April 19, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

  रायपुर/शौर्यपथ /उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव 11 अप्रैल को लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा करेंगे। वे राजधानी रायपुर के सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में सवेरे दस बजे से आयोजित समीक्षा बैठक में विभाग द्वारा प्रदेशभर में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। लोक निर्माण विभाग के सचिव, प्रमुख अभियंता, सभी मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता सहित सभी जिलों के कार्यपालन अभियंता बैठक में शामिल होंगे।

 रायपुर /शौर्यपथ /मार्च, 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य के  साथ  ही  राज्य  सरकार  सम्पूर्ण बस्तर  के समन्वित  विकास  के लिए  रोड  मैप  बना  रहा  है। मुख्यमंत्री विष्णु  देव  साय खुद  इस  संबंध  में  15 और  16 अप्रैल  को  जगदलपुर  में  संबंधित  विभाग  के सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर और उस  क्षेत्र  में  कार्य  करने  वाले  स्टेकहोल्डर  से  चर्चा करेंगे।
मुख्यमंत्री साय 15 अप्रैल  को  जगदलपुर   में   चार विषयों  कृषि, पशुपालन, मछली पालन एवं संबद्ध विषय,  औद्योगिकीकरण एवं रोजगार, पर्यटन को बढ़ावा देना, कौशल विकास सहित युवाओं को बस्तर एवं अन्य क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने  से  संबंधित  विषयों पर बस्तर में पदस्थ अधिकारियों एवं उस क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ  चर्चा करेंगे।  
मुख्यमंत्री साय 16 अप्रैल  को बस्तर संभाग के कलेक्टर,पुलिस अधीक्षक , मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं वनमण्डल अधिकारियों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे।
इस संबंध में  मुख्यमंत्री  के  प्रमुख  सचिव  सुबोध  कुमार सिंह  ने  कृषि, वाणिज्य एवं  उद्योग, पर्यटन, कौशल विकास विभाग  के सचिव और  बस्तर  संभाग  के कमिश्नर  एवं कलेक्टरों  को   पत्र जारी  कर  आवश्यक तैयारी  के निर्देश दिए  हैं।   उन्होंने  कहा  है  कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेषकर बस्तर संभाग में विकास की गति भी तेजी से बढ़े, इसके लिए बस्तर के सभी जिलों के विकास का एक रोडमैप बनाया जाना है। इस हेतु पूर्व में बनाया गया दस्तावेज विज़न @2047 "नवा अंजोर" का भी अवलोकन कर उसमें उल्लेखित बिंदुओं को  समाहित  किया जाय।
 सुबोध  कुमार सिंह  ने कहा  है कि सम्बन्धित विभागीय सचिव इन बैठकों एवं प्रस्तुतीकरण के संयोजक होंगे। वे संभागीय आयुक्त, बस्तर के साथ समन्वय कर सभी स्टेक होल्डर को चर्चा में आमंत्रित करेंगे। प्रत्येक विषय पर लगभग एक घंटा चर्चा का समय रखा गया है।

   रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। गृह विभाग द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। यह नीति, नक्सल हिंसा में पीड़ित हुए व्यक्तियों एवं परिवारों जैसे कि मृत्यु, गंभीर घायल या स्थायी अपंगता के शिकार लोगों के साथ-साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और राहत के उद्देश्य से तैयार की गई है।
जिला स्तर पर गठित की जाएगी पुनर्वास समिति
अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक जिले में गठित होने वाली समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे, जबकि पुलिस अधीक्षक को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त वनमंडलाधिकारी, जिला पंचायत के सीईओ, कलेक्टर द्वारा नामांकित दो अन्य अधिकारी तथा सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों को भी समिति में शामिल किया जाएगा।
नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त
प्रत्येक जिले एवं सब-डिविजनल स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जिनका मोबाइल नंबर व ई-मेल पता राज्य शासन को प्रेषित किया जाएगा। यह अधिकारी समस्त पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे। गृह विभाग ने निर्देशित किया है कि राज्य गठन के उपरांत से अब तक के सभी पीड़ित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए और आत्मसमर्पित नक्सलियों का चयन कर राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए।
इस नीति के अंतर्गत एक विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक पीड़ित एवं आत्मसमर्पित व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाएगी और उन्हें एक यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। संबंधित अधिकारी इस पोर्टल के डैशबोर्ड का नियमित रूप से अवलोकन कर राहत एवं पुनर्वास के कार्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। गृह विभाग ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे इस नीति के अंतर्गत निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही को समय सीमा में प्रभावी रूप से पूरा करेंगे।

सेमीकंडक्टर, ईव्ही उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे
मुख्यमंत्री  साय की पहल पर नवा रायपुर में कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री   विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-22 में ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर के अंतर्गत एक अत्याधुनिक कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) की स्थापना की जा रही है। यह सेंटर इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में काम कर रहे उद्योगों और स्टार्टअप्स के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित होगा। यह कॉमन फैसिलिटी सेंटर तकनीकी नवाचार, औद्योगिक सहयोग और रोजगार सृजन का केंद्र बनेगा। यह प्रोजेक्ट, छत्तीसगढ़ को तकनीकी रूप से समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री साय के संकल्प को पूरा करने में मददगार होगा।
  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओपी चौधरी के मार्गदर्शन में यह परियोजना नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा ईएमसी 2.0 योजना के तहत 75 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हुई है। इसकी कुल लागत 108.43 करोड़ रुपये है, जिसमें राज्य सरकार की भागीदारी 33.43 करोड़ रुपये की होगी।
  नवा रायपुर में 3.23 एकड़ भूमि में विकसित यह सेंटर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड प्रोटोटाइपिंग, 3डी प्रिंटिंग, ईएमसी टेस्टिंग, पर्यावरण और विश्वसनीयता परीक्षण जैसी आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है। इससे सेमीकंडक्टर, एलईडी लाइटिंग, सोलर चार्ज कंट्रोलर, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उपकरण, ऑटोमेशन सॉल्यूशन और एससीएडीए पैनल जैसे उत्पादों के निर्माण में लगे उद्योगों को तकनीकी सहयोग मिलेगा।
 मुख्यमंत्री साय का कहना है कि हमारा उद्देश्य केवल उद्योग लगाना नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को तकनीकी अवसरों से जोड़ना और राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है। यह कॉमन फैसिलिटी सेंटर निवेशकों के लिए एक नया अवसर है और यह छत्तीसगढ़ को इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित करेगा।
  यह सेंटर उन छोटे उद्यमों के लिए भी बेहद उपयोगी है जो अपने उत्पादों की गुणवत्ता जांचना चाहते हैं या नए डिजाइनों पर काम कर रहे हैं। स्टार्टअप्स अपने उत्पादों का परीक्षण कर सकेंगे, नवीन प्रोटोटाइप तैयार कर सकेंगे और तेजी से उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और उद्योगों को आवश्यक तकनीकी सहयोग मिलेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार की औद्योगिक नीति में मिलने वाले प्रोत्साहनों से राज्य में नए निवेश बढ़ेंगे। यह परियोजना छत्तीसगढ़ की औद्योगिक प्रगति में एक नया अध्याय जोड़ेगी और नवा रायपुर को तकनीक के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएगी।

डी.बी.टी. के जरिये 44 हजार 940 श्रमिको को 15.37 करोड़ रूपये की राशि अंतरित
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय आज नवा रायपुर स्थित बीओसी भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह के पदभार ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन एवं बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने संयुक्त रूप से 44 हजार 940 श्रमिको को 15.37 करोड़ रूपये डी.बी.टी. के जरिये श्रमिकों के बैंक खाते में अंतरित की।
मुख्यमंत्री साय ने पदभार ग्रहण करने पर डॉ. रामप्रताप सिंह को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल श्रमिक हित में बेहतर कार्य करेगा। श्रम मंत्री  देवांगन ने कार्यक्रम में श्रमिकों को राशि अंतरण के मौके पर कहा कि, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव की सरकार में प्रदेश के श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों का लगातार योजनाओं का लाभ तेजी से मिल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों एवं उनके परिजनो के बेहतरी के लिये कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिये लगातार आर्थिक मदद दी जा रही है। बीते सवा साल में श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगभग 500 करोड़ रूपये श्रमिकों के बैंक खाते में अंतरित किये जा रहे है।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री  अरूण साव, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, श्रम मंत्री  लखन लाल देवांगन, स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वन मंत्री केदार कश्यप खाद्य मंत्री  दयाल दास बघेल रमेश बैस (पूर्व राज्यपाल), विधायक  धरमलाल कौशिक, श्रीमती रायमुनि भगत, पुरन्दर मिश्रा अनुज शर्मा श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष योगेश दत्त मिश्रा, सचिव सह श्रमायुक्त, श्रीमती अलरमेलमंगई डी., छ.ग.भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के सचिव, गिरीश कुमार रामटेके, अपर श्रमायुक्त एस.एल.जांगड़े एवं श्रीमती सविता मिश्रा सहित निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यगण के साथ-साथ श्रमिक एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
  छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की योजनाओं के अंतर्गत डी.बी.टी. के माध्यम से अंतरित की गई राशि में निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना के तहत 30,585 श्रमिकों को 04 करोड़ 05 लाख 25 हजार रूपये, मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत 1055 श्रमिकों को 02 करोड़ 11 लाख, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना के तहत 3480 श्रमिकों को 52 लाख 19 हजार 500, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के तहत 32 श्रमिको को 32 लाख, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के अंतर्गत 102 श्रमिको के उत्तराधिकारी को 01 करोड़ 10 लाख, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत 70 हितग्राहियों 12 लाख 60 हजार 595, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के तहत 2461 श्रमिकों के पुत्रियों को 4 करोड़ 92 लाख, 20 हजार, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 4237 हितग्राहियों को 87 लाख 25 हजार, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना के तहत 1048 श्रमिको को 36 लाख 19 हजार 780, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के अंतर्गत 177 हितग्राहियों को 35 लाख 40 हजार, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना के तहत 1687 श्रमिकों को 62 लाख 48 हजार 782, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना के अंतर्गत 05 हितग्राहियो को 39 हजार 500 रूपये  एवं  निर्माण श्रमिको के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना के 01 हितग्राही को 50 हजार रूपये शामिल है।

चिप्स की उल्लेखनीय भूमिका
   रायपुर/शौर्यपथ / आधार सेवाओं के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राज्य को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। राज्य में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के बायोमैट्रिक आधार अपडेट की उत्कृष्ट सेवाओं के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। यह सम्मान आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित आधार संवाद कार्यक्रम में दिया गया।
कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (फायनेंस) तेनतु सत्यनारायण द्वारा यह सम्मान छत्तीसगढ़ को प्रदान किया गया। राज्य की ओर से छत्तीसगढ़ सदन के श्री मनीष जोशी ने यह सम्मान ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि चिप्स, राज्य में नामांकन एजेंसी के रूप में कार्य करते हुए आधार से संबंधित सेवाएं प्रदान कर रही है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ सरकार की डिजिटल सेवाओं को सुदृढ़ एवं जन सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक ने बताया कि राज्य में 5 से 7 एवं 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के अनिवार्य बायोमैट्रिक अपडेट की दिशा में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए यह सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशों के अनुरूप चिप्स द्वारा विगत एक वर्ष में राज्य के दूरस्थ एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 944 विशेष आधार शिविरों का आयोजन किया गया है, जिनमें 38,762 नागरिकों का आधार पंजीयन एवं अद्यतन किया गया।

गांव-गांव, शहर-शहर में लोग समाधान पेटियों में जमा कर रहे आवेदन
8 से 11 अप्रैल तक ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में आमजन से लिए जाएंगे आवेदन
  रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन की समस्याओं के निदान और उनसे रूबरू मुलाकात के लिए सुशासन तिहार का प्रदेशव्यापी शुभारंभ 08 अप्रैल से हो गया है। तीन चरणों में आयोजित होने वाला यह सुशासन तिहार 31 मई तक चलेगा। प्रथम चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आम जनता से ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालयों में सीधे आवेदन लिए जा रहे हैं। सुशासन तिहार को लेकर लोगों में आज दूसरे दिन भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है, और लोग अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन लेकर उसे ग्राम पंचायत और नगर पंचायत कार्यालयों में लगी समाधान पेटी में जमा कर रहे है।
 नारायपुर जिले के देवगांव, गौरदंड, फरसगांव, कापसी, सुलेंगा, धौड़ाई, कुढ़ार गांव, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कोतमरा, कटेली और भोथली में, अंबिकापुर जिले में विकाखण्ड बतौली और सीतापुर के खड़गवां, भटको, कुनकुरी देवगढ़ और सोनतराई ग्राम पंचायत में लोगों ने उत्साहपूर्वक अपनी समस्याओं को लेकर आवेदन दिया। कमिश्नर और कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी सुशासन तिहार की व्यवस्था का जायजा लेने के साथ लोगों को उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए बिना किसी हिचक के आवेदन पत्र देने की भी समझाइश दे रहे हैं।
  सुशासन तिहार के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन पोर्टल एवं कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी आवेदन प्राप्त किए जाने की व्यवस्था है। विकासखंडों और जिला मुख्यालयों में भी आवेदन प्राप्त करने हेतु समाधान पेटी रखी गई है, जहां लोग अपनी समस्याओं के संबंध में आवेदन डाल रहे है। जनसमान्य की समस्याओं से संबंधित आवेदनों को भरने के लिए ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायो के कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई गई है, ताकि लोगों को अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन देने में किसी भी तरह की परेशानी न हो। कई जिलों में आवेदन पत्र तैयार करने में सहायता के लिए दिव्यांग संगवारी और संगवारी दीदी भी तैनात किए गए है।
  उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा सुशासन एवं पारदर्शिता के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सुशासन तिहार-2025 का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। सुशासन तिहार-2025 के तहत सभी प्राप्त आवेदनों की सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि कर संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा, और एक माह के भीतर उनका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
   मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा है कि सुशासन तिहार 2025 का उद्देश्य जनसामान्य की समस्याओं का प्रभावी एवं त्वरित समाधान, शासकीय कार्यों में पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद स्थापित करना है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्व में ही सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे सुशासन तिहार के सुव्यवस्थित आयोजन और इसके अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों के तत्परता से निराकरण को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर निराकरण की स्थिति और गुणवत्ता की समीक्षा भी की जाएगी।
   सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रत्येक जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित होंगे। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार शिविरों का आयोजन किया जाएगा। शिविरों में आमजन को उनके आवेदन की स्थिति से अवगत कराया जाएगा, तथा यथासंभव आवेदन का त्वरित निराकरण भी वहीं किया जाएगा। शेष समस्याओं का निराकरण एक माह के भीतर कर सूचना दी जाएगी। समाधान शिविरों में जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन प्रपत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस अभियान में सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शिविरों में उपस्थित रहकर आमजन से संवाद करेंगे, और विकास कार्यों व योजनाओं से मिल रहे लाभ का फीडबैक लेंगे। साथ ही औचक निरीक्षण के माध्यम से चल रहे निर्माण कार्यों की वास्तविक स्थिति और गुणवत्ता का भी मूल्यांकन किया जाएगा।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जयंती के पावन अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी है।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संदेश में कहा कि भगवान महावीर ने अपने जीवन से सत्य, अहिंसा, करुणा और अपरिग्रह जैसे महान मूल्यों का जो संदेश दिया, वह आज के सामाजिक और नैतिक जीवन के लिए अत्यंत प्रासंगिक है।
साय ने कहा कि भगवान महावीर ने अहिंसा को सर्वोच्च धर्म बताया और दया तथा प्रेम को जीवन का आधार बनाया। उन्होंने समरसता, सह-अस्तित्व और शांति का मार्ग दिखाया।
उनकी शिक्षाएं न केवल धार्मिक आस्था का आधार हैं, बल्कि वे मानवता को एक नई दिशा देने वाली प्रेरणा हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे भगवान महावीर की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करें और दीन-दुखियों, जरूरतमंदों तथा समाज के कमजोर वर्गों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहें।

  दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत के शक्ति नगर की पानी टंकी से सप्लाई होने वाली बड़ी पाईप लाईन फूट जाने के कारण हो रही जल संकट को दूर करने आज जलगृह विभाग द्वारा महापौर अलका बाघमार के निर्देश पर उक्त टंकी का शट डाउन कर फूटे पाईप को बदलने कार्य प्रारंभ किया जो देर रात तक मरम्मत कार्य चलेंगे और कार्य पूर्ण होने के बाद ही गुरुवार रात्रि तक पानी सप्लाई सामान्य होने की संभावना है जेसीबी व अन्य संशाधनो के साथ प्रशिक्षित कर्मियों के द्वारा किए जा रहे पाईप लाईन सुधार कार्य का निरीक्षण करने जल गृह प्रभारी श्रीमती लीना दिनेश देवांगन स्वयं मौके पर पहुंची और अधिकारियों को मरम्मत कार्य जल्द पूर्ण करने व पानी सप्लाई नार्मल होने तक प्रभावित क्षेत्र में टैंकर से पानी देने के निर्देश दिए इस अवसर पर वार्ड पार्षद एवं लोक कर्म प्रभारी देव नारायण चंद्राकर,पार्षद सुरुचि उमरे,सावित्री दमाहे,जलगृह कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम,सहायक अभियंता गिरीश दीवान,उपयंत्री मोहित मरकाम,जल कार्य निरीक्षक नारायण सिंह ठाकुर आदि उपस्थित थे।
अमृत मिशन के तहत 2 वर्ष पूर्व शक्ति नगर में नई पानी टंकी का निर्माण किया गया था जिसके माध्यम से पानी सप्लाई करने नई पाईप लाईन बिछाई गई थी जो कुछ माह पूर्व मामूली लिकेज के चलते पानी रिस रहा था किंतु 15 दिन पूर्व उक्त लिकेज बढ़ता गया और लाईन फूटने के कारण वार्डो में पानी का प्रेशर बेहद कम हो गया था और सप्लाई लाइन के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 17,18,19,20 शक्ति नगर शांति नगर जवाहर नगर,आदित्य नगर के बड़े क्षेत्र व 21के आशा नगर में पानी की प्रेशर कम होने के कारण जलसंकट की स्थिति निर्मित हो रही थी और टैंकर के माध्यम से पानी देना पड़ रहा था किंतु गर्मी बढ़ने के साथ ही उक्त क्षेत्र में पानी की समस्या और बढ़ने लगीं थी जिसकी शिकायत वार्डो के पार्षदो के अलावा नागरिक भी कर रहे थे इसे ध्यान में रखकर विगत दिनों जल गृह प्रभारी कक्ष में महापौर अलका बाघमार द्वारा लिए गए समीक्षा बैठक में लिकेज का जल्द मरम्मत कराने के निर्देश दिए थे जिसके बाद विभाग के अधिकारियों द्वारा आज पूर्व तैयारी के साथ विशेषज्ञ कर्मचारियों के जरिए रिपेयर कार्य प्रारंभ किया जो देर रात्रि तक जारी है और सुधार कार्य पूर्ण होने के बाद ही उक्त टंकी में पानी भरा जा सकेगा।इसलिए वर्तमान में टैंकर के माध्यम से ही पानी सप्लाई की जा रही है।

लक्ष्य 41.85 लाख के विरूद्ध 47.27 लाख मानव दिवस रोजगार का किया गया सृजन
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के मागदर्शन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपानल अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे के निर्देशन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत बालोद जिले ने अपनी अलग पहचान बनाई है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों का लगातार क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मनरेगा अंतर्गत शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले का कुल लक्ष्य 41.85 लाख मानव दिवस था। जिसके विरूद्ध 47.27 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया, जो लक्ष्य का 113 प्रतिशत उपलब्धि है। ग्रामीण अंचलों में रोजगार देने का सिलसिला वनांचल क्षेत्र से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक लगातार जारी है। ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार के साधन गांव में ही प्राप्त हुए। डाॅ. सीईओ कन्नौजे ने बताया कि जिले में पंजीकृत महिलाआंे को सर्वाधिक रोजगार मिला है। इसके अंतर्गत जिले में पंजीकृत 1.15 लाख ग्रामीण महिलाओं को 32.64 लाख मानव दिवस सृजित कर रोजगार उपलब्ध कराते हुए उनकी आजीविका में वृद्धि हुई है जो कि प्रदेश में महिलाओं को रोजगार देने में तीसरे पायदान पर है। इसके साथ ही दिव्यांग श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। उन्होंने बताया कि जिले में ’हर हाथ को कम काम का वाजिब दाम’ के कहावत को चरितार्थ करते हुए कुल 1052 दिव्यांग श्रमिकों को उनके आवश्यकता अनुरूप कार्य प्रदान करते हुए रोजगार उपलब्ध कराया गया है जो कि प्रदेश में दिव्यांग श्रमिकों को रोजगार देने में आठवें पायदान पर है।
सीईओ डाॅ. कन्नौजे ने बताया कि मनरेगा अंतर्गत श्रमिकों को समयबद्ध मजदूरी भुगतान भी किया गया है। मनरेगा अंतर्गत श्रमिकों को 15 दिवस के भीतर मजदूरी भुगतान किये जाने का प्रावधान है जिसके अनुरूप बालोद जिले में श्रमिकों को मजदूरी भुगतान उनके बैंक खातों में आधार बेस्ड के माध्यम से सीधे जारी किया गया है। समयबद्ध मजदूरी भुगतान का प्रतिशत जिले में 99.10 है, जो कि प्रदेश में तीसरे पायदान पर है। इसके अलावा प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन संबंधी कार्यों में व्यय का प्रतिशत शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 65.38 प्रतिशत जिले में व्यय हुई है, जो कि 100.58 प्रतिशत उपलब्धि हासिल करते हुए प्रदेश में पांचवा पायदान पर है। वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं पूर्व वर्षों के योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों में परिसंपत्तियों का सृजन करते हुए प्राथमिकता के साथ   91.04 प्रतिशत स्वीकृत कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराया गया है, जो कि प्रदेश में तीसरे पायदान पर है। जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता के साथ समय-समय पर अधिकारियो का समीक्षा बैठक आहूत करते हुए सामाजिक अंकेक्षण निकासी बैठक में पारित निर्णयों का प्रकरण वार निराकरण किया जाता है। जिसके परिणाम स्वरूप कुल प्रकरणों में से 80 प्रतिशत प्रकरण का निराकरण किया जा चुका है, जो कि प्रदेश में तीसरे पायदान पर है।
सीईओ जिला पंचायत डाॅ. संजय कन्नौजे ने बताया कि अमृत सरोवर निर्माण, डबरी निर्माण, नया तालाब निर्माण, नाली निर्माण, पहुंच मार्ग, पशु शेड के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में मजदूरी का कार्य एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत अभिसरण जैसे अनेक कार्य इस योजना मंे हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन के लिए सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास मे महात्मा गांधी नरेगा योजना की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बालोद जिला इस योजना के क्रियान्वयन में लंबे समय से अग्रणी बना हुआ है। अधोसंरचना विकास के साथ आजीविका संवर्धन के लिए इस योजना से अनेकों कार्य हो रहे हैं।

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