November 22, 2024
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 टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /मधुमक्खी का शहद जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही दर्द भरा होता है इसका डंक. अगर मधुमक्खी काट ले तो उस जगह पर जलन और सूजन बढ़ जाती है. कई बार तो बुखार भी आ जाता है और दर्द भी शुरू होने लगता है.  दरअसल,  मधुमक्खी के डंक में जहर होता है, जो शरीर में इंफेक्शन  का कारण बनता है. इसलिए, मधुमक्खी का डंक निकालने में सावधानी बरतनी चाहिए.
कैसे निकालें मधुमक्खी का डंक -
कई बार लोगों को जानकारी न होने के कारण डंक निकालने के लिए नुकीली चीजों का इस्तेमाल कर लेते हैं,  जिससे जहर फैल सकता है.  जबकि मधुमक्खी का डंक आपको क्रेडिट कार्ड, बटर नाइफ धीरे-धीरे खुरचते हुए निकालना चाहिए.
मधुमक्खी काटने पर क्या करें -
बेकिंग सोडा लगाएं -
बेकिंग सोडा में पाया जाने वाला तत्व जहर के असर को कम करने में मददगार होता है. बेकिंग सोडा लगाने से दर्द, खुजली और सूजन से राहत मिलती है.
सेब का सिरका -
आप सेब का सिरका भी प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं. इससे भी आपको राहत मिलती है. यह भी खुजली से राहत दिलाता है.
शहद -
मधुमक्खी काटने पर इसका शहद जहर को फैलने से रोकता है. इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण संक्रमण बढ़ने नहीं देता है. मधुमक्खी का शहद मधुमक्खी के डंक के जहर का असर कम करे में सहायक होते हैं.
चूना -
मधुमक्खी काटने से होने वाली सूजन, दर्द, खुजली कम करने के लिए चूना लगायें. चूना पेस्ट मधुमक्खी के डंक के दुष्प्रभाव कम करने में सहायक होते हैं.
एलोवेरा जैल -
मधुमक्खी डंक के असर को कम करने के लिये एलोवेरा का रस लगाएं. एलोवेरा मधुमक्खी कीट के काटने पर हुई सूजन, दर्द, जलन को कम करने में सहायक है.

टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /गर्मी के मौसम में होने वाले पसीने से शरीर में खुजली और जलन शुरू हो जाती है, यहां तक की बॉडी में लाल दाने भी उभर आते हैं. ऐसे में आपको कपड़े भी पहनते नहीं बनता है. इससे स्किन की भी हालत बिगड़ जाती है. यहां तक की ये लाल दाने चेहरे पर निकल आएं तो फिर ये फेस का ग्लो भी छीन लेते हैं. कई बार तो दाग भी छोड़ देते हैं.  ऐसे में हम यहां पर आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिससे आपको गर्मियों की स्किन प्रॉब्लम से राहत मिल सकती है.
सूजन और खुजली को कैसे करें कम
कोल्ड कंप्रेस
अगर आपके शरीर पर लाल दाने उभर आए हैं और उसमें खुजली और जलन होती रहती है, तो आईस पैक उस जगह पर अप्लाई करें. इससे सूजन और जलन शांत होगी.
ओटमील बाथ
खुजली और जलन से राहत पाने के लिए गुनगुने पानी में कोलाइडल ओटमील मिलाएं और 15-20 मिनट के लिए भिगो दीजिए. ओटमील में सूजन-रोधी यौगिक होते हैं, जो त्वचा को शांत करते हैं.  यह सनबर्न के लिए एक प्रभावी उपाय माना जाता है.
एलोवेरा जैल
जलन को कम करने और खुजली वाली त्वचा पर सीधे ताजा एलोवेरा जेल लगाएं. एलोवेरा में शीतलन और सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो धूप की से होने वाले सनबर्न और खुजली को शांत करते हैं.
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और खुजली वाली जगह पर लगाएं, इससे राहत मिलेगी. बेकिंग सोडा में सूजन-रोधी गुण होते हैं जो खुजली और सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे यह गर्मियों में घमौरियों या एलर्जी के कारण होने वाली खुजली के लिए एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय बन जाता है.

   व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /भगवान गणेश को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना जाता है. भक्त हमेशा भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं. माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा अर्चना का विशेष महत्व होता है. चतुर्थी को भक्त व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा अर्चना करते हैं. ज्येष्ठ माह की चतुर्थी को एकदंत संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस बार 26 मई रविवार को एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. मान्यता है कि विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा अर्चना से जीवन के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है और मनाकामनाएं पूरी हो जाती है. भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश को भक्तों के कष्ट हरने के कारण विघ्नहर्ता का नाम प्राप्त है. आइए जानते हैं एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत की तिथि शुभ मुहूर्त और गणेश स्तोत्र.
कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी  
ज्येष्ठ में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 मई को सुबह 06 बजकर 6 मिनट शुरू होगी और अगले दिन यानी 27 मई को सुबह 4 बजकर 53 मिनट तक रहेगी. एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत 26 मई को रखा जाएगा.
विघ्नहर्ता हैं भगवान गणेश
भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश विघ्नहर्ता कहलाते हैं. उन्हें भक्तों के सभी कष्टों को हरने वाला माना जाता है. चतुर्थी का व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करने से भगवान गणेश भक्तों से अत्यंत प्रसन्न होते हैं. इस दिन पूजा पाठ करने के बाद गणेश स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए. गणेश स्तोत्र का पाठ करने से भगवान गणेश की असीम कृपा प्राप्त होती है.
गणेश स्तोत्र |
शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।
येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥
चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।
विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥
तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।
साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥
चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥
अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।
तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥
इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।
एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥
तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।
क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥
सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र
श्री वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु हे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
धन लाभ हेतु मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानयम् स्वाहा।

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / गर्मियों का सीजन अपने साथ चुभती धूप, पसीना, खुजली लेकर आता है. जिससे बचने के लिए लोग बाहर निकलने से पहले अपने हाथ पैर और चेहरे को अच्छे से कवर करके निकलते हैं, ताकि सूरज की तेज किरणें स्किन को नुकसान न पहुंचा सकें. साथ ही लू से भी आपकी बॉडी बची रहे. इस मौसम में डाइजेस्टिव सिस्टम  भी स्लो पड़ जाता है, यही वजह है कि इस मौसम में लोग लिक्विड फूड लेना ज्यादा पसंद करते हैं. क्योंकि यह आसानी से पच जाते हैं और शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं.
गर्मी के मौसम में वैसे तो कई हेल्दी जूस है जिसमें से हम आप लौकी के रस के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के अलावा और भी कई फायदे शरीर को पहुंचाएगा.
लौकी जूस के फायदे -
1- लौकी का रस गर्मी से राहत पाने के लिए अच्छा विकल्प है. यह आपको हाइड्रेटेड  रखने के साथ-साथ शरीर को ठंडा करने में भी मदद कर सकता है.
2- यह जूस आपके इम्यून को मजबूत रखने के साथ आपके बॉडी को डिटॉक्स भी करता है. यह टॉक्सिन्स को बाहर निकाल देता है जिससे पेट दुरुस्त रहता है.
3- साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा  कम होती है जिससे बढ़ा वजन भी तेजी से घटता है. लौकी में भरपूर मात्रा में फ़ाइबर होता है. जिसकी वजह से आप ओवरईटिंग से बच सकते हैं. इस जूस में विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन के, विटामिन ए, आयरन, पोटेशियम और मैंगनीज पाए जाते हैं.
4- यह आपके दिल की भी सेहत को मजबूत रखता है. इससे कोलेस्ट्रोल की परेशानी भी दूर होती है. इससे स्किन और बाल की भी चमक बढ़ जाती है.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / भगवान विष्णु के परम भक्त और ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक देवर्षि नारद  की जयंती 24 मई 2024, शुक्रवार को मनाई जा रही है. कहते हैं कि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को देवर्षि नारद का जन्म हुआ था, ऐसे में इसे नारद जयंती के नाम से जाना जाता है. देवर्षि नारद का महाभारत में विशेष महत्व बताया गया है और उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार भी कहा जाता है. इतना ही नहीं कहा जाता है कि देवर्षि नारद की आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है.
नारद जयंती शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 23 मई को ही शाम 7:22 मिनट से शुरू हो चुकी है, जो आज 24 मई को शाम 7:24 तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 24 मई को ही नारद जयंती मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु के परम भक्त नारद जी की पूजा अर्चना की जाती है. आप सुबह उठकर घर के मंदिर में नारद जी की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें. उन्हें फल-फूल, मिठाई अर्पित करें, घी का दीया जलाएं और सच्चे मन से उनकी आराधना करें.
दरअसल, देवर्षि नारद को ये वरदान मिला था कि वे तीनों लोक में वायु मार्ग से कहीं भी आ जा सकते थे, इसलिए वे विष्णु जी की महिमा का बखान तीनों लोकों में किया करते थे और नारायण-नारायण कहकर एक-दूसरे की बातों को यहां से वहां पहुंचाते थे, इसलिए उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार भी माना जाता है. हालांकि, उन्हें यह आशीर्वाद कड़ी तपस्या के बाद मिला. इतना ही नहीं नारद मुनि को ब्रह्मा जी से यह श्राप भी मिला था कि वे जीवन भर अविवाहित रहेंगे.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं. वैशाख की पूर्णिमा तिथि भगवान बुद्ध की जन्मतिथि है. भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है इसलिए वैशाख पूर्णिमा को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन विष्णु प्रिया तुलसी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. वैशाख पूर्णिमा को तुलसी माता को कुछ खास चीजें चढ़ाने से धन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है और इससे घर में धन संपत्ति की कमी नहीं रहती है. आइए जानते हैं वैशाख पूर्णिमा पर तुलसी जी को क्या क्या चढ़ाना चाहिए.
वैशाख पूर्णिमा पर तुलसी पर चढ़ाएं ये चीजें
सुहाग की वस्तुएं - वैशाख पूर्णिमा को तुलसी जी को सुहाग की चीजें चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन लाल चुनरी, लाल चूड़ियां और बिंदी जैसी चीजें माता तुलसी को अर्पित करें. इससे जीवन में धन और वैभव की कमी नहीं रहती है.
पीला धागा - वैशाख पूर्णिमा को पीले रंग के धागे में 108 गांठ लगाकर तुलसी के गमले के चारों ओर लपेट दें. ऐसा करने के बाद माता तुलसी से जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हुए प्रार्थना करें.
लाल कलावा - वैशाख पूर्णिमा को तुलसी माता को लाल कलावा जरूर चढ़ाना चाहिए. इससे माता तुलसी प्रसन्न होती हैं और जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
घी से जलाएं दीया - वैशाख पूर्णिमा को माता तुलसी की पूजा में कच्चा दूध अर्पित करें और घी से दीया जलाएं. माता से कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करें.
भगवानविष्णु की पूजा में तुलसी का महत्व
विष्णु भगवान की पूजा तुलसी के बगैर अधूरी मानी जाती है. मान्यता है तुलसी के पत्तों के बगैर भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं. इसलिए तुलसी की विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है. धार्मिक रूप से भी तुलसी के पौधे का बहत महत्व होता है. जहां प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है वहां सुख और समृद्धि बनी रहती है. तुलसी के पौधे के कारण नकारात्मक ऊर्जा दूर भाग जाती हैं.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /सनातन धर्म में केले के पौधे को काफी शुभ और मंगलकारी माना गया है. केले के पत्ते  को जहां पूजा-पाठ और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में इस्तेमाल किया जाता है वहीं, केले के पौधे की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि केले के पत्ते में खुद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का निवास होता है और इसलिए हर शुभ कामकाज में केले के पौधे और पत्तों की पूजा होती आई है. कहा जाता है कि केले के पत्तों में ढेर सारी सकारात्मक ऊर्जा होती है और इनके उपयोग से घर में निगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है. इसके साथ-साथ शुभ कामकाज में पंगत को केले के पत्तों पर ही भोजन परोसा जाता है. इसके साथ-साथ कई देवी देवताओं को भी केले के पत्ते पर भोग  लगाया जाता है. जानिए किन-किन देवताओं को भोग लगाने के लिए केले के पत्तों का इस्तेमाल होता है.
भगवान विष्णु को लगाया जाता है केले के पत्ते पर भोग
चूंकि केले के पत्ते में भगवान विष्णु  का वास माना गया है इसलिए भगवान विष्णु को केले के पत्ते पर ही भोग लगाया जाता है. अगर आप अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु को केले के पत्ते पर भोग लगाएं तो इससे घर में सुख शांति बनी रहेगी और घर में समृद्धि का वास होगा. मान्यता है कि जिन घरों में विवाह योग्य लड़के-लड़कियों की शादी में बाधा आ रही है, वहां भगवान विष्णु को केले के पत्ते पर ही भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने पर घर में विवाह के योग बनने शुरू हो जाते हैं.
गणपति बप्पा को लगाया जाता है केले के पत्ते पर भोग
भगवान विष्णु के साथ-साथ प्रथम पूज्य भगवान यानी भगवान गणपति को भी केले के पत्ते पर भोग लगाना अत्यंत लाभदायक माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान गणेश को केला काफी प्रिय है और इसलिए उन्हें केले के पत्ते पर भोग लगाना अच्छा माना जाता है. इससे प्रसन्न होकर भगवान गणेश सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
मां लक्ष्मी को लगाएं केले के पत्ते पर भोग
धन संपत्ति की देवी कही जाने वाली मां लक्ष्मी को भी केले के पत्ते पर भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है. अगर आप ऐसा करते हैं तो घर में सुख-समृद्धि का हमेशा वास रहेगा और घर-परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ /आयरन हमारे शरीर के लिए एक जरूरी मिनरल है जो हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है, जो हमारे ब्लड में ऑक्सीजन ले जाने वाला प्रोटीन है. आयरन शरीर में कई कार्यों को करने के लिए जिम्मेदार होता है. अक्सर यह माना जाता है कि पालक आयरन का सबसे अच्छा स्रोत है, लेकिन कई अन्य फूड्स भी हैं जो पालक से ज्यादा आयरन प्रदान कर सकते हैं. यहां हम 5 ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जिनमें आयरन की मात्रा में पालक के समान या उससे ज्यादा होती है.
पालक के अलावा आयरन के 5 जबरदस्त स्रोत |
1. कद्दू के बीज
कद्दू के बीज आयरन से भरपूर होते हैं और एक बेहतरीन स्नैक ऑप्शन हैं. माना जाता है कि इन बीजों में लगभग 9 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. आप इन्हें सलाद, योगर्ट या अपने स्नैक्स में शामिल कर सकते हैं.
2. सोयाबीन
सोयाबीन आयरन का एक और बेहतरीन स्रोत है. माना जाता है कि इसमें लगभग 15.7 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. सोयाबीन को आप कई रूपों में जैसे टोफू, सोया मिल्क और सोया चंक्स के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
3. तिल के बीज
तिल के बीज जिन्हें अक्सर भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है, आयरन से भरपूर होते हैं. माना जाता है कि तिल के बीज में लगभग 14.6 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. इन्हें सलाद, ब्रेड और मिठाइयों में शामिल किया जा सकता है.
4. काजू
काजू एक पौष्टिक स्नैक है और आयरन का अच्छा स्रोत है. इसमें लगभग 6.7 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. काजू को आप सीधे खा सकते हैं या कई व्यंजनों में इस्तेमाल कर सकते हैं.
5. चना (काबुली चना)
काबुली चना, जिसे अंग्रेजी में चीकपीज कहते हैं, आयरन से बेहतरीन स्रोत होता है. माना जाता है कि इसमें लगभग 6.2 मिलीग्राम आयरन प्रति 100 ग्राम होता है. इसे आप सलाद, करी या हमस के रूप में अपनी डाइट आहार में शामिल कर सकते हैं.
इन फूड्स को अपनी डेली डाइट में शामिल करके आप न केवल आयरन की पूर्ति कर सकते हैं बल्कि अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं.

 सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है, कुछ फूड्स हैं जिनसे भरपूर मात्रा में कैल्शियम प्राप्त किया जा सकता है. डेयरी प्रोडक्ट्स खासतौर से दूध का सेवन कैल्शियम से जुड़ा हुआ है, हालांकि, कई प्लांट बेस्ड स्रोत और ड्राई फ्रूट्स और बीज हैं जो कैल्शियम की मात्रा बढ़ा सकते हैं. अपनी डाइट में कैल्शियम से भरपूर फलों और सब्जियों को शामिल करने से आपकी बोन हेल्थ और ऑलओवर हेल्थ को काफी फायदा हो सकता है. यहां हम उन फलों और सब्जियों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनी डेली डाइट में शामिल कर सकते हैं.
कैल्शियम से भरपूर फल और सब्जियां |
1. केल
केल में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो हड्डियों को हेल्दी रखने में मददगार है. कैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करता है. इसमें विटामिन के भी होता है, जो कैल्शियम अवशोषण में सहायता करता है और हड्डियों के मिनरालाइजेशन को बढ़ावा देता है. सलाद, स्मूदी या भुने हुए साग के रूप में केल का आनंद लें. केल को थोड़ा पकाने से इसे पचाने में आसानी हो सकती है.
2. संतरे
संतरा कैल्शियम और विटामिन सी का अच्छा स्रोत है, जो कैल्शियम एब्जॉर्प्शन को बढ़ाता है और इम्यून हेल्थ को सपोर्ट करता है. इनमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो सेलुलर डैमेज से बचाते हैं. नाश्ते के रूप में ताजे संतरे खाएं, सलाद में स्लाइस एड करें  या ताजा निचोड़ा हुआ संतरे का रस पिएं. फाइबर सामग्री का लाभ उठाने के लिए साबुत फल चुनें.
3. अंजीर
अंजीर कैल्शियम, पोटेशियम और फाइबर प्रदान करता है और बोन हेल्थ, हार्ट हेल्थ और पाचन क्रिया को बढ़ावा देता है. ताजे या सूखे अंजीर को स्नैक्स के रूप में खाएं, सीरीयल्स, सलाद में डालें या मिठाइयों में बेक करें. सूखे अंजीर में खासतौर से कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है.
4. ब्रोकोली
ब्रोकोली कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन सी भी प्रदान करती है, जो कैल्शियम एब्जॉर्प्शन को बढ़ाती है. इसमें फाइबर भी होता है, जो पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है. ब्रोकली के पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने के लिए उसे भाप में पकाएं या भून लें. पौष्टिकता बढ़ाने के लिए इसे सलाद, सूप में शामिल करें.
5. कोलार्ड साग
कोलार्ड साग कैल्शियम और विटामिन के से भरपूर होता है, जो हड्डियों की मजबूती और ब्लड क्लॉटिंग के लिए जरूरी है. इनमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो सूजन को कम करते हैं. कोलार्ड साग को भाप में पकाकर, भूनकर या सूप में डालकर पकाएं. पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने के लिए इसे जैतून के तेल जैसे हेल्दी फैट के साथ मिलाएं.
6. पालक
पालक में हाई कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन में होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य, मसल्स फंक्शन्स और ब्लड में ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए जरूरी है. कैल्शियम के लिए स्मूदी, सलाद में ताजा पालक मिलाएं या हल्का पकाएं. आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देने के लिए इसे विटामिन सी से भरपूर फूड्स के साथ मिलाएं.
7. कीवी
कीवी में कैल्शियम, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य, इम्यून फंक्शन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं. स्नैक्स के रूप में ताजी कीवी खाएं, फलों के सलाद, स्मूदी या दही में मिलाएं. छिलका खाने योग्य होता है और इसमें एक्स्ट्रा पोषक तत्व होते हैं.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / भगवान शिव को सोमवार का दिन बहुत प्रिय होता है. इस दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा अर्चना और उनका अभिषेक करना चाहिए. इसके अलावा भोलेनाथ को प्रदोष का व्रत भी समर्पित होता है, जो हर माह की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है और अगर प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ता है तो सोने पर सुहागा माना जाता है, क्योंकि इसे सोम प्रदोष कहते हैं. माना जाता है कि सोम प्रदोष के दिन व्रत करने के अलावा भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाए और उन्हें कुछ खास चीजें अर्पित की जाए तो साधकों के सभी दुख और कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख शांति आती है.
कब रखा जाएगा सोम प्रदोष व्रत 2024
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी इस बार 20 मई, सोमवार को पड़ रही है. हालांकि त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 20 मई दोपहर 3:57 पर हो जाएगी और इसका समापन 21 मई को शाम 5:37 पर होगा. ऐसे में प्रदोष का व्रत इस बार 20 मई 2024 के दिन रखा जाएगा, इस दिन सोमवार है, इसलिए इसे सोम प्रदोष कहा जा रहा है. ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता हैय ऐसे में सोमवार के दिन प्रदोष पड़ने पर इसका महत्व भी दुगुना हो जाता है.
सोम प्रदोष के दिन करें ये खास उपाय
    सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करना बहुत फलदायी माना जाता है. कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव को जल और दूध से स्नान कराने से और उन्हें पंचामृत अर्पित करने से सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं.
    सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव और माता पार्वती को सफेद रंग की मिठाई, बर्फी या दूध की बनी हुई चीजें अर्पित की जाए, तो इससे साधकों को सुख शांति और समृद्धि मिलती है. इसके अलावा भगवान शिव को मौसमी फल जैसे- आम, सेब और केला जरूर अर्पित करना चाहिए.
    प्रदोष के दिन शिवलिंग की पूजा करते समय आपको बेलपत्र जरूर चढ़ाना चाहिए. यह बेलपत्र शुद्ध होना चाहिए और आप तीन या पांच बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित कर सकते हैं. इसके अलावा माता पार्वती को सफेद मदार की माला पहननी चाहिए, इससे भी घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है.
    प्रदोष के दिन अगर आप कुछ विशेष रंग के वस्त्र पहनकर भगवान की पूजा करें तो इसे भी शुभ माना जाता है. कहते हैं कि शिवजी की पूजा करते समय सफेद रंग के वस्त्र पहनने चाहिए. वहीं, माता पार्वती को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए, इससे वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहती है.

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