December 07, 2025
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रायपुर

रायपुर (6277)

सेमरा,बोकराबेडा मार्ग मरम्मत के नाम पर लिपापोति की जा रही है।
3.10 k.m. लम्बी इस सडक मरम्मत के नाम पर शासन को धोखा दिया जा रहा है।
बजरी गिट्टी व डामर के डालने के स्थान पर, पूरानी सडक के उपर डामर आईल का स्प्रे कर रेत बिछाया जा रहा है।
सडक मरम्मत का काम कर रहे श्रामिकों व मुंशी ने बताया कि बडा गड्ढा होने पर ही मरम्मत के लिए बजरी गिट्टी का इस्तेमाल किया जाएगा।
उक्त सडक 4-5 वर्ष पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई थी।

सेमरा, बोकराबेडा मार्ग पूरी तरीके से जर्जर हो चुकी है ।जिसका मरम्मत कार्य किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया की ठेकेदार द्वारा सड़क मरम्मत के नाम पर लीपापोती कर, शासन को धोखा देने का कार्य किया जा रहा है।

जनपद कम्लेक्स, नगरी में संचालित आयुष ट्रेडर्स में सोमवार रात्रि लगभग 8 बजे आग लग जानेभ से अफरातफरी मच गई।
समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। वरना भारी नुकसान हो सकता था।
दुकानदार के अनुसार शाम को भगवान के फोटो के सामने दीपक जलाया गया था।
दीपक की जलती हुई बाती को चूहे ने प्लास्टिक सामानों के ढेर में ले जा के छोड़ दिया। जिसकी वजह से आग लग गई । अभी नुकसान का अनुमान नहीं लग पाया है

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की बधाई दी है। मुख्यमंत्री बघेल ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि बसंत पंचमी के दिन हम विद्या, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना करते हैं। यह ऋतु परिवर्तन का भी दिन है। इस दिन से ऋतुराज बसंत का आगमन होता है, इस समय प्रकृति अपना सर्वोच्च निखार लिए होती है इसलिए बसंत पंचमी को हरियाली और फसल के त्यौहार के रूप में भी मनाते हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कामना की है कि ऋतु परिवर्तन के साथ यह पर्व सभी के जीवन में नई उमंग, ऊर्जा और उत्साह का संचार लेकर आए।

रायपुर / शौर्यपथ / भारत से क्षय रोग को 2025 तक पूर्ण रुप से समाप्‍त करने के उद्देश्‍य से चलाए गए विशेष क्षय रोगी खोजी अभियान में 8 क्षय रोगी मिले हैं । ग्रामीण और शहरी मलिन बस्तियों को लक्षित करके चलाए गए इस अभियान में कुल 26,589 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी थी । साथ ही 705 संभावित व्यक्तियों की जांच की गई। जिसमें से 8 लोगों में टीबी की पुष्टी हुयी है जिनका पंजीकरण कर इलाज शुरू कर दिया गया है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल ने बताया ‘‘ ज़िले में सघन क्षय रोगी खोज अभियान जो कि विशेष रुप से जिले के शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती, खदान क्षेत्र, प्लांट क्षेत्र, अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम, हाई रिस्क क्षेत्र, जेल (महिला एवं पुरुष ) गिट्टी खदान क्षेत्र, राईस मिल क्षेत्र, में चलाया गया था ।उन्होंने कहा जिले के शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती क्षेत्र में कुल 18,072 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी । जिसमें 456 संभावित की विशेष जांच की गई उसमें से 6 लोगों में क्षय रोग के लक्षण मिले है ।वही खदान क्षेत्र में कुल 4,772 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 209 संभावित की विशेष जांच की गई उसमें से 2 लोगों में क्षय रोग के लक्षण मिले है ।टीम द्वारा हाई रिस्क क्षेत्र में 135 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी जिसमें 14 संभावित लोगों की विशेष जांच की गई थी ।लेकिन किसी में भी टीबी की पुष्टी नहीं हुयी है ।अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम में 245 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 24 संभावित लोगोंकी विशेष जांच की गई थी । किसी में भी लक्षण नहीं पाए गए ।राइस मिल और धान खरीदी क्षेत्रों में भी 3065 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जहां पर 2 संभावित की विशेष जांच की गई किसी में भी लक्षण नहीं मिले ।जिले में कुल 8 लोगों में लक्षण मिले हैं जिनका नियमित रूप से निशुल्क इलाज शुरू कर दिया गया है ।’’
14 टीमों के द्वारा चलाया गया अभियान
सघन टीबी रोगी खोज अभियान में विभाग ने 14 टीमें लगाई थी । प्रत्येक टीम में 4 से 5 सदस्य रखे गये थे ।टीबी सुपरवाइजर,मितानिन, आंगनवाडी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्थानिय एनजीओ कार्यकर्ताओं का भी विशेष सहयोग रहा है , इस दौरान 8 नए लोगों में टीबी की पुष्टि भी हुई है।

पंजीकरण और इलाज पर जोर
क्षय रोगी खोजी अभियान में यह भी बताया जा रहा है कि अगर उनके यहां कोई भी क्षय रोग से सम्‍बन्धित किसी का इलाज चल रहा है तो उनको क्षय रोग कार्यालय में पंजीकृत कराएं। ताकि उन्‍हें बेहतर दवाएं निशुल्क मिलें और उनका इलाज करने के साथ ही उन्‍हें पोषण भत्‍ता दिलाया जा सके।
ऐसे लक्षण दिखे तो जांच जरूरी
दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी का आना। खांसी के साथ बलगम और बलगम के साथ खून आना। वजन घटना। बुखार, सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार, रात में बेवजह पसीना आना। कम भूख लगने जैसी जैसी शिकायत है तो एक बार अपनी जांच जरुर करा लें। समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।

भारत से क्षय रोग को 2025 तक पूर्ण रुप से समाप्तल करने के उद्देश्यय से चलाए गए विशेष क्षय रोगी खोजी अभियान में 8 क्षय रोगी मिले हैं । ग्रामीण और शहरी मलिन बस्तियों को लक्षित करके चलाए गए इस अभियान में कुल 26,589 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी थी । साथ ही 705 संभावित व्यक्तियों की जांच की गई। जिसमें से 8 लोगों में टीबी की पुष्टी हुयी है जिनका पंजीकरण कर इलाज शुरू कर दिया गया है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल ने बताया ‘‘ ज़िले में सघन क्षय रोगी खोज अभियान जो कि विशेष रुप से जिले के शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती, खदान क्षेत्र, प्लांट क्षेत्र, अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम, हाई रिस्क क्षेत्र, जेल (महिला एवं पुरुष ) गिट्टी खदान क्षेत्र, राईस मिल क्षेत्र, में चलाया गया था ।उन्होंने कहा जिले के शहरी और ग्रामीण मलिन बस्ती क्षेत्र में कुल 18,072 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी । जिसमें 456 संभावित की विशेष जांच की गई उसमें से 6 लोगों में क्षय रोग के लक्षण मिले है ।वही खदान क्षेत्र में कुल 4,772 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 209 संभावित की विशेष जांच की गई उसमें से 2 लोगों में क्षय रोग के लक्षण मिले है ।टीम द्वारा हाई रिस्क क्षेत्र में 135 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी जिसमें 14 संभावित लोगों की विशेष जांच की गई थी ।लेकिन किसी में भी टीबी की पुष्टी नहीं हुयी है ।अनाथ आश्रम एवं वृद्ध आश्रम में 245 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 24 संभावित लोगोंकी विशेष जांच की गई थी । किसी में भी लक्षण नहीं पाए गए ।राइस मिल और धान खरीदी क्षेत्रों में भी 3065 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जहां पर 2 संभावित की विशेष जांच की गई किसी में भी लक्षण नहीं मिले ।जिले में कुल 8 लोगों में लक्षण मिले हैं जिनका नियमित रूप से निशुल्क इलाज शुरू कर दिया गया है ।’’
14 टीमों के द्वारा चलाया गया अभियान
सघन टीबी रोगी खोज अभियान में विभाग ने 14 टीमें लगाई थी । प्रत्येक टीम में 4 से 5 सदस्य रखे गये थे ।टीबी सुपरवाइजर,मितानिन, आंगनवाडी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्थानिय एनजीओ कार्यकर्ताओं का भी विशेष सहयोग रहा है , इस दौरान 8 नए लोगों में टीबी की पुष्टि भी हुई है।
पंजीकरण और इलाज पर जोर
क्षय रोगी खोजी अभियान में यह भी बताया जा रहा है कि अगर उनके यहां कोई भी क्षय रोग से सम्ब न्धित किसी का इलाज चल रहा है तो उनको क्षय रोग कार्यालय में पंजीकृत कराएं। ताकि उन्हेंे बेहतर दवाएं निशुल्क मिलें और उनका इलाज करने के साथ ही उन्हें पोषण भत्तार दिलाया जा सके।
ऐसे लक्षण दिखे तो जांच जरूरी
दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी का आना। खांसी के साथ बलगम और बलगम के साथ खून आना। वजन घटना। बुखार, सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार, रात में बेवजह पसीना आना। कम भूख लगने जैसी जैसी शिकायत है तो एक बार अपनी जांच जरुर करा लें। समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2021 के निर्धारित कार्यक्रम अनुसार स्वास्थ्य विभाग धमतरी से समन्वय स्थापित कर सिहावा चौक बस स्टॉप के पास स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।

उक्त शिविर में वाहन चालकों का जिला अस्पताल के नेत्र सहायक श्री पी.एन. साहू, श्री संतोष साहू, श्री गुरु शरण साहू एवं श्री भूपेंद्र साहू के सहयोग से वाहन चालकों का स्वास्थ्य/नेत्र परीक्षण कराया गया तथा उन्हें घायल व्यक्तियों के प्राथमिक उपचार संबंधी प्रशिक्षण देकर यातायात नियमों का पालन करने समझाइश दी गई। सहायक उप निरीक्षक अनिल केसरवानी द्वारा वाहन चालकों को यातायात नियमों, संकेतों, चिन्हों आदि का पालन करने की समझाइश देते हुए यातायात जन जागरूकता पाम्पलेट वितरण किया गया।

थाना सरोना अंतर्गत, मकान नं 59, ग्राम पंचायत सिंगनपुर, नरहरपुर,कांकेर निवासी
श्रीमती रुकमणी तिवारी, पति गोकुल राम तिवारी, पिछले 20 नवम्बर से लापता है।
दो माह से भी अधिक, समय से परिजन उनकी पतासाजी में जुटे हुये है।
पर अब तक उनके बारे में किसी भी तरह की जानकारी नही मिल पाई है।
परिजनों ने अपील की है कि उक्त महिला को कही भी देखे जाने या जानकारी इन मोबाईल नम्बरों पर देने का कष्ट करें
no. 9993607828, 9098539030, 9479084100

प्रदेश में कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए ‘’स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान’’ का आयोजन किया जा रहा है जिसFCके तहत ज़िले के विकासखण्ड आरंग, अभनपुर,धरसीवां और तिल्दा में प्रचार प्रसार कर कुष्ठ पहचान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं । साथ ही शहरी वार्ड और ग्राम पंचायत एवं आश्रित ग्रामों में ‘’स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान’’ के लिये ग्राम सभा, भी आयोजित की जा रही है ।
अभियान की जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी डॉ.अनिल परसाई ने बताया,“महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में 30 जनवरी से 13 फरवरी 2021 तक ”स्पर्श कुष्ठ जागरुकता पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है l लोगों तक कार्यक्रम की जानकारी पहुँचाने के लिए प्रचार प्रसार के माध्यम का सहारा लिया जा रहा ताकि इसके प्रति भय और भ्रांतियों को दूर किया जा सके। इसके लिए शहरी वार्डों एवं समस्त ग्राम पंचायतों में माइक्रो प्लान बनाकर प्रत्येक ग्राम सभा में स्वास्थ विभाग की ओर से बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एनएमए) महिला एवं पुरुष , मितानिने और मितानिन प्रशिक्षक समस्त बहुउद्देशीय स्वास्थ्य पर्यवेक्षक (महिला एवं पुरुष) विभागीय कार्यकर्ताओं द्वारा ग्राम सभा में ‘’स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान’’विषय पर परिचर्चा की जा रही है ।
कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिये लक्ष्य प्रति दस हजार की जनसंख्या में एक या एक से कम लाने का प्रयास भी किया जा रहा। इसके लिए कुष्ठ रोग विभाग की एनएमए की टीम घर-घर जाकर लोगों में लक्षण नजर आने पर जांच कर रही है । साथ ही 30 जनवरी से 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान को व्यापक स्तर से चलाने हेतु ग्राम सभाओं का आयोजन, वॉल पेंटिंग और प्रचार–प्रचार किया जा रहा है । इस दौरान अनिवार्य रूप से कोविड-19 गाइडलाइन का अनुपालन किया जा रहा है।
डॉ. परसाई ने कहा “कुष्ठ से प्रभावित दो तरह के मरीजों के होने की संभावना देखी जाती है। एक मल्टीबेसिलरी और दूसरा पोसिबेसिलरी। मल्टीबेसिलरी मरीज को 12 माह और पोसिबेसिलरी मरीज को छह माह तक दवा लेनी होती है। हमारे समाज में आज भी अंधविश्वास के कारण कई लोग पूर्व जन्म का पाप मानते हैं ऐसे छुपे हुए रोगी ही कुष्ठ रोग का प्रसार करते हैं, जबकि यह बीमारी एक जीवाणु (लेप्रा बेसीलाई) के कारण होता है। कुष्ठ रोग के कारण प्रभावित अंगों में अक्षमता एवं विकृति आ जाती है, इसलिए छुपे हुए केस को जल्दी से जल्दी खोज कर एवं जांच उपचार कर कुष्ठ रोग का प्रसार रोका जा सकता है और सामाज को कुष्ठ मुक्त कर सकते हैं”।

नगरी विकासखंड के ग्राम पंचायत उमरगांव का जहाँ के वार्ड क्रमांक 12 के एक महिला पंच ने मनरेगा अंतर्गत ग्राम में हुए विभिन्न निर्माण कार्यों में न सिर्फ अपना नाम बल्कि अपने सास ससुर तक का फर्जी हाजिरी मस्टररोल में भरवाया है और राशि तक आहरण की जा चुकी है। इस सम्बन्ध में जब ग्रामीणों को पता चला तो उन्होंने जनदर्शन में लिखित शिकायत पत्र कलेक्टर को सौंपकर सम्बंधित पंच को तत्काल बर्खास्त कर नियमानुसार क़ानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।उमरगांव के ग्रामीण महेश अग्रवाल, लिलम्बर शेष ग्राम पटेल, ओमप्रकाश नेताम, अंगेश हिरवानी, देवेन्द्र सेन ने बताया की उक्त पंच एवं उनका परिवार आज तक ग्राम पंचायत में हुए मनरेगा कार्यों में उपस्थित तक नही हुए और वित्तीय वर्ष 2020-21 में उनका एवं उनके परिवार के नाम पर 40 दिन का हाजिरी दिखा रहा है, जिन कार्यो में उन लोगो का नाम है वे सभी मजदूरी मूलक कार्य है।ग्राम उमरगांव के किसी भी व्यक्ति को यदि पूछा जाये की उक्त लोगो ने गोदी मजदूरी का कार्य किये हैं तो हर कोई हैरान हो जायेगा।वार्ड पंच द्वारा किया गया यह कृत्य मनरेगा अधिनियम 2005 का सरासर उल्लंघन है तथा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार दोषी व्यक्ति पर क़ानूनी कार्यवाही की बात कही गयी है।ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से मांग की है कि ऐसे प्रतिनिधि जो अपने पद का दुरूपयोग कर गरीब मजदूरों के मुँह का निवाला छीनते है ऐसे लोगो पर तत्काल जाँच कमेटी तैयार कर दोषी के विरुध्द क़ानूनी कार्यवाही कर पद से बर्खास्त करने की मांग की हैं।जनदर्शन में लिखित शिकायत करने वालों में बेददास मानिकपुरी, नरेश सिन्हा, मेघराज ध्रुव, सत्यनारायण साहू, कृष्णा वैष्णव, केशनाथ पुजारी, प्रह्लाद मरकाम, मिथलेश ध्रुव, मोंटू मरकाम, गजेन्द्र साहू सहित ग्रामवासी शामिल रहे।

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