October 23, 2025
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बस्तर

बस्तर (1049)

‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच और परामर्श
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में जब बस्तर के दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने की बात होती है तो सबसे पहले दुर्गम जंगलों और उफनती इंद्रावती नदी का ख्याल आता है। बरसात के मौसम में दुर्गम गाँवों तक पहुँचना बेहद जोखिमपूर्ण माना जाता है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में प्रदेश का प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए लोगों की जान बचाने की प्राथमिकता के साथ कार्य कर रहा है।
  नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अब आमजन तक पहुँच रहा है। यह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन का परिणाम है, जिसने बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है।
  स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया और आयुक्त-सह-संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसी क्रम में प्रदेशव्यापी “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान ने बीजापुर जिले के सबसे दुर्गम क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित की है। बीते शनिवार को स्वास्थ्य दल ने स्वयं नाव चलाकर उफनती इंद्रावती नदी पार की और अबूझमाड़ से लगे ग्राम कोंडे में शिविर लगाया। इस शिविर में कुल 132 मरीजों की जांच की गई, जिनमें मलेरिया, सर्दी-खाँसी और त्वचा रोग से पीड़ित रोगी प्रमुख रहे। विशेष रूप से 10 गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और परामर्श प्रदान किया गया। मातृ स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत महिलाओं को पोषण, एनीमिया से बचाव और सुरक्षित मातृत्व संबंधी विस्तृत जानकारी भी दी गई।
   बीजापुर जिले में बीते तीन दिनों के दौरान अभियान की गति उल्लेखनीय रही है। इस अवधि में हजारों लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें उच्च रक्तचाप के 3,177 मामले सामने आए। इसके अतिरिक्त, महिलाओं में मुख, स्तन और सर्वाइकल कैंसर की 2,823 स्क्रीनिंग की गई तथा उन्हें आवश्यक परामर्श उपलब्ध कराया गया। साथ ही 314 गर्भवती महिलाओं को जांच, टीकाकरण और परामर्श का लाभ मिला। अभियान के अंतर्गत दूरस्थ अंचलों में आयोजित शिविरों के माध्यम से अब तक 1,200 से अधिक लोगों की टीबी स्क्रीनिंग और 800 से अधिक व्यक्तियों की सिकल सेल जांच भी की जा चुकी है।
  ये आँकड़े केवल संख्याएँ नहीं, बल्कि उस संकल्प का प्रमाण हैं जिसके तहत प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बीजापुर जिले के दूरस्थ और दुर्गम अंचलों में भी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बाधित न हो। यही कारण है कि स्वास्थ्य कर्मी नदी, पहाड़ और जंगल पार करके महिलाओं और बच्चों तक जीवन रक्षक सेवाएँ पहुँचा रहे हैं। प्रदेश सरकार का यह प्रयास इस विचार को सशक्त करता है कि “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार की आधारशिला है।” इसी दिशा में स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतर पहुँच इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता है।
  बस्तर संभाग में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे ये सुधार न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को ऊँचा उठा रहे हैं, बल्कि यह भी प्रमाणित कर रहे हैं कि सुशासन और समर्पित प्रयासों से सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव संभव है।

By- नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व का एक महत्वपूर्ण काछनगादी पूजा विधान रविवार को सम्पन्न हुई। जिसमें स्थानीय मिरगान समाज की कुंवारी कन्या काछनदेवी कांटे की झूले पर सवार होकर बस्तर दशहरा पर्व को निर्विघ्न सम्पन्न होने के साथ अपनी अनुमति प्रदान करती हैं। 

काछनदेवी ने कांटों के झूले में झूलकर दी निर्विघ्न आयोजन की अनुमति

        विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व का प्रमुख विधान काछनगादी रस्म में काछनदेवी ने मिरगान समाज की एक कुमारी कन्या पर सवार होकर, बेल के कांटों से बने झूले में झूलकर दशहरे के निर्विघ्न आयोजन की अनुमति और आशीर्वाद प्रदान किया। काछनदेवी से बस्तर के माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव ने बस्तर दशहरा के निर्विघ्न आयोजन की अनुमति मांगी। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद एवं अध्यक्ष बस्तर दशहरा समिति महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण देव, महापौर संजय पांडे, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित बस्तर दशहरा पर्व के परम्परागत सदस्य मांझी-चालकी, नाइक-पाइक, मेंबर-मेंबरिन सहित कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, अपर कलेक्टर सीपी बघेल और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

काछनगादी रस्म का महत्व

​बस्तर दशहरे में यह रस्म अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके बिना बस्तर दशहरे की शुरुआत नहीं होती। मान्यता है किरण की देवी काछनदेवी, आश्विन अमावस्या के दिन पनका जाति की एक कुंवारी कन्या के शरीर में प्रवेश करती हैं। यह कन्या, जिसे देवी का स्वरूप माना जाता है, भंगाराम चौक स्थित काछनगुड़ी में बेल के कांटों से बने एक विशेष झूले पर लेटकर दशहरे के सफल आयोजन की अनुमति देती है। इस वर्ष भी, 10 साल की बच्ची पीहू दास पर सवार देवी ने यह आशीर्वाद दिया। ज्ञात हो कि बस्तर दशहरा पर्व यहां पर सामाजिक समरसता का एक अनुपम उदाहरण है और बस्तर के स्थानीय विभिन्न समाजों के लिए बस्तर दशहरा पर्व में पृथक-पृथक दायित्व बंटे हुए हैं जिसे सभी समाजों के सदस्यों द्वारा पूरी तरह से सहकार की भावना के साथ निर्वहन किया जाता है।

परंपराओं का पालन

           काछनगादी पूजा विधान के लिए रविवार को सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। काछनगुड़ी को फूलों और रोशनी से सजाया गया था। पुजारी और राज परिवार के सदस्य परंपरानुसार देवी से अनुमति लेने पहुंचे। जैसे ही काछनदेवी ने झूले पर लेटकर अनुमति दी, पूरा क्षेत्र बस्तर की आराध्य देवी मां दन्तेश्वरी के जयकारों और आतिशबाजी से गूंज उठा। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बने।

गोल बाजार में की गई रैला देवी की पूजा

        काछनगादी पूजा विधान के पश्चात रविवार शाम जगदलपुर के गोल बाजार में रैला देवी की पारंपरिक पूजा विधिवत संपन्न हुई। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित बस्तर दशहरा पर्व के परम्परागत सदस्य मांझी-चालकी, नाइक-पाइक, मेंबर-मेंबरिन सहित जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

जगदलपुर, शौर्यपथ। धुरवा समाज के नुआखाई मिलन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आत्मीय और वात्सल्यपूर्ण रूप सभी ने देखा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने धुरवा समाज की नन्हीं बच्ची भूमिका बघेल को स्नेहपूर्वक अपने गोद में बिठाकर दुलार किया और उसे महुआ लड्डू खिलाया।

जगदलपुर विकासखंड के उलनार निवासी भूमिका बघेल अपने दादा सोनसारी बघेल के साथ कार्यक्रम में पहुंची थी। पारंपरिक पोशाक में सजी-धजी भूमिका ने सभी का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्नेहपूर्वक उसका नाम पूछते हुए कहा—"बिटिया, किस कक्षा में पढ़ाई कर रही हो?" मासूम मुस्कान के साथ भूमिका ने उत्तर दिया—"मैं दीप्ति कान्वेंट स्कूल में एलकेजी में पढ़ती हूँ।"

यह स्नेहिल दृश्य समारोह में उपस्थित सभी लोगों के मन को गहराई तक छू गया। एलकेजी में पढ़ रही भूमिका की निश्छल मुस्कान, पारंपरिक परिधान और मासूम नज़रों की चमक में बस्तर की संस्कृति और उसकी खुशियाँ झलक रही थी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि समाज ने पिछले वर्ष ही अपने बच्चों के लिए कक्षा 12वीं तक की शिक्षा अनिवार्य करने का सराहनीय निर्णय लिया। यही शिक्षा और संस्कार हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य संवारेंगे। उन्होंने कहा कि मैं यही कामना करता हूँ कि भूमिका और छत्तीसगढ़ की हर बेटी खूब पढ़े, आगे बढ़े, उड़ान भरे और अपनी संस्कृति से यूँ ही जुड़ी रहे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिस आत्मीयता और वात्सल्य से नन्हीं भूमिका बघेल से स्नेहपूर्ण वार्तालाप किया, उसने पूरे समारोह का वातावरण स्नेह और आत्मीयता से परिपूर्ण कर दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय का आत्मीय व्यवहार जनजातीय समाज के साथ उनके गहरे जुड़ाव और बच्चों के प्रति स्नेहपूर्ण हृदय का प्रमाण है। उनकी यह सरलता और अपनापन न केवल लोगों को विश्वास से भरता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि सरकार का नेतृत्व समाज के हर वर्ग और हर बच्चे के सुख-दुख में सहभागी है।

बस्तर जिला पत्रकार संघ में आयोजित हुआ श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम

जगदलपुर, शौर्यपथ । बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार स्व. राजेंद्र बाजपेयी के निधन के उपरांत रविवार को नयापारा स्थित बस्तर जिला पत्रकार संघ भवन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत स्व. बाजपेयी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके पश्चात उपस्थित पत्रकारों ने उनके साथ बिताए संस्मरणों को साझा किया और पत्रकारिता क्षेत्र में उनके योगदान को अनुकरणीय बताया।

श्रद्धांजलि सभा में अध्यक्ष मनीष गुप्ता, सचिव धर्मेंद्र महापात्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिव प्रकाश सीजी, कनिष्ठ उपाध्यक्ष निरंजन दास, कोषाध्यक्ष सुब्बा राव, संयुक्त सचिव बादशाह खान सहित वरिष्ठ पत्रकार हेमंत कश्यप, गुप्तेश्वर सोनी, अनिल सामंत, संजीव पचौरी, सुनील मिश्रा समेत अनेक पत्रकार शामिल हुए।

इस अवसर पर अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने कहा कि "बस्तर की पत्रकारिता में स्व. राजेंद्र बाजपेयी का योगदान अविस्मरणीय है। संघ इस दुख की घड़ी में बाजपेयी परिवार के साथ खड़ा है।"

कार्यक्रम के अंत में सचिव धर्मेंद्र महापात्र ने जानकारी दी कि स्व. राजेंद्र बाजपेयी की तेरहवीं एवं शांतिभोज का आयोजन आगामी 1 अक्टूबर को पत्रकार संघ भवन परिसर में किया जाएगा।

दीपक वैष्णव की खास रिपोर्ट

कोंडागांव, शौर्यपथ। कोंडागांव जिला मुख्यालय में एक ऐसे अधिकारी भी मौजूद है, जो हर छोटे से छोटे त्यौहार कहे या बड़े त्यौहार हमेशा जिले के हर खाद्य दुकान चाहे वो किराना हो फल या फिर होटल हो वहाँ पहुँच जाते है और खाद्य सामग्रियों का सेंपल तो जरूर लेते है पर सेम्पल ले जाने के पश्चात कभी वापस यह नहीं बताते की आप की सामग्री अच्छी है या बुरी या इन खाने के चीजों में यह कमियां पाई गई है ।

कोंडागांव के फ़ूड सेफ्टी खाद्य सुरक्षा अधिकारी डी के देवांगन अब चर्चा का विषय बन के रह गए है एक वर्ष होने होने को है दीपों का त्यौहार दीपावली पुनः आने वाली है। आपको बता दें कि खाद्य अधिकारी डी के देवांगन के द्वारा रक्षा बंधन पर भी औचक निरक्षण कर सभी दूकानों का सेम्पल लिया गया था मगर किसी भी दुकानदार को अब तक यह नहीं बताया गया कि आप की खाद्य में अनियमितता प्राप्त हुआ है या नहीं।

चर्चा में क्यों है फ़ूडसेफ्टी ऑफिसर

सुत्रो की माने तो हर त्यौहार में इनके द्वारा सेम्पल लिया जाता है एक साल बीतने वाला है फिर 30 दिनों बाद दीपावली का त्यौहार आने को है मगर अब तक महोदय द्वारा सेफ्टी कैप व सेफ्टी दस्ताना पहनवाने में असफलता हासिल किया है एक साल पहले से कई जगहों का निरीक्षण करते हुए सेम्पल लिया गया मगर अब तक किसी के ऊपर कार्यवाही न किया गया न ही किसी को नहीं बताया गया कि कितनी अनियमितता हासिल हुई है जिससे उनके कार्यशैली पर सवाल खड़े होते नजर आ रहे है ।

कुछ समय पहले भी शौर्यपथ की टीम के द्वारा उनसे रिकार्डडेट सवाल कैमरा चालू कर पूछा गया था कि कितने प्रतिष्ठानो को नोटिस जारी किया गया सेफ़्टी के नाम पे और कितने पर कार्यवाही की गई। पर जनाब ने बातों को काटा और दिखाता हु कह कर कैमरा बंद करा दिया गया । मगर अंत तक नोटिस नहीं दिखाया गया ।

क्या है सवाल

फ़ूडसेफ्टी ऑफिसर दीपक कुमार देवांगन के ऊपर अब सवाल खड़े हो रहे है कि एक साल बीत जाने के पश्चात भी अब तक असफलता क्यों हाथ लगी।

क्यों बीच बीच मे दुकानदारों से सेंपल लेने के पश्चात भी परिणाम सामने नही आया, क्यों उन्हें अवगत नही कराया गया। या सिर्फ खाना पूर्ति कर दिखावे की कार्यवाही कर औचक निरीक्षण करते धौस जमाते घूमने का कार्य ही होता रहा है।

जगदलपुर, शौर्यपथ।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज जगदलपुर में मां दंतेश्वरी हवाई अड्डे पर आत्मीय स्वागत किया गया। वे धुरवा समाज और माहरा समाज के भवन का लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद बस्तर महेश कश्यप भी पहुंचे हैं।

​हवाई अड्डे पर वन मंत्री केदार कश्यप, ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी, जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, जगदलपुर के महापौर संजय पांडेय, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप,पूर्व विधायक संतोष बाफना, महेश गागड़ा, डॉ सुभाऊ कश्यप, लच्छू कश्यप, बैदूराम कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदर राज पी., कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, सीईओ जिला पंचायत प्रतीक जैन ने स्वागत किया।

By - नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। नवरात्र एवं बस्तर दशहरा पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की दंतेवाड़ा पैदल यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने बस्तर पुलिस व यातायात विभाग ने सराहनीय पहल की है। पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग के पर्यवेक्षण में शनिवार को परिवहन संघ सभागार, झाडेश्वर समिति नगरनार व बस स्टैंड जगदलपुर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर ट्रक मालिक, 300 ट्रक चालक व लगभग 100 ऑटो चालकों को सड़क सुरक्षा नियमों की विस्तृत जानकारी दी गई। यातायात डीएसपी संतोष जैन, प्रभारी मधुसूदन नाग व टीम ने चालकों से अपील की कि वे नियंत्रित गति में वाहन चलाएं, ओवरस्पीड व ओवरटेक से बचें, नशे की हालत में वाहन न चलाएं तथा थकान होने पर विश्राम करें। साथ ही रात्रि में श्रद्धालु मार्ग पर परिवहन रोकने और वाहन की सभी लाइट चालू हालत में रखने जैसे महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए।

पुलिस अधीक्षक ने श्रद्धालुओं से भी आग्रह किया कि वे यात्रा के दौरान सड़क के बाएं किनारे चलें, सड़क पर बैठकर विश्राम करने से बचें तथा सुरक्षित कैंपों का उपयोग करें। जरूरत पड़ने पर पुलिस पेट्रोलिंग वाहन या आपातकालीन नंबर से तुरंत सहायता लें।

श्रद्धालुओं व वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर यातायात विभाग का यह सतत प्रयास जनहित में सराहनीय माना जा रहा है। “सुरक्षित सफर ही सुरक्षित जीवन” का संदेश पूरे जिले में जन-जन तक पहुँचाया जा रहा है।

दीपक वैष्णव की खास रिपोर्ट | शौर्य पथ | कोंडागांव

कोंडागांव बस स्टैंड स्थित नेशनल हाइवे पर गुरुवार 17 सितम्बर की दोपहर एक गंभीर घटना ने यातायात व्यवस्था की पोल खोल दी। एक बिना नंबर प्लेट की बुलेरो ने लापरवाही से चलते हुए एक दोपहिया वाहन चालक को ठोकर मार दी। हादसे के बाद यह सामने आया कि बुलेरो चालक के पास न तो कोई दस्तावेज था और न ही वाहन पर आगे-पीछे नंबर प्लेट।
   सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे कोतवाली में पदस्थ एएसआई भूपेंद्र बघेल ने न तो मामले की गंभीरता को समझा और न ही मोटर वाहन अधिनियम के तहत आवश्यक कार्रवाई की। उल्टा बुलेरो चालक को मौके से ही छोड़ दिया गया। गवाहों के मुताबिक, गलती बुलेरो चालक की थी, लेकिन पुलिस ने न तो वाहन ज़ब्त किया, न ही चालक पर चालान किया। इस लापरवाही के चलते आरोपी चालक मौके से फरार हो गया।

पीड़ित परिवार की मजबूरी
  हादसे में घायल टू-व्हीलर चालक के परिजन अस्पताल में भर्ती थे। इस कारण पीड़ित ने विवाद में समय गंवाने के बजाय सीधे अस्पताल जाना उचित समझा। बुलेरो चालक से नुकसान की भरपाई मांगने पर जब उसने पैसे देने से इनकार किया, तो पीड़ित निराश होकर अपने परिवार के पास चला गया।

उठते सवाल
  कोंडागांव जिला यातायात व्यवस्था में सुधार की बातें तो खूब होती हैं, लेकिन बिना नंबर–नेमप्लेट वाले वाहन खुलेआम सड़कों पर दौड़ रहे हैं। पुलिस विभाग की जिम्मेदारी यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित कराने की है, मगर जब मौके पर मौजूद एएसआई ही नियमों को अनदेखा कर दें, तो सवाल उठना लाज़मी है—

क्या एएसआई को मोटर वाहन अधिनियम की जानकारी नहीं?
या फिर जानबूझकर बिना कार्रवाई किए वाहन को छोड़ दिया गया?

कानून क्या कहता है?

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 39 और 192 के अनुसार:बिना नंबर प्लेट वाहन चलाना गैरकानूनी है।पहली बार पकड़े जाने पर ₹5,000 तक का जुर्माना।बार-बार अपराध करने पर ₹10,000 तक का जुर्माना व जेल की सजा।पुलिस को ऐसे वाहन को ज़ब्त करने का अधिकार।

क्यों है नंबर प्लेट ज़रूरी?
  नंबर प्लेट वाहन की पहचान होती है। हादसा, अपराध या आपात स्थिति में यह सबसे अहम कड़ी होती है। बिना नंबर की गाड़ियां अक्सर अवैध कारोबार, तस्करी या आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल होती रही हैं।

निष्कर्ष :कोंडागांव का यह मामला केवल एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि पुलिस विभाग की लापरवाही का आईना है। बिना नंबर प्लेट की बुलेरो को छोड़ना न सिर्फ मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी भी है। सवाल उठता है कि क्या पुलिस ऐसे मामलों में भी सिर्फ अनदेखी कर देगी, या फिर जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी?

By- नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ।विश्कर्मा जयंती के पावन अवसर पर बुधवार को यातायात विभाग जगदलपुर ने अपने वाहनों की विशेष पूजा-अर्चना दंतेश्वरी मंदिर में कराई। पूजा-अर्चना के दौरान दंतेश्वरी माता से सुरक्षित यातायात व्यवस्था, दुर्घटनामुक्त सेवाओं और जनहित में निरंतर कार्य करने की प्रार्थना की गई। विभाग के कर्मचारियों ने इसे परंपरा और श्रद्धा से जुड़ा अवसर मानते हुए अपने वाहनों की साफ-सफाई कर उन्हें पूजा में सम्मिलित किया।

इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों ने संदेश दिया कि वाहन केवल सरकारी संसाधन नहीं, बल्कि जनता की सेवा का साधन हैं। उनकी सुरक्षा, देखभाल और सदुपयोग ही विभाग की प्राथमिकता है।

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