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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज हनुमान जयंती के पावन अवसर पर राजधानी रायपुर रेलवे स्टेशन के समीप स्थित हनुमान मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने भक्ति भाव से हनुमान चालीसा का पाठ किया तथा प्रदेशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि के लिए मंगलकामनाएँ कीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भगवान हनुमान शक्ति और भक्ति के प्रतीक हैं। उनकी कृपा से हर संकट का समाधान संभव है।उन्होंने प्रदेशवासियों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज़ कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
के के मोदी के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रदेश के राज्यपाल 67 छात्रों को वितरित किये गोल्ड मेडल सहित डिग्री,
दुर्ग / शौर्यपथ / के के मोदी यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह आज दुर्ग के एक निजी होटल में सम्पन्न हुआ। इस दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के राज्यपाल रमन डेका थे। वहीं इस दौरान विशेष अतिथि के रूप में मोदी एंटरप्राइजेज के के मोदी ग्रुप की अध्यक्ष डॉ. बीना मोदी उपस्थित थी। इसके साथ ही इस दौरान इस यूनिवर्सिटी की चांसलर चारु मोदी और विश्वविद्यालय की उप कुलपति डॉ. मोनिका सेठी शर्मा सहित यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अधिकारी, सभी प्रोफेसर व छात्र के साथ ही डिग्रीधारी छात्र व उनके अभिभावक बडी संख्या में शामिल हुए।
इस दौरान प्रदेश के राज्यपाल रमन डेका ने यहां के विभिन्न विषयों व कई फेकल्टियों में सफलता प्राप्त करने वाले 67 छात्रों को गोल्ड मेडल व को बी-टेक, बीबीए और बीसीए में डिग्री प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यपाल रमन डेका ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत उद्यमशीलता क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। हमारे देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम फल-फूल रहा है और छत्तीसगढ़ नवाचार के केंद्र के रूप में उभर रहा है। स्टार्ट-अप इंडिया पहल, स्टैंड-अप इंडिया और मुद्रा योजना उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और वित्तीय सहायता और अनुकूल कारोबारी माहौल के साथ युवाओं का समर्थन करने में सहायक रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में राष्ट्र ने मुद्रा ऋण योजना के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया।
उन्होंने युवकों को अपने संचार कौशल को लगातार सुधारने, टीमवर्क को अपनाने और बदलती परिस्थितियों के अनुकूल एक अभिनव मानसिकता विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जब आप इन विश्वविद्यालय के द्वार से बाहर निकलते हैं, तो याद रखें कि सीखना कभी बंद नहीं होता है।
राज्यपाल ने डिग्री प्राप्त युवाओं से आग्रह किया कि वे केवल नौकरी की तलाश न करे बल्कि नौकरी सृजक बने। साहसी बनें, जोखिम उठाएँ और वास्तविक दुनिया की समस्याओं के लिए अभिनव समाधान लाएँ। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि हम विकसित भारत 2047 के विजन की ओर आगे बढ़ रहे हैं, आप में से प्रत्येक को भारत को वैश्विक नेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। एक विकसित भारत की नींव उसके शिक्षित युवाओं के हाथों में है,जिन्हें नवाचार, प्रौद्योगिकी, सतत विकास और समावेशी विकास के माध्यम से योगदान देना चाहिए।
इस दौरान विशेष अतिथि मोदी एंटरप्राइजेज के के मोदी ग्रुप की अध्यक्ष डॉ. बीना मोदी ने भी संबोधित किया और कहा कि मुझे यह देखकर गर्व होता है कि केकेएमयू एक ऐसे संस्थान के रूप में विकसित हो रहा है जो भविष्य के आत्मविश्वासी, सक्षम और जागरूक नेताओं का निर्माण करता है। युवा मस्तिष्कों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करना मेरे दिवंगत पति का सपना था, और मैं उस विरासत को आगे बढ़ाने में संतुष्टि की गहरी भावना महसूस करती हूं। मेरे जीवन के सबक खुद से सीखे गए थे, लेकिन आप में से प्रत्येक को सीखने, सवाल करने और एक ऐसे मंच पर बढऩे का अवसर मिला है जो आपको भविष्य के लिए तैयार करता है।
नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा प्रदान करने से यहां के छात्र देश विदेश में कर रहे हैं इन्टर्नशिप-चांसलर चारू मोदी:- के के मोदी यूनिवर्सिटी की चांसलर चारू मोदी ने इस दौरान हमारे संवाददाता से चर्चा करते हुए कहा कि आज हमारे यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह था जो बहुत सफल रहा। इस दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के राज्यपाल रमन डेका आये थे, उन्होंने बहुत अच्छा स्पीच दिया और कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों और उनके अभिभावकों को बहुत उत्साहित किया। श्रीमती चारू मोदी ने आगे कहा कि इस प्रोग्राम को सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर हम लोग बहुत खुश है। आज इस दीक्षांत समारोह में 67 छात्रों को बी-टेक, बीबीए और बीसीए में डिग्री प्रदान की गई। कुछ छात्रों को गोल्डमेडल भी प्रदान किया गया। हमारे यूनिवर्सिटी की बहुत बड़ी उपलब्धि रही है कि यहां के छात्र आज छत्तीसगढ से लेकर बंगलौर, पूणे, दिल्ली के साथ ही देश और दुबई सहित अन्य देशों में इन्टर्नशिप कर रहे है और यहां से शिक्षा प्राप्त छात्र बहुत अच्छे पैकेज पर देश के अलावा विदेशों में कार्य कर रहे है। हम लोग शिक्षा के साथ साथ बच्चों के पर्सनाल्टी डेवलपमेंट एवं खेल एवं उनके कम्यूनिकेशन स्कील पर विशेष ध्यान देते है। एक प्रश्र का उत्तर देते हुए कहा कि हमारी यूनिवर्सिटी नई शिक्षा नीति के तहत सभी स्टूडेंट को शिक्षा प्रदान कर रही है, जिसका पूरा लाभ छात्रों को मिल रहा है।
यह यूनिवर्सिटी असीमित संभावनाओं के लिए एक लॉन्चपैड है। हमारे स्नातक डिग्री से कहीं ज्यादा लेकर जा रहे हैं। वे अपने साथ कुछ नया करने की मानसिकता, उत्कृष्टता हासिल करने के कौशल और उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व करने के मूल्य लेकर जा रहे हैं।
वहीं इस दौरान यूनिवर्सिटी की वाईस चांसलर श्रीमती मोनिका सेठी शर्मा ने इस दौरान कहा कि आज जिनको डिग्री प्रदान की गई, उनमें से कई को पहले से ही कलरबार, बिग मिंट, स्ट्रैटव्यू रिसर्च, एबीआईएस, अप्लाई लीगल, करियर पोटली, बीबी एडवाइजरी, ब्रांड मार्क और जीपीआई सहित कई प्रतिष्ठित संगठनों में नियुक्ति मिल चुकी है। श्रीमती सेठी शर्मा ने आगे कहा कि हम यहां के स्टूडेंट के कैरियर के लिए और उनके भविष्य सुनहरा हो और वे खूब तरक्की करे और यूनिवर्सिटी सहित देश
का नाम रौशन करे उसके लिए हम बहुत सारा मेहनत और बहुत सारा काम करते है।
इनके जितने कोर्सेस है उसमें बहुत सारे इन्टर्नशिप होते है पैड इन्टर्नशिप होते है। लिए बहुत हमारे यहां के छात्र यहां के छोटे छोटे बिजनेमेन मेन है उनके केसेस को हमारे बच्चे खुद डेव्लपमेंट करते है।
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव आज दुर्ग में गत दिनों हुए एक मासूम के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले को लेकर बड़ा बयान दिए है। विधायक देवेंद्र, सर्व यादव समाज के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ आज पीड़ित परिवार से मिलने गए। उनसे मिलकर उनका दुख बांटा और उन्हे आश्वासन दिया कि इस दुख की घड़ी में पूरा सर्व यादव समाज उनके साथ है। यादव समाज की ओर से शासन से मांग की गई है कि पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
पीड़ित परिवार से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान विधायक यादव ने कहा कि यह इतना दुखद घटना है, जिसके बारे में सोंच कर ही रूह कांप जाती है। उस मासूम बच्ची के साथ बड़ी हैवानियत हुई है। परिवार न्याय चाहता है। लेकिन परिवार पुलिस और प्रशासन की अबतक की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। परिवार ने बताया कि पुलिस ने महिलाओं को रात में उठाकर ले गए। कई लोगों के साथ मारपीट की है। एक बच्ची को खूब डरा और धमकाया भी है। प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी है कि वे पीड़ित परिवार को अपने कार्रवाई से संतुष्ट करें। उन्हे न्याय दिलाए। विधायक देवेंद्र यादव ने बताया कि परिवार चाहता है कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई करें। इसके लिए परिवार ने पत्र भी शासन प्रशासन को भेजा है। उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। पूरा देश आक्रोशित है। इसमें भाजपाइयों को राजनीति नहीं करना चाहिए। यह राजनीति कीबात नहीं है। यह भरोसे की न्याय की बात है। जब पीड़ित परिवार को सीबीआई पर भरोसा है, तो सीबीआई से जांच कराने में क्या परेशानी है।
प्रदेश की प्रमुख शक्ति पीठों में पर्यटन सुविधाएं की जाएं विकसित
पर्यटन विभाग के साथ जल संसाधन और वन विभाग पर्यटन को बढ़ावा देने समन्वय के साथ करें कार्य- मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने तैयार किए जाएंगे टूरिज्म कॉरिडोर
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों की समीक्षा
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ को देश के पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए पर्यटन, वन और जल संसाधन विभाग एकीकृत कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वन आधारित पर्यटन, महानदी, इन्द्रावती नदियों प्रदेश के प्रमुख बांधों में वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा दिया जाए। प्रदेश की शक्ति पीठों में पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रमुख पर्यटन स्थलों में आस-पास के स्थलों को शामिल कर पर्यटन सर्किट और कारीडोर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने केन्द्र सरकार से सहायता के लिए प्रदेश की पर्यटन परियोजनाओं के नये प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय आज मंत्रालय महानदी भवन में प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में ईको टूरिज्म, एथेनिक टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, हेरीटेज टूरिज्म, वन्य जीव पर्यटन, वाटर स्पोर्ट्स की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर, सरगुजा सहित प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों को ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाए।
टूर एंड ट्रेवल एजेंसियों और जाने-माने होटल संस्थानों का लिया जाए सहयोग
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, गुरू घासीदास तमोर पिंगला राष्ट्रीय उद्यान, बारनवापारा अभ्यारण, अचानकमार अभ्यारण्य, टाटामारी व्यू प्वाइंट जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के साथ उस क्षेत्र के समीप स्थित छोटे-छोटे पर्यटन स्थलों को सम्मिलित कर सर्किट और कारीडोर विकसित करने के लिए योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के धार्मिक महत्व, ऐतिहासिक महत्व और पुरातात्विक और नैसर्गिक महत्व के स्थलों को चिन्हांकित कर पर्यटन की दृष्टिकोण से बेहतर डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने ईको टूरिज्म और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूर एंड ट्रेवल एजेंसियों और जाने-माने होटल संस्थानों के साथ बैठक कर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ाने की संभावनाओं की भी तलाश की जानी चाहिए।
वाटर स्पोर्ट्स को दिया जाएगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री य ने कहा कि प्रदेश में जल क्रीडा गतिविधियों के विकास के लिए भी काफी संभावनाएं हैं। हमारी सरकार ने धमतरी में गंगरेल बांध, महासमुंद के कोडार बांध, कोरबा के मिनी माता हसदेव बांगो बांध, सरोदा बांध, बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात में वाटर बोटिंग के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की विभिन्न नदियों, बांधों में भी स्थल चिन्हांकित कर वाटर स्पोर्ट्स के रूप में विकसित किया जाए।
बस्तर, चम्पारण, मधेश्वर मयाली, भोरमदेव में पर्यटन कारीडोर होंगे विकसित
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि बस्तर में चित्रकोट जलप्रपात, दंतेवाड़ा, ढोलकल, टाटामारी, बारसूर, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में तीरथगढ़, कुटुमसरगुफा, धुडमारास, तामड़ा घूमर, महेन्द्रिघूमर जलप्रपात को शामिल कर बस्तर कारीडोर विकसित किया जाए। इसकी राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग की जाए। इसी तरह जशपुर जिले में मधेश्वर मंदिर, मायली लेक, कैलाश गुफा को शामिल कर कारीडोर बनाया जाए। उन्होंने महाप्रभु वल्लाभार्च की प्राकट्यभूमि चम्पारण में गुजराती पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं, यहां शादी-विवाह जैसे आयोजन भी होते हैं। इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाए तथा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
बैठक में स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना के तहत प्रदेश में संचालित विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेश दर्शन के तहत भोरमदेव कारीडोर के लिए 145 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे धार्मिक और नैसर्गिंग स्थलों को जोड़कर पर्यटन की दृष्टिकोण से बेहतर डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रोत्पला फिल्म सिटी को विकसित करने के लिए फिल्म जगत के लोगों से मार्गदर्शन लिया जाए। नवा रायपुर में हमारी सरकार द्वारा चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनायी जा रही है। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा 95 करोड़ रूपए की स्वीकृति मिली है।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति में पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया है। इन क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए अनुदान का प्रावधान भी किया गया है, जिससे निवेशकों के सहयोग से पर्यटन अधोसंरचना का विकास हो सके। राष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों से संपर्क कर इन संभावनाओं का भी दोहन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सालाना 2 करोड़ पर्यटक पर्यटन स्थलों में आते हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को नियमित रूप से रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य ये होम स्टे सहित छोटे-छोटे कुटीर उद्योग पर भी लोगों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्रों के ग्रामीणों में होम स्टे व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित भी करना चाहिए।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, बसवराजु एस., उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने साफ सफाई की कमान स्वय संभाली:
शहर में चल रहे स्वच्छता अभियान का हिस्सा, शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाना है. पर्यावरण संरक्षण। तालाबों की सफाई पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है:महापौर
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत आज महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने नागरिको के साथ पशुपति नाथ मंदिर परिसर की समुचित साफ सफाई के लिए नगर निगम का अमला तत्परता के साथ जुट गया। मंदिरो से श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। रोजाना भक्तों की इस मंदिर में भीड़ भी जुटती है।रोजना मंदिर में दर्शन हेतु भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए मंदिर के आस पास समुचित साफ सफाई कराने हेतु महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने साफ सफाई की कमान स्वय संभाली। उनकी मौजूदगी में निगम के सफाई अमले ने साफ सफाई की। इस दौरान पार्षद श्रीमती नीलम शिवेंद्र परिहार,महिला मोर्चा महामंत्री जयश्री राजपूत,स्वेता ताम्रकर, ममता गिरूंग,सुरेश दीक्षित,करण करोसिया सहित अन्य मौजूद रहें।
महापौर ने शहरवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा मंदिरों से श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी होती है इसलिए मंदिरों के आस पास नियमित साफ सफाई का ध्यान रखा जाएगा।
-महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने पहले नागरिकों से भी सहयोग की अपील की:*
महापौर श्रीमती अलका बाघमार द्वारा वार्ड पार्षद श्रीमती नीलम शिवेंद्र परिहार के साथ वार्ड क्रमांक 59 स्थित तालाब की सफाई स्थानीय लोगो और निगम कर्मियों के साथ मिलकर तालाब से नवरात्र में किये गए विसर्जन सामग्री, फूल माला, पालीथीन को तालाब 24 से बाहर निकाला। सुबह एक घंटा से अधिक समय तक चले इस अभियान में टैक्टर ट्राली भरकर कचरा निकाला गया।
महापौर कहा है कि तालाबों की सफाई निरंतर जारी रहनी चाहिए, ताकि ये साफ सुथरे रहें और लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके. शहर में चल रहे स्वच्छता अभियान का हिस्सा, शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाना है. पर्यावरण संरक्षण। तालाबों की सफाई पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे जल प्रदूषण कम होता है और जलीय जीवन को बचाया जा सकता है। साफ-सुथरे तालाब लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी हैं, क्योंकि इससे जल जनित बीमारियों को रोका जा सकता है।
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम की मेयर इन काउंसिल की बैठक महापौर श्रीमती अलका बाघमार की अध्यक्षता में आयोजित में निगम के आयुक्त सुमित अग्रवाल,सभापति श्याम शर्मा, एमआईसी सदस्य व अधिकारियों ने विस्तार से प्रस्ताव पर चर्चा की।जिसमे विकास कार्यो सहित अन्य से जुड़े 9 एजेंडों पर चर्चा हुई।इस बैठक में राजस्व वसूली को लेकर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 1 से लेकर 60 तक के करदाताओं द्वारा अपने चालू वित्तीय वर्ष का संपत्तिकर पूर्व में जमा करने पर वर्ष 24/25 की भांति छूट की माँग,इस वर्ष 2025/26 में भी सनहाल संपत्तिकर जमा करने पर छूट अप्रैल से जून तक 6% जुलाई से सितंबर तक 4% अक्टूबर से दिसम्बर तक 2% छूट को मिली स्वीकृति।
निगम के कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो चुके,नियमित सेवा में आने के पूर्व दैनिक पारिश्रमिक मस्टर रोल पर निगम में कार्यरत रहे है,दैनिक पारिश्रमिक दर पर कार्यरत अवधि की उपादान राशि निगम सावधि जमाराशि के ब्याज से भुगतान की स्वीकृति दी गई। उपादान राशि हेतु दावा आपत्ति एक सप्ताह के भीतर कर सकते है।
वार्ड 07 मान होटल से हरनाबांधा रोड़ में नाला निर्माण कार्य हेतु लागत राशि रू. 41.17 लाख 15वें वित्त आयोग मद स्वीकृत। कार्य स्थल पर स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण तथा उक्त वार्ड में अन्य उपयुक्त स्थल नहीं होने के कारण तत्कालीन वार्ड पार्षद द्वारा उक्त कार्य की राशि का उपयोग किसी अन्य उपयुक्त कार्य हेतु किये जाने की अनुशंसा, वार्ड 10 गजानन मंदिर से सदभावना चौक होते हुए साई मंदिर से शंकर नाला तक नाला निर्माण,
नया बस स्टेंट स्थित रेन बसेरा संचालन हेतु निगम द्वारा प्राप्त निविदा को एमआईसी प्रभारी द्वारा भौतिक सत्यापन के पश्चयात निर्णय लिया जाएगा।
जलकार्य विभाग द्वारा पेयजल शुद्धिकरण हेतु 11,24,42 एमएलडी फिल्टर प्लांट में 500 मैट्रिक टन का एलम खरीदने हेतु अनुमानित राशि स्वीकृति दी गई।
इस अवसर पर सभापति श्याम शर्मा, एमआईसी देव नारायण चंद्रकार,नरेंद्र बंजारे,चंद्रशेखर चन्द्राकर,लीना दिनेश देवांगन,काशीराम कोसरे, ज्ञानेश्वर ताम्रकर,नीलेश अग्रवाल,मनीष साहू,शशि साहू,शिव नायक,लीलाधर पाल,हर्षिका सभव जैन,उपायुक्त मोहेंद्र साहू,कार्यपालन अभियंता मोहनपुरी गोस्वामी,दिनेश नेताम, वीपी मिश्रा,आरके जैन,सहायक अभियंता गिरीश दिवान,संजय ठाकुर, राजेन्द्र ढाबाले,मोहित मरकाम,सचिव रेवाराम मनु,लेखा अधिकारी रमाकांत शर्मा, बाजार अधिकारी भूपेंद्र गोईर, प्रभारी जनसंपर्क सत्यनारायण शर्मा उपस्थित रहें।
मुंगेली/शौर्यपथ /शासन के निर्देशानुसार पोषण अभियान के अंतर्गत जनसामान्य को पोषण, संतुलित आहार और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जिले के 1138 आंगनबाड़ी केन्द्रों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती संजूला शर्मा ने बताया कि 10 अप्रैल को जीवन के प्रथम 01 हजार दिवस पर विशेष गतिविधियों के साथ सुपोषण चौपाल का आयोजन किया गया। इसके साथ ही 0 से 06 माह के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, 01 से 02 वर्ष के बच्चों का वृद्धिमापन कर पोषण ट्रैकर एप में प्रविष्टि की गई, गर्भवती महिलाओं का एफआरएस किया गया और हितग्राहियों को पोषक आहार संबंधित परामर्श प्रदान कर बच्चों के लिए संतुलित आहार, स्तनपान एवं कुपोषण से बचाव के संबंध में बताया गया। इसी तरह 11 अप्रैल को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भवती माताओं से गृहभेंट कर संतुलित आहार, आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड के महत्व एवं नियमित जांच कराने की जानकारी दी गई।
जिला पंचायत सीईओ पाण्डेय ने शिविर का किया अवलोकन, पात्र दिव्यागंजनों को लाभान्वित करने दिए निर्देश
42 पात्र दिव्यांगजनों को मिलेगा मोटराईज्ड ट्रायसायकल
मुंगेली/शौर्यपथ/ जिले के अस्थि बाधित दिव्यांगजनों को सीएसआर योजना अंतर्गत निःशुल्क मोटराईज्ड ट्रायसायकल एवं सुगम्य केन प्रदान करने के लिए नगर पंचायत पथरिया के सभाकक्ष में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 42 दिव्यागंजनों को मोटराईज्ड ट्रायसायकल के लिए पात्र पाया गया। इन्हें मोटराईज्ड ट्रायसायकल प्रदान किया जाएगा, जिससे दिव्यागंजनों को चलने-फिरने एवं अन्य दैनिक कार्यों को करने में सहूलियत मिलेगी।
कलेक्टर राहुल देव के निर्देशानुसार जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय ने आयोजित शिविर का अवलोकन किया। उन्होंने दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार ट्रायसायकल प्रदान करने तथा आगामी शिविरों में इसके साथ-साथ स्वास्थ्य, पेंशन आदि योजनाओं से जुड़े स्टॉल लगाने के भी निर्देश दिए। जिला पंचायत सीईओ ने पात्र दिव्यांगजनों को शासन की योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ दिलाने संवदेनशीलता से कार्य करने प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक ए.पी.गौतम ने बताया कि जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 12 अप्रैल को जनपद पंचायत लोरमी के सभाकक्ष में और 13 अप्रैल को जिला कलेक्टोरेट स्थित जनदर्शन कक्ष में प्रातः 10 बजे से दोपहर 02 बजे तक शिविर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने शिविर में दिव्यांगजनों को यूडीआईडी कार्ड, आय प्रमाण पत्र के साथ आधार कार्ड आदि दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने कहा है।
संकटमोचन से सबके जीवन में आए सुख, शांति और समृद्धि – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समस्त प्रदेशवासियों को हनुमान जयंती के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि संकटमोचन भगवान हनुमान सब पर अपनी कृपा बनाए रखें और प्रदेश के सभी नागरिकों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार हो। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पवनपुत्र हनुमान जी का जीवन हमें अटूट भक्ति, अदम्य साहस और निस्वार्थ सेवा की प्रेरणा देता है। यह पर्व हमें बुराइयों के विरुद्ध खड़े होने, धर्म और सत्य के मार्ग पर अडिग रहने का संदेश देता है। उन्होंने कामना की कि हनुमान जयंती का यह पर्व सभी के लिए मंगलकारी सिद्ध हो और समाज में सद्भाव, समर्पण और शक्ति का संचार करे।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर के सीबीडी स्थित कमर्शियल टॉवर (ब्लॉक-सी) के सातवें तल पर स्क्वायर बिजनेस सर्विसेज को 33,000 वर्गफुट का पूरी तरह सुसज्जित ऑफिस स्पेस आबंटित किया। यह आधुनिक ऑफिस स्पेस 11 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस पहल का उद्देश्य नवा रायपुर को भारत का अगला प्रमुख आईटी हब बनाना है।
आर्थिक रूप से पिछड़े युवाओं को मिलेगा सशक्त मंच: 87% कर्मचारी गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों से
संस्था में वर्तमान में 303 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 279 छत्तीसगढ़ से ही हैं। नवा रायपुर और आसपास के क्षेत्रों के युवाओं को भी सीधे अवसर मिला है। इनमें 161 पुरुष और 142 महिलाएं शामिल हैं। खास बात ये है कि इनमें से 87% कर्मचारी बीपीएल परिवारों से हैं और 83% आरक्षित वर्गों से आते हैं। यह कंपनी अपनी सेवाएं न सिर्फ देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दे रही है।
मुख्यमंत्री ने नव-नियुक्त कर्मियों को सौंपे ज्वाइनिंग लेटर:नवा रायपुर से शुरू हो रही नई कार्य संस्कृति
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 10 नव-नियुक्त कर्मचारियों को प्रतीकात्मक रूप से ज्वाइनिंग लेटर प्रदान किए और उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक ऑफिस स्पेस का आबंटन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार के अवसरों से जोड़ने की मजबूत शुरुआत है।
अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भी मिला स्थान:75,000 वर्गफुट में होगी हाई-एंड आईटी गतिविधियों की स्थापना
नवा रायपुर के सेक्टर-21 स्थित इसी कमर्शियल टॉवर में स्क्वायर बिजनेस सर्विसेज के साथ-साथ हैदराबाद की प्रतिष्ठित कंपनी, टेलीपरफॉर्मेंस (मुंबई) और सीएसएम (भुवनेश्वर) को भी ऑफिस स्पेस उपलब्ध कराया गया है। इन तीनों कंपनियों को कुल मिलाकर 75,000 वर्गफुट का क्षेत्र आवंटित किया गया है, जिससे अनुमानित 1500 से 1800 रोजगार अवसर सृजित होंगे।
नवा रायपुर: अब सिर्फ राजधानी नहीं, तकनीक का गढ़:रोजगार, समानता और प्रगति का नया त्रिकोण
इस बहुआयामी पहल को नवा रायपुर को आधुनिक आईटी गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। यह पहल राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने, सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने और तकनीकी उन्नति की दिशा में निर्णायक कदम है।
इस कार्यक्रम में आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ. पी. चौधरी, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री राहुल भगत, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद तथा एनआरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सौरभ कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि आईटी और सर्विस सेक्टर की कंपनियों के आने से छत्तीसगढ़ की पहचान बदल रही है। छत्तीसगढ़ अब टेक्नोलॉजी, नवाचार और सेवा क्षेत्र का भी एक उभरता हुआ केंद्र बन रहा है।
- अधिकारियों की बैठक लेकर प्राप्त आवेदनों और निराकरण के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली
कौड़ीकसा में आम नागरिकों से भेंट कर उनकी समस्याओं से हुए रूबरू
मोहला/शौर्यपथ / जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के प्रभारी सचिव श्री जय प्रकाश मौर्य आज जिले के प्रवास पर रहे। उन्होंने यहां पहुंच कर सुशासन तिहार के अंतर्गत आम नागरिकों की समस्याओं और मांगों से संबंधित प्राप्त आवेदनों और निराकरण के लिए की जा रही कार्यवाही के संबंध में विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति एवं अन्य अधिकारियों से प्राप्त आवेदन और निराकरण के लिए की जा रही कार्यवाही के संबंध में जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि क्लस्टर स्तर पर निराकरण के लिए निश्चित थीम पर शिविर का आयोजन करें। उन्होंने कहा कि प्राप्त सभी आवेदनों का वास्तविक एवं गुणवत्तापूर्ण निराकरण के लिए वास्तविक विभाग को आवेदन प्रेषित किया जाये। उन्होंने कहा कि नागरिकगणों से प्राप्त सभी आवेदनों को स्कैन कर संबंधित विभाग को भेजे जाने की कार्यवाही हो, यह सुनिश्चित करें। नागरिकों से प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण के लिए वास्तविक विभाग को आवेदन प्रेषित किया जाये। उन्होंने कहा कि आवेदनों का परीक्षण करें और समस्या और मांग के आधार पर निराकरण की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि जिन आवेदनों का निराकरण किया जाना संभव न हो, ऐसे आवेदनों की अपात्रता की स्थिति में निराकरण नहीं होने की वास्तविक कारणों का उल्लेख करते हुए संबंधित आवेदक को अवगत कराएं।
ग्राम पंचायत स्तर पर निर्माण कार्यों से संबंधित आवेदन प्राप्त होने की दशा में बजट प्रावधान के आधार पर आवेदनों का निराकरण होने संबंधी जानकारी संबंधित आवेदक को अवश्य देवें। उन्होंने कहा कि पंचायत एवं राजस्व विभाग से संबंधित प्राप्त आवेदनों का निराकरण के लिए मैदानी अमला के अधिकारियों की नियुक्ति किया जाये। राजस्व संबंधित प्राप्त आवेदनों के निराकरण हेतु पटवारी हल्का निराकरण करें।
कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने जिले में नागरिकों से प्राप्त आवेदन और निराकरण के लिए की जा रही कार्यवाही के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कलेक्टर ने बताया कि जिले के सभी ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत अंबागढ़ चौकी एवं जिला कलेक्टर कार्यालय व हाट-बाजार में समाधान पेटी रखा गया है। जहां नागरिकों से आवेदन प्राप्त किया जा रहा है। इसके साथ ही ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी नागरिकों से आवेदन लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्राप्त आवेदनों के निराकरण के लिए क्लस्टर स्तर पर शिविर का आयोजन किया जाएगा। पर्याप्त संख्या में अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
- प्रभारी सचिव ने कौड़ीकसा में नागरिकों से भेंट कर उनकी समस्याओं से रूबरू हुए
जिले के प्रभारी सचिव श्री जयप्रकाश मौर्य जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी भ्रमण के दौरान ग्राम पंचायत कौड़ीकसा पहुंचकर नागरिकों से सौजन्य भेंट किया। इस दौरान नागरिकों से चर्चा कर उनकी समस्या और मांगों से रूबरू हुए। उन्होंने शिविर में आए नागरिकों से चर्चा करते हुए उनकी समस्याओं से निजात दिलाने भरोसा दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण के लिए आवश्यक व ठोस पहल किया जाएगा। इस दौरान ग्रामीणों ने यहां ग्राम पंचायत में एक अतिरिक्त पानी टंकी की मांग की। जिस पर उन्होंने नागरिकों को भरोसा दिया कि प्राक्कलन तैयार समस्या को निजात दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाया जाएगा। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री यशपाल सिंह, वनमंडलाधिकारी श्री दिनेश पटेल, जिला पंचायत सीईओ सुश्री भारती चन्द्राकर, अपर कलेक्टर श्री विजेन्द्र पाटले सहित जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
नई औद्योगिक नीति से नई संभावनाओं का निर्माण, नवा रायपुर को बनाएंगे छत्तीसगढ़ की सिलिकॉन वैली: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
एनआरडीए ने 45 दिनों के भीतर सेक्टर-5 में डेढ़ लाख वर्ग फीट भूमि का किया आबंटन
1,143 करोड़ रुपए की लागत से संयंत्र होगा स्थापित, सैकड़ों लोगों को मिलेगा रोजगार का अवसर
पोलीमैटेक कंपनी ने 10 हजार करोड़ के अतिरिक्त निवेश का दिया छत्तीसगढ़ को प्रस्ताव
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नवा रायपुर में देश की प्रसिद्ध सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी पोलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट की आधारशिला रखी। यह कंपनी सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली अग्रणी कंपनियों में से एक है, जो छत्तीसगढ़ में 1,143 करोड़ रुपये की लागत से एक बड़ा कारखाना स्थापित करेगी। डेढ़ लाख वर्ग फीट में बनने वाला यह प्लांट वर्ष 2030 तक 10 अरब चिप्स तैयार करेगा, जिनका उपयोग टेलीकॉम, 6जी/7जी, लैपटॉप और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाएगा। इस प्लांट की स्थापना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है कि छत्तीसगढ़ में पहले सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना का भूमिपूजन हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में सेमीकंडक्टर उद्योग को विशेष प्रोत्साहन दिए गए हैं, जिससे निश्चित रूप से कंपनी को यहां निवेश में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि विश्व के जो भी देश विकसित हुए हैं, उन्होंने तकनीक के क्षेत्र में मेहनत की है, अनुसंधान किया है और ऐसा वातावरण बनाया है जिससे तेज़ी से तकनीकी प्रगति संभव हो पाई। अब 6जी और 7जी तकनीक भी आ रही है और मुझे खुशी है कि इनके लिए आवश्यक चिप्स हमारे देश में ही तैयार होंगे, और नवा रायपुर, अटल नगर में हमारे इंजीनियर इन्हें बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष दिसंबर में दिल्ली में आयोजित एक इंवेस्टर्स कनेक्ट प्रोग्राम में राज्य के अधिकारियों की मुलाकात पोलीमैटेक के प्रबंधन से हुई थी और उसी समय कंपनी ने छत्तीसगढ़ में निवेश की इच्छा जताई थी।
उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में उद्योग विभाग और एनआरडीए ने कंपनी के लिए नवा रायपुर के सेक्टर-5 में डेढ़ लाख वर्ग फीट भूमि उपलब्ध कराई। एनआरडीए ने 45 दिनों में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर भूमि आबंटित की और 25 दिनों से कम समय में लीज डीड पंजीकरण का कार्य भी संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल विकसित भारत के सपने को साकार करने हेतु विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में अत्यंत कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर निश्चित ही छत्तीसगढ़ की सिलिकॉन वैली के रूप में उभरेगा, और इसकी शुरुआत आज के भूमिपूजन से हो चुकी है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने इस संयंत्र में कार्य करने वाले युवाओं को नियुक्ति पत्र भी अपने हाथों से प्रदान किए।
भूमिपूजन अवसर पर पोलीमैटेक कंपनी के एमडी श्री ईश्वर राव ने मुख्यमंत्री श्री साय को राज्य सरकार की तत्परता और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में पॉवर मॉड्यूल फेब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के निवेश का भी प्रस्ताव दिया। इस संयंत्र के माध्यम से ट्रांजिस्टर, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के क्षेत्र में नई ऊँचाई प्राप्त होगी। इससे राज्य में 5,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा।
इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, एनआरडीए के सीईओ श्री सौरभ कुमार, सीएसआईडीसी के एमडी श्री विश्वेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और पोलीमैटेक कंपनी के कर्मचारी उपस्थित थे।
केंद्र सरकार के साथ समन्वय कर खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को बनाएंगे अधिक प्रभावशाली : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
देश में एक बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करने में छत्तीसगढ़ की भूमिका अग्रणी : केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने प्रदाय किया देश के पहले लिथियम ब्लॉक का कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध
सामरिक महत्व के खनिजों के व्यापक अन्वेषण पर हुई सार्थक चर्चा
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज मंत्रालय महानदी भवन में खनिज विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा, अन्वेषण कार्यों, तकनीकी नवाचारों और राजस्व उपलब्धियों की विस्तृत समीक्षा की गई। केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की और देश की प्रगति में राज्य की अग्रणी भूमिका की बात कही। उन्होंने देश में वर्ष 2024-2025 में कोयला उत्पादन में 1 बिलियन टन का लक्ष्य हासिल करने पर खुशी जाहिर की और इसे पाने में छत्तीसगढ़ के योगदान को सराहा। इस मौके पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने देश के पहले लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध दस्तावेज सफल बोलीदाता के प्रतिनिधि को सौंपे। साथ ही दंतेवाड़ा जिले के तीन और कांकेर जिले के एक लौह अयस्क ब्लॉक के प्रीफर्ड बिडर आदेश प्रदान किए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज की यह समीक्षा बैठक प्रदेश में कोयला एवं खनन के क्षेत्र के लिए लाभदायक होगी। हम केंद्र सरकार के साथ आवश्यक समन्वय करते हुए खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को और अधिक प्रभावशाली बनाएंगे। विकसित भारत के निर्माण में हमारा राज्य खनिज क्षेत्र के माध्यम से एक मजबूत स्तंभ बने, यही हमारा लक्ष्य है। श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है और संसाधनों का समुचित व सतत उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में अनेक नवाचारी पहल की गई हैं। हमारे राज्य में कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन, चूना पत्थर सहित कई क्रिटिकल खनिजों की उपलब्धता है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के साथ ही देश की औद्योगिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभाती हैं। विकसित राष्ट्र की परिकल्पना के परिप्रेक्ष्य में सामरिक महत्व के खनिजों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा अपनी अन्वेषण योजना में व्यापक बदलाव करते हुए क्रिटिकल खनिजों के अन्वेषण को प्राथमिकता दी जा रही है।
साय ने कहा कि पारदर्शिता, पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और तकनीकी दक्षता लाने के लिए खनिज ऑनलाइन पोर्टल, ई-नीलामी प्रक्रिया, स्टार रेटिंग जैसे उपायों को अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों के समावेशी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
केंद्रीय खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के साथ-साथ देश का एकमात्र टिन उत्पादक राज्य होने का गौरव भी छत्तीसगढ़ को प्राप्त है।
रेड्डी ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में ‘क्रिटिकल मिनरल्स’ और खनन क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ ने इस दिशा में जो अग्रणी कदम उठाए हैं, वे भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खनिज संसाधनों के अन्वेषण, सतत उपयोग और खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़, खनिज क्षेत्र में अपनी मजबूत भूमिका निभाते हुए देश के समग्र विकास में प्रभावी योगदान देता रहेगा।
केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान देश की सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा के निरीक्षण का ज़िक्र किया। उन्होंने खदान में किए जा रहे नवाचारों और अत्याधुनिक तकनीकों की भी सराहना की। उन्होंने गेवरा में जापानी मियावाकी तकनीक से विकसित वृक्षारोपण स्थल का उल्लेख करते हुए इस पहल के वृहद स्तर पर उपयोग की भी बात कही। श्री रेड्डी ने खनन प्रभावित क्षेत्रों में पीएम सूर्य घर योजना के तहत सौर विद्युत उपलब्ध कराने की भी बात कही। उन्होंने खनन क्षेत्रों में बढ़ रहे यातायात के दबाव एवं नागरिक सुरक्षा को देखते हुए कोयला परिवहन के लिए बनाए जा रहे डेडिकेटेड कोल कॉरिडोर की प्रगति की भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज साधन विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित खनन गतिविधियों एवं नीतियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खनिज संसाधनों के समुचित दोहन एवं प्रबंधन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों का बेहतर समन्वय करते हुए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 28 प्रकार के खनिज मौजूद हैं। हमारा राज्य देश के कुल क्षेत्रफल का मात्र 4% होने के बावजूद राष्ट्रीय खनिज उत्पादन मूल्य में 17% से अधिक का योगदान देता है और खनिज उत्पादक राज्यों में द्वितीय स्थान पर है।
खनिज राजस्व और अन्वेषण में ऐतिहासिक प्रगति का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ ने लगभग 14,195 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित किया है, जो प्रदेश की कुल आय का 23% और जीएसडीपी का 11% है। राज्य ने ई-नीलामी के माध्यम से 48 मुख्य खनिज ब्लॉक्स का सफलतापूर्वक आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि 2024-25 की 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 32 सामरिक, क्रिटिकल व डीप सीटेड खनिजों के लिए हैं। पिछले वर्षों में ई-नीलामी के माध्यम से ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट,निकल-क्रोमियम-पीजीआई, गोल्ड जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के 10 ब्लॉक्स आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि देश का पहला लिथियम ब्लॉक कटघोरा में सफलतापूर्वक आवंटित हुआ है, जो ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है और यह हमारे राज्य की क्षमता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद ने बताया कि खनिज ऑनलाइन पोर्टल, क्लाउड बेस्ड व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसी पहल से पारदर्शिता एवं दक्षता सुनिश्चित की गई है। वहीं गौण खनिजों के लिए स्टार रेटिंग प्रणाली, वैज्ञानिक पद्धति से माइनिंग और पर्यावरण सुरक्षा के साथ सतत खनन को बल मिला है। उन्होंने बताया कि पूर्व खदानों के पुनर्विकास जैसे विश्रामपुर में केनपारा ईको टूरिज्म और जामुल में किन्नू गार्डन के प्रकल्प इस दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने बताया कि खनिज विकास निधि से प्रदेश के खनिज बाहुल्य अंदरूनी क्षेत्रों में रेल पथ निर्माण हेतु 720 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाएं परिवहन ढांचे को मजबूत कर रही हैं। उन्होंने बताया कि डीएमएफ पोर्टल के माध्यम से 33 जिलों में 15 हजार करोड़ से अधिक की राशि से खनन प्रभावित क्षेत्रों का समावेशी विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने सौंपे लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस और लौह अयस्क ब्लॉक्स के प्रीफर्ड बिडर आदेश
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज समीक्षा बैठक के दौरान कटघोरा लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध दस्तावेज और 04 लौह अयस्क ब्लॉक्स के प्रीफर्ड बिडर आदेश सफल बोलीदाताओं को प्रदान किए। इसके साथ ही टिन खनिज के 03 भौमिकी प्रतिवेदन ई-नीलामी के माध्यम से आवंटन हेतु भारत सरकार के कोयला मंत्रालय को सौंपा गया है। चूंकि टिन सामरिक महत्व का खनिज है, इसलिए खनिज अधिनियम के तहत इसके आवंटन का अधिकार भारत सरकार के खान मंत्रालय को है। प्रदेश के खनिज विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा, सुकमा और बस्तर जिले अंतर्गत तीन ब्लॉक्स को चिन्हित किया गया है। इसमें ग्राम नेरली, जिला दंतेवाड़ा; ग्राम कुमा कोलेंग, जिला सुकमा; और ग्राम कुमा कोलेंग, जिला सुकमा एवं बस्तर शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा भारत का पहला लिथियम ब्लॉक, ई-नीलामी के माध्यम से कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र में माईकी साउथ माइनिंग प्रा. लि. को 76.05% की उच्चतम बोली के साथ आवंटित किया गया है।
इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा ई-ऑक्शन के माध्यम से दंतेवाड़ा और कांकेर जिलों के कुल चार लौह अयस्क ब्लॉक्स के लिए उच्चतम बोलीदाताओं आर्सेलर मित्तल, रूंगटा सन्स और सागर स्टोन को आवंटित किया गया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, सचिव श्री अंकित आनंद, कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव श्रीमती रुपिंदर बराड़, संयुक्त सचिव श्री बी. पी. पति, कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन श्री पी. एम. प्रसाद, एसईसीएल के सीएमडी श्री हरीश दुहन, खनिज संचालक श्री सुनील जैन एवं इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस के अधिकारी सहित केंद्र तथा राज्य सरकार के खनिज विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मंत्रालय महानदी भवन में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री रेड्डी का पुष्पगुच्छ, शॉल एवं बेल मेटल से बने प्रतीक चिन्ह नंदी भेंट कर अभिनंदन किया।