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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
✴️ छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025 में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय हुए शामिल
? आईएसएम धनबाद, सीएमडीसी और कोल इंडिया के बीच एमओयू हस्ताक्षरित — खनिज ऑनलाइन 2.0, डीएमएफ पोर्टल एवं रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ
रायपुर / शौर्यपथ ब्यूरो।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ वैज्ञानिक खनन पद्धतियों, पारदर्शी नीति और तकनीकी नवाचारों के बल पर विकास की नई कहानी लिख रहा है।
उन्होंने शनिवार को नवा रायपुर में आयोजित “छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025” में यह बात कही।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में आईएसएम धनबाद और छत्तीसगढ़ भौमिकी एवं खनन संचालनालय के मध्य क्रिटिकल मिनरल्स के अन्वेषण हेतु एमओयू हस्ताक्षरित हुआ।
इसके साथ ही कोल इंडिया लिमिटेड और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के बीच भी महत्वपूर्ण समझौता हुआ।
मुख्यमंत्री ने खनिज ऑनलाइन 2.0, डीएमएफ पोर्टल तथा रेत खदानों की ऑनलाइन नीलामी हेतु रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर 5 माइनिंग ब्लॉकों की एनआईटी जारी की गई और 9 खदानों को प्रिफर्ड बिडर आदेश सौंपे गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खनिज संपदा का विवेकपूर्ण उपयोग और उद्योगों का संतुलित विकास ही स्थायी प्रगति का मार्ग है।
? खनन क्षेत्र में डिजिटल पारदर्शिता की नई मिसाल
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि डीएमएफ से इस वर्ष 1,673 करोड़ रुपये का अंशदान प्राप्त हुआ, जिससे 9,362 विकास कार्य स्वीकृत किए गए।
वर्ष 2024-25 में 14,195 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व हासिल हुआ है।
उन्होंने कहा —
“यह गर्व का विषय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने लिथियम ब्लॉक की नीलामी की है। अब तक 60 खनिज ब्लॉकों की नीलामी पूरी हो चुकी है और पाँच नई निविदाएँ आज जारी की गई हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) के तहत जिला खनिज न्यास नियम-2025 लागू किए गए हैं।
डीएमएफ पोर्टल 2.0 से निगरानी, लेखा और प्रबंधन में पारदर्शिता आई है, जिसके लिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को सम्मानित किया है।
सतत विकास के लिए आधुनिक तकनीकें और नई रेत नीति
मुख्यमंत्री ने बताया कि रेत नीति-2025 से पारदर्शिता बढ़ी है और शीघ्र ही 200 से अधिक रेत खदानों की ई-नीलामी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि “खनन के हर चरण में पर्यावरण सुरक्षा, पुनर्भरण और जल-संरक्षण की वैज्ञानिक पद्धतियाँ अपनाई जा रही हैं।”
राज्य सरकार ने एमएसटीसी (भारत सरकार का उपक्रम) के साथ एमओयू कर रिवर्स ऑक्शन पोर्टल तैयार कराया है, जिससे रेत खदानों का आबंटन तीव्र और पारदर्शी होगा। इससे प्रधानमंत्री आवास योजनाओं सहित सभी निर्माण परियोजनाओं को रेत की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी और राजस्व में करोड़ों की वृद्धि होगी।
? खनिज ऑनलाइन 2.0 : पारदर्शी प्रबंधन की नई तकनीकी क्रांति
खनिज विभाग द्वारा तैयार खनिज ऑनलाइन 2.0 राज्य के खनन प्रशासन में डिजिटल गवर्नेंस का नया अध्याय है।
यह पोर्टल खनिज आवंटन, उत्पादन, रॉयल्टी, नीलामी और पर्यावरण निगरानी से जुड़े सभी डेटा को एकीकृत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा —
“यह केवल तकनीकी उन्नयन नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और जवाबदेही की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।”
? 43 खदानों को मिले स्टार अवॉर्ड
मुख्यमंत्री श्री साय ने पर्यावरण प्रबंधन और सुरक्षा मानकों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 43 गौण खनिज खदानों को स्टार अवॉर्ड से सम्मानित किया।
इनमें 3 खदानों को 5 स्टार, 32 को 4 स्टार, और 8 खदानों को 3 स्टार रेटिंग दी गई।
मुख्यमंत्री ने खदान संचालकों को प्रशस्ति पत्र देकर बधाई दी और कहा कि “छत्तीसगढ़ वैज्ञानिक और जिम्मेदार खनन का राष्ट्रीय मॉडल बनेगा।”
? राज्य में खनन व उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल
छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री सौरभ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार खनन क्षेत्र में उल्लेखनीय नवाचार कर रही है।
उन्होंने बताया कि अब टिन से निकलने वाले स्लज से दो नए तत्वों का उत्पादन प्रारंभ हुआ है।
साथ ही क्रिटिकल ओअर रिसाइक्लिंग और ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर भी कार्य किया जा रहा है।
मुख्य सचिव श्री विकासशील ने कहा कि नौ वर्ष बाद पुनः माइनिंग कॉन्क्लेव का आयोजन स्वागतयोग्य है।
उन्होंने कहा कि नीति निर्माण में स्टेकहोल्डर्स के सुझावों का समावेश और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सुदृढ़ करना सरकार की प्राथमिकता है।
खनिज सचिव श्री पी. दयानंद एवं संचालक श्री रजत बंसल ने विभागीय गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी दी।
By - नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ। अपनी अनूठी परंपराओं और रस्मों के लिए विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की एक और महत्वपूर्ण रस्म, 'कुटुंब जात्रा', रविवार को स्थानीय महात्मा गांधी स्कूल परिसर के गुड़ी में संपन्न हुई। इस रस्म के तहत पूरे बस्तर संभाग एवं पड़ोसी राज्य ओडिशा व महाराष्ट्र के समीपवर्ती गांव से पर्व में शामिल हुए हजारों देवी-देवताओं के छत्र और डोली को बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर ससम्मान विदा किया। यह रस्म 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा पर्व की समाप्ति की ओर इशारा करती है।
600 साल से अधिक पुरानी परंपरा
बस्तर दशहरा की सबसे खास बात यह है कि केवल इसी पर्व में इतनी बड़ी संख्या में एक-एक गांव के देवी-देवताओं के छत्र और डोली शामिल होते हैं। रियासत काल से चली आ रही यह परंपरा आज भी कायम है, जिसमें राजा-महाराजाओं की तरह राजपरिवार के सदस्य और दशहरा समिति गांव-गांव से आए देवी-देवताओं और उनके पुजारियों को ससम्मान विदा करते हैं।
रूसूम' देकर दी गई विदाई
परंपरानुसार, दशहरा पर्व में शामिल होने आए संभाग के सभी ग्राम के देवी-देवताओं को 'रूसूम' (दक्षिणा/भेंट) भी दी गई। राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव और दशहरा समिति ने देवी-देवताओं के छत्र और डोली लेकर पहुंचे पुजारियों को कपड़े, पैसे और मिठाइयां देकर उनकी ससम्मान विदाई की।
शहर के गंगामुण्डा वार्ड में स्थित देवगुड़ी में श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामना अनुसार देवी देवताओं को भेंट भी अर्पित किया। बस्तर राजपरिवार और दशहरा समिति की अगुवाई में संपन्न हुई इस कुंटुब जात्रा रस्म के साथ ही, 600 साल से अधिक पुरानी बस्तर दशहरा पर्व की परंपराएं विधि विधान से पूरी की गईं। इस दौरान पूरे परिसर में उपस्थित देवी देवता का आपस में मेल मिलाप देखते ही बन रहा था। देवी देवताओं के लाठ, डोली के साथ झुमते सिरहा और विभिन्न क्षेत्रों के आंगादेव का खेल माहौल को आकर्षक एवं अचम्म्भित किया। इस अवसर पर स्थानीय एवं आसपास के गांव से पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी देवी देवताओं का अपने परंपरा के अनुसार पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया। सारा माहौल भक्ति भावना में डूबा नजर आया।
रायपुर / शौर्यपथ।
छत्तीसगढ़ की साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपराओं को नई ऊर्जा देने के उद्देश्य से शनिवार रात्रि राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय युवा कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता शबरी की पावन भूमि को नमन करते हुए किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती सदैव साहित्य, संस्कृति और कला की प्रेरणास्थली रही है। महाकवि कालिदास ने इसी धरती पर मेघदूत जैसे अमर काव्य की रचना की थी। इसी मिट्टी से गजानन माधव मुक्तिबोध और पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जैसे साहित्य-मनीषियों ने अपनी पहचान बनाई।उन्होंने अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र रायगढ़ के संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा कालातीत और लोक-आत्मा से जुड़ी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य युवा आयोग और खेल एवं युवा कल्याण विभाग का यह अभिनव प्रयास प्रदेश के युवा साहित्यकारों, कवियों और कलाकारों को मंच प्रदान करने का उत्कृष्ट माध्यम है। राज्य सरकार युवाओं की रचनात्मकता को प्रोत्साहित कर उन्हें आगे बढ़ने के अवसर दे रही है।
उन्होंने संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं से चयनित तीनों विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे मंचों से युवाओं को देश के ख्यातिलब्ध कवियों से मार्गदर्शन मिलेगा और उनकी सृजनशीलता को नई दिशा मिलेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री एवं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अरुण साव ने कहा कि यह आयोजन केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सीखने और सृजन की प्रेरणा का मंच है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति मानव जीवन के हर अवसर से जुड़ी है — यहाँ जन्म से मृत्यु तक गीत, नृत्य और लोककला का उत्सव मनाया जाता है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “जब खेतों में बुआई का समय आता है, तो पूरे वातावरण में ददरिया की मधुर ध्वनि गूंज उठती है।”
श्री साव ने कहा कि यह प्रदेश संतों, महात्माओं और कवियों की कर्मभूमि रहा है, जहाँ से समाज को सदैव नई दिशा मिली है। उन्होंने युवा कवियों से आग्रह किया कि वे अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में सकारात्मकता और नैतिक चेतना का प्रसार करें।
सम्मेलन में देश के प्रतिष्ठित कवियों — शशिकांत यादव, दिनेश बावरा, नीलोत्पल मृणाल, कविता तिवारी और मनु वैशाली — ने अपनी ओजस्वी एवं भावनात्मक कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट और साहित्यिक ऊर्जा से गूंज उठा।
राज्य स्तरीय युवा कवि प्रतियोगिता में
? निधि तिवारी (बिलासपुर) – प्रथम स्थान
? मीरा मृदु – द्वितीय स्थान
? अलीशा शेख (कोरिया) – तृतीय स्थान प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी विजेताओं को सम्मानित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल, विधायक मोतीलाल साहू, तथा राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर सहित अनेक जनप्रतिनिधि, साहित्यकार, कवि और बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।
सम्मेलन ने यह संदेश दिया कि छत्तीसगढ़ न केवल प्राकृतिक सौंदर्य की भूमि है, बल्कि साहित्य, संस्कृति और रचनात्मकता की भी जीवंत धरती है — जहाँ शब्द भी लोकगीत बन जाते हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / देश के औद्योगिक क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण और समावेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) — कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनी — ने शनिवार को कोरबा स्थित अपने सेंट्रल वर्कशॉप में कोल इंडिया की पहली पूर्णतः महिला संचालित सेंट्रल स्टोर यूनिट का शुभारंभ किया।
भारत सरकार के स्पेशल कैंपेन 5.0 के अंतर्गत प्रारंभ की गई यह अभिनव पहल कोल इंडिया की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है कि वह संचालन और तकनीकी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। यह पहल इस वर्ष की शुरुआत में बिलासपुर स्थित वसंत विहार में कोल इंडिया की पहली महिला संचालित औषधालय (डिस्पेंसरी) की स्थापना के बाद कंपनी के “नारी शक्ति से राष्ट्र शक्ति” के संकल्प को और मजबूत करती है।
नई सेंट्रल स्टोर यूनिट का संचालन पूरी तरह आठ महिला अधिकारियों और कर्मियों की एक टीम द्वारा किया जाएगा, जिसका नेतृत्व सीनियर मैनेजर (इलेक्ट्रिकल एंड मैकेनिकल) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनन विद्यालय), धनबाद की पूर्व छात्रा सुश्री सपना इक्का कर रही हैं। यह टीम स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति और इन्वेंट्री प्रबंधन की सभी प्रक्रियाओं को आधुनिक एसएपी (SAP) आधारित डिजिटल प्रणाली के माध्यम से संचालित करेगी, जिससे कार्य में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
उद्घाटन समारोह की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके पश्चात् एसईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हरीश दुहन ने फीता काटकर यूनिट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर निदेशक (तकनीकी/संचालन) एन. फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (मानव संसाधन) बिरंची दास, निदेशक (तकनीकी/योजना एवं परियोजनाएं) आर. सी. महापात्रा तथा मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु जैन भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट महिला कर्मियों को सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए हरीश दुहन ने कहा कि यह पहल एसईसीएल की समावेशी यात्रा का एक नया अध्याय है। उन्होंने कहा, “बिलासपुर में कोल इंडिया की पहली महिला संचालित औषधालय के सफल संचालन के बाद, हम कोरबा में एक और अग्रणी कदम उठाने पर गर्व महसूस कर रहे हैं। ऐसे प्रयास माननीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी जी की उस दूरदर्शी सोच के अनुरूप हैं, जिसमें वे कोयला क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी और उनके लिए नेतृत्व के अवसर सृजित करने पर बल देते हैं।”
इससे पूर्व, महाप्रबंधक (वर्कशॉप) जी. के. द्विवेदी ने स्वागत भाषण दिया, जबकि स्टाफ अधिकारी (मानव संसाधन) बलराम टंडन ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन एसईसीएल सेंट्रल वर्कशॉप, कोरबा की टीम द्वारा किया गया।
एसईसीएल कोरबा की यह पूर्णतः महिला संचालित सेंट्रल स्टोर यूनिट कोयला और ऊर्जा क्षेत्र में समावेशी विकास का एक प्रेरणादायी उदाहरण बनेगी तथा कोल इंडिया लिमिटेड की अन्य सहायक कंपनियों में भी ऐसी महिला नेतृत्व वाली इकाइयों की स्थापना के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।
जगदलपुर / शौर्यपथ।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह शनिवार को बस्तर दशहरा महोत्सव में शामिल हुए। आगमन से पूर्व उन्होंने माँ दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री डॉ. विजय शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में श्री शाह ने कहा कि 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा विश्व का सबसे बड़ा और अनूठा सांस्कृतिक आयोजन है, जो न केवल बस्तर बल्कि सम्पूर्ण भारत की परंपरा और गौरव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि माँ दंतेश्वरी से उन्होंने यह प्रार्थना की है कि हमारे सुरक्षा बलों को ऐसी शक्ति दें जिससे 31 मार्च 2026 तक बस्तर लाल आतंक से मुक्त हो जाए।
श्री शाह ने कहा कि वर्षों तक दिल्ली में बैठे लोगों ने यह भ्रांति फैलाई कि नक्सलवाद विकास की लड़ाई है, जबकि सच्चाई यह है कि नक्सलवाद ही विकास में सबसे बड़ी बाधा रहा है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की सरेंडर नीति देश की सर्वश्रेष्ठ नीतियों में से एक है — पिछले एक महीने में ही 500 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि जो भी गाँव नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होगा, वहाँ 1 करोड़ रुपए का विशेष विकास अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दस वर्षों में छत्तीसगढ़ को 4 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की है। उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य और लघु उद्योगों में प्रदेश तेजी से प्रगति कर रहा है।
श्री शाह ने कहा कि इस बार के बस्तर ओलंपिक में देशभर के आदिवासी समुदाय हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि बस्तर का पंडुम उत्सव, खान-पान, वेशभूषा, कला और वाद्य यंत्र अब विश्व स्तर पर आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं।
स्वदेशी जागरण मंच के मेले का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वदेशी ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग है। उन्होंने सभी से अपील की कि विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएँ, ताकि भारत विश्व की सर्वोच्च आर्थिक शक्ति बन सके।
श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने हाल ही में 395 वस्तुओं पर जीएसटी में बड़ी राहत दी है, जिससे देशभर की माताओं-बहनों को लाभ हुआ है। साथ ही, बस्तर दशहरा अवसर पर “महतारी वंदन योजना” की 20वीं किस्त के रूप में 70 लाख महिलाओं को 607 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं।
इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का शुभारंभ भी किया गया, जिसके तहत 250 गाँवों को जोड़ा गया है।
अंत में उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आदिवासी समाज के गौरव और विकास के लिए समर्पित है। आदिवासी समाज की बेटी द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना, और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ घोषित करना इसी सम्मान का प्रतीक है।
Raipur / Shouryapath / नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने राज्य के सभी नगरीय निकायों को खुदाई कार्यों की जानकारी सी-बड (CBuD - Call Before u Dig) मोबाइल एप पर अनिवार्यतः अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। विभाग ने नगरीय निकायों में पदस्थ सभी अभियंताओं को निकायों में चल रहे सभी निर्माण कार्यों की खुदाई की जानकारी मोबाइल एप पर शीघ्र अपलोड करना सुनिश्चित करने को कहा है।
नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक श्री आर. एक्का ने निकायों को जारी परिपत्र में कहा है कि केन्द्रीय संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग द्वारा नगरीय निकाय क्षेत्रों में विभिन्न खुदाई कार्यों जैसे पाइपलाइन, केबल, गैस पाइपलाइन आदि कार्यों के लिए विभिन्न एजेंसियों के द्वारा किए जा रहे सड़कों की खुदाई के कार्यों की जानकारी अनिवार्य रूप से सी-बड (Call Before u Dig) मोबाइल एप पर अपलोड कराने के लिए निर्देशित किया गया है। दूरसंचार विभाग ने इसके लिए एप का अधिक से अधिक उपयोग करने को कहा है।
नगरीय प्रशासन विभाग ने परिपत्र में अवगत कराया है कि नगरीय निकायों, क्षेत्रीय कार्यालयों एवं निकाय स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर उनका पंजीयन सी-बड मोबाइल एप पर किया जा चुका है। इसके लिए समय-समय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। विभाग ने नगरीय निकायों में पदस्थ अभियंताओं द्वारा मोबाइल एप पर निकायों में चल रहे विभिन्न कार्यों की खुदाई की जानकारी अपलोड नहीं करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए खुदाई की जानकारी अनिवार्यतः अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश सरकार ने महतारी वंदन योजना की 20वीं किस्त आज जारी कर दी। योजना के तहत पात्र महिलाओं के खातों में डीबीटी के माध्यम से 1-1 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की गई।
नवरात्रि के समापन के शुभ अवसर पर मातृशक्ति को यह वित्तीय सौगात प्रदान करते हुए सरकार ने महिलाओं के सम्मान और आत्मनिर्भरता के अपने वादे को फिर एक बार साकार किया। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी के दर्शन उपरांत योजना की राशि हितग्राहियों के खातों में ट्रांसफर की।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं प्रदेश सरकार का आभार जताते हुए कहा —
“मोदी की गारंटी और विष्णुदेव साय के सुशासन से जनता की गारंटी पूरी हो रही है। महतारी वंदन योजना से लाभान्वित महिलाओं की खुशी ही हमारा संतोष है।”
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने ही महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
जन-धन खाते, उज्ज्वला योजना, महिला नाम से राशन कार्ड और अब महतारी वंदन योजना — ये सब इस बात के प्रमाण हैं कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में सरकार निरंतर काम कर रही है।
मंत्री श्री यादव ने बताया कि धान खरीदी में ₹3100 प्रति क्विंटल का मूल्य देकर किसानों को भी न्याय दिलाया गया है। महिलाओं को हर माह ₹1000 की राशि मिलने से घरेलू जरूरतों की पूर्ति में सहूलियत हो रही है और आर्थिक आत्मनिर्भरता की भावना मजबूत हुई है।
प्रदेश सरकार के अनुसार, बीते वर्ष प्रारंभ हुई महतारी वंदन योजना के तहत अब तक 20 किश्तें जारी की जा चुकी हैं, जिससे प्रदेश की लाखों महिलाएं सीधे लाभान्वित हुई हैं।
सरकार का कहना है कि यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति के सम्मान, स्वाभिमान और सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है।
छत्तीसगढ़ / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के पहाड़ों के पार अब उम्मीदों की राह बन चुकी है। राज्य की पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग (लेफ्ट हैंड साइड) का निर्माण मात्र 12 महीनों में पूरा कर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इंजीनियरिंग और विकास का अद्भुत उदाहरण पेश किया है।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने ट्वीट में इस ऐतिहासिक उपलब्धि को साझा करते हुए कहा कि “यह केवल इंजीनियरिंग की नहीं, बल्कि जन-जीवन को जोड़ने वाली उम्मीदों की राह है।” उन्होंने आगे कहा कि यह “समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़” के विज़न को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।2.79 किलोमीटर लंबी यह सुरंग रायपुर–विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे (NH-130CD) का हिस्सा है, जिससे छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच संपर्क, व्यापार और रोज़गार के अवसरों में बड़ी वृद्धि होगी।मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एवं NHAI टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह परियोजना आने वाले समय में पूरे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभाएगी।
प्रदेश की प्रगति की रीढ़ है सड़क अधोसंरचना, 2.79 किमी लंबी सुरंग बनेगी विकास की नई राह – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
RAIPUR / SHOURYAPATH / छत्तीसगढ़ ने आज बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने सिर्फ 12 महीनों में राज्य की पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग (लेफ्ट हैंड साइड) का निर्माण कर लिया है। यह ब्रेकथ्रू इंजीनियरिंग की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ आमजन के जीवन और राज्य के आर्थिक विकास को नई दिशा देने वाला है।
2.79 किलोमीटर लंबी यह टनल रायपुर–विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे (NH-130CD) का हिस्सा है, जिसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अभनपुर परियोजना कार्यान्वयन इकाई द्वारा निर्मित किया जा रहा है। यह ट्विन ट्यूब टनल जब पूरी तरह तैयार होगी, तो रायपुर से विशाखापट्टनम तक यात्रा का समय काफी कम होगा, व्यापार एवं उद्योग को गति मिलेगी और छत्तीसगढ़, ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश के बीच संपर्क और मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह टनल समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क एवं परिवहन अधोसंरचना का विकास प्रदेश की प्रगति की रीढ़ है। इस टनल से छत्तीसगढ़ में पर्यटन और सामाजिक–आर्थिक जुड़ाव के नए अवसर भी खुलेंगे।
उन्होंने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीम को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत विजन के अनुरूप यह परियोजना आने वाली पीढ़ियों के लिए भी विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / सिंगापुर में गर्मी की छुट्टियां मनाने गए दो भारतीय युवकों को वहां के कड़े कानून का सामना करना पड़ा है। सिंगापुर की एक अदालत ने 23 वर्षीय अरोकियासामी डाइसॉन और 27 वर्षीय राजेंद्रन को दो सेक्स वर्कर्स के साथ मारपीट और लूटपाट के मामले में 5 साल 1 महीने की सख्त कैद और 12 कोड़े मारने की सजा सुनाई है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, दोनों युवक 24 अप्रैल 2025 को सिंगापुर पहुंचे थे। वहां एक अज्ञात व्यक्ति के जरिए उनकी मुलाकात दो अलग-अलग सेक्स वर्कर्स से हुई। दोनों ने पहले होटल में एक महिला से मिलकर उसके हाथ-पैर बांध दिए, उसके साथ मारपीट की और कैश, गहने, पासपोर्ट तथा बैंक कार्ड लूट लिए। इसी रात इन्होंने दूसरे होटल में एक अन्य महिला को भी निशाना बनाया, उससे भी कैश, मोबाइल फोन और पासपोर्ट छीन लिए, और जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस कार्रवाई व अदालती सजा -
घटना के अगले ही दिन दोनों पीड़िताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्यवाही करते हुए दोनों भारतीय युवकों को गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया और वित्तीय तंगी का हवाला देकर सजा कम करने की अपील की, जिसे अदालत ने सिरे से खारिज कर दिया।
अदालत की टिप्पणी और सिंगापुर का कानून
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह अपराध केवल लूटपाट नहीं, बल्कि गंभीर हिंसा की श्रेणी में आता है। इस मामले में दी गई सजा सिंगापुर में अपराध के प्रति लागू 'जीरो टॉलरेंस' नीति और वहां के सख्त कानूनों का प्रमाण है। ऐसे मामलों में सिंगापुर सरकार अपराधियों के लिए किसी भी प्रकार की राहत नहीं देती है, जिससे देश को सुरक्षित रखा जा सके।
JAGDALPUR / SHOURYAPATH / केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज जगदलपुर के लालबाग मैदान में बस्तर दशहरा पर्व से जुड़े मांझी-चालकी, मेम्बर एवं मेम्बरीन के सम्मान में आयोजित अभिनंदन भोज में शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने अभिनंदन भोज में परोसे गए आदिवासी समाज के पारम्परिक व्यंजनों की सराहना करते हुए कहा कि ये पारम्परिक व्यंजन बस्तर की संस्कृति, परंपरा और आदिवासी जीवन मूल्यों का अनूठा स्वाद प्रस्तुत करते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर की आदिवासी परंपरा में मांझी-चालकी, मेंबर और मेंबरीन के साथ अभिनंदन भोज केवल एक सत्कार नहीं है, बल्कि यह भाईचारे, सामुदायिक मेल-जोल और सांस्कृतिक समरसता का जीवंत प्रतीक है। यह अवसर न केवल बस्तर की समृद्ध और जीवंत आदिवासी संस्कृति का उत्सव है, बल्कि हमारी सामाजिक एकता और स्थानीय परंपराओं के प्रति सम्मान की भी अभिव्यक्ति है।
अभिनंदन भोज में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, सांसद श्री महेश कश्यप एवं श्री भोजराज नाग, विधायक सर्वश्री किरण सिंह देव, विनायक गोयल, चैतराम अटामी, नीलकंठ टेकाम, आशाराम नेताम तथा सुश्री लता उसेंडी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त करने किया सहयोग का आह्वान
JAGDALPUR / SHOURYAPATH / केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर जगदलपुर के सिरहासार भवन में आयोजित मुरिया दरबार में शामिल हुए। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के चित्र पर दीप प्रज्वलित करने के पश्चात केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मांझी-चालकी से सीधा संवाद करते हुए बस्तर से माओवाद को समाप्त करने में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि माओवाद से जुड़कर हथियार उठा चुके बच्चों को समझाएं कि वे मुख्यधारा में लौटें और शासन की योजनाओं का लाभ लें।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बस्तर के विकास और नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मांझी-चालकी से संवाद करते हुए कहा कि मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बस्तर के युवा डॉक्टर, इंजीनियर, डिप्टी कलेक्टर और कलेक्टर बनकर पूरे छत्तीसगढ़ की सेवा करें। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि युवा नक्सलवाद से न जुड़ें और जो जुड़ चुके हैं, वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें। जहां-जहां नक्सलवाद समाप्त हुआ है, वहां छत्तीसगढ़ सरकार तेजी से विकास कार्य कर रही है और लोगों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुरिया दरबार में मांझी-चालकी को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार बस्तर दशहरा पर्व को और भव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। बस्तर दशहरा के लिए दी जाने वाली राशि 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जा रही है। साथ ही बस्तर दशहरा पर्व के परंपरागत स्थलों जिया डेरा, माडिया सराय इत्यादि के विकास और निर्माण कार्य भी सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और अन्य अतिथियों का बस्तर दशहरा समिति के परंपरागत सदस्य मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरिन और नाईक-पाईक ने पारंपरिक पगड़ी एवं माला पहनाकर आत्मीय स्वागत किया।
मुरिया दरबार को उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष श्री महेश कश्यप ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम, पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद कांकेर श्री भोजराज नाग, विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, विधायक कोण्डागांव सुश्री लता उसेण्डी, विधायक चित्रकोट श्री विनायक गोयल, विधायक दंतेवाड़ा श्री चैतराम अटामी, विधायक केशकाल श्री नीलकंठ टेकाम, विधायक कांकेर श्री आशाराम नेताम, बस्तर राजपरिवार के सदस्य श्री कमलचंद्र भंजदेव, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष श्री बलराम मांझी सहित बस्तर दशहरा समिति के पारंपरिक सदस्य मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरिन और नाईक-पाईक उपस्थित थे।
