January 05, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

     दुर्ग / शौर्यपथ / नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष के अप्रैल माह के अंत से प्रारंभ होकर मई माह के प्रथम सप्ताह तक दुर्ग शहर के तालाबों में निस्तारी हेतु पानी भरा जाता है, जिससे नागरिक गण नहाने धोने जैसा निस्तारी का काम भी करते हैं साथ ही भूगर्भ जल में वृद्धि भी होती है जिससे हमारे अनेक माध्यमों जैसे नल बोरिंगो में पेयजल उपलब्ध हो जाता है ।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राजा जगतपाल की इस नगरी में भूजल संरचना इतनी सुंदर है, कि यदि शहर के तालाबों में ग्रीष्म ऋतु में पानी भर दिया जाए तो इस शहर में कभी जल संकट आ नहीं सकता इसलिए इस शहर के तालाबों को संरक्षित एवं सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है । किंतु महापौर जी की निगम कार्य में रुचि नहीं होने के कारण दुर्ग शहर के कई तालाबों में पानी नहीं भर पाया जिससे उक्त क्षेत्र में निस्तारी के लिए जनता त्राहि-त्राहि हो रही है ।
     इस आशय की जानकारी देते हुए नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा सहित भाजपा के सभी पार्षदों श्रीमती गायत्री साहू, चंद्रशेखर चंद्राकर, काशीराम कोसरे, नरेंद्र बंजारे, देवनारायण चंद्राकर, चमेली साहू, नरेश तेजवानी, लीना दिनेश देवांगन , मनीष साहू , अजीत वैद्य, ओम प्रकाश सेन, हेमा शर्मा ,शशि द्वारिका साहू ,पुष्पा गुलाब वर्मा ,कुमारी बाई साहूने कहा कि कातुलबोड़ वार्ड 59 का आमा तालाब वार्ड 15 का सिकोला बस्ती तालाब वार्ड 22 का कैलाश नगर तालाब एवं वार्ड 54 पोटिया कला डबरी तालाब में निगम प्रशासन बिल्कुल भी पानी नहीं भरवा पाई साथ ही पोटिया कला का बड़ा तालाब एवं वार्ड 23 दीपक नगर का रेवा तालाब आंशिक रूप से भर पाया शहर के और जो भी तालाब नहर पानी से भरा गया है वह भी स्थानीय पार्षदों एवं सफाई कर्मियों के सहयोग से भरा गया है ।
          देश में मानसून के दस्तक देने के पश्चात विधायक जी तालाबों को भरने बैठक लेते हैं, और अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि इन तालाबों को भरा जाए साथ ही शहर वासियों को अधिकारियों के हवाले से तालाब भरने का झूठा आश्वासन देते हैं । इस विषय में नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा एवं भाजपा पार्षदों ने विधायक जी से मांग करते हुए कहा कि आप जनता को झूठा आश्वासन न देकर ठोस काम करें इस बार तालाब नहीं भरने की जो चूक हुई है उसकी पुनरावृत्ति ना हो ताकि आगामी वर्षों में शहर के नागरिकों को इस संकट का सामना ना करना पड़े ।

// मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से चर्चा कर जानी उद्योगों की समस्याएं : समाधान के लिए हर संभव सहयोग का दिया आश्वासन
// छत्तीसगढ़ इंडस्ट्रियल हब बने, स्थानीय लोगों को रोजगार और राज्य सरकार को उद्योगों से मिले राजस्व
// उद्योगपतियों ने कहा: नई सरकार बनने के बाद प्रदेश में बना अच्छा औद्योगिक वातावरण

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री बघेल ने लॉक डाउन के बाद प्रदेश में शुरू हुए उद्योगों में कोरोना संक्रमण से बचाव की गाईड लाइन सहित सभी एहतियाती उपायों का गंभीरता से पालन करने की जरूरत पर बल दिया है। श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में उद्योगपतियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के 60 से 70 दिनों बाद औद्योगिक गतिविधियां प्रारम्भ हुई हैं, ऐसे में यह आवश्यक है कि उद्योगों में काम करने वाले संक्रमण से सुरक्षित रहें। काम करने वालों के स्वास्थ्य की जांच सहित गाइड लाइन का पालन किया जाए और स्थानीय उद्योगों में काम करने वाले लोगों को बाहर से आने वाले लोगों के सम्पर्क से दूर रखा जाए।
         मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान उद्योगों की समस्याओं की जानकारी ली और उद्योगपतियों को उनके समाधान के लिए राज्य सरकार के स्तर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की यह मंशा है कि छत्तीसगढ़ इंडस्ट्रियल हब बने, यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और राज्य सरकार को भी उद्योगों से राजस्व की प्राप्ति हो। उद्योगपतियों ने चर्चा के दौरान कहा कि नई सरकार बनने के बाद प्रदेश में अच्छा औद्योगिक वातावरण बना है। अधिकारी उद्योगों की समस्याएं सुन रहे हैं और उनके निराकरण का प्रयास भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा कि कोरोना संकट से यह सीख मिली है कि उद्योगों के संचालन में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए। स्थानीय श्रमिकों को उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण देकर उनके कौशल का उन्नयन किया जाए। साथ ही स्थानीय विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएं। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाहर से आने वाले श्रमिकों की स्किल मैपिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। मैपिंग के बाद श्रमिकों की तैयार की जाने वाली सूची से उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार दक्ष श्रमिकों की सेवाएं लेने में आसानी होगी।
          बैठक में उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पुरानी औद्योगिक नीति के तहत स्थापित उद्योगों को उस समय की औद्योगिक नीति में दी जाने वाली रियायतों का लाभ मिलना चाहिए। उद्योगपतियों ने भूखण्डों को फ्री होल्ड करने के नियमों में संशोधन के लिए भी आग्रह किया। उन्होंने बताया कि फ्री होल्ड हेतु भूखण्ड के लिए जो सीमा निर्धारित की गई है, उससे बड़े आकार के भूखण्डों पर उद्योग स्थापित हैं इसलिए इस प्रावधान का लाभ उद्योगों को नहीं मिल पा रहा है। उद्योगपतियों ने भूमि अधिग्रहण में आ रही दिक्कतों और उद्योगों के लिए जलकर की दरों के संबंध में भी ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों की इन समस्याओं के निराकरण के लिए गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
        बैठक में मेसर्स श्री सीमेंट लिमिटेड के रवि तिवारी, मेसर्स आर.आर. इस्पात के दिनेश अग्रवाल, मेसर्स मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना रिफायनरी प्रायवेट लिमिटेड के अनिल कुमार अग्रवाल, एस.के.एस इस्पात एण्ड पावर लिमिटेड के हरिहरण, मेसर्स प्रकाश इंडस्ट्रिज लिमिटेड ए.के. चतुर्वेदी, मेसर्स गोपाल स्पंज एंड पावर लिमिटेड के विजय आनंद झावर, मेसर्स रामा पावर एंड स्टील प्रायवेट लिमिटेड के संजय गोयल, मेसर्स बजरंग एलायस लिमिटेड के नरेन्द्र गोयल, मेसर्स गोयल जेनिथ एग्रो प्रायवेट लिमिटेड के श्री विरेन्द्र गोयल भी उपस्थित थे।

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य में मात्र 53 रूपये प्रति क्विंटल बढ़ाया है। यह ऊॅट के मूंह में जीरा की तरह है। एक तरफ किसानो से वोट लेते समय भाजपा किसानो की आमदनी दोगुना करने की बात करती है वही धान का मूल्य निर्धारण करते समय मात्र 53 रूपये की वृद्धि करता है। भाजपा पूर्व में 2013 के चुनाव में 2100 रूपये समर्थन मूल्य एवं 300 रूपये बोनस देने की बात कही थी। आज समर्थन मूल्य उसी के अनुसार भी दे देते तो किसानो के साथ न्याय हो जाता।
साहू ने आगे कहा है कि हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी पिछले साल से ही किसानो के धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपये दे दिये है। उसके बाद अब केन्द्र सरकार द्वारा 1868 रूपये की घोषणा हमारे छत्तीसगढ़ के किसान के लिए घोर निराशा का विषय है। यह समर्थन मूल्य अभी भी छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल द्वारा दिये जा रहे धान के मूल्य से 632 रूपये कम है। मोदी सरकार की घोषणा से छत्तीसगढ़ के किसानो को निराशा और हताशा हाथ लगी है। केन्द्र में मोदी जी की सरकार स्वामीनाथन कमेटी सिफारिश लागू करेगे कहकर सत्तासीन हुई थी। आज 6 वर्ष व्यतित होने के बाद भी मोदी सरकार की किसानो के प्रति सोच नही बदली।
कृषि लागत का डेढ़ गुना देने की बात केन्द्र की सरकार ने सत्ता मे आने के पहले रखी थी। अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने सिर्फ 460 रूपये की वृद्धि की है जबकि यू.पी.ए. कांग्रेस कार्यकाल में 890 रूपये की वृद्धि की थी। 53 रूपये की बढ़ोत्तरी किसानो के साथ भद्दा मजाक है। किसानों की कृषि लागत लगातार बढ़ती ही जा रहा है। डीजल, खाद, बीज, मजदूरी सभी की दरो में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी हो गयी है। किसानो को उम्मीद थी कि धान का समर्थन मूल्य 2500 से अधिक होगा लेकिन मोदी सरकार की इस घोषणा से किसानो के साथ भद्दा मजाक हुआ है। किसान घोर उपेक्षा का शिकार हुए है। किसान नेता, विधायक, पूर्व अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू, ने केन्द्र सरकार से मांग किया है कि किसानो के साथ जो अन्याय हुआ है एवं छला गया है उसे कम से कम अपने घोषणा के अनुरूप 2500 रूपये क्विंटल देवे।
कोरोना 19 के विषम परिस्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ की आर्थिक पैकेज की जो घोषणा की गई है वह भी किसानो के लिए निरर्थक है। पूर्व मंत्री एवं विधायक धनेन्द्र साहू ने 20 लाख करोड़ के पैकेज में किसानो को प्रति क्विंटल के हिसाब से 700 रूपये प्रदान करने की मांग की है ताकि किसानो को इस विषम परिस्थिति में सहायता मिल सके।

नई दिल्ली /शौर्यपथ  / देश की राजधानी दिल्?ली में कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक स्?तर पर पहुंचता नजर आ रहा है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना के केसों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. पिछले 24 घंटों में यह 1513 मामले सामने आए. देश की राजधानी में एक दिन में कोरोना केसों के मामले में यह नया रिकॉर्ड है. दिल्?ली में अब तक कोरोना के 23645 मामले सामने आ चुके हैं. कुछ राहत की बात यह है कि पिछले 24 घंटों में 299 मरीज ठीक हुए हैं. इन्?हें मिलाकर अब तक कुल 9542 मरीज कोराना संक्रमण से उबर चुके हैं. पिछले 24 घंटों में यहां 9 मरीजों की मौत हुई लेकिन 15 अप्रैल से लेकर 30 मई के बीच 41 मौतों की लेट रिपोर्टिंग हुई. जिसके चलते मौत का आंकड़ा 556 से बढ़कर 606 हो गया है. राजधानी में कोरोना से रिकवरी रेट-40.35त्न, डेथ रेट 2.56त्न है.
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने कोविड-19 की टेस्टिंग को लेकर नई स्ट्रेटेजी जारी की है. वैसे, दिल्?ली ही नहीं, देश में कोरोना के केसों की संख्?या बेहद तेजी से बढ़ रही है. देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 8,909 नये मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बुधवार को 2,07,615 हो गयी, वहीं 217 लोगों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 5,815 हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 1,01,497 लोगों का उपचार चल रहा है और अब तक 1,00,302 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. वहीं एक व्यक्ति देश से बाहर जा चुका है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 48.31 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.

नई सिल्ली / एजेंसी / देश में किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले, वे देश में कहीं भी जाकर अपनी उपज बेच सकें इसके लिए मोदी कैबिनेट ने दो अहम अध्यादेशों को मंज़ूरी दे दी है. सरकार अब एक नए कानून के जरिए "वन नेशन, वन मार्केट" की तजऱ् पर देश के किसी भी हिस्से में किसानों को उनकी उपज बेचने की सुविधा मुहैया कराएगी.
कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले, उनकी कमाई बढ़े, इसके लिए मोदी कैबिनेट ने बुधवार को 'एक देश, एक कृषि बाजारÓ के लिए कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंज़ूरी दे दी. इसके जरिए किसानों को अपना उपज किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने की आज़ादी होगी. इससे कृषि उपज का बाधा मुक्?त अंतर-राज्?य व्?यापार संभव हो सकेगा. किसानों को अपना उत्पाद मंडी ले जाने की बाध्यता नहीं होगी. एक देश एक मार्केट भावना को बढ़ावा मिलेगा.
दूसरे अहम फैसले में मोदी कैबिनेट ने आवश्?यक वस्?तु अधिनियम में संशोधन के जरिए अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्?याज और आलू जैसी वस्?तुओं को आवश्?यक वस्?तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया है. सरकार का दावा है कि इस फैसले से उत्?पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति करने की आजादी से व्?यापक स्?तर पर उत्?पादन करना संभव होगा. सिर्फ अकाल, युद्ध, कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में ही इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा.
साथ ही, कैबिनेट ने 'मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश- 2020Ó को भी स्वीकृति दे दी है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसर्स), एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुडऩे में सक्षम बनाएगा.

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सामान्य एपीएल राशनकार्ड में परिवर्तन करने या राशनकार्ड समाप्त करने का कोई प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन नही है। प्रदेश के 9.19 लाख राशनकार्डधारी सामान्य परिवारों के 29.45 लाख सदस्यों को योजना का लाभ मिल रहा है। नागरिकों द्वारा एपीएल एवं अन्य योजना के नवीन राशनकार्ड के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र पूर्ण रूप से भरकर आवश्यक दस्तावेज सहित ग्राम पंचायत या नगरीय निकाय में प्रस्तुत करने पर नियमानुसार नवीन राशनकार्ड जारी किया जाएगा। राज्य में नवीन सामान्य (एपीएल) राशनकार्ड बनाने की कार्यवाही निरंतर जारी है।
सामान्य, एपीएल राशनकार्डधारियों को प्रतिमाह राज्य शासन द्वारा निर्धारित पात्रता अनुसार 10 रूपए प्रतिकिलो की दर पर चावल प्रदाय किया जा रहा है। राज्य में एपीएल राशनकार्डधारियों को माह अक्टूबर 2019 से खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। माह अप्रैल 2020 में 7.45 लाख राशनकार्डधारियों द्वारा 21,756 टन चावल का उठाव उचित मूल्य दुकानों से किया गया। माह जून के लिए आबंटित खाद्यान्न का वितरण जारी है। अभी तक 12, 610 राशनकार्डधारियों द्वारा चावल का उठाव किया गया है। माह जुलाई 2020 के लिए सामान्य, एपीएल चावल का भण्डारण 30 जून 2020 तक उचित मूल्य दुकानों में किया जाएगा।
लॉकडाउन होने से विभिन्न राज्यों से वापस आये छत्तीसगढ़ के श्रमिकों प्रवासी व्यक्तियों जिनके पास राशनकार्ड नही है, उन्हें ऑफलाईन आवेदन के साथ ऑनलाईन आवेदन करने की सुविधा दी गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रवासी श्रमिकों जिनके पास केन्द्र या राज्य सरकार की पीडीएस योजना के तहत राशनकार्ड नहीं है, उन्हें मई व जून में प्रति सदस्य 5 किलो चावल व प्रति परिवार एक किलो चना नि:शुल्क दिया जा रहा है। राज्य में प्रवासी व्यक्तियों व श्रमिकों का चिन्हांकन एवं पंजीयन कराकर उन्हें उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। इसके लिए राज्य में 10 हजार 38 टन चावल और 528.30 टन चना का आबंटन प्रतिमाह जारी किया जा रहा है। खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए प्रवासी श्रमिकों एवं व्यक्तियों का पंजीयन खाद्य विभाग की जनभागीदारी वेबसाईट ीजजचेरूाींकलंण्बहण्दपबण्पदध्बपजप्रमदध्बपजप्रमदीवउमण्ेंचग में ऑनलाईन पंजीयन का प्रावधान है। इसके माध्यम से प्रवासी व्यक्ति तथा श्रमिक सीधे अपना पंजीयन कर सकते हैं। अथवा जिला प्रशासन के माध्यम से करवा सकते हैं। प्रवासी व्यक्तियों एवं श्रमिकों के पंजीयन की सुविधा के लिए मोबाइल एप्प भी विकसित किया जा रहा है।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश में विकासखण्ड स्तर पर स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आईटीआई के साथ…

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों और अन्य व्यक्तियों को मई-जून माह के लिए 5-5 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति एवं 1-1 किलोग्राम चना प्रति कार्ड नि:शुल्क दिया जाएगा।
खाद्य विभाग द्वारा आज मंत्रालय महानदी भवन से जारी आदेश के अनुसार भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत हितग्राहियों की पहचान के लिए आधार नंबर नहीं होने पर मतदाता परिचय पत्र, पैन कार्ड, किसान फोटो पासबुक अथवा राज्य शासन, जिला प्रशासन द्वारा जारी अन्य कोई फोटोयुक्त परिचय पत्र को भी मान्य किया जाएगा।
भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 23 मार्च 2020 से लेकर आत्मनिर्भर भारत योजना लागू होने तक छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जिन राशन कार्ड विहीन प्रवासी व्यक्तियों का राशन कार्ड राज्य योजना के तहत जारी किया गया है। ऐसे राशन कार्ड धारियों को भी मई-जून 2020 में खाद्यान्न और चने का वितरण किया जाएगा। खाद्य विभाग द्वारा राज्य के सभी कलेक्टरों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस ग्रहण को भारत, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा।

शौर्यपथ

साल 2020 में कुल 6 ग्रहण लगेंगे। जिसमें पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लगने जा रहा है। इस ग्रहण को भारत, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा। लेकिन उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण इसका असर नहीं पड़ेगा। वैदिक काल में उपच्छाया ग्रहण को ग्रहण की
है। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपच्छाया से ही वापस लौट जाता है। ऐसी स्थिति में चांद पर एक धुंधली सी परत नजर आती है। वास्तविक चंद्र ग्रहण की तरह इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चांद के आकार पर कोई असर नहीं पड़ता और ना ही चंद्रमा का कोई भाग ग्रस्त होता दिखाई देता है। इस ग्रहण के समय चंद्र की हल्की सी कांति मलीन हो जाती है। जिससे चंद्रमा के आगे एक धूल धून की छाया नजर आयेगी। ये ग्रहण विशेष तरह के उपकरणों से ही आसानी से समझा जा सकता है।

 इस चंद्र ग्रहण का प्रारंभ 10 जनवरी की रात 10 बजकर 39 मिनट पर होगा, इसका सबसे ज्यादा प्रभाव 12.39 ए एम (11 जनवरी) पर रहेगा और इसकी समाप्ति 02.40 ए एम (11 जनवरी) पर होगी। ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 1 मिनट की होगी। हिंदू पंचांग अनुसार चंद्र ग्रहण मिथुन राशि में पौष शुक्ल पूर्णिमा के दिन पुनर्वसु नक्षत्र में लग रहा है। इसलिए मिथुन राशि के जातकों पर इस ग्रहण का थोड़ा बहुत असर पड़ सकता है।

चंद्र ग्रहण लगने के धार्मिक कारण...
चंद्रग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आकर चंद्र पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी को रोक देती है जिससे कि चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आने लगता है। विज्ञान अनुसार इसी तरह चंद्र ग्रहण लगता है। कुल तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण होते हैं। एक पूर्ण, दूसरा आंशिक और तीसरा पीनम्ब्रल यानी उपच्छाया। ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण ही 10 जनवरी को लगने जा रहा है।

 

नगरी : शासकीय हाईस्कूल टांगापानी में छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के सरस्वती निःशुल्क सायकल वितरण योजना के अन्तर्गत पात्र 30 हितग्राही छात्राओं को स्वास्थ्य विभाग के गाईड लाईन के तहत सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संस्था के प्राचार्य डॉ. शैल चन्द्रा ने सायकल प्रदान की. उन्होने छात्राओं को इस कल्याणकारी योजना की उपादेयता समझाते हुए उच्च अध्ययन हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर निःशुल्क सायकल योजना प्रभारी डी०के० सोन, बी०डी० बैरागी,के० एल० साहू, एम०एल० ध्रुव, एम० के० सोन, सी०के० देवांगन तथा महेश्वर नेताम उपस्थित थे।

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