March 14, 2025
Hindi Hindi
Uncategorised

Uncategorised (32653)

अन्य ख़बर

अन्य ख़बर (5860)

धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

 धमतरी ब्यूरो /शौर्य पथ

 

भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बलजी छाबड़ा ने राज्य सरकार से मांग की है कि आज ही के दिन सन 1975 में लगाए गए इमरजेंसी आपातकाल मे मीसा बंदियों रहे व उनके परिजन को रुकी हुई पेंशन जल्द से जल्द दें छाबड़ा ने बताया कि नगरी तहसील से दो लोग मीसाबंदी हुए थे जिन्हें छत्तीसगढ़ की रमन सिंह की सरकार सम्मान निधि के तौर पर पेंशन दिया करती थी जिसे कांग्रेस की भूपेश सरकार ने पद पर आसीन होते ही रोक लगा दी यह केंद्र सरकार द्वारा किया गया कृत्य मीसा बंदियों को दिया गया सम्मान का अपमान है सरकार किसी की भी हो किसी को भी सम्मान देने के बाद उसका अपमान केंद्र सरकार को करना शोभा नहीं देता नगरी नगर से मीसा बंदियों के परिजन विमला बाई सोम पति स्वर्गी भानु रामजी सोम व चरणजीत कौर छाबड़ा पति स्वर्गीय श्री सतनाम सिंह छाबड़ा मीसा बंदी रहे आपात काल के समय की याद दिलाते हुए कहा कि 25 जून 1975 की मध्यरात्रि इस देश की सबसे बडी काली अमावस्या है, जहां हमारी सारी लोकतांत्रिक मान्यताओं, सनातन के सारे संस्कारो को एक झटके में एक तानाशाही मनोवृत्ति की श्रीमती इंदिरा गांधी ने पद पर बनी रहने, इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उनका चुनाव रद्ध किये जाने के निर्णय के बावजूद देश पर आपातकाल थोपा । देश में एक व्यक्ति बना रहे, इसके लिये बिना कोई कारण के आपातकाल लगाया, देश की भीतरी बाहरी स्वतंत्रता को गंभीर खतरों का झूठा वितान खींचा गया। देश पर संकट बताकर आपातकाल लगा दिया आज हम आपातकाल की 41 वीं वर्षी पर पहुँच गये हैं जिन लोगों ने लोकतंत्र के लिये 26 जून 1975 से संघर्ष किया जेल गये, जेल के बाहर लड़ते रहे, उनमें से आधे लोग हमारे बीच नहीं हैं जो जवानी में जेल गये थे। वे प्रौढ़ावस्था पार कर चुके हैं। पर हमारी छत्तीसगढ़ की सरकार ऐसे परिजनों का साधु लेना ही नहीं चाहती हैं। छाबड़ा ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहां की*कांग्रेस द्वारा आपातकाल लगाकर देशवासियों पर किये गए बर्बरता और लोकतंत्र की हत्या के विरुद्ध "संकल्प दिवस" एक बुलंद आवाज है। लोकतंत्र लोकतंत्र एवं को आज भी जीवित करता के लिये कांग्रेस ने अभी तक देश से माफी नहीं माँगी है न उन्हें इसकी शर्मिंदगी है। इससे आने वाले दिन और चुनौतिपूर्ण है,

धमतरी ब्यूरो शौर्य पथ

सर्व आदिवासी समाज तहसील शाखा नगरी द्वारा 24 जून को रानी दुर्गावती बलिदान दिवस का आयोजन किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि सिहावा विधान सभा के विधायक डाक्टर लक्ष्मी ध्रुव ने रानी दुर्गावती चौक पर स्थापित गोंडवाना की वीरांगना रानीदुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया ।विशेष अतिथि के रूप में पुर्व विधायक गण अम्बिका मरकाम,श्रीमती पिंकी शिवराज शाह,जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम,सर्व आदिवासी समाज तहसील नगरी के अध्यक्ष उमेश देव,गोंडवाना समाज तहसील नगरी के अध्यक्ष रामप्रसाद मरकाम,ध्रुव गोंड समाज तहसील नगरी के अध्यक्ष छेदप्रसाद कौशिल ,कर्मचारी प्रकोष्ठ के तहसील नगरी के अध्यक्ष डोमार सिंह ध्रुव के अलावा उपस्थित समाजिक जनों ने पुष्पांजलि अर्पित किया । तत्पश्चात ध्रुव गोंड़ समाज भवन चुरियारा पारा में रानी दुर्गावती के साहस, शौर्य, पराक्रम और उत्कृष्ट की जीवनी शैली पर प्रकाश डाला गया । इस अवसर पर युवा प्रकोष्ठ द्वारा मास्क व सेनेटाइजर का वितरण किया गया । कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया । कार्यक्रम में पुर्व आबकारी आयुक्त एल एल ध्रुव, पार्षद टिकेश्वर ध्रुव, जितेंद्र ध्रुव एल्डरमैन नरेश छेदैहा, नेमीचंद देव, अरविंद नेताम, प्रमोद कुंजाम, स्कंद ध्रुव कृपा राम मरकाम, रामशरण मरकाम ,हरक मण्डावी ,महेन्द्र नेताम,समारू नेताम, पीताम्बर कश्यप, माखन ध्रुव, धनंजय कुंजाम ,संत नेताम, संतोष गंगेश, नरेश सोम, कृष्ण कुमार मण्डावी,अमोल सिंह ध्रुव ,भांवत राम ध्रुव,विष्णु भास्कर, मोहन मरकाम,बिसाहू मरई,नरेश कुमार मरकाम,कैलाश मरई उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन सुरेश ध्रुव ने किया ।

धमतरी ब्यूरो /शौर्य पथ

 

सिहावा,देवपुर मार्ग की ओर से नगरी नगर में प्रवेश करते ही सर्वप्रथम जो कुछ नजर आता है वह है, गंदगी बदबू और कचरे का ढेर।
जोकि नगर की छवि को बिगड़ती है।
जबकि नगर प्रशासन को नगर के प्रवेश द्वार को साफ सुथरा और आकर्षक बनाने का प्रयास करना चाहिए, पर इस के विपरित नपं की लापरवाही के चलते नगर के प्रवेश द्वार पर कचरे का अंबार लगता जा रहा है।
असहनीय बदबू से वहां से गुजरने वालो को नाक में रुमाल रखने को मजबूर होना पड़ता है।
नगर प्रवेश द्वार पर स्थित पैठु तालाब को धीरे-धीरे कचरा डालकर तालाब के अस्तित्व को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
उस गंदगी और कचरे के ढेर से कई तरह के संक्रमण बीमारियां महामारी तक फैलने की अशंका है।
इस समय पूरा देश कोरोना महामारी के चपेट में है, ऐसे में इस तरह की लापरवाही, नगर वासियों को बीमार कर सकती है।

शौर्यपथ / आयुर्वेद में केवल जड़ी-बूटियों के गुण ही नहीं बल्कि खान-पान और रहन-सहन के बारे में भी बहुत कुछ लिखा गया है। आज हम…
धर्म संसार /शौर्यपथ / वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में छह जुलाई से शुरू होने वाले सुप्रसिद्ध सावन झूला मेला…

खेल /शौर्यपथ / भारत के पूर्व बल्लेबाज कृष्णामाचारी श्रीकांत ने 1983 विश्वकप विजेता टीम के अपने कप्तान कपिल देव की सराहना करते हुए कहा है कि उन्होंने खिलाडिय़ों को खुद पर भरोसा रखना सिखाया। श्रीकांत ने स्टार स्पोट्र्स के कार्यक्रम 'विनिंग द वल्र्ड कप-1983Ó में विश्वकप फाइनल के लम्हों को याद करते हुए कहा, "वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर फील्डिंग करने का फैसला किया। ओस पडऩे के कारण विकेट पर काफी नमी थी। हमें पहले बल्लेबाजी करनी थी और हमारे पास लॉड्र्स में खेलने के कोई खास अनुभव नहीं था। यह हमारे लिए बहुत नया था।"
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, "वहीं अगर आप वेस्टइंडीज की गेंदबाजी आक्रमण को देखें तो उनमें एक से एक दिग्गज गेंदबाज थे और जोएल गार्नर ने अपनी लंबाई का पूरा इस्तेमाल करते हुए बल्लेबाजों को गेंद ठीक से देखना और खेलना मुश्किल बना दिया था।"
श्रीकांत ने कहा, "ऐसे वक्त में कपिल ने हमारे सामने उदाहरण पेश किया। उनका आत्मविश्वास और खेल के प्रति उनका नजरिया उनके बारे में सबसे अच्छी चीजें हैं। कपिल की खासियत थी कि उन्होंने भारतीयों को खुद पर भरोसा रखना सिखाया और यही उनकी महानता है। "
बता दें कि श्रीकांत ने कम स्कोर वाले फाइनल में सर्वाधिक रन बनाए थे। इस दौरान गेंद ओस के बीच 10 फीट की ऊंचाई से आ रही थी। श्रीकांत जूझ रहे थे, लेकिन मैंने उन्होंने अमरनाथ से बात की और उन्होंने श्रीकांत को अपना स्वाभाविक खेल खेलने को कहा। अगले ओवर में श्रीकांत ने चौका जड़ा और अंत में 38 रन बनाए, जो विश्व कप फाइनल का सर्वोच्च स्कोर रहा था।
फाइनल मैच में 183 रनों पर आउट होने के बावजूद भारत ने दिग्गजों से सजी वेस्टइंडीज की टीम को लॉर्डस में 43 रनों से हराकर पूरी दुनिया को चकित कर दिया। पहला विश्व कप 1975 में खेला गया था। वेस्टइंडीज दो बार विश्व कप जीत चुका था, लेकिन कपिल देव ने तीसरी बात खिताब जीतने का उनका सपना चूर-चूर कर दिया।

लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आ जाते हैं जब व्यक्ति का अपने गुस्से पर कंट्रोल नहीं रहता और वो जाने-अनजाने…

मनोरन्जन / शौर्यपथ / बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। इसमें वह खुद की फिल्म ‘एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी’ देखते नजर आ रहे हैं। हाथ में किताब है और नजरों के सामने टीवी। टीवी पर फिल्म चल रही है। फिल्म में सीन चल रहा है जब सुशांत धोनी के रूप में क्रिकेट पिच पर खड़े होते हैं। सुशांत बैठे धोनी-धोनी रे नारे लगाते नजर आते हैं। सुशांत के करियर की यह फिल्म एक ऐसी फिल्म रही, जिसने उनके फैन बेस को बढ़ाकर दोगुना कर दिया था। बॉक्स ऑफिस पर यह ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। दुनिया में सुशांत के फैन बन गए थे।

आपको बता दें कि सुशांत खुद एक बहुत बड़े धोनी फैन थे। धोनी के साथ क्रिकेट पिच पर खेलने का सपना उनका हमेशा से था और फिल्म के जरिए यह पूरा भी हुआ। धोनी फिल्म के लिए सुशांत ने काफी मेहनत की थी। उनके हू-ब-हू रूप में आने के लिए उन्होंने वीडियो में धोनी को क्रिकेट फील्ड पर खेलते हुए करीब 100 बार देखा था। फिल्म में कोई कह ही नहीं सकता था कि धोनी और सुशांत में कोई फर्क है। सुशांत इस तरह से धोनी के किरदार में ढले थे कि वह तारीफ के पात्र बने थे।

फिल्में करने से पहले सुशांत सिंह राजपूत ने टीवी की दुनिया में अपना सिक्का जमाया। उन्होंने सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ से शुरुआत की और घर-घर में मानव देशमुख के नाम से जाने गए। शो इतना हिट हुआ कि अंकिता लोखंडे संग सुशांत की जोड़ी बेस्ट साबित हुई। बाद में हालांकि, दोनों रियल लाइफ में भी साथ आ गए। करीब 6 साल तक रिलेशनशिप में रहे। लेकिन फिल्मी दुनिया में कदम रखने के बाद दोनों का ब्रेकअप हो गया था। बताते चलें कि पिछले हफ्ते सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मुंबई पुलिस केस की छानबीन में जुटी है।

 

नजरिया / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री ने कोरोना-19 महामारी से लड़ते हुए कई सूत्र दिए हैं। उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए एक…
सम्पादकीय लेख / शौर्यपथ /वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सीमा के मोल्डी इलाके में हुई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की बैठक का नतीजा न सिर्फ दोनों…

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)