November 21, 2024
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बस्तर

बस्तर (874)

जगदलपुर, शौर्यपथ। दीनदयाल अंत्योदय योजना छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’के तहत बस्तर जिले के लालबाग मैदान में आयोजित बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस बस्तर मेला में 16 अक्टूबर को गुजरात राज्य के मिशन डायरेक्टर गुजरात लाइवलीहुड प्रमोशन कंपनी डॉ मनीष कुमार बंसल (आई.ए.एस.) पहुँचे। कलेक्टर हरीश एस. के मार्गदर्शन में सीईओ जिला पंचायत प्रकाश कुमार सर्वे के द्वारा बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला में छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्य से स्व-सहायता समूहों द्वारा 180 स्टॉल में विविध प्रकार के उत्पाद का प्रदर्शन सह विक्रय हेतु लगाए गए समस्त स्टॉल की जानकारी दी गई। मिशन डायरेक्टर डॉ बंसल ने समूह सदस्यों से उनके उत्पादों के विषय में जानकारी ली और उनको बेहतर कार्य के लिए सराहना करते हुए प्रोत्साहित किया। इस दौरान जिला मिशन इकाई बस्तर के समस्त जिला कार्यक्रम प्रबंधक और अन्य जिलों के नोडल उपस्थित थे। मिशन डायरेक्टर डॉ बंसल दो दिवसीय बस्तर प्रवास में रहेंगे और जिले के अन्य पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे।

जगदलपुर, शौर्यपथ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विश्व प्रसिद्ध 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा कार्यक्रम के तहत रोटरी भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचने पर चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने साफा एवं विशाल ग़जमाला पहनाकर अभिनंदन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों को शपथ दिलाई । इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा प्रारंभ किए जा रहे चेंबर की वेबसाइट , एंबुलेंस सेवा , ट्रांजिस्ट हॉस्टल का डिजिटल लोकार्पण एवं चेंबर समाचार ( ई_ पत्रिका) का विमोचन किया। साथ ही नव निर्वाचित अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। 

      इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्योग की अपार संभावना है। बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज इस क्षेत्र में 54 वर्ष से निरंतर सेवाभावी भावनाओं से बस्तर सहित राज्य के विकास में निरंतर कार्य कर रहा है, जिससे राज्य उत्तरोत्तर विकास कर रहा है। बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का विकसित राष्ट्र बनाने एवं छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य शासन सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 प्रणाली प्रारंभ कर दिया है, उद्योग के लिए अच्छी नीति बने राज्य शासन की प्राथमिकता है। इससे रोजगार का सृजन होगा एवं युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने चेंबर ऑफ कॉमर्स के मांग पर भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपए की घोषणा की तथा ई- वे बिल प्रणाली के लिए समीक्षा कर आवश्यक निर्णय लेने की बात कही। 

     कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप ने चेंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बस्तर के विकास में आपका महत्वपूर्ण योगदान है। आपका परिश्रम से बस्तर बुलंदियों पर है, जिसके लिए शासन अच्छा उद्योग नीति ला रही है। इसी तरह जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव ने भी कहा कि चैंबर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा चेंबर का वेबसाइट, ट्रांजिट हॉस्टल, एम्बुलेंस सेवा एवं चेंबर का समाचार ई पत्रिका का डिजिटल लोकार्पण किया गया है, जो सराहनीय है। इससे व्यापार जगत के लोगों को सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी। चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के सदस्य आपसी समन्वय से बढ़ चढ़कर कार्य करके बस्तर के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

 *मुख्यमंत्री ने किया चेंबर ऑफ कॉमर्स का वेबसाइट,एंबुलेंस सेवा, ट्रांजिट हॉस्टल एवं चेंबर समाचार ई पत्रिका का किया डिजिटल लोकार्पण* 

   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जगदलपुर में बस्तर चैंबर ऑफ़ कॉमर्स चेम्बर वेबसाइट किया जिससे सभी सदस्य वेबसाइट पर समस्त गतिविधियों की जानकारी हासिल कर सकेंगें। साथ ही सर्व सुविधायुक्त एम्बुलेंस (ऑक्सीजन, वेंटिलेटर एवं अन्य उपकरणों से युक्त) की सेवा हेतु तैयारी पूर्ण कर ली गई है। उसे मूर्त रूप देकर संचालित शव वाहन, मरच्यूरी बॉक्स जैसी सुविधा का बेहतर संचालन सुनिश्चित होगा। साथ ही सदस्यों के लिए कर्मकार उपलब्ध कराए जाऐंगे। इससे आंचलिक रोजगार भी उपलब्ध होगा और कर्मचारियों के स्थायित्व की स्थिति भी निर्मित होगी। सेवा भावी संस्थाओं और अस्पतालों के सहयोग से चिकित्सा शिविरों का आयोजन, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपस्थिति रहेगी। उन्होंने चेम्बर भवन में ही ट्रांजिस्ट हॉस्टल का भी लोकार्पण किया, जिसमें सुविधा उपलब्ध होगा (बाहर से आने वाले) व्यापारियों हेतु प्रयोग किया जाएगा।बिजनेस टूर का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने चेंबर पत्रिका (ई-पत्रिका) का विमोचन किया। जिसमें चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों एवं गतिविधियों, व्यापार में बदलते कानून, व्यवसाय में नैतिकता एवं मानवता, संदिग्ध कॉल्स एवं सावधानियां , चेंबर के विजन, मिशन,लक्ष्य एवं कार्ययोजना की जानकारी उपलब्ध रहेगी।

       कार्यक्रम में बस्तर दशहरा के माटीपुजारी कमल चंद भजदेव भाजदेव, वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम,चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, कोंटा विधायक कवासी लखमा, बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, महापौर सफिरा साहू , चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के निर्वाचित अध्यक्ष, पदाधिकारी गण, जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।

जगदलपुर, शौर्यपथ। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व आस्था और परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो सर्वाधिक लम्बी अवधि तक मनाया जाता है। इस बस्तर दशहरा पर्व को बस्तर अंचल के सभी लोग पूरी श्रद्धा-आस्था के साथ मनाते हैं और इसमें सक्रिय सहभागिता निभाते हैं। वहीं ऐतिहासिक बस्तर दशहरा अब देश-दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हो गया है, जिससे अब पर्यटकों की वृद्धि के साथ ही स्थानीय लोगों की आय संवृद्धि को बल मिला है। बस्तर दशहरा पर्व आस्था का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो मां दंतेश्वरी के आशीर्वाद से बस्तरवासियों की अगाध श्रद्धा और सभी लोगों के सहयोग के साथ इस वर्ष भी सफलतापूर्वक संपन्न हुई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मंगलवार को ऐतिहासिक सिरहासार भवन में आयोजित विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व के मुरिया दरबार को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर माडिया सराय में विकास कार्य हेतु 50 लाख रुपए की घोषणा की। वहीं मांझी-चालकी और मेम्बर-मेंबरीन के मानदेय में बढ़ोतरी हेतु प्रशासन और बस्तर दशहरा समिति से प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

         मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक मुरिया दरबार में सम्मिलित होने पर खुशी व्यक्त करते हुए इसे एक अनोखी परम्परा निरूपित करते हुए कहा कि यह सदियों से चली आ रही है और ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व हमारी समृद्ध संस्कृति का घोतक है जिसे हम सभी एकजुट होकर श्रद्धा और सहकार की भावना के साथ हर्षोल्लास एवं उल्लासमय ढंग से मनाते हैं। मुख्यमंत्री ने करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से विकसित दशराहा पसरा को बस्तर दशहरा पर्व में आए मांझी-चालकी तथा अन्य लोगों की सुविधाएं मुहैया करवाने की दिशा में सार्थक प्रयास निरूपित करते हुए कहा कि बस्तर दशहरा पर्व के लिए पूर्व में निर्धारित बजट को 50 लाख रुपए कर दिया गया है। उन्होंने मुरिया दरबार में मांझी-चालकी,मेम्बर-मेम्बरीन और बस्तर दशहरा समिति के पदाधिकारियों द्वारा अवगत करवाए गए मांग एवं समस्याओं को निराकृत किए जाने कटिबद्धता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व में सक्रिय सहभागिता निभाने के लिए सभी लोगों को अपनी अशेष बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने मुरिया दरबार में बस्तर विकास प्राधिकरण के पुरखती कागजात का अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी किया।

        बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक मुरिया दरबार में बस्तर अंचल के मंत्री,सांसद एवं विधायकों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बस्तर राज परिवार के सदस्य एवं माटी पुजारी कमलचन्द्र भंजदेव, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष,बस्तर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से आये मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, ग्रामीणजन सम्मिलित हुए। इस अवसर पर माटी पुजारी कमलचन्द्र भंजदेव ने बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी देते हुए इसे सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण रेखांकित किया। उन्होंने बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए आने वाले देवी-देवताओं हेतु देव सराय की व्यवस्था तथा मांझी-चालकी, पुजारी,गायता सहित ग्रामीणों के ठहरने के लिए बेहतर सुविधाओं की बेहतर सुलभता के लिए राज्य सरकार के पहल को सराहनीय निरूपित किया। मुरिया दरबार में वन मंत्री श्री केदार कश्यप सहित सांसद बस्तर एवं अध्यक्ष बस्तर दशहरा समिति महेश कश्यप और विधायक जगदलपुर किरणदेव ने बस्तरवासियों को बस्तर दशहरा पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मण मांझी ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व सभी के सहयोग तथा व्यापक सहभागिता से सफलतापूर्वक संपन्न हुई। आने वाले साल में इसे और अधिक बेहतर और भव्यता के साथ मनाएंगे। इस अवसर पर मांझी-चालकी और मेम्बर-मेम्बरीन को मोबाइल प्रदान किया गया।

जगदलपुर , शौर्यपथ। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने बस्तर प्रवास के दौरान वर्ष 1921 में स्थापित आमचो बस्तर क्लब बस्तर दशहरा में संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से पहुँचे मांझी-चालकी, मेंबर-मेंबरिन और बस्तर दशहरा पर्व के पारंपरिक सदस्यों के साथ दोपहर का भोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने दशहरा समिति के उपाध्यक्ष लक्ष्मण माँझी से चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने दोपहर के भोजन में बस्तर के पारंपरिक व्यंजनों के साथ सैगोड़ा, उड़द दाल बड़ा एवं बंगाला चटनी, मिक्स वेज पकोड़ा, चौलाई भाजी, करेला प्याज आलू बैंगन बड़ी, झूड़गा की सब्जी,रायता, पुड़ी, जीरा राइस, दाल तड़का का भी स्वाद लिया।

जगदलपुर, शौर्यपथ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर राजवाड़ा परिसर स्थित मंदिर में मां दंतेश्वरी की दर्शन और पूजा-अर्चना कर प्रदेश की जनता की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।मुख्यमंत्री श्री साय के साथ बस्तर दशहरा के माटीपुजारी कमल चंद भंजदेव, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी,चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने भी मां दन्तेश्वरी की पूजा-अर्चना की। 

इस अवसर पर साथ ही पूर्व सांसद और विधायक, पार्षदगण सहित क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि एवं कमिश्नर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री हरिस एस, पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा समेत जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

जगदलपुर, शौर्यपथ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के बस्तर जिले के एक दिवसीय प्रवास में मुरिया दरबार में शामिल होने पहुचेंगे। इस दौरान 2 करोड़ 99 लाख 78 हजार से अधिक राशि का बस्तर दसराहा पसरा के विकास कार्य का लोकार्पण किया। दंतेश्वरी मंदिर के समीप स्थित पुराने तहसील कार्यालय को जीर्णोद्धार कर बस्तर दशहरा के लिए समर्पित किया गया है। इसका नाम बस्तर दसराहा पसरा (बस्तर दशहरा हेतु स्थल) दिया गया है। मुख्यमंत्री ने पसरा में बस्तर दशहरा के विभिन्न रस्मों के प्रदर्शित फोटो प्रदर्शनी, प्रतीकात्मक रथ, देवी देवताओं के प्रतिकों की सराहना की। साथ ही प्रतीकात्मक रथ के समीप फोटो भी खिंचवाई। 

इस "दसराहा पसरा" में 75 दिवसीय दशहरा उत्सव में होने वाले मुख्य विधि विधान - पाट जात्रा, डेरी गढ़ाई, काछन गादी, रैला देवी पूजा, जोगी बिठाई, रथ परिक्रमा, बेल पूजा, निशा जात्रा, मावली परघाव, भीतर रैनी-बाहर रैनी काछन जात्रा, कुटुम्ब जात्रा एवं डोली विदाई की जीवन्त प्रतिकृति स्थापित कर जन सामान्य एवं पर्यटकों को सुलभ जानकारी देने का प्रयास किया गया है। 

प्रसिध्द बस्तर दशहरा पर्व छत्तीसगढ़ की अनुठी सांस्कृतिक विशेषतापूर्ण एवं बस्तर के जन-जातियों की आराध्य देवी दन्तेश्वरी तथा स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा विधान के रूप में मनाया जाता है। तहसील कार्यालय में पहले से चली आ रही परंपरा अनुसार दशहरा पर्व में शामिल होने वाले क्षेत्र के सभी देवी देवता, आंगादेव, देवी की छत्र की उपस्थिति का दर्ज इसी स्थल पर किया जाता रहा है। इसलिए प्रशासन द्वारा तहसील कार्यालय को अन्य स्थल पर स्थांनातरित कर पुराने तहसील कार्यालय को दसराहा पसरा के लिए चिन्हांकित कर दिया गया है। इस अवसर पर वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी,चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी,महापौर सफिरा साहू, साथ ही पूर्व सांसद और विधायक, पार्षदगण एवं अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

जगदलपुर,शौर्यपथ। स्थानीय मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के एक दिवसीय बस्तर प्रवास में जगदलपुर आगमन पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री साय का स्वागत वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर महेश कश्यप, सांसद कांकेर भोजराज नाग, विधायक किरणदेव, कोंडागांव विधायक सुश्री लता उसेण्डी, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप,पूर्व विधायक संतोष बाफना, लच्छुराम कश्यप, सुभाऊ कश्यप के साथ-साथ बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., सीसीएफ़ आरसी दुग्गा, कलेक्टर हरिस एस.,एसपी शलभ कुमार सिन्हा सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया।

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला का आयोजन 12 से 19 अक्टूबर 2024 तक जगदलपुर के लालबाग मैदान में हो रहा है। इस मेले में लखपति दीदी पहल योजना के तहत रविवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) और प्रदान व ट्रीफ टीम की उपस्थिति रही।

इस कार्यशाला में सरस मेले में विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने लखपति दीदी पहल योजना के तहत विविध आजीविका गतिविधियों में अपनी सफलताओं को साझा किया। प्रतिभागियों ने कृषि आधारित, पशुपालन, मत्स्य पालन, हस्तशिल्प, उद्यम, वनोपज आधारित गतिविधियों जैसे कोदो, कुटकी, रागी, बेलमेटल, सीसल, आचार, पापड़, बड़ी, कपड़ा बुनाई, अगरबत्ती निर्माण आदि के माध्यम से अपनी आजीविका सुधारने के अनुभव साझा किए। इन गतिविधियों से उनकी आय में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है।

इसके अतिरिक्त, इस कार्यशाला में ग्रामीण स्तर पर विकास योजना (वीपीआरपी) और ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) पर भी एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसे ट्रीफ संस्था द्वारा संचालित किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभागियों को स्थानीय विकास और आजीविका सशक्तिकरण के बारे में जानकारी प्रदान करना था, ताकि वे अपने समुदायों में समृद्धि और आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त कर सकें।

सरस मेला में स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी और सामग्री को बिक्री का आयोजन किया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों और आगंतुकों की उपस्थिति देखी जा रही है।

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेले में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में नागरिकों की गहरी रुचि देखी जा रही है। प्रदर्शनी में विभिन्न शासकीय योजनाओं की जानकारी नागरिकों को प्रदान की जा रही है, जिससे वे सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

प्रदर्शनी में पुलिस, ग्रामीण विकास, कृषि, वन, महिला एवं बाल विकास, जल संसाधन, स्वास्थ्य विभाग, जनसंपर्क और हथकरधा जैसे प्रमुख विभागों ने अपने स्टॉल लगाए हैं। नागरिकों को इन स्टॉलों पर नियद नेल्लानार, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, आजीविका मिशन के साथ- साथ केंद्रीय और राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।

मेले में आए स्थानीय कुम्हारपारा निवासी पंकज झा ने कहा, सरकारी योजनाओं के बारे में यहां जो जानकारी मिल रही है, उससे हमें यह समझने में मदद मिल रही है कि हम किस तरह से इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। प्रदर्शनी में शासकीय योजनाओं के लाभार्थियों ने भी अपने अनुभव साझा किए, जिससे अन्य नागरिकों को प्रेरणा मिली और वे योजनाओं से जुड़ने के प्रति उत्साहित नजर आए।

 मैदान में चल रहे षेत्रीय सरस मेला में जनता का जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। मेले में आए लोग बड़ी संख्या में विभिन्न स्टालों पर पहुंचकर स्व-सहायता समूहों और स्थानीय उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की सराहना कर रहे हैं।

मेले में प्रदर्शित वस्तुओं में हस्तशिल्प, कृषि आधारित उत्पाद, वनोपज, और स्थानीय पारंपरिक खाद्य सामग्री शामिल हैं। विशेष रूप से कोदो, कुटकी, रागी, बेलमेटल उत्पाद, आचार, पापड़, बड़ी, अगरबत्ती, और कपड़ा बुनाई के स्टॉल लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

मेले में आई भावना ने कहा यह मेला हमारे स्थानीय कारीगरों और किसानों के उत्पादों को जानने और खरीदने का बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। यहां के उत्पाद न केवल गुणवत्ता में श्रेष्ठ हैं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाते हैं।

उद्घाटन के बाद से ही मेले में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है, और स्थानीय उत्पादों की बिक्री में भी इजाफा हो रहा है। मेले में आए प्रतिभागी और आगंतुक न केवल खरीदारी का आनंद ले रहे हैं, बल्कि वे लखपति महिला पहल के तहत सफल महिलाओं की कहानियों से भी प्रेरित हो रहे हैं।

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