April 26, 2025
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बस्तर

बस्तर (944)

शौर्यपथ / जगदलपुर। बीजापुर जिले के सबसे सुदूर क्षेत्र तेलंगाना के सीमा से लगे पामेड़ सहित पालागुड़ा, मारूड़बाका, भैरमगढ़ के 28 आत्मसमर्पित नक्सलियों को कौशल विकास के तहत राजमिस्त्री एवं अन्य प्रशिक्षण प्रदाय कराया जा रहा है। विगत तीन माह से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का स्वागत भारत माता की जय घोष करते हुए किया।

      इस अवसर पर आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उपमुख्यमंत्री से सीधा संवाद करते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जिसमें रामलू भंडारी, अर्जुन मड़काम, सोमारू माड़वी, सुखराम हेमला सहित अन्य साथियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहले के नक्सल संगठन का जीवन एक भटका हुआ और गुमराह से भरा जीवन था। उस खोखली विचारधारा को त्याग कर समाज के मुख्यधारा से जुड़कर बहुत ही बेहतर जीवन मिला लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की जानकारी के अभाव में हम रास्ता भटक गए थे किन्तु शासन के पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण कर एक बेहतर जीवन जी रहे हैं। आज शासन-प्रशासन द्वारा हमें कौशल विकास के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिससे हम आत्मनिर्भर बनकर समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सके।

      उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने उनके अनुभवों को गंभीरतापूर्वक सुना और आाधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक खाता सहित सभी प्रकार आवश्यक दस्तावेज पुनर्वास केन्द्र में ही बनवाकर केन्द्र और राज्य शासन के समस्त योजनाओं का समुचित लाभ दिलाने। वहीं पुनर्वास केन्द्र में उनके दैनिक दिनचर्या से अवगत होकर प्रार्थना, पूजा-अर्चना को शामिल कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने आवश्यक पहल करने, एक्सपोजर विजिट कराकर बाहरी दुनिया का भ्रमण कराने रायपुर, जगदलपुर जैसे शहर ले जाने के निर्देश दिए। ज्यादातर लोग पढ़ाई नहीं किए है उनको साक्षर बनाने के लिए आवश्यक पहल करते हुए दिनचर्या में शामिल कर खेलकूद, मनोरंजन, देशभक्ति फिल्में दिखाने सहित उनको नियमित आमदनी के स्त्रोत हासिल हो सके उस दिशा विशेष प्रयास करने के निर्देश कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत को दिए। राज मिस्त्री के कार्य सीखने पर कुछ लोगों ने उत्साहित होकर कहा कि प्रशिक्षण के उपरांत सिविल कार्य करेंगे ताकि व्यवसाय एवं आमदनी का स्त्रोत मिल सके।

      उप मुख्यमंत्री से मिलकर सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों में उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी पी सुंदरराज, डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर संबित मिश्रा, डीएफओ रंगानाथा रामाकृष्णा वाय, सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार, उप निदेशक इन्द्रावती टाईगर रिजर्व संदीप बल्गा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

जगदलपुर, शौर्यपथ । छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री विजय शर्मा बस्तर पंडुम के बीजापुर जिला स्तरीय आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि बस्तर की संस्कृति पूरी दुनिया में सबसे महान है जिसे संजोए रखने संरक्षित एवं संवर्धित करने का ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पहल से पूरे देश -दुनिया में बस्तर की संस्कृति को अलग पहचान मिल रही है। बस्तर पण्डुम का ब्लॉक एवं जिला स्तरीय प्रतियोगिता के बाद 01 अप्रैल से 03 अप्रैल तक संभाग स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन दंतेवाड़ा में होगा जिससे प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित केन्द्रीय मंत्रीगण एवं देश-विदेश के लोग हमारी सभ्यता, संस्कृति और पांरपरिक विधाओं को देखने आएंगे ऐतिहासिक और भव्य आयोजन होगा जिसमें बीजापुर के समस्त जनता को आमंत्रित करते हुए अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील की।

वहीं बीजापुर जैसे खूबसूरत और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जिले में लाल आतंक को जड़ से मिटाने अमन चैन और शांति का वातावरण निर्मित करने के लिए कहा कि समूचे बस्तर को लाल आतंक से मुक्त होना चाहिए इस लाल आतंक ने किसी को कुछ नहीं दिया, अभी हर जिले के हर पंचायत से युवाओं को रायपुर घुमाने ले जाया गया। हर एक पंचायत के युवाओं से खड़े होकर बात करता हूं। मुझे आश्चर्य होता है और दुख है इस बात का कि बीजापुर के अंदरूनी क्षेत्र के बच्चे 25 वर्ष के हो गए हैं लेकिन कभी टीव्ही नहीं देखे हैं कोई जगदलपुर नहीं पहुंचा है कोई रायपुर नहीं पहंुचा है स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी, सड़क, बिजली, मोबाईल टावर यह बुनियादि चीजें है इसे गांव-गांव तक पहुंचाना चाहिए कोई इसे क्यो रोक कर रखेगा।

नक्सली जिनके खुद के बच्चे विदेश में पढ़ते हैं गांव में छोटा सा स्कूल नहीं बनाने देते जिसके गांव के बच्चे पढ़ सके। सारे गांव के उन्नति और विकास को रोक कर रखा है और इस बात का विश्वास रखे कि माननीय केन्द्रीय गृहमंत्री का स्पष्ट कहना है कि मार्च 2026 तक नक्सलियों का समापन पूरे देश में होकर रहेगा।

जो भी पंचायत अपने पंचायत के भटके हुए जो भी लोग होंगे विभिन्न कारणों से संघटनों से जुड़े हुए उनका काम करते हैं। ऐसे सारे लोगो का कोई प्रकरण नही बनेगा और ग्राम पंचायत में प्रस्ताव करते है कि उनका गांव माओवाद और लाल आतंक से मुक्त हुआ तो उस पंचायत को तत्काल एक करोड़ का निर्माण कार्य की स्वीकृति दी जाएगी। उस पंचायत में विद्युत, मोबाईल नेटवर्क तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा। पुलिस की बड़ी कार्यवाही चल रही है और उस पूरी कार्यवाही के बीच में सरकार की तरफ से सरकार एक गोली नही चलाना चाहती मुख्यधारा में आ जाएं मुख्यधारा में आने पर सभी सुविधाएं मिलेगी अगर किसी ने आतंक का रास्ता नहीं छोड़ा तो कठोर कार्यवाही की जाएगी। देशद्रोह को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जगदलपुर, शौर्यपथ। स्थानीय प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम के शनिवार को जिला स्तरीय बस्तर पंडुम का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों एवं समाज प्रमुखों ने कहा कि यह आयोजन बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बस्तर पंडुम के माध्यम से पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प और आदिवासी रीति-रिवाजों को मंच प्रदान किया जा रहा है, जिससे स्थानीय संस्कृति को नई पहचान मिल रही है। इस उत्सव में विभिन्न जनजातीय समूह अपनी कला और परंपराओं का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उक्त कार्यक्रम में जिले के सभी विकासखंडों के स्थानीय लोक कलाकारों, जनजातीय समुदायों और संस्कृति प्रेमियों का उत्साह देखते ही बना। बस्तर पंडुम न केवल संस्कृति को सहेजने का प्रयास है बल्कि सामाजिक एकता और पारंपरिक मूल्यों को भी सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। इस दौरान हजारों प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर उत्साहपूर्वक भाग लिया।      

        उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत अनेक विधाएं शामिल की गई है। जिसमें जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी, हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत- चैतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल, हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि) जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेषभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन के तहत धनकुल, ढोल, चिटकुल, तोड़ी, अकुम, झाब, मांदर, मृदंग, बिरिया ढोल, सारंगी, गुदुम, मोहरी, सुलुङ, मुंडाबाजा, चिकारा शामिल रहे। जिन्हें संयोजन, पारंगता, प्रकार, प्राचीनता के आधार पर अंक दिए गए। जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन विधा में लुरकी, करधन, सुतिया, पैरी, बाहूंटा, बिछिया. ऐंठी, बन्धा, फुली, धमेल, नांगमोरी, खोचनी, मुंदरी, सुर्रा, सुता, पटा, पुतरी, नकबेसर जैसे आभूषण में एकरूपता, आकर्षकता, श्रृंगार, पौराणिकता को महत्व दिया गया। जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन विधा के अंतर्गत घड़वा, माटी कला, काष्ठ, ढोकरा, लौह प्रस्तर, गोदना, भित्तीचित्र, शीशल, कौड़ी शिल्प, बांस की कंघी, गीकी (चटाई), घास के दानों की माला प्रदर्शन प्रस्तुतियां हुई। साथ ही जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन- सल्फी, ताड़ी, छिंदरस, लांदा, कोसरा, जोन्धरा एवं मड़िया पेज, चापड़ा चटनी, सुक्सी पुड़गा,मछरी पुड़गा,मछरी झोर, आमट साग, तिखुर, बोबो इत्यादि के बनाने की विधि, स्थानीय मसाले, स्वाद, प्रकार का प्रस्तुतिकरण बस्तर पंडुम 2025 के मुख्य आकर्षण रहे। 

*समाज प्रमुखों ने कहा बस्तर पंडुम का आयोजन राज्य सरकार की सराहनीय पहल*  

      बस्तर पंडुम में सक्रिय सहभागिता निभाने वाले समाज प्रमुखों में बस्तर पंडुम के प्रति खासा उत्साह एवं अलग ही लगाव देखने को मिला। इस दौरान इन समाज प्रमुखों ने बस्तर पंडुम आयोजन को सराहनीय पहल निरूपित करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट किया। इस मौके पर पूर्व विधायक एवं सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजाराम तोड़ेम ने बस्तर पंडुम को राज्य सरकार की जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक विविधता को देश-दुनिया में पहुंचाने की अनुपम प्रयास रेखांकित किया। वहीं पूर्व विधायक लछुराम कश्यप ने बस्तर पंडुम को जनजातीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में उल्लेखनीय पहल निरूपित करते हुए बस्तर पंडुम में सहभागी बने सभी लोक कलाकारों और सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों से इस दिशा में गांव-गांव तक जागरूकता लाने सहित भावी पीढ़ी को जोड़ने का आग्रह किया। जिला पंचायत के उपाध्यक्ष बलदेव मंडावी ने बस्तर पंडुम को जनजातीय समुदाय के भावी पीढ़ी के लिए समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सीखने-समझने का बेहतर मंच बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति,परम्परा, रीति-रिवाजों से दूर हो रही है। बस्तर पंडुम जैसे आयोजन में सक्रिय सहभागी बनकर भावी पीढ़ी अपना जुड़ाव महसूस करेगी। इस अवसर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित कलेक्टर हरिस एस, एसपी शलभ सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत प्रतीक जैन और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

जगदलपुर/शौर्यपथ। विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस पर आज सुबह महारानी अस्पताल से जागरूकता रैली निकाली गई। रैली को महापौर संजय पाण्डे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शहर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए रैली वापस जिला चिकित्सालय पहुंची।

संजय पाण्डे ने कहा नियमित दांतों की सफाई करनी चाहिए। रात को सोने से पहले ब्रश करना न भूलें। हर 2 माह में अपना टूथब्रश बदलना चाहिए। समय समय पर अपने दांतों की नियमित जांच व सफाई करानी चाहिए। उन्होंने रैली के द्वारा घर घर तक जागरूकता पहुंचाने के लिए पुरी टीम को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा स्वास्थ्य विभाग की टीम जागरूकता का जो संदेश दे रहे हैं उसमें सभी सफल हों। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ संजय प्रसाद, कौशिक शुक्ला, पंकज आचार्य, धर्मेंद्र चौहान, विवेक जैन, गोविंद वर्मा, गौतम कुमार आदि उपस्थित रहे।

   सुकमा / शौर्यपथ / छ.ग. शासन मुख्य सचिव कार्यालय महानदी भवन, मंत्रालय का पत्र क्र./ 106 /ओ.एस.डी./ मु.स.का./ 2025 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 24.02.2025 द्वारा जनजाति बाहुल्य बस्तर संभाग की स्थानीय कला एवं सांस्कृतिक परंपरा से परिपूर्ण बस्तर अंचल के लोककला, शिल्प, तीज-त्यौहार, खानपान, बोली-भाषा, रीति-रिवाज, वेश-भूषा, आभूषण, वाद्ययंत्र, पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत, लोकनाट्य, पेयपदार्थों के मूल स्वरूप को संरक्षण संवर्धन एवं कला समूहों के सतत् विकास तथा जनजातीय कलाकारों को प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने के उद्देश्य से बस्तर पंडूम 2025 का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन तथा मार्गदर्शन में सुकमा जिले में बस्तर पंडूम 2025 का आयोजन किया जाएगा।
      विकासखंड स्तरीय बस्तर पंडुम प्रतियोगिता का आयोजन 17 मार्च से 19 मार्च तक सभी विकासखंडों में किया जाएगा। प्रतियोगिता के सफल संचालन के लिए सर्व एसडीएम (सुकमा/कोंटा/छिंदगढ़) को नोडल अधिकारी और सर्व जनपद सीईओ को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा उनके सहयोग के लिए संबंधित मंडल संयोजक और खंड स्त्रोत समन्वयक की ड्यूटी लगाई गई है।
      विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता के पश्चात विजयी प्रतिभागियों के जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 21 मार्च से 23 मार्च तक जिला मुख्यालय सुकमा में किया जाएगा। प्रतियोगिता के सुचारू क्रियान्वयन के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता जैन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

उत्तर बस्तर कांकेर/शौर्यपथ /राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजनांतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज निर्वाचन पश्चात जिले के सभी नवनिर्वाचित सरपंचों का एक दिवसीय अभिमुखीकरण परिचायात्मक प्रशिक्षण 17 से 28 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण जिला पंचायत संसाधन केन्द्र कांकेर (आजीविका महाविद्यालय गोविन्दपुर) एवं जनपद पंचायत संसाधन केन्द्र पखांजूर में प्रातः 10 से शाम 05 बजे तक जिला स्तरीय प्रशिक्षण टीम के द्वारा किया जाएगा, इसके लिए तिथिवार समय-सारणी जारी की गई है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरेश मण्डावी ने बताया कि नवनिर्वाचित सरपंचों का आधारभूत प्रशिक्षण उन्मुखीकरण हेतु जनपद पंचायत कांकेर के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण 17 मार्च को निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार जनपद पंचायत दुर्गूकोंदल हेतु 18 मार्च, चारामा के नवनिर्वाचित सरपंचों के लिए 20 मार्च, अंतागढ़ हेतु 21 मार्च, भानुप्रतापपुर हेतु 24 मार्च, कोयलीबेड़ा हेतु बीपीआरसी भवन पखांजूर में 26 एवं 27 मार्च तथा जनपद पंचायत नरहरपुर हेतु गोविंदपुर स्थित लाइवलीहुड कॉलेज (डीपीआरसी कांकेर) में 28 मार्च की तिथि निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नवनिर्वाचित सरपंचों को आधार अपडेशन की सुविधा भी लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षण स्थल पर ही उपलब्ध कराया जाएगा।

  रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की अनूठी आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ का भव्य आयोजन 12 मार्च से शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप इस आयोजन के माध्यम से बस्तर संभाग की समृद्ध लोककला, रीति-रिवाज, पारंपरिक जीवनशैली और सांस्कृतिक विरासत को संजोने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह महोत्सव न केवल बस्तर के प्रतिभाशाली कलाकारों को एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि उनकी कला को नई पहचान और प्रोत्साहन भी देगा।

7 प्रमुख विधाओं पर केंद्रित होगा आयोजन
  ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ में जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य, वाद्ययंत्र, पारंपरिक वेशभूषा एवं आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन एवं पारंपरिक पेय से जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। ये स्पर्धाएं तीन चरणों में संपन्न होंगी। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता 12 से 20 मार्च, जिला स्तरीय प्रतियोगिता 21 से 23 मार्च, संभाग स्तरीय प्रतियोगिता दंतेवाड़ा में 1 से 3 अप्रैल तक सम्पन्न होगी। प्रत्येक स्तर पर प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।

बस्तर की लोककला और परंपराओं का भव्य प्रदर्शन
  इस महोत्सव में बस्तर की पारंपरिक नृत्य-शैली, गीत, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण और पारंपरिक व्यंजनों का शानदार प्रदर्शन होगा। प्रतियोगियों के प्रदर्शन को मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति के आधार पर अंक दिए जाएंगे। आयोजन में समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। प्रतियोगिता के विजेताओं के चयन के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ आदिवासी समाज के वरिष्ठ मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकार शामिल रहेंगे। इससे प्रतियोगिता में पारदर्शिता बनी रहेगी और पारंपरिक लोककला को न्याय मिलेगा।

बस्तर की संस्कृति को सहेजने का सुनहरा अवसर
  ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ सिर्फ एक महोत्सव नहीं, बल्कि बस्तर की गौरवशाली संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने तथा उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का प्रयास है। यह आयोजन बस्तर के कलाकारों के लिए सुनहरा अवसर है, जिससे वे अपनी कला और परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ एक नई पहचान भी बना सकेंगे। छत्तीसगढ़ की अनमोल विरासत को जीवंत रखने का यह महोत्सव  प्रत्येक नागरिक के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहेगा।

जगदलपुर, शौर्यपथ। हमारे देश में आदिकाल से माता की पूजा होती है, यही वजह है कि भारत के विकास में महिलाओं का अतुलनीय योगदान है। आज समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी काबिलियत और दृढ़ संकल्प से श्रेष्ठता साबित की है। चाहे विज्ञान हो, राजनीति, खेल, रक्षा या फिर व्यापार—हर क्षेत्र में मातृ शक्ति ने अपने परिश्रम और समर्पण से ऊंचाइयों को छुआ है। यह बात सांसद बस्तर महेश कश्यप ने स्थानीय श्यामाप्रसाद मुखर्जी टाउन हॉल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कही।

         सांसद श्री कश्यप ने कहा आज देश की महिलाएं केवल घर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अपने कौशल और मेहनत से समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वहीं राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी भी एक महत्वपूर्ण संकेत है। हाल ही में हुए विधानसभा और लोकसभा, नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनावों में कई महिलाओं ने जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि वे नेतृत्व करने में पूरी तरह सक्षम हैं। खेल जगत में भी हमारे महिला खिलाड़ियों ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में भी महिलाएं नए-नए कीर्तिमान गढ़ रही हैं। स्टार्टअप्स और बड़ी कंपनियों में महिला उद्यमियों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। इन सभी उपलब्धियों के साथ मातृ शक्ति ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और समाज के विकास में उनकी भूमिका सर्वोपरि है। अब समय आ गया है कि उनके योगदान को और अधिक सराहा जाए और उन्हें आगे बढ़ने के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाए। इस दौरान विधायक जगदलपुर किरण देव ने भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए समाज के उत्तरोत्तर विकास में महिलाओं के अमूल्य योगदान को रेखांकित किया। वहीं शासन द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में संचालित योजनाओं के बारे में अवगत कराया और इन योजनाओं से लाभान्वित होने का आग्रह किया। 

         कार्यक्रम में स्वंयसेवी एवं समाजसेवी संगठनों से जुड़े महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। वहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मनीषा गोयल ने महिलाओं के व्यक्तिगत स्वच्छता तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श दी। उप पुलिस अधीक्षक गीतिका साहू ने साइबर अपराध से बचाव सम्बन्धी जानकारी देते हुए सोशल मीडिया के उपयोग में सतर्कता बरतने तथा ऑनलाइन शॉपिंग में सावधानी रखने की समझाइश दी। साथ ही महिलाओं को प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराते हुए आपातकालीन पुलिस सेवा के लिए अभिव्यक्ति एप का उपयोग किए जाने का आग्रह किया। इस दौरान मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सर्जन डॉ प्रदीप पांडे ने कैंसर से बचाव के लिए आवश्यक सलाह देते हुए तम्बाकू एवं तम्बाकूयुक्त सामग्रियों का उपयोग नहीं करने सहित नशापान नहीं करने की समझाइश दी। बेटी जन्मोत्सव को समर्पित इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सेल्फी जोन में मां एवं बच्ची का आकर्षक सेल्फी लेने वाले माताओं को तत्काल छायाचित्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। वहीं विभिन्न क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाने वाले महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम स्थल पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विभिन्न स्थानीय पोषक साग-सब्जियों तथा व्यजनों का स्टॉल प्रदर्शित कर पोषक माताओं एवं गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार तथा स्वच्छता एवं साफ-सफाई, स्वास्थ्य जांच एवं टीकाकरण इत्यादि की जानकारी दी गयी। इस मौके पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित स्वंयसेवी एवं समाजसेवी संगठनों से जुड़े महिलाओं के अलावा स्व सहायता समूहों की दीदियों और हजारों की संख्या में मातृ शक्तियों ने उत्साह के साथ अपनी सहभागिता निभाई।अंत में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी हेमंत साहू ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में सक्रिय सहभागिता के लिए आभार व्यक्त किया।

जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 18 के अनुसार नगरपालिक निगम, जगदलपुर का प्रथम सम्मिलन 07 मार्च शुक्रवार को समय 11बजे पूर्वान्ह जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में रखी की गई। जिसमें अध्यक्ष (स्पीकर) और अपील समिति का निर्वाचन कार्यक्रम किया गया।

अध्यक्ष(स्पीकर) पद के लिए पार्षद खेमसिंह देवांगन (बीजेपी) और राजेश चौधरी (कांग्रेस) के मध्य मतदान की प्रक्रिया की गई। जिसमें खेमसिंह देवांगन को 34 वोट मिले और राजेश चौधरी को 15 वोट मिले ।

अपील समिति के लिए चार आवेदन प्राप्त हुए जिसमें चारों को निर्विरोध समिति का सदस्य बनाया गया इसमें पार्षद दिलीप दास, आशा साहु, गायत्री बघेल और अब्दुल रशीद को बनाया गया।

कार्यक्रम में अध्यक्ष (स्पीकर), अपील समिति हेतु पद नाम निर्देशन पत्र जारी एवं प्राप्त करने का 11बजे से 11.30 बजे तक रखा गया था। इसके उपरांत नाम निर्देशन पत्रो की सुक्ष्म जांच (स्कूटनी), नाम निर्देशन वापसी एवं मतदान की घोषणा 11.31 बजे से 12 बजे तक,मतपेटी, मतपत्र की तैयारी एवं मतदान प्रकिया से अवगत कराने हेतु 12 बजे से 12.15 बजे तक रखा गया। इसके बाद मतदान की प्रक्रिया 12.16 बजे से 12.45 बजे तक और मतगणना व परिणाम की घोषणा 12.50 बजे तक किया गया। सम्मिलन कार्यक्रम में महापौर संजय पाण्डेय, सभी वार्डों के पार्षदगण, नगर निगम आयुक्त प्रवीण वर्मा, मास्टर ट्रेनर जीवन शर्मा सहित नगर निगम के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

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