October 23, 2025
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बस्तर

बस्तर (1049)

बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त करने किया सहयोग का आह्वान

    JAGDALPUR / SHOURYAPATH /  केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर जगदलपुर के सिरहासार भवन में आयोजित मुरिया दरबार में शामिल हुए। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के चित्र पर दीप प्रज्वलित करने के पश्चात केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मांझी-चालकी से सीधा संवाद करते हुए बस्तर से माओवाद को समाप्त करने में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि माओवाद से जुड़कर हथियार उठा चुके बच्चों को समझाएं कि वे मुख्यधारा में लौटें और शासन की योजनाओं का लाभ लें।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बस्तर के विकास और नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं।
 
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मांझी-चालकी से संवाद करते हुए कहा कि मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बस्तर के युवा डॉक्टर, इंजीनियर, डिप्टी कलेक्टर और कलेक्टर बनकर पूरे छत्तीसगढ़ की सेवा करें। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि युवा नक्सलवाद से न जुड़ें और जो जुड़ चुके हैं, वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें। जहां-जहां नक्सलवाद समाप्त हुआ है, वहां छत्तीसगढ़ सरकार तेजी से विकास कार्य कर रही है और लोगों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित कर रही है।
   मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुरिया दरबार में मांझी-चालकी को संबोधित करते हुए कहा कि  सरकार बस्तर दशहरा पर्व को और भव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। बस्तर दशहरा के लिए दी जाने वाली राशि 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जा रही है। साथ ही बस्तर दशहरा पर्व के परंपरागत स्थलों जिया डेरा, माडिया सराय इत्यादि के विकास और निर्माण कार्य भी सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
  इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और अन्य अतिथियों का बस्तर दशहरा समिति के परंपरागत सदस्य मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरिन और नाईक-पाईक ने पारंपरिक पगड़ी एवं माला पहनाकर आत्मीय स्वागत किया।
  मुरिया दरबार को उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष श्री महेश कश्यप ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम, पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद कांकेर श्री भोजराज नाग, विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, विधायक कोण्डागांव सुश्री लता उसेण्डी, विधायक चित्रकोट श्री विनायक गोयल, विधायक दंतेवाड़ा श्री चैतराम अटामी, विधायक केशकाल श्री नीलकंठ टेकाम, विधायक कांकेर श्री आशाराम नेताम, बस्तर राजपरिवार के सदस्य श्री कमलचंद्र भंजदेव, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष श्री बलराम मांझी सहित बस्तर दशहरा समिति के पारंपरिक सदस्य मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरिन और नाईक-पाईक उपस्थित थे।

   RAIPUR / JAGDALPUR / SHOURYAPATH / केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जगदलपुर स्थित बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। उन्होंने मां दंतेश्वरी से देश और प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, बस्तर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष श्री महेश कश्यप, कांकेर सांसद श्री भोजराज नाग, जगदलपुर विधायक श्री किरण सिंह देव, चित्रकोट विधायक श्री विनायक गोयल, कोंडागांव विधायक सुश्री लता उसेंडी, दंतेवाड़ा विधायक श्री चैतराम अटामी, केशकाल विधायक श्री नीलकंठ टेकाम, कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम सहित जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

जगदलपुर, शौर्यपथ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में शामिल होने के लिए जगदलपुर पहुँचे। जगदलपुर में स्थित मां दंतेश्वरी हवाई अड्डे पर मंत्री, सांसद, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय गृहमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया। केंद्रीय गृहमंत्री मूरिया दरबार, लाल बाग में प्रदर्शनी का अवलोकन, बस्तर दशहरा लोकोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे। केंद्रीय गृहमंत्री के साथ में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी पहुंचे हैं।

​हवाई अड्डे पर वन मंत्री केदार कश्यप, जनजाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ,बस्तर सांसद महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव, कोंडागांव विधायक लता उसेंडी, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, विधायक कांकेर आशाराम नेताम जगदलपुर के महापौर संजय पांडेय, ब्रेवरेज कार्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी, पूर्व विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और डी जी पी अरुण देव गौतम, प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदर राज पी., कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने स्वागत किया।

खास मेहमानों के लिए सुरक्षा लोहे की दीवार, जनता के लिए मौत का कुआँ खुला बाज़ार?

नरेश देवांगन, शौर्यपथ, जगदलपुर

     जगदलपुर के राजमहल परिसर में लगे मीना बाजार का "मौत का कुआँ" इन दिनों रोमांच नहीं, बल्कि लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता की वजह से चर्चा में है। यहाँ रोज़ाना हज़ारों लोग जुटते हैं, लेकिन बिना तकनीकी जाँच के 30 साल पुरानी गाडिय़ाँ मौत के कुआँ में धड़धड़ा रही हैं। फिटनेस सर्टिफिकेट के नाम पर कागज़़ी मंजूरी भले ही दिखा दी गई हो, मगर सवाल यही है कि क्या सड़क पर चलने लायक गाड़ी मौत का कुआँ में भी सुरक्षित है?

"गृह मंत्री आएँ तो फिटनेस सख़्त
 जनता आए तो सब ढीला"
  विडंबना देखिए—4 अक्टूबर को लालबाग के स्वदेशी मेला में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की संभावित मौजूदगी को लेकर हर विभाग चौकन्ना है। मंच से लेकर बिजली के तार तक की फिटनेस जाँच की जा रही है। लेकिन दूसरी ओर मीना बाजार में न सुरक्षा इंतज़ाम, न तकनीकी निरीक्षण, न ही जिम्मेदार अफसरों की मौजूदगी।
  कटे तार खुले पड़े हैं, झूले बिना जाँच के चल रहे हैं और मौत का कुआँ में पुरानी कार-बाइक बिना किसी सुरक्षा मानक के दौड़ रही हैं।

जनता का सवाल-दोहरा रवैया क्यों?
  लोग पूछ रहे हैं—क्या फिटनेस सर्टिफिकेट का मतलब यह भी है कि गाडिय़ाँ मौत का कुआँ में उड़ाई जा सकती हैं? खास मेहमानों के लिए सुरक्षा इतनी सख़्त, लेकिन आम जनता की जि़ंदगी इतनी सस्ती क्यों? नियम-क़ानून सिफऱ् नेताओं और वीआईपी पर ही लागू होते हैं क्या?

विभाग ने मान ली खामियाँ
 क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री बंजारे ने माना कि मौत का कुआँ चलाने की परमिशन उनके विभाग से नहीं ली गई है। उन्होंने बताया कि शिकायत पर उडऩदस्ता टीम को भेजा गया है, जो फिटनेस, रजिस्ट्रेशन और प्रदूषण की जाँच करेगी।
उन्होंने कहा -"मौत का कुआँ जैसे करतब के लिए अभी कोई गाइडलाइन नहीं है। यदि निजी गाडिय़ाँ बिना नियम के चल रही हैं तो उन पर जुर्माना और ज़ब्ती की कार्रवाई होगी। पहले भी ऐसे मामलों में 50 हज़ार का जुर्माना लगाया गया था।"
 
कानून क्या कहता है?
निजी वाहन की आरसी केवल 15 साल तक वैध रहती है।
उसके बाद फिटनेस नवीनीकरण अनिवार्य है, जो सिफऱ् सड़क पर सामान्य परिस्थितियों में गाड़ी चलाने की अनुमति देता है।
कोई भी क़ानून फिटनेस सर्टिफिकेट को मौत का कुआँ जैसे ख़तरनाक खेलों के लिए मान्यता नहीं देता।

जनता की माँग - तुरंत कार्रवाई हो
  स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन का यह दोहरा रवैया जनता के विश्वास पर चोट है। उन्होंने मांग की है कि आयोजकों और जिम्मेदार अफसरों पर सख़्त कार्रवाई हो, वरना मीना बाजार जैसे मेले रोमांच नहीं, बल्कि मौत का गढ्ढा साबित होंगे।

By- नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व में सोमवार को रथ परिक्रमा की अंतिम और सबसे अनूठी रस्म 'बाहर रैनी' निभाई गई। इस दौरान राज परिवार के सदस्य ने सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए माड़िया आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ 'नवाखानी' (नए चावल की खीर) खाई। इस अवसर पर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, महापौैर संजय पांडे सहित जनप्रतिनिधिगण भी शामिल रहे। नवाखानी के बाद विशालकाय विजय रथ की वापसी हुई। यह रस्म बस्तर की अनूठी सामाजिक समरसता और आदिवासी संस्कृति की झलक पेश करती है।

 

​परंपरा: रथ चोरी और राजा का मान-मनौव्वल

​दरअसल, विजयादशमी की रात (भीतर रैनी) को माड़िया समुदाय के ग्रामीणों ने परंपरानुसार आठ पहियों वाले विशाल रथ को चुराकर नगर के समीप कुम्हड़ाकोट जंगल में छिपा दिया था। यह रस्म उस ऐतिहासिक घटना को याद करती है जब एक बार ग्रामीणों ने राजा से असंतुष्ट होकर रथ चुरा लिया था।

​शुक्रवार दोपहर राज परिवार के सदस्य, राजगुरू और मांझी-मुखिया पूरे लाव-लश्कर और गाजे-बाजे के साथ रथ को वापस लाने के लिए कुम्हड़ाकोट पहुँचे। यहाँ राजा द्वारा ग्रामीणों से रथ वापस करने के लिए मान-मनौव्वल किया गया।

 

नवाखानी से हुआ सद्भाव

​माड़िया समुदाय ने रथ लौटाने के लिए शर्त रखी कि राजा उनके साथ नवाखानी खाएँगे। राज परिवार ने सहर्ष इस शर्त को स्वीकार किया। नए चावल से बने इस प्रसाद को सभी ने एक साथ ग्रहण किया, जो राज और आदिवासी समुदाय के बीच गहरे पारंपरिक संबंध और सद्भाव का प्रतीक है।

​नवाखानी की रस्म पूरी होने के बाद माँ दंतेश्वरी का छत्र विधि-विधान के साथ रथ पर विराजित किया गया। माड़िया समुदाय के लोगों ने भारी उत्साह के बीच विजय रथ को जंगल से वापस खींचकर दंतेश्वरी मंदिर के सिंहद्वार तक पहुँचाया।

​बाहर रैनी रस्म के समापन के साथ ही बस्तर दशहरा की रथ परिक्रमा पूरी हो गई। 75 दिनों तक चलने वाला यह अनोखा पर्व अब आगामी रस्मों-काछन जात्रा और कुटुम्ब जात्रा- के साथ अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है।

By - नरेश देवांगन 

​जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध 75 दिवसीय बस्तर दशहरा पर्व के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक भीतर रैनी की रस्म गुरुवार को पूरी हुई। इस दौरान भव्य आठ चक्कों वाले विजय रथ की परिक्रमा हुई, जिसे खींचने के लिए कोड़ेनार और किलेपाल क्षेत्र के दूर-दराज के गाँवों से बड़ी संख्या में आदिवासी जन जुटे और बारिश के बावजूद रथ को बड़े उत्साह के साथ खींचा।

गुरुवार को बस्तर दशहरा के महत्वपूर्ण दिन भीतर रैनी की रस्म निभाई गई, पिछले वर्ष तैयार आठ चक्कों वाले विशाल विजय रथ को सुसज्जित कर विधि विधान के साथ पूजा अनुष्ठान के पश्चात संचालन किया गया। मां दंतेश्वरी के छत्र को रथारूढ़ करने के बाद पुलिस जवानों द्वारा हर्ष फायर कर सलामी दी गई। इसके बाद रथ को खींचा गया।

इस विशाल रथ को मावली मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, गोल बाजार चौक, गुरु नानक चौक होते हुए दंतेश्वरी मंदिर तक परिक्रमा कराई गई। इस विशाल आठ चक्के के विजय रथ में जहां दंतेश्वरी मां की डोली और छत्र विराजमान थी, वहीं इसके सामने सुसज्जित वाहन में दंतेवाड़ा से आई मावली मां की डोली और छत्र विराजमान थी। रथ के सामने बस्तर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से दशहरा में पहुंचे देवी-देवताओं के छत्र, डोली, और लाठ लिए पुजारी, सेवक चल रहे थे वहीं आंगादेव पूरे मार्ग पर दौड़ते हुए मार्ग के अवरोध हटाने में जुटे नजर आए। इस विहंगम दृश्य को देखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से आए ग्रामीणों के साथ ही नागरिकगण भी जुटे रहे। लगातार हो रही बारिश के बीच भी बस्तर दशहरे का आकर्षण एवं वैभव नजर आया।

दशहरे की रौनक में बस्तर पुलिस का सराहनीय योगदान

नरेश देवांगन की खास रिपोर्ट 

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर दशहरा अपनी परंपरा और भव्यता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इन दिनों जगदलपुर शहर में लाखों श्रद्धालु और पर्यटक जुट रहे हैं, जिससे भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इस चुनौती को बस्तर पुलिस बखूबी संभाल रही है।

पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा के कुशल नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था लगातार सुदृढ़ की जा रही है। श्री सिन्हा स्वयं व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं और समय-समय पर मैदानी हालात का जायजा ले रहे हैं।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग के मार्गदर्शन में उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) संतोष जैन और यातायात प्रभारी मधुसूदन नाग अपनी टीम के साथ शहर के मुख्य मार्गों पर मुस्तैदी से डटे हुए हैं। बैरिकेड्स, ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग की स्पष्ट व्यवस्था से श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम मार्ग मिल रहा है।

भीड़भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती और अधिकारियों की लगातार फील्ड निगरानी से दशहरे की रौनक में किसी तरह की अव्यवस्था नहीं दिख रही है। पुलिस जवान श्रद्धालुओं को लगातार मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

स्थानीय नागरिक और बाहर से आए पर्यटक पुलिस की इस मुस्तैदी की खुले दिल से तारीफ कर रहे हैं। लोगों का कहना है, “इस बार दशहरा का आनंद दोगुना हो गया है, क्योंकि पुलिस की सतर्कता ने हमें पूरी सुरक्षा और भरोसे का माहौल दिया है।”

निस्संदेह, दशहरे के इस ऐतिहासिक पर्व में बस्तर पुलिस का योगदान लगातार व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एसपी और उनकी टीम की यह तत्परता पूरे समाज में सुरक्षा और विश्वास का सकारात्मक संदेश दे रही है।

नरेश देवांगन की खास रिपोर्ट 

जगदलपुर, शौर्यपथ। राजमहल परिसर में मीना बाजार का ‘‘मौत का कुआँ’’ खेल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन कारण रोमांच नहीं बल्कि लापरवाही है। लगभग 30 साल पुरानी गाड़ियों को बिना तकनीकी जांच और बिना सुरक्षा इंतज़ाम मौत के कुएँ में झोंक दिया गया। फिटनेस शुल्क भरकर कागज़ी मंजूरी तो दिला दी गई, मगर यह कौन तय करेगा कि सड़क पर चलने लायक वाहन मौत का कुआँ जैसे खतरनाक खेल में भी दौड़ाए जा सकते हैं?

 

गृह मंत्री आएँ तो फिटनेस सख़्त, जनता आए तो सब ढीला

विडंबना देखिए—4 अक्टूबर को लालबाग के स्वदेशी मेला में देश के गृहमंत्री अमित शाह कार्यक्रम में संभावित मौजूदगी है। वहाँ मंच की मजबूत लकड़ी से लेकर बिजली के तार तक की फिटनेस जांची जा रही है। हर विभाग का अफसर मैदान में उतरकर पसीना बहा रहा है ताकि कार्यक्रम में सुरक्षा पर कोई सवाल न उठे।

लेकिन दूसरी तरफ़ मीना बाजार, जहाँ रोज़ हज़ारों आम नागरिक जुट रहे हैं, वहाँ जगह जगह कटे केबल बिना इन्सुलेटेट तार जैसी जानलेवा, बिना फिटनेस जाँच के झूला पर सवारी साथ ही मौत का कुआँ लगभग 30 साल पुरानी गाड़ियाँ दौड़ रही हैं। न फिटनेस की असली जांच, न सुरक्षा उपकरण, न ही जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी। लगता है प्रशासन के लिए जनता की जान किसी कागज़ी फिटनेस सर्टिफिकेट से भी सस्ती है।

 

दोहरे मानक पर सवाल

जनता पूछ रही है—

क्या फिटनेस सर्टिफिकेट का मतलब यह भी है कि गाड़ियाँ मौत का कुआँ में उड़ाई जा सकती हैं?

जब गृह मंत्री आते हैं तो सुरक्षा की परत दर परत जांच होती है, मगर जनता की भीड़ के लिए जिम्मेदार क्यों खामोश हैं?

क्या नियम-कानून सिर्फ खास मेहमानों पर लागू होते हैं और आम जनता महज़ भीड़ समझी जाती है?

 

कार्यवाही की मांग 

स्थानीय लोगों ने कहा कि यह दोहरा रवैया जनता के विश्वास पर सीधा चोट है। अगर प्रशासन सिर्फ़ नेताओं और खास मेहमानों के लिए ही सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, तो आम जनता की जान का जिम्मेदार कौन होगा? उन्होंने मांग की है कि आयोजकों और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख़्त कार्यवाही हो, वरना आने वाले दिनों में मीना बाजार जैसी जगहें रोमांच नहीं बल्कि मौत का गढ्ढा साबित होंगी।

 

विभागीय जानकारों की माने तो फिटनेस नियम क्या कहते हैं?

निजी वाहनों की आरसी (RC) केवल 15 वर्ष तक वैध रहती है।

इसके बाद वाहन चलाने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट का नवीनीकरण अनिवार्य है।

फिटनेस का नवीनीकरण यह साबित करता है कि गाड़ी सड़क पर साधारण परिस्थितियों में चलने लायक है।

जोखिमभरे खेल या स्टंट (जैसे मौत का कुआँ) के लिए कोई भी कानून फिटनेस को मान्यता नहीं देता।

ऐसे आयोजनों के लिए अलग सुरक्षा मापदंड और अनुमति आवश्यक है।

 

सवाल अभी भी बाकी…

क्या 30 साल पुरानी गाड़ियों को मौत का कुआँ में उतारना कानून की अवहेलना नहीं है?

जब फिटनेस सिर्फ सड़क पर चलने की इजाजत देता है, तो विभाग ने इन वाहनों को जोखिमभरे खेल में क्यों नज़रअंदाज़ किया?

 

इस मामले पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री बंजारे का कहना है की परमिशन हमारे यहाँ से नहीं लिया गया है इसकी शिकायत भी हमें मिली है जिस पर मैंने उड़न्दस्ता की टीम को जाँच के लिए मैंने उड़न्दस्ता प्रभारी व इंस्पेक्टर को बोल दिया है की जाके इसकी फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, पाल्यूशन की जाँच कर ले ओर किसी प्रकार की कमी पाई जाती है तो उस पर जुर्माना करें हमारे पास मौत की कुआँ पे चलने वाली गाड़ियों को लेकर कोई गाइड लाइन अभी नहीं आया है यें लोग प्राइवेट गाड़ियों को चलाते है व्यवसायिक गाड़ीयां तो है नहीं यदि इस टाइप से चला रहे होंगे तो फाइन होगा मौत के कुआँ मे करतब दिखा रहे है सुरक्षा नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो इसके लिए मै यातायात प्रभारी से बात कर बोलूंगा की नियमों का पालन करवाये ताकि किसी प्रकार का भविष्य मे हादसा ना हो बीते वर्ष भी इस मामले की शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी जाँच कर लगभग पचास हजार रुपए जुर्माना लगाया गया था जुर्माना लगाने के बाद भी ऐसा होगा तो जप्ती की कार्यवाही कर न्यायलय पेश किया जायेगा।

स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत किया गया स्वच्छता अभियान

जगदलपुर,शौर्यपथ। स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत आज विशेष कार्यक्रम का आयोजन सिरहासार चौक स्थित शहीद स्मारक परिसर में किया गया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव और वन मंत्री केदार कश्यप ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री श्री साव ने प्रदेश के नगरीय निकायों द्वारा स्वच्छता के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी साझा की और कहा कि स्वच्छता हमारे संस्कार का विषय होना चाहिए, हमारे बड़े बुजुर्ग स्वच्छता को लेकर हमें प्रेरित करते थे। स्वच्छता जन आंदोलन बन गया है, हरेक व्यक्ति की सहभागिता से देश, प्रदेश और नगर को स्वच्छ - स्वस्थ बनाने का प्रयास है। उन्होंने जगदलपुर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सभी नागरिकों की सहभागिता जरूरी बताया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित लोगों को स्वच्छता बनाए रखने की शपथ दिलवाई और समाज में स्वच्छता को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का संकल्प लिया गया।

इसके बाद सिरहासार परिसर के समीप मंत्रियों, महापौर संजय पांडेय, सभापति खेमसिंह देवांगन, आयुक्त नगर निगम प्रवीण वर्मा, नगर निगम के एमआईसी के सदस्य, जनप्रतिनिधियों, नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और आम नागरिकों की सहभागिता से नगर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। लोगों ने आसपास की साफ-सफाई कर ‘स्वच्छता ही सेवा’ का संदेश दिया।कार्यक्रम में अन्य अतिथियों ने भी शहीद स्मारक की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। साथ ही स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छता दौड़ में सहभागी बने बच्चों को प्रशस्ति पत्र भी वितरण किया गया ।

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