August 02, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

 रिसाली ( दुर्ग ) / शौर्यपथ / प्रदेश के हृदय स्थल एवं दुर्ग जिले के पड़ोसी जिला रायपुर में जनजनित बीमारी पीलिया के बढते प्रकोप व भिलाई में डेंगु के फैलाव के बीच रिसाली निगम भी चैकन्ना हो गई है। रिसाली निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे के निर्देश व जोन आयुक्त रमाकांत साहू के मार्गदर्शन में निगम के स्वास्थ्य अमला द्वारा निगम क्षेत्रों के वार्डों में युद्ध स्तर पर जनजनित बीमारी पीलिया के रोकथाम हेतु घरों में पहुंचकर मितानिनों के सहयोग से व्यापक रूप में क्लोरिन टेबलेट का वितरण किया जा रहा है तथा बचाव हेतु लोगों में जागरूकता लाने उबला हुआ एवं साफ पानी पीने हेतु प्रेरित भी किया जा रहा है। साथ ही साथ निगम वार्डों रूआबांधा, पुरैना व स्टेशन मरोदा के कुओं में ब्लिचिंग पाऊडर के घोल को मिलाकर कुओं के प्रदुषित पानी का शुद्धिकरण किया जा रहा है। वार्डों के सभी हैण्डपंप एवं पावर पंपों के आसपास साफ सफाई कर प्रतिदिन नियमित रूप से ब्लिचिंग पाऊडर का छिड़काव स्वास्थ्य अमला द्वारा किया जा रहा है। साथ ही साथ नालियों का भी वृहद रूप में सफाई कर मैलाथियान, मलेरिया ऑयल व ब्लिचिंग पाऊडर का छिड़काव प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। पीलिया के बचाव के उपायों के साथ साथ मितानिनों एवं स्वास्थ्य अमला द्वारा लोगों को डेंगु से बचाव हेतु डेंगु लार्वा नाशक दवाई टेमीफास की बोतलें का वितरण प्रतिदिन किया जा रहा है। डेंगु के लार्वा के पनपने के संभावित जगहों को सफाई रखने के साथ साथ घरों में रखी टायर, फ्रिज, कुलर व अन्य अनुपयोगी सामानों में एकत्रित पानी को जमा नहीं रखने की भी जानकारी दी जा रही है। सभी वार्डों में मच्छरों से बचाव हेतु प्रतिदिन रात्रि में फागिंग कार्य में तेजी लाने के क?े निर्देश निगम आयुक्त श्री सर्वे ने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिये है। रिसाली स्वास्थ्य अमला द्वारा प्रथम चरण उपरांत सभी वार्डों में आज तक 6900 टेमीफास की बोतलें व पीलिया के बचाव हेतु 11000 क्लोरिन टेबलेट का वितरण किया जा चुका है। उक्त जानकारी रिसाली निगम के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी जगरन्नाथ कुशवाहा द्वारा दी गई है। 

भाजपा को देश कभी माफ नहीं करेगा
पूरे देश में उत्तर प्रदेश में और छत्तीसगढ़ में लगातार करोना आपदा को लेकर भाजपा केवल राजनीति कर रही है और गरीबों को मदद नहीं पहुंचाई जा रही है
उल्टा गरीबों को मदद पहुंचाने में भाजपा के नेता बाधा डालने में और नुक्ताचीनी करने में लगे हुए हैं
देश सब देख भी रहा है और समझ भी रहा है
मोदी सरकार ने देश के मजदूर को मजबूर समझने की बड़ी भूल की है : कांग्रेस
गरीब मजदूर किसान मध्यमवर्ग छोटे व्यापारियों और छोटे उद्योग धंधा करने वालों को मोदी सरकार हेय दृष्टि से देखती है

    रायपुर / शौर्यपथ / मोदी सरकार के मजदूर विरोधी रवैया पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश के मजदूर को मजबूर समझने की बड़ी भूल की है। दरअसल समाज के गरीब मजदूर किसान मध्यमवर्ग छोटे व्यापारियों और छोटे उद्योग धंधा करने वालों को मोदी सरकार हेय दृष्टि से देखती है। जबकि यही वर्ग देश की अर्थव्यवस्था और देश का संचालन करते हैं।
त्रिवेदी ने कहा है कि सिर्फ 4 घंटे के नोटिस पर मोदी सरकार ने पूरे देश का लाक डाउन कर दिया। रेल, बस सब यातायात के साधन बंद कर दिये। लाखों मजदूर भाई और बहन सैकड़ों हजारों किलोमीटर का सफर तय कर थके हारे भूखे प्यासे बगैर राशन बगैर दवाई बच्चों को गोद में उठाए और थोड़ी बहुत जमा पूंजी सामान और लॉक डाउन के कारण हुआ कर्ज भी पीठ पर लादकर पांव में छाले लेकर जब अपने घर गांव वापस जा रहे हैं तो उनको घर पहुंचाने की जवाबदारी देश की सरकार की थी।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के निर्देश पर पूरे देश के मजदूरों का रेल किराया वहन करने के लिए सामने आई। उत्तर प्रदेश की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और उत्तर प्रदेश की बेटी प्रियंका गांधी और कांग्रेस के साथियों ने मिलकर 1000 बसों का इंतजाम किया। गाजीपुर बॉर्डर पर और नोएडा बॉर्डर पर ताकि पैदल थके हारे मजदूर भाई अपने-अपने घर गांव प्रदेश जा सके तो उत्तर प्रदेश की सरकार इस में रोड़ा अटका ने औरंगा डालने का काम कर रही है।
मजदूरों के बस मामले में भाजपा सरकारों की स्तर हीन राजनीति की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कडा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1000 बस मजदूरों के लिए निशुल्क मुहैया कराई लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसमें बेहद घटिया सियासत की है। 16 मई 2020 को प्रियंका गांधी जी ने आदित्यनाथ जी को लिखा और यह कहा कि लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे देश के अन्य प्रदेशों के मजदूर भी वापस जा रहे हैं सरकार की घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे मजदूरों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। देश में अभी तक 65 से अधिक मजदूरों की अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है। बेसहारा प्रवासी मजदूरों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और 500 बसे नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है, अनुमति दी जाए यह पत्र प्रियंका गांधी ने 16 मई को लिखा।
48 घंटे तक आदित्यनाथ मौन रहे एक शब्द नहीं कहा और 48 घंटे के बाद 18 मई को एक पत्र उनके एक सचिव ने लिखा और कहा कि मजदूरों के संदर्भ में हम आपके प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं आप ड्राइवरों की लिस्ट उनके फोन नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस दीजिए।
प्रियंका गांधी ने और कांग्रेस पार्टी ने इसका स्वागत किया और 18 मई को उसी दिन चंद घंटों के अंदर ईमेल के माध्यम से वह लिस्ट उत्तर प्रदेश सरकार को दे दी गई और बकायदा पत्र लिखकर सूचित किया गया कि हम कल यानी 19 मई को बसों को बॉर्डर पर चलने को तैयार रखेंगे। 1096 बसों की सूची ईमेल के साथ अटैच की गई कुछ चालकों का दोबारा वेरीफिकेशन करके उनकी सूची भी कुछ घंटों में आप तक पहुंचा देंगे। 18 मई को यह पत्र लिखा गया और पूरा दिन निकल गया कोई जवाब आदित्यनाथ सरकार ने नहीं दिया।
रात 11:40 पर बुरी मंशा के साथ दुर्भावना के साथ निर्दयता के साथ राजनीति के साथ पक्षपात करते हुए संवेदनहीनता बरतते हुए रात को 11:40 पर अपर मुख्य सचिव ने चि_ी लिखा और कहा कि इन बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट ड्राइविंग लाइसेंस के साथ इन बसों को सुबह 10:00 बजे वृंदावन योजना लखनऊ में उपलब्ध कराइए।
रात को 11:40 पर 18 मई को पत्र लिख रहे हैं कि यह बसे लखनऊ में उपलब्ध कराई जाएं यह है संवेदनहीनता स्तर हीन राजनीति और घटिया राजनीतिक सोच। 2 घंटे के अंदर कांग्रेस पार्टी ने उनको पत्र लिखा और कहा कि अभी देर रात 11:40 पर ईमेल पर आपका पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें आपने 10:00 बजे लखनऊ में बसे हैंडोवर करने की अपेक्षा की है।
संकट में फंसे प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के विभिन्न सीमाओं में और खासकर दिल्ली उत्तर प्रदेश के बॉर्डर गाजियाबाद नोएडा जैसी जगहों पर मौजूद है यहां लाखों प्रवासी मजदूर हैं और मीडिया के माध्यम से इनकी विकट हालत को पूरा देश देख रहा है और ऐसे में 1000 खाली बसों को उत्तर प्रदेश बॉर्डर से लखनऊ ले जाने का तुगलकी आदेश आदित्यनाथ सरकार ने दिया जिसका कोई औचित्य नहीं है।
2 घंटे में यह जवाब जब कांग्रेस ने दिया तो अगले दिन 11:05 पर जवाब आता है कि अच्छा अब लखनऊ मत भेजिए अब यह सारी बसें 500 नोएडा और 500 बसें गौतम बुध नगर में 12:00 बजे तक उपलब्ध करा दी जाए। 19 मई को 11:05 पर पत्र लिखकर 12:00 बजे तक 1000 बसे मांग रहे हैं और चार घंटे लगा रहे हैं कि बस का परमिट दीजिए सर्टिफाई करवाकर फिटनेस सर्टिफिकेट दीजिए बस का इंश्योरेंस दीजिए ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी दीजिए और यह सब 1 घंटे के अंदर इन बॉर्डर पर उपलब्ध कराएं।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा है कि दरअसल भाजपा चाहती ही नहीं थी कि मजदूरों को यह सुविधा मिले और नंगे पांव चल रहे मजदूर बसों से कहीं जा सके। कांग्रेस ने फिर कहा कि कुछ बसे राजस्थान से आ रही हैं कुछ बसें दिल्ली से हैं यह सारी बसें 5:00 बजे तक हम उपलब्ध करा देंगे और यह एक ऐतिहासिक कदम होगा अगर उत्तर प्रदेश सरकार कांग्रेस के साथ मिलकर सेवा का यह कदम उठाएगी।
मोदी जी की रैलियों के लिए हजारों बसें उपलब्ध और साथ में खाना देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार गरीब साधारण मजदूर को सैकड़ों किलोमीटर नंगे पांव सालों के साथ बच्चों को कोख में उठा कर सामान पीठ में लादकर थके हारे भूखे प्यासे बगैर भोजन दवाई के अपने घर जाने के लिए मजबूर कर रही है और कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी की बसें उपलब्ध करा रही है तो यह भी भाजपा सरकार को स्वीकार नहीं है इससे ज्यादा शर्म की बात किसी भी राजनीतिक दल और सरकार के लिए हो ही नहीं सकती।
पहले दिन से प्रियंका गांधी जी ने कहा है कि यह बसें देना राजनीति का विषय नहीं हम कोई राजनैतिक फायदा नहीं उठाना चाहते हम सहयोग करना चाहते हैं 60 लाख लोगों के खाने के लिए हम अलग से इंतजाम 2 महीने में कर चुके हैं और 700000 लोग जो देश में अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं उनको उत्तर प्रदेश लाने और उत्तर प्रदेश में फंसे मजदूरों को देश के अन्य प्रदेशों में ले जाने का इंतजाम कांग्रेस पार्टी ने किया है हम हाथ से हाथ बटाना चाहते हैं आप चाहे तो बसों पर भाजपा का झंडा लगा ले इन बसों पर किसी की फोटो लगा ले लेकिन इन मजदूरों की मदद करें समय बर्बाद ना करें और अगर यह सब बच्चे खड़ी है तो इनका उपयोग कर लेंगे तो इसमें क्या नुकसान है कोई वोट पडऩे जा रहे हैं क्या कांग्रेस पार्टी मानवीय आधार पर यह मदद करना चाहती है।
बसें उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर खड़ी है लेकिन इन बसों को मजदूरों तक पहुंचने में भाजपा की सरकार बाधा डाल रही है। अगर भाजपा सरकार ने असहयोग नहीं किया होता तो इन 1000 बसों ने 10 चक्कर लगा लिए होते और अगर एक बस में 30 मजदूर भाई भी जाते तो 60 70 हजार मजदूर अपने अपने घर गांव पहुंच गए होते लेकिन मोदी और आदित्यनाथ असंवेदनशील निष्ठुर निर्दई बने हुए हैं उन्हें गरीबों की मजदूरों की तकलीफ से कोई सरोकार नहीं है।
त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा द्वारा पूरे देश में उत्तर प्रदेश में और छत्तीसगढ़ में लगातार करोना आपदा को लेकर केवल राजनीति की जा रही है और गरीबों को मदद नहीं पहुंचाई जा रही है उल्टा गरीबों को मदद पहुंचाने में भाजपा के नेता बाधा डालने में और नुक्ताचीनी करने में लगे हुए हैं देश सब देख भी रहा है और समझ भी रहा है भाजपा को देश कभी माफ नहीं करेगा।

दुर्ग / शौर्यपथ /  इंडियन प्रजा बंधु पार्टी और क्रिश्चन समाज ने मंगलवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर रोहित झा, महिला थाना प्रभारी प्रभा राव व खुर्सीपार थाना प्रभारी सुरेंद्र उके का सम्मान शॉल, श्रीफल, गुलदस्ता व उपहार से किया। पुलिस प्रशासन द्वारा किये गए सामाजिक कार्यों व लॉकडाउन 3.0 को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने तथा कोरोना से लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाते हुए कोरोना योद्धाओं द्वारा आम नागरिकों को सुरक्षा करते आने के कार्य से प्रेरित होकर यह सम्मान पार्टी व समाज द्वारा किया गया। इस दौरान विशप स्वामी नादलू, बी.जोगा राव, महिला अध्यक्ष गीता सिंह, सिलास नवगीरे, जोसफ , आशीष, संदीप खोब्रागड़े उपस्थित थे।

रायपुर । शौर्यपथ । लंबे इंतजार के बाद प्रदेश महिला कांग्रेस में कार्यकारिणी का विस्तार किया गया है । महिला कांग्रेस के विस्तार में दुर्ग से किसी भी महिला कांग्रेस नेत्री को शामिल नही किया गया जबकि दुर्ग में महिला कांग्रेस नेत्री में कई ऐसे नाम है जो कांग्रेस के प्रति राजनीति जीवन लंबी पारी खेल चुके है । रामकली यादव , नित लोधी , रत्ना नारमदेव , गुरमीत कौर धनई , नीलू ठाकुर जैसे अनगिनत कांग्रेस नेत्री है जिनका राजनैतिक जीवन कांग्रेस के लिए समर्पित रहा किन्तु दुर्ग कांग्रेस से इस जम्बो लिस्ट में किसी का नाम ना आना राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया । इनमें से कुछ ऐसी कांग्रेस नेत्री भी है जो विपक्ष में रहते हुए बड़े बड़े पद में आसीन हो चुकी किन्तु सत्ता आते ही दुर्ग कांग्रेस से किसी को भी स्थान ना देना कई तरह की चर्चाओं को जन्म देगा । प्रदेश में कांग्रेस का शासन है इसलिए खुले विरोध की उम्मीद बेमानी है किंतु आंतरिक हलचल ज़रूर बढ़ेगी ।

    महिला कांग्रेस ने प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर हेमा देशमुख और दुलकी बाई तांडी को नियुक्त किया गया है। वही 10 प्रदेश महासचिव और 28 प्रदेश सचिव की नियुक्ति की गई है प्रदेश महिला कांग्रेस में संगठन का विस्तार करते हुए इन सबको जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यालय प्रभारी एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष उषा रज्जन श्रीवास्तव ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस द्वारा महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव जी की अनुशंसा से छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रभारी सुनीता सहरावत की सहमति और प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यछ फूलोदेवी नेताम के आदेशानुसार प्रदेश पदाधिकारीयो की नवनियुक्तियां की गई है। प्रदेश उपाध्यक्ष 1, श्रीमती हेमा देशमुख 2, श्रीमती दुकली बाई तांडी प्रदेश महासचिव 1, श्रीमती वंदना राजपूत 2, श्रीमती सुधा सरोज 3, श्रीमती शारदा साहू 4, श्रीमती डोमेश्ववरी वर्मा 5, श्रीमती अपर्णा फ्रांसीस 6, श्रीमती शिल्पी तिवारी 7, श्रीमती क्रांति बंजारे 8, श्रीमती अन्नू पांडे 9, सुश्री सरिता शर्मा 10, श्रीमती विभा साहू प्रदेश सचिव 1, श्रीमति राज मरकाम 2, श्रीमती अपर्णा संचेती 3, श्रीमती उषा राठौर 4, श्रीमती अन्नू टण्डन 5, श्रीमती गंगा यादव 6, श्रीमती कार्तिका सिंह भुवाल 7 , श्रीमती डॉ करुणा कुर्रे 8, श्रीमती राजेश्वरी चंदाने 9, श्रीमती हमीदा खान 10, श्रीमती खुशबू केडिया 11, श्रीमती राहत परवीन 12, श्रीमती राखी लोखंडे 13, श्रीमती राजेश्वरी चंद्रा 14, श्रीमती हेमलता सेन 15, श्रीमती कुसुम दुबे 16, श्रीमती अम्बालिका साहू 17, श्रीमती मन्दाकिनी साहू 18, सुश्री पिंकी बाघ 19, सुश्री प्रेरणा साहू 20, श्रीमती शेख रजिया 21, श्रीमती अंजना भट्टाचार्य 22, श्रीमती रेहाना नियाजी 23, श्रीमती खैरून निशा 24, श्रीमती अर्चना दुबे 25, श्रीमति छन्दा श्री 26, सुश्री मुस्कान परवीन 27, सुश्री पिर्ति वैष्णव 28, श्रीमती उषा श्रीवास

रसोई / शौर्य पथ 

वेज मोमोज
सामग्री :
2 कप मैदा, 1/2 कप पत्ता गोभी किसी हुई, 1/4 कप किसी शिमला मिर्च, 1/2 कप किसा प्याज, अजवायन आवश्यकतानुसार, 1 चम्मच तेल, नमक स्वादानुसार।
विधि :
सबसे पहले मैदा छानकर उसमें थोड़ा सा नमक, तेल और अजवायन डालकर मठरी जैसा आटा गूंथ कर रख दें। अब पत्ता गोभी, प्याज और शिमला मिर्च में नमक और अजवाइन डालें। फिर आटे की छोटी-छोटी लोई लेकर हाथ से चपटी करें। अब इसमें 1 चम्मच तैयार मिश्रण को भरकर चारों ओर से चुन्नटें डालते हुए बंद करें।
इडली के सांचे में पानी रखकर गरम कर लें और इडली पात्र में मोमोज रखकर 15 से 20 मिनट तक धीमी आंच पर भाप में पकाएं। लीजिए झटपट तैयार होने वाला यह स्वादिष्ट व्यंजन घर में सभी को जरूर पसंद आएगा। अब हरी चटनी के साथ मोमोज सर्व करें।
टेस्‍टी पास्‍ता
सामग्री :
250 ग्राम पास्‍ता, 1 बड़ी लहसुन की कली कटी हुई, 2 सूखी लाल मि‍र्च पानी में भि‍गाई हुई, 1 चम्‍मच तेल, 1 रसीला नींबू, 1 कप सब्‍जि‍यों को उबालकर तैयार कि‍या गया पानी या रस।
वि‍धि ‍:
सब्‍जि‍यों के पानी में पास्‍ता को उच्‍छी तरह से उबालकर पका लें। अब पास्‍ते का पानी नि‍कालकर उसे एक बाउल में अलग कर लें।
कड़ाही में धीमी आंच पर तेल गरम करें। इसमें कटी हुई लहसुन और लाल मि‍र्च डालें और हल्‍का गुलाबी होने तक भूनें।
अब इसमें उबला हुआ पास्‍ता डाल दें और अच्‍छी तरह मि‍लाएं। ऊपर से जैतून, नमक व मि‍र्च डालकर गरम परोसें।
बचे चावल के कुरकुरे पकौड़े
सामग्री :
एक कटोरी या उससे अधिक बचे हुए उबले चावल, एक कप बेसन, दो हरी मिर्च बारीक कटी हुई, पाव कप गेहूं का आटा, आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, आधा चम्मच जीरा, एक चुटकी हींग, पाव चम्मच हल्दी पाउडर, स्वादानुसार नमक, हरा धनिया बारीक कटा हुआ, तलने के लिए तेल।
विधि :
सबसे पहले एक बर्तन में बचे हुए चावल लें और उसमें तेल को छोड़कर सभी सामग्री मिला लें। आवश्यकतानुसार पानी डालकर अच्छे से मिलाएं और चावल को घोल में ही मसल लें तथा पकौड़े का घोल तैयार कर लें।
अब एक कड़ाही में तेल गरम करके तैयार मिश्रण के छोटे-छोटे पकौड़े बनाएं और धीमी आंच पर क्रिस्पी होने तक तल लें। तैयार बचे हुए चावल के क्रिस्पी पकौड़ों को गरमा-गरम ही सॉस और चाय के साथ पेश करें।
स्पाइसी पोटॅटो सैंडविच
सामग्री :
1 पैकेट ब्रेड, 250 ग्राम आलू, 1 प्याज कटा हुआ, 2 हरी मिर्च, 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर, नमक स्वादानुसार, 1 चम्चम सौंफ, थोड़ा-सा हरा धनिया और तेल।
विधि :
आलू का सैंडविच बनाने में एकदम आसान होता है। सबसे पहले आलू को उबाल लें। अब इसमें सभी मसाले, प्याज, हरी मिर्च मिला लें।
इसके बाद ब्रेड स्लाइस के अंदर मसाला भरें और इसे ग्रिल कर लें। अब हरी चटनी या टोमॅटो सॉस के साथ स्पाइसी पोटॅटो सैंडविच पेश करें।

झन्नाट क्रंची पकौड़े

सामग्री :

तीन आलू (बड़े साइज के), आधा-आधा कप चावल का आटा व बेसन, आधा कटोरी लहसुन-मूंगफली की तैयार चटनी, एक चम्मच लाल मिर्च, चुटकी भर हल्दी एवं एक चुटकी हींग, तेल (तलने के लिए), नमक स्वादानुसार।

विधि :

सर्वप्रथम कच्चे आलू को छिल लें और पतले चिप्स में काट कर अलग रख दें। अब चावल का आटा व बेसन लेकर मसाला सामग्री डालकर घोल तैयार करें। ध्यान रहें कि घोल गाढ़ा हो। तत्पश्चात आलू स्लाइस पर दोनों तरफ दाने की लहसुनी चटनी की तह लगाएं और दूसरे आलू चिप्स से ढंक कर तैयार घोल में डुबोएं।

एक कड़ाही में तेल गर्म करके धीमी आंच पर कुरकुरे होने तक तल लें। लहसुनी स्वाद में लाजवाब आलू स्लाइस के चटपटे नमकीन पकौड़े हरी और इमली के चटनी के साथ मेहमानों को पेश करें। चाय के साथ झन्नाट क्रंची पकौड़े का लुत्फ उठाएं।

         सेहत / शौर्यपथ / इस संकट की घड़ी में आपके लोकप्रिय अखबार हिंदुस्तान में हेल्पलाइन सेवा शुरू की गई है। बड़ी संख्या में लोग हेल्पलाइन सेवा का लाभ उठा रहे हैं।मंगलवार को आप आयुर्वेद पद्धति का लाभ उठा सकते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ टेलीफोन पर दोपहर 12 से 2 बजे तक सलाह देंगे।

हिन्दुस्तान की हेल्पलाइन पर मंगलवार को आयुर्वेद विशेषज्ञों ने लोगों को उनकी बीमारी से जुड़े सवालों के जवाब देकर जिज्ञासा शांत की। साथ ही अपील की कि लोग कोरोना को लेकर डरे नहीं। बिना डर के कोरोना न फैले। इसके लिए पूरा सहयोग करें। खुद को सुरक्षित रखने के साथ परिवारीजनों, परिचितों को सुरक्षित रखें। लॉकडाउन का पूरा पालन करें।
मुझे बीपी की शिकायत है। सिर दर्द हो रहा है, क्या यह बीपी की वजह से है ? -
पहले तो आप जो बीपी बढ़-घट नहीं रहा है तो जो दवा डॉक्टर ने दी, उसे खाते रहें। नमक भोजन में कम कर दें। सुपाच्य भोजन व अन्य पदार्थ खाएं। गुनगुने पानी का सेवन करें। भाप लें।


सर मुझे खांसी, जुकाम, गले व बदन में दर्द, नाक बहने की समस्या है, क्या करें ?
आप 8 से 10 बार गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करें। गुनगुना पानी पिएं। काली मिर्च, अदरख, तुलसी पत्र एवं पुराने गुड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। उसे जितना गर्म सेवन कर सकते हो, जिससे जुबान-मुंह न जले, दिन में तीन बार 20 से 30 एमएल पिएं। इसके अलावा गिलोयधन वटी दो-दो गोली तीन बार खाएं। इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। ’

मेरे खांसी जुकाम व बदन दर्द है, कोरोना तो नहीं है ? -
यह कोरोना का लक्षण नहीं है। अपने मन से पहले कोरोना वायरस का खौफ निकाल दें। आप कई बार गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करें। काली मिर्च, अदरक, तुलसी पत्र एवं पुराने गुड़ का काढ़ा बनाकर पिएं। गुनगुना पानी पीती रहें।

हमारे कमर और घुटनों में दर्द हो रहा है। इसके लिए क्या करें? -
आप सहजन की पत्ती को उबालकर, उसी गुनगुने पानी से सिंकाई करें। उसी सहजन के पत्तों को बांध लें, जहां दर्द हो रहा हो। योगराज गुग्गुल की दो-दो गोली सुबह शाम खाएं। अपनी कमर, घुटनों व दर्द वाली जगह पर पंचगुण तेल लगाएं। इससे बहुत आराम मिलेगा।

’ सर मेरे बदन, गले में दर्द व खराश है। क्या करें ? -
आप काढ़ा का सेवन करें। गुनगुने पानी व नमक का गरारा करें। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए गिलोयधन वटी दो-दो गोली तीन बार खाएं। ’ घर में पड़े-पड़े गैस, कब्ज हो गई है। खाने का भी मन नहीं करता है, क्या करें ? रजनीश, चौक गुनगुना पानी पिएं। घर में खूब टहलें। एक ही जगह पर सिर्फ लेटे या बैठे नहीं रहें। मुलैठी का चूर्ण बना लें। इसे तीन-तीन ग्राम सुबह और शाम को गुनगुने पानी से ही खा लें। अविपत्तिकर चूर्ण तीन बार तीन-तीन ग्राम खाएं। साथ ही आरोग्यवर्धनी वटी की दो-दो गोली सुबह व शाम को खाएं। ’

मेरे डायबिटीज है। बुखार आ रहा है। पेट भी गड़बड़ है, क्या करें ? -
आप सबसे पहले खट्टा और मिर्चे को भोजन में बंद कर दें। बुखार की जो दवा ले रहे हैं, बुखार न आने पर उसे न खाएं। हर्बुलेक्स आयुर्वेदिक दवा ले लें। घर में थोड़ा जरूर टहलें।

इन लक्षणों को पहचानें
- शरीर में तेज दर्द के साथ कमजोरी
- लिवर और किडनी में परेशानी
- सांस में तकलीफ होना
- निमोनिया के लखण दिखना
- पाचन क्रिया में अचानक तकलीफ होना, ऐसा होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉक्टरों की सलाह
दफ्तरों में काम करने वाले लोग घर पर खाली हैं। ऐसे में कोई भी बीमारी होती है तो लोग पहले कोरोना सोचने लगते हैं। मन में वहम है। इसलिए जरूरी है कि घर में टहलें, व्यायाम करें और खुद को इंडोर गेम में व्यस्त करें।-

बुखार, बदन व गले के दर्द को कोरोना से न जोड़ें। एहतियात बरतें। अपनी दिनचर्या में चाय की जगह पर दिन में दो-तीन बार काढ़ा पिएं। हो सके तो गिलोयधन वटी दो-दो गोली तीन बार खाएं। -

 

      सेहत / शौर्यपथ / रुटीन वर्कआउट में स्ट्रेचिंग को शामिल करना बहुत जरूरी है। मांसपेशियों में खिंचाव से जुड़े ये व्यायाम न सिर्फ वॉर्मअप का काम करते हैं, बल्कि इससे मसल की जकड़न दूर होती है और शरीर लचीला बनता है। आज हम आपको तीन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बारे में बता रहे हैं जिनसे शरीर मजबूत होगा और पीठ दर्द में राहत भी मिलेगी।

सीटेड हिप ट्विस्ट-
दायें पैर को बायीं जांघ के ऊपर रखते हुए चटाई पर बैठ जाएं। जब आप श्वास लेंगे तो आपका मेरुदंड तना रहेगा। अब आपको श्वास छोड़ते हुए खुद को बायीं ओर मोड़ना है। दोनों तरफ से इस व्यायाम को पांच-पांच बार करें।

लाभ : इस व्यायाम में जब आप पैर और नितंब को मोड़ते हैं तो शरीर को स्थिर होने का प्रशिक्षण मिलता है। उदर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

काउ फेस पोज-
जमीन पर दोनों पैरों को एक-दूसरे के ऊपर मोड़कर इस तरह रखें कि एक घुटना दूसरे घुटने के ऊपर आ जाए। अब दायें हाथ को कंघे से ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। अब बायां हाथ मोड़ते हुए कमर की ओर से पीछे ले जाएं। दोनों हाथ पीठ पर एकदूसरे को छूने चाहिए। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, अब इस अवस्था में रहते हुए कई मिनट तक गहरी सांस भरें।

लाभ : इसे करने से कूल्हों, टखनों, जांघ, कंधे, कांख, छाती की मांसपेशियों में गहरा खिंचाव होता है। घुटनों के दर्द में राहत मिलती है।

कैट-काउ पोज-
अपने दोनों हाथों और घुटने के बल लेट जाएं। इस अवस्था में कंधे और घुटने नितंब से एकसीध में रहेंगे। अब धीरे से नितंब की हड्डी (टेलबोन) को उठाएं और अपने कंघों को झुकाते निगाह जमीन पर ले जाएं। आपका सिर नीचे झुक जाएंगा, रीढ़ की हड्डी गोलाकार मुद्रा में होगी। इस अवस्था में पेट का तानते हुए नाभि की ओर ध्यान ले जाएं। अब इस व्यायाम को दोहराएं।

लाभ : इस मुद्रा से गर्दन, कंधे और रीढ़ में लचीलापन बढ़ता है। साथ ही मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन, पीठ के निचले हिस्से के दर्द में राहत मिलती है।

 

      सेहत / शौर्यपथ / कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। यहां हम विश्व स्वास्थ्य संगठन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही कोरोना से जुड़ी जानकारियों को आप तक पहुंचाएंगे।

अपने शरीर को लॉकडाउन के बाद के लिए किस तरह तैयार करें?
जवाब-
हाथ धोना, साफ-सफाई व सामाजिक दूरी का पालन करना ही सर्वोत्तम उपाय है। इसके अलावा भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर कौशिक रे के अनुसार, अपने ब्लड शुगर की जांच करते रहें। उसे काबू में रखें। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर इम्यूनिटी कम करता है। दिल को स्वस्थ रखें। पहले से कोई समस्या है तो दवाएं लेने और रेगुलर चेकअप में लापरवाही न बरतें। तंबाकू और धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करें। वजन ज्यादा है तो उसे कम करें। नियमित व्यायाम करें।

क्या हर समय मास्क पहने रखना हानिकारक साबित हो सकता है?
जवाब-
न्यू जर्सी में एक ड्राइवर के एक्सीडेंट का मामला सामने आया है, जिसमें लंबे समय तक एन-95 मास्क पहनने से कन्फ्यूजन, सांस लेने में दिक्कत और चक्कर आने की स्थिति पैदा हुई। फरीदाबाद में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉ. बुद्धिराजा के अनुसार, यह रेयर मामला है। लंबे समय तक एन-95 मास्क पहनने से ऑक्सीजन की कमी और कार्बनडाईऑक्साइड का स्तर ज्यादा हो सकता है। कपड़े के मास्क इस मायने में सुरक्षित हैं। एन-95 मास्क पहना है, तो शीशे खोल कर कार चलाएं। लगातार कई घंटे इसे न पहनें। अकेले हों तो मास्क कुछदेर उतार दें।

गले और नाक को ठीक रखने के घरेलू उपाय क्या हैं-
जवाब-
कोविड-19 के मद्देनजर आयुष मंत्रालय ने कुछ पारंपरिक आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बताया है। नाक को साफ रखने के लिए सुबह-शाम तिल या नारियल का तेल या फिर घी नाक के दोनों छिद्रों में लगाएं। दिन में दो या तीन बार एक चम्मच तिल या नारियल का तेल दो से तीन मिनट तक मुंह में घुमाएं और थूक दें। फिर गर्म पानी से कुल्ला करें। सूखी खांसी या गले में खराश हो तो पानी में पुदीने की पत्तियां या अजवाइन डाल कर दिन में एक बार भाप लें। लौंग के पाउडर में शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार सेवन करें।

 

सेहत / शौर्यपथ / लॉकडाउन के कारण अगर आप अपने बच्चे का जरूरी टीका लगवाने से रह गए हैं तो आपकी चिंता जायज है। असल में कोविड-19 के कारण हेल्थ संसाधनों पर ज्यादा बोझ होने से नियमित टीकाकरण में व्यवधान पैदा हुआ है। जिससे ये समस्या पैदा हुई है। ऐसी स्थिति से निटपने के लिए इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने कुछ निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन करते हुए इस असाधारण समय में बच्चे की देखभाल की जा सकती है।

लॉकडाउन में 32 लाख बच्चे रह जाएंगे वंचित-
-01 साल पहले पैदा हुए खसरा या एमएमआर डोज से वंचित रह सकते हैं।
-5.5 लाख नए बच्चे हर सप्ताह जुड़ रहे हैं टीकाकरण से पूर्ण या आंशिक वंचितों में।
-2020 के जनवरी-फरवरी में पैदा हुए बच्चों को मार्च-अप्रैल में दी जाने वाली डीटीपी-पोलियो खुराक छूटी।
-32.4 लाख बच्चे देश में टीकाकरण से छूट जाएंगे या उनको सभी टीके नहीं लग सकेंगे।

(स्त्रोत - इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स )

इम्यूनिटी मजबूत करता है टीकाकरण-
टीका बीमारियों के वायरस को कमजोर कर देता है या उसे खत्म कर देता है। टीकाकरण से शिशु के शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यूनिटी) मजबूत रहती है। जिससे भविष्य में बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। टीकाकरण संक्रामक बीमारियों जैसे पोलियो आदि के प्रसार को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।

इम्यूनाइजेशन न होने पर संक्रमण का खतरा-
विश्व स्वास्थ्य संगठन यह चिंता जता चुका है कि जिन देशों में रुटीन टीकाकरण नहीं हो पा रहा है, वहां बच्चों के शरीर में कोरोना व अन्य तरह के वायरस व रोगों से लड़ने के लिए मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र नहीं तैयार नहीं हो पाएगा।

मां क्वारंटाइन हो तो ये करें-
किसी बच्चे की मां अगर कोरोना ग्रस्त रही हो या उन्हें होम क्वारंटाइन किया गया हो तो उस बच्चे को वैक्सीनेट करने की आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में अभिभावक अपने डॉक्टर की सलाह लेकर बच्चे का टीकाकरण कराएं।

टीका छूटने पर ऐसा करें अभिभावक-
इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने अभिभावकों को सलाह दी है कि कोविड-19 के कारण बच्चों के छूटे टीके को आगे की तारीखों में लगवाना ठीक रहेगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि नवजात को बीसीजी, बी-ओपीवी और हेपेटाइटिस बी की बर्थ डोज मिली है या नहीं। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के संपर्क में रहें और शिशु की पोलियो, इन्फ्लूएंजा, एमएमआर और खसरा की खुराक प्राथमिकता से लगावाएं।

 

     शौर्यपथ /धर्म संसार / कंस ने बालकृष्ण को मारने के लिए पहले पूतना, श्रीधर तांत्रिक, उत्कच, तृणासुर, तृणावर्त आदि कई अनुरों और राक्षसों को भेजा लेकिन बालकृष्ण ने सभी का वध कर दिया। कुछ समय बाद फिर नंदबाबा गोकुल से वृंदावन चले गए। वहां श्रीकृष्ण ने गोप और गोपियों के साथ खूब रास रचाया। फिर एक दिन कंस ने बलदेव और श्रीकृष्ण को मारने की एक नई योजना बनाई।
अक्रूरजी भगवान श्रीकृष्ण के काका थे, जो मथुरा में रहते ते। उन्हें वसुदेवजी का भाई बताया गया है। अक्रूरजी कंस के पिता उग्रसेन के दरबार में एक दरबारी के रूप में कार्य करते थे। जब कंस ने उग्रसेन को बंदी बना लिया तो अक्रूरजी की शक्तियां कमजोर हो गई।
         कहते हैं कि जब नारद मुनि द्वारा कंस को यह पता चला कि कृष्ण देवकी का तथा बलराम रोहिणी का पुत्र है तो उसने अपनी योजना के तहत कंस ने अक्रूरजी के माध्यय से उनसे दोनों ही वीर बालकों को मल्ल युद्ध (पहलवानी) की एक प्रतियोगिता में आमंत्रित कर दोनों का वध करने की योजना बनाई। अक्रूरजी दोनों ही बालकों को निमंत्रण दे आए।
           चाणूर और मुष्टिक मथुरा के राजा कंस के राज्य में उसके प्रमुख पहलवान थे। कंस चाहता था कि यह दोनों मिलकर दोनों बालकों का वध कर दें। चाणूर और मुष्टिक के अलावा शल तथा तोषल नामक मल्ल भी तैयार थे। साथ ही कुबलयापीड नाम के एक हाथी को विशेष प्रशिक्षण दिलाकर कृष्ण और बलराम को मार डालने के लिए रखा गया था।
श्रीकृष्ण और बलराम पहली बार ग्वालबालों के साथ मथुरा पधारे तो नगर भ्रमण के दौरान जहां दंगल हो रहा था उस रंगशाला का पता पूछते-पूछते वहां पहुंच गए। रंगशाला सजी हुई थी। विशालकाय शिव का धनुष रखा हुआ था। द्वार के पास ही हाथी भी बंधा हुआ था। रंगशाला के अखाड़े में चाणूर, मुष्टिक, शल, तोषल आदि बड़े-बड़े मल्ल दंगल के लिए उतावले खड़े थे। दंगल देखने के लिए महाराज कंस उच्च मंच पर रखे सिंहासन पर अपने मंत्रियों के साथ विराजमान था।

रंगशाला में प्रवेश करते ही सहसा ही श्रीकृष्ण से शिव का धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाई तो वह अनायास ही टूट गया। यह देखकर उसकी सुरक्षा में लगे सैनिकों ने हमला कर दिया। दोनों भाइयों ने मिलकर सैनिकों को मार दिया। इस घटना से वहां हाहाकार मच गया तभी हाथी को छोड़ दिया गया। दोनों भाइयों ने हाथी का भी वध कर दिया। यह देखकर कंस ने चाणूर, मुष्टिक को इशारा किया। दोनों मल्ल अखाड़े में उतर गए।

चाणूर        ने श्रीकृष्ण को और मुष्टिक ने बलराम जी को ललकारा। इस प्रकार मल्लयुद्ध आरम्भ हो गया। सभी प्रजा यह युद्ध देखने के लिए जुटी हुई थी। दोनों भाइयों ने दोनों का वध कर दिया तो कंस घबरा गया फिर उसने अपने अन्य मल्लों को इंगित किया। कूट, शल, तोषल आदि भी मारे गए तब कंस ने सैनिकों को आदेश दिया की इन दोनों दुष्ट बालकों को पकड़कर मथुरा से निष्कासित किया जाए और नंद को पकड़कर कारागार में डाला जाए और दुष्ट वसुदेव और उग्रसेन का बिना विलंब किए वध कर दिया जाए। लेकिन कंस के आदेश का पालन होता उससे पहले ही श्रीकृष्ण और बलराम उछलकर कंस के सम्मुख पहुंच गए और श्रीकृष्ण ने बड़े ही जोर से कंस की छाती पर एक लात मारा ‍जिसके चलते वह नीचे गिर पड़ा। फिर श्रीकृष्ण उसके केश पकड़कर उसे खींचकर अखाड़े में ले आए। असहाय कंस चीखने पुकारने लगा लेकिन श्रीकृष्ण ने उसकी छाती पर मुष्टिक प्रहार करके उसका वध कर दिया। यह देख और सुनकर मथुरा में हर्ष व्याप्त हो गया।
कहते हैं कि कंस वध करने के बाद दोनों ही अक्रूरजी के घर गए।

कहते हैं कि श्रीकृष्‍ण और बलराम ने 16 वर्ष की उम्र में चाणूर और मुष्टिक जैसे खतरनाक मल्लों का वध किया था। मथुरा में दुष्ट रजक के सिर को हथेली के प्रहार से काट दिया था। कहते हैं कि यह मार्शल आर्ट की विद्या थी। पूर्व में इस विद्या का नाम कलारिपट्टू था। जनश्रुतियों के अनुसार श्रीकृष्ण ने मार्शल आर्ट का विकास ब्रज क्षेत्र के वनों में किया था। डांडिया रास उसी का एक नृत्य रूप है। कलारिपट्टू विद्या के प्रथम आचार्य श्रीकृष्ण को ही माना जाता है।

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