October 24, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

बिलासपुर / शौर्यपथ /
दिव्यांग सोनी की ख़ास रिपोर्ट

    उच्च शिक्षा के लिए संभाग का सबसे बड़ा शैक्षणिक संस्थान सी.एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर में छात्रों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज़ाद पैनल छात्रसंघ के नेतृत्व में छात्रों ने कॉलेज प्रांगण में धरना प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य का पुतला दहन किया और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की।
छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने प्रवेश के समय आकर्षक विज्ञापनों के माध्यम से छात्रों को झूठे वादों और प्रलोभनों के आधार पर एडमिशन दिलाया, लेकिन प्रवेश के बाद न तो सुविधाएँ दीं, न ही शैक्षणिक माहौल में सुधार किया गया।
 *स्वच्छता की हालत बद से बदतर*
आज़ाद पैनल ने यह भी आरोप लगाया कि कॉलेज परिसर में स्वच्छता की स्थिति बेहद खराब है। महाविद्यालय भवन के अंदर ही केवल कुछ डस्टबिन लगाए गए हैं, जबकि कॉलेज प्रांगण, गलियारों और अन्य आधिकारिक क्षेत्रों में कचरे के ढेर लगे रहते हैं।
छात्रों ने तंज कसते हुए कहा कि —
“जब कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना टीम का मूल उद्देश्य ही स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी है, तब ऐसे हालात शर्मनाक हैं। एन एस एस के दस्य स्वच्छता जागरूकता की जगह फोटोशूट तक सीमित हैं।”
 *नकल प्रकरण में नियमों की खुली धज्जियाँ*
छात्रों ने बताया कि हाल ही में हुई परीक्षा में बीकॉमअंतिम वर्ष के कुछ छात्रों द्वारा मोबाइल फ़ोन का उपयोग कर अपने परिचितों को उत्तर साझा किए गए। यह परीक्षा नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, क्योंकि परीक्षा कक्ष में मोबाइल फ़ोन ले जाना पूर्णतः वर्जित है।
इसके बावजूद कुछ शिक्षकों ने इस गंभीर उल्लंघन को नज़रअंदाज़ कर दिया, जिससे नकल प्रकरण को बढ़ावा मिला।
 *छात्रसंघ की चेतावनी: अब आर-पार की लड़ाई*
धरने में उपस्थित आज़ाद पैनल के प्रमुख छात्र नेताओंने कॉलेज प्रशासन को चेतावनी दी कि—
“यदि 7 दिनों के भीतर छात्रों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को राज्य स्तर तक विस्तारित किया जाएगा। हम शांत हैं, पर कमजोर नहीं।”
 *आज़ाद पैनल की प्रमुख मांगे:*
कॉलेज प्रांगण एवं सभी विभागों में स्वच्छता सुनिश्चित कर पर्याप्त डस्टबिन लगाए जाएँ।
नकल प्रकरण में दोषी छात्रों व शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई हो।
छात्रों से दुर्व्यवहार करने वाले कर्मचारियों से सार्वजनिक क्षमायाचना करवाई जाए।
प्रवेश विज्ञापनों में किए गए झूठे वादों की जांच की जाए और पारदर्शी छात्र समिति गठित की जाए।
अंत में आज़ाद पैनल ने कहा —
“यह आंदोलन केवल कॉलेज के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा की सच्चाई और छात्र सम्मान की लड़ाई है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक धरना, प्रदर्शन और विरोध जारी रहेगा।”

 कोंडागांव। शौर्यपथ।

    जिले के मछली विकासखंड बडेराजपुर (विश्रामपुरी ) जिला कोंडागांव में संयुक्त संचालक (मगर चौक बस्तर संभाग) द्वारा शिक्षकों के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार को लेकर शिक्षक साझा मंच ने गंभीर आपत्ति जताई है। मंगलवार को मंच ने क्षेत्रीय विधायक नीलकंठ टेकाम को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि दिनांक 7 अक्टूबर को अधिकारी राकेश पांडे द्वारा एक शिक्षक को सिर्फ जीन्स पहनने के आधार पर कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया।

    ज्ञापन में कहा गया कि यह व्यवहार न केवल अपमानजनक है बल्कि शिक्षकों के आत्मसम्मान पर सीधा आघात करता है।शिक्षक प्रतिनिधियों ने ज्ञापन में दर्शाया कि विभाग के अन्य कर्मचारी भी कार्यालय में जीन्स पहनकर आते हैं, लेकिन एक विशेष शिक्षक को लक्षित कर अनुचित व्यवहार किया गया, जिससे शिक्षकों का मनोबल गिरा है। साथ ही आरोप लगाया गया कि ऐसी घटनाएं निजी द्वेष और अहंकार को दर्शाती हैं।

   शिक्षक मंच एवं सर्व शिक्षा संघ ने चेतावनी दी है कि यदि इस अमानवीय कृत्य पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी।ज्ञापन में यह भी उल्लेख है कि शिक्षकों का ड्रेस कोड लागू करते समय समानता और व्यवहार में पारदर्शिता रखना आवश्यक है। पीड़ित शिक्षक के साथ अन्याय को लेकर वायरल हुई तस्वीरें मुद्दे को और अधिक संवेदनशील बना रही हैं, जिससे विभागीय नियमों की निष्पक्षता सवालों के घेरे में है।

   शिक्षक मंच ने प्रदेश के नवनियुक्त शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव से अनुरोध किया है कि वे इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेकर आरोपित अधिकारी पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

   इस मामले से जुड़े सभी शिक्षक प्रतिनिधियों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर अपने समर्थन की घोषणा की है।मुख्य बिंदु:जीन्स पहनने पर कार्यालय से बाहर निकालने की घटना।अधिकारी का शिक्षकों से अमानवीय व्यवहार।ज्ञापन में ड्रेस कोड को लेकर भेदभाव की शिकायत।शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव से ठोस कार्रवाई की मांग।

कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी

यह घटनाक्रम जिले के शिक्षा विभाग में कर्मचारियों के अधिकार और सम्मान का बड़ा सवाल बनकर उभरा है, जिस पर अब प्रदेश सरकार और शिक्षा मंत्री की त्वरित प्रतिक्रिया और कार्रवाई की प्रतीक्षा है।

0 अशोक पांडे, शशांक तिवारी संभाग स्तरीय अधिमान्यता समिति में चयन पर बधाई, पत्रकारों में उत्साह

राजनांदगांव। शौर्यपथ/आज जारी प्रदेश के पत्रकारों की अधिमान्यता समिति में संस्कारधानी के सूरज बुद्धदेव संपादक, दैनिक दावा को राज्य स्तरीय अधिमान्यता सूची में एवं अशोक पांडे (नांदगांव टाइम्स), शंशाक तिवारी (सबेरा संकेत) को संभाग स्तरीय अधिमान्यता समिति में शामिल किए जाने पर प्रेस जगत राजनांदगांव की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां प्रेषित की गई। पत्रकार साथियों एवं नागरिकों ने कहा कि यह उपलब्धि जिले के पत्रकार समुदाय के लिए गौरव का विषय है। सूरज बुद्धदेव की निष्पक्ष, जनसरोकार आधारित पत्रकारिता ने सदैव समाज में सकारात्मक संदेश दिया है। सच्ची पत्रकारिता वही है जो समाज के हित में निडरता से सत्य को सामने लाए।

0 छत्तीसगढ़ की रजत जयंती एवं एनएमसी के तत्वावधान में हुआ कार्यक्रम, 127 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

राजनांदगांव। शौर्यपथ/ स्व. अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति मेडिकल कॉलेज, राजनांदगांव में मंगलवार 14 अक्टूबर 2025 को छत्तीसगढ़ की रजत जयंती वर्ष एवं राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के तत्वावधान में रेबीज विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनमानस एवं चिकित्सा समुदाय में रेबीज जैसी घातक बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कॉलेज के डीन डॉ. पी.एम. लूका थे। आयोजन का संचालन चिकित्सा विभाग द्वारा किया गया, जिसके विभागाध्यक्ष डॉ. एन.के. तिर्की थे।संगोष्ठी में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रकाश खुंटे, डॉ. धीरज भवाननी, डॉ. धनंजय ठाकुर एवं डॉ. आशीष दुलानी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर अतिथि वक्ता के रूप में एम्स की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. सबा सिद्दीकी और छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध फिल्म कलाकार एवं पूर्व आईएमए अध्यक्ष डॉ. अजय सहाय ने रेबीज के नियंत्रण, निदान एवं रोकथाम पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि रेबीज एक ऐसी वायरल बीमारी है जो संक्रमित जानवर के काटने, खरोंचने या लार के संपर्क से फैलती है और लक्षण प्रकट होने के बाद लगभग 100% घातक होती है। इसलिए समय पर टीकाकरण और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।

कार्यक्रम में स्टाफ नर्स, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, इंटर्न और एमबीबीएस छात्रों सहित कुल 127 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। संगोष्ठी में बताया गया कि विश्वभर में हर वर्ष लगभग 59,000 मौतें रेबीज से होती हैं, जिनमें से अधिकांश एशिया और अफ्रीका में होती हैं। भारत में यह संख्या 18,000 से 20,000 के बीच है, जिसमें 30 से 60 प्रतिशत मामले बच्चों में पाए जाते हैं। भारत में 97 प्रतिशत मानव रेबीज संक्रमण संक्रमित कुत्तों के काटने से होते हैं।

विशेषज्ञों ने बताया कि रेबीज के प्रारंभिक लक्षण बुखार, घाव वाली जगह पर झुनझुनी और दर्द के रूप में प्रकट होते हैं। इसके बाद रोग दो रूपों में दिखाई देता है — उग्र (फ्यूरियस) रेबीज और लकवाग्रस्त (पैरालिटिक) रेबीज। डॉ. सिद्दीकी ने कहा कि लक्षण दिखने के बाद रोग का कोई इलाज नहीं है, इसलिए घाव की त्वरित देखभाल, साबुन और पानी से धोना तथा तुरंत वैक्सीनेशन (पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफीलैक्सिस) ही जीवन रक्षक उपाय हैं। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि रेबीज उन्मूलन का सबसे प्रभावी तरीका कुत्तों का सामूहिक टीकाकरण है। भारत सरकार द्वारा पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम 2023 के तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सीनेशन (ABC-ARV) कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। पालतू कुत्तों के लिए रेबीज टीकाकरण को अनिवार्य बताया गया।

विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण करवाएँ, ताकि परिवार और समाज दोनों सुरक्षित रहें।

हर घर पहुंचा शुद्ध जल, 1495 लोगों ने पाया पानी का सुख

 

By - नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर जिले के जगदलपुर ब्लॉक का बुरुंदवाड़ा सेमरा गांव जल जीवन मिशन की बदौलत अब हर घर जल वाला गांव घोषित हो गया है। इस गांव के 1495 निवासियों को अब नल के माध्यम से घर बैठे शुद्ध पेयजल मिल रहा है।

 

समस्या से मुक्ति, जीवन में खुशी

        बुरुंदवाड़ा सेमरा में पहले लोगों को पानी के लिए बोरिंग पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे पानी लाने में बहुत समय और मेहनत बर्बाद होती थी। गांव की सरपंच श्रीमती बुधरी बघेल और सचिव श्रीमती राधा नाग ने बताया कि पानी की जद्दोजहद के कारण लोग अक्सर थके रहते थे और बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते थे। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव के सभी 209 घरों में नल कनेक्शन दिए गए हैं। इसके लिए गांव में 50 किलोलीटर क्षमता की टंकी और पाइपलाइन बिछाई गई। पानी पहुंचते ही गांव वालों की खुशी दुगुनी हुई है।

 

बढ़े स्वास्थ्य और शिक्षा

      पानी की समस्या दूर होने से लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है, और सबसे बड़ी बात यह है कि अब स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। अब महिलाओं का समय पानी लाने में बर्बाद नहीं होता, जिससे वे अपने और बच्चों पर अधिक ध्यान दे पा रही हैं। साथ ही घर-परिवार के कार्य सहित खेती-किसानी के कार्य को भी आसानी के साथ कर रही हैं।

 

पानी का सही उपयोग

      सरपंच और सचिव ने मिलकर गांव में जागरूकता फैलाई है। वे लोगों को समझा रहे हैं कि पानी का उपयोग उतनी ही मात्रा में करें जितनी जरूरत है, ताकि जलस्रोत का स्तर बना रहे। साथ ही भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए हर घर और सार्वजनिक स्थानों पर सोख्ता गड्ढा (भूजल रिचार्ज पिट) बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जल बढ़ेगा स्तर, तब बढ़ेगा जीवन स्तर के संकल्प के साथ बुरुंदवाड़ा सेमरा गांव एक मिसाल बन गया है कि सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन से कैसे एक समुदाय की तकदीर बदल सकती है।

? देश का स्वर्ण भंडार रिकॉर्ड स्तर पर — लेकिन सरकारी कर्ज भी GDP के 60% तक पहुंचा

रिपोर्ट: शौर्यपथ डिजिटल /संपादक: शरद पंसारी

?? 10 वर्षों में अर्थव्यवस्था बढ़ी, पर कर्ज भी तीन गुना हुआ

भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले एक दशक में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है, लेकिन इस विकास की रफ्तार के साथ-साथ कर्ज का पहाड़ भी खड़ा हो गया है।
वित्त मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं —

मार्च 2014: केंद्र सरकार का बकाया कर्ज ₹55.87 लाख करोड़

मार्च 2024: यह बढ़कर ₹171.78 लाख करोड़ हो गया

मार्च 2025 (अनुमान): केंद्र और राज्यों का संयुक्त कर्ज ₹181.68 लाख करोड़

राज्यों का कर्ज भी तेजी से बढ़ा है — 2013-14 से 2022-23 के बीच यह 3.39 गुना बढ़कर ₹59.60 लाख करोड़ तक पहुंच गया।

? क्यों बढ़ा इतना कर्ज?

अर्थशास्त्रियों के अनुसार इस वृद्धि के तीन प्रमुख कारण हैं —

1️⃣ विकास परियोजनाओं का वित्तपोषण:
सरकार ने अवसंरचना, रक्षा और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर उधारी की।

2️⃣ राजकोषीय घाटे की भरपाई:
खर्च और आय के अंतर को पाटने के लिए लगातार कर्ज लिया गया।

3️⃣ कोविड-19 का असर:
महामारी से निपटने के लिए राहत पैकेज, स्वास्थ्य ढांचे और टीकाकरण में भारी उधारी की आवश्यकता हुई।

? भारत का स्वर्ण भंडार: दुनिया में आठवां स्थान

भारत न केवल सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, बल्कि उसका सरकारी और निजी स्वर्ण भंडार अब अभूतपूर्व स्तर पर है।

श्रेणी    सोने का भंडार (टन में)    अनुमानित मूल्य (₹ में)
भारतीय रिजर्व बैंक (मई 2025)    880 टन    ₹4.32 लाख करोड़
भारतीय परिवार (मॉर्गन स्टेनली रिपोर्ट)    34,600 टन    ₹317 लाख करोड़
कुल मिलाकर (RBI + निजी)    लगभग 35,480 टन    ₹321 लाख करोड़ से अधिक

? “भारत के पास अब दुनिया का आठवां सबसे बड़ा आधिकारिक स्वर्ण भंडार है — और पिछले 10 वर्षों में इसमें लगभग 300 टन की बढ़ोतरी हुई है।”

? विश्व स्वर्ण भंडार में भारत की स्थिति
रैंक    देश    सोने का भंडार (टन)
1️⃣    अमेरिका    8133.46
2️⃣    जर्मनी    3351.53
3️⃣    इटली    2451.84
4️⃣    फ्रांस    2436.97
5️⃣    रूस    2335.85
6️⃣    चीन    2264.32
7️⃣    जापान    845.97
**8️⃣    भारत    876.18**

? GDP और कर्ज का अनुपात: सतर्क संकेत

भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 2024-25 में लगभग ₹300 लाख करोड़ आंका गया है।
वर्तमान में केंद्र और राज्यों का संयुक्त कर्ज GDP के लगभग 60% तक पहुंच चुका है।

?️ “यह अनुपात अभी नियंत्रण में है, लेकिन अगर विकास दर 7% से नीचे गई तो कर्ज की सेवा लागत सरकार के राजकोष पर भारी दबाव डाल सकती है।” — आर्थिक विश्लेषक

⚖️ “सोना बढ़ा, पर कर्ज भी बढ़ा — दो विपरीत सच”

सोशल मीडिया पर भारत के स्वर्ण भंडार में हुई बढ़ोतरी को राष्ट्र की ‘आर्थिक ताकत’ बताया जा रहा है,
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कर्ज का समानांतर बढ़ना चिंता का संकेत है।

? “सोने की चमक तभी स्थायी है, जब वित्तीय अनुशासन समान गति से बढ़े।”

? निष्कर्ष

भारत आज विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में है।
सोने की बढ़ती चमक और कर्ज का बढ़ता साया — दोनों भारत की आर्थिक यात्रा की सच्ची तस्वीर हैं।
एक ओर यह आत्मनिर्भरता और पूंजी संचय का प्रतीक है,
तो दूसरी ओर यह याद दिलाता है कि विकास को टिकाऊ बनाने के लिए वित्तीय संतुलन आवश्यक है।

✒️ “निष्पक्ष पत्रकारिता के दीप से जनविश्वास का आलोक”

— शरद पंसारी
(संपादक, शौर्यपथ दैनिक समाचार एवं www.shouryapathnews.in

By - नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौयपथ। हमने पूर्व में राजमहल परिसर में लगे मीना बाजार की सुरक्षा नियमों की अनदेखी और अव्यवस्थाओं पर समाचार प्रकाशित किया था, लेकिन विभाग के जिम्मेदारों ने आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। शहर के मीना बाजार में सुरक्षा नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। "शौर्यपथ" ने बिना सेफ्टी बेल्ट, बिना जूते-हेलमेट के मजदूरों से ऊँचाई पर झूले लगवाए, झूले की अनुमति व फिटनेस जाँच , कटे तार ,मौत के कुएँ में 30 साल से अधिक पुरानी गाड़ियाँ बिना फिटनेस जाँच के चलवाई गईं। प्रवेश टिकट दरों पर न तो जीएसटी का उल्लेख है, न ही कोई अधिकृत दर सूची प्रदर्शित की गई और महिलाओं के लिए शौचालय की कोई सुसज्जित व्यवस्था भी नहीं की गई।

हम लगातार जिम्मेदारों को समाचार के माध्यम से अवगत कराते रहे, फिर भी कार्रवाई नहीं हुई। विभागीय आदेशों में स्पष्ट लिखा है कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में संचालक जिम्मेदार होगा, फिर भी झूला संचालकों ने खुलेआम पोस्टर चिपकाकर लिखा — “दुर्घटना होने पर कंपनी जिम्मेदार नहीं।” यह सीधे-सीधे विभागीय आदेशों की अवहेलना है और जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़।

 

अब नया मोड़:

समाचार प्रकाशित होने के बाद RTO विभाग ने जांच के नाम पर महज़ खानापूर्ति की। जांच का उद्देश्य यह होना चाहिए था कि मौत के कुएँ के संचालन की अनुमति दी गई है या नहीं, और यदि दी गई है, तो किस नियम के तहत। लेकिन विभाग ने उस मुख्य सवाल से बचते हुए सिर्फ इतना बताया कि सभी गाड़ियों के दस्तावेज वैध हैं। प्रश्न यह उठता है कि क्या वैध दस्तावेज ही मौत के कुएँ में दौड़ने की अनुमति दे देते हैं? क्या विभाग ने यह परखा कि ये गाड़ियाँ तकनीकी रूप से ऐसे खतरनाक खेल के लिए फिट हैं या नहीं? क्या वाहन चालकों के द्वारा सुरक्षा नियमों का पालन किया जा रहा है यां नहीं? और तो और, जिस अधिकारी को जिले के बड़े अधिकारी ने इसकी जाँच के लिए कहा था , उनके बारे में चर्चा है कि उन्हें मीना बाजार की व्यवस्था से ज़्यादा वहाँ के जीने और खाने की चिंता रहती है। ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद करना जनता के साथ मज़ाक है।

 

बाबा साहेब ने कहा था — “संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसे चलाने वाले बुरे हैं तो वह बुरा साबित होगा।” आज यही सच मैदान में दिख रहा है। कानून है, आदेश हैं, लेकिन उन्हें लागू करने वाले जिम्मेदारों की नीयत सो चुकी है। अब सवाल यह नहीं कि नियम क्या हैं, बल्कि यह है कि नियमों को तोड़ने वाले और आँख बंद करने वाले कौन हैं?

 

जनता के जीवन से खेलने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं —

यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि प्रशासनिक बेईमानी और संवेदनहीनता की चरम सीमा है।

 

अब सवाल सीधा है —

क्या विभाग जनता की सुरक्षा करेगा, या मीना बाजार की मौज में डूबे अधिकारी?

जगदलपुर, शौर्यपथ। नगरपालिक निगम जगदलपुर ने दीपावली पर्व के दौरान शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। हर साल की तरह इस बार भी दीपावली के अवसर पर शहर में लाई, बताशा, दिया, फल-फूल और पूजा सामग्री बेचने वाले चिल्हर विक्रेताओं की भीड़ सड़कों पर देखने को मिलती थी, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती थी और लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था।

इस समस्या को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने इस वर्ष सभी चिल्हर विक्रेताओं के लिए “हाता ग्राउंड” को निर्धारित विक्रय स्थल के रूप में चयनित किया है। निगम आयुक्त ने सभी विक्रेताओं से अपील की है कि वे दीपावली पर्व से संबंधित सामग्री का विक्रय हाता ग्राउंड में ही करें।

नगर निगम का कहना है कि इस निर्णय से एक ओर जहां शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त रहेगी, वहीं दूसरी ओर विक्रेताओं को भी एक व्यवस्थित स्थान पर अपने सामान की बिक्री का अवसर मिलेगा। निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि मुख्य सड़कों, चौक-चौराहों या बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण कर बिक्री करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

निगम प्रशासन ने आम नागरिकों से भी सहयोग की अपील की है ताकि शहर में दीपावली का पर्व शांति, सौहार्द और स्वच्छ वातावरण में मनाया जा सके।

बिहार विधानसभा चुनाव के नामांकन रैली में सीएम विष्णु देव साय जी के साथ शामिल होंगे डिप्टी सीएम अरुण साव जी, कार्यकर्ताओं में करेंगे ऊर्जा का संचार

रायपुर / शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज नवा रायपुर स्थित निवास कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश में धान खरीदी अत्यंत व्यापक और जिम्मेदारीपूर्ण कार्य है। इस साल लगभग 25 लाख किसानों से 2739 से अधिक केंद्रों में धान खरीदी होगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के हित में खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी, समयबद्ध और सरल बनाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
 श्री साव ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी ने सभी कलेक्टर्स और खाद्य विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि केंद्रों में सभी व्यवस्थाएं सुचारू रहें, किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, खरीदी में किसी भी तरह की अनियमितता या गड़बड़ी न हो। इसके लिए तैयारी की जा रही है ताकि खरीदी का कार्य सहजता से संपन्न हो सके।
 उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार और राजनीतिक हैं। गंभीर आरोपों की जांच केंद्रीय और राज्य स्तरीय एजेंसियों द्वारा की जा रही है, और जांच की प्रक्रिया में आगे की कार्रवाई जारी है। इसलिए विपक्ष को जांच प्रक्रिया पर विश्वास रखना चाहिए। वहीं श्री साव ने कहा कि,बड़े घोटाले में संलिप्तता उजागर होने से कांग्रेसियों में तिलमिलाहट हज, इसलिए जांच एजेंसियों पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
 श्री साव ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत सुनिश्चित है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी और वे स्वयं नामांकन रैली में शामिल होकर बिहार के कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करेंगे।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सामाजिक बदलाव की नई कहानी, दंतेवाड़ा के जितेंद्र वेक ने शीर्ष 90 घुड़सवारों में बनाया स्थान
रायपुर की वेदिका शरण ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 15वां स्थान हासिल किया
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने की युवा घुड़सवारों की सराहना, उज्ज्वल भविष्य की दी शुभकामनाएं

रायपुर/दंतेवाड़ा / शौर्यपथ /
  छत्तीसगढ़ के युवा खिलाड़ियों में असीम संभावनाएं हैं। यहां के खिलाड़ी न केवल राज्य बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। रायपुर के ब्रेगो और हेक्टर इक्वेस्ट्रियन क्लब का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश के युवा घुड़सवार जितेंद्र वेक और वेदिका शरण ने प्रतिष्ठित FEI चिल्ड्रन्स क्लासिक्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर शीर्ष वैश्विक रैंकिंग हासिल की है। यह सफलता केवल खेल की उपलब्धि नहीं है, बल्कि नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा से उभरती आशा और सकारात्मक परिवर्तन की कहानी है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने युवा घुड़सवारों की सराहना करते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
खेल के माध्यम से सामाजिक उत्थान का उदाहरण
  रायपुर की वेदिका शरण ने राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक जीता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 15वां स्थान प्राप्त किया, वहीं दंतेवाड़ा के एजुकेशन सिटी के छात्र जितेंद्र वेक ने विश्व के शीर्ष 90 घुड़सवारों में स्थान बनाकर प्रदेश का नाम रोशन किया। ये उपलब्धियां उस क्षेत्र से आई हैं, जहां बच्चों को उग्रवाद के खतरे के बीच अपने भविष्य की राह बनानी पड़ती है। दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने ब्रेगो और हेक्टर इक्वेस्ट्रियन मैनेजमेंट कंपनी के सहयोग से वंचित और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के लिए घुड़सवारी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जो न केवल खेल का अवसर देता है बल्कि जीवन में अनुशासन, आत्मविश्वास और दिशा भी प्रदान करता है।
  वैचारिक उग्रवाद से जूझ रहे क्षेत्रों में खेल एक मजबूत सामाजिक ढाल बनकर उभरा है। घुड़सवारी जैसे खेल युवाओं में शारीरिक और मानसिक संतुलन, नेतृत्व क्षमता और टीमवर्क विकसित करते हैं। यह पहल युवाओं को विनाशकारी रास्तों से हटाकर एक सम्मानजनक, अनुशासित और उद्देश्यपूर्ण जीवन की ओर प्रेरित कर रही है।
  FEI चिल्ड्रन्स क्लासिक्स में विश्वभर के 10,000 से अधिक घुड़सवारों के बीच दंतेवाड़ा के इन युवा खिलाड़ी की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही मार्गदर्शन, अवसर और विश्वास मिलने पर सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी सफलता की कहानी लिखी जा सकती है। यह उपलब्धि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है और संघर्षरत क्षेत्रों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करती है।

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