October 24, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

उच्च शिक्षा विभाग को कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रावधानित 4 नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन महाविद्यालयों की स्थापना फरसाबहार (जिला-जशपुर), करडेगा (जिला-जशपुर), नगरनार (जिला-बस्तर) तथा किलेपाल (जिला-बस्तर) में की जाएगी।

मुख्यमंत्री की इस पहल से जशपुर एवं बस्तर जैसे जनजाति बहुल एवं भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अब उनके इलाके में ही उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। दूरस्थ अंचलों की बेटियों और बेटों को अब कॉलेज की पढ़ाई के लिए अब अपने घरों से दूर अन्यत्र नही जाना पड़ेगा। उच्च शिक्षा की पहुंच हर इलाके में हो, इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ बना रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है और सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन तथा बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि इन चारों महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) के सृजन की स्वीकृति के साथ ही कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी राज्य शासन ने दे दी है। स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 एवं प्रयोगशाला कर्मी आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री साय की इस पहल से आदिवासी एवं दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं की शिक्षा, रोजगार एवं कौशल वृद्धि के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश में समान और संतुलित शैक्षणिक विकास को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को दीपपर्व की शुभकामनाएं देने बगिया में लगा रहा तांता ,मुख्यमंत्री ने सभी के सुख-समृद्धि की कामना की

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के जशपुर स्थित गृह निवास बगिया में दीपावली के पावन पर्व पर शुभकामनाएं देने वालों का सिलसिला दिन भर जारी रहा। देर रात्रि तक जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों तथा बड़ी संख्या में नागरिकों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर दीपावली की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी लोगों का आत्मीय स्वागत करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य, उत्तम स्वास्थ्य एवं सुख-समृद्धि की मंगलकामनाएं दीं।
   मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि दीपावली का पर्व, परस्पर सद्भाव और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, जो समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें, जिससे कुम्हारों, कारीगरों और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल की भावना आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।‘
   मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान लोगों ने अपनी मांगें एवं समस्याएं भी उनके समक्ष रखी। मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी निवेदनों को संज्ञान में लेते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को त्वरित और समयबद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए। दीपावली के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में चहुओर उत्साह का वातावरण रहा।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित शहीद वाटिका पहुंचे। उन्होंने अमर जवान स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद वीर जवानों को नमन किया। उन्होंने शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को स्मरण करते हुए उनके परिजनों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, विधायक श्री मोतीलाल साहू, पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री विवेकानंद सिन्हा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने गृह ग्राम बगिया में लोगों से दीपावली पर्व के अवसर पर मुलाकात कर उन्हें दीप पर्व की शुभकामनाएं और बधाई दी। मुख्यमंत्री को दीप पर्व की बधाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उनके गृह ग्राम बगिया पहुंचे थे। इस आत्मीय मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से उनकी समस्याएं भी सुनी और उनके आवेदन भी लिये। उन्होंने इस मौके पर मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके विभागों से संबंधित आवेदनों का तत्परता से निराकरण करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों, महिलाओं, किसानों, छात्रों और विभिन्न सामाजिक संगठनों से एक-एक कर मुलाकात की और दीप पर्व की शुभेच्छाओं के अदान-प्रदान के दौरान लोगों की  समस्याएं भी सुनी। मुख्यमंत्री ने लोगों से मिले आवेदनों के संबंध में अधिकारियों से कहा कि सभी आवेदनों का समयबद्ध समाधान किया जाए। मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, सड़क, जनसुविधाओं और विभिन्न योजनाओं से संबंधित आवेदन लोगों ने मुख्यमंत्री को दिए।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने धरती आबा’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी को किया सम्मानित

रायपुर / शौर्यपथ / देश की राजधानी नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘राष्ट्रीय कॉन्क्लेव ऑन आदि कर्मयोगी अभियान’ में छत्तीगसढ के कोरिया जिले ने एक बार फिर अपनी विकास यात्रा से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इस भव्य समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कोरिया जिले की कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी को सम्मानित किया। इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम एवं राज्यमंत्री श्री दुर्गा दास उइके भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा को भी राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त हुआ।

154 जनजातीय ग्रामों में विकास की नई मिसाल

          ‘धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के अंतर्गत कोरिया जिले के 154 जनजाति बहुल ग्रामों,  बैकुंठपुर ब्लॉक के 138 और सोनहत ब्लॉक के 16 ग्रामों में लगभग 38 हजार जनजातीय परिवारों को शासन की 17 विभागों की 25 योजनाओं का लाभ दिलाया गया है। शिविरों और डोर टू डोर अभियानों के माध्यम से लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड, पीएम जन धन योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम उज्जवला, जाति-निवास प्रमाण पत्र, वनाधिकार पट्टा, राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम आवास योजना, सिकल सेल टेस्टिंग, सुकन्या समृद्धि योजना तथा पीएम विमान बीमा योजना जैसे योजनाओं से जोड़ा गया। समयबद्ध क्रियान्वयन और मैदानी स्तर पर नवाचारों के चलते यह पहल जनसहभागिता का प्रतीक बनी है।

राष्ट्रीय स्तर पर नवाचारों की सराहना

        छत्तीसगढ के कोरिया जिले के जनजातीय अंचलों में किए जा रहे प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना जिले के लिए गर्व की बात है। यह सम्मान नवाचार, जनसहभागिता और सतत विकास की दिशा में कोरिया की उपलब्धियों का प्रतीक है।

बस्तर से सरगुजा तक हर जनजातीय परिवार को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए-श्री साय

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा श्यह सम्मान हमारे उन कर्मयोगियों की पहचान है जिन्होंने जनजातीय सशक्तीकरण को धरातल पर साकार किया है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बस्तर से सरगुजा तक हर जनजातीय परिवार को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए और उन्हें हर स्तर पर सशक्त किया जाए।

योजनाओं की रोशनी को जन-जन तक पहुंचाना ही सुशासन

        छत्तीसगढ़ शासन में आदिम जाति विकास मंत्री एवं कोरिया जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा यह उपलब्धि हमारे अधिकारियों, फील्ड स्टाफ और जनप्रतिनिधियों की मेहनत का परिणाम है, जिन्होंने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद योजनाओं की रोशनी को जन-जन तक पहुँचाया है, उन्होंने कहा कि जन-जन तक योजनाओं को पहुंचाना व लाभ मिलना ही सुशासन है।

   दुर्ग / शौर्यपथ / सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के केंद्रीय यांत्रिक संगठन द्वारा “स्वच्छता ही सेवा – 2025” पखवाड़े के अंतर्गत व्यापक स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का शुभारंभ केंद्रीय यांत्रिक संगठन के मुख्य महाप्रबंधक (यांत्रिकी) श्री प्रमोद कुमार के नेतृत्व में किया गया। अभियान का उद्देश्य कर्मचारियों में स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा कार्यस्थलों और आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ बनाए रखना था।

स्वच्छता अभियान के अंतर्गत यांत्रिकी ज़ोन के विभिन्न विभाग—सेंट्रल हेड मैटेनेंस (Central Maintenance – CHM), कोल्ड रोलिंग मिल (Cold Rolling Mill – CRM), रोड व्हीकल सेल (Road Vehicle Cell – RVC), सिविल इंजीनियरिंग विभाग (Civil Engineering Department – CED), प्लांट गैरेज और मैकेनिकल सर्विसेस (Mechanical Services)—के विभाग प्रमुख और कर्मचारी अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में सफाई एवं स्वच्छता संबंधी गतिविधियों में शामिल हुए। सभी विभागों के कर्मियों ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि वे अपने कार्यस्थल की स्वच्छता बनाए रखने और राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान की सफलता में निरंतर योगदान देंगे।

मुख्य महाप्रबंधक (यांत्रिकी) श्री प्रमोद कुमार ने कर्मचारियों द्वारा किए गए श्रमदान की सराहना करते हुए कहा कि “स्वच्छता और सफाई केवल एक अभियान नहीं, बल्कि हमारी कार्यसंस्कृति का अभिन्न हिस्सा बननी चाहिए और यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए।”

राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान-2025 के इस अवसर पर यांत्रिकी ज़ोन के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर महाप्रबंधक (सीईडी) श्री राकेश पांडे, महाप्रबंधक (सीएचएम) श्री सुनील कुमार, महाप्रबंधक (सीआरएम) श्री पी. जॉन वर्गीस, महाप्रबंधक (सीआरएम) श्री जी. श्रीनिवास राव, महाप्रबंधक (सीआरएम) श्री प्रदीप्ता भौमिक, महाप्रबंधक (प्लांट गैरेज) श्री मंदीप सिंह भोगल तथा महाप्रबंधक (यांत्रिकी सेवाएँ) सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी सक्रिय रूप से शामिल हुए। सभी ने श्रमदान करते हुए स्वच्छ और स्वस्थ कार्यपरिसर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में योगदान देने का संकल्प लिया।

दुर्ग। शौर्यपथ।लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि जनता और प्रशासन के बीच की सबसे मजबूत कड़ी माने जाते हैं। शहर की जनता ने भी इसी विश्वास के साथ शहरी सरकार की मुखिया के…

SHOURYAPATH. मुंबई की एक सर्द होती दीवाली की शाम... जब पूरा देश दीपों के उजाले में रमा था, उसी क्षण भारतीय सिनेमा ने अपनी सबसे बड़ी मुस्कराहट खो दी। हास्य के सम्राट, शोले के अमर किरदार ‘अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर’ असरानी अब नहीं रहे। सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 की दोपहर 3:30 बजे उन्होंने जुहू के आरोग्य निधि अस्पताल में अंतिम सांस ली। 84 वर्ष की आयु में वह हमें हमेशा के लिए छोड़ गए ।

   उनके भतीजे अशोक असरानी और मैनेजर बाबू भाई ने पुष्टि की कि उन्हें फेफड़ों में पानी भरने की समस्या थी। वे पिछले चार दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। विडंबना यह रही कि अपनी अंतिम सांस लेने से कुछ घंटे पहले ही असरानी ने इंस्टाग्राम पर अपने चाहने वालों को 'हैप्पी दीवाली' की शुभकामनाएं दी थीं — यह उनके प्रशंसकों के लिए अब हमेशा की तरह यादों में दर्ज आखरी संदेश बन गया ।

   परिवार की शांति की इच्छा, शांत अंतिम विदाईउनकी पत्नी मंजू असरानी ने पति की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए किसी सार्वजनिक कार्यक्रम से बचने का निर्णय लिया। इसलिए उन्हीं की इच्छा अनुसार सांताक्रूज़ श्मशान घाट में रात आठ बजे बेहद सादगी और निःशब्द वातावरण में अंतिम संस्कार किया गया। न दीप जलाए गए, न पुष्पवर्षा हुई — बस रौशनी के बीच एक रूहानी सन्नाटा था, जैसे हँसी का कोई गीत अधूरा रह गया हो ।

   अभिनय की विरासत, हँसी का इतिहास1 जनवरी 1941 को राजस्थान के जयपुर में जन्मे गोवर्धन असरानी ने वर्षों तक हिंदी सिनेमा को अपनी अनोखी टाइमिंग, भोलेपन और व्यंग्य की छौंक से सजाया। चुपके चुपके, रफू चक्कर, बावर्ची, चल मुरारी हीरो बनने, मेरे अपने जैसी फिल्मों से उन्होंने हँसी को नया अर्थ दिया। पर 1975 की शोले में उनका संवाद — “हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर हैं…” — भारतीय सिनेमा की स्मृतियों में अमर हो गया ।

  उनका अभिनय केवल कॉमेडी नहीं था; वह मानवता का अनुवाद था — एक ऐसी हँसी जो लोगों के दुख भुला देती थी। उनके अंदर का कलाकार हमेशा एक शरारती बच्चे की तरह जीता रहा — जो हर दृश्य में सादगी, व्यथा और करुणा के रंग बिखेर देता था।बॉलीवुड में शोक की लहरअसरानी के निधन की खबर से फिल्म जगत में गहरा सन्नाटा फैल गया। अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अनीस बज्मी, जॉनी लीवर, शत्रुघ्न सिन्हा, परेश रावल और अन्य सितारों ने सोशल मीडिया पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। अक्षय कुमार ने लिखा — “आपने हमें हँसना सिखाया सर, आज आँखें नम हैं पर दिल आभारी है।”

  एक युग का अंत -गोवर्धन असरानी वह अभिनेता थे जिन्होंने ‘कॉमेडी’ को एक कला बनाया। आज जब उनके संवादों की गूँज सिनेमा के गलियारों में सुनाई देगी — तो वह हँसी की गूँज होगी जिसमें छिपा है सिनेमा का सबसे सच्चा भाव: इंसानियत।वो चले गए, पर उनके शब्द अब भी गूंजते हैं —

“हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर हैं”…

और अब शायद ऊपर स्वर्ग में भी कोई हँसी रोक नहीं पा रहा होगा।” ???

सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा — नक्सल आत्मसमर्पण कांग्रेस के ‘विश्वास-विकास-सुरक्षा’ नीतियों का परिणाम; आरोप लगाने के लिए बस्तर की पीड़ा का राजनीतिकरण न करें

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने हालिया नक्सली आत्मसमर्पणों को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस को नक्सलवाद से जोड़कर की जा रही छींटाकशी पर कड़ा हमला बोला है। बघेल ने यह संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करते हुए कहा कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण में कांग्रेस सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति और उनके द्वारा अपनाए गए ‘विश्वास-विकास-सुरक्षा’ सूत्रों की भूमिका निर्णायक रही है।

भूपेश बघेल ने अपने बयान में प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा —

“कितना छोटा दिल है प्रधानमंत्री जी!… ऐसे समय में जब माओवाद कमजोर हो रहा है, तब भी आप कांग्रेस को नक्सलवाद से जोड़कर जो छींटाकशी कर रहे हैं, वह दिखाता है कि आपके लिए देश की आंतरिक सुरक्षा से ज्यादा विपक्ष पर झूठे आरोप लगाने में दिलचस्पी है।”

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र में गृह मंत्री के इस प्रयास में साझेदारी के लिए कांग्रेस ने भी आभार व्यक्त किया है, परन्तु विपक्ष द्वारा छत्तीसगढ़ की जटिल स्थिति को राजनीतिक मुद्दा बनाकर प्रस्तुत करने का विरोध जताया। बघेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता समझती है कि नक्सलवाद से निपटने की सफलता स्थानीय नीतियों और राज्य सरकार की पहल का नतीजा है, न कि किसी एक पक्षीय दावों का।

पूर्व मुख्यमंत्री ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि नक्सलवाद और आतंकवाद की जो सबसे भारी कीमत चुकाई गई, वह कांग्रेस सरकारों ने ही चुकाई है — “हमारे कई वरिष्ठ नेता कथित नक्सल हमले में शहीद हुए” — और जो जांचें होनी चाहिए थीं, उन्हें रूकवाने वाले भी वही रहे जिनके बारे में आज आरोप लगाए जा रहे हैं। बघेल ने कहा कि बस्तर क्षेत्र को जो पीड़ा और दंश झेलना पड़ा, उसकी जिम्मेदारी 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ में रहे भाजपा-शासित दौर की भी है, और यह प्रश्न उठाया कि तब आवश्यक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

बघेल ने आरोप लगाया कि नक्सलवाद को राजनीतिक मुद्दा बनाकर छत्तीसगढ़ और उसके लोगों के साथ “दोहरी राजनीति” न की जाए। उन्होंने दृढ़ शब्दों में कहा —

“बस्तर को खुशहाल बनाने का काम कांग्रेस ने शुरू किया है और आगे भी इसे जारी रखेगी… नक्सल मुक्ति के नाम पर हम आपको बस्तर बेचने नहीं बनने देंगे।”

अपने पोस्ट में भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की जनता और प्रदेश की वास्तविकताओं का उल्लेख करते हुए अपील की कि मुद्दों को संवेदनशीलता और सत्यपरकता के साथ देखा जाए; किसी भी तरह के दावों को राजनीतिक लाभ के साधन के रूप में प्रयोग न किया जाए।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब नक्सली आत्मसमर्पण से जुड़ी सूचनाएँ और उनके राजनीतिक अर्थ दोनों ही मुख्य राजनीतिक बहस के केन्द्र में हैं। बघेल के तीखे शब्दों ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य और केन्द्र के बीच इस मसले पर संवेदीय और राजनीतिक मतभेद अभी भी कायम हैं — और इस बहस का असर आगामी राजनीतिक और प्रशासनिक पहलों पर भी दिखेगा।

राष्ट्रीय मंत्री अरविंद मेनन और छत्तीसगढ़ प्रतिनिधिमंडल के साथ बूथ स्तर तक जीत सुनिश्चित करने की बनी रणनीति

पटना/छपरा / शौर्यपथ /
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का शंखनाद होते ही भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी अभियान में संगठन और समन्वय की शक्ति को एकजुट कर दिया है।
इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री एवं दुर्ग विधायक श्री गजेन्द्र यादव ने बिहार के सारण-छपरा क्षेत्र में पहुंचकर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार की कमान संभाली।

मंत्री यादव ने बिहार में चुनावी अभियान को गति देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री एवं मध्यप्रदेश के पूर्व संगठन महामंत्री अरविंद मेनन की उपस्थिति में आयोजित महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक में भाग लिया।
इस बैठक में प्रत्येक बूथ पर भाजपा की जीत सुनिश्चित करने की रणनीति पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ।

“भाजपा की ताकत कार्यकर्ताओं में है। जब प्रत्येक बूथ सशक्त होगा, तभी बिहार में पुनः डबल इंजन की सरकार बनेगी।”
गजेन्द्र यादव, मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन

बैठक में महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिगरीवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह, तथा सभी विधानसभा प्रभारी, संयोजक और विस्तारक उपस्थित रहे।
सभी ने बिहार में पुनः एनडीए की प्रचंड जीत सुनिश्चित करने का संकल्प लिया।

श्रद्धांजलि और संगठन भावना

प्रचार के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सारण पश्चिम भाजपा जिलाध्यक्ष स्व. बृजमोहन सिंह के निवास पर पहुँचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मंत्री यादव ने कहा —

“भाजपा संगठन को सशक्त बनाने में स्व. बृजमोहन सिंह जी का योगदान अविस्मरणीय रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और परिवार को शक्ति दें।”

बनियापुर और छपरा में जनसंवाद और कार्यकर्ता बैठकें

मंत्री यादव ने बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी श्री केदारनाथ सिंह एवं समर्पित कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात की।
उन्होंने संगठन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि जनता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी नीतियों को पहुँचाना ही विजय की कुंजी है।

छपरा विधानसभा क्षेत्र में मंत्री यादव ने भाजपा प्रत्याशी श्रीमती छोटी कुमारी के समर्थन में कार्यकर्ताओं की बैठक ली और भव्य नामांकन रैली में सम्मिलित हुए।
रैली में जनता से अपील की गई कि वे विकास, विश्वास और सेवा की डबल इंजन सरकार को पुनः अवसर दें।

कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्री सी.एन. गुप्ता सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक उपस्थित रहे।

“बिहार की जनता का उत्साह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि इस बार भी भाजपा की प्रचंड सरकार बनने जा रही है।”
गजेन्द्र यादव

आईएमए दिवाली मिलन समारोह में चिकित्सकों से संवाद

छपरा में आयोजित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) दिवाली मिलन समारोह में मंत्री यादव ने चिकित्सकों से आत्मीय संवाद किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की स्वास्थ्य सेवाओं में आए परिवर्तनकारी सुधारों की जानकारी साझा की और भाजपा प्रत्याशी श्रीमती छोटी कुमारी के पक्ष में समर्थन की अपील की।

छत्तीसगढ़ से बिहार तक एकजुट भाजपा परिवार

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में छत्तीसगढ़ भाजपा की उपस्थिति ने अभियान में नई ऊर्जा भर दी है।
18 अक्टूबर की नामांकन रैली के बाद से छत्तीसगढ़ के विधायक और मंत्री लगातार बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं, जिनमें कैबिनेट मंत्री गजेन्द्र यादव की भूमिका सबसे प्रभावशाली रही है।

“एक राष्ट्र, एक संगठन, एक लक्ष्य — यही भाजपा की ताकत है।”

बिहार की धरती पर अब स्पष्ट दिख रहा है —
“डबल इंजन का इंजन फिर गरजने को तैयार है।”

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