April 19, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

  रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से नक्सलवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 लागू की है। इस नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले सक्रिय ईनामी नक्सलियों और उनके परिवारजनों को शिक्षा, रोजगार एवं वित्तीय सहायता जैसी कई महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
सरकारी सेवा में नियुक्ति का प्रावधान
  यदि किसी आत्मसमर्पित नक्सली ने नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग दिया है और इसके कारण उसकी जान व संपत्ति को खतरा उत्पन्न हुआ है, तो ऐसे प्रकरणों में उसे पुलिस विभाग के आरक्षक या समकक्ष पद पर नियुक्त किया जा सकेगा। अन्य विभागों में नियुक्ति हेतु जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा आवश्यक होगी।
   साथ ही, 5 लाख रूपए या उससे अधिक के ईनामी नक्सली के आत्मसमर्पण की स्थिति में, पात्रता रखने पर नक्सली अथवा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को शासकीय सेवा में नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा। यदि किसी कारणवश सेवा नहीं दी जा सकती, तो ऐसे आत्मसमर्पित को एकमुश्त 10 लाख की राशि सावधि जमा के रूप में दी जाएगी। यह राशि 3 वर्षों के अच्छे आचरण के पश्चात एकमुश्त हस्तांतरित की जाएगी।
शिक्षा एवं छात्रवृत्ति की विशेष व्यवस्था
  छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं उनके बच्चों की शिक्षा के लिए भी व्यापक प्रावधान किए हैं। बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक निःशुल्क एवं प्राथमिकता आधारित शिक्षा शासकीय एवं आवासीय विद्यालयों में दी जाएगी। छात्रावास की सुविधा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदान की जाएगी। यदि आत्मसमर्पित नक्सली या उनके बच्चे निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ना चाहें, तो उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आरक्षित सीट में प्रवेश एवं अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
  इच्छुक आत्मसमर्पित स्वयं भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, जिसके लिए संबंधित विभागों की योजनाओं के अंतर्गत सहायता दी जाएगी। यह नई नीति राज्य में शांति एवं विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके परिवारजनों के भविष्य को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।

   रायपुर / शौर्यपथ / उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा शनिवार को सुकमा के एकदिवसीय दौरे पर पहुँचे। इस दौरान उन्होंने नक्सल पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया और आत्मसमर्पित नक्सलियों से मुलाकात कर उनके वर्तमान हालात, सरकार की पुनर्वास नीति तथा उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली।
    उपमुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में शांति स्थापना और सामाजिक समावेश की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों से संवाद करते हुए उनके पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और समावेशन की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि सरकार उनके समुचित पुनर्वास हेतु प्रतिबद्ध है। शासन की ओर से सभी ज़रूरी दस्तावेज – राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक पासबुक, वोटर आईडी और राजस्व संबंधी प्रमाणपत्र – बनाए जाएंगे।
   उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को लघुवनोपज आधारित प्रसंस्करण एवं कृषि संबंधित रोजगारमूलक प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। उन्होंने पुनर्वास केंद्र में एक नियमित प्रशिक्षक (रेगुलर इंस्ट्रक्टर) की नियुक्ति तथा कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। साथ ही केंद्र में एक देवस्थली की स्थापना कर नियमित पूजा-अर्चना की व्यवस्था करने को भी कहा।
   उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पुनर्वास और विकास को लेकर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। आत्मसमर्पण करने वालों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
   इस अवसर पर बस्तर सांसद महेश कश्यप, महिला आयोग की सदस्य सुश्री दीपिका सोरी, बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी., पंचायत विभाग के विशेष सचिव तारण प्रकाश सिन्हा, डीआईजी कमलोचन कश्यप, सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, जनप्रतिनिधि धनीराम बारसे, जिला पंचायत सदस्य हुंगाराम मरकाम सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

प्रतिभावान छात्र-छात्राओं एवं नवनिर्वाचित जिला पंचायत, जनपद पंचायत सदस्यों एवं सरपंचों को किया सम्मानित
      मोहला /शौर्यपथ /प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता एवं संसदीय कार्य मंत्री  केदार कश्यप आज जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के ग्राम पंचायत टोला गांव ब्राह्मण भेड़ी में आयोजित प्रतिभावान छात्र-छात्राओं एवं नवनिर्वाचित जिला पंचायत, जनपद पंचायत सदस्य एवं सरपंचों का सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने यहां आयोजित गरिमामयी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जनजाति समाज का गौरवमयी इतिहास रहा है। जनजाति समाज के अनेकों विभूतियों ने देश और समाज को एक दिशा देने का उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज आदिकाल से पर्यावरण के साथ जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, शहीद वीर नारायण सिंह, गैंद सिंह जैसे विभूतियों ने समाज को गौरवान्वित किया है। उन्होंने आगे कहा कि जनजाति समाज विपरीत परिस्थिति में भी लडऩे की अदम्य साहस रखता है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज के गौरवमयी इतिहास, परंपरा, संस्कृति और विरासत को सहेजे रखने के लिए समाज के सभी नागरिकों की भागीदारी की जरूरत है। मंत्री श्री कश्यप ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार जनजाति समाज को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति के पद पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू पूरे समाज को गौरवान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज के अनेक प्रतिभाशाली विद्यार्थी आज अनेक क्षेत्रों में अपना परचम लहराकर समाज को गौरवान्वित कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को संगठित और एकजुटता के साथ रहकर समाज को आगे बढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए।
        इस अवसर पर मंत्री कश्यप ने क्षेत्र के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य एवं सरपंचों को प्रतीक चिन्ह भेंटकर कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कबड्डी खेल के विजेता खिलाड़ियों को भी प्रतीक चिन्ह भेंटकर कर सम्मानित किया।
        मंत्री केदार कश्यप ने इस अवसर पर ग्राम वासियों की मांग पर कबड्डी खेल के लिए उपयोग में आने वाले मेट, सामुदायिक भवन, धान खरीदी केंद्र खोलने सहित क्षेत्र के विकास को देखते हुए सभी आवश्यक कार्ययोजना को पूरा करने का भरोसा दिया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नम्रता सिंह, वनमण्डलाधिकारी दिनेश पटेल, पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह, अपर कलेक्टर विजेन्द्र सिंह पाटले सहित अन्य अधिकारीगण, जनप्रतिनिधिगण, अधिक संख्या में गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे।

मेयर ने कहा- बाबा साहब को नमन करते हैं, जिन्होंने संविधान का निर्माण किया है,इसके माध्यम से विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत चल रहा है
  दुर्ग/शौर्यपथ /शंकर नगर स्थित बुद्ध विहार में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर बुद्ध विहार समिति द्वारा भव्य सम्मान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम में मेयर श्रीमती अलका बाघमार ने मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई।इस अवसर पर अध्यक्षता समिति अध्यक्ष ज्ञानेश्वर बागड़े ने स्वागत, सत्कार किया।इस अवसर पर मेयर श्रीमती अलका बाघमार ने अंबेडकर जयंती की दी बधाई देते हुए बोले, बाबा साहब को नमन करते हैं, जिन्होंने संविधान का निर्माण किया है। इसके माध्यम से विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत चल रहा है।
बुद्ध विहार समिति शंकर नगर दुर्ग द्वारा सन् 1970 से दुर्ग शहर स्तरीय भारत रत्न डॉ. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के जयंती समारोह का आयोजन कराया जा रहा है।इस वर्ष 134वीं जयंती समारोह का आयोजन 11 से 14 अप्रैल तक किया जाएगा।
कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य चंद्रशेखर चंद्राकर, पार्षद हर्षिका जैन, सावित्री दमाहे, आशीष चंद्राकर और संजय कोहले उपस्थित रहे।समिति के अध्यक्ष श्री बागडे और महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती संगीता मेश्राम ने आयोजन को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।
कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बुद्ध विहार समिति और महिला मंडल का योगदान सराहनीय रहा।

गुरूर में आयोजित माँ कर्मा महोत्सव तथा गोण्डवाना वार्षिक महाधिवेशन में हुए शामिल
बस स्टैण्ड में शहीद वीर नारायण सिंह के प्रतिमा पर किया माल्यार्पण, गोण्डवाना समाज एवं साहू समाज के नवनिर्मित सामाजिक भवनों का किया लोकार्पण
बालोद/शौर्यपथ /केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज के विकास के लिए सबसे बड़ी धुरी है। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा के किसी भी समाज की उन्नति की परिकल्पना बिल्कुल भी नही की जा सकती। साहू आज विकासखण्ड मुख्यालय गुरूर के कोलिहामार में गोण्डवाना समाज एवं साहू समाज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित माँ कर्मा महोत्सव एवं गोण्डवाना वार्षिक महाधिवेशन तथा नवनिर्मित सामाजिक भवनों के लोकार्पण समारोह के अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री भोजराज नाग, गोण्डवाना समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी, केशकाल विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं गोण्डवाना समाज के प्रदेश अध्यक्ष  नीलकंठ टेकाम, पूर्व विधायक  प्रीतम साहू, साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष  टहल सिंह साहू, साहू समाज के प्रदेश सलाहकार  पवन साहू, तहसील साहू संघ के अध्यक्ष  महेन्द्र साहू, आदिवासी गोण्डवाना सेवा समिति गुरूर के तहसील अध्यक्ष श्रीमती उत्तरा मरकाम एवं  यूआर गंगराले सहित अन्य समाज प्रमुख एवं जन प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने नशापान को समाज के विकास के लिए सबसे बड़ा बाधक बताते हुए समाज के लोगों को नशापान से सर्वथा दूर रहने की अपील की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि साहू एवं अतिथियों ने बस स्टैण्ड गुरूर में शहीद वीर नारायण सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इस दौरान अतिथियों के द्वारा गुरूर में 50-50 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित गोण्डवाना समाज एवं साहू समाज के सामाजिक भवनों का लोकार्पण भी किया गया। केन्द्रीय मंत्री  साहू ने छत्तीसगढ़ के दो प्रमुख समाज गोंड़ एवं साहू समाज के द्वारा गुरूर में संयुक्त रूप से समारोह के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसके लिए उन्होंने दोनों समाज के लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री  तोखन साहू ने आदिवासी समाज के गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आदिवासियों की संस्कृति दुनिया में सबसे समृद्ध एवं वैभवशाली है। उन्होंने कहा कि सीधे, सरल एवं मेहनतकश आदिवासियों द्वारा कठिन परिश्रम से समाज के अन्य सभी वर्गों का भरण पोषण एवं सेवा का पूनीत कार्य किया जाता है। इसके अलावा आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा पेड़-पौधों एवं पशु-पक्षियों की रक्षा कर प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण तथा संवर्धन भी इनके संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अवसर पर उन्होंने साहू समाज के गौरवशाली इतिहास पर भी प्रकाश डालते हुए समाज के विरासत को अत्यंत उज्ज्वल बताया। उन्होंने कहा कि साहू समाज के लोगों को अपने वैभवशाली अतीत से शिक्षा लेना चाहिए। उन्होंने दानवीर भामाशाह के दानवीरता के संबंध में प्रकाश डालते हुए कहा कि जब महाराणा प्रताप सम्राट अकबर के साथ युद्ध करते हुए घोर आर्थिक कठिनाई से गुजर रहे थे। ऐसे विषम परिस्थिति में हमारे समाज के गौरव दानवीर भामाशाह ने महाराणा प्रताप को असीमित धन देकर उनके आर्थिक कठिनाईयों को सदा के लिए दूर किया था। इस तरह से हमारे समाज के लोगांे ने भी जब-जब भी आवश्यकता हुई मातृभूमि के रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है। इस अवसर पर उन्होंने भक्त माता कर्मा सहित साहू समाज के अन्य विभूतियों के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए समाज के लोगों के उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने को कहा। श्री साहू ने समाज के आने वाले पीढ़ी को उच्च शिक्षित बनाने तथा बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारी भी बनाने की अपील की।
  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री  तोखन साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के द्वारा समाज के सभी वर्गों के चहुँमुखी विकास के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा समाज के संर्वागीण विकास हेतु अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर उनका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। वह वास्तव में आने वाले भारत के नवनिर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। साहू ने आदिवासी एवं साहू समाज सहित सभी समाज के लोगों को बेहतर कार्य करते हुए अपने समाज व राष्ट्र के विकास में बहुमूल्य भागीदारी निभाने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने आज के इस कार्यक्रम मंे गोण्डवाना एवं साहू समाज के लोगों के द्वारा प्रस्तुत किए गए मांगों के निराकरण हेतु उचित कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया। समारोह में स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए आदिवासी गोण्डवाना सेवा समिति तहसील गुरूर के अध्यक्ष श्रीमती उत्तरा मरकाम एवं तहसील साहू समाज गुरूर के अध्यक्ष  महेन्द्र साहू ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए अपने-अपने समाजों के मांगों की ओर अतिथियों का ध्यान आकृष्ट भी कराया।

प्याऊ घर की सुविधा मिलने से लोगों को भीषण गर्मी में पेयजल उपलब्ध होता है,स्वयंसेवी संस्थाओं ने हमेशा से इस दिशा में बेहतर काम किया है:महापौर
महापौर ने नागरिकों से अपील कर कहा कि अपने घर के आंगन, छत और दीवारों में पक्षियों के लिए पानी से भरे सकोरे रखने की व्यवस्था जरूर करें
  दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत बस स्टैंड के पास सत्य साईं सेवा समिति द्वारा राहगीरों के लिए शीतल जल उपलब्ध कराने प्याऊ घर खोला गया है।महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने एमआईसी सदस्य श्रीमती हर्षिका संभव जैन के साथ सत्य साईं सेवा समिति के सदस्यों के साथ प्याऊघर का शुभारंभ किया।इस अवसर पर महापौर ने कहा प्याऊ घर की सुविधा मिलने से लोगों को भीषण गर्मी में पेयजल उपलब्ध होता है।स्वयंसेवी संस्थाओं ने हमेशा से इस दिशा में बेहतर काम किया है।
 उन्होंने कहा कि गर्मी के कारण केवल नागरिक परेशान नहीं होते बल्कि पक्षी भी पेयजल के लिए परेशान होते हैं।उन्होंने नागरिकों से अपील कर कहा कि अपने घर के आंगन, छत और दीवारों में पक्षियों के लिए पानी से भरे सकोरे रखने की व्यवस्था करें।
प्याऊ घर स्थापना के अवसर पर सत्य साई सेवा समिति दुर्ग के समिति के बीपी पांडे,आर.के. तिवारी,सिन्नरकर,दिलीप ठाकुर सुंदर बंसल के आर मुदलियार संजय कानखोजे,गौरव ठाकुर रंग दमन राजपूत,श्रीनिवास राव    सौरव पाण्डेय,नवीन त्रिपाठी राजेंद्र साहू,राजेंद्र मरकाम राजू सोनी,विजय सोनी,पद्म निषाद देव कुमार साहू ,राजकुमार  वर्मा, इंद्राणी मिश्रा मीना पांडे गायत्री ठाकुर  मीरा राजपूत मंजू राजपूत सरस्वती साहू तृप्ति नायडू, कु पूजा साहू,अनुपूर्णा राव,शोभा रानी मरकाम आदि ज्ञातव्य हो कि संगठन के निर्देशानुसार और समिति के सेवा एवं रचनात्मक कार्य  के अंतर्गत प्याऊ सेवा विगत 30 वर्षों से निरंतर संपादित हो रही है  जिसका सकारात्मक परिणाम भी मिलता है।
नगर की आध्यात्मिक सेवा कार्यों में अग्रणी जिला चिकित्सालय तथा सेंट्रल जेल द्वारा सम्मानित श्री सत्य साई सेवा समिति के सेवा एवं रचनात्मक कार्य के अंतर्गत पुराना बस स्टैंड में प्याऊ सेवा  महापौर अलका बाघमार द्वारा सत्य साई बाबा के तेलचित्र की पूजा आरती कर राहगीरों को शुद्ध शीतलजल प्याऊ घर का महापौर द्वारा प्रदान किया गया।
बढ़ती गर्मी को देखते हुए प्याऊ घर खोले जाने से राहगीरों को इससे राहत मिलेगा।जरूरत पड़ने पर शहर के बस स्टैंड सहित कुछ स्थानों पर प्याऊ घर खोला जाएगा।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को श्रद्धापूर्वक नमन किया है। उन्होंने कहा कि यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में साहस और बलिदान का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण ढंग से रॉलेट एक्ट के विरोध में एकत्रित निहत्थे नागरिकों पर जब ब्रिटिश जनरल डायर के आदेश पर गोलियां बरसाई गईं, तब सैकड़ों निर्दोष बच्चे, महिलाएं और पुरुष शहीद हो गए। यह घटना पूरे देश को झकझोर देने वाली थी, जिसने आज़ादी की लड़ाई को और अधिक तीव्र और व्यापक बना दिया।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि जलियांवाला बाग हमारे आत्मसम्मान, आज़ादी और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए दी गई असंख्य कुर्बानियों की यादगार है। उन्होंने कहा कि हमें वीर शहीदों के बलिदानों से मिली हुई स्वतंत्रता के मूल्य को समझते हुए सशक्त भारत के निर्माण में योगदान देना चाहिए।

‘पंचतीर्थ’ और संविधान दिवस से नई पीढ़ी बाबा साहब से ले रही है प्रेरणा: मुख्यमंत्री
प्रिएम्बल वाल पर हस्ताक्षर कर संविधान की मूल भावना के प्रति जताई प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया
  रायपुर /शौर्यपथ / भारत का संविधान हर नागरिक के लिए पवित्र ग्रंथ है, जो हमें गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार देता है। हमारा विशाल लोकतंत्र संविधान की मजबूत नींव पर खड़ा है और बाबा साहब इस ग्रंथ के शिल्पकार थे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के तेलीबांधा तालाब से ‘जय भीम पदयात्रा’ का शुभारंभ करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री युवाओं के साथ हुए पदयात्रा में शामिल
मुख्यमंत्री स्वयं इस पदयात्रा में युवाओं के साथ शामिल हुए और पदयात्रा के अंतिम पड़ाव में अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस दौरान उन्होंने युवाओं के साथ संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया और संविधान की मूल भावना के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रिएम्बल वाल पर अपने हस्ताक्षर किए। उल्लेखनीय है कि ‘जय भीम पदयात्रा’ का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग और नेहरू युवा केंद्र संगठन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
बाबा साहब की दूरदर्शिता को बताया लोकतंत्र की नींव
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि मध्यप्रदेश के मऊ में जन्म लेकर कठिन संघर्षों के बाद बाबा साहब ने उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारत जैसे विशाल लोकतंत्र को एक समावेशी और शक्तिशाली संविधान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहब के जीवन से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों को 'पंचतीर्थ' के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जिससे नई पीढ़ी उनके विचारों से प्रेरणा ले सके। साथ ही संविधान दिवस की घोषणा कर देशवासियों को संविधान के प्रति समर्पण का संदेश दिया है।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण
साय ने कहा कि बाबा साहब की दूरदर्शिता की वजह से आज भारत जैसा विशाल देश अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को लगातार समृद्ध कर रहा है, वहीं भारत के साथ आज़ाद हुए अन्य देश लोकतंत्र को साथ लेकर नहीं चल पाए। उन्होंने युवाओं से भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और उन्हें मजबूत करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का पूरा जीवन हम सबके लिए प्रेरणादायी है। उनके अगुवाई में ही देश के संविधान का निर्माण किया गया। उनके आदर्शों एवं बताए गए रास्तों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
युवाओं को किया गया सम्मानित
इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समाज में विशिष्ट योगदान देने वाले युवाओं को मुख्य मंच से सम्मानित किया। इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक खुशवंत साहेब, विधायक  अनुज शर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, नगर निगम आयुक्त विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में युवा, स्कूली बच्चे और आमजन उपस्थित थे।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के नव नियुक्त अध्यक्ष  रामसेवक पैकरा के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और  पैकरा को नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी उपस्थित थे और उन्होंने  पैकरा को नए दायित्व की बधाई दी।
मुख्यमंत्री  साय ने इस अवसर पर कहा कि  रामसेवक पैकरा वरिष्ठ राजनेता हैं और सामाजिक जीवन का उन्हें लंबा अनुभव है। उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया है। वे हमेशा से आदिवासी और वनवासी समुदायों के प्रति संवेदनशीलता और धरातल से जुड़कर कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उन्हें वन विकास निगम की बड़ी जिम्मेदारी मिलने से जनजातीय समाज को इसका लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लगभग 44 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र से आच्छादित है, जो न केवल जैव विविधता और पर्यावरण के लिए बल्कि आदिवासी संस्कृति और आजीविका के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने वनवासी समुदायों के हित में सरकार द्वारा की जा रही पहल का उल्लेख करते हुए बताया कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक को 4,000 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 4 करोड़ पौधों के रोपण एवं वितरण का लक्ष्य रखा गया है, वहीं बिगड़े वनों के सुधार हेतु 310 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘एक पेड़ माँ के नाम’ योजना का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य में अब तक 3 करोड़ 50 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री  रामविचार नेताम, वन मंत्री  केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, विधायक पुरंदर मिश्रा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल सहित विभिन्न मंडल आयोगों के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम एवं वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारीगण तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

  रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर को उनकी जयंती (14 अप्रैल) के अवसर पर नमन किया है।
 मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। वे बहुभाषाविद्, प्रखर विधिवेत्ता, कुशल अर्थशास्त्री, सामाजिक न्याय के पक्षधर, और दूरदर्शी राजनेता थे। उन्होंने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण सामाजिक विषमताओं के उन्मूलन और समानता, स्वतंत्रता तथा बंधुत्व के मूल्यों को प्रतिष्ठित करने हेतु समर्पित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में भारत को वह मजबूत नींव प्रदान की, जिस पर आज हमारा देश विविधताओं में एकता की मिसाल बनकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विशेष रूप से दलितों, वंचितों, श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कई ऐतिहासिक संवैधानिक प्रावधानों को स्थापित किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाबा साहेब का राष्ट्र निर्माण में योगदान न केवल अतुलनीय है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत भी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नागरिकों से संविधान की मूल भावना, लोकतांत्रिक आदर्शों और सामाजिक न्याय के मूल्यों को आत्मसात करने और उन्हें और अधिक सशक्त बनाने के लिए सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान किया।

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