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बिलासपुर/शौर्यपथ / महिला एवं बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग में अचानक हुए तबादलों से अधिकारी आश्चर्यचकित रह गए प्रभावित अधिकारियों में से कुछ छुट्टी समाप्त होने के बाद हाईकोर्ट के शरण में जाने को सोच रहे हैं । वही सचिव स्तर पर सरकार ने पूर्व से ही इस निर्देश को दे रखा है कि जिस विभाग में भी तबादला होगा उस विभाग का विधिक अधिकारी उच्च न्यायालय में केविएट दाखिल करेगा जिससे किसी भी प्रभावित व्यक्ति को एक पक्षीय स्टे ना मिल पाए । सूत्र बताते हैं कि बिलासपुर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी का तबादला सुकमा हुआ और यह मामला हाई कोर्ट जाने की तैयारी में है अधिकारी का मानना है कि बिना नीति और समय को ध्यान में रखकर तबादला किया गया है .
वहीं सरकार अपने तबादला सूची को सामान्य रूटीन का काम बता कर इस पर कोई हस्तक्षेप नहीं चाहती वैसे जिला कार्यक्रम अधिकारी का तबादला बेहद गुप्त रूप से हुआ बताते हैं कि पूरी प्रक्रिया की नोटशीट हस्तलिखित चली और सीएम हाउस पर अनुमति मिलने के बाद ही वह टंकण पर आई यदि पूर्व में ही नोट से कंप्यूटराइज होती तो तबादला होने के पूर्व ही अधिकारी एक कांग्रेस नेता की शरण का लाभ लेता और तबादला फिर से रुक जाता । वैसे दैनिक अखबारों की माने तो जिला कार्यक्रम अधिकारी का तबादला बेहद गंभीर शिकायतों के बाद सीधे मुख्यमंत्री के संज्ञान से हुआ है।
बिलासपुर / शौर्यपथ / संतोष रजक पिता इतवारी रजक पेसे से कबाड़ ने सरकंडा थाने में अपनी लिखित शिकायत में कहा कि वह विधिमान्य तरीके से अनुज्ञा प्राप्त कर कबाड़ का काम करता है । उसके पास जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी है । 14/7/ 2021 को उसके पास तीन न्यूज़ पोर्टल के व्यक्ति आय जो स्वयं को पत्रकार बता रहे थे उन्होंने कबाड़ी हो कुछ खर्चा पानी करो.... संतोष रजक के अनुसार तीन पोर्टल के पत्रकारों ने उसे धमकाने की कोशिश की सहयोग न करने पर परिणाम भुगतने की बात कही .
आवेदक का कहना है कि रकम न दिए जाने के कारण उसके खिलाफ तथ्यहीन मनगढ़ंत खबर चला दी गई आवेदक कबाड़ी संतोष रजक ने अपनी शिकायत में स्वयं बताया है कि 13/ 7/ 2021 को उसके गोदाम पर पुलिस ने छानबीन की थी किंतु कोई आपत्तिजनक, गैर कानूनी गतिविधि नहीं मिली, जबकि न्यूज़ पोर्टलो ने किसी अन्य गोदाम का फोटो इस्तेमाल करते हुए भ्रामक समाचार छाप दीया आवेदक का कहना है कि पोर्टल ने जो समाचार प्रकाशित किया है उसने यह लिखा है कि उसके गोदाम पर शराबखोरी वाली पार्टी होती है जिसमें पुलिस के लोग शामिल होते हैं कबाड़ी संतोष रजक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से खबर प्रकाशित करने वालों को कानूनी नोटिस भी प्रेषित किया है।
बिलासपुर / शौर्यपथ / राज्य सरकार के जिस विभाग के पास आधा समाज और पूरे शिशुओं के कल्याण की जिम्मेदारी है उस विभाग की कैबिनेट मंत्री और संसदीय सचिव दोनों महिलाएं हैं इसके बावजूद बिलासपुर महिला एवं बाल विकास विभाग में संविधान के प्रावधानों का, एक्ट का खुला उल्लंघन होता है। ऐसे में जनता तो यही मानती है की भ्रष्ट अधिकारियों को मंत्री और संसदीय सचिव से संरक्षण प्राप्त है। बिलासपुर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी काफी वर्षों से पदस्थ हैं पहले फूल की आराधना और अब पंजे का साथ इनकी माया निराली है।
जब बिलासपुर और मुंगेली एक साथ थे तब भी इनके कार्यकलाप सुदूर तक सुनाई देते थे। अभी भी यह अधिकारी 71 रेडी टू ईट का मालिक है। कहने वाले यहां तक दावा करते हैं कि कलेक्टर और कमिश्नर को यह अधिकारी अपनी जेब में रखता है यहां से न केवल कमीशन की नदियां बहती हैं बल्कि कुछ ऐसी सुविधाएं भी निकलने की खबर है जो किसी भी समाज के लिए शर्मनाक है। वर्ष 2020 में जब सरकंडा क्षेत्र स्थित उज्वला होम का कांड उजागर हुआ तब भी दबी जुबान से महिला आयोग की पत्रकार वार्ता में कई आरोप लगे उस समय तो एक आरोप यह भी था कि उज्जवला होम के कांड को पुलिस के ही कुछ अधिकारी कर्मचारी दबाने में लगे हैं तब भी महिला आयोग की अध्यक्ष बार-बार प्रश्नों के जवाब में यही उत्तर देती थी कौन अधिकारी उत्तरदाई है खुलकर नाम बताएं किंतु अधिकारियों की दहशत कुछ इस कदर है कि सब कोई नाम जानने के बावजूद नाम लेना नहीं चाहता है।
तब से लगभग 1 वर्ष बीत चुका इस विभाग की बिलासपुर जिले में समीक्षा बैठक नहीं होती, कोरोना तो बहाना है इसके पूर्व भी ढाई वर्षो में जब कभी भी महिला बाल विकास मंत्री बिलासपुर आई तो उनका कार्यक्रम विभागीय योजनाओं की समीक्षा से हटकर उद्घाटन और सम्मान समारोह रहता है। ऐसे में पीड़ित कर्मचारी और योजना के हितग्राही अपनी बात कहां रखें जनदर्शन पूर्व में एक ऐसा मंच था जहां पर आम फरियादी अपने आवेदन पत्र लेकर उपस्थित हो जाते थे किंतु कोरोना ने आम नागरिकों का वह लॉलीपॉप भी छीन लिया।
बिलासपुर / शौर्यपथ / कोलइंडिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कम्पनी एसईसीएल सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी उच्च निवेश कर रही है। कम्पनी द्वारा 40 मेगावाट की ग्राऊण्ड माऊन्टेड ग्रीड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। एक प्रमुख कोयला उत्पादक कम्पनी के इस वृहद सोलर परियोजना में निवेश को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उक्त सौर ऊर्जा संयंत्र एसईसीएल के भटगांव एवं बिश्रामपुर क्षेत्र के चिन्हित भूमि पर लगाया जाएगा। इस हेतु एसईसीएल मुख्यालय के न्यू टेक्नाॅलाॅजी विभाग द्वारा कोल लिग्नाईट ऊर्जा विकास प्रायव्हेट लिमिटेड (सीएलयूवीपीएल) को ’लेटर आॅफ अवार्ड’ जारी कर दिया गया है। यह कम्पनी कोलइण्डिया लिमिटेड एवं निग्वेली लिग्नाईट काॅरपोरेशन इण्डिया लिमिटेड का ज्वाईट वेंचर (जेवी) है जिसमें वर्तमान में प्रत्येक की बराबर की हिस्सेदारी है। लेटर आॅफ अवार्ड जेवी कम्पनी के द्वारा प्रस्तुत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेन्सी (पीएमसी) आॅफर के आधार पर जारी किया गया है जिस पर एसईसीएल बोर्ड की सहमति है। परियोजना की कुल लागत 148 करोड़ 60 लाख रूपये होगी।
परियोजना को कार्यान्वित करने वाली कम्पनी सीएलयूवीपीएल द्वारा प्रदाय सेवाओं में प्रोजेक्ट रिपोर्ट, टेण्डरिंग तथा परियोजना के अनुमोदन, परमिट प्राप्त करने एवं अन्य संबंधित कार्यवाही में एसईसीएल को सहयोग आदि शामिल हैं। वर्क अवार्ड के शर्तों के अधीन इस परियोजना की साईट स्टडी, टेस्टिंग व कमिशनिंग का कार्य 9 महिनों के भीतर पूरा कर लिया जाना है।
एसईसीएल की इस सोलर परियोजना को एक बड़े हरित पहल (ग्रीन इनेसिएटिव) के रूप में देखा जा रहा है।
एसईसीएल मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति अनुसार इस परियोजना के संचालित होने पर बिश्रामपुर एवं भटगांव क्षेत्र की वर्तमान ऊर्जा खपत का लगभग आधा हिस्सा सौर आधारित हो जाएगा। इस परियोजना का प्रोजेक्ट आईआरआर (इंट्रर्नल रेट आॅफ रिर्टन) 22.13 प्रतिशत (100 प्रतिशत इक्विटी रेशियो) है जिसे आर्थिक रूप से काफी लाभकारी माना जा रहा है। इस सोलर संयंत्र के आने से लगभग 60 हजार टन प्रति वर्ष की दर से कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। कम्पनी को संचालन के पहले वर्ष में, वार्षिक आधार पर लगभग 40 करोड़ रूपये की आर्थिक बचत होगी क्योंकि सोलर ग्रीड से मिलने वाली प्रति यूनिट ऊर्जा वर्तमान दर से लगभग आधी कीमतों पर मिलेगी।
विदित हो कि एसईसीएल आगामी 3 वर्षों में लगभग 142 मेगावाट सोलर ऊर्जा क्षमता विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
एसईसीएल प्रबंधन की ओर से इस अवसर पर अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री ए.पी. पण्डा, मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री बी.पी. शर्मा, निदेशक तकनीकी (संचालन) श्री एम.के. प्रसाद, निदेशक (वित्त/कार्मिक) श्री एस.एम. चैधरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) श्री एस.के. पाल ने परियोजना को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे निश्चय ही हरित पर्यावरण के हमारे प्रयासों को बल मिलेगा।
कोरबा / शौर्यपथ / कोरबा जिले में वर्ष 2021-22 में अपना उद्योग या व्यवसाय स्थापित करने के लिए युवाओं को ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। जिले में पात्र शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत उद्योग स्थापित करने, सेवा सेल की गतिविधियां, व्यवसाय करने के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए जिले के इच्छुक एवं पात्र अभ्यर्थी 31 जुलाई 2021 तक आवेदन कर सकते है। ऋण लेने के लिए अभ्यर्थी कार्यालय महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, कोरबा कलेक्टोरेट परिसर में स्वंय उपस्थित होकर कार्यालयीन समय में निर्धारित तिथि तक आवेदन जमा कर सकते है। उद्योगों की स्थापना के लिए अधिकतम 25 लाख रूपए सेवा क्षेत्र के लिए अधिकतम 10 लाख रूपए तथा व्यवसाय करने के लिए अधिकतम दो लाख रूपए तक का ऋण रियायती ब्याज पर दिया जायेगा। इस योजना के तहत सामान्य श्रेणी के उद्यमी को कुल परियोजना लागत का 10 प्रतिशत अधिकतम एक लाख तथा अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला भूतपूर्व सैनिक, नक्सल प्रभावित परिवार एवं विकलांग श्रेणी के लोगों को कुल लागत का 15 प्रतिशत अधिकतम एक लाख 50 हजार तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कोरबा ने बताया कि जिले के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों से स्व-रोजगार हेतु उद्यम स्थापना कर आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी एवं आत्म निर्भर बनाने के लिये शासन द्वारा मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना के तहत आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। उन्होंने बताया कि योजनांतर्गत ईच्छुक आवेदक को जिले का मूल निवासी होना अनिवार्य है। आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8वी पास निर्धारित किया गया है। आवेदक की आयु आवेदन दिनांक को सामान्य श्रेणी के उद्यमी के लिए 18 से 35 वर्ष के मध्य हो एवं आरक्षित श्रेणी अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला, भूतपूर्व सैनिक, नक्सल प्रभावित परिवार के सदस्य एवं विकलांग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट रहेगी। आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, वित्तीय संस्था, सहकारी बैंक का ऋण चूककर्ता नही हो। एक परिवार से मात्र एक ही व्यक्ति आवेदन कर सकेगा। आवेदक की परिवार की वार्षिक आय राशि रूपये तीन लाख से अधिक न हो। योजनांतर्गत लाभ लेने के लिए आवेदक तथा परिवार का कोई भी सदस्य पूर्व में किसी शासकीय योजना का लाभ न लिया हो। ऋण लेने से संबंधित अन्य जानकारी के लिए कार्यालय, महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, कोरबा में संपर्क कर सकते है।
बिलासपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य शासन को 4 मई 2021 को निर्देश दिए थे कि राज्य शासन, 18-44 वर्ष आयु वर्ग के अंत्योदय, बी पी एल और ए पी एल हितग्राहियों के वैक्सीनेशन के लिए अनुपात निर्धारित करे। इस आदेश के परिपालन मे राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है। उच्च न्यायालय ने आज प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य शासन द्वारा गरीबों के लिए जाहिर की गई चिंता को जायज मानते हुए कहा कि वरिष्ठ सचिव समिति शीघ्र ही इस संबंध में अनुशंसा प्रस्तुत करें। उसके बाद प्रकरण की अगली सुनवाई की जाएगीं। साथ ही उच्च न्यायालय ने कोविड 19 की भयावहता को देखते हुए कहा कि वरिष्ठ सचिव समिति की अनुशंसा आने में वक्त लगने की संभावना को देखते हुए, राज्य के अंत्योदय, बी पी एल और ए पी एल श्रेणी के 18 से 44 वर्ष के हितग्राहियों का एक तिहाई के अनुपात में टीकाकरण किया जाए। यह उच्च न्यायालय का अन्तरिम आदेश है।
राज्य शासन ने इस आदेश के परिपालन में निर्णय लिया है कि अंत्योदय, बी पी एल और ए पी एल श्रेणी के इस वर्ग के आयु समूहों के लिए जिलों में अलग-अलग वैक्सीनेशन सेन्टर बनाए जाएंगे। अंत्योदय और बीपीएल श्रेणी के लिए निर्धारित केन्द्रों में हितग्राहियों को निर्धारित आई.डी./दस्तावेज के साथ राशन कार्ड भी दिखाना होगा, जबकि एपीएल श्रेणी के निर्धारित केन्द्र में निर्धारित आई.डी., आाधार कार्ड, पेन कार्ड या अन्य मान्य दस्तावेज में से कोई एक दिखाना होगा, इसके लिए राशन कार्ड दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी। चूंकि राज्य शासन को इस श्रेणी के टीकाकरण के लिए केवल 1.50 लाख वैेक्सीन के डोज प्राप्त हुए हैं। अतः टीका समाप्त हो जाने पर सभी केन्द्रों मे सूचना दे दी जाएगी कि वैक्सीन समाप्त हो गई है और दोबारा वैक्सीन आने की सूचना विभिन्न प्रचार माध्यमों से सभी को दी जाएगी।
बिलासपुर / शौर्यपथ / जिले में कोविड मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मुहैया हो सके इसके लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। इसी सिलसिले में कलेक्टर डॉ सारांश मितर ने आज कोविड केयर सेंटर प्रभारी, सीएमएचओ, डीन, सिम्स प्रबंधन की बैठक लेकर निर्देश दिए कि संकट की इस घड़ी में लोगो को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना हमारा ध्येय है। सभी को अपना शत प्रतिशत लगाकर लोगों की जान बचाने का प्रयास करना है।
कलेक्टर कक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कोविड सेंटर प्रभारियों से विस्तृत समीक्षा की और निर्देश दिए कि कोविड सेंटर की व्यवस्थाओं को बेहतर करे ताकि इस मुश्किल समय में लोगों की जिंदगी बचा सकें। इसके अतिरिक्त उन्होंने सेंटर में दी रही सुविधाओं की भी गहन समीक्षा की।
सिम्स में कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण -
कलेक्टर ने सिम्स में संचालित कोविड केयर सेंटर का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों को भर्ती करने से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को स्वयं परखा। मरीजों को उपचार के दौरान दी जा रही सुविधाओं और अन्य चीजो को भी स्वयं देखा। उन्होंने सिम्स की डीन डॉ तृप्ति नागरिया को मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार उपलब्ध कराने कहा। उन्होंने इस दौरान डॉक्टरों से भी बातचीत कर उनकी परेशानियों को भी सुना।
इसके अतिरिक्त उन्होंने निर्माणाधीन 40 बिस्तर वाले कोविड सेंटर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां शीघ्र सेवा शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने परिसर का गहन निरीक्षण करते हुए मरीजों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने मेटरैस, साफ-सफाई, ऑक्सीजन पाइप लाइन आदि की व्यवस्था स्वयं देखी।
आयुर्वेदिक कॉलेज हॉस्पिटल में निर्माणाधीन कोविड केयर सेंटर की तैयारियों को देखा -
कलेक्टर ने आयुर्वेदिक कॉलेज हॉस्पिटल में बनाए जा रहे कोविड केयर सेंटर की तैयारियों का भी जायजा लिया। यहां 80 बेड का कोविड सेंटर बनाया जा रहा है जिसमें से 40 ऑक्सीजनेटेड बेड है। यहां की तैयारियां अंतिम चरण में है। जिसका कलेक्टर ने जायजा लिया।
कलेक्टर ने पूरे परिसर को देखा। साफ सफाई एवं दी जाने वाली अन्य सुविधाओं को देखकर आवश्यक निर्देश दिए।
बिलासपुर / शौर्यपथ / जिले के तखतपुर विकासखंड के ग्राम राजाकापा के कृषक श्री छोटू कैवर्त की आत्महत्या के मामले में कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की गई है। तखतपुर के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा हल्का नंबर 10, निगारबंद के पटवारी उत्तम प्रधान को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। निलम्बन आदेश के अनुसार हल्का क्षेत्र में आने वाले ग्रामों में कृषकों का कार्य नहीं करना अनुशासन हीनता तथा सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
निलम्बन अवधि में पटवारी का मुख्यालय सकरी होगा। निगारबंद पटवारी हल्के का प्रभार श्रीमती लक्ष्मी नायडू, पटवारी हल्का नंबर 11 को सौंपा गया है। मृतक कृषक श्री छोटे कैवर्त, उम्र 58 वर्ष के नाम पर 0.70 एकड़ भूमि है और उन पर कोई बैंक ऋण नहीं था। उनकी एक पुत्री का विवाह हो चुका है। दो पुत्रों में ड्राइवर तथा दूसरा कृषक है।
कृषक द्वारा की गई आत्महत्या के सम्बन्ध में तखतपुर पुलिस द्वारा पटवारी उत्तम प्रधान के खिलाफ धारा 306 आईपीसी तहत अपराध दर्ज कर एवं हिरासत में लेकर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
