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व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / सनातन धर्म में हर एक तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार स्कंद षष्ठी व्रत के दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान कार्तिकेय का नाम स्कंद है. जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है. इसके अलावा उन्हें संतान प्राप्त होती है. स्कंद षष्ठी व्रत मुख्यतः दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक माना गया है. इस बार स्कंद षष्ठी 13 मई, 2024 को पड़ रही है. आइए जानते हैं इस व्रत का शुभ मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में.
स्कंद षष्ठी व्रत 2024 |
स्कंद षष्ठी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है जिसकी शुरुआत 13 मई, 2024 को सुबह 2:03 बजे से हो रही है. इसका समापन अगले दिन यानी 14 मई, 2024 को सुबह 2:50 बजे पर होगा.
स्कंद षष्ठी का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार स्कंद षष्ठी भगवान कार्तिकेय को समर्पित की गई है. मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय ने संसार में बढ़ रहे कुकर्म को समाप्त करने के लिए जन्म लिया था. भगवान कार्तिकेय दक्षिण भारत में मुरूगन, कुमार, सुब्रमण्यम जैसे नामों से प्रसिद्ध हैं. प्रचलित मान्यता के अनुसार च्यवन ऋषि ने स्कंद षष्ठी को उपासना की थी, जिसकी वजह से उनकी आंखों की रोशनी वापस आ गई थी.
स्कंद षष्ठी के दिन क्या करें और क्या ना करें
स्कंद षष्ठी के दिन भगवान धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कार्तिकेय के निमित्त व्रत रखकर उनकी विधि-विधान से पूजा करने से हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है, संतान की प्राप्ति होती है और धन वैभव बढ़ता है. इस दिन दान करना भी बेहद पुण्यकर माना जाता है. स्कंद षष्ठी के दिन स्कंद देव की स्थापना करने से और उनके समक्ष अखंड दीपक जलाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /एक अच्छी स्किनकेयर आपके फेस को हेल्दी और अटरैक्टिव बनाए रखती है और त्वचा संबंधी समस्याओं को रोकती है. बैलेंस्ड डाइट और लाइफस्टाइल के बावजूद, तनाव, हार्मोनल असंतुलन और विटामिनों की कमी के कारण कभी-कभी बेदाग त्वचा चुनौतीपूर्ण हो जाती है. ऐसे में आप कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर अपनी स्किन को चमकदार बनाए रख सकते हैं, आइए जानते हैं कैसे... हम आपको यहां पर कस्टमाइज्ड फेस पैक के बारे में बताने वाले हैं, जो आपकी स्किन के लिए रामबाण साबित हो सकते हैं.
1. ग्लोइंग स्किन के लिए बेसन फेस पैक
सामग्री:
2 बड़े चम्मच बेसन
नींबू के रस की कुछ बूँदें
1 बड़ा चम्मच दूध की मलाई
बनाने की विधि
एक कटोरी में 2 बड़े चम्मच बेसन, नींबू के रस की कुछ बूंदें और 1 बड़ा चम्मच दूध की मलाई मिलाएं. सुनिश्चित करें कि कोई गांठ न हो.
कैसे करें अप्लाई
सबसे पहले, अपने चेहरे को क्लींजर या गुलाब जल से साफ करें और थपथपाकर सुखा लीजिए. इसके बाद, मिश्रण को अपने चेहरे और गर्दन पर समान रूप से लगाएं. अब 15-30 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दीजिए. अब इसे ठंडे या गुनगुने पानी से धो लीजिए.
सप्ताह में कितनी बार लगाएं
इस फेस पैक का उपयोग सप्ताह में एक या दो बार करें. इसके फायदे आपको ज्यादा हो सकते हैं.
किसे नहीं लगाना चाहिए
लेकिन जिनकी त्वचा बहुत संवेदनशील है या जलन रहती है उन्हें यह फेस पैक नहीं लगाना चाहिए. वहीं, जिन लोगों किसी भी सामग्री से एलर्जी है, खासकर नींबू के रस या दूध की क्रीम से उन्हें यह फेस पैक नहीं लगाना चाहिए.
2. ऑयली स्किन के लिए बेसन फेस पैक
बेसन और मुल्तानी मिट्टी के फेस पैक त्वचा के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं, जिससे आपकी त्वचा लंबे समय तक तरोताज़ा और ऑयल फ्री रहती है.
सामग्री:
2 चम्मच मुल्तानी मिट्टी (कॉस्मेटिक क्ले)
1 चम्मच बेसन
1 चम्मच गुलाब जल
बनाने की विधि
एक कटोरी में दो चम्मच मुल्तानी मिट्टी, एक चम्मच बेसन और एक चम्मच गुलाब जल ले लीजिए. अब सभी चीजों को मिलाकर एक महीन पेस्ट बनाएं.
कैसे करें अप्लाई
पेस्ट को अपने साफ और सूखे चेहरे पर समान रूप से लगाएं. इसे 15 मिनट तक लगा रहने दें, फिर साफ ठंडे पानी से इसे पानी से धो लीजिए. इसके बाद अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज़ करिए.
सप्ताह में कितनी बार लगाएं
इस मास्क का उपयोग सप्ताह में दो बार करने की सलाह दी जाती है.
किसे नहीं लगाना चाहिए
रूखी या संवेदनशील त्वचा वाले लोग, इस मास्क को न लगाएं. स्किन और ड्राई हो सकती है. किसी भी सामग्री से एलर्जी वाले व्यक्ति, विशेष रूप से गुलाब जल या मुल्तानी मिट्टी न अप्लाई करें.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /अंडे को प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है. अंडे के इस्तेमाल से बालों को कई समस्याओं से बचाने में मदद मिल सकती है. आपको बता दें कि अंडे में प्रोटीन, विटामिन ए, बी2, बी5, बी6, बी12, डी, ई, फोलेट, फॉस्फोरस, सहित कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मददगार हैं. आज के समय में बालों से जुड़ी समस्या काफी देखने को मिलती है. अगर आप भी बालों के झड़ने, गिरने और सफेद बालों से परेशान हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं घरेलू समाधान. अंडे को आपने खाने के लिए इस्तेमाल किया होगा. लेकिन बालों से जुड़ी इन 4 समस्याओं में इन तरीकों से अंडे का इस्तेमाल कर बालों को हेल्दी, शाइनी और मजबूत बनाया जा सकता है. तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं कैसे करें अंडे का इस्तेमाल.
बालों में कैसे लगाएं अंडा-
1. बालों की ग्रोथ के लिए-
अगर आप अपनी बालों की ग्रोथ बढ़ाना चाहते हैं तो आप हफ्ते में एक-दो बार स्कैल्प पर अंडे लगा सकते हैं. इससे बालों की ग्रोथ में मदद मिल सकती है.
2. बालों को डैमेज से बचाने-
गर्मियों के मौसम में बाल डैमेज की समस्या काफी देखी जा सकती है. अंडे की सफेदी में थोड़ा जैतून का तेल, नारियल का तेल, मिला कर लगाने से बालों को डैमेज होने से बचा सकते हैं.
3. ड्राई बालों के लिए-
अगर आपके बाल भी गर्मी में ड्राई हो रहे हैं तो आप अंडे को अरंडी के तेल के साथ मिलाकर लगाएं इससे बालों को मॉइस्चराइज किया जा सकता है.
4. डैंड्रफ के लिए-
डैंड्रफ एक बड़ी समस्या में से एक है चाहे गर्मी हो या सर्दी डैंड्रफ की समस्या हमेंशा परेशान तरती है. अंडे को नींबू के रस के साथ मिलाकर बालों और स्कैल्प पर लगाने से डैंड्रफ की समस्या से बचा जा सकता है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /अक्सर ही कोशिश यह रहती है कि स्किन की देखरेख इस तरह से की जाए जिससे त्वचा पर चमक और निखार तो बना ही रहे साथ ही त्वचा लंबे समय तक जवां नजर आए. त्वचा को जवां बनाए रखने और झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए यूं तो कई तरीके आजमाए जाते हैं लेकिन योगा एक्सपर्ट मानसी के अनुसार चेहरे को एंटी-एजिंग गुण देने के लिए आपको किसी महंगे स्किन केयर रूटीन को फॉलो करने की जरूरत नहीं है बल्कि बेहद आसान से तरीके से भी त्वचा को जवां बनाए रखा जा सकता है. मानसी का मनसवनी योगा के नाम से इंस्टाग्राम पर अकाउंट है जिसपर वे फेस योगा और स्किन केयर से जुड़े कई तरह के टिप्स वगैरह देती रहती हैं.
अपने ऐसे ही एक वीडियो में मानसी ने एंटी-एजिंग गुण पाने के लिए मॉर्निंग रूटीन बताया है. मानसी के अनुसार चेहरे को जवां बनाए रखने के लिए आपको किसी फेस वॉश या फिर क्लेंजर की जरूरत नहीं है बल्कि चेहरे को 8 बार पानी से धोएं. चेहरे पर इस तरह 8 बार पानी छिड़कने पर त्वचा साफ होगी और उसे एंटी-एजिंग गुण भी मिलेंगे.
झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए मानसी का बताया यह नेचुरल मास्क भी लगाया जा सकता है. इस मास्क को बनाने के लिए आपको कच्चे दूध, केले और केले के छिलके की जरूरत होगी. सबसे पहले आपको केले के टुकड़े को कच्चे दूध में मिलाकर पेस्ट बनाना है और चेहरे पर लगाना है. इसके बाद इस मिश्रण को हल्के हाथों से मलने के बाद चेहरे पर केले के छिलके लगाएं. केले के छिलके चेहरे पर लगाने से पहले 10 मिनट तक साइड में रखे रहने दें और उसके बाद ही चेहरे पर लगाने के लिए इस्तेमाल में लें. इस फेस मास्क के एंटी-एजिंग गुण स्किन से झुर्रियों और फाइन लाइंस को दूर रखते हैं.
सुझाए इस फेस पैक को भी चेहरे पर लगाया जा सकता है. इस फेस पैक का असर चेहरे से झुर्रियों को हल्का करने में नजर आएगा और स्किन टाइटनिंग इफेक्ट्स मिलेंगे सो अलग. फेस पैक बनाने के लिए चावल के आटे और चावल के पानी को साथ मिला लें. इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने और 10 से 15 मिनट बाद धोकर हटा लें.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /समर वेकेशन होते ही घर में बच्चों का आतंक शुरू हो जाता है. यहां भाग, वहां भाग इधर से उधर करते रहते हैं. साथ ही इस मौसम में मच्छरों का आतंक भी शुरू हो जाता है. गर्मी से ज्यादा मच्छर परेशान कर देते हैं. ऐसे में बच्चों को मच्छरों से बचाना जरूरी होता है नहीं तो वह कई बीमारियों का शिकार होने लगते हैं. गर्मियों में ऑल आउट का कुछ भी बहुत कम काम करते हैं ऐसे में मच्छरों से लड़ने का उपाय हर कोई ढूंढता है. आप घर में एक प्लांट लगाकर मच्छरों को दूर भगा सकते हैं साथ ही आपके बच्चे अगर इस पौधे के पत्ते खा लें तो उन्हें भी फायदा ही होगा. हम बात कर रहे हैं मरुआ के पौधे की. मरुआ का पौधा एक सबसे अच्छा मॉस्कीटो रेपलेंट हैं. इसे घर में लगाने से मच्छर दूर हो जाते हैं. जो लोग अपने घरों में ये पौधा लगाते हैं उनके घर के आस-पास भी मच्छर नहीं भटकते हैं.
इस वजह से है फायदेमंद
मरुआ का पौधा पुदीने के परिवार का ही प्लांट है. इसकी खुशबू बहुत तेज होती है जिसकी वजह से कीड़े और मच्छर इसके आस-पास भी नहीं भटकते हैं. गर्मियों में इन्हें लगाने की सलाह दी जाती है ताकि मच्छर और कीड़े-मकोड़े घर से दूर रहें. ये पौधा तुलसी की तरह ही दिखता है. इसके अनेक फायदे हैं. मच्छरों के लिए ये रामबाण इलाज है.
बच्चों के लिए है फायदेमंद
आपके दिमाग में ये आ रहा होगा कि मच्छर भगाने वाला पौधा अगर गलती से बच्चे ने खा लिया होगा तो वो बीमार पड़ सकता है? लेकिन परेशान होने की जरुरत नहीं है. ये पौधा बहुत फायदेमंद होता है. ये खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है साथ ही शरीर को कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है. इसे कई लोग मसाले की तरह भी इस्तेमाल करते हैं.
1-बच्चों के लिए मरुआ का पौधा फायदेमंद होता है. ये पत्तियां पेट के कीड़े मारने में मददगार होते हैं.
2- मरुआ के पौधे में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. इसे खाने से भूख बढ़ती है साथ ही खून का शोधन होता है.
3- मरुआ के पत्ते की आप चटनी बना सकते हैं और सब्जी-सलाद में भी डालकर खा सकते हैं. इससे खाने का टेस्ट बढ़ता है लेकिन इसे ज्यादा मात्रा में नहीं डालें. नहीं तो पूरा टेस्ट खराब हो जाएगा.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐसा क्या करती हैं, जिससे उनकी स्किन इतनी ग्लोइंग और चमकदार होती है और 50 की उम्र के बाद भी उनकी स्किन 25 जैसी नजर आती है. इसके लिए खानपान का विशेष ध्यान रखना तो जरूरी है और अपनी रूटीन लाइफ में कुछ बदलाव करके आप सेलिब्रिटीज जैसी स्किन पा सकते हैं. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि 50 की उम्र में चेहरे की कसावट को बनाए रखने के लिए आपको क्या करना चाहिए.
टमाटरके पल्प का करें इस्तेमाल
जी हां, टमाटर के पल्प में एंटी एजिंग गुण पाए जाते हैं और यह आपकी स्किन को ग्लोइंग बनाने में भी मदद करता है. ऐसे में त्वचा पर कसावट लाने के लिए एक टमाटर को काट लें, फिर इसके एक हिस्से को चेहरे पर रगड़े, ऐसा करने से स्किन टाइट होती है.
नारियल के तेल का करें इस्तेमाल
नारियल का तेल भी एंटी एजिंग के लिए बहुत कारगर माना जाता है. आप दिन में दो बार नारियल के तेल से हल्के हाथों से मसाज करें और 10-15 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें. ऐसा करने से स्किन हाइड्रेट होती है और चेहरे पर फाइन लाइन और रिंकल्स नजर नहीं आते हैं.
ऑलिव ऑयल
50 की उम्र में स्किन नेचुरली ऑयल प्रोड्यूस करना कम कर देती है, ऐसे में स्किन डिहाइड्रेटेड और ड्राई नजर आने लगती है. अपनी स्किन पर ऑयल मेंटेन रखने के लिए आप ऑलिव ऑयल को हाथों में लेकर सर्कुलर मोशन में चेहरे की मसाज करें, इसके बाद इसे आधे घंटे के लिए छोड़ दें और गुनगुने पानी से चेहरा धो लें.
एलोवेरा
एलोवेरा में नेचुरल एंटी एजिंग इनग्रेडिएंट होता है, जिसका इस्तेमाल करके आप अपनी स्किन को टाइट बना सकते हैं. इसके लिए फ्रेश एलोवेरा को काटकर इसका पल्प निकाल लें या किसी ऑर्गेनिक एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करके सोने से पहले इससे अपने चेहरे की मसाज करें और सुबह उठकर इसे धो लें.
कॉफी
कॉफी न सिर्फ आपको इंस्टेंट एनर्जी देती है, बल्कि स्किन को टाइट और ब्राइट बनाने का भी काम करती है. इसके लिए कॉफी पाउडर में एक चम्मच दही और शक्कर को मिक्स करें, फिर इसे अपने चेहरे पर लगाए, इससे स्किन एक्सफोलिएट होती है और फाइन लाइंस और रिंकल्स भी कम होते हैं.
केला
केला एक ऐसा सुपर फूड है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ स्किन के लिए भी बहुत शानदार इनग्रेडिएंट है. आप पके हुए केले को मैश करके इसमें शहद मिलाएं और इसे 15 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं. इससे त्वचा में कसावट आती है और स्किन ब्राइट भी नजर आती है.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं होता है. उन्हें हर तरह से स्ट्रॉन्ग बनाना भी होता है. सिर्फ फिजिकली नहीं बच्चों का मेंटली भी स्ट्रॉन्ग होना बेहद जरूरी होता है. अगर बच्चे मेंटली स्ट्रॉन्गनहीं होते हैं तो कई बार लोग उनका फायदा उठा लेते हैं और वो आपको इस बारे में कुछ बता भी नहीं पाते हैं साथ ही बुली के भी शिकार हो जाते हैं. ऐसे बच्चे बहुत जल्दी या बात-बात पर रो जाते हैं. बच्चे को स्ट्रॉन्ग बनाना जरूरी है. अगर आपका बच्चा भी बात-बात पर रो देता है तो उसे स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए आपको कुछ टिप्स फॉलो करने की जरूरत है. इन टिप्स की मदद से बच्चा इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनेगा और बात-बात पर रोना भी बंद हो जाएगा.
हर काम हमारे हिसाब से नहीं होता
जब भी आपका बच्चा किसी चीज को लेकर रोने लगे तो आप उसे उस दौरान समझाइए कि हर चीज उनके हिसाब से हो ऐसा जरूरी नहीं होता है. सिचुएशन के साथ मैनेज करना भी जरुरी होता है. बच्चे को दी ये सीख उनकी जिंदगी में आगे तक काम आएगी. साथ ही मुश्किल समय में उन्हें पता होगा कि कैसे रिएक्ट करना है.
बच्चे को बोलने दें
कई लोग अपने बच्चों को ज्यादा बोलने नहीं देते हैं. इस वजह से बच्चा अपनी भावनाएं जाहिर नहीं कर पाता है. जो लोग अपनी बात को एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं वो इमोशनली वीक हो जाते हैं इसलिए अपने बच्चे को इमोशनली वीक ना होने दें और उन्हें उनकी बात बोलने दें. जिससे वो अपने इमोशंस को जाहिर कर पाएंगे.
कॉन्फिडेंस बढ़ाएं
बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ा हुआ होता है तो वो किसी भी चीज से डरते नहीं हैं. वो हर मुद्दे पर अपनी बात रखते हैं और अपनी भावनाओं को एक्सप्रेस कर पाते हैं साथ ही नेगेटिविटी से दूर रहते हैं इसलिए अपने बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ाएं. बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए आप उन्हें किसी हॉबी या स्किल डेवलप करने वाली चीजें करा सकते हैं.
हर बात पर टोके नहीं
बच्चे गलती करते हैं पर इसका मतलब ये नहीं की आप उनपर हर बात पर चिल्लाएं या गलत करने से मना करते रहें. अगर बच्चा गलती नहीं करेगा तो चीजें सीखेगा कैसे. गलती के डर से वो कुछ करेगा नहीं और उसका कॉन्फिडेंस भी कम हो जाएगा. ऐसे में बच्चों को हर बात पर टोकना बंद कर दें.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मां का दूध बच्चों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. बच्चों के अच्छे और सही विकास में लिए इसे जरूरी माना जाता है. लेकिन सोशल मीडिया के प्रभावों से यह भी अछूता नहीं रह गया है. सोशल मीडिया पर आए दिन नए नए ट्रेंड्स आते रहते हैं. आजकल एक ट्रेंड जो तेजी से ऑनलाइन दुनिया पर छा रही है वह है ब्रेस्ट मिल्क का फीडिंग के अलावा कई कामों में यूज करना. नई नई बनीं मम्मी अपने बच्चों को नहलाने के लिए ब्रेस्ट मिल्क का यूज कर रही है. यहां तक कि स्किन केयर के लिए भी इसका यूज शुरू हो गया है. इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है आइए जानते हैं.
बच्चे के लिए अच्छा
विशेषज्ञों के अनुसार मां का दूध बच्चे की उचित विकास के लिए सभी तरह के आवश्यक पोषण से भरपूर होता है. इससे बच्चे को डायरिया, गट इंफेक्शन जैसी बीमारियों से सुरक्षा मिलती है. इसके साथ ही मोटापा, टाइप 1 डाइबिटिज जैसी बीमारियों का खतरा भी कम होता है और इम्यून सिस्टम स्ट्रॉग होता है.
दूसरे कामों में यूज करना
विशेषज्ञों के अनुसार मां के दूध को इन कामों भी यूज किया जा सकता है. बच्चें के डायपर रैश को ठीक करने के लिए मां के दूध का यूज किया जा सकता है. बच्चें के दुत निकलते समय होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए मां के दूध को बच्चे के मसूढ़ों पर लगाने से आराम मिलता है. यह कटने और खरोंच को ठीक करने में मदद करता है. मां के दूध का अन्य कामों में यूज किये जाने का कारण इसमें मौजूद ग्रोथ फैटर, साइटोकिन्स, स्टेम सेल और लैक्टलबुमिन होता है. ये कई चीजों में उपयोगी साबित होते हैं. हालांकि इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है.
कितना सुरक्षित
विशेषज्ञों के अनुसार मां का दूध अन्य कामों में लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. कच्चे दूध से इंफेक्शन, एचआईवी, एचसीवी और सिफलिस जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा हो सकता है.
स्किन केयर में ब्रेस्ट मिल्क का यूज
विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेस्ट मिल्क को स्किन केयर में शामल किया जा सकता है. इसके नैचुरल एंटी बैक्टेरिया गुणों के कारण यह पिंपल को कम करने में मदद कर सकता है. हालांकि इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /शरीर के हर अंग का खास ध्यान रखना जरुरी होता है. अगर आप शरीर का सही से ध्यान नहीं रखते हैं तो कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. कई बार गंभीर बीमारियों के संकेत आपके शरीर के बाकी अंगों पर दिखने लगते हैं. इन संकेतों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. खासकर अगर ये संकेत आपके दांतों और मुंह में दिख रहे हो तो तुरंत सतर्क हो जाएं. ये संकेत आपको गंभीर बीमारियों का इशारा कर रहे होते हैं. आज हम आपको उन संकेतों के बारे में बताते हैं जो आपके दांत या मुंह में दिख रहे हैं तो आज ही अपने डॉक्टर के पास चले जाएं.
दांतों में पीलापन
दांतों में पीलापन बहुत ही अजीब लगता है. ये आपकी पूरी पर्सनालिटी को खराब भी कर सकता है. कई बार सही तरीके से दांतों को साफ नहीं करने की वजह से पीलेपन की शिकायत होने लगती है लेकिन अगर आपके दांत जरुरत से ज्यादा पीले हो रहे हैं तो लिवर की समस्या का इशारा दे सकती है.
मुंह से बदबू आना
कई लोगों के मुंह से बदबू आती है. ऐसा ओरल हाइजीन की वजह से होता है. कई बार ये मसूड़ों की बीमारी का भी इशारा करती है. इसके अलावा डाइजेशन की समस्या की वजह से भी मुंह से बदबू आ सकती है.
जबड़ेमें दर्द
कई बार जब आप कुछ बहुत ज्यादा टाइट खा लेते हैं तो जबड़े में दर्द होने लगता है. इसके अलावा जबड़े में दर्द का कारण गठिया या स्ट्रेस भी हो सकता है.
मसूड़ों से खून आना
मसूड़ों से खून आना एक बड़ी समस्या है. अगर आपके मसूड़ों से रोजाना खून आता है तो ये जिंजिवाइटिस के साइन हो सकते हैं.
छाले होना
कई बार पेट सही तरीके से साफ नहीं होने की वजह से मुंह में छाले होने लगते हैं. मगर हर बार छाले होना पेट की बीमारी का संकेत नहीं होता है. कई बार एचआईवी और ऑटोइम्यून डिसीज की वजह से भी छाले हो सकते हैं.
दांतों में दर्द
दांतों में दर्द होना कैविटी और इंफेक्शन के संकेत हो सकते हैं. अगर आपके दांतों में रोजाना तेज दर्द होता है तो इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरुरत है.
शौर्यपथ / दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से निकलने के बाद आज दिल्ली के कनॉट प्लेस (सीपी) स्थित हनुमान मंदिर भी जाएंगे. यह मंदिर सीएम केजरीवाल के लिए बेहद खास माना जाता है. चलिए भक्तों को इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं. भक्त अगर जपना चाहते हैं विश्व का सबसे लंबा श्रीराम जाप तो चले आइये दिल्ली के कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर दिल्ली के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में महाभारत कालीन श्री हनुमान जी का एक ऐसा प्राचीन मंदिर है, जिसके बारे में कई मान्यताएं हैं, जहां आप भी जाकर हनुमान लला के दर्शन कर सकते हैं.
श्रीराम के भक्त और कलयुग के देव कहे जाने वाले पवनपुत्र हनुमान के संबंध में माना जाता है कि जो कोई भक्त पूरी श्रद्धा से उनकी स्तुति करता है, हनुमान जी उस पर अपनी कृपा अवश्य बरसाते हैं. देश में ऐसे कई ऐसे हनुमान मंदिर है, जिनके संबंध में मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. दिल्ली के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में महाभारत कालीन श्री हनुमान जी का एक ऐसा प्राचीन मंदिर है, जिसके बारे में कई मान्यताएं हैं, जहां आप भी जाकर हनुमान लला के दर्शन कर सकते हैं.
दिल्ली के दिल में बसे पवनपुत्र हनुमान
दिल्ली की दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस युवाओं का सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है, लेकिन कनॉट प्लेस में मौजूद भगवान हनुमान का मंदिर लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध है. यहां विराजमान पवनपुत्र हनुमान के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं. कहा जाता है कि ये मंदिर दिल्ली के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत के समय पर हुआ था.
मंदिर का इतिहास
कहा जाता है कि दिल्ली का ऐतिहासिक नाम इंद्रप्रस्थ है, जो यमुना नदी के तट पर महाभारत-काल में पांडवों द्वारा बसाया गया था. उस समय कौरव हस्तिनापुर पर और पांडव इंद्रप्रस्थ पर राज किया करते थे. कहा जाता है कि पांडवों ने इंद्रप्रस्थ की स्थापना के समय पांच हनुमान मंदिरों की स्थापना की थी, ये मंदिर उन्हीं पांच में से एक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि अपनी यात्रा के दौरान यहां प्रसिद्ध भक्तिकालीन संत तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना की थी. इस मंदिर में 24 घंटे होने वाले 'श्रीराम जय राम, जय जय राम॥' मंत्र का जाप यहां का अद्भुत और खास आकर्षण है. ये विश्व का सबसे लंबा जाप है, जो कई सालों से अनवरत चलता आ रहा है. यही वजह है कि इसकी रिकॉर्डिंग गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी अंकित है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /भगवान गणेश को विघ्नकर्ता माना जाता है और उनकी पूजा-अर्चना से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा से जीवन मे सुख-समृद्धि आती है और सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन गणेश संकटनाशन स्रोत का पाठ करने से भगवान गणेश भक्तों के सभी कष्टों का नाश कर देते हैं. आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी की तिथि और गणेश संकटनाशन स्तोत्र के बारे में.
विनायक चतुर्थी का मुहूर्त |
इस साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष 11 मई को दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर चतुर्थी तिथि शुरू होगी और 12 मई को दोपहर 2 बजकर 3 मिनट तक रहेगी. विनायक चतुर्थी 11 मई, शनिवार के दिन मनाई जाएगी. विनायक चतुर्थी पर पूजा का मुहूर्त सुबह 10 बजकर 57 मिनट से 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा.
विनायक चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद और व्रत का संकल्प करें. घर के मंदिर में चौकी रखकर उस पर हरे रंग का वस्त्र बिछाएं और भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. प्रतिमा के सामने घी से दिया जलाएं और प्रभु को गंगाजल से अभिषेक करवाएं. इसके बाद फूल, दूब, सिंदूर अर्पित करें और भोग के रूप में मोदक या लड्डू चढ़ाएं. अंत में गणेश जी की आरती करें. इस दिन विशेष कृपा प्राप्ति के लिए गणेश जी के मंत्र और गणेश संकटनाशन स्तोत्र का भी पाठ करें.
गणेश संकटनाशन स्तोत्र
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।
तृतीयंकृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रंचतुर्थकम।।2।।
लम्बोदरं पंचमंच षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णतथाष्टकम्।।3।।
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तुविनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तुगजाननम।।4।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।
विद्यार्थी लभतेविद्यांधनार्थी लभतेधनम्।
पुत्रार्थी लभतेपुत्रान्मोक्षार्थी लभतेगतिम्।।6।।
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलंलभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभतेनात्र संशय: ।।7।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वागणेशस्य प्रसादत:।।8।। ॥
इति श्रीनारदपुराणेसंकष्टनाशनंगणेशस्तोत्रंसम्पूर्णम्॥
विनायक चतुर्थी के दिन गणेश संकटनाशन स्तोत्र का पाठ करने से भगवान गणेश की कृपा होगी और यह आपको हर तरह के संकटों से बचाने का काम करेगा.
रसोई टिप्स /शौर्यपथ / हमारे घरों में गेहूं के आटे की रोटियां बनाई जाती हैं. गेहूं का आटा खाने के बहुत फायदे होते हैं, लेकिन अगर आप इसके फायदों को डबल करना चाहते हैं, तो इसमें ये तीन आटे अपने गेहूं के आटे में मिला सकते हैं. आप चाहें तो आटा गूंथते हुए इन आटों को मिला सकते हैं या फिर एक ही साथ आटों को मिलकार कंटेनर में रख सकते हैं. चलिए जातने हैं उन तीन आटों के बारे में जिन्हें आप आपने गेहूं के आटे में मिलकार उसकी ताकत बढ़ा सकते हैं.
गेहूं के आटे में मिलाएं ये आटा
अगर आप अपनी रोटी को और सेहतमंद बनाना चाहते हैं तो अपने रेगुलर आटे में इन तीन आटा को मिक्स करें और चमत्कार देखें-
चने का आटा : चने के आटे की तासीर ठंडी होती है. तो अगर आप गर्मी के मौसम में अपने रेगुलर गेहूं के आटे में चने का आटा मिक्स करेंगे तो यह आपको गर्मी से राहत दे सकता है. आप गेहूं के आटे में 25 से लेकर 50 प्रतिशत तक यह आटा मिला सकते हैं.
रागी का आटा : ये आटा आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. रागी का आटा आप गेहूं के आटे में तकरीबन 25 फीसदी मिला सकते हैं. यह रोटी का टेस्ट तो बदलेगा ही साथ ही इसमें हेल्थ भी एड करेगा. आप चाहें तो कंटेनर में आटा मिलाकर रख सकते हैं या फिर ताजा आटा तैयार करते समय इसमें जरूरत के अनुसार रागी आटा मिक्स कर सकते हैं. यह हड्डियों को मजबूत करने में मददगार होगा.
सोयाबीन का आटा : घर में छोटे बच्चे हैं, तो गेहूं के आटे के साथ सोयाबीन का आटा मिलाएं. यह रोटी को प्रोटीन से भरपूर बना सकता है. साथ ही रोटी को नर्म बनाने में भी मददगार है. 2 किलो गेहूं के आटे में 500 ग्राम तक सोयाबीन का आटा मिलाया जा सकता है.
गेहूं के आटा में रागी, सोयाबीन और चने का आटा मिलाने से सेहत को मिलेंगे बहुत से लाभ
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर गेहूं की रोटी न खाने की सलाह दी जाती है. ऐसे में अगर आप इन आटा को मिला लेंगे तो यह गेहूं का कॉंटेंट कम कर देगी जो डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभदायक होगा. यह ब्लड शुगर का स्तर कम करने में मदद कर सकता है.
मल्टीग्रेन आटे मांसपेशियां व हड्डियां मजबूत करने में मददगार हैं. इनमें प्रोटीन व कैल्शियम अधिक मात्रा में होते हैं. जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती देते हैं.
अच्छी सेहत के लिए जरूरी है बेहतर पाचन. यह आटा आपके पाचन को बेहतर करेगा. अगर आपको कब्ज की समस्या रहती है तो इन आटों का मेल आपके लिए चमत्कार कर सकता है. इन आटों में फाइबर होता है जो मल को नर्म करने और पाचन को बेहतर करने में कारगर है. इससे कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /कब्ज एक सामान्य समस्या है जो कई लोगों को प्रभावित करती है. कब्ज के कारण कई हैं, खासकर गर्मियों में डिहाइड्रेशन और तला भुना खाने से कब्ज की समस्या आसानी से हो सकती है. आजकल की अनियमित जीवनशैली और खानपान के कारण यह समस्या बढ़ती जा रही है. कब्ज से छुटकारा पाने के उपाय तो कई हैं, लेकिन बहुत से लोग कब्ज का इलाज और कब्ज के लिए घरेलू नुस्खों की तलाश करते हैं. हालांकि किसी भी नुस्खे पर आंख मूंद के भरोसा करना भी ठीक नहीं. अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो चिंता न करें, क्योंकि कुछ प्राकृतिक तरीकों से इस समस्या को दूर किया जा सकता है. यहां हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जिनके बीज खाकर आप अपने पेट को साफ कर सकते हैं और कब्ज समस्या से राहत पा सकते हैं.
कब्ज से छुटकारा दिलाने में मददगार सीड्स |
1. अलसी के बीज
फ्लैक्स सीड्स एक बेहतरीन स्रोत हैं जो कब्ज, पाचन संबंधी समस्याओं, और पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं. अलसी के बीज पेट साफ करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. इसमें तत्वों का एक अच्छा स्रोत हैं और इसका नियमित सेवन पेट को साफ करने में मददगार हो सकता है.
2. सौंठ
सौंठ के बीज कब्ज से निजात पाने में मदद कर सकते हैं. यह पाचन को बेहतर बनाते हैं और उपाय के रूप में प्राकृतिक तरीके से पेट को साफ करने में सहायक हो सकते हैं.
3. अनार के बीज
अनार के बीज कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं. इनमें विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो पेट स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं.
4. अजवाइन के बीज
अजवाइन के बीज पेट को साफ करने और कब्ज से राहत प्रदान करने में सहायक हो सकते हैं. इनमें अनेक पाचन-सम्बन्धी लाभ होते हैं जो पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं.
5. मेथी के बीज
मेथी के बीज में विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो पाचन को सुधारते हैं और पेट साफ करने में मदद कर सकते हैं. यह कब्ज से निजात पाने में सहायक हो सकते हैं.
आस्था /शौर्यपथ /केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट छह माह बंद रहने के बाद शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा आरंभ हो गई. दोनों धामों के कपाट सुबह सात बजे खुले और इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अपनी पत्नी गीता के साथ केदारनाथ में द्वार खोले जाने की प्रक्रिया के साक्षी बने. 'बम-बम भोले' और 'बाबा केदार की जय' के उद्घोष के साथ प्रात: सात बजे विधि विधान से विशेष पूजा अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच केदारनाथ मंदिर का मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया.
इस अवसर पर सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ मंदिर परिसर में मौजूद करीब दस हजार श्रद्धालु भक्ति भाव में डूब गए. कुछ श्रद्धालु परिसर में डमरू के साथ नृत्य करते दिखाई दिए. मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गयी.
वहीं उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट भी सात बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. इस दौरान परिसर में हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे जो 'मां यमुना की जय' का उद्घोष कर रहे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को बधाई दी और देश एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तीर्थयात्रियों को अच्छी सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनाएगी. गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर बाद खुलेंगे जबकि चारधामों में शामिल बदरीनाथ के द्वार रविवार को खुलेंगे.