March 14, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

     रायपुर / शौर्यपथ / भाजपा नेता सरोज पांडे ने झीरम मामले में बयान पर दुख और पीड़ा व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि महिलायें तो ममता की मूर्ति होती है, सरोज पांडे एक महिला होने के बावजूद कभी झीरम के शहीदों के परिवारजनों की पीड़ा को क्यों नहीं समझा? सरोज पांडे जी के केन्द्र सरकार में बड़े पदों में बैठे लोगों से अच्छे संबंध है। सरोज पांडे ने छत्तीसगढ़ की बड़ी नेता होने के बावजूद कभी भी झीरम के आपराधिक राजनैतिक षडय़ंत्र की जांच के लिये प्रयास क्यों नहीं किया? झीरम पर बयान देने के बाद सरोज पांडेय जी को पूरी जिम्मेदारी से बताना चाहिये कि आत्मसमर्पित माओवादी नेता गुंडाधुर से एनआईए ने झीरम की साजिश पर पूछताछ क्यों नहीं की? एनआईए ने झीरम के आपराधिक राजनैतिक षडय़ंत्र की जांच क्यों नहीं की? रमन्ना और गणपति के नाम एनआईए की पहली चार्जशीट में थे, फाइनल चार्जशीट में क्यों और किसके कहने पर हटा दिये गये? देश के सबसे बड़े और घातक नक्सली हमले में नक्सलियों के शीर्ष नेताओं को बरी कर दिया गया और दंडकारण्य अंचल के नक्सली नेताओं को ही आरोपी बनाया गया जबकि कोई भी साजिश शीर्ष नेताओं की सहमति, अनुमति और भागीदारी के बिना संभव ही नहीं होती। साजिश करने वालों की जांच, गिरफ्तारी और पूछताछ के बजाय उनके नाम हटाकर केन्द्र सरकार की एजेंसी एनआईए ने क्या संदेश दिया है। गूढ़ राजनीति को समझने वाली और करने वाली सरोज पांडे जी इन बातों को नहीं समझती, ऐसी बात नहीं है।
      प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि क्या सरोज पांडे झीरम की साजिश के सबूत एनआईए को इसलिये सौपवाना चाहती है कि इन सबूतों को भी रमन्ना और गणपति के खिलाफ पहले मिले सबूतों की ही तरह खत्म किया जा सके। 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा और भाजपा की विकास यात्रा को धमकी देने वाली माओवादी विज्ञप्ति गुड़सा उसेन्डी ने ही जारी की थी। शीर्ष नक्सली नेताओं में एक गुंडाधुर के आत्मसमर्पण के बाद से एनआईए ने कभी भी गुंडाधुर से झीरम की साजिश के बारे में पूछताछ क्यों नहीं की? छत्तीसगढ़ विधानसभा में झीरम मामले की सीबीआई जांच की घोषणा के केन्द्र सरकार ने सीबीआई जांच नहीं कराने की सूचना राज्य सरकार को पत्र लिखकर 3 दिसंबर 2016 को दे दी थी। इसके बाद रमन सिंह सरकार दो साल तक दिसंबर 2018 तक सत्ता में रही लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा सीबीआई जांच नहीं कराने का फैसला और दूसरी सूचना देने वाले पत्र को झीरम के शहीदों के परिजनों, छत्तीसगढ़ की आम जनता और मीडिया तक से क्यों छुपाकर रखा? यहां तक कि जिसकी मांग पर जांच की घोषणा रमन सिंह सरकार ने विधानसभा के पटल में की थी, उस विपक्षी दल कांग्रेस से भी इस जानकारी को क्यों छिपाया गया?

शौर्यपथ। जांजगीर चांपा इन दिनों श्रम विभाग कार्यालय में श्रमिक पंजीयन कराने का कार्य शासन के निर्देश पर किया जा रहा है। आज जो स्थिति सुबह से कार्यालय के बाहर देखने को मिली वह कोविड- 19 जैसे वैश्विक महामारी के प्रति किसी बड़ी लापरवाही से कम नहीं है। बाहर से आये प्रवासी मजदूर ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे है और न ही किसी ने मास्क ही लगाया है। और श्रम विभाग के द्वारा श्रमिको के हाथ धोने के लिये हैंड वॉश, सेनीटाइजर, पीने का पानी, टेंट जैसे उचित प्रबंध भी नहीं किया गया है। इसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रवासी श्रमिक तथा श्रमविभाग के अधिकारी कर्मचारी कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिये कितना गंभीर हैं। 'इस संबंध में श्रमपदाधिकारी के.के. सिंग को जब दूरभाष पर जानकारी दी गई तो लापरवाह अंदाज में बात को टालते नजर आये, जबकि स्वयं अधिकारी कार्यालय के अंदर मौजूद हैं चाहते तो मजदूरों को कम से कम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व गमछा को मुंह में बांधने की हिदायत के साथ फार्म जमा करने के निर्देश दे सकते थे। वहीं बाहर उपस्थित हमारे संवाददाता को सेनेटाईजर और हैण्डवास जैसी कोई भी सुविधा मजदूरों के लिए रखी गई हो देखने को नहीं मिला। मजदूरों से चर्चा की गई तो उनका मानना है कि हम 14 दिन कोरटिंन सेंटर में रहकर आये हैं अब हमेे कुछ नहीं होगा।' मजदूर हो या आम आदमी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और विभाग को सेनेटाईजर, हैण्डवास जैसे हाथ धोने के लिए व्यवस्था करनी होगी, यदि इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है यह गंभीर है। मैं अभी तुरंत पुलिस भेजकर मामले को देखती हूं। श्रीमती मेनका प्रधान एसडीएम, जांजगीर चांपा

// प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगामी तीन माह सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का किया अनुरोध
// राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी करें लाभान्वित

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में Óप्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनाÓ को आगामी तीन माह हेतु सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी खाद्यान्न सुरक्षा के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित करने की बात कही है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में केन्द्र सरकार द्वारा लागू Óप्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनाÓ के माध्यम से देश में खाद्यान्न उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिली है। छत्तीसगढ़ में Óयूनिवर्सल पीडीएसÓ के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मान्य 51.50 लाख राशनकार्डधारी परिवारों के अलावा राज्य द्वारा अपनी योजनाओं के माध्यम से भी अतिरिक्त 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध करायी जा रही है। लॉकडाउन को धीरे-धीरे एवं सावधानीपूर्वक खोलते हुए आर्थिक गतिविधियां पुन: प्रारंभ की जा रही हैं, किन्तु स्थिति सामान्य होने में अभी काफी समय लगना संभावित है। वर्तमान में किसान, कृषि मजदूर, निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिक, उद्योगों में कार्य करने वाले श्रमिक तथा व्यवसायिक संस्थानों में काम करने वाले निम्न-मध्यम वर्गों के कर्मचारियों सहित अधिकांश जन साधारण के लिए अत्यंत कठिन परिस्थितियां हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए लिखा है कि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए संकट ग्रस्त परिवारों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई Óप्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनाÓ को आगामी तीन माह हेतु सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का कष्ट करें। साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी खाद्यान्न सुरक्षा के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाए। नि:शुल्क खाद्यान्न के माध्यम से न केवल जरूरतमंद व्यक्तियों की रोजी-रोटी की चिन्ता कम की जा सकेगी, बल्कि जन साधारण में भी इसका सकारात्मक संदेश जाएगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी है कि इस संबंध में प्रदेश के हित में इस अनुरोध पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।

भिलाई / शौर्यपथ / पीडीएस के चावल का अवैध कारोबार करने वाले आरोपी को पकड़ा गया आरोपी के पास से 13 बोरियों में भरा साढे छह क्विंटल पीडीएस का चावल तथा परिवहन में प्रयुक्त वैन भी जप्त की गई। जब चावल की कीमत 15 हजार बताई गई है।
जेवरा सिरसा पुलिस ने बताया कि कल शाम को सूचना मिली कि करहिडीह चौक में वैन क्रमांक सीजी 7 एच 91 सिक्स सेवन में अवैध रूप से पीडीएस का चावल परिवहन किया जा रहा है। इस पर चौकी प्रभारी प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक निशांत पाठक ने तत्काल करहीडीह चौक पहुंचकर नाकेबंदी कर उक्त वैन को पकड़ा। तलाशी पर वैन के अंदर 13 बोरियों में करीब साढे 6 क्विंटल चावल भरा हुआ था। पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना नाम देबू लाल सिन्हा 25 वर्ष संजय नगर कुमारपारा सुपेला का रहने वाला बताया तथा चावल अखिलेश गुप्ता बागेश्वर ट्रेंस टो अनाज लाइन सुपेला का होना बताया। जांच के लिए पुलिस द्वारा खाद्य विभाग को मौके पर बुलाया गया चावल के गुणवत्ता का परीक्षण कराया गया। चावल पीडीएस का पाए जाने पर खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा की लिखित शिकायत पर आरोपी के खिलाफ 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर वेन और चावल जप्त किया गया। जब चावल की कीमत 15000 रुपए बताई गई है।

भिलाई / शौर्यपथ / वार्ड पांच लक्ष्मी नगर सुपेला निवासी व चन्द्रा फाईन आर्टस के संचालक चंद्रशेखर गंवई जिनके द्वारा पॉवर हाउस बाबा साहेब अंबेडकर चौक का सौन्दर्यीकरण कार्य 18 जून 2010 को स्वीकृति राशि 968707 के तहत स्वीकृत हुआ जिसमें से अब तक 1 लाख 88 हजार रूपये ही काम का मिला है और 7 लाख 80 हजार 707 रूपये बकाया है। आज दस साल बीत जाने के बाद भी उक्त कलाकार एवं कांग्रेस नेता चंन्द्र्रशेखर गंवई अपना पेमेंट को लेकर मुख्यमंत्री के दरवाजे तक दस्तक दे चुके है, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नही हुई है। इससे दुखी कलाकार चंद्रशेखर गंवई ने कहा कि जब मेरे द्वारा निगम अधिकारियों से बार बार मिल कर बिल भुगतान करने का अनुरोध किया गया तो निगम के अधिकारियो ने बताया कि आपकी फाईल गुम हो गई है, जिसकी प्राथमिकी सहायक ग्रेड 2 के सुनिल कुमार तिवारी द्वारा 14 अक्टूबर 2014 को सुपेला थाना में प्राथमिकी सूचना दर्ज करने का कष्ट करें का आवेदन दिया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि पुलिस द्वारा इस मामले में धारा 154 के तहत एफआईआर दर्ज करना चाहिए लेकिन मजेदार बात है कि पुलिस ने धारा 155 के तहत मामला बताते हुए उल्टा न्यायालय जाने का हवाला दे दिया। मजेदार बात यह है कि इतने बडे मामले में न ही उसके बाद कोई निगम अधिकारी ध्यान दिया और न ही पुलिस ने।
वैसे भी नगर निगम भिलाई फाईल गुमने और फाइर्ल जलने और चोरी होने के मामलों में हमेशा प्रदेश में नंबर वन रहा हैें लेकिन आज तक किसी भी मामले को न ही पुलिस ने ही भांडा फोड़ किया है और न ही निगम के अधिकारियों ने ऐसे मामले में कभी दिलचस्पी ली। इससे साफ जाहिर है कि निगम से फाईल चोरी होने और गुमने का कार्य नही होता है जान बूझकर उन फाईलों को गायब किया जाता है जिनसे निगम अधिकारियों कर्मचारियों को टेबल के नीचे से उपहार नही मिलता है या जिस मामले में निगम के अधिकारी और कर्मचारी फंसने वाले होते है, वहीं फाईल गायब कर दिया जाता है। उसका नतीजा चंद्रशेखर गंवई ही नही बल्कि सैकड़ों लोग अब तक भुगत रहे है।
आखिर निगम अधिकारियों और कर्मचरियों की गलती बेचारे गंवई जैसे लोग क्यों भुगते। निगम अधिकारियों को इस ओर ध्यान देकर जिस भी अधिकारी से या कर्मचारी से फाईल गुमने का कार्य होता है, उसपर कठोर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए या जेल भेजना चाहिए। तब कहीं जाकर निगम से फाईल चोरी होने का मामला नही होगा। इस मामले मे ंपीडि़त चन्द्रशेखर गंवई कांग्रेस के नेता है और उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है कि आखिर मेरी मूल नस्ती कहां गायब हो गई। और समय समय पर मैँ निगम अधिकारियेां से अपने भुगतान के लिए मिल मिल कर गुहार लगाता रहा हूं, लेकिन हमेेशा मुझे निराशा ही हाथ लगा। फाईन आर्टिस्ट एवं कांग्रेस नेता गंवई ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि मैं दस सालों से अपने भुगतान को लेकर प्रताडि़त हो रहा हंूं। मैँ अपने जीवन के 26 सालों से कांग्रेस से जुड़ा रहा। कांग्रेस पार्टी के निर्देसानुसार जो भी मुझे जिम्मेदारी दी गई मैँ उससे पूरी ईमानदारी से निर्वहन करता रहा और जब भाजपा की सरकार थाी तो भाजपा और निगम क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी सदा मैँ धरना प्रदर्शन करता रहा, हो सकता है कि निगम के अधिकारी कर्मचारी इससे कारण मेरा भुगतान रोक कर रखे हैँ और मुझे परेशान कर रहे हैँ।
तात्कालीन भाजपा सरकार में कलेक्टर जनदर्शन 8 मई 2017 को टोकन क्रमांक 100217001894 निगम जनदर्शन 12 जून 2017 जिसका टोकन क्रमांक 17 महापौर आयुक्त 8 मई 2017 को भी अपने भुगतान के लिए शिकायत पत्र सौंपा हूं, लेकिन आज तक मुझे मेरे कार्य का भुगतान नही हो सका है। मुख्यमंत्री के ओएसडी मनीष बंछोर ने मुझे वर्तमान आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी से मुलाकात करने के लिए मुझे कहा था, जब मैं आयुक्त रघुवंशी से मिला तो उन्होंने भी सीधा पल्ला झाड़ते हुए स्पष्ट कहा कि आपके मामले की फाईल नही मिल रही है, भुगतान नही कर सकता हूं। उस समय कौन अधिकारी थे और क्या हुआ, मै नही जानता? आप बिल व्हाउचर और भुगतान आर्डर को जाकर देखें। जिम्मेदार अधिकारी द्वारा इस प्रकार का जवाबद देने से कही न कहीं कांंग्रेस सरकार के मुखिया और कांग्रेस सरकार की छवि खराब हो ही रही है, और इस गंवईजैसे कलाकारों का मनोबल भी गिर रहा है, इसके कारण उनके परिवार के सामने लॉकडाउन और कोरोना के इस संकट की घड़ी में आर्थिक स्थितियों का बूरी तरह सामना करना पड़ रहा है। यदि निगम चाहे तो गंवई का भुगतान हो सकता है क्येांकि जब 1 लाख 88 हजार रूपये भुगतान कर चुका है तो बाकी का भी भुगतान हो सकता है, क्योंकि अब डिजीटल युग है और जब भी कोई कार्य इस तरह का निगम द्वारा कराया जाता है तो फोटोग्राफी कराई जाती है, तो इसका भी फोटोग्राफी कराई ही गई होगी। उस आधार पर और जिस आधार पर 1 लाख 88 हजार रूपये भुगतान किया गया है,उस आधार पर गंवई का बिल का भुगतान किया जा सकता है।

दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश में आज से घर पहुंच निशुल्क पौधा वितरण के लिए पौधा तुंहर द्वार योजना शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वनमंत्री मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार दुर्ग वन मंडल दुर्ग में योजना का शुभारंभ अरुण वोरा विधायक, द्वारा किया गया। घर पहुँच पौध वितरण के लिए वोरा ने आज हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। विधायक ने कहा पौधा तुँहर द्वार बहुत अच्छी योजना है। इसके माध्यम से नागरिकों को घर पहुंच सेवा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे सच्चे साथी हैं हमें इनकी देखभाल करनी चाहिए।अपने लगाए पौधे को बड़ा होता देखना भी बहुत आनंदित करता है।उन्होंने नागरिकों से अपील की इस अभियान को पौधरोपण तक ही सीमित न रखें बल्कि उन पौधों के पेड़ बनने तक उनकी देखभाल की शपथ भी लें।
महापौर धीरज बाकलीवाल ने कहा कि बच्चों को भी इस एक्टिविटी में शामिल करें।इस तरह की पहल से ही बच्चे पर्यावरण संतुलन में पौधों का महत्व समझेंगे। कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर भूरे ने कहा कि हम पूरी तरह वृक्षों पर ही निर्भर हैं। अपनी धरती को हरा भरा रखकर ही हम प्रकृति के प्रति अपना कर्ज उतार सकते हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव सीईओ जिला पंचायत सच्चिदानंद आलोकएपर्यावरण मंडल स्थायी समिति की सभापति श्रीमती सत्यवती वर्मा पूर्व महापौर आर एन वर्मा सहित मेयर इन कौंसिल के सम्मानीय सदस्य भी शामिल हुए।
अतिथियों को प्रतीक स्वरूप भेंट किया गया चंदन का पौधा.
इस अवसर पर अरुण वोरा को प्रतीक के रूप में मुख्य वन संरक्षक श्रीमती शालिनी रैना ने चंदन का पौधा भेंट किया। डीएफओ के आर बढ़ाई ने कलेक्टर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत सहित सभी अतिथियों को चंदन का पौधा भेंट किया। डीएफओ के आर बढ़ाई ने बताया गया कि दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में 50 हजार तथा संपूर्ण जिले में पौधा वितरण का लक्ष्य 3 लाख 50 हजार रखा गया। उन्होंने बताया कि पौधा प्रदाय योजना के नोडल अधिकारी कलीमुल्ला खान हैं। पौधा तुँहर द्वारा योजना के तहत दुर्ग.भिलाई के नागरिक वन विभाग द्वारा जारी मोबाइल नंबरों 9406091336 और 9754617573 पर सम्पर्क करके घर पर नि:शुल्क पौधे प्राप्त कर सकते हैं।
ये पौधे हैं उपलब्ध.
नर्सरियों में वर्तमान में अमरूद, हल्दू, जंगल जलेबी,गंगा इमली, नीमए, अर्जुन, करंज, सीबा पेंटेंड्रा,सफेद सेमल,मुनगा सहित 39 प्रजातियां उपलब्ध हैं। नागरिक इन पौधों को अपने घर आंगन, खेतखलिहान, खाली निजी भूमि लगा सकते हैं। दिए गए मोबाइल नम्बरों पर सम्पर्क करने पर घर पहुंच सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

नई दिल्ली / shouryapath / कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि संकट के समय भी भाजपा सरकार जनता की जेब काटने में लगी है. उन्होंने ट्वीट किया, ''आज पूरे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने जोरदार प्रदर्शन किया. जनता इस लूट को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं है.ÓÓ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने आरोप लगाया, ''आज 19वें दिन लगातार भाजपा सरकार ने डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ाकर ये बात साफ कर दी है कि भाजपा को इस संकट के समय भी पब्लिक की जेब काटने में ज्यादा रुचि है.ÓÓ
प्रियंका ने दावा किया कि इस संकट के समय केंद्र सरकार ने जनता की जेब काटने का इतिहास रचा है. डीजल की कीमत, पेट्रोल की कीमत को पार कर चुकी है, जबकि दुनिया भर में कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट है. उन्होंने सवाल किया, ''महामारी से पैदा हुई आर्थिक तबाही में भी जनता को क्यों परेशान किया जा रहा है?ÓÓ पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने बृहस्पतिवार को डीजल की कीमतों में 14 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की. डीजल कीमतों में लगातार 19वें दिन बढ़ोतरी की गई है. इस तरह 19 दिन में डीजल 10.63 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है.
दिल्ली में पेट्रोल का दाम 79.76 रुपये से बढ़कर 79.92 रुपये प्रति लीटर हो गया है. इसी तरह डीजल की कीमत 79.88 रुपये से 80.02 रुपये प्रति लीटर हो गई है. बुधवार को पहली बार दिल्ली में डीजल का दाम पेट्रोल से अधिक हुआ था.

// हरेली पर्व से होगी इस अभिनव योजना की शुरूआत: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
// गौ-पालन और गोबर प्रबंधन से पशुपालकों को होगा लाभ , गांवों में रोजगार और अतिरिक्त आय के अवसर बढ़ेंगे
// निर्धारित दर पर होगी गोबर की खरीदी, सहकारी समितियों से बिकेगी वर्मी कम्पोस्ट
// गोबर की खरीदी की दर तय करने पांच सदस्यीय मंत्री मण्डल की उप समिति गठित
// गोबर प्रबंधन की पूरी प्रक्रिया का निर्धारण करेगी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की कमेटी

     रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम तथा सड़कों एवं शहरों में जहां-तहां आवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू करने का एलान किया है। इस योजना की शुरूआत राज्य में हरेली पर्व के शुभ दिन से होगी। मुख्यमंत्री बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय के सभा कक्ष में ऑनलाईन प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार की इस अभिनव योजना की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में गौपालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी सुरक्षा और उसके माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते डेढ़ सालों में छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने चारों चिन्हारियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण किया गया है। राज्य के 2200 गांवों में गौठानों का निर्माण हो चुका है और 2800 गांवों में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले दो-तीन महीने में लगभग 5 हजार गांवों में गौठान बन जाएंगे। इन गौठानों को हम आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित कर रहे हैं। यहां बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण भी महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना राज्य के पशुपालकों के आर्थिक हितों के संरक्षण की एक अभिनव योजना साबित होगी। उन्होंने कहा कि पशुपालकों से गोबर क्रय करने के लिए दर निर्धारित की जाएगी। दर के निर्धारण के लिए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मंत्री मण्डलीय उप समिति गठित की गई है। इस समिति में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल शामिल किए गए हैं। यह मंत्री मण्डलीय समिति राज्य में किसानों, पशुपालकों, गौ-शाला संचालकों एवं बुद्धिजीवियों के सुझावों के अनुसार आठ दिवस में गोबर क्रय का दर निर्धारित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर खरीदी से लेकर उसके वित्तीय प्रबंधन एवं वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से लेकर उसके विक्रय तक की प्रक्रिया के निर्धारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख सचिवों एवं सचिवों की एक कमेटी गठित की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में हरेली पर्व से पशुपालकों एवं किसानों से गोबर निर्धारित दर पर क्रय किए जाने की शुरूआत होगी। यह योजना राज्य में अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी और इसके दूरगामी परिणाम होंगे। इसके माध्यम से गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने किसानों, पशुपालकों एवं बुद्धिजीवियों से राज्य में गोबर खरीदी के दर निर्धारण के संबंध में सुझाव देने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में खुले में चराई की परंपरा रही है। इससे पशुओं के साथ-साथ किसानों की फसलों का भी नुकसान होता है। शहरों में आवारा घूमने वाले मवेशियों से सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिससे जान-माल दोनों का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि गाय पालक दूध निकालने के बाद उन्हें खुले में छोड़ देते हैं। यह स्थिति इस योजना के लागू होने के बाद से पूरी तरह बदल जाएगी। पशु पालक अपने पशुओं के चारे-पानी का प्रबंध करने के साथ-साथ उन्हें बांधकर रखेंगे, ताकि उन्हें गोबर मिल सके, जिसे वह बेचकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में आवारा घूमते पशुओं की रोकथाम, गोबर क्रय से लेकर इसके जरिए वर्मी खाद के उत्पादन तक की पूरी व्यवस्था नगरीय प्रशासन करेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि इस योजना को पूरी तरह से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के आधार पर तैयार किया गया है। इससे अतिरिक्त आमदनी सृजित होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए पूरा एक सिस्टम काम करेगा। एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के जरिए हम जैविक खेती की ओर बढेंगे। इसका बहुत बड़ा मार्केट उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार होने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम से होगी। राज्य में किसानों के साथ-साथ वन विभाग, कृषि, उद्यानिकी, नगरीय प्रशासन विभाग को पौधरोपण एवं उद्यानिकी की खेती के समय बड़ी मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है। इसकी आपूर्ति इस योजना के माध्यम से उत्पादित खाद से हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में आगे यह भी कहा कि अतिरिक्त जैविक खाद की मार्केटिंग की व्यवस्था भी सरकार करेगी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्यमंत्री के पंचायत एवं ग्रामीण विकास सलाहकारप्रदीप शर्मा, मीडिया सलाहकार रूचिर गर्ग, मुख्य सचिव आर. पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

धमतरी ब्यूरो शौर्य पथ

नरेश छेदैहा महासचिव श्री राम नव युवक परिषद नगरी ने बताया की "नगरीमें पारम्परिक माता पहुंचानी का आयोजन गुरुवार को किया। भक्त जनों को नईबस्ती माता सेवा दल व पुरानी बस्ती माता सेवा दल के भक्त जनों द्वारा शोभायात्रा निकालकर जसगीत व ढोल मंजीरे के करतल ध्वनि के साथ अगवानी करके माता देवालय पहुंचाये जाने की परम्परा है लेकिन इस वर्ष समय अनुकूल नहीं होने के कारण शोभायात्रा नहीं निकाली गई। भक्तों को अपनी सुविधा के अनुसार सीधे माता देवालय पहुंचने का अनुरोध आयोजक नगर व्यवस्था समिति ने किया था। लोग सोशल डिस्टेंस व सेनेटाइजर का उपयोग करते हुए माता देवालय पहुंचकर मन्नत की सामाग्री समर्पित किए । पुजारियों ने नीम की पत्ती से सिर पर दही का आचमन कर शांति कराई"
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष ललित प्रसाद शर्मा, उपाध्यक्ष माखन भरेवा, कोषाध्यक्ष श्रवण नाग,सचिव ज्वाला प्रसाद साहु, सहसचिव नोहर लाल साहु, पुजारी गण रमेश कश्यप,सुखु राम साहु, उत्तम गौर,अरुण सार्वा,तिहारू मरकाम,ईतवारी नेताम, प्रफुल्ल अमतिया,
फुलमाली गेंदलाल पटेल,वीरकूमार हिरवानी,नोहरू साहू,श्री राम नव युवक परिषद नगरी के अध्यक्ष गजेन्द्र कंचन उपाध्यक्ष अशोक पटेल,मनोज साहु, कोषाध्यक्ष बृजलाल सार्वा,सचिव नरेश छेदैहा, सहसचिव भरत साहु,माता सेवा दल नई बस्ती नगरी के अध्यक्ष अश्विनी यादव,नव आनंद कला में मंदिर नगरी के उपाध्यक्ष सुरेश साहु, नगर पुरोहित पंडित ठकुरीधर शर्मा, झाड़ू राम यादव,डाक्टर सुरेश सार्वा,नन्द यादव ,हेमलाल सेन,परसादी राम चंद्रवंशी,दीपक शर्माकार्तिक पटेल,ओम प्रकाश सोम,शंभु मानिकपुरी, नारायण नागर्ची उपस्थित थे।

  धमतरी ब्यूरो /शौर्य पथ

 

नशा केवल शराब और तम्बाकू का ही नहीं होता है बल्कि अफीम, चरस, गांजा, हेरोइन जैसे मादक पदार्थों का भी होता है जो लोगों को बुरी तरह प्रभावित करता है । नशीले पदार्थों का प्रयोग आज एक विश्वव्यापी समस्या बन चुकी है।देश में मादक पदार्थों के सेवन के प्रति युवा पीढ़ी ग्लैमर लाईफ स्टाइल की झूठी शान दिखाने के चक्कर में अंधी दौड में शामिल हो रही है । शहरी क्षेत्र ही नही बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है ।
युवा पीढ़ी ज़्यादातर स्कूल-कालेजों के छात्र जीवन में अपने साथियों के कहने या मित्र मंण्डली के दबाव डालने पर या फिर मॉडर्न दिखने की चाह में इनका सेवन शुरु करते हैं। कुछ युवक मादक पदार्थों से होने वाली अनुभूति को अनुभव करने के लिए, तो कुछ रोमांचक अनुभवों के लिए तो कुछ ऐसे लोग होते है जो मानसिक तौर पर परेशानी या हताशा के हालात में इनका सेवन शुरू करते हैं। मानव जीवन की रक्षा के लिए बनाई जाने वाली कुछ दवाओं का उपयोग भी लोग अब तो नशा करने के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं।
जिला अस्पताल पंडरी में स्थित स्पर्श क्लीनिक के मनोचिकित्सक डॉ. अविनाश शुक्ला ने बताया कोई भी व्यक्ति एक दिन में नशे का आदी नहीं होता है । यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है । शौक धीरे धीरे आदी बना देता है जब व्यक्ति नशे की गिरफ्त में आताहै।उससे पहले वह कुछ संकेत भी देता है । उन संकेतों को परिवार को समझना बहुत जरूरी होता है ।
जून 26 को हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवसके रूप में मनाया जाता है।इस वर्ष की थीम ही "बेहतर देखभाल के लिए बेहतर ज्ञान" है ।
आदी होने से पूर्व लक्षण जो देखे जाते है
खेलकूद और रोजमर्रा के कामों में दिलचस्पी न लेना , भूख कम लगना, वजन कम हो जाना, शरीर में कंपकंपी छूटना, आंखें लालऔरसूजी हुई लगना, दिखाई कम देना, चक्कर आना, उल्टी दस्त आना, अत्यधिक पसीना आना, शरीर में दर्द लगना , नींद न आना की समस्या , चिड़चिड़ापन, सुस्ती, आलस्य, निराशा, गहरी चिन्ता, सुई के माध्यम से मादक पदार्थ को लेने वालों व्यक्ति को एड्स का खतरा भी रहता है।
पदार्थ जिनका व्यसन होता है
शराब,(बियर व्हिस्की रम हंडिया महुआ ठर्रा), तंबाकू उत्पाद (तंबाकू बीड़ी बीड़ी सिगरेट गुड़ाखू गुटका नसवार), गांजा चरस भांग,अफीम,भुक्की, डोडा, हेरोइन, ब्राउन शुगर, स्मैक फोर्टविन (पेंटाजोसिन) कोकिन, नींद की गोलियां, सांस के माध्यम से लिए जाने वाले पदार्थ जैसे गैस, पेंट, पेट्रोल, गोंद, डेन्ड्राइड व्हाइटनर ।
डेन्ड्राइड और व्हाइटनर का उपयोगस्कूल के बच्चे, या सड़कों पर कचरा बिनने वाले बच्चे में ज्यादा देखने को मिलता है क्यूंकि ये आसानी से उपलब्ध होता है, और किसी को शक भी नहीं होता है ।
मादक पदार्थ को कुछ भागों में बांट सकते है ।
अपशामक, मतिभ्रम उत्पन्न करने वाले पदार्थ, निच्श्रेतक और दर्द निवारक मादक पदार्थ,उत्तेजक,भांग से निर्मित मादक पदार्थ,
अपशामक - मस्तिष्क की सक्रियता कम कर देते हैं। ये पदार्थ हैं, अल्कोहल, सिकोनाल, नेमब्यूटाल, गाडेर्नाल, वैलियम, लिबियम, मैन्ड्रेक्स, डोरिडेन, N10, एलप्रेक्स, नाइट्रो सन, है।
मतिभ्रम उत्पन्न करने वाले पदार्थ - हमारे देखने, सुनने और महसूस करने की क्षमता पर प्रभाव डालते हैं।
निच्श्रेतक और दर्द निवारक मादक पदार्थ-अफीम, मॉर्फीन, कोकीन, हेरोइन, ब्राउन शूगर, मेथाजेन, पेथीडीन, मेप्राडीन है।
उत्तेजक - मस्तिष्क के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्रों की सक्रियता बढ़ा देते हैं। जैसे, बैंजोड्रिन, डैक्सेड्रिन, मैथेड्रिन, कोकीन, निकोटीन है ।
भांग से निर्मित मादक पदार्थ - गांजा, हशीश, चरस
नशीले पदार्थ और तस्करी के मामले भारत में नारकोटिक ड्रग्स एंड सायकोट्रॉपिक सब्सटनसीज एक्ट (NDPS एक्ट)2014 के अंतर्गत आतेहैं। जोलोग नशीले पदार्थों कीतस्करी अथवा व्यापार करते है, उनकेइस व्यापार/तस्करी से अर्जित की हुए संपत्ति भी सरकार जब्त कर सकती है और सज़ा के साथ साथ जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है ।
क्या कहते हैं आंकड़े
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वे 2015-16के अनुसार छत्तीसगढ़ में 29.86 % लोग तम्बाकू खाने के आदि है जबकि 7.14 % शराब पीने के ।

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