October 23, 2025
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बस्तर

बस्तर (1049)

By - नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की एक और अत्यंत महत्वपूर्ण रस्म 'मावली परघाव' बुधवार की रात को पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ अदा की गई। यह रस्म दो देवियों के मिलन के रूप में जाना जाता है, जिसे जगदलपुर के दन्तेश्वरी मंदिर प्रांगण और कुटरूबाड़ा के समीप पारंपरिक रीति-रिवाजों से निभाया गया। इस ऐतिहासिक रस्म को देखने के लिए हर साल की तरह इस बार भी रात को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव की अगुवाई में किए गए मावली परघाव के अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण देव, महापौर संजय पांडे, कमिश्नर डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी, कलेक्टर हरीस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा उपस्थित रहे। दंतेवाड़ा से मावली माता की डोली के साथ पुजारी, कलेक्टर कुणाल दुदावत, पुलिस अधीक्षक गौरव राय भी पहुंचे।

माईजी की डोली का भव्य स्वागत

परंपरा के अनुसार, दंतेवाड़ा से मावली देवी की छत्र डोली और दंतेश्वरी का छत्र जगदलपुर के दंतेश्वरी मंदिर लाए गए। दंतेवाड़ा से पहुंची माईजी की डोली और छत्र का भव्य स्वागत राजपरिवार सदस्य कमलचंद भंजदेव और समस्त बस्तरवासियों ने किया। इस दौरान आतिशबाजियां की गईं और फूलों की बारिश की गई, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। माईजी की डोली के स्वागत की इस अनूठी परंपरा को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी पहुंचे थे।

'मावली परघाव' रस्म में फूल से बना साफा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह साफा केवल जंगल में पाए जाने वाले फूलों से तैयार किया जाता है। राजा को यह साफा पहनाया जाता है और इसकी विशेष पूजा की जाती है। इसी साफा को पहनकर देवी की डोली को राजमहल परिसर स्थित दंतेश्वरी मंदिर में स्थापित किया जाता है, जिसके बाद इसे दशहरा पर्व के अन्य रस्मों में शामिल किया जाता है।

बस्तर दशहरा की परंपरा के अनुसार, बस्तर माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव ने माईजी की डोली की पूजा अर्चना की। पूजा के बाद माईजी की डोली को दशहरा पर्व के समापन होने तक मंदिर के भीतर रखा गया है। इन सदियों पुरानी रीति-रिवाजों और परंपराओं का निर्वहन बस्तर की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है।

अधिकारियों को समयपूर्व सभी आवश्यक तैयारी एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने दिए निर्देश

जगदलपुर, शौर्यपथ। उप मुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री बस्तर जिला विजय शर्मा ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगामी 04 अक्टूबर को बस्तर प्रवास कार्यक्रम की तैयारियों का निरीक्षण कर अधिकारियों को सभी आवश्यक तैयारी एवं व्यवस्था समयपूर्व सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सिरहासार भवन एवं कार्यक्रम स्थल लालबाग में तैयारी का जायजा लिया और अधिकारियों की बैठक में प्रवास कार्यक्रम की प्रत्येक तैयारी एवं व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, महापौर संजय पाण्डे तथा अन्य जनप्रतिनिधियों सहित कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, आईजी बस्तर रेंज सुंदरराज पी, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

जगदलपुर, शौर्यपथ। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित श्रीरामलला दर्शन (अयोध्या धाम) योजना के तहत 30 सितंबर की शाम को बस्तर जिले के कुल 87 तीर्थ यात्रियों को टाउन हॉल के सामने बस से रवाना किया गया। सांसद महेश कश्यप, नगर निगम महापौर संजय पांडे, वेद प्रकाश पांडे, रामाश्रय सिंह ने श्रीरामलला दर्शन योजना के यात्रियों को पुष्प भेंट कर सुखद यात्रा की शुभकामनाएं दी। यात्रा के प्रारम्भ होने से पूर्व सभी यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। जिले में श्रीरामलला दर्शन योजना समिति के सदस्य रामाश्रय सिंह एवं अन्य अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया गया है। जिले से विगत वर्ष से अब तक 873 तीर्थ यात्रियों को अयोध्या धाम यात्रा से लाभान्वित किया जा चुका है। इस अवसर पर जिला पंचायत अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नोडल अधिकारी बीरेंद्र बहादुर सहित जिला पंचायत कार्यालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

 

जगदलपुर, शौर्यपथ। वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक आलोक कुमार तिवारी के निर्देशानुसार वनमण्डलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन में वन विभाग लगातार अवैध अतिक्रमण, अवैध कटाई के खिलाफ लगातार एक्शन मोड में है और कार्यवाही कर रही है। इसी दौरान गुप्तसूत्रों के द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि भानपुरी परिक्षेत्र के जामगांव सर्किल के ग्राम बोरीगांव में कुछ लोगों द्वारा राजकीय वृक्ष साल की अवैध कटाई कर घर में चिरान रखने की सूचना प्राप्त हुई। जिस पर उपवनमंडलाधिकारी बस्तर आई पी बंजारे के नेतृत्व में वन परिक्षेत्र अधिकारी डॉ प्रीतेश पाण्डेय ने एक टीम का गठन किया गया। 27 सितंबर को कुलमन पिता सुक्लो के घर 25 नग(0.76 घन मीटर) Por no 15487/11 के तहत साल लकड़ी चिरान किया गया उनके द्वारा घर बाड़ी एवं खेत छुपा रखा था फिर 28 सितंबर को कृषक बुधराम पिता गुड्डी के घर से 15 नग साल चिरान (0.39घन मीटर )por नॉ 15487/12 के तहत बरामद की एवं भारत पिता हिड़मा के घर से 11नग साल चिरान (0.213घन मीटर )POR ना 15487/13 के तहत कार्यवाही की गई जिसे अभियुक्तों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि आरक्षित वनखंड के कक्ष क्रमांक 1007 से काटी गई है। इस पर वन परिक्षेत्र अधिकारी डॉ प्रीतेश पाण्डेय ने तत्काल कार्यवाही करते हुए भारतीय वन अधिनियम 1927 एवं चिरान अधिनियम के तरह प्राथमिकी दर्ज की साथ ही ग्रामीणों को हिदायत दी की वनों की अवैध कटाई और अतिक्रमण गैर कानूनी है और ऐसा किए जाने पर अपराधी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।इस कार्रवाई में सहायक परिक्षेत्र अधिकारी डोमू राम नेताम, जयदेव मौर्य,ओमप्रकाश सिंह, बुद्रुरु राम कश्यप साथ ही परिसर रक्षक श्रीमती मुन्नी मौर्य छेंदु राम, हेमंत मोर्य, अरुण नाग, योगेश रामटेक, नृपेंद्र गौतम एवं वन चौकीदारों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ

नरेश देवांगन की खास रिपोर्ट 

जगदलपुर, शौर्यपथ। जगदलपुर के राजमहल परिसर मे लगे मीना बजार में शौचालय व्यवस्था पूरी तरह मजाक बन चुकी है। जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते यहाँ महिला और पुरुष दोनों के लिए एक ही रास्ते से जाने की व्यवस्था की गई है। शौचालय के नाम पर सिर्फ़ त्रिपाल की झिल्ली के साथ ग्रीन पर्दा टांग दी गई है, जिसमें न दरवाज़ा है और न कोई प्राइवेसी।

स्थिति इतनी बदतर है कि वहाँ न पानी की सुविधा है, न सफाई की व्यवस्था। टॉयलेट सीट भी नाम मात्र की लगाई गई है। महिलाएँ और पुरुष दोनों को एक ही ओर से जाना पड़ता है, जिससे शर्मिंदगी और असुरक्षा की स्थिति बनी रहती है।

लाखों की भीड़ जुटने वाले मीना बाजार में इस तरह की अव्यवस्था स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों के लिए खतरा है। सवाल यह उठता है कि आखिर इतने बड़े आयोजन में जिम्मेदार अधिकारी और आयोजक किस आधार पर जनता को ऐसी घटिया सुविधा दे रहे हैं?

मीना बाजार की व्यवस्थाओं को लेकर समाजसेवी करमजीत कौर ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मीना बाजार में महिलाओं के लिए शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है। वहां किसी प्रकार की चारदीवारी या दरवाजे नहीं बनाए गए हैं, केवल पर्दों के सहारे ही महिला और पुरुषों के लिए जगह विभाजित की गई है।

करमजीत कौर ने आगे कहा कि मीना बाजार प्रबंधन की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह महिलाओं की निजता और सुरक्षा का ध्यान रखे। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं देखा है कि बाजार में कार्य कर रही बच्चियां लगभग 18 वर्ष की आयु की हैं और उनकी सुरक्षा का दायित्व सीधे तौर पर बाजार संचालकों पर है। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ पर्दों के सहारे शौचालय की व्यवस्था करना बेहद असुविधाजनक और असुरक्षित है। यह न केवल महिलाओं बल्कि बालिकाओं की गरिमा के लिए भी खतरा है। अंत में उन्होंने उम्मीद जताई कि खबर के प्रकाशन के बाद मीना बाजार प्रबंधन महिलाओं और बालिकाओं के शौच के लिए उचित व सुरक्षित व्यवस्था करने की ठोस पहल करेगा।

By - नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर जिले के राजमहल परिसर में आयोजित मीना बाजार में प्रवेश के लिए आम जनता से ₹30 टिकट वसूला जा रहा है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन टिकटों पर न तो मूल्य अंकित है और न ही GST का कोई उल्लेख। ऐसा लग रहा है जैसे आयोजकों ने नियमों को चुटकियों में उड़ा दिया हो।

जानकारों का कहना है कि किसी भी टिकट पर उसका मूल्य स्पष्ट रूप से लिखा होना अनिवार्य है। GST रजिस्टर्ड आयोजक को तो GST दर, राशि और GSTIN नंबर भी टिकट पर अंकित करना होता है। बिना मूल्य और GST का उल्लेख करना सिर्फ उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी ही नहीं बल्कि टैक्स चोरी का ताज़ा नमूना है।

स्थानीय नागरिकों ने मजाकिया अंदाज़ में कहा, "टिकट तो लिया, पर रसीद और हिसाब-किताब कहां है? लगता है मेले में भी 'चुपके-चुपके' खेल खेला जा रहा है।" जनता की इस प्रतिक्रिया से साफ है कि आयोजकों की यह चालाकी सबको पसंद नहीं आई।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और GST नियमों के अनुसार यह स्पष्ट अवैध और अनुचित है। नागरिकों और विशेषज्ञों ने आयोजकों पर कड़ी कार्रवाई और जिम्मेदारियों का हिसाब-किताब रखने की मांग की है।

अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और GST विभाग इस मामले में कितनी सख्ती दिखाते हैं और क्या मेले की इस 'टिकट ट्रिक' पर लगाम लगाई जाएगी या नहीं। जनता की नजरें अब प्रशासन पर टिकी हैं।

जगदलपुर, शौर्यपथ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात के 126वें अंक को बस्तर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम उलनार, बूथ क्रमांक 201 में सामूहिक रूप से सुना गया। इस अवसर पर बस्तर सांसद महेश कश्यप और भाजपा जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडे की उपस्तिथि में संपन्न हुआ l

सांसद महेश कश्यप ने कहा कि मन की बात केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि जनता से सीधे जुड़ने और समाज को नई दिशा देने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार बस्तर के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

सांसद महेश कश्यप ने उपस्थित ग्रामीणों से सांसद खेल महोत्सव में भाग लेने का भी आग्रह किया। उन्होंने खेलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल न केवल स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं, बल्कि खिलाड़ियों को निजी और सरकारी संस्थानों में नौकरी में प्राथमिकता भी मिलती है।

सांसद ने यह भी साझा किया कि हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व अन्य कैबिनेट सदस्य,प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय,उपमुख्यमंत्री अरुण साव,उपमुख्यमंत्री व गृह विजय शर्मा सहित कैबिनेट मंत्री,सांसद,विधायक व जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर बस्तर दशहरा में आमंत्रण दिया है। इस बार के मुरिया दरबार की ऐतिहासिक रस्म में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आगमन हैं, जिससे यह अवसर और भी स्मरणीय बनेगा।

भाजपा जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडे ने मन की बात कार्यक्रम में उपस्तिथ जनो का अभिवादन करते हुए भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा चलाए जा रहे नक्सल मुक्त अभियान और बस्तर के विकास के रोडमैप पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बस्तर में विकास और सुरक्षा दोनों को समान रूप से महत्व दिया जा रहा है।

कार्यक्रम में ग्रामीणों, माताओं और बहनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रधानमंत्री मोदी का संदेश ध्यानपूर्वक सुना। कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित जनों को रोजमर्रा उपयोगी घरेलू सामान वितरित किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भारत की दो महान विभूतियों शहीद भगत सिंह और स्व लता मंगेश्वकर दोनों की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भगत सिंह को देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज बताया और भारतीय संस्कृति और संगीत में रुचि रखने वाला कोई भी स्व लता दीदी के गीतों को सुनकर अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा नवरात्र के इस समय में हम शक्ति की उपासना करते हैं। हम नारी-शक्ति का उत्सव मनाते हैं। व्यवसाय से लेकर खेल तक और शिक्षा से लेकर विज्ञान तक, आप किसी भी क्षेत्र को लीजिए, देश की बेटियाँ हर जगह अपना परचम लहरा रही हैं। आज वे ऐसी चुनौतियों को भी पार कर रही हैं, जिनकी कल्पना तक मुश्किल है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप दुर्गा पूजा और छठ महापर्व जैसी सांस्कृतिक परंपराएँ अब वैश्विक स्तर पर यूनेस्को सूची में शामिल हो चुकी हैं, जो हमारी सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत बनाती हैं।

इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष पुरुषोत्तम जोशी, बूथ अध्यक्ष मधुसूदन देवदन्त, मयीश्रम सहित सैकड़ों ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

By - नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। लगातार हो रही बारिश से गणपति रिसोर्ट के सामने गोरियाबाहर नाले का जलस्तर बढ़ गया और पुलिया से करीब 2 फीट ऊपर तक पानी बहने लगा। हालात को देखते हुए यातायात विभाग ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए पुलिया के दोनों ओर बैरिकेड्स लगा दिए, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो।

स्थानीय लोगों ने विभाग की इस त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि समय रहते सतर्कता बरती गई, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।

यातायात विभाग की यह तैयारी और जिम्मेदारी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का साफ संदेश देती है कि कठिन हालात में भी विभाग पूरी तरह सतर्क है।

By- नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। मीना बाजार की तैयारियों में सुरक्षा की भयावह लापरवाही उजागर हुई है। राजमहल परिसर में जगह-जगह फैले बिजली के केबल कटे हुए हैं और उन पर कोई इन्सुलेशन या सुरक्षा कवच नहीं लगाया गया है। यह स्थिति न केवल लाखों आगंतुकों के लिए गंभीर जानलेवा खतरा पैदा कर रही है, बल्कि यह आयोजकों और जिम्मेदार अधिकारियों की गंभीर उपेक्षा को भी दर्शाती है।

वर्तमान में, बीते दो-चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे खुली और अधूरी केबलों पर नमी जम चुकी है। इस तकनीकी जोखिम के कारण केबलों में करंट लीक और शॉर्ट सर्किट की संभावना अत्यधिक बढ़ गई है। ऐसे हालात में किसी भी समय गंभीर इलेक्ट्रिक हादसा घट सकता है।

मीना बाजार का उद्घाटन बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष व जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव सहित अन्य अतिथियों ने किया। उद्घाटन के बाद लोगों का आना-जाना शुरू हो चुका है, और प्रशासन की यह मौन प्रतिक्रिया और लापरवाही आगंतुकों की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

इस मामले पे जानकारों का कहना है कि इस तरह की अधूरी और नमी से प्रभावित केबलों में फैला करंट आगंतुकों और दुकानदारों के लिए इलेक्ट्रिक शॉक या बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। प्रशासन को तत्काल सुरक्षा उपाय लागू कर, केबलों को इन्सुलेट करने तथा जिम्मेदार अधिकारियों और आयोजकों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता है।

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