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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
कृष्णा टंडन की रिपोर्ट
जांजगीर चांपा / शौर्यपथ / विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक नारायण चंदेल का फेसबुक अकाउंट सैयद कमल नामक हैकर ने हैक कर लिया है। इस मामले का शिकायत विधायक ने पुलिस अधीक्षक सहित जांजगीर थाना में की है। विधायक नारायण चंदेल ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह का मैसेज यदि उनके फेसबुक एकाउंट से किया तो इस पर तत्काल विधायक को सूचित किया जाए, हालांकि विधायक नारायण चंदेल ने अपना फेसबुक अकाउंट फिलहाल बंद कर दिया है जांजगीर चाम्पा क्षेत्र का विधायक जो विधानसभा का पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुका है इस तरह का अचानक फेसबुक अकाउंट हैक हो जाने से विधायक काफी सोच में पड़ गए है।
जगदलपुर / शौर्यपथ / वैश्विक महामारी के लगातार बढ़ रहे संक्रमण ने महतारी एक्सप्रेस 102 कर्मचारियों का कार्य भी बड़ा दिया है| आजकल कोरोना संक्रमण के डर से लोग अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्रों में जाने से कतरा रहे हैं तो कर्मचारियों को पहले उनकी समझाइश भी करनी पड़ रही है | बस्तर के दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत महतारी एक्सप्रेस 102 के कर्मचारी कोरोना वारियर बनकर अपनी विशेष भूमिका निभा रहे हैं। यहां 102 के कर्मचारी संक्रमित क्वारंटाइन सेंटरों में भी पहुंचकर मरीजों सहित गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में जुटे है। साथ ही अस्पतालों में उपचार के बाद स्वस्थ्य होने पर उन्हें घर तक पहुंचाकर अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करने में जुटे हैं।
महतारी एक्सप्रेस 102 के पायलट और ईएमटी की टीम 24 घंटे सेवा दे रहे हैं। कोरोना वायरस से बचाव में महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी हर बार उपयोग में लाने से पहले एम्बुलेंस को सेनेटाइज कर साफ सफाई का पूरा ध्यान रखते है। साथ ही डिलेवरी महिलाओं के अलावा क्वारंटाइन मरीज को अस्पताल पहुंचाने व घर पहुंचाते समय 102 महतारी एक्सप्रेस को प्रत्येक बार सैनिटाइज किया जा रहा है। साथ ही प्रत्येक मरीजों को संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए समझाइश देते हुए ग्लब्स व मास्क पहनाया जाता है।
बस्तर जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर भानपुरी सीएचसी के अंतर्गत आने वाले मुंडागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात महतारी एक्सप्रेस के पायलट रामफल बंजारे ने बताया सूदूर जंगल के इलाकों में पहुंच विहिन मार्गों से होकर डिलवरी के लिए गर्भवती महिला का लेबर पेन होने की सूचना कॉल सेंटर से मिलने पर एम्बुलेंस लेकर 30 मिनट में हितग्राही के घर पहुंचने की कोशिश रहती है। पायलेट श्री बंजारे ने बताया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से 20 से 25 किमी की दूर गांव होता है। सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक 12 घंटे की डयूटी करते हैं। वे चार साल से पायलट यानी एम्बुलेंस के ड्राइवर की नौकरी कर रहे हैं। ईएमटी घनश्याम बर्मन ने कहा ये उनका सौभाग्य है ऐसे दुरस्थ अंचल में जरुरतमंदों तक दिन रात कभी भी इमेंरजेंसी सेवा देते हैं। जब किसी गांव में पहुंचते हैं तो लोग डॉक्टर साहब कहकर पुकारने लगते हैं। मरीज की गंभीर हालत में लोगों उनकों किसी फिल्म नायक की तरह समझ कर सम्मान देते हैं।
लॉकडाउन के दौरान मई महीने में पारापुर भंडामपुर ( चित्रकोट) निवासी फूलो बाई (28) के प्रसव पीड़ा का कॉल आया| जैसे ही महतारी एक्सप्रेस की टीम पहुंची इमेंरजेंसी मेडिकल टेक्निशयन घनश्याम बर्मन ने महिला की जांच की । प्रसव पीड़ा ज्यादा होने की वजह से मितानिन और स्थानीय महिलायों की मदद से घर पर ही डिलवरी करवाई गयी| प्रसूता ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। बच्चा व जच्चा स्वस्थ्य होने पर एम्बुलेंस की टीम लोहांडीगुड़ा अस्पताल लेकर आयी जहाँ प्रभारी चिकित्सक द्वारा जांच व प्रसव बाद की दवाईयां दी गई। दूसरी टीम में गजेंद्र सिंह ईएमटी व पायलट मयाराम धुव्र महतारी एक्सप्रेस में सेवा देते हैं।
वहीं हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर मुंडागांव पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक रोशन वर्मा (आरएमओ) ने बताया रेफरल केस में 50 किमी दूरी के दायरे में जिला मुख्यालय जगदलपुर में सिविल अस्पताल व मेडिकल कॉलेज तक इमेंरजेंसी में सेवा देकर मरीजों की जान बचाने का कार्य करते हैं। इन एम्बुलेंस से गर्भवती महिलाओं के उपचार के लिए उन्हें हॉस्पिटल तक मुफ्त लाया जाता है और वापस घर तक छोड़ा जाता है| महिने में 10 से 12 नार्मल डिलवरी कराया करवाई जाती है। डिलवरी के बाद जच्चा – बच्चा की जांच के बाद टीकाकारण भी किया जाता है।
आरएमओ रोशन वर्मा ने बताया पिछले साल 179 सुरक्षित डिलवरी करवाई गयी थी । एम्बुलेंस की सुविधा मिलने से ग्रामीण क्षेत्र के हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की 2 प्रतिशत मामलों को रेफर किया जाता है। श्री वर्मा ने बताया कोरोना संक्रमण को लेकर सहमें लोग जब अस्पताल आने से कतरा रहे हैं तब महतारी एक्सप्रेस की टीम ने मोर्चा संभाला और गर्भवती महिलाओं को समझाकर अस्पताल में संस्थागत डिलवरी कराने प्रोत्साहित किया।
नवागढ़ / शौर्यपथ / सोमवार को भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ सरोज पांडेय के जन्मदिन के अवसर पर नवागढ़ विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिला महामंत्री विकास धर दीवान के नेतृत्व में उनके निवास जल परिसर दुर्ग पर सौजन्य भेंट कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। इसके साथ-साथ सुश्री पांडेय कुछ स्थानीय संगठन के मुद्दों पर भी विधानसभा के तीनों मंडलो के कार्यकर्ताओं ने अपनी बातें रहे। जन्मदिन पर पूरी सोशल डिस्टेंस की साथ सरोज पाण्डेय बड़ी सहजता एवं सरलता से सबसे मुलाकात करती नजर आई,जिससे कार्यकर्ता उत्साहित दिखे।
भाजपा जिला महामंत्री विकास धर दीवान ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरोज पाण्डेय हम सबकी मार्गदर्शक है,बेमेतरा जिला एवं नवागढ़ विधानसभा में उनका विशेष लगाव शुरू से रहा है। उन्होंने हमेशा से ही इस क्षेत्र के जन समस्याओं के निराकरण के लिए आवाज उठाई है। सन्गठन के कार्यकर्ता उनके नेतृत्व उत्साहित है।
इस दौरान वरिष्ठ नरेंद्र शर्मा,शरद जोशी,फिरतुराम साहू,दीपक तिवारी,मण्डल अध्यक्ष नवागढ़ चन्द्रपाल साहू,मिथलेश बिसेन मिन्टू,पुर्व नप अध्यक्ष गिरेन्द्र महिलांग, देवादास चतुर्वेदी, जिला मंत्री मधु रॉय,निशा चौबे,दुर्गा सोनी,रुम्पल टुटेजा,टीकम पूरी गोस्वामी, रमेश निषाद,गोलू सिन्हा,हेमा यादव,रामसागर साहू,सुभाष सोनी,बबलू राजपूत,सुरेश साहू,मोहन बघेल, ओमकार साहू,उमेश ध्रुव,रोहित साहू,युवराज ठाकुर, सुदेश हरि, प्रणय दीवान तनु,होरीलाल सिन्हा,रोहित सिन्हा,कुंजबिहारी ठाकुर,कृष्णा ठाकुर,डैनी ठाकुर,मनीष श्रीवास,प्रदीप शुक्ला, दयावंत धर बांधे,लक्ष्मी वर्मा,छन्नू गुप्ता,भगत कुम्भकार आदि ने शुभकामनाएं दी।
बेमेतरा / शौर्यपथ / मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की बेमेतरा जिला जन संवाद रैली के तहत प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय एवं पूर्व मंत्री शपुन्नूलाल मोहले ने ऑनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम से सम्बोधित किया, इस दैरान बेमेतरा जिला सन्गठन से पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा,पूर्व मंत्री डीडी बघेल, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, पूर्व विधायक अवधेश चंदेल, जिला महामंत्री विकास धर दीवान प्रदेश नेतृत्व से ऑनलाइन जुड़कर संवाद किये।
प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे शासनकाल का एक वर्ष पूरा हुआ है। मोदी सरकार ने ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लिए हैं। इसे जिला जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक घर तक पहुंचाना है। साय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए शपथ ली गई है कि अपने जीवन में अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करेंगे।
पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहले ने राज्य सरकार के8 विफलताओं पर व्यंग्यात्मक प्रहार किए, उन्होंने छत्तीसगढ़ में बड़ते कोरोना मामलों को बड़ी नाकामी बताया, एवं कार्यकर्ताओ से कहा कि पूरी कोरोना से बचने सुरक्षा का पालन करते हुए जन मुद्दों को उठाना है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रदेश महामंत्री सन्तोष पांडेय ने सभी को आत्मनिर्भर भारत की शपथ दिलाई, एवं डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी के पुण्यतिथि पर उनके संघर्ष पूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला।
पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा में जिला संगठन की संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की। इस दौरान हर्षवर्धन तिवारी, संजीव तिवारी, मण्डल अध्यक्ष मोंटी साहू,मण्डल अध्यक्ष चन्द्रपाल साहू,पार्षद प्रतिनिधि रुम्पल टुटेजा,परस वर्मा,निखिल साहू,रोहित साहू,प्रणय दीवान तनु व अन्य कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय में उपस्थित रहे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / चालू खरीफ मौसम में फसलों को प्रतिकूल मौसम सूखा, बाढ़, कीट व्याधि, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से किसानों को राहत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। इस संबंध में अधिसूचना राज्य शासन कृषि विभाग द्वारा जारी कर दी गई है। राजनांदगांव जिले के लिए मुख्य फसल धान सिचिंत एवं धान असिंचित तथा अन्य फसल सोयाबीन, अरहर अधिसूचित की गई है।
बीमा कराने के लिये आवश्यक दस्तावेज -
ऋणी किसान ऐच्छिक आधार पर फसल बीमा करा सकते है। ऐसे ऋणी किसान जो फसल बीमा का लाभ नहीं लेना चाहते हैं उन्हें किसान निर्धारित प्रपत्र में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा की अंतिम तिथि 15 जुलाई के 7 दिवस पूर्व संबंधित बैंक में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। किसानों द्वारा निर्धारित प्रपत्र में घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक की ओर से मौसम के लिये स्वीकृत या नवीनीकृत की गई अल्प कालीन कृषि ऋण का अनिवार्य रूप से बीमा किया जाना है। अऋणी किसान बैंक, सहकारी समिति एवं लोक सेवा केन्द्र में बीमा प्रस्ताव फार्म, नवीनतम आधारकार्ड, बैंक पासबुक, भू-स्वामित्व साक्ष्य (बी-1 पांचसाला)/किरायदार/साझेदार किसान का दस्तावेज, बुवाई प्रमाण पत्र एवं घोषणा पत्र प्रदाय कर बीमा करा सकते हैं।
आधार कार्ड अनिवार्य -
फसल बीमा कराने के लिये समस्त ऋणी एवं अऋणी किसानों को आधार कार्ड की नवीनतम छायाप्रति संबंधित बैंक या संस्थान हो अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना है।
बीमा के लिए प्रीमियम राशि दर -
योजना के अंतर्गत ऋणमान धान सिंचित प्रति हेक्टर 44 हजार 500 रूपए एवं धान असिंचित प्रति हेक्टर 36 हजार 500 रूपए है। जिसका 2 प्रतिशत अर्थात् किसान द्वारा देय प्रीमियम राशि 890 रूपए धान सिंचित एवं 730 रूपए धान असिंचित के लिए प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा। इसी प्रकार किसानों द्वारा सोयाबीन फसल के लिए 700 रूपए, अरहर फसल के लिए 505 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा।
एक ही बैंक से बीमा कराएं -
ऋणी एवं अऋणी किसानों द्वारा समान रकबा, खसरा का दोहरा बीमा कराने की स्थिति में किसान के समस्त दस्तावेज को निरस्त करने का अधिकार बीमा कंपनी के पास होगा। साथ ही संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।
किसानों से आग्रह है कि गत वर्ष एवं इस वर्ष मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए अधिक से अधिक संख्या में अपनी फसलों का बीमा कराएं। फसलों का बीमा करवाने हेतु समय कम होने के कारण अंतिम तिथि 15 जुलाई का इंतजार न करते हुए किसान स्वयं अपने नजदीकी सहकारी समिति/बैंक में सम्पर्क कर आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं। किसानों द्वारा फसल बीमा कराने के लिए अपने संबंधित समिति, संबंधित बैंक, बीमा प्रदाय कंपनी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमि.) लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री नीरज बंसोड़ ने आज राजनांदगांव शहर के अति कोरोना संक्रमित क्षेत्र लखोली और गंज चौक का निरीक्षण किया और स्थिति का जायजा लिया। श्री बंसोड़ ने लखोली के कंटेनमेंट जोन में कोरोना के बचाव के लिए प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करने को कहा। उन्होंने इस क्षेत्र के पॉजिटिव मरीजों के प्राथमिक संपर्क में आने वाले लोगों को शासकीय क्वारेंटाईन सेंटर में रखने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए है। श्री बंसोड़ ने आस-पास के सभी लोगों का सेंपल लेकर जांच करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण वाले सभी मरीजों का प्राथमिकता से सेंपल लेकर जांच कराएं। क्षेत्र में साफ-सफाई रखने के विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए।
संचालक श्री बंसोड़ ने कहा कि लखोली के लोगों को दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि कोई भी इस क्षेत्र से बाहर न जाएं। सार्वजनिक पेयजल के स्त्रोत में भीड़ न हो इसके लिए क्षेत्रवार अलग-अलग समय निर्धारित किया जाए। उन्होंने कहा कि पॉजिटिव मरीज वाले कंटेंनमेंट जोन में रोज सुबह और शाम पूरे क्षेत्र को सेनेटाईज कराएं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की सभी मेडिकल दुकानों में रजिस्टर तैयार कराएं, इसमें दवाई लेने वालों और डॉक्टरों की एन्ट्री करें। इससे सर्दी, खांसी, बुखार की दवाईयां लेने वालो को चिन्हांकित किया जा सकेगा। उन्होंने इस क्षेत्र के एटीएम को नियमित सेनेटाईज करने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि जिन घरों से पॉजिटिव मरीज आए हैं उनके परिवार के सदस्य घर से बाहर न निकलें, इसकी कड़ी निगरानी रखी जाए। श्री बंसोड़ ने कहा कि जिन जगहों पर पॉजिटिव मरीज मिले हैं उन क्षेत्रों में आने-जाने के लिए एक ही रास्ता रखकर रजिस्टर संधारित करें। जिसमें आने-जाने वाले लोगों के नाम, नंबर, किस कार्य से जा रहे हंै इसकी एन्ट्री की जाए, ताकि ऐसे लोगों के पॉजिटिव आ जाने पर उनकी ट्रेव्हल हिस्ट्री निकाली जा सके। श्री बंसोड़ ने लखोली निवासियों से कहा कि कोरोना से घबराएं नहीं सभी अपने घर पर ही रहें। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाए प्रोटोकाल का पालन करंे।
कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि शहर में अधिक संख्या में पॉजिटिव केस आने पर निगम क्षेत्र को कंटेंनमेंट जोन घोषित किया है। केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को ही सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि सभी कोरोना पॉजिटिव का इलाज शासकीय मेडिकल कॉलेज पेण्ड्री में किया जा रहा है। मौके पर पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र शुक्ला, नगर निगम आयुक्त श्री चंद्रकांत कौशिक, एसडीएम राजनांदगांव श्री मुकेश रावटे सहित स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग की टीम के सदस्य उपस्थित थे।
नज़रबंदी के दौरान 23 जून 1953 को कश्मीर में रहस्यमयी परिस्थितियों में हो गई थी उनकी मृत्यु
शौर्यपथ लेख / आज जिस कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर दिया गया है, जहां सत्ता को त्याग कर राज्यपाल शासन लगाया गया है, एवं वर्तमान में मोदी सरकार उस कश्मीर के अस्तित्व व देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए जिस लड़ाई को आगे बढ़ा रही है, दरअसल इस लड़ाई की शुरुआत भारत के महान सपूत डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान से ही शुरू हो गई थी, जिसने एक देश में दो विधान दो निशान नही चलेगा के संकल्प के साथ कश्मीर में अपने अभियान की शुरुआत तो की पर उनकी गिरफ्तारी के बाद नज़रबंदी के दौरान 23 जून 1953 को कश्मीर में रहस्यमयी परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई।
6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी का जन्म हुआ। उनके पिता सर आशुतोष मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एवं शिक्षाविद् के रूप में विख्यात थे। डॉ. मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक पास किया तथा 1921 में बी.ए. की उपाधि प्राप्त की। 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करने के पश्चात् वे विदेश चले गये और 1926 में इंग्लैण्ड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। अपने पिता का अनुसरण करते हुए उन्होंने भी अल्पायु में ही विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएँ अर्जित कर ली थी। 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। इस पद पर नियुक्ति पाने वाले वे सबसे कम आयु के कुलपति थे। एक विचारक तथा प्रखर शिक्षाविद् के रूप में उनकी उपलब्धि तथा ख्याति निरन्तर आगे बढ़ती गयी।
उनका राजनैतिक जीवन
डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया। डॉ.मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धान्तवादी थे। उन्होने बहुत से गैर कांग्रेसी हिन्दुओं की मदद से कृषक प्रजा पार्टी से मिलकर प्रगतिशील गठबन्धन का निर्माण किया। इस सरकार में वे वित्तमन्त्री भी बने। इसी समय वे सावरकर के राष्ट्रवाद के प्रति आकर्षित हुए और हिन्दू महासभा में सम्मिलित हुए।
मुस्लिम लीग की राजनीति से बंगाल का वातावरण दूषित हो रहा था। वहाँ साम्प्रदायिक विभाजन की नौबत आ रही थी। साम्प्रदायिक लोगों को ब्रिटिश सरकार प्रोत्साहित कर रही थी। ऐसी विषम परिस्थितियों में उन्होंने यह सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया कि बंगाल के हिन्दुओं की उपेक्षा न हो। अपनी विशिष्ट रणनीति से उन्होंने बंगाल के विभाजन के मुस्लिम लीग के प्रयासों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। 1942 में ब्रिटिश सरकार ने विभिन्न राजनैतिक दलों के छोटे-बड़े सभी नेताओं को जेलों में डाल दिया।
डॉ.मुखर्जी इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं। इसलिए धर्म के आधार पर वे विभाजन के कट्टर विरोधी थे। वे मानते थे कि विभाजन सम्बन्धी उत्पन्न हुई परिस्थिति ऐतिहासिक और सामाजिक कारणों से थी। वे मानते थे कि आधारभूत सत्य यह है कि हम सब एक हैं। हममें कोई अन्तर नहीं है। हम सब एक ही रक्त के हैं। एक ही भाषा, एक ही संस्कृति और एक ही हमारी विरासत है। परन्तु उनके इन विचारों को अन्य राजनैतिक दल के तत्कालीन नेताओं ने गलत तरीके से प्रचारित-प्रसारित किया। बावजूद इसके लोगों के दिलों में उनके प्रति अथाह प्यार और समर्थन बढ़ता गया। अगस्त, 1946 में मुस्लिम लीग ने जंग की राह पकड़ ली और कलकत्ता में भयंकर बर्बरतापूर्वक अमानवीय मारकाट हुई। उस समय कांग्रेस का नेतृत्व सामूहिक रूप से आतंकित था।
भारतीय जनसंघ की स्थापना
ब्रिटिश सरकार की भारत विभाजन की गुप्त योजना और षड्यन्त्र को कांग्रेस के नेताओं ने अखण्ड भारत के अपने वादों को ताक पर रखकर स्वीकार कर लिया। उस समय डॉ.मुखर्जी ने बंगाल और पंजाब के विभाजन की माँग उठाकर प्रस्तावित पाकिस्तान का विभाजन कराया और आधा बंगाल और आधा पंजाब खण्डित भारत के लिए बचा लिया। गान्धी जी और सरदार पटेल के अनुरोध पर वे भारत के पहले मंत्रिमंडल में शामिल हुए। उन्हें उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी। संविधान सभा और प्रान्तीय संसद के सदस्य और केन्द्रीय मंत्री के नाते उन्होंने शीघ्र ही अपना विशिष्ट स्थान बना लिया। किन्तु उनके राष्ट्रवादी चिन्तन के चलते अन्य नेताओं से मतभेद बराबर बने रहे। फलत: राष्ट्रीय हितों की प्रतिबद्धता को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानने के कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने एक नई पार्टी बनायी जो उस समय विरोधी पक्ष के रूप में सबसे बड़ा दल था, और ऐसे 21 अक्टूबर 1951 में भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ, तथा अगले ही वर्ष 1952 में हुए लोकसभा चुनावों में भारतीय जनसंघ को तीन संसदीय क्षेत्र में जीत मिली, जिसमें डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी शामिल थे।
कश्मीर के लिए उनका बलिदान
डॉ॰ मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था। वहाँ का मुख्यमन्त्री (वजीरे-आज़म) अर्थात् प्रधानमन्त्री कहलाता था। संसद में अपने भाषण में डॉ॰ मुखर्जी धारा-370 को समाप्त करने के लिए मजबूती से इस बात को रखते थे, कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नही चलेगा।
अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊँगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूँगा। उन्होंने तात्कालिन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहाँ पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। आज भी उनकी मृत्यु के रहस्य से पर्दा नही उठा है, किन्तु आज डॉ. मुखर्जी से वैचारिक समानता रखने वाले भारत में करोड़ों लोग हैं, जिनका मानना है कि कश्मीर इस राष्ट्र का मुकुट है, तथा एक देश में दो विधान दो निशान कल्पना भी नही की जा सकती है। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी नए भारत के निर्माताओं में से एक महत्त्वपूर्ण स्तम्भ हैं। जिस प्रकार हैदराबाद को भारत में विलय करने का श्रेय सरदार पटेल को जाता है, ठीक उसी प्रकार बंगाल, पंजाब और कश्मीर के अधिकांश भागों को भारत का अभिन्न अंग बनाये रखने में डॉ. मुखर्जी के योगदान को नकारा नही जा सकता। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी एक बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी ही नहीं, वह एक महान शिक्षाविद्, देशभक्त, राजनेता, सांसद, अदम्य साहस के धनी और सहृदय मानवतावादी थे। बावन वर्षों से भी कम के जीवनकाल में और उसमें से भी राजनीति में सिर्फ चौदह साल में वे स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के पद तक पहुँचे, जिसे उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान में हुए अल्पसंख्यक हिंदुओं के नरसंहार के मुद्दे पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से गंभीर मतभेद होने पर ठुकरा दिया। इससे पहले वे जिन्ना के पाकिस्तान से छीनकर बनाए गए पश्चिम बंगाल और पूर्वी पंजाब के अस्तित्व में आने के पीछे सक्रिय रहे। कैबिनेट मंत्री के पद को ठुकराने के बाद उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, और आज जनसंघ के बाद बनी भारतीय जनता पार्टी विश्व के सबसे बड़े राजनैतिक दल के रूप में स्थापित हो चुकी है, तथा लगातार दो बार भारतीय जनता पार्टी केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार भी बना चुकी है, भाजपा के नेता, कार्यकर्ता जिस नारे को बुलंद करते हैं कि “जहां बलिदान हुए मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है” और वर्तमान में देश ने नरेंद्र मोदी जैसा मजबूत प्रधानमंत्री दिया है, जिनमें डॉ. मुखर्जी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मजबूत इच्छा शक्ति नज़र भी आती है, एवं वहां के मूल निवासियों को कश्मीर में पुनर्स्थापित करने, कश्मीर की वादियों में शान्ति बहाली के प्रयासों के साथ ही कश्मीर से धारा 370 समाप्त कर मोदी सरकार ने डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। ( - विजय जयसिंघानी , रायपुर )
धमतरी ब्यूरो शौर्य पथ
राजा बड़ा नगरी में एसबीआई बैंक के सामने से गुजर रहे गंदे पानी की नाली को मिट्टी डालकर भर दिया गया है जिसकी वजह से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।
क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा की वजह से नालियां भर चुकी है और मिट्टी भरा होने की वजह से नाली का गंदा पानी निकासी नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से बदबू, मच्छर और कीड़े बिल बिलाने की शिकायत आ रही है।
C m o nagrpanchayat Nagri- का कहना है की जल्द से जल्द नाली की सफाई का कार्य किया जाएगा।