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सेहत टिप्स /शौर्यपथ /आयुर्वेद में अश्वगंधा और शहद का खास महत्व है. यह दोनों प्राकृतिक औषधियां अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कर सकती हैं और कई प्रकार के रोगों से बचाव करने में मदद करती हैं. अश्वगंधा और शहद दो ऐसी प्राकृतिक औषधियां हैं जो भारतीय आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही उपयोग में लाई जा रही हैं. दोनों में ही अद्वितीय गुण होते हैं जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. यहां हम आपको बताएंगे कि किन पांच लोगों के लिए अश्वगंधा और शहद का सेवन किसी वरदान से कम नहीं है.
इन 5 लोगों के लिए अश्वगंधा और शहद का सेवन फायदेमंद |
1. तनाव और चिंता से ग्रस्त लोग
अश्वगंधा को एक प्रभावशाली एडेप्टोजेन माना जाता है जो मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है. शहद का सेवन मन को शांत करता है और इसमें मौजूद नेचुरल शुगर एनर्जी को बढ़ाती है. दोनों का सेवन मिलाकर करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति को शांति मिलती है.
2. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग
अश्वगंधा का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है. शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमणों से बचाव करते हैं. दोनों का साथ सेवन करने से इम्यून सिस्टम को बढ़ावा मिलता है और व्यक्ति सर्दी, खांसी जैसी सामान्य बीमारियों से बच सकता है.
3. थकान और कमजोरी महसूस करने वाले लोग
अश्वगंधा को ताकत और स्टैमिना बढ़ाने वाला माना जाता है. यह शरीर को एनर्जी प्रदान करता है और शारीरिक कमजोरी को दूर करता है. शहद का सेवन क्विक एनर्जी का स्रोत है और इसे खाने से शरीर में ताकत और सक्रियता बढ़ती है. इन दोनों का सेवन थकान और कमजोरी को कम करने में सहायक होता है.
4. नींद की समस्या से जूझ रहे लोग
अश्वगंधा का सेवन स्लीप क्वालिटी को सुधारता है और अनिद्रा की समस्या को दूर करता है. शहद का सेवन भी नींद को सुधारने में मदद करता है क्योंकि इसमें मौजूद नेचुरल शुगर सेरोटोनिन का लेवल बढ़ाती है, जो नींद को बढ़ावा देता है. रात में अश्वगंधा और शहद का सेवन करने से गहरी और सुकूनभरी नींद आती है.
5. जिन लोगों को ज्यागा सर्दी लगती है
सर्दियों में अश्वगंधा और शहद का सेवन शरीर को गर्म रखने में मदद कर सकता है और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचाव करता है. अश्वगंधा शरीर की गर्मी को संतुलित करता है और शहद गले की खराश को ठीक करता है. सर्दियों में इनका नियमित सेवन शरीर को हेल्दी और गर्म रखता है.
योग /शौर्यपथ /दुनिया भर में लोग योग का लौहा मान चुके हैं. योग आपको लंबी उम्र, सेहतमंद शरीर और शांत मन देता है. इसके साथ ही साथ योग आपको जवान बनाए रखने में भी मददगार है. योग अनगिनत लाभों के साथ आता है, और इसकी सबसे महत्वपूर्ण गुणधर्म में से एक यह है कि यह आपको युवा और जीवनशैली को बेहतर बनाने में सहायक होता है. योग उम्र के असर को भी कम करता है. फेस योग का सहारा लेकर आप सालों तक युवा बने रह सकते हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसे 3 फेस योगा के बारे में जिनके बारे में दावा किया जाता है कि ये आपको सालों तक जवान दिखने में मदद कर सकते हैं और चेहरे पर दिखने वाले उम्र के असर को भी कम कर सकते हैं. बोलचाल में अक्सर लोग कहते हैं कि ये आपको 55 की उम्र में 25 का दिखा और महसूस करा सकते हैं. बहरहाल, इस बात का दावा तो हम नहीं करते पर चलिए आपको बताते हैं इन पावरफुल माने जाने वाले तीन फेसयोग के बारे में.
मुंहासों के लिए योगासन
योगा आपको जवां बनाए रखने में मददगार हैं.
1. बैलून फेस : स्किन को टाइट और जवान रखने के अलावा चेहरे पर पिंपल्स से छुटकारा पाने के लिए आपको रोजाना बैलून फेस योगा करना चाहिए. इसके लिए आप 10 सेकंड तक अपने मुंह को बैलून के आकार में फुलाकर रखें. कुछ दिनों तक लगातार ऐसा करने से आपको जल्द ही लाभ मिलने लगेगा साथ ही पिंपल्स की समस्या भी दूर होने लगती है.
कुछ फेस योगा आपको दमकती त्वचा दे सकते हैं.
2. फेस ट्विस्टिंग : जवां स्किन के लिए यह बेस्ट है. फेस ट्विस्टिंग योगा करने के लिए आपको अपने होठों से पाउट बनाना है, इसके बाद अपने गालों को दाईं तरफ घुमा कर इसे 5 सेकंड तक काउंट करना है. फिर सेम प्रोसेस को बाईं तरफ भी करना है 5 सेकंड तक. रोजाना ऐसा करने पर आपका चेहरा पिंपल्स फ्री होगा और चेहरा सुंदर भी लगेगा.
चेहरे के लिए योग करना एक अच्छा विकल्प है.
3. फिश फेस :फिश फेस योग में आप अपने चेहरे को फिश के आकार की तरह बनाकर 10 सेकंड तक होल्ड करें. इसको आप दो से तीन बार करें. जल्द ही इससे आपको लाभ दिखने लगेगा और पिंपल्स से छुटकारा भी मिल जाएगा.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /अक्सर ही छोटी गलती ही बड़ी समस्या की वजह बनती है. सोना, खाना, पानी पीना, बैठना या चलना ऐसे काम हैं जो सिखाए या सीखे नहीं जाते हैं. लेकिन, हम किस तरह से सोते हैं, किस तरह से चल रहे हैं, कैसे खाते या पीते हैं इसका अच्छा-बुरा असर हमारी सेहत पर पड़ सकता है. वहीं, देखा जाए तो हर काम को करने का एक सही तरीका जरूर होता है. योगा थेरेपिस्ट और इंस्ट्रक्टर तानिया शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर रोजमर्रा की कुछ गलतियों के बारे में बताया है. तानिया के अनुसार, रोज किए जाने वाले कामों को सही तरह से किया जाए तो सेहत अच्छी रहती है. इन कामों में पानी पीना, लैपटॉप पर काम करना, फोन पर बात करना और सोना शामिल है.
रोज करते हैं लोग यह गलतियां |
अक्सर ही लोग फ्रिज या मटके से पानी निकालते हैं तो खड़े होकर ही पीने लगते हैं. लेकिन, एक्सपर्ट के अनुसार चाहे आप कितने ही व्यस्त हों या आप जल्दी में हों, पानी हमेशा बैठकर ही पीना चाहिए. इससे घुटनों को भी फायदा मिलता है.
जब आप फोन पर बात करते हैं तो एक जगह पर बैठकर घंटों तक बात करने के बजाय अपने शरीर को काम पर लगाएं और चलना-फिरना शुरू करें. चलते हुए बात करना सेहत के लिए अच्छा है. वहीं, कोशिश करें कि हो सके तो आपका फोन स्पीकर पर रखें. स्पीकर पर बात करने पर आपके कान प्रोटेक्ट होते हैं और चलने-फिरने से पाचन को फायदा मिलता है.
घर से काम करने वाले लोगों की अक्सर ही लैपटॉप को पेट पर या गोद में रखकर काम करने की आदत हो जाती है. लेकिन, ऐसा करने के बजाय लैपटॉप को टेबल पर रखकर काम करें. अगर टेबल ना हो तो स्टूल पर लैपटॉप रखें और फिर काम करें.
तानिया के अनुसार, अपनी पीठ के बल या पेट के बल सोने के बजाय आपको टेढ़े होकर घुटनों के बीच तकिया रखकर सोना चाहिए. इससे रीढ़ की हड्डी को फायदा मिलता है.
शाम 4 बजे के बाद चाय या कॉफी पीने के बजाय हेल्दी ऑप्शन चुनने चाहिए. जैसे, डिटॉक्स वॉटर, नींबू पानी या फलों का जूस पिया जा सकता है. आप फल जैसे तरबूज खा भी सकते हैं. ऐसा करने पर सेहत तो अच्छी रहती ही है, साथ ही तनाव कम होता है सो अलग.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / चॉपिंग बोर्ड हमारी रसोई का अहम हिस्सा होते हैं. सब्जियों से लेकर फल और मीट वगैरह भी चॉपिंग बोर्ड पर काटे जाते हैं. ऐसे में चॉपिंग बोर्ड को खरीदते समय भी कई बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है. अक्सर लोग सस्ता और टिकाऊ सोचकर प्लास्टिक का चॉपिंग बोर्ड ले आते हैं. लेकिन, प्लास्टिक के चॉपिंग बोर्ड के कई नुकसान भी हैं. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड के इस्तेमाल के दौरान चाकू से लगने वाले निशानों से प्लास्टिक छूटने लगती है. यह माइक्रोप्लास्टिक खानपान के साथ ही पेट में जाते हैं और कई बीमारियों का खतरा बनते हैं. ऐसे में शेफ नेहा दीपक शाह भी वुडेन चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं. साथ ही, अपने एक वीडियो में शेफ नेहा ने बताया कि किस तरह वुडेन चॉपिंग बोर्ड को साफ किया जा सकता है.
वुडेन चॉपिंग बोर्ड को साफ करने के और डिसइंफेक्ट करने के लिए शेफ नेहा ने एक बेहद ही आसान तरीका बताया है. सबसे पहले अपने डे चॉपिंग बोर्ड को लेकर उसपर पानी छिड़कें. इसके बाद बोर्ड पर थोड़ा नमक और बेकिंग सोडा डालकर इसपर आधा नींबू का रस निचोड़ लें. इस नींबू के छिलके से ही चॉपिंग बोर्ड को अच्छे से मलकर साफ करें. अब हल्के गर्म पानी से चॉपिंग बोर्ड को धोकर साफ कर लें. जब चॉपिंग बोर्ड सूख जाए तो इसपर हल्का तेल डालकर टिशू पेपर से फैला लें. इस तरह वुडेन चॉपिंग बोर्ड डिसइंफेक्ट हो जाएगा और इसपर बैक्टीरिया नहीं पनपेंगे.
बैक्टीरिया के अलावा वुडेन चॉपिंग बोर्ड से बदबू आने की दिक्कत भी हो जाती है. खासकर मछली काटने या मीट वगैरह काटने से चॉपिग बोर्ड से बदबू आना शुरू हो जाती है. इसीलिए भी वुडेन चॉपिंग बोर्ड की बेहतर तरह से सफाई करना जरूरी होता है. वहीं, देखा जाए तो वुडेन चॉपिंग बोर्ड प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड के मुकाबले ज्यादा हाइजीनिक होते हैं. वहीं, लकड़ी को नेचुरल एंटी-बैक्टीरियल गुणों वाला माना जाता है. वुडेन चॉपिंग बोर्ड्स की ड्यूरेबिलिटी भी ज्यादा होती है और ये बोर्ड लंबे समय तक चलते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /ऐसी कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं जिनका पता वक्त रहते ना चलने पर समस्या जरूरत से ज्यादा बढ़ सकती है और बड़ी बीमारियों का खतरा पनप सकता है. ऐसे में वक्त रहते ही कुछ बीमारियों को पहचाना जा सकता है. असल में किसी भी बीमारी के शुरूआती लक्षणों की पहचान की जा सकती है. ये संकेत किसी विटामिन या खनिजों की कमी के भी हो सकते हैं. इस बारे में बता रही हैं डॉक्टर रमिता कौर. अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से रमिता ने इस वीडियो को शेयर किया है जिसमें में शरीर में दिखने वाले लक्षणों की बात कर रही हैं और इन लक्षणों को पहचानने का तरीका और इन दिक्कतों से निजात पाने के उपचारों के बारे में बता रही हैं. बीमारियों के शुरूआती लक्षण पहचानना
शरीर में दर्द - अक्सर ही बदन दर्द होता है तो इसकी वजह पौटेशियम की कमी हो सकती है. इस पौटेशियम की कमी को पूरा करने के लिए केले, शकरकंदी, पालक, चुकुंदर, एवोकाडो और नारियल पानी वगैरह को खानपान का हिस्सा बनाया जा सकता है.
खुरदुरी और रूखी-सूखी त्वचा - अगर आपकी त्वचा जरूरत से ज्यादा खुरदुरी और रूखी हो गई है तो यह जिंक की कमी का लक्षण हो सकता है. जिंक की की पूरी करने के लिए खानपान में ओट्स, कद्दू के बीज, छोले और काजू शामिल किए जा सकते हैं.
बैली फैट - पेट के आसपास फैट जमा होने का मतलब एक्सेस एस्ट्रोजन हो सकता है. इस एक्सेस एस्ट्रोजन को हटाने के लिए गोभी, पत्ता गोभी और ब्रोकोली के साथ-साथ गाजर खाए जा सकते हैं.
मसल्स क्रैंप्स - अगर शरीर की मांसपेशियों में अचानक से खिंचाव होता है या मसल्स क्रैंप्स होते हैं तो शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो सकती है. पालक, कद्दू के बीज, काजू और एवोकाडो से इस कमी को पूरा किया जा सकता है.
बर्फ की क्रेविंग्स - जिन लोगों को बर्फ खाने की क्रेविंग होती है या अचानक से कभी भी बर्फ खाने का बहुत मन होता है यह आयरन की कमी का संकेत हो सकता है. आयरन की कमी पूरी करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, काली किशमिश और दालों को डाइट का हिस्सा बनाएं.
हाथ-पैरों में झनझनाहट - विटामिन बी12 की कमी के कारण अक्सर हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होती है. विटामिन बी12 की कमी पूरी करने के लिए डाइट में अंडे, पालक, चीज और दूध शामिल किए जा सकते हैं.
इन खनिजों या विटामिन की कमी से शरीर रोगों का घर बन सकता है. इसीलिए इन संकतों को वक्त रहते पहचानना और जरूरी पोषक तत्व शरीर को देना बेहद जरूरी होता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /इस समय गर्मी अपने चरम पर है. जिससे लोगों में पेट और त्वचा संबंधी परेशानियां ज्यादा देखने को मिल रही हैं. इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. कोई नींबू पानी तो कुछ घर से निकलने से पहले सत्तू पीरहे हैं ताकि उनका शरीर लू और डिहाइड्रेशन से बचा रहे. इस चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए आप राबड़ी का सेवन भी कर सकते हैं. यह प्राचीन पेय आपको लू से बचाने में कारगर साबित हो सकता है. इसको बनाने का तरीका और सामग्री आर्टिकल में बताने जा रहे हैं.
राबड़ी शरबत कैसे बनाएं -
राबड़ी बनाने के लिए आटा, नमक, छाछ, प्याज चाहिए. आप इसे ज्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाने के लिए बाजरे के आटे का भी उपयोग कर सकते हैं. वहीं, इसको बनाने के लिए मिट्टी वाली मटकी की जरूरत होती है, लेकिन आपके पास नहीं है तो किसी और बरतन में बना सकते हैं.
बनाने की विधि -
सबसे पहले आटे और छाछ में घोल धीमी आंच पर पकाते हैं. इसके अंदर बाजरे, जौ और चने की दाल भी डाल सकते हैं. इससे यह और टेस्टी हो जाता है. जब यह अच्छे से पक जाए तो गैस बंद कर दीजिए. फिर 15 -30 मिनट इंतजार करने के बाद कटोरी या थाली में पलट दीजिए. अब आप इसको आराम से खा सकते हैं. आपको बता दें कि डॉक्टर्स के अनुसार राबड़ी सेहत के लिए टॉनिक का काम करती है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /बालों पर किन-किन तरीकों से कर सकते हैं गुड़हल का इस्तेमाल. बालों की सही तरह से देखरेख ना की जाए तो बालों को डैमेज का खतरा रहता है. हेयर केयर में इसी चलते कई अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इन्हीं चीजों में से एक है गुड़हल के फूल. बालों पर गुड़हल के फूल लगाने से एक नहीं बल्कि कई फायदे मिलते हैं. गुड़हल के फूलों में फ्लेवेनॉइड्स होते हैं जो स्कैल्प को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाते हैं. इसके अलावा, इन फूलों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स की अत्यधिक मात्रा होती है जो बालों की ग्रोथ से लेकर बालों का झड़ना रोकने तक में कारगर साबित होती है. ऐसे में बालों पर अलग-अलग तरह से गुड़हल के फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
बालों पर कैसे इस्तेमाल करें गुड़हल |
गुड़हल का तेल - बालों को बढ़ाने के लिए गुड़हल के फूलों से तेल तैयार किया जा सकता है. इस तेल को बनाने के लिए गुड़हल के फूलों को नारियल के तेल में डालकर पका लें. इस तेल में गुड़हल के पत्ते भी डाले जा सकते हैं. स्कैल्प से बालों के सिरों तक इस तेल को लगाकर रखने के आधे से एक घंटे बाद सिर धोकर साफ कर लें. गुड़हल का तेल बनाने के लिए आप गुड़हल के पाउडर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं और बिना पत्तों के भी इस तेल को तैयार किया जा सकता है.
गुड़हल का हेयर मास्क - बालों पर गुड़हल का हेयर मास्क बनाकर भी लगा सकते हैं. गुड़हल का हेयर मास्क बनाने के लिए गुड़हल के पत्ते पीसें. अब इसमें दही मिलाकर पेस्ट तैयार करें. इस हेयर मास्क को बालों पर 20 से 25 मिनट लगाकर रखने के बाद सिर धोकर साफ करें. बालों को वॉल्यूम मिलेगा और बाल घने बनेंगे सो अलग.
गुड़हल का हेयर टोनर - डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए गुड़हल की सूखी पत्तियों से गुड़हल की चाय बना लें. इस चाय को बनाने के लिए एक कप पानी में गुड़हल की चायपत्ती डालें और इस चाय को पकाकर साइड रख लें. जब गुड़हल की चाय ठंडी हो जाए तो शैंपू करने के बाद सिर पर इस चाय को डालें. बालों को घना और मुलायम बनने में मदद मिलेगी.
गुड़हल का पानी - बालों की फ्रिजीनेस को दूर करने के लिए गुड़हल के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस पानी को तैयार करने के लिए एक बोतल में साफ पानी भरें और कुछ गुड़हल के पत्ते डालकर रख लें. कुछ घंटों बाद इस पानी का इस्तेमाल हेयर मिस्ट की तरह करें. इसे रातभर भी बालों पर लगाकर रखा जा सकता है या घर से बाहर निकलने से बिल्कुल पहले इसका इस्तेमाल करें.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /बालों की सही देखरेख के लिए मेहंदी को अलग-अलग तरह से बालों पर लगाया जाता रहा है. बहुत सी महिलाएं घने बाल पाने के लिए मेहंदी लगाती हैं, कई लोग इसे सफेद बालों को काला करने के लिए लगाते हैं तो कुछ लोग डीप कंडीशनिंग के लिए मेहंदी का इस्तेमाल करते हैं. मेहंदी को बालों पर लगाने के यूं तो कई तरीके हैं लेकिन इसे सही तरह से लगाकर ही इसके पूरे फायदे उठाए जा सकते हैं. यहां जानिए बालों पर मेहंदी लगाने से जुड़ी कौन-कौनसी बातें हैं जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है और मेहंदी को किस तरह और कितनी देर के लिए सिर पर लगाया जाता है.
बालों पर मेहंदी लगाने का सही तरीका
बालों पर पैकेटबंद मेहंदी को खरीदने के बजाए ऑर्गेनिक मेहंदी का इस्तेमाल करना जरूरी होता है. ऑर्गेनिक मेहंदी बालों को नुकसान नहीं पहुंचाती है और इसका बालों पर बेहतर असर देखने को मिलता है. मेहंदी को यूं तो बालों पर जस का तस लगा सकते हैं लेकिन इसका असर बढ़ाने के लिए इसमें अलग-अलग चीजें मिलाकर लगाई जा सकती हैं.
ऑर्गेनिक मेहंदी में एक चम्मच हल्दी, सरसों का तेल, मेथी का पाउडर और पानी मिलाकर सिर पर लगाया जा सकता है. इससे बालों को बढ़ने में भी मदद मिलती है और बालों की कई दिक्कतों से छुटकारा मिलता है सो अलग. इसके अलावा, मेहंदी में चायपत्ती का पानी मिलाकर भी लगाया जा सकता है.
मेहंदी से अगर बालों पर गहरा भूरा रंग चाहिए हो तो इसे जस का तस ही 20 से 30 मिनट के लिए लगाएं. अगर मेहंदी से गहरा काला रंग चाहिए हो तो मेहंदी के पाउडर में इंडिगो पाउडर मिलाकर बालों पर 40 से 50 मिनट के बीच लगाया जा सकता है. इंडिगो और मेहंदी मिलाकर लगाने पर सफेद बालों को गहरा काला रंग मिल जाता है.
बालों पर मेहंदी 2 से 3 घंटे से ज्यादा कभी नहीं लगाकर रखना चाहिए. इससे ज्यादा देर तक मेहंदी लगाकर रखी जाए तो बाल जरूरत से ज्यादा ड्राई या रूखे-सूखे हो सकते हैं.
मेहंदी लगाने के बाद इसके असर को बढ़ाने के लिए सिर पर शावर कैप लगाकर रखी रहने दी जा सकती है. इसके अलावा बालों पर प्लास्टिक रैप या कोई पॉलीथिन को बांधकर रख लें.
मेहंदी को लगाकर सोना नहीं चाहिए. इससे बाल टूट सकते हैं और डैमेज हो सकते हैं.
बालों पर कंडीशनर की तरह मेहंदी लगाने के लिए मेहंदी को पानी में मिलाकर घोल तैयार करें और इसे सिर पर 10 मिनट लगाकर रखने के बाद धोकर हटा लें. बालों की ग्रोथ के लिए भी यह हेयर मास्क अच्छा है.
ऑयली या नॉर्मल बालों पर मेहंदी लगाने के लिए मेहंदी के घोल में एलोवेरा जैल मिलाया जा सकता है. इस घोल को बालों पर 10 से 15 मिनट लगाकर रखने के बाद धोकर साफ कर लें. इससे बाल लंबे, घने और मुलायम बनते हैं.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /शनिदेव का जन्म ज्येष्ठ माह की अमावस्या को हुआ था और इसी दिन शनि जयंती मनाई जाती है. शनि जयंती का वट सावित्री का व्रत भी रखा जाता है. मान्यता है कि शनि जंयती को शनिदेव की पूजा अर्चना करने से जीवन में कष्ट और बाधाओं से मुक्ति मिलती है. शनिदेव को सूर्य देव का पुत्र और कर्म फल का दाता देव माना माना जाता है. आइए जानते है कब मनाई जाएगी शनि जंयती और उससे जुड़ी कथा
6 जून को शनि जयंती
शनि जयंती ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाई जाती है. इस वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 5 जून को संध्या 7 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 6 जून को 6 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी. शनि जयंती 6 जून गुरुवार को मनाई जाएगी. ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री का व्रत भी रखा जाएगा.
पूजा विधि
- शनि जयंती के दिन प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान ध्यान के बाद घर के मंदिर में दिया जलाएं.
- इसके बाद शनि मंदिर जाकर शनिदेव को सरसों का तेल और फूल चढ़ाएं.
- शनि चालीसा का पाठ करें.
- इस दिन व्रत भी रखा जा सकता है.
- शनि जयंती के दिन दान का बहुत महत्व है.
- इस दिन दान का करना बहुत फलदायी होता है.
- शनि जयंत को शनिदेव को प्रसन्न करने इस मंत्र का जाप करें-
ॐ शं अभय हस्ताय नमः”
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
“ॐ नीलांजनसमाभामसं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामार्त्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम”
शनि जयंती की कथा
धार्मिक ग्रंथों में वर्णन है कि ग्रहों के देव सूर्य का विवाह राजा दक्ष की कन्या संज्ञा से हुआ था और उनके तीन संतान मनु, यमराज और यमुना थे. एक बार संज्ञा ने अपने पिता दक्ष से सूर्य के तेज से होने वाली परेशानी के बारे में बताया लेकिन पिता ने कहा वह सूर्य की पत्नी है और पति की भलाई की भावना से रहना चाहिए. इसके बाद संज्ञा से अपने तपोबल से अपनी छाया को प्रकट किया और उसका नाम संवर्णा रख दिया. सूर्य और संज्ञा की छाया से शनिदेव का जन्म हुआ. शनिदेव का वर्ण बहुत ज्यादा श्याम था. बाद में सूर्यदेव को पता चला कि संवर्णा उनकी पत्नी नहीं है तो उन्होंने शनिदेव को अपना पुत्र मानने से इनकार कर दिया. इससे शनिदेव क्रोधित हो गए और उनकी दृष्टि सूर्यदेव पर पड़ी जिससे सूर्यदेव काले पड़ गए. इससे संसार में अंधकार छाने लगा. परेशान देवी-देवता भगवान शिव की शरण मे पहुंचे. तब शिव भगवान से सूर्यदेव का संवर्णा से माफी मांगने को कहा. इस तरह सूर्यदेव ने संवर्णा से माफी मांगी और शनिदेव के क्रोध से मुक्त हुए. इसके बाद सूर्यदेव अपने स्वरूप में लौट आए और धरती फिर प्रकाशमान हो गई.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस व्रत में विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की अराधना से जीवन के सभी दुख मिट जाते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. जून माह में पहला प्रदोष व्रत 4 जून को है और इस दिन मंगलवार होने के कारण यह भौम प्रदोष व्रत है. भौम प्रदोष व्रत को बहुत फलदाई माना जाता है. इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ पवनपुत्र बजरंगबली की पूजा की जाती है. भौम प्रदोष व्रत के दिन कुछ खास चीजों के दान से दिन भगवान शिव और बजरंगबली की कृपा हमेशा बनी रहती है. आइए जानते हैं भौम प्रदोष व्रत के दिन क्या दान करना चाहिए..….
भौम प्रदोष व्रत के दिन करें इन चीजों का दान
लाल रंग की चीजें
भौम प्रदोष व्रत के दिन लाल रंग के चीजों का दान बहुत शुभ माना जाता है. इसके लिए किसी जरूरतमंद को लाल रंग का वस्त्र या लाल रंग का फल दान करना चाहिए. लाल रंग की चीजों के दान से भगवान शिव और बजरंगबली प्रसन्न होते हैं.
गुड़ का दान
भगवान शिव और बजरंगबली दोनों को ही गुड़ अत्यंत प्रिय है इसलिए भौम प्रदोष व्रत के दिन गुड़ का दान बहुत शुभ माना जाता है.
काले तिल का दान
काले तिल के दान से नकारात्मकता दूर होती है. भौम प्रदोष व्रत के दिन काले रंग के तिल का दान करने से जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मकता और बुरे प्रभावों को दूर किया जा सकता है.
नारियल का दान
भौम प्रदोष व्रत के दिन नारियल दान करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. भौम प्रदोष व्रत रखने के बाद विधि विधान से भगवान शिव और बजरंगबली की पूजा करने और इस खास चीजों के दान से जीवन से सुख और समृद्धि आती है और समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /स्किन को ग्लोइंग बनाने और हेल्दी रखने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं, कुछ महिलाएं तो इसके लिए काफी महंगे ट्रीटमेंट भी लेती हैं. अगर ये तरीके आर्टिफिशल हों तो कुछ ही दिनों तक कारगर होते हैं, ट्रीटमेंट के बाद भी स्किन की वही समस्याएं सामने आने लगती हैं. इसीलिए हमें नेचुरल और हर्बल तरीकों पर ही ज्यादा फोकस रखना चाहिए. एलोवेरा ऐसी चीज है जो हर किसी के घर पर आसानी से मिल जाता है. कई लोग इसे मार्केट से भी खरीदकर यूज करते हैं, लेकिन घर के गमले में उगाया एलोवेरा आपके लिए बेस्ट हो सकता है. इसे आप आसानी से जेल में भी बदल सकते हैं. आज हम आपको बिना केमिकल के एलोवेरा जेल बनाने का तरीका बताएंगे.
घर पर लगाएं एलोवेरा
अगर आपके घर पर अब तक एलोवेरा नहीं उगा है तो सबसे पहले मार्केट जाकर एक एलोवेरा का गमला या पौधा जरूर लाएं, इसके बाद इसे घर पर रखें और कुछ ही दिनों में ये काफी फैल जाएगा. ये प्लांट इतनी जल्दी खराब भी नहीं होता है. इसे घर पर उगाने के बाद इसके कई फायदे आप ले सकते हैं.
बिना केमिकल के बनाएं जेल
कई लोग, जिनके घर पर एलोवेरा लगा होता है वो इसलिए इसका रोजाना इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें रोज इसे तोड़ने और छीलने की दिक्कत होती है. क्योंकि इसके पत्ते के अंदर जेल होता है, जिसे स्किन पर लगाया जाता है या लोग इसका जूस भी बनाते हैं. क्योंकि बाजार में मिलने वाले एलोवेरा में केमिकल का भी इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे में आप घर पर ही इसे बना सकते हैं.
एलोवेरा जेल बनाने के लिए आपको सिर्फ नींबू और गुलाब जल की जरूरत होती है. सबसे पहले आपको कुछ एलोवेरा के पत्तों को तोड़कर लाना है और इसे अच्छी तरह धो लेना है. इसके बाद इसके अंदर का पूरा पल्प निकालकर एक मिक्सर में रखना है और इसका पेस्ट बना लेना है. ये मिक्सी में पीसने के बाद जैल की तरह बन जाएगा, फिर इसमें आपको कुछ बूंदे नींबू और गुलाब जल की डालनी हैं. इसके बाद इसे एक एयरटाइट कंटेनर में रखना है और रोज इस्तेमाल करना है. आप इसके आइस क्यूब भी बना सकते हैं.
सेहत /शौर्यपथ / डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों को भगाने के लिए आप घर में तरह-तरह के उपाय करते हैं. कभी कपूर जलाते हैं तो कभी अगरबत्ती, ये सब बेअसर हो जाते हैं तो फिर क्वाइल या फिर मॉस्किटो किलर मशीन का इस्तेमाल करते हैं. इससे मच्छर भाग तो जाते हैं लेकिन क्या आपको पता है ये सेहत के लिए कितने नुकसानदायक साबित हो सकते हैं. आज हम इस आर्टिकल में उसी के बारे में बताने वाले हैं, ताकि आप इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतें.
- मॉस्किटो केमिकल मशीन और क्वाइल से निकलने वाले धुएं से आपको अस्थमा हो सकता है. इससे सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है. जो लोग पहले से इससे पीड़ित हैं, उन्हें तो बिल्कुल बचना चाहिए.
- त्वचा को भी नुकसान पहुंचाते हैं ये केमिकल. इससे आंखों पर भी बुरा असर पड़ता है. कोशिश करें आप इनको पूरी रात जलाकर न रखें कुछ देर बाद बंद कर दीजिए.
- इससे आपको सिरदर्द, चक्कर, मतली और उल्टी की परेशानी हो सकती है. सोने से पहले लिक्विड मशीन को बंद कर दें. इससे मच्छर भी भाग जाएंगे और सेहत भी खराब होने से बच जाएगी.
- बच्चों का शरीर नाजुक होता है. उन्हें इससे दूर रखें. ज्यादा दिन तक बच्चों में धुआं जाने की वजह से उनमें सांस फूलने का खतरा बढ़ सकता है. नवजात-छह माह तक के बच्चे को इसके संपर्क में आने नहीं देना चाहिए.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /गर्मियों में आम का सेवन कई तरीकों से किया जाता है, जैसे- स्मूदी, डेसर्ट, शेक, जूस. देश के विभिन्न हिस्सों में उत्पादित आम की प्रत्येक किस्म का अपना अलग स्वाद होता है. वे न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि उनमें आवश्यक विटामिन और खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो शरीर को हाइड्रेट करते हैं और गर्मी के महीनों के दौरान बीमारियों से बचाते हैं. फायदों के बावजूद फलों के राजा आम के कुछ नुकसान भी हैं जिसे आपको जान लेना चाहिए.
आम खाने के नुकसान
कैलोरी बढ़ती है |
एक मध्यम आकार के आम में लगभग 150 कैलोरी होती हैं. इसलिए रात में इसका सेवन करने से कैलोरी और बढ़ जाती है, क्योंकि रात में कोई शारीरिक गतिविधि नहीं होती है, ऐसे में बॉडी में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है.
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो बिल्कुल भी इसका सेवन न करें अन्यथा आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
वजन बढ़ता है |
आम में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है इसलिए रात में खाती हैं तो इससे आपके वजन बढ़ने के चांसेस बहुत बढ़ जाते हैं. वहीं आम शरीर के तापमान को भी बढ़ा सकता है. इसके अधिक मात्रा में सेवन करने से चेहरे पर पिंपल्स निकल आते हैं.
वहीं, आम के ज्यादा सेवन से अपच की भी समस्या हो जाती है. इससे कब्ज, लूज मोशन पेट में ऐंठन आदि की परेशानी खड़ी हो सकती है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ/त्वचा के बेहतर स्वास्थ्य में एक हेल्दी डाइट महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसलिए आपको अपनी डाइट का चुनाव करते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए की शरीर के लिए जरूरी सारे पोषक तत्व आपके 3 टाइम मील में शामिल हों. आपका खान-पान अच्छा है कि खराब ये आपके चेहरे से साफ पता लग जाता है. ऐसे में हम यहां पर उन फूड्स की लिस्ट शेयर कर रहे हैं, जिसे खाना शुरू कर देना चाहिए.
चेहरे की चमक कैसे पाएं वापस
- स्ट्रॉबेरी में त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जैसे कि विटामिन सी, एंथोसायनिन, फेनोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स. विटामिन सी त्वचा के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह त्वचा की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाता है और कोलेजन के उत्पादन के लिए आवश्यक है.
- प्रोबायोटिक्स के रूप में जाने जाने वाले हेल्दी बैक्टीरिया और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ खाना, पेट और त्वचा की हेल्थ के लिए सर्वोत्तम तरीकों में से एक है.
- ऑरेंज एक प्रकार का साइट्रस फल है जिसमें पोषक तत्वों से भरपूर, लाल रंग का गूदा होता है. ब्लड ऑरेंज का रूबी रंग एंथोसायनिन नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट यौगिकों के उच्च स्तर से आता है, जो त्वचा कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है.
- सूरजमुखी के बीज प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो त्वचा के लिए जरूरी पोषक तत्व है और घाव भरने और नई त्वचा कोशिकाओं के निर्माण के लिए ज़रूरी है. इनमें विटामिन ई भी भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर में एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है.
