December 07, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

// कोरोना मरीजों के हाईटेक अस्पताल में इलाज के लिए 7 दिनों का प्रतिबंध // निजी अस्पतालों की आ रही शिकायतों पर कलेक्टर हुए सख्त // प्राइवेट हॉस्पिटल प्रबंधकों को…

// मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक सम्पन्न
// राज्य सरकार कृषि कार्यो को मनरेगा से जोडऩे, शहरी मनरेगा, मनरेगा की मजदूरी दर बढ़ाने के संबंध में केन्द्र को भेजेगी प्रस्ताव
// छत्तीसगढ़ में इस वर्ष मनरेगा में 15 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य
// मनरेगा से दी गई 706 नये ग्राम पंचायतों और 672 आंगनबाड़ी भवनों की स्वीकृति
// ज्यादा मवेशी वाले गांवों में गोबर गैस प्लांट को दिया जाएगा प्रोत्साहन

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए मनरेगा से वर्मी टांका निर्माण के कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गौठान समितियों से वर्मी टांका निर्माण के लिए जितनी मांग आती है, उन्हें तत्काल स्वीकृति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में यह निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री निवास पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव उपस्थित थे। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि सभी धान खरीदी केन्द्रों में चबूतरों के निर्माण और चबूतरों पर शेड निर्माण के कार्यो को भी प्राथमिकता देते हुए शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के हर धान संग्रहण केन्द्र में एक शेड का निर्माण अवश्य हो। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 4649 चबूतरों के निर्माण के लिए स्वीकृति दी गई है। जिनमें से 4630 चबूतरों का निर्माण हो चुका है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस वर्ष मनरेगा से राज्य में 5500 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति देने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में लगभग 4500 गौठानों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। ऐसे गौठानों में जहां स्व-सहायता समूह आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय हैं, वहां आजीविका केन्द्र के निर्माण की स्वीकृति प्राथमिकता के आधार पर देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कृषि कार्य को मनरेगा से जोडऩे, शहरी मनरेगा, मनरेगा की मजदूरी दर बढ़ाने, मनरेगा में 200 दिनों का रोजगार देने के प्रावधान के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजने का महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया गया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मनरेगा के तहत नर्सरी, कुंआ और डबरी निर्माण तथा नहर लाईनिंग के कराये गए कार्यो से लोगों को मिलने वाले लाभ के बारे में सर्वे कराया जाना चाहिए। इसी तरह जिले की उपयोगी डायवर्सन सिंचाई योजनाओं की नहर लाईनिंग का कार्य पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कराया जाए, जिससे क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधाओं का भरपूर लाभ मिल सके। श्री बघेल ने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी में हैवीमेटल्स, आरसेनिक, फ्लोराइड, आयरन की शिकायत है, वहां गांव वालों को सतही जल का उपयोग पेयजल के लिए करने हेतु जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि खेतों में डबरी और कूपों का निर्माण कराया जाना चाहिए, जिससे पानी की रिचार्जिंग हो सके और जरूरत के समय फसलों की सिंचाई में इसका उपयोग किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने वन अधिकार पट्टे प्राप्त हितग्राहियों को जमीन पर फलदार वृक्ष लगाने, बड़े वृक्षों के बीच हल्दी, अदरक, तीखूर जैसी फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मनरेगा से भूमि विकास और जमीन को घेरने के कार्य कराए जाएं। कृषि विभाग के माध्यम से हितग्राहियों की जमीन पर ट्यूबवेल खनन कराकर क्रेडा के माध्यम से सोलर पंप स्थापित किए जाएं, जिससे फसलों के लिए सिंचाई की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि 100 दिन का रोजगार देने में छत्तीसगढ़ का देश में तीसरा स्थान है। प्रदेश में इस वर्ष अब तक 84 हजार 455 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया गया। मनरेगा में इस वर्ष रिकार्ड 26 लाख 5 हजार परिवारों को रोजगार दिया गया। प्रदेश में मनरेगा के तहत 39.79 लाख जॉब कार्ड धारी हैं। इस वर्ष छत्तीसगढ़ लौटे प्रवासी मजदूरों के क्वारेंटाइन के दौरान लगभग 2.37 लाख जॉब कार्ड बनाए गए। इस वर्ष 13 करोड़ 50 लाख मानव दिवस रोजगार के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 9 करोड़ 52 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया गया। इसमें महिलाओं की 50 प्रतिशत की सक्रिय भागीदारी रही। बैठक में बताया गया कि केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव पर 15 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन के लक्ष्य को मंजूरी दी है। मनरेगा के तहत 2155 करोड़ रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया है। मनरेगा के कार्यो में दिव्यांगों की भागीदारी बढ़ी है। नरवा विकास योजना में चिन्हांकित 1406 नरवा में 66 हजार से अधिक भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। श्री बघेल ने कहा कि ऐसे नाले जिनका एक हिस्सा वन क्षेत्र से गुजरता है, उसका सम्पूर्ण डीपीआर वन विभाग द्वारा तैयार किया जाए।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि वर्ष 2017 में मनरेगा के तहत निर्मित परिसम्पत्तियों की जियोटेगिंग में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है। इसी तरह वन अधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों को लाभान्वित करने और ग्राम पंचायतों के विकास के लिए जीआईएस केन्द्रित योजना तैयार करने में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और कृषि तथा उससे जुड़े कार्यो में मनरेगा योजना से खर्च के मामले में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है। मनरेगा से 706 नये ग्राम पंचायत भवन और 672 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मंजूरी दी गई है।
बैठक में मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन और सुब्रत साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, खाद्य विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, आदिमजाति कल्याण विभाग के सचिव डी. डी. सिंह, मनरेगा आयुक्त मोहम्मद अब्दुल कैसर हक शामिल हुए। विभिन्न जिलों से छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद के सदस्य और अधिकारी इस बैठक में वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े।

जशपुरनगर / शौर्यपथ / प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने बगीचा विकासखंड के पूर्व माध्यमिक शाला रौनी में संचालित मोहल्ला क्लास का अवलोकन किया। उन्होंने…

दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग संभागायुक्त टी0सी0 महावर एवं आईजी विवेक सिन्हा, कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, एवं एस.पी. प्रशंात ठाकुर द्वारा आज संयुक्त रुप से कोविड हास्पीटल शंकराचार्य का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। उन्होनें हास्पीटल में भर्ती मरीजों से फोन पर बात की एवं वहाॅ ईलाज और खाने-पीने की सुविधा की जानकारी उनसे ली। कोविड हास्पीटल शंकराचार्य मे नाश्ता, भोजन और ईलाज की सुविधा और व्यवस्था पर अधिकारियों ने संतोष व्यक्त करते हुये कहा कोविड हास्पीटल इंचार्ज इंद्रजीत बर्मन और स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता को निर्देशित कर कहा और अच्छी सुविधा और व्यवस्था बनाकर रखें।
उल्लेखनीय है कि दुर्ग और भिलाई क्षेत्र में कोरोना पाॅजिटिव मिल रहे मरीजों के लिए कोविड हास्पीटल शंकराचार्य में भर्ती कर उनका ईलाज किया जा रहा है। हास्पीटल की सुविधा और व्यवस्था का आज दुर्ग संभागायुक्त टी.सी. महावर ने अधिकारियों के साथ हास्पीटल पहुॅचकर आकस्मिक निरीक्षण किया गया । इस दौरान उन्होनें कोरोना पाॅजिटिव मरीज त्रिलोचन दास 9770265611, सत्येन्द्र बहादुर तिवारी मो0. 9329009932, प्रशांत मनहरे मो0.9827179033, तथा हरेराम यादव, अनिल रत्नाकर से फोन में बात किये । भर्ती मरीजों ने संभागायुक्त को बताये कि हमें सुबह 8 बजे नाश्ता, 12 बजे खाना, शाम 5 बजे नाश्ता, और रात्रि 8 बजे खाना समय से दिया जा रहा है। खाद्य पदार्थ की क्वालिटी भी अच्छी और स्वादिष्ट हैं। इसके अलावा हास्पीटल में कार्यरत डाक्टरर्स नियमित रुप से तीन से चार बार निरीक्षण कर हमारी हाल-चाल और तबीयत की जानकारी लेते रहते हैं। संभागायुक्त ने हास्पीटल में सुविधा और व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किये, उन्होनें इंचार्ज अधिकारी इंद्रजीत बर्मन और स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता का उत्साहवर्धन करते हुये हास्पीटल में निरंतर और अच्छी सुविधा व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश दिये ।

बिलासपुर / शौर्यपथ / सेवा सहकारी समितियों के बड़े घोटालों में एक नाम सेवा सहकारी समिति मल्हार का भी है। वर्ष 2013 में  इस समिति में 4 करोड़ 76 लाख रुपये का घपला पाया गया था। मात्र एक आरोपी जेल गया और शेष 13 आरोपी फरार हो गए किन्तु पंजीयक सहकारी समिति की जांच हुई, जांच  में पांच आरोपियों के खिलाफ प्रकरण चल रहा है जिसमे से मुख्य आरोपी जो जेल यात्रा कर चुका है लगातार अनुपस्तिथि है। साथ ही समिति का कम्प्यूटर ऑपरेटर भी उपस्थित नही होता है। शेष तीन आरोपी जांच कार्य मे अपना जवाब प्रस्तुत करते है, पूरा मामला मल्हार क्षेत्र के एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि की शह पर हुआ था, जिसे इस चुनाव में जनता ने नकार दिया। सहकारी समितियों की जांच तथा पंजीयक की जांच के  तरीके अलग-अलग है और दोनों जांच को एक दूसरे से कोई लेना देना नही है, इस बात का लाभ आरोपियों को मिल जाता है। (फोटो धान की बोरी) 

बिलासपुर / शौर्यपथ / एक तरफ जिला प्रशासन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बीपीएल को दो माह का राशन एक साथ दे रहा है और दूसरी ओर सरकार की योजना को बिलासपुर खाद्य नियंत्रक कार्यालय स्वयं ही पलीता लगा रहा है। विभागीय लोगों पर ग्रामीणों का भरोसा उठ गया है इसी का परिणाम है कि खाड़ा में चोरी का माल महिला स्व सहायता समूह ने पकड़ा और पुलिस के हवाले किया। पूरे मामले खाद्य नियंत्रक कार्यालय कही नजर नहीं आया। चावल तस्करी का पूरा मामला इन दिनों जिले में सुनियोजित तस्करी की तर्ज पर चल रहा है। यहां भी जिस चावल का घपला होना था वह 3 सितंबर को लाया जा चुका था। ग्रामीणों की माने तो चावल तस्करी में जिस ट्रेक्टर का उपयोग हो रहा है वह कांग्रेसी नेता रोशन जायसवाल का है। किंतु ट्रेक्टर पर जो नम्बर दर्ज है उसका मालिक एक आदिवासी है। कुल मिलाकर पीडीएस के क्षेत्र में तस्करों का बड़ा गिरोह काम कर रहा है जिसकी जड़े राइस मिल से होते हुए रेडी टू इट तक पहुचती है। इस प्रकरण में भी खाद्य निरीक्षक पति पत्नी दीवान एक विधानसभा में नियुक्त है और रात में तहसीलदार के बुलाने पर भी नही आये। पुलिस ने कुछ लोंगो को हिरासत में लेकर कोर्ट प्रस्तुत किया। खाद्य नियंत्रक ने बताया कि मामला अभी मेरे तक नही आया है।   

बिलासपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य की कुल वर्ग किमी क्षेत्र पर में से बड़े क्षेत्र में कोयले को भंडार है, पानी है और जंगल है, इसलिए छत्तीसगढ़ में पिछले चार दशकों से कोयला खनन की गतिविधियां सतत जारी है। साथ ही विधुत उत्पादन कंपनियों ने भी अपनी इकाइयां स्थापित की। इनमें अब तक केंद्र एवं राज्य सरकार की मुख्य थी। किन्तु अब बदले हुए नियम के कारण कोल सेक्टर का पूर्णतः निजीकरण हो जाएगा। एसे में छत्तीसगढ़ के जंगल और किसान दोनों सीधे प्रभावित होंगे। किन्तु उदासीन जनप्रतिनिधित्व और जागरूकता की कमी के कारण छत्तीसगढ़ में प्रकृतिक संसाधनों की लूट खसोट को रोकना कठिन होगा और बड़ी शक्तिशाली निजी कंपनियों के सामने जनता लूटने के लिए मजबूर होगी। इस सब के बावजूद राज्य के भीतर राजनैतिक दल अथवा श्रमिक संगठन में से कोई भी आज आवाज उठाने तैयार नही है। भारत मे कुल सेक्टर ने निजीकरण भी देखा राष्ट्रीकरण भी देखा और फिर से निजीकरण को भी देखेगा। 2013 में यूपीए जिसका नेतृत्व कांग्रेस के पास था ने पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 पारित हुआ । यह एक ऐसा कानून है जो किसान के पक्ष में है और पंचायत को मजबूत करता है। इसके अतिरिक्त देश में भूमि अधिग्रहण के 13 और कानून है जो सड़क, नहर, रेल, टावर, टावर लाइन लगाने के लिए उपयोग में लाये जाते है। इन सबके के साथ 1957 के कानून कोल बियरिंग एरिया अधिग्रहण एयर विकास अधिनियम पर चर्चा जरूरी है जो कि छत्तीसगढ़ में कोई नही करता। विकास अधोसंरचना निर्माण जरूरी है, पर सहभागिता और पारदर्शिता के साथ। साथ मे मानवतावाद जिसमे मानववाद के साथ जिसमे पशुपक्षी जल चर भी जुड़े। तभी सच्चे अर्थों में जल, जंगल और जमीन का सही उपयोग होगा। 2013 का कानून 1957 के कानून को समाप्त नही करता अब सवाल यह है कि 1957 का कानून केंद्र सरकार की कंपनी के हित में भूमि अधिग्रहण के लिए था अब इसी कानून से निजी कंपनियों के लिए जमीन का अधिग्रहण होगा। जानकारी यह कहती है कि छत्तीसगढ़ में 40 कोल ब्लॉक के लिए 60000 हेक्टर अथवा एक लाख 50 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा, और छत्तीसगढ़ के 150 आदिवासी बाहुल्य गांव सीधे प्रभावित होंगे। इतनी बड़ी विप्पलवपारी योजना के लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ का गठन का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है।

राजनांदगांव / शौर्यपथ / पढ़ई तुंहर दुआर योजना के अंतर्गत मोहल्ला क्लास का संचालन मोहला विकासखंड के अधिकतर स्कूलों में सफलतापूर्वक किया जा रहा है।…
० मास्टर माइंड द्वारा उत्तर प्रदेश फ्लाईट से आकर दिया गया था लूट की घटना को अंजाम० लुटेरों से 12 लाख के सोने-चांदी के जेवर व घटना में प्रयुक्त बाईक…

राजनांदगांव / शौर्यपथ / खैरागढ़ क्षेत्र में अवैध शराब के विक्रय और परिवहन की रोकथाम को लेकर जालबांधा पुलिस के अभियान में गातापार जंगल थाने में पदस्थ आरक्षक सहित दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों से 42 पव्वा देशी शराब और वारदात में प्रयुक्त मोटरसाइकिल सीजी 08 एएन 4507 जप्त कर आबकारी एक्ट की धारा 34/2 के तहत कारवाई कर जेल भेज दिया है। इधर एसपी डी. श्रवण ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस ने बताया कि जालबांधा चौकी प्रभारी हेमवंत चंद्राकर के साथ सिपाहियों ने रंगकठेरा गॉव से पहले केकराजबोड़ रोड मोड़ पर नाकाबंदी कर रात साढ़े दस बजे तेज गति से आती मोटर साइकिल को रोककर तलाशी ली, तो उसमे सवार उत्तम पिता नारायण वर्मा 55 साल रंगकठेरा, महेश पिता राजू यादव 26 साल किल्लापारा खैरागढ़ और आरक्षक रूपेश पिता जगदीश भोई 36 साल भोथलडीह सरायपाली के पास से बैग में देशी शराब 42 पाव कीमत लगभग 33 सौ 60 रूपए जप्त किया। वही वारदात मे प्रयुक्त मोटरसाइकिल की भी जप्ती बनाकर तीनों आरोपितों के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34/2 के तहत कारवाई करते हुए जेल भेज दिया है।
आरोपित रूपेश भोई गातापार जंगल थाने में पदस्थ पुलिस जवान है। जिसका कुछ दिन पहले ही शहर से हटाकर गातापार जंगल थाने में पोस्टिंग की गई है और वो बीते कई दिनों से गैरहाजिर चल रहा था। पुलिस जवान के शराब तस्करी में लिप्त होने की जानकारी सामने आने से विभाग में खलबली मच गई है। पता चला है कि उक्त जवान शराब का आदी था और बीते कई दिनों से इसी लत के चलते थाने से गायब था। देर रात जालबांधा चौकी पुलिस की कारवाई मे उसके सपड़ाने से पुलिस से होश उड़ गए, लेकिन अपराध रोकने की दिशा में तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने बिना लाग.लपेट के कार्रवाई कर यह साबित कर दिया है कि अपराध करने वाला चाहे उनके ही विभाग का क्यों ना हो उनकी नजरों और कारवाई से ज्यादा दिन बच नहीं पाएगा।

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