्ति के माध्यम से सोशल मीडिया में सन्गठन को बदनाम करने अनुचित है। मामले को प्रदेश नेतृव से शिकायत कर जांच की मांग की जाएगी ताकि ऐसे कार्य करवाने वालो का नाम सामने आए।
अनेक ओबीसी एवं एससी चेहरों को दायित्व
किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष बबलू राजपूत, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष लक्ष्मीलता वर्मा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिलाध्यक्ष दीपेश साहू, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष आकिब मलकानी एवं भाजयुमो जिलाध्यक्ष परमेश्वर वर्मा ने विज्ञप्ति में कहा कि जिला सन्गठन में सवर्णों का वर्चस्व की बात कही गयी है जोकि मूर्खतापूर्ण है। जिला से प्रदेश मंत्री जैसे पद में ओबीसी नेत्री को लिया गया है वही जिला संगठन में नरेन्द्र वर्मा, फिरतुराम साहू, भुनेश्वरी वर्मा सहित हम सभी में अनेक ओबीसी व एससी चेहरे हो प्रमुखता से स्थान दिया गया है, लेकिन कुछ लोगो के चाटुकारों की जगह जमीनी कार्यकर्ताओं को दायित्व मिलने से उनमें हड़बड़ाहट मची है, औऱ ऐसे कृत्य किये जा रहे है। जो लोग राजनीति में मुकाबला नही कर सकते वो पीठ पीछे दूसरे व्यक्ति की आड़ लेकर कायर की तरह वॉर करते है ।
* फ़ोर्स कैंप हटाने को सिलगेर ग्रामीण कर रहे हैं पिछले 16 दिनों से आंदोलन व 16 दिनों में 5 बार हुवा गंभीर लाठीचार्ज एवं एक बार स्तेमाल हुवा आशु का गोला गंभीर सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण आखिर कौन जवाबदार जवाब दें सरकार - जनता कांग्रेस
* फ़ोर्स द्वारा बैगेर बातचीत कर सीधे गोली चलाना 5 से 6 बार गंभीर लाठीचार्ज करना, ग्रामीणों की पट्टे की जमीन पे कब्ज़ा कर कैंप लगाना सवाल करने पर गुंडा गर्दी दिखाना कहा कानून इसकी इजाजत देती हैं जवाब दें राज्य सरकार - जनता कांग्रेस
जगदलपुर / शौर्यपथ / मांमले में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे पार्टी के बस्तर कोर कमेटी अध्यक्ष टंकेश्वर भारद्वाज एवं संभागीय सयुंक्त महासचिव नरेंद्र भवानी ने मामले में जानकारी देते हुए एवं राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की आज दिनांक 26/05/2021 मई दिन बुधवार को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी के आदेशानुसार ब्लाक उसूर के ग्राम सिरगेल में कैंप हटाने को लेके ग्रामीणों का आंदोलन चल रहा हैं, जिसके कारण फ़ोर्स द्वारा 17 मई को आंदोलन कारी ग्रामीणों पे सीधे गोली दाग दी थी, जिसके बाद 3 ग्रामीणों की मृत्यु हो गई जिसका जानकारी प्राप्त होने के बाद से ही घटना की जानकारी लेने हेतु पार्टी द्वारा जांच समिति समूह बनाया गया था लेकिन पिछले तीन दिनों तक प्रयास करने के बाद भी घटना स्थल जाने से रोका जा रहा था लेकिन आज 26 मई को हमारी जांच दल का समूह बड़ी कठिनाइयों के साथ घटना स्थल आखिरकार पहुँच गए और हजारो की संख्या में ग्रामीणों से हुई मुलाक़ात लगभग एक घंटा के बातचीत के बाद हुवा यह सब मामले में हुवा खुलासा !
सबसे पहले तो जो ग्रामीणों की गोली लगने से हुई हैं मृत्यु वें हैं वास्तव में ग्रामीण लेकिन बस्तर आई जी आंदोलन में उपस्थित आंदोलनकारी ग्रामीणों एवं घायल हुए ग्रामीणों और मृत हुए ग्रामीणों को लेकर कहते हैं की सभी हैं नकसली आखिर क्यूँ दोषियों को बचाने में तुले हैं प्रशासन समझ से परे ! अगर मरने वाले नक्सली थे तो हजारो की भीड़ में सिर्फ उन तीनो को ही गोली कैसे लगी बताये बस्तर आई जी आखिर सुरक्षा बल के जवान जो घटना में उपस्थित थे उन्हें फायरिंग करने किसने बोला, जबकि मौके में जांच उपरान्त ग्रामीणों का कहना हैं की हम नारे बाजी एवं शान्ति के साथ आंदोलन कर रहे थे अचानक फायरिंग कैसे हुवा समझ में नहीं आया बावजूद जिम्मेदार पद में बैठ सभी निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली कहना बस्तर आई जी को शोभा नहीं देता !
अगर मृत 3 निर्दोष ग्रामीण बस्तर आई जी के कहे अनुसार नक्सली थे तो क्यूँ प्रशासन तीनो के अंतिम संस्कार हेतु 10 हजार की राशि ग्रामीणों को देने गए आखिर नक्सलियों से ऐसा प्यार कब से, अगर वाहा उपस्थित सभी ग्रामीण जो आंदोलन कर रहे हैं, एवं घायल हुए हैं, और जान भी दिए हैं ऐसे सभी लोग नक्सली हैं तो वाहा वास्तव में ग्रामीण कहा हैं !
मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया की
(1)= 11 मई रात 3 बजे ग्राम पंचायत सिलगेर में तीन परिवारों का लगभग 25 - 30 एकड़ जमीन पर जबरन फ़ोर्स ने रातो रात कब्ज़ा कर लिया, वहीं जब दूसरे दिन 12 मई को लगभग 25 - 30 ग्रामीण कब्ज़ा किये गए स्थल में पहुंचे और पूछे की गांव की पट्टे का जमीन पे कब्ज़ा क्यूँ किया जा रहा हैं का बात कहा गया तो पहला मार पित उसी दिन हुवा जहां सुरक्षा बलो द्वारा जबरन ताबड़तोड़ लाठी चार्ज कर गंभीर चोटें ग्रामीणों को दे दिए अगर यह ग्रामीण नक्सली हैं तो सुरक्षा बलो के पास आखिर क्यूँ जाते !
(2) = 13 मई को दोबारा ग्रामीणों द्वारा इस घटना का विरोध करते हुए लगभग 1 हजार से ज्यादा की संख्या में सिरगेल गांव कैंप से दूर इकठे हुए और पहले दिन के मारपीट एवं कब्ज़ा किया पट्टे की जमीन जैसे मामले में आंदोलन किया जा रहा था लेकिन फिर सुरक्षाबलों द्वारा जबरन ग्रामीणों के ऊपर गंभीर चोट पहुंचाने के उद्देशय से लाठी चार्ज किया गया एवं आंसू गैस तक का भी ईस्तमाल किया जो बेहद निराशाजनक बात हैं की किस कदर से हमारे ग्रामीण आदिवासी भाई बहनो पे ऐसा अत्याचार किया जा रहा हैं और स्थानीय कांग्रेस के विधायक हैं शांत पूरा राज्य कांग्रेस का सरकार हैं शांत आखिर क्यूँ निर्दोष आदिवासियों को सुरक्षा बलो के हाथो मरने छोड़ दिया गया हैं जवाब दें जिम्मेदार
(3) = 14 मई को फिर से यह आंदोलन बड़ा रूप लिया और आंदोलन करने धरना में बैठे और दोबारा सुरक्षा बलो द्वारा गंभीर रूप से मारपीट किया गया कई सैकड़ो लोग घायल हुए जबकि कई लोग अपने गांव के घरो में अपन इलाज कर रहे हैं
(4) = 17 मई को दोबारा लगभग 5000 से 7000 हजार की भीड़ ने आंदोलन करते हुए कैंप पास मोर्चा खोल दिया आखिर जब सुरक्षा बल लगातार 12 मई से 17 मई तक मारपीट करते रहेंगे तो क्या ग्रामीण शांत रहेंगे और इसी वजह से 17 मई को हजारो के संख्या में फिर से भीड़ एकत्रित हुई लेकिन सविंधान के तहत वें अपनी मांगे रख रहे थे बावजूद अचानक से पहले हवाई फायरिंग हुई और फिर निचे खड़े सुरक्षा बल द्वारा सीधे गोली दाग दी गई और घटना स्थल में ही 3 ग्रामीणों की मृत्यु हो गई वहीं सभी तरफ अचानक भगदड़ मच गया और भीड़ में शामिल एक गर्भवती महिला भी उपस्थित थी उसे भी भीड़ के भगदड़ का शिकार होना पड़ा और तभी वें अपना इलाज घर पे ही कर रहे थे और कल 25 मई को वह महिला का भी मृत्यु हो गया आखिर ऐसा अत्याचार निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों के साथ क्यूँ जवाब दें राज्य सरकार ! और इन ग्रामीणों को नक्सली कहना सरकार का कायराना शब्द हैं जो अपनी गलती छुपाने के लिए सभी निर्दोष ग्रामीणों को नकसली बोल रहे हैं जबकि हैं पूरा मामला उल्टा हुई हैं घटना जांच होना ही चाहिए !
(5) = 17 मई की घटना के बाद भगदड़ में लगभग 6 लोग हुए थे लापता जिसके कुछ दिन बाद ग्रामीणों को पता चला की यह सभी 6 लोग जेल में हैं और लगभग 7 दिन जेल में रहने के बाद पट्टे से एस.डी.एम.कोर्ट से जमानत लेके सभी 6 ग्रामीणों को वापस गांव लाया गया आखिर क्यूँ इन 6 ग्रामीणों ले ऊपर मामला बनाके जेल भेजा गया जवाब दें राज्य सरकार ! वहीं लाठी चार्ज के दवरान पुरूष सुरक्षा बल महिलाओ को भी लाठियों से गंभीर चोटें पहुंचाते हुए मारे जो गैर सवैधानिक हैं,
मामले राज्य सरकार के बस्तर आई जी का शर्मनाक बयान की सभी ग्रामीण नक्सली हैं, मरे हुए ग्रामीण नक्सली हैं उपस्थित ग्रामीण नक्सली हैं जैसा शब्द कहना बेहद निराशाजनक हैं इसका जांच होना चाहिए नहीं तो अंदुरुनी इलाके के आदिवासी भाई बहनो को नक्सली बता गुलामी का जीवन जीने मजबूर कर देंगे राज्य सरकार आखिर स्वतंत्र राष्ट्रीय में स्वतन्त्रता से जीवन जीने का हैं अधिकार ग्रामीणों को भी ! आगामी दिनों में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे पार्टी इस लाखो ग्रामीणों का मांग अगर पूरा नहीं होता हम स्वयं उस आंदोलन में समर्थन देके आंदोलन में बैठेंगे और न्याय की लड़ाई लड़ेंगे !
घटना स्थल के जांच दल में शामिल बस्तर कोर कमेटी अध्यक्ष टंकेश्वर भारद्वाज जी, संभाग सयुंक्त महासचिव नरेंद्र भवानी, अजित जोगी युवा मोर्चा संभागीय अध्यक्ष संतोष सिंह , दंतेवाड़ा जिलाध्यक्ष सुजीत कर्मा, ग्राम पंचायत पदेडा सरपंच गुड्डू एवं अन्य मौजूद रहे !
जगदलपुर / शौर्यपथ / मामले में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे पार्टी के अजित जोगी युवा मोर्चा के संभागीय अध्यक्ष श्री संतोष सिंह ने बयान जारी करते हुए काहा की कांग्रेस सरकार युवाओ से किये वादे और अपनी नाकामी छुपाने संस्थाओं के नाम बदल रही कांग्रेस की भुपेश सरकार
बस्तर विश्विद्यालय का नाम बदलकर भुपेश सरकार स्व महेंद्र कर्मा के शहादत का कही ना कही अपमान कर रही है। हमारा विरोध बिलकुल भी स्व शहीद महेंद्र कर्मा जी के नाम का नहीं हैं बल्कि वें हमारे सम्मानीय रहे हैं लेकिन बस्तर की पहचान जो बस्तर विश्विधालय के नाम से पूरी दुनिया जानती हैं उसका नाम बदलना कही से भी ठीक कदम नहीं सरकार का, यदि सरकार शहीदों के नाम पर कुछ अच्छा करना चाहती हैं तो जनहित की योजनाएं बनाकर उनके नाम करें और बस्तर में नए उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थान खोलकर उनके नाम पर रखे लेकिन अपने चुनावी वादे और नाकामियों को छुपाने के प्रयास से बस्तर विश्विद्यालय का नाम बदल रही है कांग्रेस सरकार इससे शहीदों का सम्मान नही अपमान होगा।
अजित जोगी युवा मोर्चा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे पार्टी कांग्रेस सरकार को नसीयत देते हुए निवेदन करता हैं कम से कम बस्तर पहचान को समाप्त करने का ना सोचे यह सही कदम नहीं, इसका निर्णय बदला जाए नहीं तो आगामी दिनों में विद्यार्थियों के साथ हस्ताक्षर अभियान चला करूँगा उग्रआन्दोलन जिसका सम्पूर्ण जवाबदारी कांग्रेस सरकार जिला प्रशासन होगा
नई दिल्ली /शौर्यपथ / कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के छह महीने बुधवार को पूरे हो गए. किसान आज काला दिवस मना रहे हैं. जो किसान जहां है, वहीं घरों पर काला झंडा लगाकर विरोध जता रहा है. किसान काले झंडे लगाकर और सरकार के ख़िलाफ विरोध जताकर काला दिवस मना रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के ख़िलाफ किसान पिछले 6 महीने से डटे हुए हैं. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले.
उधर, सिंघु बार्डर पर भी कृषि कानून के खिलाफ किसान काले झंडा दिखाकर काला दिवस मना रहे हैं. किसानों का कहना है कि कोरोना का डर दिखाकर सरकार उनको हटाना चाहती है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "हमारा विरोध सरकार से है. हमने तो तिंरगा भी हाथ में लिए हैं, सरकार तो ये भी कहती है कि तिरंगे क्यों हाथ में ले लिए. 6 महीने हो गए हैं सरकार नहीं सुन रही है तो काले झंडे तो लगाएंगे ही."
उधर, पंजाब के मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के 26 मई को ‘काला दिवस' मनाने के फैसले के समर्थन का ऐलान किया. समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, आप विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र से तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपील की.
चीमा ने भाजपा नीत सरकार पर कृषक समुदाय पर इन कानूनों को जबरन थोपने का आरोप लगाया. उन्होंने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘ केंद्र सरकार को देश में ऐसे काले कानूनों को थोपने पर जोर नहीं देना चाहिए.''
किसान संगठनों ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन के छह माह पूरे होने पर 26 मई को ‘काला दिवस' मनाने का आह्वान किया है. किसान पिछले साल नंवबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं और तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. चालीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वार्ता की बहाली की अपील की थी.
नई दिल्ली/ शौर्यपथ / बंगाल की खाड़ी और देश के पूर्वी तटों पर अगले कुछ घंटों के भीतर अत्यधिक खतरनाक चक्रवाती तूफान 'यास' टकराने वाला है. यह तूफान ओडिशा के उत्तरी तटों से टकराते हुए पश्चिम बंगाल से टकरा सकता है. दोनों ही राज्यों में पिछले 2-3 दिनों से सुरक्षा के लिहाज से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. लाइव अपडेट्स यहां देखें.
आज दोपहर तक लैंडफॉल होने की आशंका है. सुबह 9 बजे के आसपास लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. इसके पहले मंगलवार से ही दोनों राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है.
ओडिशा के धामरा और बालासोर में सुबह से ही तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही थी. बालासोर में तो समुद्र का स्तर बढ़ जाने से रिहायशी इलाकों में पानी घुस आया. यहां पेड़ और लोगों के घर पानी डूबे नजर आए.
पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर के दीघा में भी ऐसा ही नजारा आया. यहां समुद्र का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. यहां पर लगातार ऊंची लहरें तटों से टकरा रही हैं.
दीघा में भी सुबह-सुबह ही सड़कों पर घुटनों तक पानी भरा हुआ नजर आया. लोग पानी के बीच से गुजरते नजर आए. पश्चिम बंगाल के नैहाटी और हालीशहर में कई घर तूफ़ान और तेज़ बारिश की वजह से तबाह हो गए हैं.
वहीं, कोलकाता सहित कई और जिलों में कल से बारिश हो रही है. खतरे को देखते हुए एहतियात के तौर पर कोलकाता एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है, कोलकाता एयरपोर्ट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट से 26 मई की सुबह 8.30 बजे से शाम 7.45 बजे तक सभी उड़ानें निलंबित रहेंगी.
मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात का सबसे ज़्यादा असर तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में होगा. इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी इसका प्रभाव दिखाई देने की आशंका है. इन राज्यों के अलावा झारखंड, केरल के तटवर्ती इलाक़े भी तूफ़ान यास से प्रभावित हो सकते हैं.असम, मेघालय, यूपी और बिहार के कई इलाक़ों में भी तूफ़ान की वजह से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.