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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
भिलाई / शौर्यपथ / सेक्टर छ: स्थित जामा मस्जिद के सामने पेवर ब्लॉक लगाया जाएगा ताकि मस्जिद परिसर के आस पास स्वच्छता बनी रहे और बारिश के सीजन में आने वालों को सुविधा मिल सके। विकास कार्य की स्वीकृति पश्चात आज महापौर एवं भिलाईनगर विधायक देवेन्द्र यादव ने महापौर परिषद के सदस्य एवं वार्ड पार्षद सूर्यकान्त सिन्हा, जामा मस्जिद के इमाम इकबाल अंजुम एवं वार्ड के कुछ वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति में भूमिपूजन किया। मस्जिद परिसर के पास होने वाले आयोजनों को ध्यान रखते हुए महापौर श्री यादव ने 12.16 लाख की लागत से बनने वाले कार्य की स्वीकृति कराई ताकि समाज के लोगों को सहुलियत मिल सके। मस्जिद कमेटी द्वारा पेवर ब्लॉक लगाने की मांग की गई थी, मांग पूरा होने पर मस्जिद कमेटी के सदस्यों महापौर और निगम प्रशासन का आभार व्यक्त किए। वार्ड पार्षद सूर्यकान्त सिन्हा ने बताया कि सेक्टर- 6 जामा मस्जिद के बाहर सडक के दोनो ओर पेवर ब्लॉक लगाया जाएगा। इसके लिए महापौर श्री यादव के पहल के बाद इस कार्य के लिए राशि 12.16 लाख रूपए स्वीकृत हुए जिसका आज भूमिपून किया गया। अब जल्द ही कार्य शुरू होने के बाद मस्जिद परिसर में आने वाले लोगों को पेवर ब्लॉक लगने से सुविधा मिलेगी, बारिश के दिनों में कीचड़ से निजात मिलेगा। भूमिपुजन कार्यक्रम में जामा मस्जिद के जमील अहमद, असरफ बेग, आसिम बेग, जमील कुरैशी, राजीव यादव, राकेश ठाकुर, सत्यनारायण गुप्ता, जोन 05 के प्रभारी कार्यपालन अभियंता सुनील जैन एवं श्वेता महेश्वर उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों में राज्य शासन की प्रगतिरत योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की। दुर्ग जिले में हेल्थ सेक्टर एवं नगरीय प्रशासन तथा अन्य विभागों में हो रहे नवाचारों की कलेक्टर कांफ्रेंस में प्रशंसा की गई। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने सामुदायिक फलोद्यानों एवं फलदार पौधों का रकबा बढाने विशेष निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग में मूलत: पट्टा वितरण के कार्यों में दुर्ग जिला प्रशासन की गतिविधि की विशेष रूप से प्रशंसा की गई। मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना एवं मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना में किए गए कार्यों में जिले का काम अच्छा रहा। इन योजनाओं के माध्यम से बडी संख्या में लोगों को स्वास्थ्य लाभ तो हुआ ही, साथ ही बीपी, शुगर, टीबी जैसी बीमारियों के चिन्हांकन में इससे आसानी हुई। इन योजनाओं में 8397 लोगों का बीपी जांच हुआ जिसमें 2584 लोगों को उच्चरक्तचाप की समस्या चिन्हांकित हुई। इसमें शुगर की जांच भी 2689 लोगों की हुई। इसमें 234 लोगों का मधुमेह चिन्हांकित हुआ। इन शिविरों के माध्यम से 58 लोगों का टीबी चिन्हांकित हुआ। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कोविड की तैयारियों की भी समीक्षा की और सभी जिलों को बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए अलग से रायपुर के इंडोर स्टेडियम की तरह बड़ा कैंपस रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर दुर्ग ने इस संबंध में नगर निगम कमिश्नर दुर्ग को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड में एसओपी का पालन पूरी तरह हो, यह सुनिश्चित करें। ऐसा किये जाने से कोविड संक्रमण को रोकने की दिशा में सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आ रहे लोगों की स्किल मैपिंग करें। बहुत से प्रोजेक्टस एवं उद्योगों में ऐसे हुनरमंदों की जरूरत हैं जिनकी कमी अब तक राज्य में रही थी। स्किल मैंपिंग से यह मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने पौधरोपण एवं स्वसहायता समूहों के आय ब?ाने के विषय पर विशेष फोकस किया। उन्होंने कहा कि फलदार पौधों के रोपण से, मुनगा आदि के रोपण से मिड डे मील में एवं आंगनबाडियों में यह अधिक मात्रा में उपलब्ध होगा। इससे स्वसहायता समूहों को भी काम मिलेगा और कुपोषण को थामने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कुपोषण के संबंध में विशेष कार्य करने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण बउी समस्या है और निरतंर मानिटरिंग और फोकस रखने से यह समस्या दूर होगी। कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने दुर्ग जिले के विषयों की जानकारी दी। कलेक्टर कांफ्रेंस में जिले से आईजी विवेकानंद सिन्हा, सीएफ श्रीमती शालिनी रैना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव, नगर निगम भिलाई कमिश्नर ऋतुराज रघुवंशी, डीएफओ केआर बढाई, रिसाली कमिश्नर प्रकाश सर्वे, दुर्ग कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन, नगर निगम भिलाई चरौदा कमिश्नर कीर्तिमान राठौर उपस्थित थे।
नई दिल्ली / शौर्यपथ लेख / भाजपा का पिछले लोकसभा चुनाव ( 2019 )में प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा . मोदी सरकार २.० में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाते हुए देश को विकास की ओर ले जाने का दावा करने लगी . हालाँकि भाजपा सरकार में लगातार रूपये की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में गिरती जा रही है . आधी दुनिया से ज्यादा का दौरा करने के बाद भी रोजगार के मुद्दे पर सरकार की नाकामी सामने है . महंगाई अपने चरम पर है . मोदी सरकार के पास आम आदमी को बताने के लिए कोई ख़ास उपलब्धि नहीं है किन्तु कुछ ऐसी उपलब्धि है जिसे नकारा नहीं जा सकता . कश्मीर समस्या का हल करना और भारत के अभिन्न अंग के रूप में शामिल कर एक भारत का निर्माण बड़ी उपलब्धि है , राम मंदिर मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सालो से चला आ रहा विवाद पटाक्षेप हो गया . नोट बंदी से किसे फायदा हुआ किसे नुक्सान , जीएसटी क्या है और इससे किसको फायद होगा ये देश की लगभग ६० प्रतिशत जनता को जानकारी ही नहीं क्योकि आम जनता को आज भी महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है . इस सबके बीच भारत की जनता ने देश के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को चुना किन्तु प्रदेश में देखा जाए तो प्रदेश के चुनाव में भाजपा को हर जगह असफलता ही मिली कही बहुमत नहीं मिला किन्तु बावजूद इसके कई राज्य है जहां भाजप ने अपनी सरकार बना ली . भाजपा की सरकार तो प्रदेश में बन गयी किन्तु यह प्रदेश की जनता की पसंद की सरकार नहीं कही जा सकती क्योकि प्रदेश की जनता ने भाजपा को नकारा किन्तु लालची और सत्ता लोभी कुछ जनप्रतिनिधियों के पार्टी के प्रति विश्वासघात के कारन सरकार तो अस्थिर हो ही गयी . भले ही इसे विचारधारा का नाम देकर पल्ला झाड ले किन्तु सच्चाई यही है कि चुनाव के पहले और परिणाम आने के बाद ऐसी क्या बात हुई कि विचारधारा अचानक बदल गयी खैर बड़े लोग बड़ी बात .
राजनितिक हलको में अब चर्चा का विषय है कि राजस्थान भी भाजपा के कब्जे में आ जाएगी और यहाँ भी कुछ ऐसे विधायक निकल जायेंगे जिनकी अंतरात्मा अचानक जाग जायेगी और देश प्रेम दिलो में तूफ़ान ले आएगा और देशहित , समाज हित की बात करते हुए विचारधारा की बात करते हुए राजस्थान में भी भाजपा का राज हो सकता है ये किस पल होगा कितने दिन में होगा इस पर कहा नहीं जा सकता हो सकता है कि लेख प्रकाशित होने के चाँद घंटो में हो जाए या चाँद दिनों में हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता .
मुझे याद है कि कुछ साल पहले शाम को बिहार की सरकार के अच्छे कार्य की बात चल रही थी और सरकार में शामिल सभी दल एकजुटता की बात कर रहे थे किन्तु दुसरे दिन सुबह करीब ११ बजे समाचार चलने लगा कि बिहार में सरकार में विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा अब सरकार में शामिल हो गयी और आरजेडी सत्ता से बाहर हो गयी . एक ही रात में राजनितिक खेल चला और नितीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए और नए समर्थन पत्र के साथ फिर सरकार बनाने का दावा पेश किया और सरकार बन गयी ये सब हुआ १६ घंटो में . जैसे कोई सरकार का निर्माण नहीं खिलौने का निर्माण कर दिया गया हो .
कर्नाटक का नाटक तो बड़ा ही मजेदार रहा कभी समर्थन कभी विरोध के बीच यहाँ भी सरकार ऐसी पार्टी की बनी जिसे राज्य में बहुमत नहीं मिला किन्तु अचानक कई जनप्रतिनिधि की अंतरात्मा जागृत हुई और एक नए सरकार का गठन हो गया और कर्नाटक के नाटक का अंत हुआ . ऐसी ही घटना महाराष्ट्र में भी घटित हुई महाराष्ट्र की आम जनता ने बहुमत के साथ शिव सेना और भाजपा को अपना समर्थन दिया था किन्तु आपसी विवाद के बाद यहाँ राजनितिक का सबसे बड़ा उलट फेर होते हुए दो हिन्दू वादी संगठन अलग हो गए और एक नए समीकरण के साथ शिव सेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली और भाजपा को यहाँ नाउम्मीदी मिली . ऐसा ही हाल हरियाणा का हुआ किन्तु यहाँ बाज़ी भाजपा ने मारी और सत्ता कब्ज़े में कर ली सत्ता मिलते ही एक बड़े राजनेता को जमानत भी मिल गयी क्या राजनीती समीकरण में इतने संयोग प्राकृतिक हो सकते है अगर ये हुए है तो इसे सदियों तक याद रखा जाएगा .
बात करते है मध्यप्रदेश की जहाँ भाजपा सरकार बनाते बनाते रह गयी और तब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री निवास छोड़ना पड़ा किन्तु पूर्व मुख्यमंत्री ने निवास छोड़ते समय मिडिया के सामने यह बयान दिया कि जल्द ही वो वापस बंगले पर आयेंगे और एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेगे यानी कि उन्हें जनता का फैसला स्वीकार नहीं था लोकतंत्र में चुनाव के दौरान जिस जनता को जनार्दन की संज्ञा दी जाती है चुनाव के बाद उसी जनता के फैसले को दरकिनार किया गया मध्यप्रदेश में और एक बार फिर चला विचारधारा का ड्रामा और यहाँ भी अचानक सिधिया गुट को कांग्रेस में घुटन होने लगी घुटन का क्या कारन था ये तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ही बता सकते है किन्तु अचानक इस विचारधारा में परिवर्तन और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के कथन के अनुसार सिधिया को विभीषण की उपाधि देकर एक बार फिर मध्यप्रदेश में कोरोना संकट के बीच सत्ता में काबिज होने का खेल सारे भारत ने देखा कहने को तो यह विचारधारा की जीत कही जा रही है किन्तु कौन सी विचारधारा जो अचानक बदल गयी ऐसी विचारधारा का क्या अस्तित्व क्या ये विचारधारा भविष्य में भी स्थिर रहेगी या परिवर्तन शील रहेगी ये तो महाराज सिंधिया ही बता सकते है . खैर चाहे कुछ भी हुआ हो आज मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है और वर्तमान में स्थिर है अब असली फैसला उप चुनाव में ही होगा .
अब बात करे राजस्थान की तो राजस्थान के मुख्यमंत्री खुले रूप से आरोप लगा रहे है कि उनके विधायक को खरीदने की कोशिश की जा रही है इस बात में कितनी सच्चाई है ये जाँच का विषय है किन्तु ये कहना गलत होगा कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन नहीं हो सकता . पिछले राजनितिक घटना क्रम को देखे तो कुछ भी संभव है क्या पता किसी और जनप्रतिनिधि की आत्मा से आवाज़ आये और विचारधारा की एक राग निकले और सत्ता परिवर्तन हो जाए . वैसे भी इन दिनों एक विडिओ वाइरल हो रहा है जिसमे मुख्यमंत्री चौहान की आवाद का दावा किया जा रहा है कि उनके द्वारा किस तरह केन्द्रीय नेत्रित्व के आदेश पर सत्ता परिवर्तन हुआ है . इस विडिओ में कितनी सच्चाई है ये जाँच का विषय है किन्तु राजनितिक गलियारों में ये चर्चा का विषय जरुर है . इतने घटना क्रम से एक बात तो स्पष्ट है कि आम जनता की पसंद की सरकार वो नहीं जिनके जनप्रतिनिधि की विचारधारा चुनाव जीतने के बाद बदलती रहती है . भारत के निवासियों के पसंद की सरकार की गिनती में भारत सरकार ( मोदी सरकार ) आती है जिसे जनता ने अपना पूर्ण समर्थन दिया . परदेश में उड़ीसा की सरकार आती है जिसे जनता ने समर्थन दिया जो स्थिर है , छत्तीसगढ़ की सरकार जिसे जनता का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है , दिल्ली की सरकार जिस पर जनता ने भरोसा दिलाया . भारत की राजनीती में उल्ट फेर एक आम प्रक्रिया हो गयी और जनता से मत का अपमान एक नित्य प्रक्रिया . ऐसा है भारत का लोकतंत्र जहा जनप्रतिनिधि चुनाव जितने के बाद विचारधारा बदलते है जनता नहीं ...( लेखक - शरद पंसारी )
जयपुर / शौर्यपथ / राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव से पहले राजस्थान में चुनावी गतिविधियों तेज होने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात कहा कि पार्टी के विधायक एकजुट हैं और वे किसी तरह के लोभ व लालच में नहीं आएंगे. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि कुछ कांग्रेस विधायकों को 25 करोड़ रुपये तक की पेशकश की गई.
दिल्ली राजमार्ग पर एक होटल में कांग्रेस व उसके समर्थक विधायकों की देर रात तक चली बैठक के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक बहुत फलदायी रही और सब एकजुट होकर यहां से गए हैं . कल फिर बैठक होगी जिसमें पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे भी मौजूद रहेंगे.
उन्होंने कहा,'' हमारे विधायक बहुत समझदार हैं वे समझ गए. उन्हें खूब लोभ लालच देने की कोशिश की गयी. लेकिन यह हिंदुस्तान का एकमात्र राज्य है जहां एक पैसे का सौदा नहीं होता. यह इतिहास में कहीं नहीं मिलेगा. मुझे गर्व है कि मैं ऐसी धरती का मुख्यमंत्री हूं जिसके लाल बिना सौदे के बिना लोभ लालच के सरकार का साथ देते हैं कि सरकार स्थिर रहनी चाहिए राज्य में.''
राज्य के कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा,''करोड़ों अरबों रुपये भेजे जा रहे हैं. सुन रहे हैं कि नकदी स्थानांतरित हो रही है जयपुर में. कौन भेज रहा है. बांटने के लिए एडवांस देने की बातें हो रही हैं. आप लीजिए दस करोड़ एडवांस ले लीजिए. बाद में दस और देंगे फिर पांच और देंगे. क्या हो रहा है. खुला खेल हो रहा है यहां पर.''
गुजरात में कांग्रेस विधायकों से इस्तीफा दिलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा,''ये पहले भी करते आए हैं गुजरात में. ये परंपरा इन्होंने ही डाली है. इसलिए मैं बार बार कहता हूं कि इनका कोई यकीन नहीं, लोकतंत्र में लोकतंत्र का मुखौटा पहन कर राजनीति कर रहे हैं.''
इससे पहले विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस व उसके समर्थक निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है.
जोशी ने एसीबी के महानिदेशक को भेजी शिकायत में कहा है,'' अति विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश व गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी हमारे विधायकों व हमारा समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों को भारी प्रलोभन देकर राजय की लोकतांत्रिक तौर से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है.''
जोशी ने इस तरह के लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. हालांकि उन्होंने अपने पत्र में ऐसा प्रयास करने वाली किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया है.
एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा ,'' शिकायत मिली है और इसकी जांच होगी.''
इस बीच आगामी राज्यसभा चुनावों को लेकर चर्चा करने के लिए कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक बुधवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे. यहां से उन्हें बसों से दिल्ली राजमार्ग पर स्थित एक रिसोर्ट ले जाया गया.
वहीं राज्यसभा चुनाव पर चर्चा के लिए जयपुर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के पास सम्पूर्ण बहुमत है और उसके विधायक किसी प्रलोभन में नहीं आएंगे. भाजपा द्वारा कुछ निर्दलीय विधायकों को कथित तौर पर प्रलोभन दिये जाने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि राजस्थान की वीर भूमि में भाजपा के षडयंत्रकारी मंसूबे कामयाब नहीं होंगे.
पार्टी के उम्मीदवारों की जीत के प्रश्न पर सुरजेवाला ने कहा,'' कांग्रेस के पास सम्पूर्ण बहुमत है.. और वो आपके सामने है. मैंने जैसा कहा, ना जनमत को कोई हरा सकता, ना प्रजातंत्र को हरा सकता है.''
उन्होंने कहा कि बार बार जनमत का ‘चीरहरण' करना भाजपा का चाल,चेहरा, चरित्र बन गया है.
वहीं कांग्रेस नेता विवेक बंसल ने भाजपा पर लोकतंत्र को तार तार करने का आरोप लगाया. उन्होंने राज्य में पार्टी के दोनों प्रत्याशियों की जीत का विश्वास जताया.
उधर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है. उन्होंने कहा, भले ही वह कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगाये लेकिन उनका खुद का घर सुरक्षित नहीं है,उनको अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है.
राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव 19 जून को होने हैं. इन चुनाव के लिए कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने राजेन्द्र गहलोत को उम्मीदवार बनाया था हालांकि अंतिम क्षणों में भाजपा के ओंकार सिंह लखावत ने भी पर्चा दाखिल किया. राज्य की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं. इनमें छह विधायक पिछले साल बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए. इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं. ( एजेंसी )
नई दिल्ली / शौर्यपथ / राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ और मोदी सरकार अहम् आर्थिक सुधार के मसले पर आमने सामने खड़े हो गए हैं. बुधवार को भारतीय मज़दूर संघ के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने देश के अलग अलग इलाकों में मोदी सरकार की अहम् सरकारी उपक्रमों के निजीकरण, निगमीकरण और विनिवेश की नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया और रोलबैक की मांग की.
संघ परिवार में अहम आर्थिक सुधार के मसले पर अंदरूनी गतिरोध खुलकर सामने आ गया है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ के हज़ारों कार्यकर्ता बुधवार को सड़कों पर उतरे और मोदी सरकार पर मज़दूरों के हितों के खिलाफ नीति बनाने का आरोप लगाया और मांग की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर यूनिट्स के निजीकरण और विनिवेश का जो ऐलान किया है उसे तत्काल वापस लिया जाये.भारतीय मज़दूर संघ के जोनल सेक्रेटरी पवन कुमार ने एनडीटीवी से कहा, "अगर मोदी सरकार इन फैसलों को (निजीकरण, कॉर्पेटाइजेशन और विनिवेश) रोलबैक नहीं करेगी तो भारतीय मजदूर संघ इससे भी कड़ा निर्णय आगे करेगी"
बीएमएस पूछा गया कि यह कड़ा निर्णय क्या हो सकता है? क्या आप आगे अनिश्चितकालीन आंदोलन भी कर सकते हैं? तो इसके जवाब में पवन कुमार ने कहा, 'निश्चित रूप से, ये आंदोलन तब तक चलेगा अगर सरकार रोलबैक नहीं करेगी .'
भारतीय मज़दूर संघ के नेता और संघ परिवार में गतिरोध
बीएमएस मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को बेचने के खिलाफ हैं. उनके मुताबिक रेलवे और डिफेन्स आर्डिनेंस फैक्ट्रीज बोर्ड के कोर्पोरटिजशन का फैसला गलत है. कोयला सेक्टर का कमर्शियलाइजेशन मज़दूर के हित में नहीं और डिफेन्स जैसे स्ट्रेटेजिक सेक्टर में एफडीआई को मंज़ूरी गलत फैसला है.
इससे पहले भारतीय मज़दूर संघ को छोड़कर मोदी सरकार की नई आर्थिक सुधर के एजेंडे के खिलाफ 10 बड़े केंद्रीय श्रमिक संगठन लामबंद हो चुके हैं और उन्होंने 3 जुलाई को देश भर में साझा विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है कोरोना संकट के इस दौर में जहाँ एक तरफ मोदी सरकार आर्थिक सुधार के नए अजेंडे के ज़रिये नए वित्तीय संसाधन जुटाना चाहती है वहीँ देश में बढ़ते मज़दूरों के संकट से भारतीय मज़दूर संघ और दूसरे बड़े श्रमिक संगठन इन फैसलों को रोलबैक करने को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं. अब देखना होगा सरकार बड़े श्रमिक संगठनों के इस विरोध से कैसे निपटती है.
मुम्बई / शौर्यपथ / विश्व्यापी महामारी ने देश में अपना पैर पसारना चालु कर दिया है . देश में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में पाए जा रहे है वही अकेले मुंबई में 52 हजार मरीज इस बीमारी से संक्रमित है . देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. देश में कोरोनावायरस के 2 लाख 76 हजार से ज्यादा मामले हैं वहीं, अब तक 7700 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इस बीच देश के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 94 हजार के पार कर गया है. वहीं, अकेले मुंबई में इसके 52 हजार से ज्यादा केस हैं. महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोनावायरस के 3,254 नए मरीजों की पुष्टि होने के बाद संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 94,041 पहुंच गया.
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि महामारी से 149 और संक्रमितों की मौत हो गई है. इसके बाद राज्य में कोविड-19 के कारण दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या 3,438 हो गई है. वहीं 1,879 मरीजों को इलाज के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई है. इसके साथ संक्रमण से ठीक होने वाले रोगियों का आकंड़ा 44,517 हो गया है. राज्य में बीमारी का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 46,074 है. राज्य में अबतक 5,93,784 नमूनों की जांच की गई है. वहीं, मुंबई में बुधवार को 1567 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 52 हजार 667 हो गया है. सिर्फ मुंबई में अब तक 1857 लोगों की मौत हो चुकी है.
उधर, देश में बुधवार को पहली बार कोविड-19 से स्वस्थ हो चुके लोगों की संख्या संक्रमण का इलाज करा रहे रोगियों से अधिक हो गई. वहीं देश में एक दिन में संक्रमण के नए मामलों की संख्या 10,000 के करीब होने के साथ देश में रोगियों का आंकड़ा 2.7 लाख के पार चला गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से 279 लोगों की मौत हो गई और इसे मिलाकर अब तक 7,745 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं. मंत्रालय ने बताया कि देश में अब भी 1,33,632 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1,35,205 लोग स्वस्थ हो गए और एक मरीज देश छोड़कर चला गया.( एजेंसी )
नई दिल्ली / शौर्यपथ / देश में जारी कोरोना संकट के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच कोरोना के मुद्दे पर चर्चा हुई. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, गृह मंत्री अमित शाह से मिला और दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया.' बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 33 हजार के करीब पहुंच गया है. दिल्ली में अभी कोरोना संक्रमितों के 32 हजार 810 मामले हैं और मौत का आंकड़ा 984 पहुंच गया है.
इससे पहले दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. शुरुआत में केजरीवाल ने कहा, ''दिल्ली में 31,000 कुल मामले हो चुके हैं, 12,000 ठीक हो चुके हैं जबकि करीब 18000 अभी एक्टिव केस हैं. करीब 900 लोगों की मौत हो चुकी है. 18000 एक्टिव मामलों में से 15000 होम आइसोलेशन में हैं. कल DDMA की बैठक थी. मुझे जाना था मैं नहीं जा पाया, मनीष सिसोदिया जी और अन्य मंत्री गण गए थे.
CM केजरीवाल ने कहा, ''वहां पर जो आंकड़े सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए वह आंकड़े दिखाते हैं कि आने वाले समय में दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से फैलेगा. 15 जून को 44,000 केस होने की संभावना है. 30 जून तक 1,00,000 केस हो जाएंगे. 15 जुलाई तक सवा दो लाख केस हो जाएंगे और 31 जुलाई तक लगभग 5,32,000 केस हो जाएंगे. इसको देखते हुए 15 जून तक हमें 6,681 बेड की जरूरत पड़ेगी. 31 जुलाई तक 80,000 बेड की जरूरत पड़ेगी. चुनौती बहुत बड़ी है.''
उन्होंने कहा, ''अब जनांदोलन बनाना होगा. मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग करनी है. जो ऐसा नहीं कर रहा उससे विनती करनी है कि आप कीजिए. क्योंकि जो नियमों का पालन नहीं कर रहा, वह दूसरो को फैल सकता है. जैसे ओड इवन में हमने जन आंदोलन किया था वैसे ही अब कोरोना में करना है.''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''दिल्ली की कैबिनेट ने फैसला किया था कि कोरोना के दौरान दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली वासियों का इलाज हो. सोमवार को एलजी साहब ने दिल्ली की कैबिनेट का फैसला पलट दिया. दिल्ली में चुनी हुई सरकार है. चुनी हुई सरकार के फैसले को एलजी साहब पलट नहीं सकते कुछ लोग ऐसा कह रहे थे. मेरा कहना है कि केंद्र सरकार ने निर्णय ले लिया एलजी साहब ने फैसला कर लिया है.'' ( एजेंसी )
जयपुर / शौर्यपथ / राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने इस संबंध में राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख को पत्र लिखा है. पत्र में हालांकि बीजेपी के नाम का जिक्र नहीं है लेकिन इशारा इसी पार्टी की ओर है. महेश जोशी के पत्र में कहा गया है, 'हमारे विधायकों और उन निर्दलीय उम्मीदवारों, जिन्होंने हमें समर्थन दिया है, को धन शक्ति के साथ लुभाने की कोशिश की जा रही है.'
पत्र के अनुसार, यह सब लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है और एंटी करप्शन ब्यूरों को इसकी जांच करनी चाहिए. एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा,'' शिकायत मिली है और इसकी जांच होगी.''गौरतलब है कि यह पत्र ऐसे समय सामने आया है जब राज्यसभा चुनावों के लिए 19 जून को मतदान होना है. राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है, जिसमें से दो कांग्रेस और एक बीजेपी के पक्ष में जाने की उम्मीद है. हालांकि बीजेपी ने एक के बजाय दो उम्मीदवारों को मैदान में उतरकर कांग्रेस में 'भितरघात या क्रॉस वोटिंग' की अटकलों को बढ़ा दिया है.
इस बीच आगामी राज्यसभा चुनावों को लेकर चर्चा करने के लिए कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक बुधवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे. यहां से उन्हें बसों से दिल्ली राजमार्ग पर स्थित एक रिसॉर्ट पर ले जाया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वहां पहुंचे. वहीं राज्यसभा चुनाव पर चर्चा के लिए जयपुर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के पास सम्पूर्ण बहुमत है और उसके विधायक किसी प्रलोभन में नहीं आएंगे. भाजपा द्वारा कुछ निर्दलीय विधायकों को कथित तौर पर प्रलोभन दिये जाने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि राजस्थान की वीर भूमि में भाजपा के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे. उधर,भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है. उन्होंने कहा— भले ही वह कांग्रेस, बीजेपी पर आरोप लगाये लेकिन उनका खुद का घर सुरक्षित नहीं है. उनको अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है और इसलिये इस तरीके की नौबत आज कांग्रेस पार्टी के भीतर आई है.
राज्य विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 107 विधायक हैं, इसमें पिछले साल बीएसपी से टूटकर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायक शामिल हैं. कांग्रेस को 12 निर्दलीयों का समर्थन भी हासिल है. दूसरी ओर, बीजेपी के 72 विधायक हैं, हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन भी उसे हासिल है. प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए आदर्श रूप से 51 प्रथम वरीयता वाले वोटों की आवश्यकता होती है, ऐसे में कांग्रेस की राह आसान लग रही है. बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार के जीतने की संभावना उसी स्थिति में बन सकती है यदि पर्याप्त संख्या में कांग्रेस के विधायक क्रॉस वोटिंग करें और निर्दलीय विधायक भी बीजेपी के पक्ष में पाला बदल लें. ( एजेंसी )
Raipur/Shorypath
कोरोना संक्रमण के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन में फ़िलहाल तो कुछ छूट दी गयी है एवं अनलॉक 1.0 को देशभर में लागू कर दिया गया है. लेकिन अभी भी कोरोना संक्रमण के मामलों में निरंतर बढ़ोतरी ही देखी जा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने विडियो जारी कर अनलॉक 1.0 के दौरान कोरोना से बचाव की उपायों की जानकारी दी है. साथ ही कोरोना से ग्रसित लोग, कोरोना को मात देकर ठीक हुए लोग एवं कोरोना पीडतों की देखभाल में जुटे चिकित्सक या अन्य कर्मियों के खिलाफ़ हो रहे भेदभाव के विषय में भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है. कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों के प्रति भेदभाव समुदाय में सही जानकारी के आभाव को दर्शाता है. बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जो ठीक होने के बाद कोरोना पीड़ितों के उपचार के लिए प्लाज्मा डोनेट भी कर रहे हैं. इसलिए वे भेदभाव नहीं बल्कि स्नेह के हक़दार हैं.
कोरोना को मात देकर ठीक हुए लोगों से नहीं करें भेदभाव:
‘‘जब से कोरोना से ठीक होकर अस्पताल से लौटी हूँ. पड़ोसी मेरे साथ कुछ अजीब ही व्यवहार कर रहे हैं. घर वालों के पास भी कोई विकल्प नहीं है. सभी घर में ही कैद रहने को मजबूर हैं’’.
‘‘मैं अब बिलकुल ठीक हो चुकी हूँ. लेकिन घर वापस लौटने के बाद यहाँ कुछ भी ठीक नहीं है. आस-पास के लोग तो मुझे पानी भी भरने नहीं देते. यह भेदभाव ठीक नहीं है’’.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना को मात देकर घर लौटी कुछ महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव पर उनकी बातों को विडियो के माध्यम से साझा किया है. साथ ही एम्स दिल्ली के निदेशक एवं चिकित्सकों ने भी इस पर अपनी राय भी रखी है.
एम्स. दिल्ली, के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कोरोना भी एक आम वायरल रोग है. यद्यपि बाकी वायरल रोगों की तुलना में इसका प्रसार तेज है. बहुत सारे कोरोना के ऐसे भी मरीज हैं जिनमें कोई लक्षण नहीं है एवं वे आसानी से ठीक भी हो रहे हैं. लेकिन ठीक होने के बाद लोग उनसे दूर भागने लगते हैं एवं उन्हें सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जो वैज्ञानिक रूप से बिलकुल गलत है. ठीक हुए मरीजों से कोरोना का संक्रमण दूसरे लोगों में नहीं फ़ैलता है. उन्होंने बताया भेदभाव के ही कारण बहुत सारे लोग पीड़ित होकर भी जाँच के लिए सामने नहीं आते हैं. इससे उनकी जान को खतरा है.
एम्स. दिल्ली, के मनोचिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कौशल सिन्हा देव बताते हैं,कोरोना ने लोगों को डरा दिया है. इस डर के कारण लोगों के व्यवहार में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है. लोगों को लगता है कि जो भी लोग कोरोना से लड़ रहे हैं या जो लोग कोरोना को हराकर ठीक हो चुके हैं उनसे दूरी बनाकर कोरोना संक्रमण से बचाव संभव है. लेकिन सत्य यह है कि लोगों से भेदभाव करके एवं कोरोना की जंग में शामिल लोगों पर ऊँगली उठाकर इस महामारी से बचा नहीं जा सकता है.
इन बातों का रखें विशेष ख्याल:
• सार्वजानिक स्थानों पर लोगों से 6 फीट की दूरी बनायें
• घर में बने पुनः उपयोग किये जाने वाले मास्क का प्रयोग करें
• अपनी आँख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें
• हाथों की नियमित रूप से साबुन एवं पानी से अच्छी तरफ साफ़ करें या आल्कोहल आधारित हैण्ड सैनिटाईजर का इस्तेमाल करें
• तंबाकू, खैनी आदि का प्रयोग नहीं करें, ना ही सार्वजानिक स्थानों पर थूकें
• अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली सतहों की नियमित सफाई कर इसे कीटाणु रहित करें
• अनावश्यक यात्रा न करें
• यदि सामाजिक समारोह स्थगित नहीं किया जा सकता, तो मेहमानों की संख्या कम से कम रखें
• कोविड-19 पर जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1075 पर संपर्क करें
मुंगेली / शौर्यपथ / पढई तुहंर दुवार \"आनलाईन पढाई मे लोरमी के विद्यार्थी ,पालक ,शिक्षक भी अध्ययन अध्यापन में भाग ले रहे हैं ।आज इसी क्रम में हिंदी विषय के महत्ता को समझाते हुये हमारे विकास खण्ड से शिक्षक युगल किशोर राजपूत द्वारा कक्षा 7 वी से पाठ \"सितारों से आगे \"शीर्षक में कल्पना चावला के जीवन पर प्रकाश डालते हुये उनके अंतरिक्ष यात्रा पर चित्रण किया गया ।और इस पाठ से व्याकरण भाग से संधि,मुहावरा एवं योजक चिन्ह को भी बताया गया।जिसके प्रश्नोत्तरी कार्य मे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े बच्चों ने उत्तर दिया ।
जिसमें विकासखंड सहित पुरे राज्य के विद्मार्थी ने भाग लेते हुए अध्ययन अध्यापन किये।क्लास 1 घण्टे तक चला एवं कल्पना चावला के अंतरिक्ष यात्रा का लघु फ़िल्म भी दिखाया गया।कक्षा के दौरान विद्मार्थीयों का सवाल जवाब भी कौन बनेगा करोड़पति के तर्ज पर लिया गया जो बहुत ही मंनोरंजक के साथ-साथ ञानवर्दक भी रहा।आज की कक्षा मे मुख्य रुप से हमारे सहायक विकास खंड अधिकारी श्री प्रकाश तिवारी, मिल्लूराम यादव, होस्ट शिक्षक दया राम साहू, सुनीलशर्मा,अभिजीत तिवारी, राघवेन्द्र सोनी,दिलीपसाहू,भोलेश्वर जायसवाल, विष्णु सिंह राठौर,राजेंद्र लहरें, बुधेश्वर ध्रुव,उमेंदडडसेना,रामनिवास साहू,,आदि का विशेष सहयोग रहा। इसकी निरन्तरता को बनाये रखने लिये सभी संकुल समन्वयक को उचित दिशानिर्देश हमारेअधिकारियों दा्रा दिया जा रहा है।क्योंकि शाला खुलने की अनिश्चितता के कारण यही एक विकल्प है कि शिक्षक आनलाईन विद्मार्थी को पढाएंगे।ब्लाक से अभी 8 शिक्षको को क्लास लेने के लिये अप्रूवल मिला है ।जो रोज क्लास ले रहे है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / बीते दिन पीडब्लयूडी विभाग द्वारा 84 पेड़ों पर नंबर लिख कर चिन्हांकित कर रोड चौड़ीकरण हेतु उन्हें काटने की अनुमति एसडीएम कार्यालय में आवेदिन दिया है। यह मामला सामने आते ही नगर के पर्यावरण प्रेमियों ने विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है एवं इसे फैसले को अनुमति नहीं देने के विषय में कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा से मिलने पहुंचे एवं अपनी मंाग रखी। इस पर कलेक्टर द्वारा मामले को संज्ञान में लेने की बात कही गई। ज्ञात हो कि जिस मार्ग पर पेड़ो की कटाई प्रस्तावित है, वहां यातायात का दबाव भी इतना नहीं है कि रोड अधिक चौड़ा किया जाये एवं इससे लगा हुआ गौरवपथ बड़ी गाड़ियों के आवाजाही उपलब्ध है तो इस रोड का निर्माण इस तरह किया जाए जिससे किसी भी पेड़ को नुकसान न पहुंचे यह मांग रखी गई। ज्ञात हो कि एक पेड़ को बड़ा होने में 10-15 वर्ष का समय लगता है एवं एक पेड़ अपने जीवनकाल में अनेक लोगो को फायदा ही पहुचाता है, लेकिन 84 पेड़ों का एक साथ काटने पर शहरवासियों का उग्र विरोध शासन को झेलना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि वन एवं पर्यावरण मंत्री मो. अकबर जिले के प्रभारी मंत्री भी है एवं उनके क्षेत्र में पेड़ों के साथ ऐसा होना उनके ऊपर भी प्रश्रचिन्ह खड़ा करती है कि कहीं इसमें उनकी अनुमति तो नहीं फिलहाल इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। आज ज्ञापन सौपने के दौरान मुख्य रूप से शिवम यादव, आदित्य पराते, शुभम देवांगन, आयुष वैष्णव, रजत वैष्णव, चंदन साहू, लीलाधर प्रजापति, सुमित यादव, अमित यादवए वेदप्रकाश देवांगन आदि उपस्थित थे।